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राजनांदगांव।शौर्यपथ / शासकीय कमला देवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनंादगांव में ‘वेल बीइंग ऑफ वुमन एण्ड फेमिली-पोस्ट कोविड-19’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन संपन्न हुआ। वर्चुअल मोड पर संचालित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रारंभ में संस्था प्रमुख डा. सुमन बघेल ने अपने स्वागत उद्बोधन में संगोष्ठी के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व व्यापी महामारी कोरोना के संकट काल में परिवार में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को सभी ने देखा, समझा और सराहा है। महिलाओं को सामाजिक परिसीमाओं में न बांधकर उसके व्यक्तित्व को मुखरित होने का अवसर मिलना चाहिए। कार्यक्रम का सफल संचालन महिला प्रकोष्ठ की कॉर्डिनेटर वरिष्ठ प्राध्यापक डा. हरप्रीत कौर गरचा ने किया। उन्होंने संगोष्ठी के प्रयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज जीवन के व्यस्ततम एवं भागमभाग भरे माहौल में सबसे ज्यादा प्रभावित होती है महिलाएं। वे कोविड पेंडेमिक पीरियेड में घर की विभिन्न गतिविधियां संचालित करते हुए अपनी ओर ध्यान नहीं दे पाती। उन्हें अपने खान-पान में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार का समावेश करना चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट वक्ता के रूप में पं. रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय रायपुर के महिला अध्ययन केंद्र की कोआर्डिनेटर एवं स्पोर्ट्स विभाग की विभागाध्यक्ष डा. रीता वेणुगोपाल ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 के क्रिटिकल पीरियेड में सबसे ज्यादा बर्डन घर की महिलाओं पर पड़ा, जिसका सीधा-सीधा प्रभाव उनके शारीरिक एवं व्यवहारिक स्वास्थ्य पर देखा गया। घर के बड़े बुजुर्गों एवं बच्चों के देखभाल की पूरी जिम्मेदारी उन्हें ही उठानी पड़ रही है। ऐसे में स्ट्रेस का सामना करते हुए वे कभी एग्रेसिव, तो कभी अकेलापन को झेलती रही। उन्होंने आगे कहा कि स्टे्रज को मैनेज करने की जानकारी होने पर वे घर के वातावरण में सौहार्द्रता स्थापित कर सकती है। चूंकि लॉक डाऊन के चलते जिम-गॉर्डन आदि बंद हो गये है। अतः घरों में ही व्यायाम एवं योगा करके अपने स्वास्थ्य को मेंटेन करना चाहिए। कार्यक्रम का दूसरी वक्ता शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय रायपुर की होम साइंस की प्राध्यापक डा. वासु वर्मा ने पेंडेमिक पीरियेड में डेली रूटीन ड्यूटिंग कोविड एवं पोस्ट कोविड स्टेटस में डाईट की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कोरोना संक्रमण के ट्रीटमेंट में इन्टीग्रेटेड थैरेपी पर जोर देते हुए कहा कि मेडिसीन, पौष्टिक आहार, आयुर्वेद, योग, मेडिटेशन एवं सकारात्मक सोच के सम्मिलित प्रयोग से कोरोना पर विजय पायी जा सकती है। इम्युनिटी बूस्टर डाईट से कोरोना रिकव्हरी में सहायता मिलती है। अतः अपने प्राचीन परंपरागत मेडिसिनल प्लांट्स एवं मार्डन थैरेपी को अपना कर जीवन रक्षा के उपाय पर फोकस करें। कार्यक्रम को हरियाणा के प्राध्यापक ने संबोधित करते हुए मातृशक्ति के स्वास्थ्य, शक्ति और सहनशीलता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में आई.क्यू.ए.सी. सेल के को-ऑर्डिनेटर डा. जयसिंह साहू ने महाविद्यालय परिवार द्वारा आपसी सहयोग से आयोजित वर्चुअल सेमीनार पर अपने विचार व्यक्त किये। आर्गेनाईजिंग सेक्रेटरी डा. निवेदिता लाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर डा. नीता नायर, आर्गेनाईजिंग सदस्य डा. बृजबाला उइके, डा. सीमा अग्रवाल, सह-संयोजक डा. जी.पी. रात्रे के साथ जूम एप पर एवं यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, मनेन्द्रगढ़, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव कोंडागांव, दंतेवाड़ा, जगदलपुर आदि स्थानों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी, प्राध्यापकगण, प्राचार्यगण, डाक्टर्स, इंजीनियर्स, सोशिलल एक्टीविस्ट एवं होम मेकर्स जुड़कर कार्यक्रम को सफल बनाने में सहभागिता निभाये, जिसके लिए महाविद्यालय परिवार ने उनका आभार माना। -------------------
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