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गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के अलावा अन्य उत्पादों का करें निर्माण
महिला स्वसहायता समूह बाड़ी में व्यवसायिक दृष्टि से सब्जियों का करें उत्पादन
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शासन की महत्वाकांक्षी योजनाएं गोधन न्याय योजना, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी तथा मनरेगा अंतर्गत कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की प्राथमिकता वाली योजना है जिन गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है वहां शत प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर विक्रय प्रारंभ होना चाहिए। शासन के जारी निर्देश के अनुसार सभी गौठानों में कार्य करें। कृषि विभाग द्वारा वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए लगातार प्रशिक्षण दिया जाए। गौठान में वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण में तेजी लाए।
उन्होंने कहा कि सभी गौठानों में गोबर खरीदी लगातार होनी चाहिए। इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक ग्राम सचिव को जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करनी होगी। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले सचिव पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिन गौठानों में वर्मी उत्पादन हो रहा है उनका लगातार विक्रय करें। बड़े किसान, उन्नत किसान तथा द्विफसल लेने वाले किसान को वर्मी कम्पोस्ट की खरीदी के लिए प्रेरित करें। शासकीय विभाग जिनकों वर्मी कम्पोस्ट की आवश्यकता है वे समूहों द्वारा निर्मित कम्पोस्ट का खरीदी करें। उन्होंने कहा कि गोबर का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के अलावा अन्य ऐसे उत्पाद बनाने में किया जाए जिसकी विक्रय आसानी से हो सके। जिन गांवों में गौठान नहीं है वहां स्थान का चिन्हांकन करें और इन स्थानों को मल्टीएक्टीविटी सेंटर के रूप में तैयार किया जाए। जहां पर महिला स्वसहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जुड़े कार्य कर सके।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि जिन गांवों में गौठान बने है वहां रबी के रकबे में वृद्धि होना चाहिए। मवेशी गौठान में रहे ताकि फसलों को चराई से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी गौठानों में स्वसहायता समूह को आर्थिक गतिविधियों से जोडऩा है। गौठानों को मल्टीएक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित करना है। इसके लिए गौठानों में शेड तैयार करें जहां महिला स्वसहायता समूह गौठान में रहकर ही कार्य करें। गौठानों में कार्य करने वाले समूह अपने आमदनी का कुछ हिस्सा रिवाल्विंग फंड में जमा करें। जिससे वे आगे के कार्यों के लिए सामग्री क्रय कर सके। जिससे उनकी गतिविधियां लगातार चलती रहे। कलेक्टर श्री वर्मा ने बाड़ी योजना के अंतर्गत इसके कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाड़ी में व्यवसायिक दृष्टि से सब्जियों का उत्पादन किया जाना चाहिए। जिससे महिला समूह की आमदनी में वृद्धि होगी। महिलाएं बाड़ी में सब्जियों का उत्पादन कर स्थानीय बाजार में विक्रय करें। उन्होंने स्वीकृत किए गए वनधन केन्द्र के निर्माण कार्यों के प्रगति की जानकारी लेकर जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इसका निर्माण हाट बाजार में हो जहां स्वसहायता समूह के माध्यम से वनोपज खरीदा जाए। इन केन्द्रों में वनोपज को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की जाए। उन्होंने मनरेगा के कार्यों की समीक्षा कर लक्ष्य के अनुरूप मजदूर बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत पंचायतों में स्वीकृत कार्य किए जाए। 100 दिन पूरा करने वाले मजदूरों की संख्या में वृद्धि करें। उन्होंने नरवा के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके अंतर्गत स्वीकृत हुए कार्य पूरे किए जाए। मनरेगा के अंतगत कुओ का निर्माण भी किया जाना चाहिए।
कलेक्टर वर्मा ने एनआरएलएम के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि महिला समूहों को आजीविका गतिविधियों से जोड़कर उनके आर्थिक विकास का कार्य करें। विभिन्न पंचायतों में व्यवसायिक परिसरों का निर्माण किया गया है, उनका उपयोग होना चाहिए। व्यवसायिक परिसर में स्थित खाली दुकानों का आबंटन किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा अनेक बीमा योजना चलाई जा रही हैं। जिसका लाभ हितग्राहियों को मिलना चाहिए। किसी व्यक्ति की मृत्यु या दुर्घटना होने पर बीमित राशि उन्हें प्राप्त होनी चाहिए। इसके लिए सभी अधिकारी प्रारूप तैयार कर जानकारी रखें और हितग्राहियों को लाभ पहुंचाए। जिन गांवों में बैंक नहीं है वहां बैंक सखी के माध्यम से राशि अंतरण का कार्य किया जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक करें जिससे बैंक में भीड़ नहीं होगी। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती तनुजा सलाम, अतिरिक्त सीईओ दिलीप कुर्रे, उप संचालक कृषि बीएस धु्रर्वे, सभी जनपद पंचायत के सीईओ, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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