May 09, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

durg / shouryapath news /  ग्राम पंचायत दनिया, विकासखंड धमधा के सम्बंध में दूरभाष के माध्यम से मुरुम के अवैध उत्खनन तथा बिक्री की शिकायत मिलने पर आज अनुविभागीय अधिकारी, धमधा सुश्री दिव्या वैष्णव, नायब तहसीलदार बोरी अखिलेश देशलहरे, थाना प्रभारी बोरी बी के कुशवाहा द्वारा तत्काल कार्यवाही की गई। दनिया-नंदकट्टी के रास्ते के मध्य तालाब में एक जे सी बी तथा 7 ट्रैक्टर को अवैध उत्खनन करते हुए जप्त किया गया। पंचायत से प्राप्त प्रस्ताव में उल्लेखित कार्यों के विपरीत मुरुम को बेचने की कार्यवाही की जा रही थी। इस बात की पुष्टि, स्वयं अनुविभागीय अधिकारी एवं नायब तहसीलदार द्वारा गांव का निरीक्षण कर की गयी। गांव के घरों में 700-800 रूप प्रति ट्रिप के हिसाब से 10-12 ट्रिप प्रति घर मे बेचा जा रहा था। जेसीबी लगाए व्यक्ति के पास लोडेड ट्रैक्टर के निस्तार की जानकारी नहीं थी। अवैध उत्खनन में लगे सभी वाहनों के जप्ती की कार्यवाही की गई है।

113 बेड हैं जिनमें 15 आईसीयू के-
गर्भवती पाजिटिव महिला आई तो डिलीवरी की व्यवस्था भी-
एम्स में स्टाफ की हो चुकी है ट्रेनिंग-

 DURG / SHOURYAPATH / आगामी समय में कोरोना पाजिटिव पाये जाने वाले जिले के नागरिकों का उपचार शंकराचार्य हास्पिटल में होगा। इस संबंध में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कलेक्टर श्री सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने आज हास्पिटल का निरीक्षण किया और यहां नियुक्त अमले से तैयारियों के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। एसओपी के मुताबिक इलाज के लिए हास्पिटल पूरी तरह तैयार है। चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की पाली में ड्यूटी लगा दी गई है। इनके कार्यदिवस और इसके बाद क्वारंटीन के दिन भी निर्धारित कर दिये गए हैं। निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ डाक्टर गंभीर सिंह ठाकुर, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
113 बेड हैं जिनमें 15 आईसीयू के- अधिकारियों ने बताया कि यहां 113 बेड रखे गए हैं। इसमें आईसीयू के लिए 15 बेड, 31 बेड एचडीयू तथा 65 जनरल वार्ड के बेड हैं। इसके अतिरिक्त 32 बेड रिजर्व रखे गए हैं। कलेक्टर ने सभी वार्ड एवं आईसीयू का निरीक्षण किया। अस्पताल में लैब वगैरह की भी सुविधा है। कलेक्टर ने हाउसकीपिंग सहित अन्य जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि ड्यूटी रोटेशन और सभी के दायित्व के बारे में एसओपी के अनुसार कार्य करें। सीएमएचओ ने बताया कि इसके लिए चार बैच लगाए गए हैं। सभी की ट्रेनिंग भी की जा चुकी है तथा एसओपी के बारे में बता दिया गया है। पेशेंट के पाजिटिव चिन्हांकित होते ही यहां तक लाने एवं भर्ती कराने की पूरी प्रक्रिया निर्धारित कर ली गई है।
एन्ट्री प्वाइंट से बेड तक किस तरह का एसओपी होगा कलेक्टर ने पूछा- कलेक्टर ने अपने निरीक्षण में आरंभ में ही स्वास्थ्य अमले से पूछा कि बताइये कोई पाजिटिव मरीज अथवा उनकी देखरेख के लिए स्टाफ आता है तो यहां से किस प्रकार आगे जाएगा। अमले ने बताया कि एंट्री प्वाइंट पर ही थर्मल स्कैनर एवं अन्य जांच उपकरणों की व्यवस्था है। इसके पश्चात आगे की विस्तार से जानकारी उन्होंने कलेक्टर को दी।
गर्भवती पाजिटिव महिला आई तो डिलीवरी की व्यवस्था भी- अस्पताल में उस परिस्थिति की तैयारी भी रखी गई है जब कोई पाजिटिव गर्भवती महिला आए और उसके प्रेग्नेंसी का समय बिल्कुल करीब हो। ऐसी स्थिति में नार्मल और सीजेरियन दोनों तरह से डिलीवरी की सुविधा भी अस्पताल में रहेगी।
एम्स में स्टाफ की हो चुकी है ट्रेनिंग- कोविड हास्पिटल किस प्रकार काम करता है। पेशेंट का ट्रीटमेंट किस प्रकार से होना चाहिए। संक्रमण के रोकथाम के लिए किस तरह की सावधानियां बरतनी हैं। इन सभी की ट्रेनिंग ड्यूटी में लगाए गए अधिकारी-कर्मचारियों की हो चुकी है। इसके अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेनिंग भी हो चुकी है। अस्पताल को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है तथा लगातार सैनिटाइजेशन एवं कोविड संक्रमण को थामने के अन्य उपाय लगातार किए जाएंगे। अस्पताल में पीपीई किट, एन-95 मास्क एवं उपचार के लिए अन्य आवश्यक सभी सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध हैं।

योजना के प्रथम चरण के लिए स्वीकृत किए 445 करोड़ रूपए: ग्रामीण क्षेत्रों 

के 16.70 लाख घरों में दिए जाएंगे नल कनेक्शन 

मिशन के तहत वर्ष 2023-24 तक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों 
में 45.48 लाख घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य

   RAIPUR / SHOURYAPATH NEWS /

 जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वर्ष 2020-21 की 3500 करोड़ रूपए की कार्य योजना को केन्द्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए इसके प्रथम चरण के कार्याें के लिए 445 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की है। जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल आपूर्ति की जाएगी। भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वर्ष 2020-21 की कार्य योजना 3500 करोड़ रूपए की कार्य योजना की सैद्धांतिक सहमति देते हुए प्रथम चरण में इस कार्य के लिए 1000 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान कर दी गई, जिसमें से 445 करोड़ रूपए केन्द्र सरकार के, 445 करोड़ रूपए राज्य शासन के एवं शेष सामुदायिक अंशदान के रूप में होंगे। इससे छत्तीसगढ़ राज्य के कुल 16 लाख 70 हजार 752 ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन देने के कार्याें को गति मिलेगी।

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल ने 19 मई को केन्द्रीय जल शक्ति श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन की छत्तीसगढ़ की कार्य योजना के संबंध में विचार-विमर्श किया गया था। छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री के साथ चर्चा में वर्ष 2023-24 तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 45 लाख 48 हजार 80 घरों तक ‘हर घर नल से जल‘ हेतु छत्तीसगढ़ की कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस योजना के लिए 50 प्रतिशत राज्यांश की राशि तथा समुदाय अंशदान की राशि उपलब्ध कराने की बात कही थी। छत्तीसगढ़ द्वारा विभाग के 7 वर्ष पुराने यूनिफाईड शेड्यूल ऑफ रेट्स (यू.एस.ओ.आर.) को पुनरीक्षित कर नवीन यू.एस.ओ.आर. तैयार किया गया है जिसकी केन्द्र ने सराहना की है। 

    मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए 3500 करोड़ रूपए की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की गई है। इस वार्षिक कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण 29 मई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष किया गया। भारत सरकार द्वारा पेयजल योजनाओं के संचालन-संधारण को जनभागीदारी से अनिवार्य रूप से जोड़ने पर जोर दिया गया। 

क्वारेंटाइन सेंटर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं देंगी सेवाएं

महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

 

   RAIPUR / SHOURYAPATH NEWS /

 महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी महिलाओं और बच्चों को यथासंभव सुरक्षित और पृथक भवन में रखे जाने की व्यवस्था करने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा दिए गए हैं। ऐसा संभव न होने पर गर्भवती, शिशुवती महिलाओं और छोटे बच्चों को आवश्यक रूप से उपयुक्त स्थान में सुरक्षित रखते हुए उनके स्वास्थ्य तथा पोषण का ध्यान रखने अथवा होम क्वारेंटाइन कर मॉनिटरिंग करने को कहा गया है। इस संबंध में मंत्रालय से महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। 

    कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि क्वारेंटाइन केन्द्रों या परिवार में वापस जाने पर महिलाओं के विरूद्ध हिंसा, घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं न हो। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार कानूनी प्रावधानों के तहत महिलाओं को संरक्षण प्रदान किया जाए। महिला हेल्पलाइन 181 और सखी सेंटरों में ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट करने की व्यवस्था की जाए। बच्चों के विरूद्ध हिंसा न हो यदि ऐसा होता है तो1098 चाईल्ड हेल्पलाइन और जिले की बाल कल्याण समिति को सूचित करने की व्यवस्था की जाए। 

    कलेक्टरों को प्रवासी मजदूरों के उनके घर लौटने के बाद उनके परिवार की महिलाओं और बच्चों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए पंजीकृत करते हुए समुचित कार्यवाही करने भी कहा गया है। इसके साथ ही क्वारेंटाइन सेंटरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य विभाग की महिलाओं की सेवा लेने तथा इनकी सुरक्षा का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।  

रायपुर / SHOURYAPATH NEWS /

 जो विपत्ति के समय में मदद करता है, वही जीवन का सच्चा साथी होता है। आज यह कहावत राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के लिए चरितार्थ साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर किसानों के लिए राज्य की महत्वाकांक्षी योजना ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ शुरू की गई है। वह निश्चित ही आज अपने उद्देश्य की ओर बढ़ रहा है। इस विषम परिस्थिति मंे धान के अंतरिम राशि का मिलना किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान कर रहा है। 

    राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बलौदाबाजार जिले के अंतर्गत ग्राम गैतरा के किसान श्री दिलेश्वर वर्मा को पहली किश्त की राशि 16 हजार 6 सौ 86 रूपए मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है। श्री वर्मा ने बताया कि वर्ष 2019-20 में धान उपार्जन केन्द्र में 90 क्विंटल धान बेचा था और ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ के तहत् लगभग 63 हजार रूपए की सहायता राशि चार किश्तों में मिलेगी। 

    उन्होंने बताया कि प्रथम किश्त की अंतरिम राशि बैंक खाते में आ जाने से उन्हें आगामी खरीफ सीजन में खेती-किसानी की तैयारी करने में बड़ी मद्दगार साबित होगी और खाद-बीज आदि की व्यवस्था करने में अब आसानी होगी और इस राशि से ट्रैक्टर मालिक और कृषि केन्द्र की बकाया राशि  को चुकाउंगा। इस आगामी फसल के दौरान अपने खेतों के मेड़ांे में अरहर लगा कर अतिरिक्त आय अर्जित करूंगा। श्री वर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य शासन ने किसानों की समस्याओं को समझा और लॉकडाउन की इस संकट की घड़ी में ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ ने एक सच्चे साथी की महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।  

राज्य सरकार द्वारा 39 ट्रेनों के लिए रेल मण्डलों को 3.74 करोड़ रूपए भुगतान

    रायपुर / SHOURYAPATH NEWS /

   नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को मुख्यमंत्री  बघेल की पहल पर वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक 53 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 71 हजार 712 श्रमिकों को एवं 453 अन्य यात्रियों को वापस लाया गया है। राज्य सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कुल 59 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की सहमति दी गई है, इनमें से 39 श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए 3 करोड़ 74 लाख 31 हजार 330 रूपए की राशि रेल मण्डलों को भुगतान की गई है।
    श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। डॉ. डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन के कारण श्रमिक जो छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं पर पहुंच रहे है एवं राज्य से होकर गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए भोजन, पेयजल, स्वास्थ्य परीक्षण, चरण पादुका वितरण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था से श्रमिकों कोे काफी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहे वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनकी हरसंभव मदद कर रहे है।
    उन्होंने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 205 श्रमिकों को 38 करोड़ 26 लाख रूपए बकाया वेतन का भुगतान भी कराया गया है। वहीं लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 1 लाख 4 हजार श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है और छोटे-बड़े 1390 से अधिक कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को सी.एस.आई.डी.सी. से जल्द ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित करने के दिए निर्देश

 रायपुर / shouryapath news /

   मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने राज्य के लघु उद्योगों में उत्पादित सामग्रियों के विपणन को प्रोत्साहन देने के लिए सभी विभागों को सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से जल्द से जल्द रेट कांट्रेक्ट निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागों द्वारा क्रय की जाने वाली सामग्रियों की सूची उद्योग विभाग-सी.एस.आई.डी.सी. को तत्काल उपलब्ध कराने तथा सी.एस.आई.डी.सी. को शीघ्र अतिशीघ्र समस्त वस्तुओं की दरें निर्धारित करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। 

 उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा पूर्व में राज्य के लघु उद्योगों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के लिए सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी भी अनेक विभागों द्वारा नियमित रूप से क्रय की जाने वाली विभिन्न सामग्रियों का ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन वस्तुओं का राज्य में निर्माण नहीं होता है तथा विभागों द्वारा उनका नियमित क्रय किया जाता है, उन सभी वस्तुओं की आपूर्ति राज्य में निर्माता कंपनियों के अधिकृत वितरकों के माध्यम से ही की जाए, जिससे राज्य में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले और राज्य को जी.एस.टी. की क्षति भी नहीं हो। 

रायपुर । शौर्यपथ । वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर पूछा है कि आपके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के छः वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी आप का पत्र बेरोजगारी पर मौन क्यों है? सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआई) की ताजा रिपोर्ट देखे तो 12 करोड़ से अधिक लोगों का रोजगार चला गया है। आपने देश के युवाओं को भरोसा दिलाया था प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का, उस अनुसार तो देश के बारह करोड़ युवाओं को रोजगार मिल जाना था लेकिन हो उल्टा गया है। बिस्सा ने कहा राष्ट्र से सीधी बात ना कर देशवासियों के नाम संबोधित आपका पत्र बता रहा है कि केंद्र सरकार आज देशवासियों को लेकर उस फिसलन पर खड़ी है जिसके आगे सिर्फ खाई है। लाक डाउन के दौरान जमा पूंजी पर ब्याज दरें घटा दी गई हैं। सरकार डीजल-पेट्रोल से बेदम कमाई कर रही है। किसान खून के आंसू पीकर रह गया है। बेरोजगारी उफान मार रही है। लोग आत्म हत्याएं कर रहे हैं। करोड़ों लोग रोटी कपड़ा मकान के संकट में डूब उतर रहे हैं। फैलती आर्थिक विपन्नता लोगों की खुशियां छीन रही है। बेइंतेहा मुश्किलों का दौर शुरू है। आपका पत्र इन बातों से मुंह छुपाता नजर आ रहा है। पत्र के हर एक शब्द से अट्टहास का भान होता है। यह अफसोस जनक है। बिस्सा ने कहा की विगत दिनों मोदी जी आप भाजपा के कार्यकर्ताओं, पंचायतों के प्रतिनिधियों, प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, देश की नामी गिरामी हस्तियों ईत्यादी से ऑनलाइन बात कर चुके हैं। क्या इन सुरक्षित चेहरों के मध्य मंझदार में पड़े करोड़ो उन बेबस लोगों से जो सड़कों की धूल फांक रहे हैं से बातचीत नहीं करना चाहिये? क्या देश का गरीब या परिस्थितियों का मारा आम नागरिक आपकी दष्टी में अपनी कोई हैसियत नहीं रखता है? क्या उसे सम्मान के साथ जीने का अधिकार नहीं है? बिस्सा ने कहा कि देश का गरीब भूखा प्यासा सड़कों पर है। ट्रेनों में दम तोड़ रहा है। दर-दर की ठोकरें खा रहा है। उसके लिए आपके पत्र में संवेदनाओं व श्रद्धांजली का एक शब्द ना होना, उनके लिये किसी भी प्रकार की राहत की घोषणा ना करना, लोगों के मन में असुरक्षा की भावना भर रहा है। आपका मौन उन के लिये भी कुठाराघात है, जिन लोगों ने सोचा था की वर्ष पूरा होने पर आप कुछ सौगात उन गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों को देंगे जो अपना सब कुछ लुटा कर नए जीवन की तलाश में है। बिस्सा ने पत्र में लिखा है कि कोरोना संकट के इस दौर में भारत की तस्वीर कहीं आपके पत्र की जंजीर में फंसे शब्दों से ना हो जाए सोचकर बार-बार घबरा उठता हूं। आप के दूर-दृष्टिकोण पर प्रश्न उठने लगता है। इस संकट की घड़ी में पूरा देश व राज्यों की सरकारें आपके साथ खड़ी हैं, लेकिन जब देशवासी व राज्य सरकारें आपकी ओर नजर घूमाती हैं तो दिखता है कि आप अभी भी टास्क का झोला लिए “आत्मनिर्भर बनो” के नारे के साथ जनता के समक्ष खड़े हैं। यह देखकर पीड़ा हो रही है। बिस्सा ने कहा की जन भावनाओं को इस तरह मत तोड़िये। जो लोग कोरोना आपदा में अपनी रोजी रोटी खोकर अपने कर्म क्षेत्र को छोड़ने मजबूर हुए हैं उनके पुनर्वास के बारे ठोस पहल कीजिये।

दुर्ग । शौर्यपथ । छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा, दुर्ग की पीएच.डी. अध्ययनरत् छात्रा रश्मि एस. कश्यप को मिनिस्ट्री ऑफ ट्रायबल, भारत सरकार की तरफ से नेशनल फैलोशिप (कैटेगरी-एस.टी.) के लिए चयन किया गया है। डाॅ. रश्मि एस. कश्यप महाविद्यालय के मेडिसीन विभाग में पी.एच.डी. प्रथम वर्ष की छात्रा है। प्रदेश से डाॅ.रश्मि एकमात्र छात्रा है जिनका चयन इस राष्ट्रीय स्तर के स्काॅलरशिप के लिए हुआ है। वे पशु औषधि के क्षेत्र में शोध करेंगी जिससे प्रदेश के दुरांचल में स्थित किसान एवं पशुपालक लाभान्वित होंगे। केन्द्र शासन द्वारा प्रतिभाशाली छात्राओं का राष्ट्रीय स्तर पर चयन किया जाता है जिससे आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु प्रेरित किया जा सके। विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.एन.पी.दक्षिणकर, अधिष्ठाता डाॅ.एस.के.तिवारी एवं कुलसचिव डाॅ.पी.के.मरकाम ने डाॅ.रश्मि का अभिनंदन किया है एवं उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाऐं दी।

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