September 09, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

- विधायक ने भी लगाए जयकारे
रिसाली/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम रिसाली के तत्वधान में शहर की महिलओं ने बुधवार की शाम रैली निकाली। वे पहले एक दूसरे के माथे पर सिंदुर का तिलक की। इसके बाद हाथों में तिरंगा लेकर दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, आयुक्त नगर पालिक निगम रिसाली मोनिका वर्मा के नेतृत्व में रैली निकाली।
महिलाओं ने रैली तिरंगा के सम्मान में निकाली। आॅपरेशन सिंदुर के सफल होने पर दशहरा मैदान में महिलाओं ने आपस में सिंदुर का तिलक की। इसके बाद विधायक के नेतृत्व में रैली भारत माता के जयकारे लगाते हुए कृष्णा टाकिज रोड पहुंची। कृष्णा टाकिज रोड भ्रमण करते हुए रैली वापस शहीद स्मारक स्थल पहुंची। जहां महिलाओं ने और वरिष्ठ नागरिकों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर एमआईसी सदस्य डाॅ. सीमा साहू, पार्षद रमा साहू, माया यादव, धर्मेन्द्र भगत, सांसद प्रतिनिधि दीपक पप्पू चंद्राकर, मण्डल अध्यक्ष राजू जंघेल, अनुपम साहू, महिला स्व समूह की सदस्य व नगर पालिक निगम रिसाली की महिला कर्मचारी-अधिकारी उपस्थित थे।

नई दिल्ली/शौर्यपथ /भारतीय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान हाई कमीशन में बैठे जिस दानिश के साथ संपर्क में थी, उसके बारे में कई और जानकारियां सामने आई है. दरअसल दानिश पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा डेस्क में अधिकारी था. वह न सिर्फ भारत के लोगो को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए ट्रैप कर रहा था बल्कि हाई कमीशन में बैठकर घूसखोरी भी कर रहा था.
एक वीजा के बदले लेता था 5 हजार रुपये घूस
दानिश एक वीजा लगवाने की फाइल क्लीयर का करीब 5 हजार रुपये घूस लेता था. घूस की ये रकम गिरफ्तार आरोपी यामीन मोहम्मद के पास जमा रहते थे. दानिश संग यामीन का कनेक्शन भी सामने आ गया है. यामीन मोहम्मद वह शख्स है, जो पाकिस्तान हाई कमीशन वीजा लगवाने आने वाले को झांसे में लेता था और दानिश से मिलवाता था. फिर दानिश के कहने पर ही यामीन घूस की रकम क्लाइंट से लेकर रख लेता था. दानिश का मोबाइल नंबर***8939 पाकिस्तान हाई कमीशन के नाम पर रजिस्टर्ड है.  
दानिश और यामीन का कनेक्शन जानिए
दानिश इस नंबर के जरिए ही ज्योति, गजाला और यामीन से व्हाट्सएप ,स्नेप चेट्स में वॉइस कॉल के जरिए  बातचीत करता था. गज़ाला और तारिक जावेद का पाकिस्तान का वीजा सामने आया है. जिसमें अटैची हाई कमीशन ऑफ पाकिस्तान नई दिल्ली लिखा हुआ है औऱ मुहर भी देखी जा सकती है. गजाला यामीन और देवेन्द्र सिंह ढिल्लो से हुई सेंट्रल एजेसियों की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट भी सामने आई है.
गजाला ने पूछताछ में क्या कहा?
मैं गजाला, मेरे पति की कोविड में मौत हो गई थी, मैं पहली बार फरवरी में पाकिस्तान हाई कमीशन गई और दूसरी बार मार्च में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी. पहली बार जब मैं पाकिस्तान हाई कमीशन गई तो मुझे वहां पर वीजा डेस्क पर दानिश नाम के एक पाकिस्तानी अधिकारी मिले. उन्होंने मेरे बारे में सारी जानकारी पूछी और मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दिया. मैं कागजी कार्रवाई करके वहां से निकल आई. मेरा नंबर भी दानिश नाम के पाकिस्तानी अधिकारी के पास था. उसके बाद उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि कुछ वीजा में डॉक्युमेंट की कमी है एक बार फिर आपको पाकिस्तान हाई कमीशन आना होगा. इसके बाद में फिर पाकिस्तान हाई कमीशन गई. उसी दौरान हमारी काफी बातचीत हुई और फिर दानिश और हम एक दूसरे से लगातार बात करने लगे. दानिश ने मुझे बताया कि उसकी शादी हो चुकी है और उसकी पत्नी भी उसके साथ रहती है, लेकिन वह मेरे साथ शादी करना चाहता है. वह अपनी पत्नी को भी इसके बारे में बताएगा. मेरी आर्थिक तंगी को देखते हुए उसने मुझे पैसे देने की भी बात कही.  उसके लिए उसने मेरे को यूपीआई के जरिए करीब 20000 पहुंचाएं. यह पैसा यामीन के जरिए मेरे पास पहुंचा. दानिश  जब दिल्ली में इंडिया गेट या कई अन्य जगहों पर घूमने जाते थे कुछ छोटी-मोटी शॉपिंग या खाना पीना करते थे तो मुझे उसे शॉप का क्यूआर कोड भेज देते थे और बोलते थे कि इस पर पेमेंट कर दो. उसी 20 हजार में से वह मुझे भी वह खर्च करने के लिए कहते थे. मैं उनके मुताबिक वह सब कर रही थी. उन्होंने मुझसे पूछा भी कि पंजाब में आर्मी से जुड़ी कुछ जानकारियां तुम्हारे पास है या नहीं अगर है तो मुझे दो या अरेंज करो. मेरे पाकिस्तान के लाहौर में कुछ रिश्तेदार रहते हैं और उन्होंने मुझे कहा कि तुम यहां पर आ जाओ यहां पर कपड़े से जुड़ा व्यापार करेंगे तुम्हारी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी इसलिए मैं पाकिस्तान जाना चाह रही थी.

नई दिल्ली /शौर्यपथ /बेतिया/बिहार के बेतिया से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. सोमवार को किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बेतिया पहुंचे थे. कार्यक्रम के दौरान मंच पर स्वागत करते समय कांग्रेस की महिला नेत्री सुधा मिश्रा ने गलती से सांसद को भारतीय जनता पार्टी  की कमल निशान वाली टोपी पहना दी.
कुछ ही पलों में यह भूल मंच पर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नजर में आ गई और उन्होंने तुरंत टोपी हटाई. यह पूरी घटना किसी के कैमरों में कैद हो गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
जानकारी के अनुसार, टोपी पर साफ तौर पर बीजेपी का चुनाव चिन्ह 'कमल' अंकित था. बताया जा रहा है कि सांसद मोहम्मद जावेद को शुरुआत में इस गलती का पता नहीं चला. घटना के बाद कांग्रेस खेमे में हलचल मच गई और इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
यह घटना न सिर्फ मंच पर मौजूद लोगों के लिए हैरान करने वाली रही, बल्कि अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई है. लोग सवाल यह उठा रहे हैं कि कांग्रेस के कार्यक्रम में बीजेपी की टोपी कैसे आयी.

नई दिल्ली/शौर्यपथ /केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत चल रही परियोजनाओं में देरी, लागत में इजाफा और क्वालिटी से जुड़े सवालों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए 100 विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 135 जिलों की 183 परियोजनाओं की जांच करेंगी. कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने मंगलवार को केंद्रीय नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की, जिनमें 75 संयुक्त सचिव और 106 डायरेक्टर शामिल हैं.
जांच का क्या मकसद
इन टीमों की ट्रेनिंग 23 मई को होगी, ताकि वे जमीनी हालात का सही से आकलन कर सकें. यह निर्णय 8 मई को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई जल शक्ति मंत्रालय और राज्यों के अधिकारियों की बैठक के बाद हुआ. जांच का मुख्य मकसद परियोजनाओं में देरी की वजह, लागत वृद्धि और काम की गुणवत्ता से जुड़ी शिकायतों का पता लगाना है. इन टीमों को अपनी रिपोर्ट कैबिनेट सचिव को सौंपनी होगी.
क्यों बनाई गई जांच टीम
जल जीवन मिशन, जिसे 2019 में शुरू किया गया था, का लक्ष्य 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप के जरिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था. मगर इसका शुरुआती बजट 3.6 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर लगभग 9 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. फिर भी, कई राज्य अपने लक्ष्य से काफी पीछे हैं. मध्य प्रदेश (29 परियोजनाएं), राजस्थान और ओडिशा (21-21), कर्नाटक (19), उत्तर प्रदेश (18), केरल (10), और गुजरात व तमिलनाडु (8-8) जैसे राज्यों में परियोजनाओं की प्रगति और गुणवत्ता की जांच होगी.
इन राज्यों ने हासिल किया लक्ष्य
पंजाब, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत 11 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस मिशन के तहत 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. लेकिन विपक्ष शासित केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल और एनडीए शासित राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी प्रगति बहुत धीमी है.  केंद्र सरकार का यह कदम जल जीवन मिशन को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जांच के बाद सामने आने वाली रिपोर्ट से परियोजनाओं को गति देने और कमियों को दूर करने में मदद मिलने की उम्मीद है.

नई दिल्ली/शौर्यपथ /ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना ने जहां आतंकियों के हौसले पस्त कर दिए, वहीं अब इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से जहां भारत के कितने विमान गिरे हैं इसे लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं वहीं अब बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित  मालवीय ने कांग्रेस नेता पर हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी वही सवाल उठा रहे हैं जो पाकिस्तान की मीडिया और उनके रणनीतिक हलकों में पूछा जा रहा है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) की आधिकारिक ब्रीफिंग में पहले ही बताया जा चुका है कि भारत की ओर से कितने संसाधन प्रयोग किए गए और कोई बड़ी क्षति नहीं हुई.
मालवीय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सवाल किया कि राहुल गांधी ने एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि ऑपरेशन के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए या पाकिस्तान के किन एयरबेसों को भारत की बमबारी ने नुकसान पहुंचाया. बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे है.
अमित मालवीय का क्या है पूरा बयान?
अमित मालवीय ने लिखा है कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री को ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई नहीं दी. इसके बजाय, वे बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने जेट खो दिए. यह एक ऐसा सवाल है जो पहले ही DGMO ब्रीफिंग में बताया जा चुकै है. मजे की बात यह है कि उन्होंने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए, या भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर बमबारी के दौरान कितने विमान अपने हैंगर में खड़े रहते हुए नष्ट हो गए.राहुल गांधी के लिए आगे क्या है? निशान-ए-पाकिस्तान?
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सवाल पूछा था और कहा था कि पाकिस्तान को हमले की सूचना पहले दिए जाना कोई चूक नहीं, बल्कि एक अपराध था. और देश को सच्चाई जानने का हक है.

नई दिल्ली/शौर्यपथ /पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा शनिवार से 5 दिन की पुलिस हिरासत में है. पुलिस लगातार उससे पूछताछ कर रही है और दबे हुए राज उगलवाने की कोशिश में जुटी हुई है. पुलिस ही नहीं अलग-अलग एजेंसियां भी ज्योति पर सवाल दाग रही हैं. इस बीच लगातार अन्य जासूसों की गिरफ्तारियां भी हो रही हैं. पाकिस्तान के लिए जासूसी मामलों में अब तक 12 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. गिरफ्तार आरोपियों की लिस्ट में तमाम तरह के लोग हैं. यूट्यूबर, स्टूडेंट, व्यवसायी, गार्ड हर स्तर के लोग पाकिस्तान के इशारे पर ये सूचना पहुंचाते थे. अब इन सभी पर पुलिस का शिकंजा कस गया है.
ज्योति समेत अन्य जासूसों से पूछे जा रहे ये 12 सवाल?
सवाल नंबर-1
पाकिस्तान कब-कब गए और वहां किन-किन लोगों से मिले
सवाल नंबर-2
और कौन-कौन पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के संपर्क में है
सवाल नंबर-3
दानिश से गजाला और यामीन का क्या है कनेक्शन
सवाल नंबर-4
पाकिस्तान में कितने लोगों को जानते हैं
सवाल नंबर-5
ज्योति पाकिस्तानी उच्चायोग में पार्टी में कैसे शामिल हुई
सवाल नंबर-6
पाकिस्तानी अधिकारी दानिश से क्या कनेक्शन है , दानिश से जान पहचान कब और कैसे हुई
सवाल नंबर-7
पाकिस्तान में ज्योति के ठहरने-घूमने के खर्चों का इंतजाम कौन करता था
सवाल नंबर-8
ज्योति की विदेश यात्राओं में खर्चे की फंडिंग कहां से होती थी
सवाल नंबर-9
पाकिस्तान में ज्योति को वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों मिल रहा था
सवाल नंबर-10
ज्योति को पाकिस्तान पुलिस की सुरक्षा क्यों मिलती थी
सवाल नंबर-11
ओडिशा की प्रियंका के साथ ज्योति का क्या संबंध है
सवाल नंबर-12
पाक हाई कमीशन क्यों गए थे ज्योति और गजाला
पाकिस्तान के 12 जासूसों के बारे में डिटेल में जानें
ज्योति मल्होत्रा
हरियाणा की रहने वाली ज्योति पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े होने का आरोप है. पुलिस जांच के मुताबिक, वह जनवरी में पहलगाम गई थी. वहां से गुप्त रास्ते से वह पाकिस्तान पहुंची. पहलगाम हमले से उसका कोई संबंध है या नहीं, इसकी जांच हो रही है.
शहज़ाद
उत्तर प्रदेश के रामपुर का रहने वाला शहज़ाद पेशे से कारोबारी है. भारत-पाक के बीच वह कॉस्मेटिक और मसालों का व्यापार करता था. आरोप है कि इसी आड़ में वह ISI के लिए भी काम कर रहा था. यूपी एटीएस ने उसे मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है.
देवेंद्र सिंह
देवेंद्र एक पूर्व सैन्यकर्मी का बेटा है.उसे हरियाणा के कैथल जिले के मस्तगढ़ गांव से पकड़ा गया है . फेसबुक के जरिए वह एक पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में आया. वह 5 से 10 हजार रुपये के बदले उसे गोपनीय सैन्य जानकारियां भेजता था. उसके पास से पुलिस को संवेदनशील नक्शे और दस्तावेज मिले हैं.
नोमान इलाही
नोमान इलाही की गिरफ्तारी हरियाणा के पानीपत से हुई है. वह एक 'डार्क वेब' जासूस था. नोमान पेशे से कंप्यूटर ऑपरेटर है. काम की आड़ में वह पाकिस्तान को भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी भेजता था. USB ड्राइव और नकदी के बदले संवेदनशील डाटा डार्कनेट पर अपलोड रने की बात उसने खुद स्वीकार की है.
यमीन मोहम्मद
यमीन पाकिस्तान हाई कमिशन में काम करने वाले दानिश नाम के शख्स से संपर्क में था. उस पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने का गंभीर आरोप है.
गजाला
गजाला को पंजाब के मलेरकोटला से कपड़ा गया है. वह पाकिस्तान का वीजा लगवाने के लिए अक्सर हाई कमिशन जाती थी. उसकी ये गतिविधि शक के घेरे में थी, जिसके बाद उसे अरेस्ट किया गया है.
अरमान
अरमान को हरियाणा के नूंह जिले से गिरफ्तार किया गया है. उस पर व्हाट्सएप के ज़रिए भारत की सैन्य गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान भेजने का आरोप है. अरमान पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है.
मुर्तजा अली
मुर्तजा अली को गुजरात पुलिस की छापेमारी में पंजाब के जालंधर से धर दबोचा गया. वह खुद बनाए मोबाइल एप से पाक खुफिया एजेंसी ISI को जानकारी भेजता था. पुलिस ने उसके पास से चार मोबाइल और तीन सिम कार्ड बरामद किए हैं.
नउमान इलाही
नउमान इलाही को  15 मई को हरियाणा के पानीपत में गिरफ्तार किया गया. वह उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है.  एक फैक्ट्री में वह गार्ड के तौर पर काम करता था. वह पाकिस्तान से संपर्क में था और संवेदनशील जानकारी भेजता था.
तारीफ़
तारीफ़ को हरियाणा के नूंह से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में उसने पाकिस्तान हाई कमिशन के दो अधिकारियों के संपर्क की बात कबूल की है. ये अधिकारी उसे सिम कार्ड देते थे. उसे सिरसा जाकर एयरपोर्ट की तस्वीरें भेजने के निर्देश दिए गए थे.
करनबीर सिंह
करनबीर सिंह को पंजाब के गुरदासपुर से गिरफ्तार किया गया है. वह ISI के सीधे संपर्क में था. आरोप है कि पिछले कई दिनों से वह भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी उनको भेज रहा था. करनबीर पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
सुखप्रीत सिंह
आरोप है कि सुखप्रीत सिंह ने पंजाब के गुरदासपुर में सेना की गतिविधियों समेत ऑपरेशन सिंदूर के बारे में गोपनीय जानकारी ISI ऑपरेटर्स को दी. इसके बदले उसे ISI हैंडलर्स से 1 लाख रुपए भी लिए थे. सुखप्रीत सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.

नई दिल्ली/शौर्यपथ /वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि बेंच ने पहले तीन मुद्दे उठाए थे ⁠स्टे के लिए. हमने इन तीनों पर जवाब दाखिल किया था. लेकिन अब लिखित दलीलों में और भी मुद्दे शामिल हो गए हैं. सिर्फ तीन मुद्दों तक सुनवाई सीमित हो. कपिल सिब्बल ने इसका विरोध किया, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि शुरुआत में तीन बिंदु तय किए गए. हमने तीन पर जवाब दिए. लेकिन पक्षकारों ने इन तीन मुद्दों से भी अलग मुद्दों का जिक्र किया है. कोर्ट सिर्फ तीन हो मुद्दों पर फोकस रखे.
1.वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने विरोध करते हुए कहा कि हम तो सभी मुद्दों पर दलील रखेंगे. मदिंरों की तरह मस्जिदों में 2000-3000 करोड़ चंदे में नहीं आते.
2. सिब्बल ने कहा कि पिछले अधिनियम में पंजीकरण की आवश्यकता थी और क्योंकि आपने पंजीकरण नहीं कराया- इसे वक्फ नहीं माना जाएगा. ⁠कई 100, 200 और 500 साल पहले बनाए गए थे.
3. जब CJI ने पूछा कि क्या पंजीकरण की आवश्यकता है? इस पर सिब्बल ने कहा कि यह था, लेकिन पंजीकरण न कराने पर कोई परिणाम नहीं था.
४. सीजेआई ने कहा कि हम इसे रिकॉर्ड पर ले रहे हैं. 2013 के दौरान वक्फ बाय यूजर के लिए पंजीकरण आवश्यक नहीं था? क्या यह स्वीकार्य था? सिब्बल ने कहा कि हां, यह स्थापित प्रथा है. वक्फ बाय यूजर  को पंजीकृत करने की आवश्यकता नहीं है. ⁠
5.कपिल सिब्बल ने कहा कि 1954 के बाद वक्फ कानून में जितने भी संशोधन हुए, उनमें वक्फ प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था. अदालत ने पूछा-  क्या वक्फ बाय यूजर में भी पंजीकरण अनिवार्य था. सिब्बल ने हां में जवाब दिया. अदालत ने कहा- तो आप कह रहे 1954 से पहले उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ का पंजीकरण आवश्यक नहीं था और 1954 के बाद यह आवश्यक हो गया.
६.वक्फ बाय यूजर को लेकर सिब्बल ने कहा कि मंदिरों में चढ़ावा आता है लेकिन मस्जिदों में नहीं. यही वक्फ बाय यूजर है. बाबरी मस्जिद भी ऐसी ही थी. 1923 से लेकर 1954 तक अलग अलग प्रावधान हुए, लेकिन बुनियादी सिद्धांत यही रहे.
7.कपिल सिब्बल ने कहा कि  वक्फ को दान दी गईं निजी संपत्तियों को केवल इसलिए छीना जा रहा है क्योंकि कोई विवाद है. इस कानून को वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए डिजाइन किया गया है.
8.सिब्बल के तर्क पर अदालत ने कहा कि दरगाहों में तो चढ़ावा होता है. इस पर सिब्बल ने कहा कि मैं मस्जिदों की बात कर रहा हूं. दरगाह अलग है.
9.कपिल सिब्बल ने कहा कि एक बार वक्फ हो गया तो हमेशा के लिए हो गया. सरकार उसमें आर्थिक मदद नहीं दे सकती. मस्जिदों में चढ़ावा नहीं होता, वक्फ संस्थाएं दान से चलती हैं.
10.कपिल सिब्बल ने कहा कि कलेक्टर जांच करेंगे. जांच की कोई समय सीमा नहीं है. जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक संपत्ति वक्फ नहीं मानी जाएगी.
१1.CJI ने पूछा कि क्या इससे धर्म का पालन करने पर रोक लग जाती है? इसके जवाब में सिब्बल ने कहा कि यह प्रावधान अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है. संशोधन से वक्फ को सरकार ने अपने पास से लिया है. इसके बाद यदि कोई अनुसूचित जनजाति मुस्लिम है और वक्फ बनाना चाहता है... तो ऐसी संपत्ति वक्फ नहीं है और यह सीधे तौर पर अधिग्रहण है और अनुच्छेद 25 के तहत अधिकार छीन लिया जाता है.
१2.सिब्बल ने कहा कि मैं सरकार को क्यों दिखाऊं कि मैं एक मुसलमान हूं. इसका फैसला कौन करेगा और मैं 5 साल तक क्यों इंतजार करूं. यह अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन है.
13.सिब्बल ने कहा कि अब वक्फ बाय यूजर को हटा दिया गया है. इसे कभी नहीं हटाया जा सकता. यह ईश्वर को समर्पित है, यह कभी खत्म नहीं हो सकता. अब यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि केवल वही वक्फ बाय यूजर बचेगा जो रजिस्टर्ड है.
14.कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद सीजेआई बीआर गवई ने कहा- खजुराहो में एक मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है, फिर भी लोग वहां जाकर पूजा-प्रार्थना कर सकते हैं. सिब्बल ने कहा- नया कानून कहता है कि अगर कोई संपत्ति एएसआई संरक्षित है तो यह वक्फ नहीं हो सकती.
15.कपिल सिब्बल  ने कहा कि एक अन्य प्रावधान लाया गया है  में वक्फ करने वाले का नाम और पता, वक्फ करने का तरीका और वक्फ की तारीख मांगी गई है,लोगों के पास यह कैसे होगा? 200 साल पहले बनाए गए वक्फ मौजूद हैं.और अगर वे यह नहीं देते हैं तो मुतवल्ली को 6 महीने के लिए जेल जाना पड़ेगा.

मुंगेली/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मुंगेली जिला ग्रंथालय में 29.90 लाख रुपये की लागत से निर्मित अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले तथा पूर्व सांसद लखन साहू भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के स्वागत में युवाओं एवं छात्र-छात्राओं ने तालियों की गड़गड़ाहट और पुष्पगुच्छ भेंटकर उत्साहपूर्वक उनका अभिनंदन किया। अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “शिक्षा ही जीवन की असली पूंजी है। इसके बिना जीवन अधूरा है। यह न केवल रोजगार का माध्यम है, बल्कि समग्र विकास का आधार भी है।” उन्होंने अपने छात्र जीवन के संघर्ष साझा करते हुए बताया कि अविभाजित रायगढ़ जिले में शिक्षा के अवसर सीमित थे। नटवर स्कूल ही एकमात्र विकल्प था। उन्होंने विद्यार्थियों से समय का सदुपयोग करने, कभी निराश न होने और परिश्रम को अपना मूल मंत्र बनाने का आह्वान किया।
       मुख्यमंत्री ने आदर्श विद्यार्थी के पाँच गुण “काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं" का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को अनुशासित, मेहनती और लक्ष्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा दी। एक छात्र द्वारा सोशल मीडिया के प्रभाव पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “डिजिटल युग में अच्छाई को अपनाएं और बुराई से दूर रहें।” मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में राज्य व जिला स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में तोप सिंह कुंभकार ने मुख्यमंत्री को उनके ही चित्र का हस्तनिर्मित छायाचित्र भेंट किया। छात्र-छात्राओं एवं जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री को भगवद् गीता, पुस्तिका और स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए। मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ और ‘नालंदा परिसर’ जैसे नवाचारी शैक्षणिक प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक जिले में आधुनिक ग्रंथालय स्थापित कर रही है, ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए एक प्रेरणादायक वातावरण मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रंथालय केवल अध्ययन का स्थल नहीं, बल्कि सफलता की नींव रखने का केंद्र भी है। उन्होंने जिला ग्रंथालय मुंगेली की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां से सैकड़ों युवाओं ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है, जो गौरव की बात है।
       गौरतलब है कि मुंगेली जिला ग्रंथालय प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुला रहता है। यहां 4780 से अधिक पुस्तकों का समृद्ध संग्रह है, जिनमें प्रतियोगी, साहित्यिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्रेरक विषयों से जुड़ी पुस्तकें उपलब्ध हैं। साथ ही, राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्र, साप्ताहिक व मासिक पत्रिकाएं नियमित रूप से विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु उपलब्ध कराई जाती हैं। वर्तमान में 893 पंजीकृत सदस्य ग्रंथालय की सेवाएं ले रहे हैं। विद्यार्थियों के लिए 32 टेबल, 11 सीसीटीवी कैमरे और 06 अनुभवी कर्मचारी ग्रंथालय संचालन को सुचारु रूप से सुनिश्चित कर रहे हैं। कार्यक्रम में राज्य के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, बिलासपुर संभागायुक्त श्री सुनील जैन, आईजी श्री संजीव शुक्ला, कलेक्टर श्री कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल सहित प्रशासनिक अधिकारी, जिला ग्रंथालय के कर्मचारी, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री के कड़े तेवर लापरवाह अधिकारियों पर गिरी गाज
रायपुर/शौर्यपथ /सुशासन तिहार के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए दो बड़े निर्णय लिए।
मुख्यमंत्री ने मुंगेली जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता आर.के. मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मनियारी जलाशय  और पथरिया जलाशय जैसी महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाएं वर्षों से अधूरी पड़ी हैं, जो लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश कुमार शास्त्री को पद से हटाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में जिले का अत्यंत खराब प्रदर्शन जिले में शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामी को दर्शाता है और ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय के इस तीखे रुख से स्पष्ट है कि सरकारी कार्यों में शिथिलता और जवाबदेही से बचने का युग समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री ने आज मुंगेली कलेक्टोेरेट के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बिलासपुर और मुंगेली जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान कार्रवाई के निर्देश दिए।
ग्रामीण इलाकों का निरंतर दौरा करें अधिकारी-
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सुशासन का आशय अच्छा शासन होता है। जिस विश्वास के साथ जनता ने हमें शासन में बिठाया है, उस विश्वास को और मजबूत करना है। सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण में अधिकारियों ने अच्छा काम किया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अधिक से अधिक ग्रामीण इलाकों का दौरा करें। इससे मैदानी जानकारी मिलने के साथ-साथ प्रशासनिक कसावट भी आती है।
भीषण गर्मी में किसी को न हो पेयजल की दिक्कत -
मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी का मौसम चरम पर है। पेयजल की समस्या किसी को ना हो इसे अधिकारी देखें। लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता कार्य योजना तैयार कर अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी सचेत रहें और कहीं पर भी बीमारी की सूचना मिलती है, तो तुरंत वहां पहुंचकर इलाज की व्यवस्था करें। राज्य में खाद बीज की पर्याप्त उपलब्धता है।  खाद बीज की दिक्कत किसानों को नहीं होनी चाहिए।
अटल डिजिटल सेवा केंद्र का संचालन सुचारू रूप से हो-
श्री साय ने कहा की अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की गारंटी का एक अनिवार्य हिस्सा है। पूरे प्रदेश में 1460 केंद्र खुल चुके हैं। सभी में पैसे के ट्रांजेक्शन सहित अच्छा काम हो रहा है। ये सभी केंद्र नियमित रूप से काम करें, यह देखने का काम कलेक्टर का है। उन्होंने कहा कि अगले 6 माह में 5000 और अटल सेवा केंद्र खुलेंगे। अगले साल 24 अप्रैल तक हर ग्राम पंचायत में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू हो जाएगा । यह भी ध्यान रखें कि लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा की भूमि की रजिस्ट्री के संबंध में हमारी सरकार ने 10 नए क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। भूमि दान सहित अन्य कामकाज को सरल किया है। इनका लाभ ग्रामीणों और किसानों को मिलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के अधूरे कामों को बरसात के पहले अभियान चलाकर पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को बरसात में रहने के लिए पक्के मकान मिल सकें। श्री साय ने कहा कि सभी अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन शिविर में हम कर रहे हैं।
घर जाकर करें लंबित मजदूरी का भुगतान-
मुख्यमंत्री ने कहा की शासकीय योजनाओं के अंतर्गत मजदूरी भुगतान में विलंब नहीं करना चाहिए। मरवाही वन मंडल में वन विभाग का मजदूरी भुगतान काफी दिनों से लंबित होने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और मजदूर के घर पहुंचकर तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए। बिलासपुर जिले में राजस्व प्रकरण की ज्यादा संख्या में लंबित होने पर इनका अभियान चलाकर निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपने मातहत राजस्व अधिकारियों की सतत मॉनिटरिंग करें। उन्होंने पक्षकारों को पेशी में बार-बार नहीं बुलाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने अचानकमार रिजर्व क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में विलंब होने का कारण पूछा और इसे समन्वय स्थापित करते हुए समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। महिला समूह को सैंटरिंग प्लेट का प्रशिक्षण भी देने को कहा ताकि बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास में उन्हें रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर जिले में 5 लाख से ज्यादा लोगों का आयुष्मान कार्ड अभी तक नहीं बना है, मुख्यमंत्री ने सीएमएचओ को इसके लिए फटकार लगाई। उन्होंने बिलासपुर में शुरू किए गए सिम्स के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा की इसे पीपीपी मोड पर चलने पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए जिला कलेक्टर को एक विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बरसात में हर तालाब भरें लबालब-
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम सभी को वाटर रिचार्जिंग पर ध्यान देना होगा। उन्होंने राजनांदगांव में हुए कार्यों की प्रशंसा करते हुए इस तरह के प्रयास बिलासपुर एवं आसपास के जिलों में भी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात आने वाली है तालाबों में पानी के आगमन स्थल कई जगह अतिक्रमित हुए हैं। इससे तालाबों में पानी नहीं भरता, उन्होंने जन भागीदारी से ऐसा प्रयास करने को कहा कि सभी तालाब भर जाएं। उन्होंने शहरी विकास, कृषि, पंचायत विभागों को मिलकर इस संबंध में एक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जाहिर की और इसमें आने वाली बाधाओं को दूर करने के निर्देश कलेक्टर को दिए।  उन्होंने किसानों की सहमति से फसल चक्र परिवर्तन को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में अचानकमार टाइगर रिजर्व में आने वाली ग्रामों के विस्थापन पर वन विभाग के प्रस्तुतीकरण का भी अवलोकन किया। विस्थापित होने वाले ग्रामीणों को विश्वास में लेकर समय सीमा में इस कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अचानकमार टाइगर रिजर्व में पर्यटन की दृष्टि से भी काम करने के निर्देश दिए।
बैठक में केन्द्रीय राज्य मंत्री आवास एवं शहरी मामले श्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, विधायक श्री धरमलाल कौशिक और श्री पुन्नूलाल मोहले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पांडे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, संभागायुक्त श्री सुनील जैन सहित तीनों जिलों के कलेक्टर, एसपी, डीएफओ और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे ।

मछली पालन हेतु ऋण के लिए प्रस्तुत किया आवेदन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को किया धन्यवाद ज्ञापित
नारायणपुर/शौर्यपथ / सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत जिले के ग्राम छोटेडोंगर में 16 मई को आयोजित समाधान शिविर में बड़गांव निवासी लीमेश्वर भोयर को एक मछली जाल प्रदाय किया गया। लीमेश्वर ने शासकीय योजना से लाभान्वित होने पर खुशी जाहिर की। लीमेश्वर ने बताया कि उनके पास आधा एकड़ एक तालाब है, जिसमें वे मछली का पालन करते हैं। तालाब में रोहू, कतला, तिलापिया, ग्रास कार्प, कोमल कार जैसी मछलियों का पालन करते हैं, इससे उनकी अच्छी आमदनी हो जाती है। लीमेश्वर ने बताया कि मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहता है। मछली पालन में किसी प्रकार की समस्या होने पर विभाग से दवाईयां भी प्रदान की जाती है और उत्पादन बढ़ाने के लिए सलाह भी दी जाती है। समाधान शिविर में मछली जाल करने पर उनके चेहेरे पर खुशियां झलक रही थी। लीमेश्वर द्वारा शिविर में मछली पालन हेतु ऋण के लिए भी आवेदन प्रस्तुत किया गया है। मछली पालन हेतु 4 लाख रूपये का प्रकरण तैयार कर 15 मई को जिला सहकारी बैंक छोटेडोंगर भेजा गया है, जिसका शीघ्र स्वीकृति दिया जाएगा। लाभान्वित होने पर लीमेश्वर ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।
    उल्लेखनीय है कि मछली पालन विभाग के राज्य पोषित योजनाएं अंतर्गत नाव जाल या जाल क्रय की सुविधा दी जाती है। तालाबों, जलाशयों अथवा नदियों में मत्सयाखेट करने वाले सभी वर्ग के सक्रिय मछुआरों को नाव, जाल, उपकरण क्रय करने हेतु प्रति मछुआरा 10 हजार रूपए की सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही मछली पालकों के लिए फिंगरलिंग क्रय कर संचयन पर सहायता, फुटकर मत्स्य विक्रय के लिए सहायता, मत्स्य बीज संवर्धन, तालाब सुधार एवं इनपुट्स मत्स्य बीज के लिए 30 हजार रूपए की आर्थिक सहायत उपलब्ध कराई जाती है। योजना के अंतर्गत झींगा पालन एवं अलंकारिक के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मत्स्य पालकों को तीन वर्षों में आर्थिक सहायता दी जाती है। मत्स्य विभाग द्वारा पंजीकृत मत्स्य सहकारी समितियों को मछली पालन के लिए उपकरण एवं अन्य प्रयोजनों तथा तालाब पट्टा, मत्स्य बीज, नाव जाल क्रय के लिए पात्रतानुसार 3 लाख रूपए प्रति सहकारी समिति को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी तरह मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछुआ समितियों को रोजगार में वृद्धि करने के लिए शासकीय योजनाओं से आर्थिक सहायता एवं अनुदान दिया जाता है।

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