CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री यादव के प्रति जताया आभार
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव को धन्यवाद दिया है। यह टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व होगा। गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर होगा। इनमें आरक्षित वन 1254.586 वर्ग किलोमीटर, संरक्षित वन 1438.451 वर्ग किलोमीटर तथा राजस्व क्षेत्र 136.35 वर्ग किलोमीटर शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की जानकारी राष्ट्र को दी है। उन्होंने कहा कि भारत बाघ संरक्षण में नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है, इसी क्रम में हमने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं, और इसका बफर क्षेत्र 780.15 वर्ग किलोमीटर का है। यह इसे आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश में अधिसूचित होने वाला 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है।
भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव योजना में परिकल्पित संरक्षण के लिए परिदृश्य दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, नव अधिसूचित बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश में संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से सटा हुआ है, जो लगभग 4500 वर्ग किलोमीटर का परिदृश्य परिसर बनाता है। इसके अलावा, यह अभयारण्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य और पूर्व में झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।
छोटा नागपुर पठार और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित यह बाघ अभयारण्य विविध भूभागों, घने जंगलों, नदियों और झरनों से समृद्ध है, जो समृद्ध जीव विविधता के लिए अनुकूल हैं और इसमें बाघों के लिए महत्वपूर्ण आवास मौजूद हैं।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है। अकशेरुकी जीवों का प्रतिनिधित्व ज्यादातर कीट वर्ग द्वारा किया जाता है। कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें दोनों समूहों की कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ शामिल हैं।
इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.