October 24, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

 दुर्ग / शौर्यपथ / स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव ने आज सरस्वती साइकिल योजना के तहत तिलक उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला में 55 छात्राओं को साइकिल वितरण किया। उन्होंने कक्षा 10वीं एवं 12वीं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्राओं को सम्मानित किया। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शासकीय विद्यालयों के छात्रों के भविष्य गढऩे में तत्पर है। गुजरात मॉडल की तरह छत्तीसगढ़ में भी सेटेलाइट के माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। जिससे विद्यालय में विषय शिक्षकों की कमी दूर हो सकेगी एवं छात्र-छात्राओं को शिक्षा का बेहतर लाभ मिल सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व काल की तरह पुन: प्राथमिक कक्षाओं में बारहखडी का अभ्यास कराया जाए, जिससे बच्चे भाषा का बेहतर ज्ञान प्राप्त कर सके। साथ ही गणितीय संक्रियाओं को भी बेहतर तरीके से समझाने हेतु प्रयास किए जाए। मंत्री श्री यादव ने बताया कि उन्होंने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा तिलक कन्या विद्यालय से ही दी हैं अत: इस विद्यालय से उनका भावनात्मक संबंध रहा है। उन्होंने कहा विद्यालय के लिए मांगने की आवश्यकता नहीं है मुझे जो बेहतर लगेगा विद्यालय के लिए करूंगा। मंत्री श्री यादव ने प्राचार्य की मांग के अनुसार अत्याधुनिक डोम तैयार करने की घोषणा की। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि अभाव से अच्छा सीखने का और कोई माध्यम नहीं हो सकता। सभी सुविधाएं देने पर सीखने की गति कम होती है अत: बच्चे पढ़ाई पर विशेष रूप से ध्यान दें। छत्तीसगढ़ शासन शैक्षणिक सुविधाओं की पूर्ति के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले…
जीएसटी सुधार से आर्थिक गतिविधियों में आएगी तेजी, स्थानीय रोजगार को भी मिलेगा फायदा – मुख्यमंत्री श्री सायजीएसटी बचत उत्सव को लेकर व्यापारियों में दिखा भारी उत्साहरायपुर शहर के जयस्तंभ…

 ग्रामीण क्यूआर कोड स्कैन कर पिछले तीन वर्षों में हुए मनरेगा के कार्यों का विवरण, व्यय और प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज धमतरी जिले के करेली बड़ी गांव में आयोजित राज्य स्तरीय महतारी सदन लोकार्पण कार्यक्रम में मनरेगा दर्पण नागरिक सूचना पटल का विधिवत शुभारंभ‘ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मनरेगा दर्पण से आम जनता को मनरेगा कार्यों की पूरी जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। यह पहल पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मनरेगा दर्पण छत्तीसगढ़ सरकार की अभिनव पहल है, जो न केवल पारदर्शिता की नई मिसाल है बल्कि हर ग्रामीण को योजनाओं से सीधे जोड़ने का माध्यम भी है। क्यूआर कोड और जीआईएस तकनीक आधारित यह कदम गांवों में डिजिटल सशक्तिकरण और सुशासन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

तीन साल में हुए मनरेगा कार्यो की रिपोर्ट देख सकेंगे ग्रामीण
  छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत चल रहे कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाया है। अब प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में नागरिक सूचना पटल लगाए गए हैं। इन पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करके कोई भी ग्रामीण पिछले तीन वर्षों में किए गए कार्यों का विवरण, व्यय की जानकारी और प्रगति रिपोर्ट देख सकता है।
  इस प्रणाली से अब गांव का हर व्यक्ति यह जान सकेगा कि मनरेगा के तहत उसके इलाके में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए हैं, कितनी राशि खर्च हुई है और काम की वर्तमान स्थिति क्या है। फाईल और दस्तावेज हटकर अब हर सूचना मोबाइल पर उपलब्ध हो सकेगी। ग्रामीणों को जानकारी के लिए किसी कार्यालय या अधिकारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
  मनरेगा दर्पण पोर्टल और सूचना पटल के माध्यम से सभी रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित जानकारी को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा। इससे योजनाओं पर अनावश्यक भ्रम की स्थिति समाप्त होगी और जनता खुद निगरानी कर पाएगी। इस पहल से ग्रामीणों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा। पारदर्शी व्यवस्था से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा बल्कि ग्रामीणों की सीधी भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।
  इस अवसर पर कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी, विधायक अजय चन्द्राकर, सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

By- नरेश देवांगन 

​जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत के साथ, एक सदियों पुरानी और अनूठी परंपरा 'जोगी बिठाई' भी सम्पन्न हो गई है। यहां बड़े आमाबाल के रघुनाथ नाग जोगी बनकर नौ दिन की कठोर तपस्या पर बैठे। मंगलवार को सिरहासार में आयोजित जोगी बिठाई रस्म के अवसर पर जगदलपुर के विधायक किरण देव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष बलराम मांझी, नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन सहित मांझी, चालकी, नाइक, पाइक, मेंबर, मेंबरिन तथा जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। 

यह रस्म बस्तर दशहरा को बिना किसी बाधा के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से निभाई जाती है। इस वर्ष भी, हल्बा समुदाय का एक युवक नौ दिनों के उपवास और योग की मुद्रा में जगदलपुर के सिरहासार भवन में बैठ गया है।

 

क्या है 'जोगी बिठाई' की रस्म?

​यह रस्म हल्बा जाति के एक पुरुष द्वारा लगभग 600 सालों से निभाई जा रही है। जोगी पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सिरहासार भवन पहुंचता है और दशहरा की शुरुआत से लेकर नौ दिनों तक उपवास पर रहता है। इस दौरान वह केवल फल और दूध का सेवन करता है। इस तपस्या का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बस्तर दशहरा का भव्य आयोजन बिना किसी विघ्न के सफलतापूर्वक पूरा हो।

 

कैसे निभाई जाती है यह रस्म?

​जोगी के रूप में बैठने वाले व्यक्ति को कई विशेष प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। सबसे पहले, वह अपने पितरों का श्राद्ध करता है। इसके बाद, उसे नए वस्त्र पहनाए जाते हैं और मावली माता मंदिर ले जाया जाता है, जहां तलवार की पूजा होती है। पूजा के बाद, जोगी तलवार लेकर सिरहासार भवन लौटता है और एक कुंड में योगासन की मुद्रा में बैठ जाता है। इस दौरान उसे बुरी नजर से बचाने के लिए चारों ओर कपड़े का पर्दा लगाया जाता है। नौ दिनों तक जोगी इसी अवस्था में रहकर बस्तर की शांति के लिए तपस्या करता है।

 

​पौराणिक कथा: महाराजा का सम्मान

​इस रस्म से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि बहुत साल पहले, दशहरा के दौरान एक हल्बा युवक ने निर्जल उपवास रखकर तपस्या शुरू कर दी थी। जब तत्कालीन महाराजा को इस बात का पता चला, तो वह स्वयं युवक से मिलने गए। युवक ने महाराजा को बताया कि उसने यह तपस्या दशहरा को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए की है। इससे प्रसन्न होकर, महाराजा ने उसके लिए सिरहासार भवन का निर्माण करवाया और इस परंपरा को हमेशा के लिए जारी रखने का आदेश दिया।

 

​आज भी यह रस्म उसी सम्मान और श्रद्धा के साथ निभाई जाती है, जो बस्तर दशहरा को न केवल एक पर्व, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत बनाती है।

जन-जन की आस्था को मिला सहारा : नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क बस सेवा
मुख्यमंत्री ने चार बसों को दिखाई हरी झंडी:दो सौ श्रद्धालु मां बम्लेश्वरी दर्शन के लिए हुए रवाना
कालीमाता सेवा समिति द्वारा निःशुल्क बस सेवा पूरे नवरात्रि में नौ दिन तक चलेगी

      रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर शहर के आकाशवाणी चौक स्थित माँ काली मंदिर से डोंगरगढ़ तक निःशुल्क बस सेवा का शुभारंभ किया। रायपुर से माँ बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए डोंगरगढ़ जाने वाले श्रद्धालुओं को इस बस सेवा का नि:शुल्क लाभ मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कालीमाता सेवा समिति की इस पहल की सराहना करते हुए समिति के पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने माँ काली और माँ बम्लेश्वरी से छत्तीसगढ़ में खुशहाली, समृद्धि और शांति की कामना की। साथ ही सभी प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ भी प्रेषित कीं।
  माँ काली सेवा समिति द्वारा संचालित यह नि:शुल्क बस सेवा पूरे नवरात्र पर्व के दौरान नौ दिनों तक लगातार चलेगी। इस सेवा के तहत प्रतिदिन चार बसें रायपुर से श्रद्धालुओं को डोंगरगढ़ तक ले जाएँगी और उन्हें दर्शन के उपरांत वापस रायपुर लाएँगी। मुख्यमंत्री ने आज चार बसों में लगभग दो सौ महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं के प्रथम जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
  बसों को हरी झंडी दिखाते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कालीमाता सेवा समिति पिछले दस वर्षों से निस्वार्थ सेवा भाव से प्रत्येक नवरात्र में प्रतिदिन चार बसों से श्रद्धालुओं को माँ बम्लेश्वरी के दर्शन हेतु ले जाती है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि नवरात्र के अवसर पर देवी मंदिरों में दर्शन की लालसा हर सनातनी के मन में होती है। माँ के दर्शन की कल्पना मात्र से ही मन में दिव्य ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन कई बार परिस्थितिवश हर कोई दूर स्थित देवी स्थलों तक नहीं पहुँच पाता। ऐसे में यह बस सेवा श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। माँ बम्लेश्वरी के दरबार तक पहुँच श्रद्धालुओं के लिए अब और सुगम हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बस सेवा से समिति ने माँ बम्लेश्वरी के दर्शन का मार्ग प्रशस्त करने के साथ ही सेवा, समर्पण और समावेशिता का प्रेरक संदेश भी दिया है।
  मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में राजिम से रायपुर तक मेमू ट्रेन का भी शुभारंभ किया गया है। इससे छत्तीसगढ़ की कुंभनगरी राजिम के श्रद्धालुओं को माँ बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए और अधिक सुविधा होगी। उन्होंने इस पहल के लिए कालीमाता सेवा समिति से जुड़े श्री श्रीचंद सुंदरानी, श्री दीपक भारद्वाज और सभी पदाधिकारियों को साधुवाद दिया।
  इस अवसर पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति से एक बस कवर्धा से डोंगरगढ़ तक चलाने का आग्रह किया।
  कार्यक्रम में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, विधायक  सुनील सोनी एवं पुरंदर मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

  गरियाबंद / शौर्यपथ। जिले से मारपीट और जानलेवा हमले का गंभीर मामला सामने आया है। पीडब्ल्यूडी में डेलीवेज पर कार्यरत एक कर्मचारी को उसके घर के पास पुरानी रंजिश के चलते देर रात गंभीर चोटें आईं। आरोप है कि वार्ड क्रमांक 08 डाक बंगला पारा निवासी गजेन्द्र बघेल ने उस पर हमला कर दिया। घटना के बाद पीड़ित ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

आधी रात हुआ हमला

जानकारी के अनुसार, पीड़ित सोमवार 22 सितंबर की रात लगभग 12:15 बजे अपने साथी ऋतुराज देववंशी के साथ दुर्गा पंडाल की सजावट का काम खत्म कर घर लौट रहा था। जैसे ही वह घर के पास पहुंचा, तभी गजेन्द्र बघेल वहां आया और पुरानी रंजिश को लेकर विवाद शुरू कर दिया।

गालियाँ, धमकी और फिर हमला

पीड़ित का कहना है कि गजेन्द्र बघेल ने आते ही अश्लील गालियाँ दीं और जान से मारने की धमकी दी। विरोध करने पर आरोपी ने जमीन पर पड़ी टाइल्स उठाकर उसके सिर पर जोरदार वार कर दिया। इससे उसके सिर से खून बहने लगा और वह लहूलुहान हो गया।

साथी बना प्रत्यक्षदर्शी

घटना के समय मौजूद ऋतुराज देववंशी ने पूरी वारदात अपनी आँखों से देखी और बीच-बचाव किया। इसके बाद घायल ने राजकुमार यादव को पूरी बात बताई। पीड़ित ने शिकायत में लिखा कि आम जगह पर गाली-गलौच और हमला उसके लिए बेहद अपमानजनक रहा और जान से मारने की धमकी ने उसे भयभीत कर दिया है।

पुलिस की कार्रवाई

पीड़ित ने मामले की लिखित रिपोर्ट गरियाबंद पुलिस को सौंपी और उचित कार्रवाई की मांग की। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि घटना पुरानी रंजिश के चलते हुई। फिलहाल पुलिस ने पीड़ित का बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

 सांसद विजय बघेल करेंगे उद्घाटन, विभिन्न खेलों का होगा आयोजन

दुर्ग / शौर्यपथ / खेल प्रतिभाओं को निखारने और युवाओं में खेल भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता-2025 का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्घाटन सांसद श्री विजय बघेल के मुख्य आतिथ्य में होगा। उद्घाटन समारोह गुरुवार 25 सितंबर 2025 को दोपहर 12 बजे  भिलाई विद्यालय, सेक्टर-2 भिलाई दुर्ग में आयोजित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं दुर्ग (ग्रामीण) विधायक  ललित चंद्राकर करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में वैशालीनगर विधायक राकेश सेन, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और जिला पंचायत दुर्ग की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे उपस्थित रहेंगी।
    ज्ञात हो कि राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में विभिन्न खेलों का प्रदर्शन होगा। जिसमें फेंसिंग, नेटबॉल, ट्रैक साइक्लिंग, लॉन टेनिस, जूडो और टेबल टेनिस (बालक/बालिका) जैसे रोमांचक खेल शामिल हैं। इन प्रतियोगिताओं में राज्य भर के युवा खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग दुर्ग द्वारा उक्त क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री ने अर्बन एक्वीफर मैनेजमेंट पर आयुक्तों, सीएमओ और अभियंताओं के तीन दिवसीय प्रशिक्षण को किया संबोधित
नगरीय निकायों के वरिष्ठ अधिकारियों और अभियंताओं को देश-विदेश के विशेषज्ञ दे रहे प्रशिक्षण

रायपुर / शौर्यपथ / नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पं. दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) के तहत नगरीय निकायों में भू-जल के संचय, संवर्धन और रिचार्ज के लिए मिशन मोड पर कार्य करने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने नवा रायपुर स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर सभी नगरीय निकायों के लिए तीन दिवसीय गहन ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया है। इसमें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ अर्बन एक्वीफर मैनेजमेंट विषय पर सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं अभियंताओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नगरीय प्रशासन विभाग ने इस साल 20 मई को शहरों में भू-जल और वर्षा जल के संरक्षण-संवर्धन के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) लांच किया था। प्रशिक्षण के बाद निकायों द्वारा इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी।  
  उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव ने विगत 22 सितम्बर से शुरू तीन दिनों के प्रशिक्षण के दूसरे दिन आज सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। वे आज अपने मुंगेली प्रवास के दौरान सभी अधिकारियों और प्रशिक्षण दे रहे विशेषत्रों से वर्चुअली जुड़े और उन्हें संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भू-जल का संरक्षण और रिचार्ज आज की बड़ी चुनौती है। शहरों की बढ़ती आबादी और वहां जल संकट से निपटने के लिए प्रभावी कार्य करना जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रशिक्षण से हमारे नगरीय निकायों के अधिकारियों को भू-जल के संचय, संवर्धन और रिचार्ज से जुड़ी तकनीकी जानकारी मिलेगी। वे एक्वीफर मैपिंग, भूजल पुनर्भरण तकनीक तथा शहरी जल प्रबंधन की आधुनिक पद्धतियों से अवगत होकर अपने शहर के विकास की कार्ययोजना बनाते समय इनका ध्यान रख सकेंगे। इससे वे भू-जल के संवर्धन के लिए भी प्रभावी योजनाएं तैयार कर सकेंगे।
   उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि नगरों के विकास की योजना बनाते समय जल संरक्षण को प्राथमिकता से शामिल करना होगा। जल संचय और रिचार्जिंग सिस्टम के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा विकसित करना होगा। उन्होंने सभी अधिकारियों से प्रशिक्षण का पूरा लाभ लेने को कहा। श्री साव ने राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के साथ ही प्रशिक्षण दे रहे सभी विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से हम नगरीय निकायों में भू-जल के संरक्षण और रिचार्ज के लिए प्रभावी काम कर सकेंगे। राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय सहित नगरीय प्रशासन विभाग एवं सुडा के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रशिक्षण से ऑनलाइन जुड़े।   

ये विशेषज्ञ दे रहे प्रशिक्षण

प्रदेशभर के नगरीय निकायों के वरिष्ठतम अधिकारियों और अभियंताओं को अर्बन एक्वीफर मैनेजमेंट विषय पर देश-विदेश के विशेषज्ञ प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण के पहले दिन 22 सितम्बर को राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, नवा रायपुर की वैज्ञानिक सुश्री बिजिमोल जोस के साथ ही सीजीडब्ल्यूबी, चेन्नई के वैज्ञानिक डॉ. एम. सेंथिल कुमार ने शहरी क्षेत्रों के जल भू-विज्ञान के बारे में जानकारी दी। वहीं मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज, फरीदाबाद के प्राध्यापक डॉ. अरुणांग्शु मुखर्जी ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में भू-जल परिदृश्य के बारे में बताया।
   प्रशिक्षण के दूसरे दिन आज सीजीडब्ल्यूबी, नई दिल्ली के पूर्व सदस्य डॉ. दीपांकर साहा ने उथले जलभृतों (Aquifer) में भूजल की गुणवत्ता, सीजीडब्ल्यूबी, नई दिल्ली के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक श्री एस.के. मोहिद्दीन ने भारत के मेट्रो शहरों में वर्षा जल संचयन और प्रबंधित जलभृत पुनर्भरण (एमएआर) तथा डेनमार्क के आरहूस विश्वविद्यालय के फैकल्टी डॉ. फिलिप ने डेनमार्क के शहरी जलभृत प्रबंधन के अनुभव साझा किए।
    प्रशिक्षण के तीसरे दिन 24 सितम्बर को सीजीडब्ल्यूबी, नई दिल्ली के वैज्ञानिक श्री मधुकर सिंह शहरी क्षेत्रों में कृत्रिम पुनर्भरण के सरल और व्यावहारिक तरीकों, बायोम एनवायर्नमेंटल, बेंगलुरु के संस्थापक और निदेशक श्री एस. विश्वनाथ बेंगलुरु के शहरी जलभृत प्रबंधन और सर्वोत्तम प्रथाओं तथा केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के डॉ. उदय भोंडे शहरी विकास एजेंडा के तहत शहरी जलभृत प्रबंधन परियोजनाओं की जानकारी देंगे।

भाजपा राज में प्रशासनिक अराजकता हावी
जब भाजपा के कार्यकर्ता प्रताड़ित किये जा रहे तब आम आदमी का क्या होगा

रायपुर/ शौर्यपथ राजनीती / पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर ने भाजपा सरकार के बदनुमा चेहरे को दिखाया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर के द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र प्रदेश में फैली प्रशासनिक अराजकता को बयान करता है। भाजपा राज में प्रशासनिक अराजकता हावी है। ननकी राम कंवर ने अपने पत्र में सिल-सिलेवार बताया है कि किस प्रकार से प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के कार्यकर्ताओं और पत्रकार को प्रताड़ित कर रहे है। जब भाजपा के कार्यकर्ताओं का यह हाल है तो आम आदमी के साथ यह अधिकारी कैसा सलूक करते होगें, इसकी कल्पना की जा सकती है। ननकी राम कंवर का यह आरोप गंभीर है कलेक्टर डीएमएफ फंड का दुरुपयोग कर रहे व्यक्तिगत लाभ ले रहे। कोरबा के डीएमएफ फंड की राशि के खर्चे की जांच करवाई जानी चाहिये।
 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने अपने पत्र में गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है प्रदेश के कलेक्टर लोकहित में काम नहीं करते है, व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिये अपने संवैधानिक शक्ति का दुरुपयोग कर रहे है। अधीनस्थों पर दबाव बनाकर अनैतिक काम कराया जाता है, जो न्यायहित में नहीं है तथा लोकतंत्र के लिये खतरा है। कलेक्टर सरकार के प्रतिनिधि है, वे वही करते है जैसा सरकार चाहती है। कलेक्टर गलत कर रहे मतलब सरकार उनसे वैसा करवा रही है।
 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ननकी राम कंवर ने तो केवल एक जिले के कलेक्टर के बारे में पत्र में लिखा है। पूरे प्रदेश में यही हालात है। ननकी राम कंवर के पहले भाजयुमो के पूर्व अध्यक्ष आदिवासी नेता रवि भगत ने भी बेलगाम नौकरशाही और मंत्री के मनमानी को उजागर किया था। सरकार की कमजोर पकड़ के कारण प्रशासनिक तंत्र बेलगाम हो गया है। पिछले एक साल में राज्य में काम करने की संस्कृति समाप्त हो गई है। आम आदमी अपने रोजमर्रा के कामो के लिये सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है, किसी की कही सुनवाई नहीं हो रही है।

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