
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
० महापुरुषों के आड़ में भाजपाई सत्ता ने शासकीय कोष को लूटा : रूपेश दुबे
० महापौर की मजबूत पहल से अकेले पड़े पूर्व मुख्यमंत्री
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने विज्ञान महाविद्यालय का नाम राजनांदगांव जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कन्हैया लाल जी अग्रवाल के नाम पर रखे जाने के निर्णय पर राजनांदगांव के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विरोध को दुर्भाग्य जनक बताते हुए कहा कि भाजपा के पदाधिकारी खुले रूप से पाकिस्तान के झंडे लगाने का दुष्टकृत्य करते हैं उस पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मूकदर्शक बने बैठे रहे पर स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करने से नहीं चूके यह दोहरी भाजपाई मानसिकता का परिचायक है। मात्र अपनी राजनीतिक धरातल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे डॉ. रमन सिंह पर्यावरण तीर्थ के नाम पर जिले के भाजपा नेताओं को बौना दिखाने पैराशूट भाजपाई के माध्यम से चंदा उगाही और नौटंकी करने के बजाए अपने द्वारा लोकार्पित बर्बादी के मंजर ऑक्सीजन जोन की ही सुध ले लेते तो कुछ बात होती।
प्र्रवक्ता दुबे ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से रिक्त पार्टी भाजपा व उनके लोग भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के चाटुकार बने थे, गोडसे विचारधारा के होने के कारण भी वे सेनानियों के सम्मान व गरिमा को पहचानने नही पा रहे हैं। डॉ साहब ने तो मात्र अपने परिजन स्वार्थ के चलते विषय विहीन पदस्थापना कर विज्ञान महाविद्यालय को कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के रूप में परिवर्तित कर सत्ता का दुरुपयोग किये थे, उसी नाम विहीन कॉलेज को गरिमा देने राजनांदगांव नगर निगम की जुझारू नेतृत्व की धनी महापौर हेमा देशमुख की नेक सोच और महापुरुषों, वीर शहीदों और सामाजिक समरसता को ध्यान में रखते हुए शहर में जो नामकरण का पुनीत कार्य हुआ है, उस सभा मे उनके विधायक प्रतिनिधि, सांसद प्रतिनिधि भाजपा पार्षद दल ने भी सहमति दी, उसके बाद भी उनके विरोध से यह साबित हुआ कि राजनांदगांव में डॉ साहब अकेले हो गए इसीलिए बाहरी व्यक्ति का सहारा लेना बेबसी है। डॉ. रमन के मुख्यमंत्री कार्यकाल के एक वर्षीय वित्तीय वर्ष 2018-19 में तो महापुरुषों के नाम सत्ता का दुरुपयोग कर शासकीय राशि पर डाका डालने का काम किया है, जो गंभीर आर्थिक अपराध है जैसे महाराणा प्रताप की मूर्ति अनावरण पर पंडाल का खर्च 293335 रूपये अटल बिहारी वाजपेई जी के अस्थि विसर्जन के नाम पर पंडाल एवं लाइट का खर्च 381659 रु शिव गंगा आरती के पंडाल का खर्च 378756 रु यहां तक कि नवरात्र में पदयात्री सेवा हेतु पत्रकार संघ पंडाल 410800 रु और तो और राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त में 2189104 रु 26 जनवरी 1299416 रु पंडाल राशि के नाम पर जो खेल हुआ है वह इनके राष्ट्रीयपर्व, महापुरुषों एवं पत्रकार साथियों की आड़ में अपनी जेब भरने वाला अर्थिक अनियमितता है ऐसे में इनसे महापुरुषों, सेनानियों के सम्मान की कल्पना करना भी व्यर्थ है। डॉ. रमन सिंह में जरा भी नैतिकता है तो वह कन्हैया लाल अग्रवाल जी के नामकरण का विरोध करने के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व नेक पहल हेतु महापौर का आभार व्यक्त करें।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.