June 29, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

*अवैध कब्जाधारियों की दोबारा कोशिश पर प्रशासन सख्त, यातायात व्यवस्था सुधारने की दिशा में एक कदम और*

 

**दुर्ग | शौर्यपथ।** शहर की सबसे व्यस्त और प्रमुख बाजारों में शुमार इंदिरा मार्केट एक बार फिर निगम प्रशासन की सख्त निगरानी में आया। बीते दिनों यहां से हटाए गए अतिक्रमणकारी एक बार फिर लौटकर कब्जा जमाने की फिराक में थे, जिसे लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। शनिवार को नगर पालिका निगम ने पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, जिसमें **डीएसपी ममता अली शर्मा** ने मोर्चा संभालते हुए पूरी कार्रवाई की निगरानी की।

कार्रवाई के दौरान पुलिस बल की सघन उपस्थिति रही, जिससे अव्यवस्था या विरोध की कोई स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। अभियान को पूरी तरह **शांतिपूर्ण और व्यवस्थित** तरीके से अंजाम दिया गया। इस दौरान जो दुकानदार दोबारा अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें स्पष्ट चेतावनी दी गई कि दोबारा उल्लंघन की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

**डीएसपी ममता अली शर्मा** ने कहा, *"यातायात व्यवस्था में सुधार और आमजन की सुविधा के लिए हम पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं। शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने की दिशा में प्रशासन लगातार सक्रिय है।"*

इस कार्रवाई के बाद **शहर की यातायात व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार** की उम्मीद की जा रही है। प्रशासन का अगला लक्ष्य है कि शहर के सभी प्रमुख मार्गों को अतिक्रमण मुक्त कर सुगम यातायात और नागरिक सुविधा सुनिश्चित की जाए।

नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह केवल एक स्थान विशेष की कार्रवाई नहीं है, बल्कि पूरे शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक व्यापक अभियान की शुरुआत है। नागरिकों को भी अब उम्मीद है कि शहर के अन्य व्यस्त क्षेत्रों जैसे * में भी इसी प्रकार की सख्ती अपनाई जाएगी।

 

भिलाई। शौर्यपथ /
भिलाई नगर इस वर्ष भगवान श्रीजगन्नाथ की रथ यात्रा के ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना। श्रद्धा, उल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर यह आयोजन नगर की सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रमाण बना। सेक्टर-6 और सेक्टर-4 स्थित जगन्नाथ मंदिरों से प्रारंभ हुई रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु जनसैलाब के रूप में शामिल हुए। मार्गभर "जय जगन्नाथ" के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया।
  रथ यात्रा में नगर के जनप्रतिनिधि भी भावपूर्वक सम्मिलित हुए। भिलाई नगर विधायक माननीय देवेंद्र यादव पारंपरिक धोती-कुर्ता में रथ यात्रा में पहुंचे और भगवान श्रीजगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने महापौर नीरज पाल के साथ मिलकर रथ खींचा और नगरवासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रभु से कामना की।
समर्पण और सेवा से सज्जित रहा आयोजन
   इस रथ यात्रा का आयोजन युवा खेल एवं सांस्कृतिक मंडल द्वारा किया गया, जिसने पूरे समर्पण और योजनाबद्ध तरीके से तैयारियां की थीं। आयोजन में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, छाया, प्राथमिक उपचार और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई थी। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन और नगर निगम का योगदान सराहनीय रहा।
झांकियों और भक्ति संगीत ने बांधा समां
  यात्रा में रंग-बिरंगी झांकियाँ, लोकनृत्य, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ सभी को मंत्रमुग्ध करती रहीं। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह भंडारा, शीतल पेय, प्रसाद वितरण और स्वागत द्वार की व्यवस्था की, जिससे श्रद्धालुओं को सहूलियत मिली और यात्रा में उत्साह बना रहा। फूलों की वर्षा से सजा यात्रा मार्ग श्रद्धा और सौंदर्य का अनुपम दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
धार्मिकता के साथ सामाजिक समरसता का संदेश
  विधायक देवेंद्र यादव ने कहा, "यह आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक एकता, सहयोग और भाईचारे का प्रतीक भी है। रथ यात्रा जैसी परंपराएं समाज में सेवा, श्रद्धा और समर्पण की भावना को प्रबल करती हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन में जनसहभागिता ने यह सिद्ध किया है कि भिलाई नगर धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से सजग और जागरूक नगर है।
समापन आरती और महाप्रसाद वितरण के साथ
  रथ यात्रा का समापन भव्य आरती और महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ। भक्तों ने पूरे भाव से प्रभु श्रीजगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया। यह दिन भिलाईवासियों के लिए न केवल भक्ति और आनंद का पर्व रहा, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव भी बन गया।

दुर्ग / शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट।दुर्ग नगर निगम क्षेत्र की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (क्कष्ठस्) में एक बार फिर खुली लूट का मामला सामने आया है। दुकान क्रमांक 1051, कसारीडीह में 25…

दुर्ग/शौर्यपथ/27 नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत गंजपारा वार्ड-36 के शताब्दी वर्ष पुराने कुएं की सफाई करवाकर, आसपास सौंदर्याकरण करके शिव वाटिका के रुप में गंजपारा का ऐतिहासिक धरोहर बनाया गया। इसका लोकार्पण दुर्ग महापौर अल्का बाघमार और सभापति श्याम शर्मा,पार्षद प्रतिमा सुरेश गुप्ता और नागरिको की उपस्थित में हुआ। जानकारी में बताया कि गंजपारा में 100 वर्ष से भी अधिक पुराने कुंआ, जानकारी के मुताबिक कभी पूरा गंजपारा पानी भरता था और स्नान भी करता था,जो कि पिछले कई वर्षों से कचरा भर जाने के कारण बंद हो गया था।जिसकी सफाई कई दिनों से जन समर्पण सेवा संस्था दुर्ग बोलबम सेवा समिति एवं गंजपारा वासियों के द्वारा कराई गई।
   इसमें से लगभग कचरा साफ होने के बाद कुंए की सफाई पूरी हुई।उसके बाद कुंआ के आस-पास सौंदर्याकरण कार्य कराया गया।जिसमें दुर्ग नगर निगम पार्षद निधि से रुपए चार लाख की लागत से कुंए के पास नाली निर्माण, कुंए के ऊपर भगवान शिव की विशाल प्रतिमा, आकर्षित साज-सज्जा,आकर्षित पेंटिंग के साथ शिव वाटिका का निर्माण नगर निगम दुर्ग द्वारा कराया गया है। इस अवसर पर एमआईसी सदस्य ज्ञानेश्वर ताम्रकार,शेखऱ चन्द्राकर, नीलेश अग्रवाल, काशीराम कोसरे,पार्षद कुलेश्वर साहू, कमल देवांगन,देवनारायण तांडी, ज्ञानदास बंजारे, मनोज सोनी,प्रकाश गीते, मनीष कोठारी, गुड्डू यादव, जीतू महोबिया, जितेंद्र ताम्रकार,गुलशन साहू,अजय शर्मा,कमल रूंगटा,अशोक राठी,विवेक मिश्रा,रियाज चौहान,राजेश शर्मा सहित आदि मौजूद थे।

बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज जनपद पंचायत डौण्डी के सभाकक्ष में विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर विभिन्न विभागों के कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को शासकीय योजनाओं का निर्धारित समयावधि में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा आम जनता के मांगों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री चन्द्रकांत कौशिक, एसडीएम श्री सुरेश साहू, तहसीलदार श्री देवेन्द्र नेताम, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डीडी मण्डले सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में श्रीमती मिश्रा ने राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, वन, कृषि एवं अन्य विभागों के अलावा स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा आदि कार्यों की बारी-बारी से समीक्षा की। राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए तहसीलदार श्री देवेन्द्र नेताम से डौण्डी तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का एवं राजस्व निरीक्षक सर्कल तथा राजस्व प्रकरणों के निराकरण के स्थिति की संबंध में जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदन पत्रों तथा उनके निराकरण हेतु की गई कार्रवाई की भी समीक्षा की। कलेक्टर ने अतिक्रमण के संबंध में की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी लेते हुए तहसीलदार एवं नगर पालिका के अधिकारियों को समन्वय बनाकर दल्लीराजहरा रोड पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने स्वामीत्व योजना के अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों के निराकरण की स्थिति के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को प्राथमिकता के साथ शेष सभी प्रकरणों को निर्धारित समयावधि में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने स्कूली बच्चों के जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र बनाने हेतु की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चों को जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र बनाने में किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके लिए उन्होंने राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर इस कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने किसान पंजीयन के कार्य की जानकारी लेते हुए इस कार्य को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए।
इस दौरान कलेक्टर ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। इसके अंतर्गत उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण हेतु पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी लेते हुए शेष सभी कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने आवास प्लस सर्वें कार्य के संबंध में भी जानकारी ली। अप्रारंभ कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों कोे हितग्राहियों से संपर्क कर सभी अप्रारंभ कार्य को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। स्वच्छ भारत मिशन कार्यों की समीक्षा करते हुए इसके अंतर्गत सामुदायिक शौचालय, प्लास्टिक वेस्ट मैनजेमेंट, फिकल स्लज ट्रिटमेंट प्लांट आदि के निर्माण कार्य के संबंध में जानकारी ली। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यों की समीक्षा करते हुए महिला स्व सहायता समूह को अधिक से अधिक आर्थिक एवं आजीविकामूलक गतिविधियों से जोड़ने को कहा। इसके अलावा उन्हें मशरूम, मछली पालन प्रोटेक्सन एवं मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए प्रेरित करने को कहा। मनरेगा के कार्यों की समीक्षा करते हुए इसके अंतर्गत कुल स्वीकृत अमृत सरोवरों में से पूर्ण अमृत सरोवरों के संख्या के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने अधिकारियों को अमृत सरोवरों के नये प्रस्ताव माॅडल सरोवर बनाने हेतु प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से विद्यार्थियों के लिए गणवेश की उपलब्धता, शिक्षकों की पदस्थापना की जानकारी के अलावा अध्ययन-अध्यापन तथा अन्य शैक्षणिक क्रियाकलापों के संबंध में जानकारी ली। शाला भवनों की स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यकतानुरूप अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु प्रस्ताव पे्रषित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी एवं शाला भवन में किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर इसके लिए संबंधित विभाग जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर ने सभी शालाओं में शौचालयों के निर्माण एवं मरम्मत कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए वर्षा ऋतु के मद्देनजर जलजनित एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयों एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के अलावा पूरे समय चिकित्सकों एवं अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा। बैठक में उन्होंने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान कार्ड निर्माण आदि कार्यों की भी समीक्षा की। वन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए सघन वृक्षारोपण अभियान हेतु निर्धारित योजना के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने अधिक से अधिक पौधरोपण कर उनके सुरक्षा के उपाय भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए डौण्डी विकासखण्ड में खाद-बीज की समुचित उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों को खाद-बीज की कमी नही होनी चाहिए। श्रीमती मिश्रा ने अधिकारियों को समय रहते खाद-बीज का प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा। इस अवसर पर कलेक्टर एवं अधिकारियों ने जनपद पंचायत डौण्डी परिसर में ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत पौधरोपण भी किया।

- प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से श्री यशवंत पटेल को बिजली के बिल से मिल राहत
- शासन की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बिजली की बचत की दिशा में किफायती एवं उपयोगी
राजनांदगांव /शौर्यपथ / शासन की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बिजली की बचत, किफायती एवं उपयोगी साबित हो रही है। सौर ऊर्जा प्राकृतिक दृष्टिकोण से अक्षय ऊर्जा है और नि:शुल्क प्राकृतिक खजाना है। शहर में इस योजना का लाभ लेने के लिए जनमानस में रूझान बढ़ा है और घर सौर ऊर्जा से प्रकाशमान हो रहे है। राजनांदगांव शहर के जीई रोड रायपुर नाका निवासी श्री यशवंत पटेल ने बताया कि परिवार में संयुक्त तौर पर उनके भाई हिम्मत पटेल एवं गोपाल पटेल ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 2 लाख 60 हजार रूपए की लागत से 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया है। शासन की ओर से 78 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि जब से प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत सोलर पैनल लगा है, बिजली के बिल से राहत मिल है। यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी लाभप्रद है। बढ़ते बिजली बिल की समस्या को देखते हुए यह सोलर पैनल जनसामान्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जनसामान्य को इस योजना का लाभ लेते हुए अपने घरों में सोलर पैनल लगाना चाहिए। इससे बिजली का बिल शून्य हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत स्थापित प्लांट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से संयोजित होगा, जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। शासन द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत 30 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी प्रति प्लांट दिए जाने का प्रावधान है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार लागत राशि एवं सब्सिडी अलग-अलग है। उपभोक्ता द्वारा सोलर प्लांट के ब्रांड चयन कर सकते हंै। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रूपए तक सब्सिडी का प्रावधान है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को वेबसाईट pmsuryaghar.gov.in या PMSuryaGhar मोबाईल एप पर पंजीयन कर लॉग इन आईडी प्राप्त करना होगा। इसके बाद वेब पोर्टल पर उपलब्ध वेंडर का चुनाव कर बिजली कर्मचारी की मदद से वेब पोर्टल पर पूर्ण आवेदन करना होगा। निर्धारित अनुबंध हस्ताक्षरित होने के पश्चात वेंडर द्वारा छत पर प्लांट की स्थापना एवं डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर स्थापित किया जाता है। स्थापित प्लांट के सत्यापन पश्चात शासन द्वारा सब्सिडी ऑनलाईन जारी कर दी जाती है। इस दौरान यदि उपभोक्ता इच्छुक हो तो शेष राशि का प्रकरण 7 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक ऋण हेतु बैंकों को जनसमर्थन पोर्टल द्वारा ऑनलाईन प्रेषित किया जाता है।

पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ बचत का भी बना आधार
बालोद/शौर्यपथ /केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना हितग्राहियों के लिए कम खर्च में बेहतर सुविधा प्रदान कर उनके लिए अत्यंत उपयोगी एवं हितकारी साबित हो रहा है। इस योजना के अंतर्गत अपने घर में 08 किलोवाॅट का एक सोलर पैनल लगाने वाले विकासखण्ड मुख्यालय डौण्डीलोहारा के विवेकानंद चैक निवासी श्री कैलाशचंद जैन इस योजना के अंतर्गत कम खर्च में बेहतरीन सुविधा मिलने से बहुत ही प्रसन्नचित है। उन्होंने इसे हितग्राहियों के लिए अत्यंत किफायती एवं उपयोगी बताते हुए इस योजना की भूरी-भूरी सराहना की है। श्री कैलाशचंद जैन ने बताया कि मुझे ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के संबंध में जानकारी दिए जाने के पश्चात् उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर 28 दिसंबर 2024 को अपने घर में 08 किलोवाॅट का एक सोलर पैनल लगाया है। उन्होंने बताया कि इस सोलर पैनल के माध्यम से अब उनका परिवार अपने घर में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा पानी की आपूर्ति हेतु घर के मोटर पंप का संचालन हेतु भी अब वे सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोलर पैनल का उपयोग करने से बिजली की  अपेक्षा लागत भी बहुत कम आता है और इसके माध्यम से बेहतर सुविधा भी हम उपभोक्ताओं को प्राप्त हो रहा है। इस तरह से प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत हम हितग्राही के घरों में लगाए गए सोलर पैनल सुविधा एवं बचत की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी एवं कारगर साबित हो रहा है।
श्री कैलाशचंद जैन ने बताया कि वे पेशे से व्यवसायी है। विकासखण्ड मुख्यालय डौण्डीलोहारा के विवेकानंद चैक में उनका छोटा सा कपड़ा दुकान है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत अपने घर में सोलर पैनल लगाने से पहले बिजली की खपत को लेकर भी परेशान रहते थे। लेकिन अब उनके घर में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत सोलर पैनल लग जाने से उसकी यह चिंता भी दूर हो गई है। उन्होंने बताया कि उनके घर में सोलर पैनल लगाने में कुल 04 लाख 15 हजार रूपये की लागत आई। इसमें से केन्द्र सरकार के द्वारा उन्हें कुल 78 हजार रुपये राशि का अनुदान भी दिया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह से यह योजना बहुत ही उपयोगी, किफायती एवं बचत का माध्यम बनने के अलावा पर्यावरण के संरक्षण के दिशा में भी अत्यंत कारगर साबित हो रहा है। श्री कैलाशचंद ने कहा कि इस योजना से अपने घर में लगे सौर ऊर्जा का उपयोग कर वे बहुत ही प्रसन्न और आने वाले समय में बेहतर सुविधा के प्रति पूरी तरह से आशान्वित है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में हुए शामिल:छेरापहरा की रस्म अदायगी कर मांगा प्रदेशवासियों के लिए आशीर्वाद
रायपुर /शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय  आज गायत्री नगर रायपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा महोत्सव में शामिल हुए। राज्यपाल डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर ‘छेरा-पहरा‘ की रस्म निभाई। राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी ने श्री जगन्नाथ जी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित रथ यात्रा में शामिल हुए। रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में विशेष विधि-विधान के साथ महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली गई। रथ यात्रा प्रारंभ करने से पूर्व भगवान की प्रतिमाओं को मंदिर से रथ तक लाया गया और मार्ग को सोने की झाड़ू से स्वच्छ किया गया। इस परंपरा को छेरापहरा कहा जाता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी प्रदेशवासियों को रथ यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व ओडिशा के लिए जितना बड़ा उत्सव है, उतना ही बड़ा उत्सव छत्तीसगढ़ के लिए भी है। श्री साय ने कहा कि भगवान जगन्नाथ किसानों के रक्षक हैं। उन्हीं की कृपा से वर्षा होती है, धान की बालियों में दूध भरता है और किसानों के घरों में समृद्धि आती है। मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ में भरपूर फसल हो। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा से मेरी विनती है कि वे हम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें और हमें शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की ओर अग्रसर करें।
मुख्यमंत्री ने सोने की झाड़ू से छेरापहरा की रस्म निभाई
राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में पुरी की रथ यात्रा की तर्ज पर यह पुरानी परंपरा निभाई जाती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छेरापहरा की रस्म पूरी करते हुए सोने की झाड़ू से मार्ग बुहारकर रथ यात्रा का शुभारंभ किया। इसके उपरांत उन्होंने भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को रथ तक ले जाकर विराजित किया।
ओडिशा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में होती है रथ यात्रा
रथ यात्रा के लिए भारत में ओडिशा राज्य प्रसिद्ध है। ओडिशा का पड़ोसी राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ में भी इस उत्सव का व्यापक प्रभाव है। आज निकाली गई रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा की विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के पुजारी के अनुसार उत्कल संस्कृति और दक्षिण कोसल की संस्कृति के बीच यह एक अटूट साझेदारी का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण तीर्थ है, जहां से वे जगन्नाथ पुरी में स्थापित हुए। शिवरीनारायण में ही त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के प्रेमपूर्वक अर्पित मीठे बेर ग्रहण किए थे। यहां वर्तमान में नर-नारायण का भव्य मंदिर स्थापित है।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद  बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा,  धर्मलाल कौशिक सहित अन्य गणमान्य नागरिक तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

 वर्ष 2030 तक रेल नेटवर्क हो जाएगा दोगुना
32 अमृत भारत स्टेशन में होंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
नई रेल परियोजनाओं का सर्वे अंतिम चरण में
रेल सुविधाओं के साथ ही पर्यटन, व्यापार, उद्योग और रोजगार की बढेंगी संभावनाएं
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को पूरा करने और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए नई-नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिल रही है। वर्ष 1853 से लेकर 2014 तक 161 साल में छत्तीसगढ़ में केवल 1100 रूट किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई थी।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से वर्ष 2030 तक प्रदेश में रेल नेटवर्क दोगुना बढ़कर 2200 रूट किलोमीटर हो जाएगा।
केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में छत्तीसगढ़ को 6925 करोड़ रूपए राशि आबंटित की गई है। वर्तमान में केन्द्र सरकार की मदद से छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रूपए की लागत से रेल विकास परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। राज्य को दो नई वंदे भारत ट्रेन रायपुर-विशाखापटनम और रायपुर-नागपुर की सौगात मिली है। इसके अलावा राज्य सरकार ने मेट्रो ट्रेन के लिए सर्वे कराने का भी निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में बिलासपुर में जोनल कार्यालय को मंजूरी दी गई थी।
छत्तीसगढ़ को नई और प्रगतिरत रेल परियोजना के पूर्ण होेने से राज्य में रेल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ ही यहां पर्यटन, व्यापार, उद्योग के साथ-साथ रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। इन रेल परियोजनाओं से सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।   
वर्ल्ड क्लास रेल्वे स्टेशन
छत्तीसगढ़ राज्य के 32 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये स्टेशन आधुनिक यात्री सुविधाओं से युक्त, विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित बनाए जा रहे हैं। हाल में ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमृत भारत रेल्वे स्टेशन योजना के तहत राज्य के 5 पुनर्विकसित अंबिकापुर, उरकुरा, भिलाई, भानुप्रतापपुर एवं डोंगरढ़ स्टेशनों का लोकार्पण किया गया है।
अमृत भारत रेल्वे स्टेशन योजना में लगभग 1680 करोड़ रूपए की लागत से 32 रेल्वे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जिनमें तीन प्रमुख स्टेशनों बिलासपुर (लागत 435 करोड़), रायपुर (लागत-463 करोड़) एवं दुर्ग स्टेशन (लागत-456 करोड़) का व्यापक पुनर्विकास भी शामिल है। अमृत भारत स्टेशन के अंतर्गत भाटापारा, भिलाई पावर हाउस, तिल्दा नेवरा, बिल्हा, बालोद, दल्लीराजहरा, हथबंद, सरोना, मरोदा, मंदिरहसौद, निपानिया, भिलाई नगर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, बाराद्वार, चाम्पा, नैला, जांजगीर, अकलतरा, कोरबा, उसलापुर, पेंड्रा रोड, बैकुंठपुर रोड, बिलासपुर, महासमुंद, जगदलपुर के स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।  
प्रगतिरत रेल परियोजनाएं
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रूपए की लागत से स्वीकृत रेल परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इनमें प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार है-  राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन लम्बाई 228 किमी, छत्तीसगढ़ में 48 किमी, लागत 3544.25 करोड़, बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, लंबाई-206 किमी, छत्तीसगढ़ में 153 किमी, लागत 2135.34 करोड़, खरसिया-धरमजयगढ़ नई रेललाइन, लंबाई-162.5 किमी, लागत 3438.39 करोड़, गौरेला-पेंड्रा रोड-गेवरा रोड परियोजना, लंबाई 156.81 किमी, लागत 4970.11 करोड़, केन्द्री-धमतरी एवं अभनपुर-राजिम आमान परिवर्तन, लंबाई-67.20 किमी, लागत- 544 करोड़, बोरिडांड-अम्बिकापुर दोहरीकरण, लंबाई 80 किमी, लागत-776 करोड़, चिरमिरी-नागपुर न्यू हॉल्ट लाइन, लंबाई-17 किमी, लागत-622.34 करोड़ रूपए शाामिल हैं।
बस्तर अंचल में नई स्वीकृत रेल परियोजनाएं
भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन (140 किमी) परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस परियोजना पर 3513.11 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह निर्णय बस्तर अंचल के सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
रावघाट-जगदलपुर रेललाइन की मंजूरी से बस्तर अंचल में यात्रा, पर्यटन, व्यापार और रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ेंगी। यह रेल परियोजना नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। बस्तर में केके रेल लाईन (कोत्तवलसा से किंरदुल) दोहरीकरण का काम तेजी से चल रहा है। 446 किलोमीटर लम्बाई के रेल लाईन का 170 किलोमीटर हिस्सा छत्तीसगढ़ में है। छत्तीसगढ़ में इस रेल लाईन का 148 किलोमीटर दोहरीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है।
सुकमा-दंतेवाड़ा-बीजापुर भी रेल नेटवर्क में
कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे अब अंतिम चरण में है। इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर से होकर गुजरेगा, जो अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। यह परियोजना न केवल आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
नई रेल परियोजनाओं का सर्वे अंतिम चरण में
छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह 200 किलोमीटर लागत 9718 करोड़, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन 278 किलोमीटर लागत 7854 करोड़, रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन 140 किलोमीटर लागत 3513 करोड़, सरदेगा-भालूमाड़ा नई रेललाइन 37.24 किलोमीटर लागत 1282 करोड़ रूपए और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा 301 किलोमीटर लागत 16,834 करोड़ रूपए रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो रहा है। धरमजयगढ़-लोहरदगा और अंबिकापुर-बरवाडीह रेल परियोजना के लिए सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में।
छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन की परियोजना
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाईन निर्माण के लिए 300 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। इस रेल लाईन के बनने से नागपुर-झारसुगुड़ा रेल मार्ग पर चलने वाली माल-गाड़ियों का लोड कम होगा। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति द्वारा छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन को डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग हेतु भू-अर्जन एवं प्रारंभिक निर्माण कार्य के लिए 300 करोड़ रुपए की राशि दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने इस पावन अवसर पर भगवान जगन्नाथ से सभी नागरिकों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ के धाम पुरी सहित विभिन्न स्थानों पर रथयात्रा बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ निकाली जाती है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की यह यात्रा भारत की सांस्कृतिक एकता और सौहार्द्र का सशक्त प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़वासियों की भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था रही है। उत्कल समाज के साथ मिलकर सभी छत्तीसगढ़वासी प्रतिवर्ष भक्ति-भाव के साथ भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और भगिनी देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकालते हैं। यह महापर्व श्रद्धा, भक्ति और आस्था का प्रतीक है, जो हमें एकता, सद्भाव और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

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