
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
सेहत /शौर्यपथ /आहार विशेषज्ञ दिन में कम से कम दो लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं लेकिन रोजाना दो लीटर पानी पीना सभी लोगों के लिए मुमकिन नहीं है। इस वजह यह है कि किसी को प्यास ज्यादा लगती है तो किसी को कम।ऐसे में जाहिर सी बात है कि कम प्यास लगने वाले लोग पानी भी कम पीते होंगे।ऐसे में आपको अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजें जोड़नी चाहिए जिससे कि शरीर में पानी की कमी की पूर्ति हो सके।आइए, जानते हैं कुछ ऐसे ही आहार-
दही
डिहाइड्रेशन की समस्या से दूर रखने में दही सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इसमें पानी की मात्रा 85 प्रतिशत होती है और शरीर के लिए जरूरी प्रोबायोटिक भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं।यह गर्मी की एलर्जी से बचाव के लिए भी शरीर का खूब साथ देता है। यह प्रोटीन, विटामिन बी और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है।
ब्रोकली
ब्रोकली में 89 प्रतिशत तक पानी होता है और यह न्यूट्रिशन से भरपूर होती है। इसकी प्रकृति एंटी इनफ्लेमेटरी होती है, जिस कारण यह गर्मी में होने वाली एलर्जी से बचाव करती है। इसे आप सलाद में कच्चा ही खा सकते हैं और टोस्ट के साथ हल्का तल कर भी इसका भरपूर लाभ उठा सकते हैं। काफी संख्या में लोग इसकी सब्जी भी बनाते हैं।
सेब
एक कहावत है कि डॉंक्टर को खुद से दूर रखने के लिए रोजाना एक सेब खाएं। अनेक तरह से फायदेमंद सेब में 86 प्रतिशत पानी होता है। फाइबर, विटामिन सी आदि का तो यह अच्छा स्त्रोत है ही।
सलाद
सलाद के पत्ते में जल तत्व 95 प्रतिशत होता है। सैंडविच में इसका अच्छा इस्तेमाल होता है। प्रोटीन और ओमेगा 3 से भरपूर सलाद पत्ते में फैट भी नहीं होता और कैलोरी भी बहुत कम होती है।
चावल
पके हुए चावल भी गर्मी में आपके लिए काफी फायदेमंद हैं। इनमें 70 प्रतिशत जल तत्व होता है। इनमें पर्याप्त मात्रा में आयरन, कार्बोहाइड्रेट आदि भी होते हैं। आपको दिन मेें एक कटोरी चावल जरूर खानेे चाहिए।
खाना खजाना /शौर्यपथ / गर्मियों में आइसक्रीम सभी को पसंद होती है लेकिन अगर आप आइसक्रीम की जगह कोई और देसी ऑप्शन तलाश रहे हैं, तो हम आपको बता रहे हैं लौकी की खीर, जिसे आप फ्रिज में ठंडा करके भी खा सकते हैं। हैदराबाद में लौकी की खीर काफी मशहूर है।
सामग्री :
250 ग्राम लौकी
1 लीटर दूध
1/2 कप चीनी
1/4 कप साबूदाना
1/4 टीस्पून इलायची पाउडर
2 टीस्पून चिरौंजी
एक चुटकी ग्रीन फूड कलर
2 टेबलस्पून काजू का पेस्ट
2 टेबलस्पून बादाम कटे हुए
2 टेबलस्पून घी
विधि :
सबसे पहले एक बर्तन में पानी डालकर साबूदाना 1 घंटे के लिए भिगोकर रख दें।
मीडियम आंच पर पैन में दूध गरम करने के लिए रख दें।
जब दूध में उबाल आ जाए तब गैस को धीमा कर दूध को गाढ़ा होने तक पकाएं।
इस बीच लौकी को छीलकर चारों ओर से कद्दूकस कर लें और इसका अंदर का मुलायम भाग अलग कर दें।
दूसरी तरफ मीडियम आंच पर पैन में 2 चम्मच घी गरम करने के लिए रखें।
इसमें लौकी डालकर चलाते हुए 5 मिनट तक भून लें।
लौकी के नरम होने पर गैस बंद कर दें।
दूध के गाढ़ा होने पर इसमें साबूदाना डालकर 10 मिनट पकाएं।
बीच-बीच में चलाते रहें।
तय समय के बाद दूध में भुनी हुई लौकी और काजू का पेस्ट डालकर मिक्स करें और 10-12 मिनट तक पकाएं।
ध्यान रहे बीच-बीच में खीर को चलाते रहें ताकि यह बर्तन के तले पर न लग जाए।
10 मिनट बाद खीर में इलायची पाउडर, कटे हुए बादाम, चिरौंजी, ग्रीन फूड कलर और चीनी मिलाकर इसके घुलने तक पकाएं।
जब चीनी अचछी तरह से घुल जाए तब गैस बंद कर खीर को 2-3 मिनट के लिए ढककर रख दें।
तैयार है लौकी की खीर
सेहत /शौर्यपथ / दूध को कैल्शियम से भरपूर माना जाता है लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिन्हें दूध पसंद नहीं होता। इस वजह से वे दूध से दूरी बनाए रखते हैं लेकिन आपको बता दें कि दूध न पीने की आदत का खामियाजा आपको उम्र बढ़ने के साथ उठाना पड़ सकता है। कैल्शियम की पूर्ति के लिए ऐसी कई चीजें हैं, जिनका सेवन विकल्प के तौर पर किया जा सकता है। आइए, जानते हैं उन खाद्य पदार्थों के बारे में-
हड्डियों और जोड़ों में दर्द
कैल्शियम से भरपूर खाना हड्डियों और जोड़ों को हेल्दी बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। यही नहीं, इसके साथ ही यह दातों को मजबूत बनाता है और रक्त कोशिकाओं को स्ट्रॉन्ग बनाता है। ब्लड को नियंत्रित करने और डायबिटीज़ से बचाने में भी कैल्शियम महत्वपूर्ण रोल निभाता है। ऐसा कुछ फिक्स नहीं है कि एक व्यक्ति को एक दिन में कितना कैल्शियम लेना चाहिए। यह अलग-अलग देश में अलग-अलग होता है, यहां तक कि व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है। यह शरीर के विकास और मसल बनाने में भी सहायक होता है।
ओटमील
ओटमील में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा नहीं होती लेकिन दूसरी चीजों को इसके साथ मिलाकर खाने से कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।वहीं, दूध न पीने पर यह ऑप्शन बेहतरीन रहेगा।
बादाम का दूध
आपको अगर दूध में टेस्ट नहीं आता या इसकी महक अच्छी नहीं लगती, तो आप बादाम का दूध भी पी सकते हैं।इसमें कैल्शियम के अलावा विटामिन-ई, प्रोटीन और फाइबर मिलता है।
बीन्स
बीन्स में कैल्शियम ही नहीं प्रोटीन की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती है।बीन्स को खाने का सबसे बेस्ट ऑप्शन यह है कि आप इसे स्टीम करके सलाद के रूप में खा सकते हैं।
संतरा
संतरे को विटामिन-सी का सबसे बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।संतरे में विटामिन सी ही नहीं बल्कि कैल्शियम की मात्रा भी अन्य फलों की तुलना में बहुत ज्यादा होती है।
सफेद तिल
सफेद तिल के लड्डू स्वाद में ही नहीं बल्कि हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं।आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर आप रोजाना दो लड्डू खा लेते हैं, तो आपके शरीर में कैल्शियम की पूर्ति हो जाती है।
सोया मिल्क
सोया मिल्क में गाय या भैंस के दूध से कहीं ज्यादा कैल्शियम होता है।ऐसे में अगर आपको भैंस या गाय के दूध से एलर्जी है, तो आप सोया मिल्क को पीने के साथ इससे दही, लस्सी बनाकर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
हरे पत्तेदार सब्जियां
हरे पत्तेदार सब्जियों को सेहत के लिहाज से सबसे बेस्ट माना जाता है।आपको अगर हरे पत्तेदार सब्जियां अच्छी नहीं भी लगती, तो कोशिश करें कि मसालों या पनीर का इस्तेमाल करके इन्हें ज्यादा से ज्यादा मात्रा में खाएं।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ अधिकतर लोग बालों को सुलझाने के लिए प्लास्टिक और मेटल की कंघी का इस्तेमाल करते है। लेकिन क्या आप जानते हैं लकड़ी की कंघी के इस्तेमाल से बालों को बहुत फायदा मिलता है। जी हां स्कैल्प और बालों के लिए लकड़ी की कंघी बहुत उपयोगी होती है।
आइए जानते हैं लड़की की कंघी के इस्तेमाल से बालों को कितना फायदा मिलता हैं।
1 बेहतर ब्लड सर्क्युलेशन -
लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल आप स्कैल्प पर चुभने के डर के बिना कर सकते है। जब इनसे बालों को संवारते है तब स्कैल्प पर दबाव बनता है जिससे स्कैल्प में मौजूद ऐक्युपंक्चर पॉइंट्स उत्तेजित होते है और स्कैल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर होता है।
2 बालों की मजबूत जड़े -
स्कैल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर होने से बालों की जड़े भी मजबूत बनती है और बालों को भी मजबूती मिलती है।
3 बालों को मिलता है पोषण -
लकड़ी की कंघी के इस्तेमाल से स्कैल्प में मौजूद नैचरल ऑइल आपके बालों में समान रूप से वितरित हो जाता है। ऐसा होने से बालों के टूटने, झड़ने व तैलीय और चिकना स्कैल्प होने की समस्या खत्म होती है।
4 बाल टूटने की समस्या कम -
लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करने से बालों के टूटने और झड़ने की समस्या कम होती है क्योंकि चौड़े दांत होने की वजह से ये बालों में स्मूथली चलती है और उलझे बालों को आसानी से सुलझाती है।
5 स्कैल्प ऐलर्जी होगी दूर -
जिन लोगों का स्कैल्प सेसेंटिव होता है, उनके लिए भी लकड़ी की कंघी बेहतर है क्योंकि ये नैचरल वुड से बनी होती हैं, कई बार इनमें प्रोटेक्टिव कोटिंग भी होती है जिससे स्कैल्प में ऐलर्जी या खुजली जैसे समस्या नहीं होती।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /अधिकतर लोग घर की साफ-सफाई पर ध्यान देते हैं। घर को संवारकर रखना पसंद करते हैं जिससे कि घर बिलकुल परफेक्ट और साफ नजर आए। लेकिन घर के किचन की चिपचिपी टाइल्स इसे अधूरा कर देती है। यदि आपके भी किचन की टाइल्स चिपचिपी और गंदी है तो यह आपके घर की शोभा को बिगाड़ सकती है। तो ऐसे में क्या करना चाहिए? यदि आप भी चाहती हैं किचन की टाइल्स को आसान तरीके से साफ़ करना तो इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कुछ आसान और बेहतरीन टिप्स
सांद्रता वाला ब्लीच का घोल तैयार करें। इसे इस्तेमाल करने से पहले ग्लव्स पहन लें। इस घोल से टाइल्स को अच्छी तरह रगड़कर धोएं।
सिरके के घोल से करें टाइल्स को साफ
इसके लिए आप पानी में सिरका, नमक और बैकिंग सोडा मिलाकर घोल तैयार करें। इस घोल से अपने किचन की टाइल्स को साफ करें। इस घोल से आपकी टाइल्स चमक उठेगी।
पानी में डिटर्जेंट मिलाकर दाग साफ़ करने से आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं और टाइल्स चमक सकती हैं। इस घोल से आप ब्रश की मदद से अपने किचन की टाइल्स को साफ करें।
सेहत / शौर्यपथ / कई लोगों को हद से ज्यादा पसीना आता है। अगर पसीने को साफ नहीं किया गया और ये लंबे समय तक शरीर पर रहा तो इससे दुर्गंध तो आती ही है, साथ ही ये कीटाणुओं को जन्म देता है। ऐसी स्थिती से बचने के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा। आइए, हम आपको बताते हैं -
1. शरीर के जिन हिस्सों से आपको ज्यादा दुर्गंध आने की समस्या हो, ऐसे में घर से बाहर निकलने से पहले कुछ मिनटों तक उन जगहों पर बर्फ लगाकर रखें। इससे ज्यादा पसीना नहीं आएगा।
2. यदि आपके पैरों के तलवों में ज्यादा पसीना आता है, तो एक टब में पानी भरें और उसमें दो चम्मच फिटकरी पाउडर डाल दें। अब इस टब में दो से पांच मिनट अपने पैरों को डुबोकर बैठें।
3. जो कपड़े आप पूरा दिन पहनकर बाहर गए हों वे कपड़े धोने के बाद ही अलमारी में रखें।
4. ज्यादा समय पहने और बिना धुले कपड़े अलमारी में रखने से उनमें दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं और यह दुर्गंध दूसरे साफ कपड़ों में भी पहुंच जाती है और आप समझ ही नहीं पाते हैं कि साफ-धुले कपड़ों से अजीब सी गंध क्यों आ रही है?
5. इस मौसम में सिंथेटिक कपड़े न पहनें, बल्कि सूती कपड़े ही पहनें। ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर से चिपके हुए न हों, क्योंकि तंग कपड़ों में ज्यादा पसीना आता है और इससे हवा पास नहीं हो पाती, जिससे दुर्गंध आती है।
6. शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, जरुरत पड़े तो दिन में दो बार भी नहा लें।
7. नहाने के लिए नीम या एंटी-बैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करें।
8. तली-भुनी व मसालायुक्त चीजें इस मौसम में खाने से बचें।
9. बॉथ टब में नहाने से एक घंटा पहले संतरे का छिलका डालकर छोड़ दें।
इस पानी से नहाने से शरीर में ताजगी महसूस होगी।
10. शरीर को रगड़कर ताजे पानी से नहाने से शरीर से गंदगी का सफाया हो जाता है। और शरीर से दुर्गेंध नहीं आती है।
धर्म संसार /शौर्यपथ / द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादिकाल से काशी में है। यह स्थान शिव और पार्वती का आदि स्थान है इसीलिए आदिलिंग के रूप में अविमुक्तेश्वर को ही प्रथम लिंग माना गया है। इसका उल्लेख महाभारत और उपनिषद में भी किया गया है। ईसा पूर्व 11वीं सदी में राजा हरीशचन्द्र ने जिस विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था उसका सम्राट विक्रमादित्य ने जीर्णोद्धार करवाया था। उसे ही 1194 में मुहम्मद गौरी ने लूटने के बाद तुड़वा दिया था। बाद में 1777-80 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया था।
1. हिंदू देवताओं में भैरव का बहुत ही महत्व है। इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है। कहा जाता है कि बाबा विश्वनाथ काशी के राजा हैं और काल भैरव उनके कोतवाल, जो लोगों को आशीर्वाद भी देते हैं और सजा भी। काशी विश्वनाथ में दर्शन से पहले भैरव के दर्शन करना होते हैं तभी दर्शन का महत्व माना जाता है। यहां काल भैरव को काशी के कोतवाल की संज्ञा से विभूषित किया गया है।
2. भैरव का कार्य है शिव की नगरी काशी की सुरक्षा करना और समाज के अपराधियों को पकड़कर दंड के लिए प्रस्तुत करना। जैसे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिसके पास जासूसी कुत्ता होता है। उक्त अधिकारी का जो कार्य होता है वही भगवान भैरव का कार्य है।
3. काल भैरव के दर्शन मात्र से शनि की साढ़े साती, अढ़ैया और शनि दंड से बचा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि खुद यमराज भी बिना इजाजत के यहां किसी के प्राण नहीं हर सकते और दंड देने के अधिकार भी शिव एवं काल भैरव को ही है। यमराज को भी यहां के इंसानों को दंड देने का अधिकार नहीं है।
4. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ। ब्रह्मा ने झूठ बोला तो शिवजी को क्रोध आ गया। भगवान शिव के क्रोध से ही काल भैरव जी प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्मा जी का सिर काट दिया था। काल भैरव पर ब्रह्म हत्या का दोष लगने के बाद वह तीनों लोकों में घूमे। परंतु उनको मुक्ति नहीं मिली। इसके बाद भगवान शिव ने आदेश दिया कि तुम काशी जाओ, वहीं मुक्ति मिलेगी। इसके बाद वह काल भैरव के रूप में काशी में स्वयं भू प्रकट हुए और वहीं गंगा स्नान किया और फिर शिव की नगरी के कोलवाल बन वहीं रहने लगे।
5. काशी में जब भी कोई अधिकारी पदस्थ होता है तो सबसे पहले उसे काल भैरव के यहां हाजरी लगानी होती है तभी वह अपना कामकाज प्रारंभ करता है। इतना ही नहीं यहां के लोगों के बीच यह मान्यता है कि यहां मंदिर के पास एक कोतवाली भी है, और काल भैरव स्वयं उस कोतवाली का निरीक्षण करते हैं।
धर्म संसार / शौर्यपथ / मुख्यत: काल भैरव और बटुक भैरव की पूजा का प्रचलन है। श्रीलिंगपुराण 52 भैरवों का जिक्र मिलता है। मुख्य रूप से आठ भैरव माने गए हैं- 1.असितांग भैरव, 2. रुद्र या रूरू भैरव, 3. चण्ड भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव। आदि शंकराचार्य ने भी 'प्रपञ्च-सार तंत्र' में अष्ट-भैरवों के नाम लिखे हैं। तंत्र शास्त्र में भी इनका उल्लेख मिलता है। इसके अलावा सप्तविंशति रहस्य में 7 भैरवों के नाम हैं। इसी ग्रंथ में दस वीर-भैरवों का उल्लेख भी मिलता है। इसी में तीन बटुक-भैरवों का उल्लेख है। रुद्रायमल तंत्र में 64 भैरवों के नामों का उल्लेख है। आओ जानते हैं भगवान उन्मत्त भैरव की संक्षिप्त जानकारी।
उन्मत्त भैरव :1. उन्मत्त भैरवनाथ का शरीर पीले रंग का है तथा वे घोड़े पर सवारी करते हैं। उनकी पत्नी वराही हैं और इन भैरव की दिशा पश्चिम है। इसका खास मंदिर तमिलनाडु के विजहिनाथर में है। यह भैरव शांत स्वभाव के हैं।
2. इनका मंत्र है ॐ भं भं श्री उन्मताये नम:। बिना माला के सवा घंटे मंत्र जाप करें।
3. इनकी पूजा, प्रार्थना या अर्चना करने से व्यक्ति के अंदर के सभी तरह के नकारात्मक विचार या भाव तिरोहित हो जाते हैं और वह सुखी एवं शांतिपूर्वक जीवन यापन करता है।
4. इनकी पूजा करने से नौकरी, प्रमोशन, धन आदि की प्राप्ति होती है और साथ ही घर परिवार में प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होता है।
5. लहसुन, प्याज आदि त्यागकर शुद्ध सात्विक रूप से इनकी आराधना करने से ये जल्दी प्रसन्न होते हैं।
6. वाराणसी से में सभी भैरव के मंदिर बने हुए हैं। उन्मत्त भैरव का मंदिर पंचक्रोशी मार्ग के देवरा गांव में स्थित है।
आस्था /शौर्यपथ / कुछ लोगों पर अचानक कोई संकट आ जाता है तो कुछ लोग सालों से संकटों का सामना कर रहे हैं। मान जाता है कि संकटों का कारण पितृदोष, कालसर्प दोष, शनि की साढ़े साती और ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव होते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि सभी कुछ अच्छा है लेकिन यदि आपका घर दक्षिण मुखी है तो आप जिंदगी भर परेशान रहेंगे।
यह भी माना जाता है कि उपरोक्त कारणों के कारण व्यक्ति के घर में गृह कलह, आर्थिक संकट, वैवाहिक संकट और दुख बना रहता है। इसी कारण व्यक्ति को कोर्ट कचहरी या दवाखाने के चक्कर काटते रहना पड़ते हैं या अन्य किसी प्रकार का संकट खड़ा होता है। हालांकि कुछ विद्वान यह भी कहते हैं कि सब कर्मों का लेखा जोखा है अर्थात कर्म सुधार लो तो सब कुछ सुधरने लगता है। अब हम आपके कर्म तो सुधार नहीं सकते, लेकिन यहां लाल किताब के अनुसार कुछ सावधानी और उपाय जरूर बता सकते हैं।
सावधानियां, हिदायत या उपाय :
1. किसी भी प्रकार का व्यसन और नशा न करें। करते हों तो त्याग दें।
2. ब्याज, जुए या सट्टे का कार्य करते हो तो त्याग दें।
3. मंगल, शनि, गुरु, तेरस, चौदस, अमावस्या तथा पूर्णिमा के दिन पवित्र बने रहें।
4. दादी, सास, मां, बहन, बेटी, पत्नी, मौसी, साली और बुआ से संबंध अच्छे रखें।
5. दादा, पिता, ससुर, भाई, काका, मामा, भांजे, साले, बहनोई, भतीजे और भाई से संबंध अच्छे रखें।
6. मांस और तामसिक भोजन को त्याग दें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
7. दान देने या लेने से पहले अपनी कुंडली किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को दिखाएं।
8. घर को वास्तु अनुसार बनाएं और उसके आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें। किस ग्रह के पेड़-पौधे लगे हैं उसकी जांच करे।
9. लाल किताब के सभी उपाय दिन में ही करें। उपाय करने से पहले अपनी कुंडली का अच्छे से विश्लेषण कर लें।
10. सभी तरह के तांत्रिक अनुष्ठान और रात्रि के घोर कर्मों से दूर रहें। प्रतिदिन मंदिर जाते रहें।
12. बाथरूम और शौचालय अलग अलग हों और उन्हें साफ सुथरा रखें। सीढ़ियों को भी साफ सुथरा रखें।
13. झूठ ना बोलें और किसी का अहित ना करें। कथनी और करनी में समान रहें।
14. सेहतमंद बने रहने के लिए उत्तम भोजन करें और ग्रह अनुसार ही भोजन का चयन करें।
15. अंधे, दिव्यांग, विधवा, सफाइकर्मी, गरीब, अबला, कन्या आदि की मदद करते रहें।
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ /बिजी लाइफस्टाइल के चलते आज हर व्यक्ति की सोने और जागने की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। एक अच्छी नींद व्यक्ति के दिमाग को तरोताजा करने के लिए और शरीर के दूसरे अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ पर्याप्त नींद ही नहीं, बल्कि समय पर नींद लेना और सही समय पर उठना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं क्या हैं सोने और जागने के सही नियम और फायदे- नुकसान।
जल्दी उठने के फायदे-
-सुबह जल्दी उठने से अतिरिक्त ऊर्जा को प्राप्त किया जा सकता है, जो दिन भर ऊर्जावान बनाये रखने और खुशनुमा एहसास से भरने में सहायक है।
-जल्दी उठने का एक बड़ा फायदा यह है, कि आपके पास समय काफी होता है, और दिनभर में ज्यादा से ज्यादा चीजें कर सकते हैं। आप खुरद के लिए बेहतर समय निकाल सकते हैं।
-सुबह जल्दी उठने से व्यक्ति फिट और मानसिक रूप से शांत और एकाग्र रहता है।
-सुबह जल्दी उठकर ली गई धूप हड्डी व जोड़ों के दर्द में राहत देती है।
-सुबह का वातावरण और ऑक्सीजन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
एक शोध में पता चला है कि जो लोग देर तक सोते हैं, उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है। जो लोग स्वाभाविक तौर पर देर से उठते हैं, उनके मस्तिष्क में एक खास तत्व सबसे खराब स्थिति में होता है। विशेष रूप से दिमाग के उस हिस्से में, जहां से अवसाद और दुख के भाव पैदा होते हैं। इसी कारण देर से उठने वालों को अवसाद और तनाव अधिक होता है। साइंस जर्नल में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, जो लोग देर तक सोते हैं, उनके व्यवहार में बदलाव तो आता ही है साथ ही उनके हार्मोन पर भी बुरा असर पड़ता है।
देर से सोकर उठने के नुकसान-
-देर से सोकर उठने से शरीर अपनी अनियमित दिनचर्या को झेलने के लिए तैयार नहीं होता और बहुत सी बीमारियों की चपेट में आ जाता है।
- देर से सोकर उठने से व्यक्ति कोई वर्कआउट नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से उसकी कैलोरी बर्न नहीं होती और व्यक्ति मोटापे का शिकार हो जाता है।
-वजन अनियमित रूप से बढ़ने लगता है।
-हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं।
-दिमाग में एंडोर्फिन स्रावित नहीं होने से स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
-धीरे-धीरे डिप्रेशन घेर लेता है।
-दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है ।
-अधिक देर तक सोने से दिमाग पर भी असर पड़ता है और याददाश्त कमजोर होने लगती है।
अच्छी नींद के फायदे-
-पाचन तंत्र सुचारू रहता है।
-शरीर का वजन संतुलित रहता है।
-तन और मन खुशमिजाज रहते हैं।
-एकाग्रता बढ़ती है।
-मन चिंतामुक्त रहता है।
-सिर दर्द से राहत मिलती है ।
-रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
-शरीर का वजन संतुलित रहता है और आप तरोताजा महसूस करते हैं।
नींद से जुड़े नियम-
-रात्रि के प्रथम प्रहर में सोना सबसे अच्छा माना गया है।
-सोते समय व्यक्ति का सिर दक्षिण या पूर्व की दिशा में होना चाहिए।
-शवासन में सोएं, करवट लेना हो तो अधिकतर दाईं करवट लें। बहुत आवश्यक हो तो ही बाईं करवट लेकर सोएं।
-सोने के तीन से चार घंटे पहले भोजन कर लें।
-सोने से पहले रोजाना पांच-दस मिनट का ध्यान करने सोना चाहिए।
सुबह उठने के नियम-
-व्यक्ति को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में जागना चाहिए। सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पूर्व का समय ब्रह्ममुहूर्त कहलाता है।
-दक्षिण में पैर रखकर सोने से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा का क्षय हो जाता है और वह जब सुबह उठता है तो थकान महसूस करता है, जबकि दक्षिण में सिर रखकर सोने से ऐसा कुछ नहीं होता।
शौर्यपथ / सोशल मीडिया प्लेटफार्म अब बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर अपने एप में नया फीचर जोड़ने जा रहा है। इसे विशेष तौर पर छोटे बच्चों को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इसके तहत कम उम्र के बच्चे अपना इंस्टाग्राम अकाउंट नहीं बना पाएंगे। इसके साथ ही अनजान वयस्क उपयोगकर्ताओं के बच्चों से संपर्क पर भी लगाम लग सकेगी।
इन कम उम्र के इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं का पता लगाने के लिए इंस्टाग्राम कृत्रिम बुद्धिमता Üआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस्तेमाल करेगी। इसकी मदद से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के साइनअप करते ही कंपनी को पता चल जाएगा।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपना अकाउंट बनाते समय अपनी उम्र को लेकर अक्सर झूठ बोलते हैं, खासकर कम उम्र के बच्चे ऐसा ज्यादा करते हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए हम एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं और एक नया फीचर रोलआउट करने जा रहे हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक के इस्तेमाल से तैयार की जा रही इस नई तकनीक की मदद से इसे रोका जाएगा। इसके अलावा कंपनी के नये फीचर से अनजान वयस्कों को 18 साल से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं को मैसेज भेजने से भी रोका जा सकेगा। नया फीचर वयस्कों को सजेस्ट यूजर्स में कम उम्र के बच्चों के अकाउंट दिखाने पर प्रतिबंध लगाने का काम करेगा।
आस्था /शौर्यपथ / कई बार किसी को नजर लग जाती है तो उसकी नजर उतारते हैं। कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि हम पर किसी ने कुछ कर दिया है तो उसके लिए सामान्य से उपाय प्रचलित मान्यताओं पर आधारित हैं। हालांकि ऐसा कुछ होता नहीं है कि कोई किसी के लिए कुछ कर देता हो। परंतु फिर भी शंका समाधान हेतु यहां कुछ उपाय बताएं जा रहे हैं, जिसे किसी ज्योतिष के जानकार से पूछकर ही करें।
1. रविवार : रविवार को बर्फी से उतारा करके बर्फी गाय को खिला दें।
2. सोमवार : सोमवार के भी बर्फी के टुकडे से उतारा करके गाय को खिला दें।
3. मंगलवार : मंगल को मोतीचूर के लड्डू से उतारा करके उसे कुत्ते खिला दें।
4. बुधवार : बुधवार को इमरती या मोतीचूर के लड्डू से उतारा करके उसे कुत्ते खिला दें।
5. गुरुवार : बृहस्पतिवार को पांच मिठाइयां एक दोने में रखकर उतारा करके उसमें धूपबत्ती और छोटी इलायची रखकर पीपल के पेड़ की जड़ में पश्चिम दिशा में रखें।
6. शुक्रवार : शुक्रवार को शाम के समय मोतीचूर के लड्डृ से ही उतारा करके उसे कुत्ते को खिला दें।
7. शनिवार : शनिवार को इमरती और मोतीचूर के लड्डू से उतार करके काले कुत्ते को खिला दें।
वैसे यदि आप हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो आप पर किसी भी चीज़ का असर नहीं होता है और ना ही आपको किसी भी प्रकार का उतारा करने की आवश्यकता है।
आस्था /शौर्यपथ /माता कालिका के अनेक रूप हैं जिनमें से प्रमुख है- 1.दक्षिणा काली, 2.शमशान काली, 3.मातृ काली और 4.महाकाली। इसके अलावा श्यामा काली, गुह्य काली, अष्ट काली और भद्रकाली आदि अनेक रूप भी है। सभी रूपों की अलग अलग पूजा और उपासना पद्धतियां हैं। आओ जानते हैं महाकाली क्या है और क्या है उनका मंत्र।
1. महाकाली: महामाया, वैष्णवी, नारसिंही, वाराही, ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, इत्यादि अष्ट-शक्तियां, भेदों से युक्त-धारा, गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा इत्यादि सब नदियां महाकाली का स्वरुप हैं।
2. महाकाली की उपासना अमोघ मानी गई है। जब सब विद्याएं असफल हो जाती है तो महाकाली की उपासना की जाती है।
3. भगवती की दस महाविद्याओं में से एक हैं महाकाली जिनके काले और डरावने रूप की उत्पत्ति राक्षसों का नाश करने के लिए हुई थी। यह एकमात्र ऐसी शक्ति है जिनसे स्वयं काल भी भय खाता है। उनका क्रोध इतना विकराल रूप ले लेता है कि संपूर्ण संसार की शक्तियां मिलकर भी उनके गुस्से पर काबू नहीं पा सकती। उनके इस क्रोध को रोकने के लिए स्वयं उनके पति भगवान शंकर उनके चरणों में आकर लेट गए थे।
4. मां प्रकृतिस्वरूपा हैं। बंगाल और असम में महाकाली की विशेष पूजा होती है। वास्तव में आदिशक्ति मां दुर्गा के विविध रूपों का वर्णन मार्कंडेय पुराण में वर्णित है। महासरस्वती, महाकाली और महालक्ष्मी रूपों में मां दुर्गा का विस्तार है।
5. महाकाली को दुर्गा का अवतार कहा गया है और धरती पर इनके अवतरित होने से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं।
6. महाकाली का साबर मंत्र :
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई।
7. श्री काली स्तुति
काली काली महाकाली कालिके परमेश्वरी ।
सर्वानन्दकरी देवी नारायणि नमोऽस्तुते ।।
सेहत /शौर्यपथ / काले रंग के अंगूर स्वाद में तो मीठे होते ही हैं, सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं होते हैं। अंगूर में मौजूद ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व व्यक्ति को कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं। काले अंगूर का नियमित सेवन न सिर्फ आपके मोटापे को कम करने में बल्कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां, त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं भी दूर करने में मदद कर सकता है। आइए जानते हैं काले अंगूर का सेवन करने के ऐसे ही कुछ अनगिनत फायदों के बारे में।
वजन घटाने में करता है मदद-
काले अंगूर का सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। मोटापा कम करने की इच्छा रखने वाले लोगों तो काले अंगूर का सेवन जरूर करना चाहिए। यह खून में कोलेस्ट्रॉल निर्माण को रोककर मोटापे जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाता है।
याददाश्त करता है बेहतर-
काले अंगूर का सेवन करने से व्यक्ति की एकाग्रता और याददाश्त भी बढ़ती है। इतना ही नहीं काले अंगूर खाने से दिमागी गतिविधियां ठीक होकर माइग्रेन जैसी बीमारी से भी निजात मिल सकती है।
डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद-
काले अंगूरों का सेवन करने से डायबिटीज को ठीक करने में भी मदद मिल सकती है। काले अंगूरों में रेसवार्टल नाम का पदार्थ मौजूद होता है जो खून में इंसुलिन का स्तर बढ़ाकर शरीर में शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करता है।
बालों के लिए सेहतमंद-
बालों से जुड़ी कोई भी समस्या है तो आप काले अंगूर का सेवन करें। इसमें पाए जाने वाला विटामिन ई बालों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। काले अंगूर में मौजूद विटामिन ई बालों से जुड़ी परेशानियां जैसे-रूसी, बालों का गिरना या सफेद होना ठीक करता है। इसका सेवन करने से स्कैल्प को मजबूती मिलती है और बाल घने, मुलायम और मजबूत बनते हैं।
इंफेक्शन से रखें दूर-
काले अंगूर में मौजूद रेसवेरॉटल बैक्टीरिया और फंगस को मारने में मदद करता है, जो शरीर में पहुंचकर किसी भी तरह का इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। ये पोलिया और हर्प्स जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। काले अंगूरों में वायरस से लड़ने की भी क्षमता होती है। ये फेफड़ों में नमी बढ़ा कर अस्थमा भी ठीक कर सकता है।
Disclaimer- इस आलेख में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।