
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ/
जर्नल ऑफ हजार्डस मटेरियल्स में प्रकाशित एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, पर्यावरण में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक इंसानों के सेल्स (कोशिकाओं) को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक कंज्यूम करने से हमें एलर्जी, थाइराइड, कैंसर से लेकर मौत तक का खतरा होता है। प्लास्टिक के ये कण पानी, नमक और सी फूड में ज्यादा पाए जाते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक क्या है?
नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, प्लास्टिक के 5 मिलीमीटर से छोटे कणों को माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है। इनका आकार एक तिल के बीज के बराबर या उससे भी छोटा होता है। इस कारण ही ये समुद्र में आसानी से बहते हैं। वैज्ञानिकों की मानें, तो प्लास्टिक के बड़े कण भी सूरज, हवा या दूसरे कारणों से माइक्रोप्लास्टिक में तब्दील हो जाते हैं। ये हमारे दैनिक जीवन के उत्पादों के जरिये ही पर्यावरण में आते हैं।
अमेरिका के प्लास्टिक ओशन एनजीओ की मानें, तो औसतन एक व्यक्ति हर हफ्ते माइक्रोप्लास्टिक के 1769 कण केवल पीने के पानी से ही कंज्यूम कर लेता है। एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल का एक शोध कहता है कि लोग हर साल 39,000 से 52,000 माइक्रोप्लास्टिक के कणों को निगल जाते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक के सोर्स
रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली चीजें, जैसे मेकअप और टूथपेस्ट, माइक्रोप्लास्टिक का सोर्स हैं। इनके अलावा, प्लास्टिक के ये कण सिंथेटिक कपड़ों में भी होते हैं। इनमें नायलॉन, स्पैन्डेक्स, एसीटेट, पॉलिएस्टर, ऐक्रेलिक, रेयान आदि शामिल हैं।
क्या कहती है रिसर्च
जर्नल ऑफ हजार्डस मटेरियल्स में प्रकाशित यूनिवर्सिटी ऑफ हल की रिसर्च के अनुसार, अधिक मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक का सेवन करने से हमारे सेल्स को नुकसान पहुंचता है, जिससे भविष्य में कई घातक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। रिसर्च में माइक्रोप्लास्टिक से सेल्स पर होने वाले इन 5 प्रभावों को जांचा गया..
1. माइक्रोप्लास्टिक के कारण सेल का मर जाना।
2. सेल का कम होता इम्यून रिस्पॉन्स।
3. माइक्रोप्लास्टिक की सेल की दीवार तोड़ने की क्षमता।
4. सेल को होने वाले दूसरे नुकसान।
5. सेल के जेनेटिक स्ट्रक्चर में परिवर्तन होना।
जांच के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि माइक्रोप्लास्टिक के कारण सेल्स पर शुरू के 4 प्रभाव होते हैं। साथ ही, प्रभाव कितना शक्तिशाली होगा, ये माइक्रोप्लास्टिक के आकार पर निर्भर करता है। सेल को सबसे ज्यादा नुकसान अनियमित आकार वाले प्लास्टिक के कण से होता है।
खाने-पीने की कौन सी चीजों में पाया जाता है माइक्रोप्लास्टिक?
1. सी फूड
रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हैनान यूनिवर्सिटी के एक शोध के मुताबिक, प्लास्टिक के 12.5% छोटे कणों को मछलियां खाना समझ कर निगल जाती हैं। इससे कछुए और अन्य समुद्री जीव भी अछूते नहीं हैं। जब मनुष्य ऐसे दूषित सी फूड को खाते हैं, तब वे अप्रत्यक्ष रूप से माइक्रोप्लास्टिक खा रहे होते हैं।
2. नमक
सी साल्ट, रॉक साल्ट, लेक साल्ट और वेल साल्ट जैसे नमक में भी माइक्रोप्लास्टिक होता है। हालांकि, इनमें प्लास्टिक के कणों की मात्रा कितनी होती है, ये उसके सोर्स पर निर्भर करता है।
3. पानी
कई रिसर्चों में ये पाया गया है कि नल और बोतल दोनों के ही पानी में माइक्रोप्लास्टिक होता है। हम जितना प्रदूषित पानी पीते हैं, हमारे शरीर में उतना ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक जाता है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.