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नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना एवं शासन की अन्य विभागीय गतिविधियों की भी ली जानकारी
दुर्ग / शौर्यपथ / जिले की विकास उपलब्धियों को देखने के लिए मीडिया की टीम बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर दुर्ग एवं पाटन ब्लाक के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण पर रही। यहाँ मीडिया की टीम ने जिले के विकास कार्यों के लिए शासन द्वारा की जा रही पहल को देखा। इनमें से मीडिया टीम के लिए सबसे आकर्षक जगह रही बेलौदी। यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गाँव है और यहाँ की झील में प्रवासी पक्षी आते हैं। इनमें से सबसे खास पक्षी हैं राजहंस जो मानसरोवर में नेस्टिंग करते हैं और तिब्बत से होते हुए माउंट एवरेस्ट को पार करते हुए हिंदुस्तान पहुंचते हैं और यहाँ बेलौदी भी इनके फ्लाई हाईवे में शामिल होता है जहाँ ये सुस्साते हैं ऊर्जा से भरकर आगे का सफर तय करते हैं। मीडिया टीम को इसके बारे में जानकारी तहसीलदार पाटन एवं बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट श्री अनुभव शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि यहाँ कुछ दिनों पहले राजहंस स्पाट किये गए। संस्कृत साहित्य में खंजन पक्षियों की काफी चर्चा है और सुंदर आँखों वाली की तुलना खंजन से करते हैं। यह पक्षी भी यहाँ तालाब में हैं। सुरखाब के जोड़े भी यहाँ पर मौजूद हैं जो काफी दुर्लभ पक्षी है।
जनसंपर्क अधिकारी सौरभ शर्मा ने बताया कि शासन ने इसे बर्ड वाचिंग परिक्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इससे इनके संवर्धन में काफी मदद मिलेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि थोड़ी दलदली भूमि होने के कारण पक्षियों को यहाँ काफी खुराक मिल जाता है। पहले यहाँ पेंटेंड स्टार्क कभी कभी आते थे, अब इन्होंने यहाँ स्थायी बसेरा बना लिया है। अभी स्नेक बर्ड ने प्रजनन किया है। साँपों की तरह का गला होने के कारण इन्हें स्नेक बर्ड कहते हैं।
गोधन के हितग्राहियों से मिले चंदखुरी गौठान में- मीडिया टीम ने दुर्ग ब्लाक के ग्राम चंदखुरी में गौठान देखा। यहाँ उन्होंने वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन होते देखा। वे गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों से भी मिले। सिंधुजा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती संतोषी देवांगन ने बताया कि हमारे गाँव ने गोधन न्याय योजना का बहुत अच्छा क्रियान्वयन हुआ है। गोबर विक्रेताओं को काफी आर्थिक लाभ हुआ है। स्व-सहायता समूहों के लिए भी यह योजना बहुत अच्छी है। इस अवसर पर पौधे का रोपण भी मीडियाकर्मियों ने किया। उन्होंने बताया कि हितग्राहियों को ट्रैक्टर और क्रशर के किश्त चुकाने में गोधन न्याय योजना की राशि काम आ रही है और वे सब बहुत खुश हैं।
66 एमएलडी प्लांट देखा- मीडियाकर्मियों ने 66 एमएलडी प्लांट भी देखा। यहाँ फिल्टर प्लांट से किस तरह से शुद्ध जल पूरे शहर में भेजा जाता है यह प्रक्रिया जानी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस प्लांट का लोकार्पण किया था।
देखी केसरा की बाड़ी- मीडिया टीम ने केसरा की बाड़ी भी देखी। यहाँ 11 समूहों की 65 महिलाएं सब्जी उगा रही हैं। यहाँ 30 एकड़ में सामुदायिक सब्जी लगाई गई है। एक सीजन में समूहों को लगभग 50 से 60 जार रुपए की आय हो रही है।
मोहल्ला क्लास का निरीक्षण भी किया- मीडिया टीम ने मोहल्ला क्लास का निरीक्षण भी किया। यहाँ उन्होंने पढ़ई तुंहर द्वार के अंतर्गत चल रही कक्षाओं का निरीक्षण किया। साथ ही बच्चों से चर्चा भी की।
गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह आयोजन के लिए अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रतिवर्ष की भांति गणतंत्र दिवस 26 जनवरी का आयोजन जिले में गरिमामयी एवं हर्षोल्लास के साथ जिला मुख्यालय स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन प्रात: 9 बजे से किया जाएगा। सभी शासकीय कार्यालयों में सुबह 8 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। गणतंत्र दिवस के आयोजन के लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों को महती जिम्मेदारी दी है। इसके अनुसार जिला आरक्षक बल, विशेष बल, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, होमगार्ड द्वारा परेड एवं सलामी ली जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कमाण्डेंट होमगार्ड एवं कामाण्डेट औद्योगिक सुरक्षा बल को जिम्मेदारी दी गई है।
गार्ड ऑफ आनर एवं कार्यक्रम स्थल में बेरिकेटिंग एवं बैठक व्यवस्था के लिए लोक निर्माण विभाग नगर निगम दुर्ग, वन मण्डलाधिकारी, अनुभागीय अधिकारी एवं नगर पुलिस अधीक्षक को दायित्व दिए गए हैं। कार्यक्रम स्थल में साफ सफाई, पेयजल, शौचालय सहित शामियाना, कुर्सियां, लाउडस्पीकर आदि की व्यवस्था के लिए नगर निगम दुर्ग को, विशिष्ट अतिथियों के लिए आवश्यक व्यवस्था के लिए लोक निर्माण विभाग को, कार्यक्रम स्थल में चबूतरा निर्माण, झण्डे आदि की व्यवस्था के लिए लोक निर्माण व रक्षित निरीक्षक को जिम्मेदारी दी गई है।
मंच सजावट के लिए उद्यानिकी विभाग को, विद्युत कनेक्शन, जनरेटर आदि की व्यवस्था के लिए नगर निगम एवं विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग को समारोह स्थल में प्रवेश द्वार में सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को, सम्मानीय अतिथियों की बैठक व्यवस्था के लिए प्रभारी अधिकारी प्रोटोकॉल, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ध्वजारोहण पश्चात् रंग बिरंगी गुब्बारे आसमान में छोडऩे के लिए उद्योग विभाग को दायित्व दिए गए हैं। मुख्य अतिथि का परेड निरीक्षण के लिए वाहन व्यवस्था हेतु पुलिस लाईन को मुख्यमंत्री का संदेश वाचन के लिए पुस्तिका की व्यवस्था के लिए जनसंपर्क विभाग को कार्यक्रम स्थल में उद्घोषक के लिए शिक्षा, पर्यावरण एवं अदिवासी विकास विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।
उल्लेखनीय कार्य करने वालों के सम्मान के लिए कार्यक्रम स्थल में आवश्यक व्यवस्था हेतु पुलिस अधीक्षक, जिला दण्डाधिकारी, विभाग प्रमुख, आदिवासी विकास एवं नेहरू युवा केन्द्र को दायित्व दिए गए हैं। कार्यक्रम का रेडियो एवं टी.वी. प्रसारण, समाचार पत्रों में प्रचार-प्रसार के लिए जनसंपर्क विभाग, आबकारी विभाग एवं नगर निगम दुर्ग-भिलाई को, प्रमुख चैक-चैराहों पर देशभक्ति गीत-संगीत के प्रसारण के लिए नगर निगम दुर्ग-भिलाई को, कार्यक्रम का विडियो एवं फोटोग्राफी के लिए जनसंपर्क विभाग एवं खनिज विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। महत्वपूर्ण स्मारकों की साफ-सफाई एवं माल्र्यापण की व्यवस्था के लिए नगर निगम दुर्ग-भिलाई, भिलाई इस्पात संयंत्र, सी.ई.ओ. जिला पंचायत एवं समस्त नगरीय निकाय को दायित्व दिए गए हैं।
पंचायत स्तर पर निर्मित जय स्तंभों की साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए पंचायत विभाग एवं जनपद पंचायतों को नगरीय निकाय क्षेत्र में नगर की साफ सफाई के लिए नगरीय निकायों एवं भिलाई इस्पात संयंत्र को, मुख्य समारोह में पार्किंग व्यवस्था के लिए यातायात विभाग को, कार्यक्रम स्थल में मेडिकल सुविधा के लिए चिकित्सा विभाग को, अग्निशमन यंत्र के लिए कमांडेट होम गार्ड को, आमंत्रण पत्रों का मुद्रण एवं प्रोटोकॉल अनुसार वितरण के लिए सी.ई.ओ. जिला पंचायत, वरिष्ठ लिपिक शाखा, प्रोटोकॉल शाखा को जिम्मेदारी दी गई है।
ओवेरियन सिस्ट रिमूवल, हिस्टरएक्टोमी एवं एक एमरजेंसी सिजेरियन ऑपरेशन
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयास रंग लाने लगे हैं। अब ग्रामीण अंचलों के शासकीय अस्पतालों में भी मुश्किल सर्जरियाँ होने लगीं हैं, जिनके लिए कल तक बड़े अस्पतालों पर निर्भरता थी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में दुर्ग जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य के केंद्रों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में दिनांक 19 जनवरी को 3 मेजर ऑपरेशन किए गए, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी विधि से ओवेरियन सिस्ट रिमूवल, हिस्टरएक्टोमी एवं एक एमरजेंसी सिजेरियन ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ।
चिकित्सकीय टीम में डॉ. कृष्ण कुमार डेहरिया स्त्री रोग विशेषज्ञ सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. अजय सिंह ठाकुर, डॉ. सीडी दीवान सर्जन, स्टाफ नर्स शिव कुमारी दुबे, एकता सैमुअल, रीना बंछोर, जितेंद्र निर्मलकर रेखा कन्नौजे आदि ऑपरेशन दल के सदस्यों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । विकास खंड चिकित्सा अधिकारी एवं स्वामी आत्मानंद शासकीय चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा ने बताया की क्षेत्र की जनता को चिकित्सा सुविधा एवं सेवाएं देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें कम दूरी में ही गुणवत्तापूर्ण सुविधा एवं सेवाएं दे सकें। इस उद्देश्य से शासन द्वारा अस्थि रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना की गई है, डॉ. अरुण कटारे अस्थि रोग विशेषज्ञ की सेवाएं भी मिल रही हैं। विगत दिनों अस्थि रोग से संबंधित इलाज प्रारंभ किया गया है, इसमें फ्रैक्चर माइनर, अस्थि रोग सर्जरी एवं स्किन ग्राफ्टिंग भी की गई है, आगामी समय में विकासखंड पाटन में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के विस्तार की प्लानिंग की जा रही है।
क्षेत्र की जनता को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना एवं आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुश्री प्यूली मजूमदार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन पहुंचकर चिकित्सक की टीम की सराहना की एवं ऑपरेशन से लाभान्वित हुए हितग्राहियों से मुलाकात उनका कुशल क्षेम पूछा एवं जल्द स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं दी।
दुर्ग / शौर्यपथ / नगर निगम भिलाई के महापौर देवेंद्र यादव के पांच साल पूरे हो गए हैं। इन पांच सालों में महापौर देवेंद्र यादव ने भिलाईवासियों से किए अपने वादे को पूरा किया। जनता की उम्मीदों पर खरे उतरे। हर वार्ड में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण के लिए कई बड़े काम कर भिलाई के इतिहास में विकास की एक नई गाथा लिखने में सफलता प्राप्त किए हैं।
यह हम नहीं कह रहे बल्की यह शहर में हुए विभिन्न विकास कार्य खुद अपने विकास की कहानी बता रहे हैं। शहर की जनता के फिटबैग और निगम प्रशासन से मिले विकास कार्यों के दस्तावेजों में जानकारी प्राप्त हुए है। महापौर देवेंद्र यादव के महापौर बनने के बाद भिलाई में कई ऐसे विकास कार्य भी हुए है, जिस पर पिछले महापौर व विधायकों ने कभी सोंचा भी नहीं था। लेकिन महापौर देवेंद्र यादव ने अपने सोंच और कर्मठता से उन कामों को पूरा कर दिखाया है। आइए हम आप को बताते हैं वे कौन से विकास कार्य हैं। जनता और नेताओं के बीच की दूरी को खत्म करने का प्रयास किया है। एक बेहतर संवाद महापौर के रूप में भिलाई की जनता से बनाने का प्रयास किया है। शहर के विकास के लिए जो भी कार्य कर पाया हूं वह शहर के हर नागरिक के आर्शीवादए सहयोग और भरोसे के कारण कर पाया हूं। आने वाले समय में नगर पालिक निगम का महापौर नहीं रहूंगा लेकिन आपके बीच में इसी सक्रियता के साथ भिलाई के हित में कांग्रेस पार्टी का झंडा बुलंद कर आपके बीच में काम करता रहूंगा।
महापौर का नल कनेक्शन योजना
पहले गरीब लोग नल कनेक्शन नहीं ले पाते थे। क्योंकि उन्हें 6 हजार से 6 हजार 500 रुपए कनेक्शन फीस एक साथ जमा करना पड़ता था। जो गरीबों के लिए बड़ी बात थी। लेकिन महापौर देवेंद्र यादव ने नई योजना शुरू की और मात्र 100 रूपए की किश्त में नया नल कनेक्शन लगाने की योजना शुरू की। इस योजना के शुरू करने के बाद से अब तक 50 हजार घरों में नया कनेक्शन लगया जा चुका है और अभी 4 से 5 हजार घरों में कनेक्शन देने का काम चल रहा है।
देश के सबसे स्वच्छ शहरों में 11 वें नंबर पर हमारा भिलाई
स्वच्छ भारत मिशन में भी महापौर देवेंद्र यादव की दूरदर्शिता और बेहतर प्लानिंग ने शहर को एक नए मुकाम में पहुंचाया। पूरे देश के 4 हजार से अधिक शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण हुआ है। जिसमें हमारा भिलाई महापौर देवेंद्र यादव के प्रतिनिधित्व में तेजी से आगे बढ़ता गया और महापौर ने अपने प्रयासों से शहर को 11 वें नंबर पर ले आए। इसके लिए केंद्र सरकार ने शहर को एवार्ड भी दिया। तीन वर्षो से नगर निगम भिलाई को राष्ट्रिय पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ।
इंग्लिश मिडियम स्कूल
भिलाई के महापौर पूरे प्रदेश के पहले महापौर हैं, जिन्होंन सरकारी इंग्लिश मिडियम स्कूल खोलने का सपना देखा। ताकि शहर के वे गरीब परिवार जो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ा सकते। उनके बच्चों को भी प्राइवेट स्कूल की तरह बेहतर शिक्षा -दीक्षा और सुविधा मिलने। इस सपने को साकार करने बीजेपी के प्रदेश सरकार कार्यकाल में जी तोड़ मेहनत की और अंतत: उन्हें सफलता मिली। उनके इस प्रोजेक्ट को बीजेपी के पूर्व सरकार ने भी सराहा और भिलाई सबसे पहला सरकारी इंग्लिश मिडियम स्कूल खुर्सीपार और भिलाई सेक्टर 6 में खोला गया है।
स्मार्ट स्कूल योजना
महापौर देवेंद्र यादव ने शहर में निगम क्षेत्र में संचालित स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने का प्रयास किया। 127 शासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई। 27 शास्कीय स्कूलों में डिजिटल क्लास रूम, कंप्यूटर लैब और सीसीटीवी कैमरे, बच्चों बेहतर शोध कर सकें, इसके लिए विज्ञान लैब भी खोले गए। क्लासिफाइड और प्रशिक्षित टीचर्स, फर्निस्ड एवं इको फ्रेंडली क्लास रूम डिजिटल क्लास रूम, ई.लाइब्रेरी, आधुनिक केमिस्ट्री एवं फिजिक्स लैब, ई क्लास रूम की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।
हर घर पानी पहुंचाने का काम
करीब 242 करोड़ की लागत से अमृत मिशन फेस 2 का काम पूरा कराया और आज शहर के हर घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है। खुर्सीपार, छावनी एरिया में कैमिकल पानी से लोगों को निजात मिला और सभी को शुद्ध पानी मिल रहा है। इसके लिए 12 नई ओवर हेड टंकियों का निर्माण कराया गया। 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट के अलावा नई फिल्टर प्लांट 66 एमएलडी बनाई गई। 41 किमी क्लियर वाटर राइजिंग लाइन बिछाई गई है। टंकियों से वार्डों तक पानी आपूर्ति के लिए 227 किमी पाइप लाइन बिछाई गई है।
बेस्ट सेल्फ -सस्टेनेबल सिटी अवार्ड
महापौर देवेंद्र यादव के प्रयासों से 2020 में भिलाई शहर को बेस्ट सेल्फ . सस्टेनेबल सिटी अवार्ड भी मिला है। निगम को खुले में शौच मुक्त के मामले में भिलाई को ओडीएफ डबल प्लस का सम्मान मिला। शहर में 166 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय बनाएं गए। 2 आधुनिक शौचालय का निर्माण और 17929 निजी शौचालय का निर्माण भी महापौर देवेंद्र यादव के कार्यकाल में पूरा हुआ है। जो अपने आप में एक नया रिकार्ड है।
भिलाई के पटरीपार क्षेत्र को बनाया खेलगढ़
युवा महापौर देवेंद्र यादव खेल प्रेमी है और खुद भी खिलाड़ी है। इसलिए खेल प्रेमियों की भावनाओं को अच्छे से समझते है। जब उन्होंने देखा कि खुर्सीपार, छावनी, सुपेला सहित पटरीपार इलाके में रहने वाले बच्चे और युवाओं में भी खेल प्रेम की भावना है। गजब का टैलेंट है। तब महापौर यादव ने सभी खिलाडिय़ों के टैलेंट को तराशने और उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास किया। इसके लिए उन्हे बेहतर सुविधा और खेल शिक्षा देेने का प्रयास किया। इसके लिए 1करोड़ 37 लाख की लागत से डॉ वासुदेव चंद्राकर क्रिकेट स्टेडियम निर्माण कराया। डेढ़ करोड़ की लागत से खुर्सीपार क्रिकेट स्टेडियम में खेल एकेडमी शुरू की जा रही है। 1.5 करोड़ सेक्टर 2 फुटबॉल ग्राउंड, खुर्सीपार में 3 करोड़ की लागत से इंडोर स्टेडियम। डेढ़ करोड़ की लागत से श्रीराम चौक क्रिकेट स्टेडियम खुर्सीपार में बनाया गया।
आप सबके प्यार और दुलार से सेवा
महापौर देवेन्द्र यादव ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में निरंतर हर रोज, हर घंटे मिनी भारत भिलाई के विकास के लिए और सर्व समाज के हित के लिए पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से कार्य किया है। मेरे जीवन और कांग्रेस पार्टी के महापौर के रूप में पांच साल के कार्यकाल का हर एक दिन की उपयोगिता सुनिश्चित हो और हर घंटे जनता के लिए कुछ न कुछ कर सकुं। इसी भावना के साथ भिलाई की भलाई के लिए काम किया है। निश्चित रूप से राजनीति में कोई भी पद हमेशा के लिए नहीं होता। इस बात का ध्यान रखकर कार्य किया है कि मुझे जो अवसर मिला है। समय के साथ यह अवसर किसी और को मिलेगा। निश्चित रूप से इस अवसर पर मेरी जो जिम्मेदारी है कि मैं शहर के विकास के लिए ऐसा कार्य करके जाऊं कि जो आने वाले दशकों तक जनता के काम आए और साथ ही भिलाई के युवाओं के मन में स्वच्छ राजनीति के विचार हमेशा के लिए अलख जलती रहे। इन्ही भावनाओं के साथ निरंतर कार्य किया है।
धमतरी / शौर्यपथ / पिछले लगभग एक साल से कोविड-19 नामक अज्ञात शत्रु से भारत सहित पूरा विश्व जद्दोजहद कर रहा है। इसके संक्रमण की चपेट में आए अनेक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। गर्व की बात यह है कि भारत उन देशों में शुमार है, जिसने लम्बे परीक्षण के उपरांत कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कोविशील्ड नामक टीके की सफलतापूर्वक खोज अल्प अवधि में ही पूरी कर ली। देश, प्रदेश सहित जिले में भी इसके प्रारम्भिक चरण का टीका 16 जनवरी से लगाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. डी.के. तुर्रे ने बताया कि जिले में कोविशील्ड के 3400 नग वाॅयल की पहली खेप शुक्रवार को पहुंच गई तथा शनिवार से इसकी शुरूआत खुद को टीका लगवाकर की। उन्होंने बताया कि शनिवार के बाद सोमवार से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों (प्रथम पंक्ति के कोरोना वाॅरियर्स) को इसका टीका लगाया जा रहा है।
इसका दूसरे चरण का टीका एक माह बाद उसी दिवस को लगाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी बताया कि यह देखने में आ रहा है कि इसे लेकर अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं, जो निर्मूल व निराधार हैं। डाॅ. तुर्रे ने स्वयं का अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह टिटनेस के टीके के समान ही है, अब तक टीकाकरण करा चुके किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी किसी तरह की समस्या अथवा टीका का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे कोविशील्ड सामान्य वैक्सीन ही है, जबकि इसे लगाने से पहले संबंधित व्यक्ति का सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है जिसमें उपयुक्त पाए जाने पर ही उसे वैक्सीन लगाई जाती है।
उल्लेखनीय है कि जिले में कोविड-19 का टीका 16 जनवरी से अब तक 880 के लक्ष्य के विरूद्ध 500 स्वास्थ्य कर्मचारियों यानी 57 प्रतिशत से अधिक को टीका सुरक्षितपूर्ण ढंग से लगाया जा चुका है। जिला अस्पताल के अलावा 18 जनवरी से नगरी विकासखण्ड के ग्राम बेलरगांव, दुगली, केरेगांव में, मगरलोड विकासखण्ड में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मगरलोड, कुरूद विकासखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरूद तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिर्री, धमतरी विकासखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुजरा और धमतरी क्रिश्चियन हाॅस्पिटल (डीसीएच) में कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हंै। जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. संजय वानखेड़े ने बताया कि उन्होंने प्रथम दिन ही टीका लगवाया और टीकाकरण के उपरांत किसी प्रकार की स्वास्थ्यगत समस्या या लक्षण अब तक परिलक्षित नहीं हुए हैं।
डाटा एंट्री आॅपरेटर गिरीश देवांगन ने टीका लगवाने के बाद बताया कि पूर्व में इसे लेकर थोड़ी शंका थी, लेकिन इसे लगवाने के 72 घण्टे के बाद भी किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव सामने नहीं आया है। जिला अस्पताल की सफाई कर्मी श्रीमती मोतिन बाई ने कहा- ‘हम जैसे चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का भी टीकाकरण कराया गया, इसके लिए शासन का बहुत-बहुत आभार। टीका लगने के बाद भी मैं पहले जैसे ही पूरी ऊर्जा के साथ काम कर पा रही हूं, वह भी बिना किसी दर्द या शारीरिक परेशानी के।‘ इस तरह स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वाॅरियर्स उक्त वायरस से लड़ते हुए अपने दायित्वों को निर्वहन करने पूरी तत्परता से टीकाकरण अभियान से जुड़ रहे हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में झिझक को काम करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आश्वस्त किया है कि वैक्सीन सुरक्षा एवं असर के तमाम आंकड़ों पर खरी उतरी है जिसके बाद ही सरकार द्वारा इसके प्रयोग की अनुमति प्रदान की गयी है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने वैक्सीन के सुरक्षित होने एवं इसकी प्रभावशीलता से सम्बंधित आंकड़ों की जांच के उत्कृष्ट नतीजों के आधार पर ही वैक्सीन को मंजूरी दी है उसके बाद ही विभाग द्वारा वैक्सीनेशन आरम्भ किया गया है। कोरोना की वैक्सीन लगवाना स्वैच्छिक है हालांकि स्वयं की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन की दो डोज आवश्यक है ।
ड्रग नियामक द्वारा कठिन जांच के बाद ही मिलता है वैक्सीन प्रयोग का लाइसेंस
आम लोगों पर किसी भी वैक्सीन के प्रयोग से पहले वैक्सीन कंपनी द्वारा किये गए समस्त परीक्षणों की जांच ड्रग नियामक द्वारा की जाती है जांच के परिणाम उत्साहवर्धक होने के पश्चात ही दवा कंपनी को वैक्सीन के प्रयोग का लाइसेंस प्रदान किया जाता है इसलिए सभी लाइसेंस प्राप्त कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावकारी है।
देश में शुरू की गई कोरोना वैक्सीन उतनी ही प्रभावी है जितनी अन्य देशों द्वारा विकसित वैक्सीन वैक्सीन का परीक्षण के विभिन्न चरणों से इसकी सुरक्षा और प्रभाव कार्य सुनिश्चित किया है , स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है । स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया है वैक्सीन की प्रभावशीलता और कोरोना के प्रति एंटीबाडी विकसित होने के लिए वैक्सीन के दो डोज लेना अति आवश्यक है। वैक्सीन का प्रथम डोज लेने के 4 हफ्ते या 28 दिन बाद ही इसका दूसरा डोज दिया जाएगा। आमतौर पर कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के 2 सप्ताह बाद कोरोना के प्रति एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो जाता है। इसलिए वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क लगाना, शारीरिक दूरी रखना एवं नियमित अंतराल के बाद हाथ धोना आवश्यक है।
सरकार ने इसके लिए सबसे पहले उच्च जोखिम वाले समूह को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए चयनित किया है। इसमें हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल है। वहीँ दूसरे समूह में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति तथा वह लोग जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित है को यह वैक्सीन उपलब्ध करायी जायेगी। इसके बाद अन्य सभी जरूरतमंद को भी वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी।
कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति को भी वैक्सीन लगवाना है आवश्यक
अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने के बाद सही हो चुका है इसके बाद भी उसको वैक्सीन की दोनों डोज लेना आवश्यक है क्योंकि वैक्सीन उसके शरीर में एक मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र को विकसित करने में मदद करेगा। वहीँ संक्रमित व्यक्तियों को लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद तक वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए क्योंकि वह वैक्सीनेशन स्थल पर दूसरों में वायरस फैला सकता है।
अगर टीकाकरण के बाद कोई असुविधा या बेचैनी महसूस होती है तो निकटतम स्वास्थ्य अधिकारी एएनएम या मितानिन को सूचित करें । करोना अनुरूप व्यवहारों का पालन याद रखें जैसे कि मस्क पहनना, हाथ की सफाई और शारीरिक दूरी को बनाए रखना जो कम से कम 6 फीट या दो गज की हो, भी जरूरी है । जैसा अन्य वैक्सीन के साथ होता है कुछ व्यक्तियों में सामान्य प्रभाव हल्का बुखार हो सकता है राज्यों को कोरोना वैक्सीनेशन से संबंधित किसी भी दुष्प्रचार से निपटने के लिए कठोर व्यवस्था करना के लिए कहा गया है ।
कोई व्यक्ति कैंसर मधुमेह उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है या ऐसे एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्ति को उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जाता है।उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन कराने की आवश्यकता है । वैक्सीन की सीमित आपूर्ति के कारण हेल्थ केयर प्रोवाइडर एवंफ्रंटलाइन श्रमिकों के परिवारों कोप्रारंभिक चरणमें कवर न करते हुए उनको अन्य चरणों में कवर किया जायेगा।
जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / बिलासपुर संभाग के कमिश्नर डाॅ संजय अलंग ने आज जिला भ्रमण के दौरान सऱखों के धान उपार्जन केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने खरीदे गए धान की आद्रता की जांच अपने सामने करवाकर संतुष्टि जाहिर की। उन्होंने समिति के पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार की गई व्यवस्था के अनुसार ही धान खरीदी संपादित करें। उन्होंने कहा कि जांजगीर-चांपा जिले में 93 प्रतिशत से अधिक की धान खरीदी पूरी हो गई है, शेष धान खरीदी में भी सावधानी बरतें।
कमिश्नर ने समिति प्रबंधकों से चर्चा करते हुए कहा कि समिति केवल धान खरीदी तक ही सीमित ना रहें। समिति के द्वारा अन्य व्यवसायिक गतिविधियां भी प्रारंभ करे जिससे समिति आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सके। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि समिति बकरी पालन, सब्जी उत्पादन जैसे अधिक लाभ वाले व्यवसाय में रुचि लें। निरीक्षण के दौरान धान उपार्जन केंद्र परिसर पर स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना भी की।
कलेक्टर ने अवगत कराया कि जिले में 93 प्रतिशत से अधिक की धान की खरीदी हो गई है। सरकार के निर्देशानुसार टोकन व्यवस्था बनायी गयी है। जिसमें छोटे किसानों को प्राथमिकता के आधार पर पहले टोकन जारी किया जा रहा है। धान की सुरक्षा के संबंध में भी निर्देशित कर कैप कव्हर, डबल लेयर तिरपाल आदि की व्यवस्था करवाई गई है। धान उठाव एवं बारदान की उपलब्धता पर भी सतत निगरानी रखी जा रही है। निरीक्षण के दौरान डिप्टी कमिश्नर सुश्री अर्चना मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ श्री गजेंद्र सिंह ठाकुर, खाद्य अधिकारी श्री अमृत कुजूर, एसडीएम श्रीमती मेनका प्रधान, सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी श्री अश्वनी पांडे, पंजीयक श्री जायसवाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जांजगीर - चांपा / शौर्यपथ / कमिश्नर से चर्चा के दौरान त्रिवेणी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती बबीता विश्वकर्मा ने राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस योजनाओं से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। महिलाएं अब केवल रसोई घर तक सीमित नहीं है। चूल्हा चैका के अलावा भी परिवार की आर्थिक रूप से मददगार साबित हो रही है। महिलाओं को शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उनका आत्म सम्मान बढ़ा है। समिति के पदाधिकारियों की मांग पर कमिश्नर के निर्देश पर कलेक्टर ने तत्काल सिलाई मशीन स्वीकृति दी।
निरीक्षण के दौरान डिप्टी कमिश्नर सुश्री अर्चना मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ श्री गजेंद्र सिंह ठाकुर, एसडीएम श्रीमती मेनका प्रधान, सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी श्री अश्वनी पांडे, पंजीयक श्री जायसवाल जिला खाद्य अधिकारी श्री अमृत कुजुर सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / बिलासपुर संभाग के कमिश्नर डाॅ. संजय अलंग ने आज जिला भ्रमण के दौरान बलौदा ब्लॉक के औराईकला आदर्श गौठान का निरीक्षण किया एवं वहां संलग्न महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यो से चर्चा की। कमिश्नर ने समूहों के द्वारा संचालित गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अधिक लाभ वाले व्यवसाय में भी संलग्न रहे। व्यवसाय विस्तार व स्वयं के आर्थिक उन्नति पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों से कहा कि समिति के सदस्यों को शासन की योजना के तहत निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। प्रशिक्षण से ही गतिविधियां बेहतर ढंग से संपादित की जा सकेगी।
कमिश्नर ने मशरूम उत्पादन केंद्र, मछली पालन केंद्र, वर्मी कंपोस्ट, गोबर गैस प्लांट, कुक्कुट पालन, सब्जी बाड़ी आदि का निरीक्षण किया। परिसर में लगाए गए फलदार पौधों की प्रशंसा की। उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा कि कम लागत और अधिक आमदनी के लिए बकरी पालन जैसे व्यवसाय में रुचि लें। ऐसे व्यवसाय से आर्थिक उन्नति होगी। इसके लिए शासन की योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा। शासन की योजना के तहत कमनी राईस मील, तेलघानी मशीन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। पात्रता अनुसार इन योजनाओं का भी लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते है।
जांजगीर-चाम्पा / शौर्यपथ / कलेक्टर यशवंत कुमार केे मार्ग निर्देशन में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में पंजीकृत 1,88,425 कृषकों में से अब तक लगभग 1,77,965 किसानों से लगभग 7,68,567.12 मे.टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। गत वर्ष इसी अवधि में 1,25,892 किसानों से 5,80,135.89 मे.टन धान का उपार्जन किया गया था। इस प्रकार गतवर्ष की तुलना में अब तक लगभग 42 प्रतिशत अधिक कृषकों से धान का उपार्जन किया जा चुका है।
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में अब तक लगभग 95 प्रतिशत पंजीकृत कृषक अपने धान का विक्रय कर चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी हेतु निर्धारित अंतिम तिथि तक जिले के शेष किसानों से धान उपार्जन की प्रक्रिया जारी रहेगी। जिले में धान बेचने वाले कृषकों को विक्रय किये गये धान के एवज में अब तक 14.36 करोड़ रूपये से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु जिले में कुल 1,88,425 किसानों का पंजीयन किया गया, जो गतवर्ष पंजीकृत कृषक संख्या 1,73,239 की तुलना में लगभग 15,186 अधिक है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जिले में कुल 2,20,302.96 हेक्टेयर धान के रकबे का पंजीयन किया गया है, जो गतवर्ष पंजीकृत रकबे 2,19,606.90 हेक्टेयर रकबे की तुलना में लगभग 696.06 हेक्टेयर अधिक है। इस वर्ष गिरदावरी के माध्यम से जिले में लगभग 20,226 नवीन किसानों के 14,059.06 हेक्टेयर नवीन रकबे का भी पंजीयन किया गया है।
धान उपार्जन के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध - जिला खाद्य अधिकारी
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में 8 लाख मे.टन धान का उपार्जन अनुमानित है। उक्त अनुमान के विरूद्ध जिले में अब तक लगभग 0.30 लाख मे.टन धान का उपार्जन किया जाना शेष है। उक्त शेष धान के उपार्जन हेतु लगभग 1,550 गठान बारदानों की आवश्यकता होगी, जिसके विरूद्ध पर्याप्त (2900 गठान) बारदाने की व्यवस्था् जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित कर ली गई है। पीडीएस दुकानों से अतिरिक्त बारदानों की आपूर्ति करने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत माह फरवरी 2021 के खाद्यान्न् आबंटन का वितरण माह जनवरी में किया जा रहा है। इस प्रकार जिले में शेष खरीदी हेतु आवश्यक बारदानों की शतप्रतिशत उपलब्धता जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जा चुकी है।
उपरोक्ता व्यवस्था के बावजूद यदि किसी समिति में बारदानों की आवश्यकता उत्पन्न होती है, तो इस हेतु किसान के बारदानों में धान खरीदी की अनुमति भी राज्य शासन द्वारा प्रदाय की गई है। इस प्रकार जिले में धान खरीदी हेतु बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था है। धान खरीदी हेतु जितने बारदाने की आवश्याकता है उससे अधिक बारदाने जिले में उपलब्ध हैं। धान बेचने हेतु शेष बचे कृषकों से आग्रह है कि वे समितियों में आकर अपने धान का विक्रय करें।