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महासमुंद / शौर्यपथ / जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि खाद्य और मंडी विभाग के संयुक्त टीम द्वारा 13 मई 2020 को बसना विकासखंड के अंतर्गत में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल दुधीपाली की जाँच की गई। में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के प्रोपराईटर, संचालक आशीष अग्रवाल पिता नेमीचंद अग्रवाल के द्वारा अपने धान उठाव के विरुद्ध 20276.20 क्विंटल चावल जमा किया गया है, जबकि धान उठाव के विरुद्ध 3591.26 क्विंटल चावल जमा किया जाना शेष है। खाद्य अधिकारी ने बताया कि राईस मिल के संचालक आशीष अग्रवाल की उपस्थिति में राईस मिल का भौतिक सत्यापन किया गया। भौतिक सत्यापन के पूर्व श्री आशीष अग्रवाल से मिल में उपलब्ध स्टॉक का घोषणा पत्र लिया गया। घोषणा पत्र में अग्रवाल के द्वारा बताया गया कि मिल में धान का स्टॉक 1499.20 क्विंटल, चावल 2667.90 क्विंटल तथा कनकी 200 क्विंटल तथा स्वयं की मंडी खरीदी का धान 15.07 क्विंटल होना बताया गया। भौतिक सत्यापन में धान 1500.00 क्विंटल, चावल 2769.00 क्विंटल तथा कनकी 200 क्विंटल तथा स्वयं की मंडी खरीदी का धान 15.20 क्विंटल पाया गया। इस प्रकार भौतिक सत्यापन और घोषणा पत्र में धान और कनकी में अंतर नहीं पाया गया किन्तु चावल 101 क्विंटल अधिक पाया गया।
राईस मिल के द्वारा धान उठाव हेतु अंतिम डी.ओ. जारी 23 मार्च 2020 को किया गया। उक्त अवधि के बाद संचालक में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के द्वारा धान के उठाव हेतु डी.ओ. जारी नहीं किया गया है तथा उक्त राईस मिल के संचालक के द्वारा उठाव किये गए धान के विरुद्ध में शेष चावल भी 18 मार्च 2020 के बाद जमा नहीं किया गया है। राईस मिल के द्वारा उठाव किये गए धान के विरुद्ध में शेष चावल को पिछले दो माह से जमा नही किया गया और न ही अनुबंध मे शेष धान के उठाव हेतु डी.ओ. जारी करवाया गया है। कस्टम मिलिंग कार्य में में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के द्वारा रूचि नही लिया जा रहा है। राईस मिल के द्वारा कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत स्टॉक पंजी का संधारण नहीं किया गया है तथा प्रतिमाह प्रस्तुत की जाने वाली मासिक विवरणी भी प्रस्तुत नहीं किया गया है।
राईस मिल के द्वारा कस्टम मिलिंग कार्यो में रूचि नहीं लिया जा रहा है तथा भौतिक सत्यापन और घोषणा पत्र अनुसार चावल का स्टॉक 101 क्विंटल अधिक पाया गया। अधिक पाए गए 101 क्विंटल चावल को में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के संचालक श्री आशीष अग्रवाल से जप्त किया गया तथा जप्तशुदा चावल को संचालक श्री आशीष अग्रवाल की सुपुर्दगी मीडिया में किया गया। में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका 4(5) , 5(1) और 6 का उल्लंघन किया गया है जो की आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत दंडनीय है। इस कारण मिलर्स के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
इसी तरह सरायपाली के राईस मिल हिंदुस्तान एग्रोटेक और समलेश्वरी इंडस्ट्रीज का जांच संयुक्त विभागीय टीम के द्वारा किया गया। जांच में हिंदुस्तान एग्रोटेक राईस मिल से चावल उसना 673.50 क्विंटल, चावल अरवा 202 क्विं., धान 7197.20 क्विं., कनकी 1292.50 क्विं. जब्त किया गया है। इसी तरह समलेश्वरी राईस मिल में चावल उसना 1389.25 क्विं., धान 707 क्विं. एवं कनकी 969.50 क्विं. जप्त किया गया है। दोनों राईस मिल के संचालक भागीदार दयानंद अग्रवाल और शंकर लाल अग्रवाल सराईपाली के द्वारा धान के उठाव और चावल जमा नहीं किए जाने के कारण और शासन के कस्टम मिलिंग कार्य के स्थान पर चावल फ्री सेल का कार्य किया जा रहा है। मिलर के प्रबन्धक के द्वारा जांच समय स्टॉक पंजी प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण तथा कस्टम मिलिंग कार्य में लापरवाही बरतने के कारण भौतिक सत्यापन में प्राप्त समस्त धान ,चावल और कनकी को जप्त कर लिया गया है।
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में शासन द्वारा उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग का कार्य करने हेतु पंजीयन कराने के बावजूद कस्टम मिलिंग का कार्य नहीं करने वाले जिले के 06 राईस मिलों को कलेक्टर सुनील जैन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। कारण बताआंे नोटिस मिलने वाले राईस मिलों में मेसर्स एन एल राईस इंडस्ट्रीज महासमुन्द, मेसर्स संजय ट्रेडर्स बागबाहरा, मेसर्स अरिहंत राईस टेक बागबाहरा, मेसर्स तथास्तु इंडस्ट्रीज बागबाहरा, विराट राईस मिल बसना एवं हिंदुस्तान एग्रोटेक सरायपाली ने कारण बताआंे नोटिस का लिखित जवाब प्रस्तुत किया है, किंतु परीक्षण में जवाब समाधान कारक नहीं पाया गया। इस पर कलेक्टर ने उक्त मिलर्स को चेतावनी पत्र जारी करते हुए उन्हें 21 मई 2020 तक मिलिंग क्षमतानुसार डिलीवरी आर्डर जारी कराकर धान का शत्-प्रतिशत उठाव करने के निर्देश दिए है। समयावधि में धान का उठाव नहीं करने वाले राईस मिलों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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