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० स्कूल में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के दिए निर्देश
० कोविड-19 के दिशा-निर्देश के संबंध में कार्यशाला संपन्न
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा की अध्यक्षता में पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में भारत शासन एवं राज्य शासन के कोविड-19 के दिशा-निर्देश के परिपालन में आज प्राचार्य एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित की गई। कलेक्टर श्री वर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि मार्च 2020 से हम सभी कोविड-19 के कारण विषम परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। लंबे समय तक लॉकडाउन रहा और अब भारत शासन के निर्देशानुसार धीरे-धीरे संस्थाएं खुल रहे हैं। परिस्थितियां सामान्य नहीं हैं, इसके बावजूद बहुत सी संस्थाएं कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा के उपाय पर्याप्त हैं और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोविड-19 के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए स्कूल आरंभ करने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए शिक्षा विभाग को सजग रहना है और कड़ाई से प्रोटोकॉल का पालन करना है। नियमों को अपनाकर ही सब सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी एवं बुखार के लक्षण होने पर तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों एवं बीएमओ को सूचित करें। तीनों प्रकार के लक्षण होने पर आरटीपीसीआर की निःशुल्क जांच कराएं। कक्षा के दौरान जो बच्चे जिस टेबल पर बैठते हैं वह उसी टेबल पर बैठे। ऐसे में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करने में सुविधा होगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षक स्वयं को, बच्चों तथा स्टॉफ को कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रखें। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम तथा 330 हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूल के प्राचार्य एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक उपस्थित थे।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि प्राचार्य अपने स्कूल के बच्चों को परीक्षा के पहले अच्छे से प्रोत्साहित करें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाए ताकि बच्चे परीक्षा के लिए मानसिक रूप से स्वयं को तैयार कर सके। उन्होंने कहा कि कमजोर एवं औसत बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। सभी ने ऑनलाईन पढ़ाई की है। ऐसे में 10वीं एवं 12वीं के बच्चे बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाएं देते हैं, उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी संस्था के प्राचार्य एवं स्टॉफ को पढ़ाई आरंभ करने के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को स्कूल में समय पर आना चाहिए और लापरवाही एवं अनुशासनहीनता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक का पद सम्मानीय है। ऐसी स्थिति में विगत दिनों एक शिक्षक द्वारा की गई घटना सामने आई है जो नैतिक एवं चारित्रिक पतन को दर्शाती है। गुरू-शिष्य का संबंध मर्यादा एवं सम्मान का है और इसे कायम रखना चाहिए। हमारे धर्म ग्रंथों में गुरू को भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सभी प्राचार्यों से कहा कि स्कूल में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रति 5 विधानसभा में मोहला, छुरिया, गंडई, डोंगरगांव एवं डोंगरगढ़ में 5 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं। जिसकी राशि शीघ्र ही स्वीकृत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में फीस विनियामक समिति का गठन किया गया है। इसके नोडल अधिकारी बैठक लें और निर्धारित फीस की जानकारी सूचना पटल में चस्पा करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि लंबे समय के बाद स्कूल खुले हैं। सभी बच्चे एवं शिक्षक तथा स्टॉफ मास्क से अपने नाक और मुख को ढककर रखेंगे। सभी स्कूल स्टॉफ एवं शिक्षक को कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी बच्चे या शिक्षक का कोरोना पॉजिटिव आने पर उसके पूरे परिवार का कोविड-19 टेस्ट कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर पूरा परिवार संक्रमित होता है। सभी मास्क लगाकर आएंगे। समूह में नहीं रहेंगे, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करेंगे, हाथ नहीं मिलाना है, हाथ जोड़कर नमस्ते करेंगे। साबुन से हाथ धोना है और सेनेटाईजर का उपयोग करते रहेंगे। सभी बच्चे पानी की बोटल साथ लाएंगे और अपना टिफिन अलग लेकर आएंगे तथा एक दूसरे के साथ बांटकर नहीं खाएंगे। टेबल की सतह सेनेटाईज करेंगे। शौचालय में भी साफ-सफाई होनी चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने कहा कि कोविड-19 का पालन करते हुए बच्चों को सुरक्षित रखें एवं सोशल डिस्टेसिंग के मापदंण्डों का पालन करें। सुरक्षा के सभी उपायों का जतन करें। सर्दी, खांसी और बुखार के किसी शिक्षक या बच्चे को स्कूल में प्रवेश न करने दें और ऐसे मरीजों को परीक्षण के लिए निर्देशित करें। बच्चों की परीक्षा की तैयारी करना है और कम समय में बेहतर तैयारी के लिए यह जरूरी है कि भौतिकी, गणित, रसायन जैसे कठिन विषयों पर पहले ध्यान दें। पालकों की सहमति से अवकाश के दिन में बच्चों को कोचिंग भी दे सकते हैं। बच्चों के मन से पढ़ाई का डर हटाने के लिए यह जरूरी है कि बच्चों को अच्छी तरह पढ़ाई कराएं। इस अवसर पर सहायक परियोजना अधिकारी साक्षरता श्रीमती रश्मि सिंह, सहायक संचालक राज्य शिक्षा मिशन एसके पाण्डेय, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक भूपेश साहू, सहायक संचालक शिक्षा विभाग आदित्य खरे, सहायक संचालक शिक्षा विभाग श्रीमती संगीता राव सहित प्राचार्य, विकासखंड शिक्षा अधिकार एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।
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