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भिलाई / शौर्यपथ / शुक्रवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में एमजे स्कूल की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने बताया कि एमजे स्कूल मां जगदम्बे एजुकेशनल सोसाइटी का एक नया उपक्रम है। 5 एकड़ के परिसर में फैला यह स्कूल बेहतरीन अध्ययनकक्षों के अलावा इनडोर जिम, 2 एकड़ के गार्डन एरिया, प्ले ग्राउण्ड सहित अन्य सुविधाओं से लैस है। स्कूल में घुड़सवारी, तीरंदाजी सहित ऐसी अनेक सुविधाएं हैं जो बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करती हैं। एमजे एजुकेशनल सोसाइटी पिछले दो दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है। एमजे स्कूल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्कृति एवं शिक्षण पद्धतियों का खूबसूरत तालमेल देखने को मिलेगा। वैश्वीकरण के इस युग मे इसकी नितांत आवश्यकता महसूस की जाती है। एमजे स्कूल में 500 वर्ग मीटर के क्लास रूम हैं जिसमें 2 विद्यार्थियों के बीच 6 मीटर की दूरी होगी। स्कूल में प्रत्येक विद्यार्थी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पाठ्यक्रम के अलावा अनेक गतिविधियां होंगी जिससे छात्र का सर्वांगीण विकास हो। इनमें भाषण, वाद-विवाद, अध्ययनयात्रा, कैंप, आदि का गतिविधियों का नियमित संचालन किया जाएगा। सुसज्जित विज्ञान प्रयोगशाला में नर्सरी से लेकर सभी क्लास के बच्चों की पहुंच होगी जहां वे खेल-खेल विज्ञान से जुड़ेंगे। यह बच्चों में वैज्ञानिक अभिरुचि उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होगी।एमजे स्कूल प्रत्येक विद्यार्थी की जिज्ञासा, प्रतिस्पर्धा एवं अवलोकन के स्तर को बनाए रखने के साथ-साथ उसमें उत्तरोत्तर प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। प्रत्येक क्लासरूम में रंग-बिरंगी रुचिकर बाल साहित्य से सजी लाइब्रेरी है जो बच्चों को पुस्तकों से जोड़ेगी और उन्हें अपनी रुचि के अनुसार कुछ पढऩे के लिए प्रेरित करेगी। इससे बच्चों का स्क्रीन टाइम (मोबाइल या टीवी पर बिताया जाने वाला समय) स्वयं ही कम हो जाएगा।
बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्रतिमाह हेल्थ चेकअप के साथ ही समयबद्ध टीकाकरण किए जाने का भी व्यवस्था की गई है। स्कूल द्वारा महीने में कम से कम दो बार बच्चों के पालकों के साथ परामर्श बैठकें की जाएंगी। हम बच्चों को पढऩे का उपयुक्त परिवेश देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बच्चों के समुचित, संतुलित एवं पूर्ण शारीरिक विकास के लिए स्कूल में आंतरिक मिनी जिम की व्यवस्था है। इसका लाभ बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए प्ले स्टेशन, हॉर्स राइडिंग (घुड़सवारी), आर्चरी (तीरंदाजी) एवं अन्य एडवेंचर स्पोट्र्स की भी व्यवस्था की गई है। एडवेंचर स्पोट्र्स के अन्य आकर्षणों में रॉक क्लाइंबिंग एवं रोप क्लाइंबिंग भी शामिल है जो बच्चों के कोर स्ट्रेंथ को विकसित करेगा।शाला परिसर में एक टॉय ट्रेन (छोटी रेलगाड़ी) है जो बगीचे के चक्कर लगाएगी। चारों तरफ हरियाली, विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे बच्चों को प्रकृति से जोड़ेगी। यहां बच्चों का परिचय लगभग सभी पालतू एवं जंगली जानवरों से होगा जिससे उन्हें प्रकृति को समझने में मदद मिलेगी।
बच्चों को यातायात के नियमों से परिचित कराने एवं उनमें ड्राइविंग स्किल्स विकसित करने के लिए बैटरी ऑपरेटेड कार, जीप एवं स्कूटी स्कूल में उपलब्ध है। शारीरिक एवं मानसिक संतुलन स्थापित करने तथा इसे एक्टिविटी से जोडऩे के लिए म्यूजिक एंड डांस स्टूडियो है। ड्राइंग एवं पेंटिंग के साथ-साथ बच्चे संगीत एवं नृत्य को भी बतौर हॉबी सीख पाएंगे।स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए अनेक उपाय किये गये हैं। पूरा स्कूल परिसर सीसी टीवी कैमेरा की निगरानी में रहेगी जिसकी मानीटरिंग मल्टी लेवल पर की जाएगी। इसके अलावा शाला परिसर में तीन फीट की ऊंचाई तक दीवारों की पैडिंग की गई है ताकि टकराने पर भी बच्चों को चोट न लगे। फर्नीचर्स की किनारियों पर भी सुरक्षा परत है। डोर सेफ्टी का भी ख्याल रखा गया है।श्रीमती विरुलकर ने बताया कि यह स्कूल इसी शिक्षा सत्र से शुरु होने था लेकिन कोरोना काल के कारण विलंब होने से यह सत्र आगामी वर्ष 2021-22 से शुरु होगा। इसकी सारी प्रक्रियाएं अपने अंतिम चरण में है। पत्रकारवार्ता के दौरान मुनमुन चटर्जी, श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, अमित सर, जुनेटों से हरिश शर्मा उपस्थित थे।
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