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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
दशहरे की रौनक में बस्तर पुलिस का सराहनीय योगदान
नरेश देवांगन की खास रिपोर्ट
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर दशहरा अपनी परंपरा और भव्यता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इन दिनों जगदलपुर शहर में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जुट रहे हैं, जिससे भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इस चुनौती को बस्तर पुलिस बखूबी संभाल रही है।
पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के कुशल नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था लगातार सुदृढ़ की जा रही है। श्री सिन्हा स्वयं व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर मैदानी हालात का जायजा ले रहे हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) संतोष जैन और यातायात प्रभारी मधुसूदन नाग अपनी टीम के साथ शहर के मुख्य मार्गों पर मुस्तैदी से डटे हुए हैं। बैरिकेड्स, ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग की स्पष्ट व्यवस्था से श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम मार्ग मिल रहा है।
भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती और अधिकारियों की लगातार फील्ड निगरानी से दशहरे की रौनक में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं दिख रही है। पुलिस जवान श्रद्धालुओं को लगातार मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
स्थानीय नागरिक और बाहर से आए पर्यटक पुलिस की इस मुस्तैदी की खुले दिल से तारीफ कर रहे हैं। लोगों का कहना है, “इस बार दशहरा का आनंद दोगुना हो गया है, क्योंकि पुलिस की सतर्कता ने हमें पूरी सुरक्षा और भरोसे का माहौल दिया है।”
निस्संदेह, दशहरे के इस ऐतिहासिक पर्व में बस्तर पुलिस का योगदान लगातार व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एसपी और उनकी टीम की यह तत्परता पूरे समाज में सुरक्षा और विश्वास का सकारात्मक संदेश दे रही है।
नरेश देवांगन की खास रिपोर्ट
जगदलपुर, शौर्यपथ। राजमहल परिसर में मीना बाजार का ‘‘मौत का कुआँ’’ खेल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन कारण रोमांच नहीं बल्कि लापरवाही है। लगभग 30 साल पुरानी गाड़ियों को बिना तकनीकी जांच और बिना सुरक्षा इंतज़ाम मौत के कुएँ में झोंक दिया गया। फिटनेस शुल्क भरकर कागज़ी मंजूरी तो दिला दी गई, मगर यह कौन तय करेगा कि सड़क पर चलने लायक वाहन मौत का कुआँ जैसे खतरनाक खेल में भी दौड़ाए जा सकते हैं?
गृह मंत्री आएँ तो फिटनेस सख़्त, जनता आए तो सब ढीला
विडंबना देखिए—4 अक्टूबर को लालबाग के स्वदेशी मेला में देश के गृहमंत्री अमित शाह कार्यक्रम में संभावित मौजूदगी है। वहाँ मंच की मजबूत लकड़ी से लेकर बिजली के तार तक की फिटनेस जांची जा रही है। हर विभाग का अफसर मैदान में उतरकर पसीना बहा रहा है ताकि कार्यक्रम में सुरक्षा पर कोई सवाल न उठे।
लेकिन दूसरी तरफ़ मीना बाजार, जहाँ रोज़ हज़ारों आम नागरिक जुट रहे हैं, वहाँ जगह जगह कटे केबल बिना इन्सुलेटेट तार जैसी जानलेवा, बिना फिटनेस जाँच के झूला पर सवारी साथ ही मौत का कुआँ लगभग 30 साल पुरानी गाड़ियाँ दौड़ रही हैं। न फिटनेस की असली जांच, न सुरक्षा उपकरण, न ही जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी। लगता है प्रशासन के लिए जनता की जान किसी कागज़ी फिटनेस सर्टिफिकेट से भी सस्ती है।
दोहरे मानक पर सवाल
जनता पूछ रही है—
क्या फिटनेस सर्टिफिकेट का मतलब यह भी है कि गाड़ियाँ मौत का कुआँ में उड़ाई जा सकती हैं?
जब गृह मंत्री आते हैं तो सुरक्षा की परत दर परत जांच होती है, मगर जनता की भीड़ के लिए जिम्मेदार क्यों खामोश हैं?
क्या नियम-कानून सिर्फ खास मेहमानों पर लागू होते हैं और आम जनता महज़ भीड़ समझी जाती है?
कार्यवाही की मांग
स्थानीय लोगों ने कहा कि यह दोहरा रवैया जनता के विश्वास पर सीधा चोट है। अगर प्रशासन सिर्फ़ नेताओं और खास मेहमानों के लिए ही सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, तो आम जनता की जान का जिम्मेदार कौन होगा? उन्होंने मांग की है कि आयोजकों और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख़्त कार्यवाही हो, वरना आने वाले दिनों में मीना बाजार जैसी जगहें रोमांच नहीं बल्कि मौत का गढ्ढा साबित होंगी।
विभागीय जानकारों की माने तो फिटनेस नियम क्या कहते हैं?
निजी वाहनों की आरसी (RC) केवल 15 वर्ष तक वैध रहती है।
इसके बाद वाहन चलाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट का नवीनीकरण अनिवार्य है।
फिटनेस का नवीनीकरण यह साबित करता है कि गाड़ी सड़क पर साधारण परिस्थितियों में चलने लायक है।
जोखिमभरे खेल या स्टंट (जैसे मौत का कुआँ) के लिए कोई भी कानून फिटनेस को मान्यता नहीं देता।
ऐसे आयोजनों के लिए अलग सुरक्षा मापदंड और अनुमति आवश्यक है।
सवाल अभी भी बाकी…
क्या 30 साल पुरानी गाड़ियों को मौत का कुआँ में उतारना कानून की अवहेलना नहीं है?
जब फिटनेस सिर्फ सड़क पर चलने की इजाजत देता है, तो विभाग ने इन वाहनों को जोखिमभरे खेल में क्यों नज़रअंदाज़ किया?
इस मामले पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री बंजारे का कहना है की परमिशन हमारे यहाँ से नहीं लिया गया है इसकी शिकायत भी हमें मिली है जिस पर मैंने उड़न्दस्ता की टीम को जाँच के लिए मैंने उड़न्दस्ता प्रभारी व इंस्पेक्टर को बोल दिया है की जाके इसकी फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, पाल्यूशन की जाँच कर ले ओर किसी प्रकार की कमी पाई जाती है तो उस पर जुर्माना करें हमारे पास मौत की कुआँ पे चलने वाली गाड़ियों को लेकर कोई गाइड लाइन अभी नहीं आया है यें लोग प्राइवेट गाड़ियों को चलाते है व्यवसायिक गाड़ीयां तो है नहीं यदि इस टाइप से चला रहे होंगे तो फाइन होगा मौत के कुआँ मे करतब दिखा रहे है सुरक्षा नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो इसके लिए मै यातायात प्रभारी से बात कर बोलूंगा की नियमों का पालन करवाये ताकि किसी प्रकार का भविष्य मे हादसा ना हो बीते वर्ष भी इस मामले की शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जाँच कर लगभग पचास हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था जुर्माना लगाने के बाद भी ऐसा होगा तो जप्ती की कार्यवाही कर न्यायलय पेश किया जायेगा।
स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत किया गया स्वच्छता अभियान
जगदलपुर,शौर्यपथ। स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत आज विशेष कार्यक्रम का आयोजन सिरहासार चौक स्थित शहीद स्मारक परिसर में किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव और वन मंत्री केदार कश्यप ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री श्री साव ने प्रदेश के नगरीय निकायों द्वारा स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी साझा की और कहा कि स्वच्छता हमारे संस्कार का विषय होना चाहिए, हमारे बड़े बुजुर्ग स्वच्छता को लेकर हमें प्रेरित करते थे। स्वच्छता जन आंदोलन बन गया है, हरेक व्यक्ति की सहभागिता से देश, प्रदेश और नगर को स्वच्छ - स्वस्थ बनाने का प्रयास है। उन्होंने जगदलपुर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सभी नागरिकों की सहभागिता जरूरी बताया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित लोगों को स्वच्छता बनाए रखने की शपथ दिलवाई और समाज में स्वच्छता को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का संकल्प लिया गया।
इसके बाद सिरहासार परिसर के समीप मंत्रियों, महापौर संजय पांडेय, सभापति खेमसिंह देवांगन, आयुक्त नगर निगम प्रवीण वर्मा, नगर निगम के एमआईसी के सदस्य, जनप्रतिनिधियों, नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों की सहभागिता से नगर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। लोगों ने आसपास की साफ-सफाई कर ‘स्वच्छता ही सेवा’ का संदेश दिया।कार्यक्रम में अन्य अतिथियों ने भी शहीद स्मारक की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छता दौड़ में सहभागी बने बच्चों को प्रशस्ति पत्र भी वितरण किया गया ।
By - नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की एक और अत्यंत महत्वपूर्ण रस्म 'मावली परघाव' बुधवार की रात को पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ अदा की गई। यह रस्म दो देवियों के मिलन के रूप में जाना जाता है, जिसे जगदलपुर के दन्तेश्वरी मंदिर प्रांगण और कुटरूबाड़ा के समीप पारंपरिक रीति-रिवाजों से निभाया गया। इस ऐतिहासिक रस्म को देखने के लिए हर साल की तरह इस बार भी रात को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव की अगुवाई में किए गए मावली परघाव के अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, कमिश्नर डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी, कलेक्टर हरीस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा उपस्थित रहे। दंतेवाड़ा से मावली माता की डोली के साथ पुजारी, कलेक्टर कुणाल दुदावत, पुलिस अधीक्षक गौरव राय भी पहुंचे।
माईजी की डोली का भव्य स्वागत
परंपरा के अनुसार, दंतेवाड़ा से मावली देवी की छत्र डोली और दंतेश्वरी का छत्र जगदलपुर के दंतेश्वरी मंदिर लाए गए। दंतेवाड़ा से पहुंची माईजी की डोली और छत्र का भव्य स्वागत राजपरिवार सदस्य कमलचंद भंजदेव और समस्त बस्तरवासियों ने किया। इस दौरान आतिशबाजियां की गईं और फूलों की बारिश की गई, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। माईजी की डोली के स्वागत की इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी पहुंचे थे।
'मावली परघाव' रस्म में फूल से बना साफा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह साफा केवल जंगल में पाए जाने वाले फूलों से तैयार किया जाता है। राजा को यह साफा पहनाया जाता है और इसकी विशेष पूजा की जाती है। इसी साफा को पहनकर देवी की डोली को राजमहल परिसर स्थित दंतेश्वरी मंदिर में स्थापित किया जाता है, जिसके बाद इसे दशहरा पर्व के अन्य रस्मों में शामिल किया जाता है।
बस्तर दशहरा की परंपरा के अनुसार, बस्तर माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव ने माईजी की डोली की पूजा अर्चना की। पूजा के बाद माईजी की डोली को दशहरा पर्व के समापन होने तक मंदिर के भीतर रखा गया है। इन सदियों पुरानी रीति-रिवाजों और परंपराओं का निर्वहन बस्तर की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।
रायपुर । शौर्यपथ । राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर आज भावनाओं और संकल्पों का साक्षी बना, जहाँ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राज्य स्तरीय **अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस** कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने अपने गरिमामय संबोधन में बुजुर्गों को समाज की धरोहर बताते हुए कहा कि **“वृद्धजनों का आशीर्वाद ही समाज की सबसे बड़ी संपत्ति है”।**
कार्यक्रम में उन्होंने बुजुर्गों को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया और समस्त समाज से अपील की कि **बुजुर्गों के सम्मान और सहयोग को जीवन का संस्कार बनाया जाए।**
#### मुख्यमंत्री की ऐतिहासिक घोषणाएँ
- राज्यभर में बुजुर्गों की देखभाल और सुविधा के लिए **‘सियान गुड़ी’ योजना** को और प्रभावी बनाया जाएगा।
- रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग में **पीपीपी मॉडल पर अत्याधुनिक वृद्धाश्रम** स्थापित किए जाएंगे, जहाँ स्वास्थ्य, मनोरंजन और देखभाल की सभी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- रायपुर में **दिव्यांगजनों के सहायक उपकरणों की रिपेयरिंग हेतु सर्विस सेंटर** स्थापित किया जाएगा, जिससे दिव्यांगजन समय पर और सुलभ सेवा प्राप्त कर सकें।
#### नशामुक्त समाज की ओर कदम
कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने **नशामुक्त भारत अभियान** के तहत **25 नशामुक्ति रथों** को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग जरूरी है।
#### पर्यटन विकास को नई गति
मुख्यमंत्री श्री साय ने **पर्यटन साथी पहल** के तहत जिला प्रशासन रायपुर और ईज़ माई ट्रिप के बीच हुए एमओयू की सराहना करते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ की पर्यटन संभावनाओं को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
### निष्कर्ष
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर एक **संवेदनशील, दूरदर्शी और समर्पित नेतृत्व** का परिचय देते हुए न केवल बुजुर्गों के सम्मान का संदेश दिया बल्कि युवाओं, दिव्यांगजनों और पर्यटन विकास की दिशा में भी ऐतिहासिक पहल की। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के लिए **“समावेशी विकास और मानवीय संवेदनाओं का नया संकल्प”** बनकर उभरा।
रायपुर। शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विजयादशमी (दशहरा) के अवसर पर प्रदेश और देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि विजयादशमी बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। यह पर्व हमें धर्म, साहस और सत्यनिष्ठा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पर्व केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि समाज को नैतिक मूल्यों की ओर अग्रसर करने वाला उत्सव है। भगवान श्रीराम की मर्यादा और रावण पर उनकी विजय हमें यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी सत्य और धर्म का मार्ग ही हमें स्थायी सफलता की ओर ले जाता है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे विजयादशमी पर्व को आपसी भाईचारे, सद्भावना और समृद्धि के संकल्प के साथ मनाएं और समाज को एकजुट तथा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में योगदान दें।
रायपुर, मंत्रालय। शौर्यपथ । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों की मैराथन बैठक लेकर प्रशासनिक कार्यप्रणाली को पारदर्शी और तेज़ बनाने की ठोस पहल की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन के सभी कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने **ई-ऑफिस प्रणाली को सभी विभागों में अनिवार्य रूप से लागू करने** की सराहनीय घोषणा की, जिससे फाइलों की गति तेज होगी और जवाबदेही बढ़ेगी। साथ ही, **जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी में शत-प्रतिशत पारदर्शिता** सुनिश्चित करने पर बल दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि **1 दिसंबर से मंत्रालय में उप सचिव स्तर से ऊपर के सभी अधिकारियों के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य** किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था अनुशासन और जवाबदेही की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
प्रदेश के रजत जयंती वर्ष को **“अटल निर्माण वर्ष”** के रूप में मनाने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों के सुधार और रखरखाव को सुगम आवागमन तथा विकास का आधार बताते हुए इसे प्राथमिकता देने को कहा। साथ ही, जनता की समस्याओं के **त्वरित निराकरण** पर जोर देते हुए सभी विभागों से बेहतर समन्वय के साथ गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का आह्वान किया।
? मुख्यमंत्री के इन निर्देशों को प्रदेश में पारदर्शी शासन और पूंजीगत व्यय की गति बढ़ाने की ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
दुर्ग। शौर्यपथ । गाय को गऊ माता का दर्जा देने वाली सरकार और नगर निगम की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। धार्मिक दृष्टिकोण से गऊ माता को 33 कोटि देवी–देवताओं का वास माना जाता है, मगर व्यावहारिक स्तर पर उनकी दुर्दशा सड़कों पर खुलेआम दिखाई देती है। शहर की प्रमुख गलियों से लेकर कॉलोनियों तक आवारा मवेशियों का डेरा है। यह नजारा सिर्फ दुर्ग का ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अधिकांश शहरों में आम हो चला है।
शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं के झुंड दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं। आए दिन राहगीर और वाहन चालक हादसों का शिकार हो रहे हैं। रात में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट और गड्ढों से भरी सड़कें खतरे को और बढ़ा देती हैं। नागरिक सवाल कर रहे हैं कि आखिर शहरी सरकार कब जागेगी?
### निगम प्रशासन पर आरोप
दुर्ग नगर निगम की वर्तमान महापौर **श्रीमती अलका बाघमार** और उनकी टीम की निष्क्रियता को लेकर शहर में चर्चा तेज है। नगर निगम का यह कार्यकाल इतिहास में सबसे अधिक अनुभवहीन और निष्क्रिय शहरी सरकार के रूप में दर्ज हो रहा है। पिछले छह महीनों में शहर की स्थिति और भी बदहाल होती गई है। सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, नाली–नालों की हालत खराब है और नागरिक सुविधाएं पूरी तरह से उपेक्षित पड़ी हैं।
### जनता का सवाल – “गऊ माता” सिर्फ राजनीतिक नारा?
लोगों का कहना है कि गाय को “गऊ माता” कहकर सम्मान देना आसान है, मगर उनकी सुरक्षा और देखभाल पर ठोस नीति बनाना कठिन साबित हो रहा है। दुर्ग की सड़कों पर बैठी और घूमती गऊ माता न सिर्फ यातायात बाधित कर रही हैं, बल्कि उनकी दुर्दशा शहर की बदइंतजामी का आईना भी दिखाती है।
### समाधान की ओर
शहरवासियों का मानना है कि यदि सरकार और निगम प्रशासन वास्तव में गऊ माता की महिमा और सम्मान में विश्वास रखते हैं, तो उन्हें सड़कों पर छोड़कर मरने के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षित गौशालाओं और योजनाओं में स्थान मिलना चाहिए। इसके साथ ही शहरी सरकार को आवारा पशुओं के प्रबंधन, सड़क मरम्मत और स्ट्रीट लाइट व्यवस्था जैसी बुनियादी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता पर लेना होगा।
फिल्मी दुनिया। शौर्यपथ। डैनी के शोले छोड़ने के बाद सिप्पी कैंप में खलबली मची थी। शूटिंग शुरू होने में एक महीने से भी कम वक्त रह गया था। और गब्बर सिंह कोई मामूली नहीं, फिल्म का केंद्रीय किरदार था। गब्बर का किरदार निभाने के लिए ऐसा शख्स चाहिए था जो ना सिर्फ अच्छा एक्टर हो, बल्कि एक करिश्माई व्यक्तित्व का मालिक भी हो। गब्बर सिंह उतना ही मजबूत दिखना चाहिए था जितने कि फिल्म के दूसरे स्टार्स थे। गलत कास्टिंग करने की कोई गुंजाइश नहीं थी। अगर गब्बर सिंह के लिए किसी गलत एक्टर को चुन लिया जाता तो पूरी फिल्म बर्बाद हो सकती थी। रमेश सिप्पी और उनके पिता गोपालदास परमानंद सिप्पी(जी.पी.सिप्पी) ने रंजीत और प्रेम चोपड़ा के नामों पर विचार किया। रंजीत के नाम पर तो मुहर लगने ही वाली थी। मगर जाने क्यों, रमेश सिप्पी के मन को संतुष्टी नहीं मिली। और रंजीत को कास्ट करने का विचार ड्रॉप कर दिया गया।
रमेश सिप्पी उस वक्त गब्बर सिंह के कैरेक्टर को लेकर इतने डैस्पेरेट थे कि वो प्रेमनाथ जी को भी गब्बर के रोल में इमैजिन करने लगे थे। प्रेमनाथ जी को साइन करने के बारे में सोचने लगे थे। लेकिन जब रमेश सिप्पी यथार्थ के धरातल पर वापस लौटे तो उन्हें अहसास हुआ कि प्रेमनाथ जी के साथ काम करना किसी भी डायरेक्टर के लिए बड़ा मुश्किल होता है। और वैसे भी शोले में पहले ही कई बड़े कलाकार थे। एक साथ इतनी स्टार ईगो झेलना भी तो हैक्टिक होता। उस वक्त सलीम खान ने अमजद खान का नाम सुझाया।
अमजद खान के पिता ज़कारिया खान उर्फ जयंत एक वक्त पर हीरो और बाद में मशहूर चरित्र अभिनेता थे। अमजद उनके छोटे बेटे थे। पिता बेशक नामी कलाकार रहे हों। लेकिन अमजद खान तब सिर्फ एक स्ट्रगलिंग एक्टर थे। एक दफा अमजद के पिता ने उन्हें हीरो के तौर पर लॉन्च करने के लिए 'पत्थर के सनम' नाम से एक फिल्म अनाउंस की थी। लेकिन वो फिल्म कभी बन ना सकी। अमजद ने के.आसिफ को फिल्म 'लव एंड गॉड' में असिस्ट किया था। लव एंड गॉड में अमजद के पिता जयंत ने भी काम किया था। और विकीपीडिया की मानें तो वो उनकी आखिरी फिल्म भी थी। अमजद ने भी एक छोटा सा रोल 'लव एंड गॉड' फिल्म में निभाया था।
कुल मिलाकर फिल्म जगत में अमजद खान की तब कोई पहचान नहीं थी। लेकिन थिएटर जगत में वो बहुत मशहूर थे तब। सबसे पहले साल 1963 में जावेद अख्तर ने अमजद को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में हुए यूथ फैस्टिवल के दौरान हुए 'ऐ मेरे वतन के लोगों' नाम के नाटक में आर्मी अफसर का किरदार निभाते देखा था। कुछ साल बाद रमेश सिप्पी ने भी मुंबई में हुए एक नाटक में अमजद खान को देखा था। उस नाटक में रमेश सिप्पी की बहन सुनीता सिप्पी उर्फ सोनी ने अमजद खान की मां का किरदार जिया था। लेकिन गब्बर सिंह के किरदार के लिए जब माथापच्ची चल रही थी तब ना तो रमेश सिप्पी को और ना ही जावेद अख्तर को अमजद खान का नाम याद आया।
डैनी के शोले छोड़ने के कुछ दिनों बाद इत्तेफाक से बांद्रा के बैंडस्टैंड इलाके में सलीम खान और अमजद खान की मुलाकात हुई। सलीम खान अमजद के पिता को जानते थे। अमजद जब छोटे थे तब उनके पिता से मिलने सलीम खान उनके घर जाते भी थे। उस दिन अमजद खान और सलीम खान की बात हुई तो सलीम खान ने अमजद से पूछा कि वो क्या कर रहे हैं आजकल। अमजद ने बताया कि वो थिएटर कर रहे हैं। फिल्मी काम तब कुछ खास था नहीं अमजद के पास। सलीम खान ने अमजद के बारे में काफी सुन रखा था। उस दिन अमजद से मिलने के बाद गब्बर के किरदार की गुंजाइश सलीम खान को दिखी भी। उन्होंने अमजद से कहा कि मैं तुमसे कोई वादा तो नहीं करूंगा। लेकिन एक बड़ी फिल्म में एक बहुत अच्छा रोल है। मैं तुम्हें डायरेक्टर से मिला दूंगा। क्या पता तुम्हारी किस्मत से या कोशिश से ये रोल तुम्हें मिल जाए। ये इस फिल्म का सबसे फाइन रोल है।
सलीम खान ने रमेश सिप्पी से अमजद खान का ज़िक्र किया। अमजद को मिलने के लिए बुलाया गया। उनसे दाढ़ी बढ़ाने को कहा गया। सलीम-जावेद और रमेश सिप्पी ने अमजद के बारे में काफी विचार किया। अमजद लग तो फिट रहे थे। लेकिन उनकी कोई पहचान तब नहीं थी। सलीम-जावेद की तरफ से तो अमजद खान फाइनल थे। लेकिन आखिरी फैसला तो रमेश सिप्पी को ही लेना था। इत्तेफाक से उसी दिन एक्टर सत्येन कप्पू जी भी सिप्पीज़ के ऑफिस आए थे। रामलाल का कैरेक्टर निभाने के लिए उन्हें तब तक साइन किया जा चुका था। सलीम खान ने उस दिन सत्येन कप्पू से पूछा,"कप्पू साहब, क्या अमजद खान आपसे अच्छा आर्टिस्ट है?" कप्पू जी ने फौरन जवाब दिया,"हां, मुझसे अच्छा एक्टर है। यंग है। उसकी थिंकिंग भी फ्रैश है।"
चार दिन बाद अमजद खान का एक स्क्रीनटेस्ट हुआ। सिप्पीज़ के ऑफिस के गार्डन में अमजद खान की कुछ तस्वीरें ली गई। कहने के मुताबिक अमजद खान ने दाढ़ी बढ़ा ली थी। अपने दांत भी उन्होंने काले किए थे। उनका डिक्शन एकदम सही था। भाषा भी एकदम परफेक्ट थी। आखिरकार अमजद खान को गब्बर सिंह के रोल के लिए फाइनल कर दिया गया। वो तारीख थी 20 सितंबर 1973. अमजद खुशी-खुशी हॉस्पिटल की तरफ दौड़े। उसी दिन उनकी पत्नी शैला ने एक बेटे को जन्म दिया। अमजद ने बेटे का नाम रखा शादाब। जो शादाब खान नाम से कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी कर चुका है। #AmjadKhan #DannyDenzongpa #RameshSippy #Sholay
राजनांदगांव। शौर्यपथ/पटरी पार क्षेत्र के खिलाड़ियों ने 25वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता, रायपुर में शानदार प्रदर्शन कर जिले और क्षेत्र का मान बढ़ाया। चीखली स्कूल मैदान में अभ्यासरत खिलाड़ी पुष्पीता साहू, घनिष्ठा साहू, द्विशा निषाद, मोनिष्का विश्वकर्मा एवं दक्ष चौबे ने स्वर्ण एवं कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह पहली बार है जब पटरी पार क्षेत्र से पाँच खिलाड़ियों ने एक साथ राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया और पदक हासिल किए।
27 से 30 सितंबर तक रायपुर के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में आयोजित इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के पाँच संभाग रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर एवं सरगुजा की टीमें शामिल हुईं। प्रतियोगिता में घनिष्ठा साहू ने 4 गोल किए, मोनिष्का विश्वकर्मा ने 1 गोल दागा। पुष्पीता साहू ने डिफेंडर के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया, द्विशा निषाद ने बतौर गोलकीपर कई महत्वपूर्ण बचाव किए और दक्ष चौबे ने बालक वर्ग में सबसे कम गोल खाने का रिकॉर्ड बनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। इन खिलाड़ियों की सफलता के पीछे रुद्राक्षम् वेलफेयर सोसाइटी द्वारा प्रदत्त निःशुल्क हॉकी प्रशिक्षण और खेलो इंडिया द्वारा संचालित विशेष प्रशिक्षण का अहम योगदान रहा। चयनित खिलाड़ी अब आगामी राष्ट्रीय प्रतियोगिता, गुना (मध्यप्रदेश) में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
0 फूलों की वर्षा और जयकारों से गूंजा पटरी पार
प्रतियोगिता से विजयी होकर लौटने पर पटरी पार क्षेत्र में खिलाड़ियों का भव्य स्वागत एवं सम्मान रैली आयोजित की गई। इस दौरान क्षेत्रवासियों ने फूलों की वर्षा और जयकारों के साथ खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।खिलाड़ियों की इस उपलब्धि परसांसद संतोष पाण्डेय, महापौर मधुसूदन यादव, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा, छत्तीसगढ़ हॉकी अध्यक्ष फ़िरोज़ अंसारी, भाजपा जिला अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत, जिला हॉकी संघ सचिव शिवनारायण धकेता, वरिष्ठ पार्षद शिव वर्मा, राजा माखीजा, सुनील साहू, समाजसेवी भरत लाल वर्मा, वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी नरेश डाकलिया, रमेश डाकलिया, कुतबुद्दीन सोलंकी, प्रकाश शर्मा, अजय झा, अनूप श्रीवास्तव, कुमार स्वामी, समाजसेवी नीलम जैन, गुणवंत पटेल, प्रिंस भाटिया, अब्दुल कादिर, महेन्द्र सिंह ठाकुर, दिग्विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रशिक्षक भूषण साव, अनुराज श्रीवास्तव, कोच किशोर धीवर, चन्द्रहास, दिलीप रावत, महिमा यादव, शकील अहमद, आरती शेंडे, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मृणाल चौबे, जिला क्रीड़ा अधिकारी देवेंद्र ठाकुर, गुरुनानक स्कूल प्राचार्य योगेश दूवेदी, समाजसेवी लक्ष्मण यादव, हारुन खान, दीपेश चौबे, छोटू चौबे सहित अनेक गणमान्य नागरिक ने खिलाड़ियों को बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
अधिकारियों को समयपूर्व सभी आवश्यक तैयारी एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने दिए निर्देश
जगदलपुर, शौर्यपथ। उप मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री बस्तर जिला विजय शर्मा ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी 04 अक्टूबर को बस्तर प्रवास कार्यक्रम की तैयारियों का निरीक्षण कर अधिकारियों को सभी आवश्यक तैयारी एवं व्यवस्था समयपूर्व सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिरहासार भवन एवं कार्यक्रम स्थल लालबाग में तैयारी का जायजा लिया और अधिकारियों की बैठक में प्रवास कार्यक्रम की प्रत्येक तैयारी एवं व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, महापौर संजय पाण्डे तथा अन्य जनप्रतिनिधियों सहित कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, आईजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
जगदलपुर, शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित श्रीरामलला दर्शन (अयोध्या धाम) योजना के तहत 30 सितंबर की शाम को बस्तर जिले के कुल 87 तीर्थ यात्रियों को टाउन हॉल के सामने बस से रवाना किया गया। सांसद महेश कश्यप, नगर निगम महापौर संजय पांडे, वेद प्रकाश पांडे, रामाश्रय सिंह ने श्रीरामलला दर्शन योजना के यात्रियों को पुष्प भेंट कर सुखद यात्रा की शुभकामनाएं दी। यात्रा के प्रारम्भ होने से पूर्व सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। जिले में श्रीरामलला दर्शन योजना समिति के सदस्य रामाश्रय सिंह एवं अन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया गया है। जिले से विगत वर्ष से अब तक 873 तीर्थ यात्रियों को अयोध्या धाम यात्रा से लाभान्वित किया जा चुका है। इस अवसर पर जिला पंचायत अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नोडल अधिकारी बीरेंद्र बहादुर सहित जिला पंचायत कार्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
मृणेन्द्र चौबे राजनांदगांव/शौर्यपथ/ केयरिंग फॉर कम्युनिटी अभियान के अंतर्गत भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय द्वारा "स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार" अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नर्सिंग कॉलेज, राजनांदगांव में किया गया। यह कार्यक्रम दिनांक 30 सितंबर 2025 को दोपहर 12:30 से 1:30 बजे तक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के सह-समर्थनकर्ता डॉ. लक्की नेताम एवं डॉ. सौम्या चेलक रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अतुल मनोहरराव देशकर, अधीक्षक शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय पेंड्री उपस्थित रहे। सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रकाश खुंटे एवं नर्सिंग कॉलेज प्रिंसिपल ममता नायक भी विशेष रूप से उपस्थित हुए। दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों के स्वागत से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
वक्ता डॉ. प्रकाश खुंटे (एमडी मेडिसिन) ने "बुनियादी जीवन समर्थन (Basic Life Support)" विषय पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि हृदयगति रुकने या सांस थमने की स्थिति में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) और कृत्रिम सांस द्वारा व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने मैनिकिन पर सीपीआर का लाइव प्रदर्शन किया, जिसमें डॉ. सौम्या चेलक ने सहयोग किया।
डॉ. अतुल मनोहरराव देशकर ने स्वास्थ्य पर दिनचर्या के प्रभावों की चर्चा करते हुए संतुलित आहार, गहरी नींद और योग के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि योग और पर्याप्त नींद से तनाव, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापा जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियों को रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मेडिकल कॉलेज में योगनिद्रा सेंटर की शुरुआत पायलट आधार पर की गई है, जिसका संचालन नर्सिंग सिस्टर द्वारा किया जा रहा है।
यह आयोजन राष्ट्रीय पोषण माह और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत हुआ। कार्यक्रम का मुख्य संदेश रहा – "स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और सशक्त भारत की नींव है।"
जगदलपुर, शौर्यपथ। वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक आलोक कुमार तिवारी के निर्देशानुसार वनमण्डलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में वन विभाग लगातार अवैध अतिक्रमण, अवैध कटाई के खिलाफ लगातार एक्शन मोड में है और कार्यवाही कर रही है। इसी दौरान गुप्तसूत्रों के द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि भानपुरी परिक्षेत्र के जामगांव सर्किल के ग्राम बोरीगांव में कुछ लोगों द्वारा राजकीय वृक्ष साल की अवैध कटाई कर घर में चिरान रखने की सूचना प्राप्त हुई। जिस पर उपवनमंडलाधिकारी बस्तर आई पी बंजारे के नेतृत्व में वन परिक्षेत्र अधिकारी डॉ प्रीतेश पाण्डेय ने एक टीम का गठन किया गया। 27 सितंबर को कुलमन पिता सुक्लो के घर 25 नग(0.76 घन मीटर) Por no 15487/11 के तहत साल लकड़ी चिरान किया गया उनके द्वारा घर बाड़ी एवं खेत छुपा रखा था फिर 28 सितंबर को कृषक बुधराम पिता गुड्डी के घर से 15 नग साल चिरान (0.39घन मीटर )por नॉ 15487/12 के तहत बरामद की एवं भारत पिता हिड़मा के घर से 11नग साल चिरान (0.213घन मीटर )POR ना 15487/13 के तहत कार्यवाही की गई जिसे अभियुक्तों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि आरक्षित वनखंड के कक्ष क्रमांक 1007 से काटी गई है। इस पर वन परिक्षेत्र अधिकारी डॉ प्रीतेश पाण्डेय ने तत्काल कार्यवाही करते हुए भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं चिरान अधिनियम के तरह प्राथमिकी दर्ज की साथ ही ग्रामीणों को हिदायत दी की वनों की अवैध कटाई और अतिक्रमण गैर कानूनी है और ऐसा किए जाने पर अपराधी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।इस कार्रवाई में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी डोमू राम नेताम, जयदेव मौर्य,ओमप्रकाश सिंह, बुद्रुरु राम कश्यप साथ ही परिसर रक्षक श्रीमती मुन्नी मौर्य छेंदु राम, हेमंत मोर्य, अरुण नाग, योगेश रामटेक, नृपेंद्र गौतम एवं वन चौकीदारों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ