December 07, 2025
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भारत

भारत (890)

नई सिल्ली / एजेंसी / देश में किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले, वे देश में कहीं भी जाकर अपनी उपज बेच सकें इसके लिए मोदी कैबिनेट ने दो अहम अध्यादेशों को मंज़ूरी दे दी है. सरकार अब एक नए कानून के जरिए "वन नेशन, वन मार्केट" की तजऱ् पर देश के किसी भी हिस्से में किसानों को उनकी उपज बेचने की सुविधा मुहैया कराएगी.
कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले, उनकी कमाई बढ़े, इसके लिए मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 'एक देश, एक कृषि बाजारÓ के लिए कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंज़ूरी दे दी. इसके जरिए किसानों को अपना उपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आज़ादी होगी. इससे कृषि उपज का बाधा मुक्?त अंतर-राज्?य व्?यापार संभव हो सकेगा. किसानों को अपना उत्पाद मंडी ले जाने की बाध्यता नहीं होगी. एक देश एक मार्केट भावना को बढ़ावा मिलेगा.
दूसरे अहम फैसले में मोदी कैबिनेट ने आवश्?यक वस्?तु अधिनियम में संशोधन के जरिए अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्?याज और आलू जैसी वस्?तुओं को आवश्?यक वस्?तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया है. सरकार का दावा है कि इस फैसले से उत्?पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्?यापक स्?तर पर उत्?पादन करना संभव होगा. सिर्फ अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में ही इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा.
साथ ही, कैबिनेट ने 'मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश- 2020Ó को भी स्वीकृति दे दी है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर्स), एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुडऩे में सक्षम बनाएगा.

कोरोना महामारी संकट में जनजागरूकता लाने में अहंभूमिका निभाने वाले श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेसकर्मी के साथ मोदी सरकार कर रही है गलत व्यवहार
कोरोना महामारी संकट से श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेसकर्मी भी प्रभावित
पत्रकारों को भी भूली मोदी सरकार, ना मुद्रा योजना का मिला लाभ, ना 20 लाख करोड़ पैकेज से कोई राहत
कोरोना महामारी संकट में लोकतंत्र को चौंथा स्तम्भ भी प्रभावित, 20 लाख करोड़ के पैकेज में मीडिया जगत के लिये भी प्रावधान नहीं

   रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के सिपाहियों के लिए कोई इंतजाम नहीं होना दुर्भाग्य जनक एवं निंदनीय है। कोरोना महामारी संकट काल में आमजनता को जागरूक करने जन-जन तक खबरों को पहुंचाने में अपने जान को जोखिम में डालने परिवार की चिंता किए बगैर महती भूमिका निभाने वाले मीडिया संस्थान, श्रमजीवी पत्रकार और प्रेस कर्मियों का उपयोग कर मोदी सरकार उनको भूल गई।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गई मुद्रा योजना का लाभ भी श्रमजीवी पत्रकार और प्रेस कर्मियों को नहीं मिला था। ठीक वैसे ही कोरोना संकट काल में 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में मीडिया संस्थान, श्रमजीवी पत्रकार, प्रेस कर्मियों के लिए कोई आर्थिक मद्द नहीं है, जो मोदी सरकार के श्रमजीवी पत्रकारों और प्रेस कर्मियों के वर्तमान एवं भविष्य को लेकर गैर जिम्मेदार होने को दर्शाती है। कोरोना महामारी संकटकाल में देशभर के लगभग एक करोड़ श्रमजीवी पत्रकार और प्रेसकर्मी एवं उनके परिवार के चार करोड़ सदस्यों के सामने भी जीवनयापन का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। मीडिया संस्थानों की माली हालत खराब होने का प्रभाव श्रमजीवी पत्रकार और प्रेस कर्मियों की नौकरी पर भी पड़ा है और पड़ेगा। दुर्भाग्य है कि पत्रकारों के साथ-साथ मीडिया संस्थाओं को भी मोदी सरकार भूल गयी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि दुर्भाग्य जनक है। लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के सहारे राजनीति करने वाले मोदी सरकार को उसी चतुर्थ स्तंभ के सिपाहियों के न तो वर्तमान को लेकर कोई चिंता है ना ही इनके आने वाले भविष्य को लेकर कोई चिंतन 20 लाख करोड़ के पैकेज में किया गया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि कठिन समय में श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेस कर्मियों और उनके परिवारों के लिए कोरेना महामारी संकटकाल में सीधी आर्थिक मदद के लिए न्याय योजना शुरू कर श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेस कर्मियों को भी उस दायरे में लाए और सम्मानजनक राहत राशि प्रतिमाह उनको प्रदान करें। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ सरकार और जनता के बीच संवाद स्थापित करने का महत्वपूर्ण और सशक्त माध्यम है। आज लोकतंत्र के सिपाही ही आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं ऐसे कठिन समय में सरकार और जनता के बीच के संवाद को प्रचारित प्रसारित करने वाले के बारे में चिंता करने की आवश्यकता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा श्रमजीवी पत्रकार के हित में लिए अनेक निर्णयों से सीख लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पत्रकार कल्याण कोष से गंभीर बीमारी आदि की दशा में दी जानी वाली आर्थिक सहायता राशि को 50 हजार रुपया से बढ़ाकर 2 लाख रुपया किया है। बीते साल 57 पत्रकारों को लगभग 19.50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी गई थी। वरिष्ठ सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिए वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि योजना संचालित की है। इस योजना में आयु सीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष एवं सम्मान राशि रूपए 5 हजार से बढ़ाकर रूपए 10 हजार और सम्मान निधि देने की अवधि 5 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कर दी है।

नई दिल्ली / एजेंसी / कोरोनावायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए देश में लागू लॉकडाउन को कंटेनमेंट ज़ोन तक सीमित करके अवधि को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस दौरान लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाया जाएगा. लॉकडाउन 5.0 में कंटेनमेंट ज़ोन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसका पहला चरण आठ जून से लागू होगा. इसके तहत, 8 जून से मॉल, रेस्टोरेंट और धार्मिक स्थल खुल सकेंगे. गृह मंत्रालय ने कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर के क्षेत्रों को फिर से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं.
अनलॉक का पहला चरण
सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थल, होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएं और शॉपिंग मॉल को 8 जून, 2020 से खोलने की अनुमति दी जाएगी. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय मानक संचालन प्रक्रिया (स्ह्रक्क) जारी करेगा.
अनलॉक का दूसरा चरण
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श के बाद स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक/प्रशिक्षण/कोचिंग संस्थान आदि, खोले जाएंगे. संस्थानगत स्तर पर भी बात की जाएगी. साथ ही अभिभावकों की भी राय ली जाएगी. इस फीडबैक पर ही संस्थान को खोलने का फैसला लिया जाएगा. जुलाई से यह संस्थान खोले जा सकेंगे.
अनलॉक का तीसरा चरण
अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा, मेट्रो रेल का संचालन, सिनेमा हॉल, व्यायामशाला (जिम), स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क आदि के लिए तिथियों का निर्धारण स्थिति के आकलन के आधार पर किया जाएगा.
गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी गाइडलाइन के मुताबिक, रात के कफ्र्यू के समय बदलाव किया गया है. अब रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक यह लागू रहेगा. एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों और सामान के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी. ऐसा करने के ल?िए अलग से इजाजत या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, लेकिन पहले से व्यापक प्रचार के बाद.
दिशानिर्देशों के मुताबिक, 65 साल से अध?िक उम्र के व्यक्तियों, पहले से किसी तरह की बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़कर घर पर ही रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है.

केंद्र की गाइडलाइन के बाद गुजरात सरकार ने भी लॉकडाउन से दी राहत, शुरू होगी बस सेवा

   अहमदाबाद / कोरोनावायरस को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन को सरकार ने 30 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है, हालांकि इस बार सरकार ने कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर मॉल और रेस्टोरेंट को भी खोलने की इजाजत दे दी है. अब 8 जून से मॉल और रेस्टोरेंट खुल सकेंगे. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मद्देनजर गुजरात सरकार ने भी सोमवार से लॉकडाउन में थोड़ी राहत दी है. सोमवार से राज्य में बसें शुरू हो जाएंगी. सरकारी दफ्तरों को भी पूरी क्षमता के साथ खोला जाएगा.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक वीडियो मैसेज के जरिए बताया कि अब सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बजाय रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक राज्य में कफ्र्यू लागू रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा, 'व्यवस्था फिर से पहले की तरह शुरू करने के लिए नई कोशिशों के तहत हमें बिना किसी आर्थिक नाकाबंदी के कोरोना के साथ-साथ काम करना होगा ताकि कोई काम बाधित न हो. हम दुकानों के संदर्भ में ऑड-ईवन हटा रहे हैं. अब दुकानदार कुछ शर्तों जैसे- फेस मास्क का इस्तेमाल, सैनिटाइजर का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के साथ पूर्व की भांति दुकान खोल सकते हैं.Ó

महाराष्ट्र में 30 जून तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, 3 जून से शर्तों के साथ मिलने लगेंगी रियायतें

महाराष्ट्र / देश में कोरोनावायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. भारत में कोरोना से 1 लाख 82 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं वहीं 5100 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. इस बीच बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य में लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया है. जरूरी कामों को छोड़कर पूरे राज्य में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कफ्र्यू जारी रहेगा. बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है.
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के 65 हजार से ज्यादा मामले हैं, वहीं 2100 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में ढील का ऐलान किया था और अनलॉक1 को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार भी तीन चरणों में रियायत देने का फैसला किया है.
पहला चरण- तीन जून से
पहला चरण तीन जून से प्रभावी होगा. इस दौरान सार्वजनिक जगहों पर बाहरी गतिविधियों (साइकिल चलाना, टहलना, चलना, दौडऩा) की इजाजत होगी. इसके अलावा प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन आदि गतिविधियों की इजाजत होगी. इसके अलावा सभी सरकारी कार्यालयों में 15त्न लोग ही काम करेंगे.
कोरोना संकट को देखते हुए बिहार में 30 जून तक बढ़ाया गया लॉकडाउन

बिहार / देश में कोरोनावायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. भारत में कोरोना से 1 लाख 82 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं वहीं 5100 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. इस बीच कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए बिहार की नीतीश सरकार ने 30 जून तक लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा की. एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में ढील का ऐलान किया है और अनलॉक-1 को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. मालूम हो कि बिहार में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3600 से ज्यादा हो चुका है और अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है.
उधर, कोरोनावायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए देश में लागू लॉकडाउन को कंटेनमेंट ज़ोन तक सीमित करके अवधि को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस दौरान लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाया जाएगा. लॉकडाउन 5.0 में कंटेनमेंट ज़ोन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसका पहला चरण आठ जून से लागू होगा. इसके तहत, 8 जून से मॉल, रेस्टोरेंट और धार्मिक स्थल खुल सकेंगे. गृह मंत्रालय ने कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर के क्षेत्रों को फिर से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं.
यूपी सरकार ने ठ्ठद्यशष्द्म१ लिए जारी की गाइडलाइंस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लॉकडाउन खोलने और अनलॉक1 के लिए नए दिशा निर्देश जारी कर दिए. योगी सरकार की तरफ से रविवार शाम जारी गिए दिशा निर्देशों के अनुसार उत्तर प्रदेश में अब धार्मिक स्थल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल खोले जा सकेंगे. ये सभी चीजें 8 जून से शुरू होंगी. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में अनलॉक1 के सिलसिले में दिशानिर्देश जारी किये हैं. ये आगामी 30 जून तक लागू रहेंगे.
उन्होंने बताया कि आगामी आठ जून से केंद्र और उत्तर प्रदेश के दिशानिर्देशों के तहत धार्मिक स्थलों को खोला जाएगा. होटल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल भी आठ जून से खुलेंगे. सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थाएं भी केंद्र के दिशानिर्देश के अनुरूप ही खुलेंगी. अवस्थी ने बताया कि निषिद्ध क्षेत्रों की व्यवस्थाएं यथावत रहेंगी. शहरी क्षेत्र में संक्रमण का एक मामला सामने आने पर उसके 250 मीटर के दायरे को सील किया जाएगा. एक से ज्यादा मामले होंगे तो यह दायरे 500 मीटर का होगा.

कोरोना संक्रमित की ताज़ा जानकारी और भारत की वर्तमान स्थिति

   नई दिल्ली / रायपुर / शौर्यपथ / ताजा जानकारी के अनुसार भारत दुनिया के टॉप 10 देशो में शामिल हो गया . वृहद् जनसँख्या के कारण भारत में कोरोना का प्रसार उतनी तेजी से नहीं हो रहा जिसकी कल्पना अन्य देशो द्वारा की जा रही थी . प्रवासी मजदूरो के गृह नगर जाने और लगातार टेस्टिंग होने से भारत में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है . एक अनुमान के मुताबिक मजदूरो के आवागम की स्थिति में संक्रमित लोगो की संख्या में और इजाफा होने के कयास लगाए जा रहे है . प्रवासी मजदूरो के अपने अपने प्रदेश में लौटने के बाद स्थिति नियंत्रण में होने की संभावना है . वर्तमान में अधिकतर मरीजो की ट्रेवल हिस्ट्री मिल रही है . भारत में वर्तमान समय में 1,38,845 केस की पुष्टि की गयी है जो प्रति 10 लाख की जनसँख्या में 102 है वही 57,721 मरीज स्वास्थ्य लाभ ले चुके है एवं ४०२१ लोगो की मौत हो चुकी है .
देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में मिले है जिनकी संख्या 50 हजार के पार हो चुकी है वही अगर छत्तीसगढ़ की बात करे तो २५२ केस की पुष्टि हुई है जो प्रति १० लाख में 8 की गणना में की जा रही है . बीते २० मई को छत्तीसगढ़ में कुल १०१ मरीजो की पुष्टि ई गयी थी किन्तु 5 दिनों में 25 मई तक कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या 252 तक पहुँच गयी . छत्तीसगढ़ के लिए राहत ककी बात यह है कि इनमे से ज्यादातर कोरोना संकर्मित मरीजो की ट्रेवल हिस्ट्री है और सभी क्वारेनटाईन सेंटर में है .
25 मई का दिन प्रदेश के मुंगेली जिले के लिए चौकाने वाला रहा एक साथ 26 मरीज के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गयी ये सभी क्वारेनटाईन सेंटर में रुके हुए प्रवासी श्रमिक है . मुंगेली कलेक्टर द्वारा क्वारेनटाईन सेंटर के आस पास के क्षेत्रो को सेनेटराईज करने के निर्देश दिए गए इस कार्य को कलेक्टर डॉ. भूरे द्वारा अपनी मौजूदगी में कराया गया एवं आम जनता से अपील की गयी की स्थिति नियंत्रण में है और सभी से लॉक डाउन के नियमो का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए .
कोरोना संक्रमण के डाटा तेजी से बदल रहे है शौर्यपथ समाचार द्वारा यह डाटा सरकारी आंकड़ो व अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी लिंक से एकत्रित किया गया है जो कि निरंतर बदलाव की स्थिति में है .
शौर्यपथ समाचार आम जनता और समानित पाठको से अनुरोध करता है कि परिवार के लिए आपका स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है . राज्य सरकारे और केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि जनजीवन सामान्य स्थिति में आये . शाब्दि की सबसे बड़ी विपदा में अपने व्यवहारऔर व्यापार का नियंत्रण रखे एवं शासन के हर विभाग जो कोरोना के जंग में मैदान में है उनका सहयोग करे .

कोरोना संक्रमित की ताज़ा जानकारी और भारत की वर्तमान स्थिति

   नई दिल्ली / रायपुर / शौर्यपथ / ताजा जानकारी के अनुसार भारत दुनिया के टॉप 10 देशो में शामिल हो गया . वृहद् जनसँख्या के कारण भारत में कोरोना का प्रसार उतनी तेजी से नहीं हो रहा जिसकी कल्पना अन्य देशो द्वारा की जा रही थी . प्रवासी मजदूरो के गृह नगर जाने और लगातार टेस्टिंग होने से भारत में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है . एक अनुमान के मुताबिक मजदूरो के आवागम की स्थिति में संक्रमित लोगो की संख्या में और इजाफा होने के कयास लगाए जा रहे है . प्रवासी मजदूरो के अपने अपने प्रदेश में लौटने के बाद स्थिति नियंत्रण में होने की संभावना है . वर्तमान में अधिकतर मरीजो की ट्रेवल हिस्ट्री मिल रही है . भारत में वर्तमान समय में 1,38,845 केस की पुष्टि की गयी है जो प्रति 10 लाख की जनसँख्या में 102 है वही 57,721 मरीज स्वास्थ्य लाभ ले चुके है एवं ४०२१ लोगो की मौत हो चुकी है .
देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में मिले है जिनकी संख्या 50 हजार के पार हो चुकी है वही अगर छत्तीसगढ़ की बात करे तो २५२ केस की पुष्टि हुई है जो प्रति १० लाख में 8 की गणना में की जा रही है . बीते २० मई को छत्तीसगढ़ में कुल १०१ मरीजो की पुष्टि ई गयी थी किन्तु 5 दिनों में 25 मई तक कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या 252 तक पहुँच गयी . छत्तीसगढ़ के लिए राहत ककी बात यह है कि इनमे से ज्यादातर कोरोना संकर्मित मरीजो की ट्रेवल हिस्ट्री है और सभी क्वारेनटाईन सेंटर में है .
25 मई का दिन प्रदेश के मुंगेली जिले के लिए चौकाने वाला रहा एक साथ 26 मरीज के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गयी ये सभी क्वारेनटाईन सेंटर में रुके हुए प्रवासी श्रमिक है . मुंगेली कलेक्टर द्वारा क्वारेनटाईन सेंटर के आस पास के क्षेत्रो को सेनेटराईज करने के निर्देश दिए गए इस कार्य को कलेक्टर डॉ. भूरे द्वारा अपनी मौजूदगी में कराया गया एवं आम जनता से अपील की गयी की स्थिति नियंत्रण में है और सभी से लॉक डाउन के नियमो का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए .
कोरोना संक्रमण के डाटा तेजी से बदल रहे है शौर्यपथ समाचार द्वारा यह डाटा सरकारी आंकड़ो व अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी लिंक से एकत्रित किया गया है जो कि निरंतर बदलाव की स्थिति में है .
शौर्यपथ समाचार आम जनता और समानित पाठको से अनुरोध करता है कि परिवार के लिए आपका स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है . राज्य सरकारे और केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि जनजीवन सामान्य स्थिति में आये . शाब्दि की सबसे बड़ी विपदा में अपने व्यवहारऔर व्यापार का नियंत्रण रखे एवं शासन के हर विभाग जो कोरोना के जंग में मैदान में है उनका सहयोग करे .

रायपुर / शौर्यपथ / केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह के द्वारा करोना काल में सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार और गलत शब्दों के प्रयोग की निंदा करते हुए राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा ने कहा है कि मारपीट की धमकी देना और अधिकारी कर्मचारियों के साथ इस तरीके का दुव्र्यवहार करना केंद्रीय मंत्री पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। आज करोना से लड़ाई में सरकारी कर्मचारी अधिकारी डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस के जवान अग्रिम पंक्ति के सिपाही की भूमिका निभा रहे हैं।
करोना योद्धाओं के लिए धमकी की भाषा का प्रयोग करके रेणुका सिंह ने उजागर कर दिया है कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा का वास्तविक चाल चरित्र और चेहरा कैसा है ! छत्तीसगढ़ शांति प्रेम और सद्भाव का प्रदेश है और ऐसी हिंसक प्रवृत्ति का प्रदर्शन करने वाले नेताओं का छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोई स्थान नहीं है।

     दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव के मरीजों की संख्या एकाएक तेजी से बढऩे पर देश के दिग्गज कांग्रेसी नेता कांग्रेस महासचिव मोतीलाल वोरा ने चिंता जताई है। वोरा ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से चर्चा की और छत्तीसगढ़ में कोविड 19 का संक्रमण तेजी से फैलने पर टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के साथ जरूरी इलाज व स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने कहा। वोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कोविड 19 के संक्रमण से निपटने में त्वरित फैसले लेकर इसकी रोकथाम और नियंत्रण करने में सफल रही। हाल ही में दूसरे राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों को कोरोना पॉजिटिव होने की सूचनाएं मिल रही हैं। वोरा ने सभी प्रवासी श्रमिकों की जांच तत्परता से करने और कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पर्याप्त इलाज सुविधा उपलब्ध कराने कहा। वोरा ने कहा कि महामारी से बचने ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग की जाए। सिंहदेव ने वोरा को बताया कि राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार और टेस्टिंग की बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। वर्तमान में राज्य में कोरोना प़जिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 110 हो गई है। शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव के 40 नए मरीज मिले हैं। कोविड 19 के संक्रमण और इसकी रोकथाम के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। टेस्टिंग की सुविधा के साथ प्रतिदिन होने वाली जांच की संख्या बढ़ाई गई है।

शौर्यपथ

बेंगलुरु में बुधवार (मई 20, 2020) दोपहर करीब 1.30 मिनट पर एक रहस्यमयी और अजीबोगरीब आवाज सुनने को मिली, जिससे लोगों में दहशत फैल गई है। शहर के पूर्वी इलाकों में अजीबोगरीब आवाज ने वहाँ रह रहे लोगों को हैरत में डाल दिया है। इसके बाद से ही सोशल मिडिया पर इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

कुछ बेंगलुरु निवासियों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस क्षेत्र में एक तेज आवाज के साथ ही झटके भी महसूस किए गए। साथ ही घरों की खिड़कियाँ भी कुछ पलों तक हिलती रहीं।
कुछ एजेंसियाँ इस आवाज के बारे में पता करने में जुटी हैं। आशंका जताई जा रही हैं कि यह भूकंप की आवाज थी, या फिर किसी प्रकार के विमान की आवज। यहाँ तक कि लोगों ने इसे एलियंस के आने की सूचना तक बता दिया।
इस बारे में अभी कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है लेकिन कहा जा रहा है कि यह अजीबोगरीब आवाज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, कल्याण नगर, एमजी रोड, मराठाहल्ली, व्हाईटफील्ड, सरजापुर, इलेक्ट्रानिक सिटी से लेकर हेब्बागोडी तक सुनी गई। सुरक्षा एजेंसियाँ इस आवाज के स्रोत के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।
ह्वाइटफील्ड डिवीजन के DCP एमएन अनुचेत ने कहा कि पूर्वी बेंगलुरु में आज जो अजीब सी आवाज सुनी गई उस के स्रोत के बारे में पता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ह्वाइटफील्ड एरिया की तलाशी ली गई, लेकिन वहाँ पर किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने यह भी अनुमान लगाया कि यह भारतीय वायु सेना के एक सुपरसोनिक फाइटर जेट द्वारा बनाया गया एक सोनिक बूम था। कई लोगों ने यह भी कहा कि यह एक मिराज 2000 से पैदा हुई आवाज थी, और बताया कि आज सुबह से ही इस क्षेत्र पर जेट विमान उड़ रहे हैं।

सोनिक बूम
सोनिक बूम वह ध्वनि है जो तब उत्पन्न होती है, जब कोई वस्तु ध्वनि की गति से तेज चलती है। जब कोई सुपरसोनिक जेट ध्वनि की गति को तेज करता है और गुजरता है, तो यह एक प्रकार की ‘शॉक वेव्स’ यानी कम्पन तैयार करता है, जिस कारण बहुत तेज शोर पैदा होता है।

इस से उत्सर्जित लहरें घरों के आसपास की खिड़कियों और अन्य वस्तुओं को भी हिलाने में सक्षम होती हैं। यह बेशक एक डराने वाला अनुभव भी हो सकता है। यही वजह है कि कुछ लोगों ने इसकी भूकम्प जैसी घटना से तुलना की है।
कुछ लोग इसे एलियन से जोड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि एलियन विमानों से भी इसी तरह की आवाज आती है।

वहीं, रिपोर्ट्स के अनुसार, HAL ने अभी-अभी इस बात की पुष्टि की है कि इस गर्जना का उनसे कोई सम्बन्ध नहीं था। बेंगलुरु पुलिस फिलहाल वायु सेना के जवाब की प्रतीक्षा कर रही है कि क्या यह किसी उड़ान का नतीजा था। इस बारे में अभी तक जाँच जारी है।

भाजपा को देश कभी माफ नहीं करेगा
पूरे देश में उत्तर प्रदेश में और छत्तीसगढ़ में लगातार करोना आपदा को लेकर भाजपा केवल राजनीति कर रही है और गरीबों को मदद नहीं पहुंचाई जा रही है
उल्टा गरीबों को मदद पहुंचाने में भाजपा के नेता बाधा डालने में और नुक्ताचीनी करने में लगे हुए हैं
देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है
मोदी सरकार ने देश के मजदूर को मजबूर समझने की बड़ी भूल की है : कांग्रेस
गरीब मजदूर किसान मध्यमवर्ग छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योग धंधा करने वालों को मोदी सरकार हेय दृष्टि से देखती है

    रायपुर / शौर्यपथ / मोदी सरकार के मजदूर विरोधी रवैया पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश के मजदूर को मजबूर समझने की बड़ी भूल की है। दरअसल समाज के गरीब मजदूर किसान मध्यमवर्ग छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योग धंधा करने वालों को मोदी सरकार हेय दृष्टि से देखती है। जबकि यही वर्ग देश की अर्थव्यवस्था और देश का संचालन करते हैं।
त्रिवेदी ने कहा है कि सिर्फ 4 घंटे के नोटिस पर मोदी सरकार ने पूरे देश का लाक डाउन कर दिया। रेल, बस सब यातायात के साधन बंद कर दिये। लाखों मजदूर भाई और बहन सैकड़ों हजारों किलोमीटर का सफर तय कर थके हारे भूखे प्यासे बगैर राशन बगैर दवाई बच्चों को गोद में उठाए और थोड़ी बहुत जमा पूंजी सामान और लॉक डाउन के कारण हुआ कर्ज भी पीठ पर लादकर पांव में छाले लेकर जब अपने घर गांव वापस जा रहे हैं तो उनको घर पहुंचाने की जवाबदारी देश की सरकार की थी।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के निर्देश पर पूरे देश के मजदूरों का रेल किराया वहन करने के लिए सामने आई। उत्तर प्रदेश की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और उत्तर प्रदेश की बेटी प्रियंका गांधी और कांग्रेस के साथियों ने मिलकर 1000 बसों का इंतजाम किया। गाजीपुर बॉर्डर पर और नोएडा बॉर्डर पर ताकि पैदल थके हारे मजदूर भाई अपने-अपने घर गांव प्रदेश जा सके तो उत्तर प्रदेश की सरकार इस में रोड़ा अटका ने औरंगा डालने का काम कर रही है।
मजदूरों के बस मामले में भाजपा सरकारों की स्तर हीन राजनीति की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कडा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1000 बस मजदूरों के लिए निशुल्क मुहैया कराई लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसमें बेहद घटिया सियासत की है। 16 मई 2020 को प्रियंका गांधी जी ने आदित्यनाथ जी को लिखा और यह कहा कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे देश के अन्य प्रदेशों के मजदूर भी वापस जा रहे हैं सरकार की घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। देश में अभी तक 65 से अधिक मजदूरों की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है। बेसहारा प्रवासी मजदूरों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसे नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है, अनुमति दी जाए यह पत्र प्रियंका गांधी ने 16 मई को लिखा।
48 घंटे तक आदित्यनाथ मौन रहे एक शब्द नहीं कहा और 48 घंटे के बाद 18 मई को एक पत्र उनके एक सचिव ने लिखा और कहा कि मजदूरों के संदर्भ में हम आपके प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं आप ड्राइवरों की लिस्ट उनके फोन नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस दीजिए।
प्रियंका गांधी ने और कांग्रेस पार्टी ने इसका स्वागत किया और 18 मई को उसी दिन चंद घंटों के अंदर ईमेल के माध्यम से वह लिस्ट उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी गई और बकायदा पत्र लिखकर सूचित किया गया कि हम कल यानी 19 मई को बसों को बॉर्डर पर चलने को तैयार रखेंगे। 1096 बसों की सूची ईमेल के साथ अटैच की गई कुछ चालकों का दोबारा वेरीफिकेशन करके उनकी सूची भी कुछ घंटों में आप तक पहुंचा देंगे। 18 मई को यह पत्र लिखा गया और पूरा दिन निकल गया कोई जवाब आदित्यनाथ सरकार ने नहीं दिया।
रात 11:40 पर बुरी मंशा के साथ दुर्भावना के साथ निर्दयता के साथ राजनीति के साथ पक्षपात करते हुए संवेदनहीनता बरतते हुए रात को 11:40 पर अपर मुख्य सचिव ने चि_ी लिखा और कहा कि इन बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट ड्राइविंग लाइसेंस के साथ इन बसों को सुबह 10:00 बजे वृंदावन योजना लखनऊ में उपलब्ध कराइए।
रात को 11:40 पर 18 मई को पत्र लिख रहे हैं कि यह बसे लखनऊ में उपलब्ध कराई जाएं यह है संवेदनहीनता स्तर हीन राजनीति और घटिया राजनीतिक सोच। 2 घंटे के अंदर कांग्रेस पार्टी ने उनको पत्र लिखा और कहा कि अभी देर रात 11:40 पर ईमेल पर आपका पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें आपने 10:00 बजे लखनऊ में बसे हैंडोवर करने की अपेक्षा की है।
संकट में फंसे प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के विभिन्न सीमाओं में और खासकर दिल्ली उत्तर प्रदेश के बॉर्डर गाजियाबाद नोएडा जैसी जगहों पर मौजूद है यहां लाखों प्रवासी मजदूर हैं और मीडिया के माध्यम से इनकी विकट हालत को पूरा देश देख रहा है और ऐसे में 1000 खाली बसों को उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लखनऊ ले जाने का तुगलकी आदेश आदित्यनाथ सरकार ने दिया जिसका कोई औचित्य नहीं है।
2 घंटे में यह जवाब जब कांग्रेस ने दिया तो अगले दिन 11:05 पर जवाब आता है कि अच्छा अब लखनऊ मत भेजिए अब यह सारी बसें 500 नोएडा और 500 बसें गौतम बुध नगर में 12:00 बजे तक उपलब्ध करा दी जाए। 19 मई को 11:05 पर पत्र लिखकर 12:00 बजे तक 1000 बसे मांग रहे हैं और चार घंटे लगा रहे हैं कि बस का परमिट दीजिए सर्टिफाई करवाकर फिटनेस सर्टिफिकेट दीजिए बस का इंश्योरेंस दीजिए ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी दीजिए और यह सब 1 घंटे के अंदर इन बॉर्डर पर उपलब्ध कराएं।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि दरअसल भाजपा चाहती ही नहीं थी कि मजदूरों को यह सुविधा मिले और नंगे पांव चल रहे मजदूर बसों से कहीं जा सके। कांग्रेस ने फिर कहा कि कुछ बसे राजस्थान से आ रही हैं कुछ बसें दिल्ली से हैं यह सारी बसें 5:00 बजे तक हम उपलब्ध करा देंगे और यह एक ऐतिहासिक कदम होगा अगर उत्तर प्रदेश सरकार कांग्रेस के साथ मिलकर सेवा का यह कदम उठाएगी।
मोदी जी की रैलियों के लिए हजारों बसें उपलब्ध और साथ में खाना देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार गरीब साधारण मजदूर को सैकड़ों किलोमीटर नंगे पांव सालों के साथ बच्चों को कोख में उठा कर सामान पीठ में लादकर थके हारे भूखे प्यासे बगैर भोजन दवाई के अपने घर जाने के लिए मजबूर कर रही है और कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी की बसें उपलब्ध करा रही है तो यह भी भाजपा सरकार को स्वीकार नहीं है इससे ज्यादा शर्म की बात किसी भी राजनीतिक दल और सरकार के लिए हो ही नहीं सकती।
पहले दिन से प्रियंका गांधी जी ने कहा है कि यह बसें देना राजनीति का विषय नहीं हम कोई राजनैतिक फायदा नहीं उठाना चाहते हम सहयोग करना चाहते हैं 60 लाख लोगों के खाने के लिए हम अलग से इंतजाम 2 महीने में कर चुके हैं और 700000 लोग जो देश में अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं उनको उत्तर प्रदेश लाने और उत्तर प्रदेश में फंसे मजदूरों को देश के अन्य प्रदेशों में ले जाने का इंतजाम कांग्रेस पार्टी ने किया है हम हाथ से हाथ बटाना चाहते हैं आप चाहे तो बसों पर भाजपा का झंडा लगा ले इन बसों पर किसी की फोटो लगा ले लेकिन इन मजदूरों की मदद करें समय बर्बाद ना करें और अगर यह सब बच्चे खड़ी है तो इनका उपयोग कर लेंगे तो इसमें क्या नुकसान है कोई वोट पडऩे जा रहे हैं क्या कांग्रेस पार्टी मानवीय आधार पर यह मदद करना चाहती है।
बसें उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर खड़ी है लेकिन इन बसों को मजदूरों तक पहुंचने में भाजपा की सरकार बाधा डाल रही है। अगर भाजपा सरकार ने असहयोग नहीं किया होता तो इन 1000 बसों ने 10 चक्कर लगा लिए होते और अगर एक बस में 30 मजदूर भाई भी जाते तो 60 70 हजार मजदूर अपने अपने घर गांव पहुंच गए होते लेकिन मोदी और आदित्यनाथ असंवेदनशील निष्ठुर निर्दई बने हुए हैं उन्हें गरीबों की मजदूरों की तकलीफ से कोई सरोकार नहीं है।
त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा द्वारा पूरे देश में उत्तर प्रदेश में और छत्तीसगढ़ में लगातार करोना आपदा को लेकर केवल राजनीति की जा रही है और गरीबों को मदद नहीं पहुंचाई जा रही है उल्टा गरीबों को मदद पहुंचाने में भाजपा के नेता बाधा डालने में और नुक्ताचीनी करने में लगे हुए हैं देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है भाजपा को देश कभी माफ नहीं करेगा।

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