
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / मुख्यत: काल भैरव और बटुक भैरव की पूजा का प्रचलन है। श्रीलिंगपुराण 52 भैरवों का जिक्र मिलता है। मुख्य रूप से आठ भैरव माने गए हैं- 1.असितांग भैरव, 2. रुद्र या रूरू भैरव, 3. चण्ड भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव। आदि शंकराचार्य ने भी 'प्रपञ्च-सार तंत्र' में अष्ट-भैरवों के नाम लिखे हैं। तंत्र शास्त्र में भी इनका उल्लेख मिलता है। इसके अलावा सप्तविंशति रहस्य में 7 भैरवों के नाम हैं। इसी ग्रंथ में दस वीर-भैरवों का उल्लेख भी मिलता है। इसी में तीन बटुक-भैरवों का उल्लेख है। रुद्रायमल तंत्र में 64 भैरवों के नामों का उल्लेख है। आओ जानते हैं भगवान उन्मत्त भैरव की संक्षिप्त जानकारी।
उन्मत्त भैरव :1. उन्मत्त भैरवनाथ का शरीर पीले रंग का है तथा वे घोड़े पर सवारी करते हैं। उनकी पत्नी वराही हैं और इन भैरव की दिशा पश्चिम है। इसका खास मंदिर तमिलनाडु के विजहिनाथर में है। यह भैरव शांत स्वभाव के हैं।
2. इनका मंत्र है ॐ भं भं श्री उन्मताये नम:। बिना माला के सवा घंटे मंत्र जाप करें।
3. इनकी पूजा, प्रार्थना या अर्चना करने से व्यक्ति के अंदर के सभी तरह के नकारात्मक विचार या भाव तिरोहित हो जाते हैं और वह सुखी एवं शांतिपूर्वक जीवन यापन करता है।
4. इनकी पूजा करने से नौकरी, प्रमोशन, धन आदि की प्राप्ति होती है और साथ ही घर परिवार में प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होता है।
5. लहसुन, प्याज आदि त्यागकर शुद्ध सात्विक रूप से इनकी आराधना करने से ये जल्दी प्रसन्न होते हैं।
6. वाराणसी से में सभी भैरव के मंदिर बने हुए हैं। उन्मत्त भैरव का मंदिर पंचक्रोशी मार्ग के देवरा गांव में स्थित है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.