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- जिले में 15 जून से 10 जुलाई तक आठवें चरण के मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के साथ ही कुष्ठ खोज एवं राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान संयुक्त रूप से होगा संचालित
- कलेक्टर ने इस अभियान के लिए जिला स्तर एवं विकासखंड स्तर पर भी कन्ट्रोल रूम बनाने के दिए निर्देश
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान तथा मलेरिया उन्मूलन हेतु जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक संपन्न
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के साथ ही मलेरिया उन्मूलन के लिए जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक ली। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिले में 15 जून से 10 जुलाई तक आठवें चरण के मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के साथ ही कुष्ठ खोज एवं राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान संयुक्त रूप से चलाया जाना है। उन्होंने इसके लिए शत-प्रतिशत कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मलेरिया एवं डेंगू से बचाव के लिए जनजागरूकता अभियान चलाएं। सभी शासकीय कार्यालयों में कूलर एवं अन्य स्थानों में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए। स्कूल, आश्रम, छात्रावास सभी स्थानों में व्यापक स्तर पर साफ-सफाई अभियान चलाएं। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि डेंगू एवं मलेरिया से सुरक्षा के लिए इस बात का ध्यान रखें कि मच्छर न पनप सके। इसके लिए पानी का ठहराव न हो और घर के आसपास साफ-सफाई रखें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। उन्होंने नगर निगम से मलेरिया रोधी कीटनाशक दवा का छिड़काव करने कहा। कलेक्टर ने नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए 15 जून से 10 जुलाई मलेरिया मुक्त अभियान का आठवां चरण शुरू किया जा रहा है। जिसमें मलेरिया के मामलों को न्यूनतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त जिले के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वे दल द्वारा मलेरिया से बचाव के लिए जनसामान्य को जागृत कर मच्छरदानी के नियमित उपयोग के लिए प्रेरित करें। इस दौरान ग्रामों में घरों के आस-पास जमा पानी और नालियों में बीटीआई और जले हुए तेल का छिड़काव करने के लिए कहा। कलेक्टर ने इस अभियान के लिए जिला स्तर एवं विकासखंड स्तर पर भी कन्ट्रोल रूम का गठन कर अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक बसोड़ ने बताया की जिले के समस्त विकासखंड के 18 उपस्वास्थ्य केंद्र के 64 ग्रामों में 214 टीम के सदस्यों द्वारा घर-घर सर्वे कर मलेरिया, कुष्ठ एवं नेत्र रोग के बचाव एवं रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार कर लोगों में जागरूकता का कार्य किया जाएगा। साथ ही चिन्हांकित ग्राम के समस्त जनसमुदाय की नि:शुल्क मलेरिया, कुष्ठ संदेहास्पद मरीजों की जांच तथा नेत्र रोग रोगियों की पहचान कर समुचित उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। जिला सलाहकार श्रीमती संगीता पाण्डेय ने बताया की लक्षणविहीन रोगी से मलेरिया परजीवी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित करता है। लक्षण विहीन रोगी से मलेरिया परजीवी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित करता है। समुदाय से मलेरिया परजीवी को समूल नष्ट करने हेतु अभियान चलाकर मास स्क्रीनिंग गतिविधि किया जाएगा। अभियान के दौरान पॉजीटिव पाए गए रोगियों को पूर्ण उपचार देने से मलेरिया परजीवी को नष्ट किया जा सकता है। इसके साथ-साथ उन क्षेत्रों में रहने वाले सभी व्यक्तियों के द्वारा मच्छरदानी के नियमित उपयोग तथा मच्छर लार्वा स्रोत नियंत्रण गतिविधियों के क्रियान्वयन से संबंधित क्षेत्र को मलेरिया मुक्त किया जा सकता है। जिसके लिए शाम 7 बजे मितानिन द्वारा सिटी बजाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें चिन्हांकित ग्राम में सर्वे दल द्वारा आरडी किट से जाँच की जाएगी। जांच के दौरान मलेरिया पॉजीटिव व्यक्ति पाए जाने पर पर जांच कर सम्पूर्ण उपचार दिया जाएगा तथा सोर्स रिडक्शन की गतिविधि भी साथ-साथ की जाएगी। सभी पीवी एवं मिक्स मलेरिया पाए जाने पर रोगी का पूर्ण उपचार 14 दिवस तक पूर्ण करने के पश्चात 15 दिवस में रक्त पट्टी बना कर जाँच किया जाए। सभी पीएफ मलेरिया पाए जाने पर तीन दिवस तक रोगी का पूर्ण उपचार किया जाए तथा चतुर्थ दिवस में रक्त पट्टी बना कर जाँच किया जाए। जांची गयी रक्त पट्टी का क्रास चेक भी किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम डॉ. भूमिका वर्मा ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम व इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विविध जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिला स्तर पर विशेष स्वास्थ्य दल गठित कर संवेदनशील क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है। अस्पतालों में भी स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जा रहे हैं। मलेरिया के प्रकरण सामने आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है। तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार, अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप तोमर, नगर निगम आयुक्त श्री अभिषेक गुप्ता, एसडीएम राजनांदगांव श्री अरूण वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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