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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
दुर्ग / शौर्यपथ / अमृत मिशन के कर्मचारियों का कोरोना वायरस संक्रमण की निगेटिव रिर्पोट आने से नगर पालिक निगम दुर्ग को बेहद राहत मिली है। निगम क्षेत्र में अमृत मिशन योजना के तहत् पाइप लाईन विस्तार एवं अन्य कार्य में कार्यरत 11 कर्मचारियों द्वारा एक पॉजेटिव मिल कर्मचारी के संपर्क में रहने के कारण सभी 11 कर्मचारियों का संक्रमण की जांच कराया गया था। निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने बताया अमृत मिशन योजना में कार्यरत दो कर्मचारियों को कोरोना वायरस संक्रमण पॉजेटिव मिलने से योजना के कार्य बंद कर दिया गया था। परन्तु अब जॉच रिर्पोट निगेटिव आ जाने के बाद अमृत मिशन योजना के कार्यो को कराया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिक निगम दुर्ग में अमृत मिशन योजना के कार्य प्रगति पर था । इस दौरान मिशन के कार्य में संलग्न कर्मचारी आनंद बिहार फेस 3 में निवास करता था । इस संबंध में आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि अमृत मिशन योजना में कार्य करने वाले कर्मचारी 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट के आफिस में कार्यरत थे । सभी कर्मचारी आनंद बिहार फेस 3 में किराये पर रहते थे । एक कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमण पॉजेटिव मिलने के बाद हमने आनंद बिहार फेस 3 को सील बंद कर दिये। इसके अलावा उक्त कर्मचारी के संपर्क में रहने वाले सभी 11 कर्मचारियों की जॉच करायी गयी । उन सभी की जॉच रिर्पोट आ गई है । जिन कर्मचारियों का संक्रमण जॉच किया गया था उनमें ललीत पटले, पारस लिल्हारे, आदेश नारंग, विकास तिवारी, सम्भा जी पाटिल, सुभम गवई, विनायक महेकर, पिंटू, आदि कुमार, निलकंठ निषाद, राजेश कुमार शामिल है । उन्होनें बताया अमृत मिशन योजना के कार्य में लगे अन्य 16 कर्मचारियों को होम क्वांरेटाईन में रख दिया गया है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की वापसी के प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेजी से किए जा रहे है। राज्य शासन द्वारा मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनों के साथ ही बसों की भी व्यवस्था की जा रही है। भारत सरकार की एडवायजरी के तहत मजदूरों की वापसी के पश्चात् उन्हें क्वारेंटाईन में रखने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में सेंटर भी बनाए गए हैं जहां उनके ठहरने, भोजन, पेयजल और चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में किए गए लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के करीब सवा लाख मजदूर जो दूसरे राज्यों में काम के लिए गए थे वो वहीं पर फंसे हुए है। इन मजदूरों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 28 विशेष ट्रेन की मांग की है साथ ही मजदूरों के यात्रा व्यय भी राज्य सरकार द्वारा वहन करने को कहा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के परिवहन सचिव ने रायपुर के डिवीजनल रेलवे मेनेजर को छत्तीसगढ़ के 8 स्टेशनों बिलासपुर, चांपा, विश्रामपुर, जगदलपुर, भाटापारा, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में श्रमिकों की स्पेशल ट्रेनों के स्टापेज को प्रस्तावित किया है। इन स्टेशनों पर श्रमिकों को रेल मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार होल्डिंग एरिया में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और उन्हें गतंव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से मजदूरों की वापसी पर उन्हें क्वारेंटाईन में रखने के लिए सामुदायिक भवन, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवनों में आवश्यक व्यवस्था की गई है।
अवधेश टंडन की रिपोर्ट
मालखरौदा / शौर्यपथ / आज विश्व वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जुझ रहा है ऐसे मे छत्तीसगढ सरकार द्वारा रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य करवा कर प्रत्येक गांव के ग्रामीणो के सुनहरा अवसर प्रदान कर रहे है। प्रशासन ने कार्य करवाने के साथ साथ नियम कानून भी लागू किया है मगर वही पर कुछ ऐसे ग्राम है जहा पर कार्य तो करवाया जा रहा है मगर वहा पर नियमो को ताक मे रख कर कार्य करवाया जा रहा है। ऐसे ही ताजा मामला जाँजगीर चापा जिला के मालखरौदा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चिखली का है जहा पर रोजगार गारंटी योजना के तहत मनरेगा का कार्य मे तालाब गहरीकरण का कार्य चलाया गया है जहां पर दो सप्ताह से कार्य चलाया गया है मगर वही पर शासन के नियमो धज्जियां उड़ाते हुये कार्य कार्य करवाये दो सप्ताह के बाद भी सूचना बोर्ड का निर्माण नही हुआ है .
इसके विषय मे जब ग्राम पंचायत के सचिव से बात करने पर उनका कहना है की रेत, गिट्टी नही मिल पाने के कारण नही बन पाया है । जब इस के विषय में हमारे चैनल में न्यूज़ प्रकाशित किया गया तो उसके बाद ग्राम पंचायत चिखली के रोजगार सहायक के पति द्वारा फोन करके यह कहा जाता है की सूचना बोर्ड तो नही बना है और अब तुम लोगो ने न्यूज़ चला दिये हो अब मै सुचना बोर्ड बिलकुल नही बनाऊंगा तुम लोगो को क्या करना है कर लो मैने जनपद पंचायत के सूचना बोर्ड के लिए आये पैसा को खा दिया हू क्या करना है कर लो तुम लोगो को जितना न्यूज़ चलाना है चला लो मेरा कुछ नही होगा। अब यहा पर यह देखना होगा की इन सब के बाद भी अधिकारीयों की आंखे खुलती है या उनको अधिकारियो का संरक्षण प्राप्त होता रहेगा।
// कोरोनावायरस से सबसे अधिक प्रभावित मुंबई में नहीं होगी सेना की तैनाती
// महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित
// मुंबई का धारावी इलाका सर्वाधिक प्रभावित
// मुंबई के आर्थर जेल में कोरोना का कहर, 77 कैदी और 26 स्टाफ पॉजिटिव
// महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल की पटरी पर हुआ मौत का तांडव
मुंबई / शौर्यपथ / महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोनावायरस से सबसे अधिक प्रभावित मुंबई में सेना तैनात करने की अटकलों को शुक्रवार को खारिज कर दिया. हालांकि लॉकडाउन को लेकर उन्होंने राज्य के लोगों को एक तरह से चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 17 मई के बाद बढ़ाया जाए या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोगों ने कितना अनुशासन दिखाया और कितना नियमों का पालन किया. ठाकरे ने कहा, ''एक ना एक दिन हमें इस लॉकडाउन से बाहर निकलना ही होगा. हम हमेशा ऐसे नहीं रह सकते. लेकिन इससे जल्दी निकलने के लिए आपको नियमों का पालन करना होगा, सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी और चेहरे पर मास्क लगाना होगा.ÓÓ
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वायरस को नियंत्रित किया गया है लेकिन इसकी 'श्रृंखलाÓ तोडऩे में राज्य अभी तक कामयाब नहीं हुआ है. 'लाइव वेबकास्टÓ में ठाकरे ने कहा कि जरूरत पडऩे पर राज्य में पुलिस बल को कुछ आराम देने के लिए केन्द्र सरकार से अतिरिक्त कर्मियों की मांग की जा सकती है.
मुख्यमंत्री ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार जरूरत पडऩे पर केन्द्र से अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती का अनुरोध कर सकती है, ताकि चरणबद्ध तरीके से पुलिस कर्मी आराम कर पाएं. ठाकरे ने कहा, ''इसका यह मतलब नहीं है कि मुंबई को सेना के हवाले कर दिया जाएगा. पुलिस कर्मी चौबिसों घंटे काम करने की वजह से काफी थक गए हैं, कुछ तो बीमार भी पड़ गए हैं और वहीं कुछ की वायरस से संक्रमित होने के बाद जान भी चली गई. उन्हें आराम चाहिए.ÓÓ
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के किसानों को लॉक डाउन के बीच राहत देने भूपेश सरकार ने फैसला ले लिया है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री चौबे ने बताया? कि प्रदेश सरकार किसानों को धान के एमएसपी के अंतर की राशि का भुगतान मई माह में कर देगी। किसानों के अतर की राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत करेगी। इस योजना के लिए सरकार ने 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 19 लाख किसानों के बैंक खाते में 6000 करोड़ की राशि जमा की जाएगी। किसानों के बैंक अकाउंट खाते में सीधे जमा होंगे। इस योजना का शुभारंभ प्रदेश के मुखिया सीएम भूपेश बघेल और पार्टी के बड़े नेता करेंगे।
गौरतलब है कि सीएम भूपेश बघेल ने बीते दिनों राज्य का साल 2020—21 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया था कि किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत करेगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सत्ता मेंं आने से पहले ऐलान किया था कि किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। लेकिन फंड के आभाव में केद्र सरकार द्वारा तय की गई कीमत पर किसानों को धान की राशि का भुगतान किया गया है।
रायपुर / शौर्यपथ / वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों की निष्क्रियता के कारण छत्तीसगढ़ का बहुत नुकसान हो रहा है। भाजपा के सांसदों ने अगर सक्रीयता रखी होती तो केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को पर्याप्त आर्थिक मदद करती। अन्य प्रदेशों में फंसे गरीब मजदूरों व अन्य लोगों के साथ भी तत्पर्यता से न्याय होता।
बिस्सा ने बताया कि छत्तीसगढ़ ले भाजपा सांसदों का लोकसभा का रोकार्ड देखें तो वह भी शर्मसार करने वाला है। भाजपा के सुनील सोनी रायपुर ने मात्र 8 प्रश्न, मोहन मंडावी कांकेर ने 4 प्रश्न, दोबारा सांसद बने गुहाराम अजगले जांजगीर चांपा व श्रीमती रेणुका सिंह सरगुजा ने तो कोई भी प्रश्न पूछना आवश्यक नहीं समझा। जबकि सक्रियता के साथ कांग्रेस के दोनों सांसदों दीपक बैज सांसद बस्तर ने 98 प्रश्न एवं श्रीमती ज्योत्सना महंत ने 39 प्रश्न पूछकर छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद की।
बिस्सा ने कहा कि पिछले 4 माह से संपूर्ण राष्ट्र व प्रदेश कोरोना संकट से प्रभावित चल रहा है। प्रदेश को मेडिकल व आर्थिक आवश्यकताएं हैं। इसके बावजूद भाजपा सांसदों का लोकसभा में एक भी प्रश्न ना पूछना पीड़ादायक है। उन्होने भाजपा सांसदों से कहा की संसद में प्रश्न नहीं पूछने कि एक अक्षम्य गलती आप कर चुके हैं, अब कम से कम प्रधानमंत्री जी को पत्र ही लिखकर प्रदेश की आवश्यकताओ पर ध्यानाकर्षण कर दीजिये। शायद नक्कार खाने में तूती की आवाज सुनायी दे जाये।
बिस्सा ने ध्यानाकर्षण किया कि केंद्र शासन के समक्ष छत्तीसगढ़ के वन, खनिज, आर्थिक आवंटन जैसे अनेक विषय लंबित हैं। जिन पर भाजपा सांसदों को केंद्र सरकार के समक्ष मुखरता से छत्तीसगढ़ का पक्ष रखना चाहिए, ताकि प्रदेश का विकास हो सके।
बिस्सा में भाजपा सांसदों की संसदीय सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उनसे पूछा है कि जब आपको लोकसभा में कोई प्रश्न पूछना ही नहीं है। छत्तीसगढ़ के हित की किसी भी बात को केंद्र के समक्ष उठाना ही नहीं है तो आप चुनाव जीतकर दिल्ली में कर क्या रहे हैं ? आपके इस मौन का आखिर कारण क्या है?
दुर्ग / शौर्यपथ / नगर निगम दुर्ग नेताप्रतिपक्ष द्वारा श्रमिक बाहुल्य वार्डो में अब तक राशन का पैकेट नहीं पहुॅचाये जाने का आरोप तथ्यों एवं वास्तविकता के विपरित है। जबकि निगम प्रशासन द्वारा जरुरतमंद गरीब परिवारों को राहत प्रदान करने प्रदेश में सर्वप्रथम दुर्ग महापौर परिषद ने प्रस्ताव पारित कर शासन से स्वीकृति ली, एवं पार्षद निधी अंतर्गत 59 वार्डो के पार्षदों द्वारा 42900 राशन पैकेट की अनुशंसा व मांग के विरुद्ध आज दिनांक तक 35735 परिवारों को राशन का पैकेट वितरण किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि शहर के गरीब और जरुरतमंद परिवारों को शासन की स्वीकृति अनुसार माननीय विधायक अरुण वोरा के मार्गदर्शन में महापौर एवं पार्षद निधि से समस्त वार्डो व बस्तियों में राशन पैकेट का वितरण कार्य प्राथमिकता से किया गया, जो पूर्णता पर है। महापौर निधि के अंतर्गत पार्षदों की मांग पर श्रमिक बाहुल्य बस्ती में पूर्ति हेतु 2271 राशन पैकेट का वितरण किया गया। तथा शेष बस्तियों में राशन का पैकेट वितरण निरंतर किया जा रहा है। करहीडीह वार्ड में राशन पैकेट पहुॅचाया जा चुका है एवं औद्योगिक नगर वार्ड 18, बोरसी वार्ड 50, और पोटियाकला वार्ड 54 में आज वितरण कार्य पूरा किया गया। शेष बचे बस्तियों में आगामी 2 से 3 दिनों में वितरण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा। उपरोक्त वार्डो के पार्षदों द्वारा उनके वार्डो में राशन वितरण करने की अनुशंसा 28 अप्रैल से 1 मई के बीच दिया गया है जिसके कारण उनके वार्डो में देरी से राशन पैकेट पहुॅच पाया है। इस प्रकार नेताप्रतिपक्ष का कथन तथ्यों एवं वास्तिविकता के विपरित है।
विदित हो कि शहर के श्रमिक बाहुल्य बस्तियों नयापारा, पंचशील नगर, राजीव नगर, गयानगर, उरला बघेरा, गिरधारी नगर, शंकर नगर, सिकोला भाठा, सिकोला बस्ति, तितुरडीह उड़िया बस्ति, शक्ति नगर, शांति नगर, आईएचएसडीपी आवास कालोनी, पोलसायपारा, पचरीपारा, स्टेशनपारा, पाटणकर कालोनी, बांस पारा, केलाबाड़ी फोकट पारा, रायपुर नाका उड़िया बस्ति, कंडरापारा, सरस्वती नगर, बांधापार, बोरसी, पुलगांव इत्यादि श्रमिक बाहुल्य बस्तियों में राशन पैकेट का वितरण किया जा चुका है। शेष बचे 2/3 बस्ती मेें राशन वितरण का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निगम प्रशासन द्वारा निगम के अधिकारीयों कर्मचारियों एवं समाज सेवी संस्थाओं व्यक्तियों के सहयोग से प्राप्त सामग्री एवं धनराशि से बिना राशनकार्ड वाले परिवार और लाॅकडाउन के कारण यहाॅ फंसे अन्य प्रदेशों के परिवार कुल 3721 परिवारों को राशन पैकेट वितरण किया गया है। इस तरह से राशन पैकेट वितरण के कारण शहर में राशन के अभाव में कोई विपरित स्थिति निर्मित नहीं हुई है।
दुर्ग । शौर्यपथ । कहते है घर का मुखिया चाहे तो घर मे कलह की कोई जगह नही होती और किसी को भी ग्लानि महसूस नही करना पड़ता । बात बहुत ही छोटी है किंतु देखी जाए तो बड़ी गहरी भी ।
बात बीते दिन की है दुर्ग शहर में लॉक डाउन के नियमो का पालन कड़ाई से हो रहा है कि नही इसका निरीक्षण करने दुर्ग जिला के कलेक्टर अंकित आनंद स्वयम बाजार क्षेत्र में निकले वह उनकी नजर शनिचरी बाज़ार में एक महिला के ऊपर पड़ी जो सब्जी भेज रही थी । महिला बुजुर्ग थी तो कलेक्टर आनंद स्वयं उत्तर कर महिला को समझाईश दी कि लॉक डाउन के नियमो के तहत दुकान / पसरा बन्द करने का समय हो गया साथ ही महिला की समस्त सब्जी (भाजी) को तय कीमत देकर खरीद लिए ।
अंकित आनन्द दुर्ग के प्रशासनिक मुखिया है सिर्फ दो शब्द के आदेश से ही बुज़ुर्ग महिला को दुकान बंद करनी पड़ती । सब्जी चाहे खराब हो जाये दूसरे दिन या महिला का आर्थिक नुकसान हो जाये आदेश का पालन करवाने वाले कर्मचारी को कोई मतलब नही रहता । किन्तु ज़िले के मुखिया ने ना ही बुजुर्ग महिला को अहसान तले दबाया और ना ही आदेश का कड़ाई से पालन करवाने के लिए सख्त कदम उठाए । बस एक मुखिया होने का फर्ज अदा करते हुए बुजुर्ग महिला से समस्त सब्जी खरीदी और आइंदा समय से व्यापार बन्द करने की बात कहते हुए मास्क देकर सोशल डिस्टेंस की जानकारी देते हुए आगे बढ़ गए ।
किसी भी कलेक्टर के सम्पूर्ण कार्यकाल में ऐसे कई वाकये आते है जिन्हें वह याद भी नही रख पाते होंगे किन्तु उनके इस तरह के व्यवहार को बुजुर्ग महिला ताउम्र याद रखेंगी ।
शौर्यपथ / देशभक्ति, यह शब्द आज कल बहुत प्रचलन मे है। जिसे देखो वही देशभक्ति का गाना गा रहा है। अभी कुछ दिन पहले पूरे देश मे थाली बजा कर,दीया जलाकर देशभक्ति दिखाने की होड़ मची हुई थी। इससे खुशी भी हुई कि समस्त देशवासी देशभक्त है। लेकिन अब बारीकी से नजर डालता हूं तो देखता हूं कि एक तबका चूसी हुई हड्डियों में से भी रस निकालने में लगा हुआ है।
कोरोना महामारी के मध्य बहुत से लोग व संगठन, गरीबो व जरूरतमंदों की अपने सामर्थ्य के अनुसार मदद कर रहे है। भूखों को खाना खिला रहे है। अनाज बांट रहे है। मास्क, दवाईयां इत्यादि बांट रहे है। एक प्रकार से देशभक्ति परिभाषित कर रहे हैं ।
अब एक नजर डालते हैं उन काली भेड़ो व सफेदपोश लोगो पर जिन्होने आगे बढ बढ़कर खूब थाली पीटी व दीये जलाये। लेकिन अपनी मक्कारी से बाज नही आ रहे है। ये बात है उन मुनाफाखोरो, मिलावटखोरों व भ्रष्टाचारियों की जो इस संकट की घड़ी में भी लोगो को लूटने का कोई अचसर हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं। मुनाफाखोर ज़रूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर जरूरत का समान स्टाक कर कृत्रिम कमी का माहोल बनाकर बाजार में उसे कई गुना दामों पर बेच रहे है।
यही हाल मिलावटखोरो का हैं, जो हमेशा मिलावट करते ही है, लेकिन ऐसी संकट की घड़ी मे भी मिलावट करने से बाज नहीं आ रहे है। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी घूस का लोभ छोड नही पा रहे है, उन्हे हर काम मे कमीशन चाहिए। भले ही अनाज, मसालों, फल -सब्जियों,मतलब सभी आवश्यक अधिकांश वस्तुओं मे मिलावट कर रहे है। इन धन-पशुओ को हम कैसे देशभक्त कह सकते है ? जो संकट के समय भी अपने देशवासियो को लूटने से बाज नही आ रहे है। कोरोना वायरस का खतरा हर इंसान के सर पर मंडरा रहा है। इसके बावजूद इन लोगो की पैसे की भूख समाप्त नही हो रही है। इन्हे मृत्यु का भय भी लूट-खसोट से नहीं रोक पा रहा है।
कोरोना ने जैसे इनको इच्छामृत्यु का वरदान दे रखा है। अब समय आ गया है इन देश द्रोहियों को बेनकाब करने का। जो देशभक्ति का चोला पहन कर अपने देशवासियो को लूटने मे कोई कसर नही छोड रहे है। आम नागरिकों की मजबूरी का फायदा उठा रहे है। काली कमाई के यह सौदागर यह देश के घोषित दुश्मनो से भी ज्यादा घातक हैं। देश को घुन की तरह धीरे धीरे खोखला कर रहे है। रंगे सियारों को आखिर कैसे देशभक्त कहा जा सकता है। ( संजय सिंह ठाकुर की कलम से ..)
दुर्ग / शौर्यपथ / राज्य शासन द्वारा लाकडाउन के कारण अन्य राज्य में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने की तैयारी श्रम विभाग ने प्रारंभ कर दी है। शासन के गाइड लाइन के अनुसार श्रम विभाग में 2593 श्रमिक अन्य राज्यों में जाने के लिए पंजीकृत हुए है। जिसमें झारखंड से 896, उडि़सा से 529, बिहार से 555, पश्चिम बंगाल से 562 श्रमिकों की संख्या दर्ज की गई है। जो कि दुर्ग जिले में निवासरत् है एवं अन्य राज्यों के नागरिक है। ये अपने घर वापसी के लिए तैयार है। साथ ही अब तक 1374 श्रमिकों ने दूसरे राज्यों से श्रम विभाग को दुर्ग वापस आने के लिए संपर्क किया है। जिसमें पुणे से 412, हैदराबाद से 164, नागपुर से 135, सूरत से 103 सहित अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिक शामिल है।
वर्तमान में दुर्ग जिले में जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उडि़सा, राजस्थान एवं पंजाब राज्य के लोगों को राहत शिविर केन्द्र अग्रसेन भवन, सांस्कृतिक भवन कुम्हारी, आकाशगंगा आश्रय स्थल, रैन बसेरा बस स्टैण्ड, कुशाभाऊ ठाकरे भवन, सांस्कृतिक भवन वैशालीनगर, कुगदा, रैन बसेरा जिला अस्पताल, चंद्रखुरी, मंगल भवन खुर्सीपार में कुल 165 श्रमिक को ठहराया गया है।
श्रम विभाग के अधिकारी आरके प्रधान ने विधायक अरुण वोरा को जानकारी देते हुआ कहा कि देश के किसी भी स्थान व राज्य से संपर्क करने वाले श्रमिकों की आने-जाने की व्यवस्था का संचालन सुगमंता से किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। विधायक वोरा ने कहा है कि जिला प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारी संयुक्त रुप से सर्वेक्षण कर ले ताकि श्रमिको के आने, उनके स्वास्थ्य परीक्षण और उन्हे गंतव्य तक भेजने तथा क्वारेंटाइन में रखने की उचित व्यवस्था करें।
विनोद रायसागर की रिपोर्ट
मुंगेली / शौर्यपथ / आज सुबह मुंगेली के राम गोपाल तिवारी वार्ड में रहने वाला सोनू यादव ने अपने ही मां का टंगिये से गला काट कर हत्या कर दी ।बताया जा रहा है कि पिता धनी राम यादव जो पंप आपरेटर है का बेटा सोनू यादव आदतन नशेड़ी था शराब के अलावा अन्य नशे का भी आदि था,कुछ काम भी नहीं करता था ।
आज सुबह ही अपने आदत के अनुसार अपनी मां सुनीता यादव से पैसा मांगा ,पैसा नहीं मिलने पर गुस्से में आग बबूला हो गया तथा घर में ही रखे टंगिये से अपनी मां के ऊपर ताबड़तोड़ हमला कर दिया गुस्सा इतना ज्यादा था कि आव देखा न ताव अपनी मां का धड़ से सिर काटकर अलग कर दिया ,बीचबचाव में आयी उसकी बहन मधु यादव पर भी टंगिये से हमला कर दिया जिससे उसकी बहन वहीं पर ढेर हो गई बहन को जिला हास्पिटल भेज दिया गया है उसकी भी हालत एकदम नाज़ुक स्थिति में है ।
बताया गया कि सोनू यादव ये सब करने के बाद घर से निकल कर गली में हथियार को लेकर टहल रहा था ।लोगों को जब घटना के बारे में पता चला पुलिस को फोन करके बुलाया गया ,पुलिस आने के कऱीब पंद्रह बीस मिनट के बाद समझाने पर ही हथियार को छोड़ा ,उसके बाद ही सोनू यादव को गिरफ्तार कर थाना ले जाया गया ।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना महामारी के चलते रोजगार के लिए रास्ते ढूंढ रहा है, वही भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सार्थक साबित हो रही है, इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में पूर्व से ही अपना बहुमूल्य योगदान दिया और आज जब बात ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण रोजगार की हो रही है तब यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की लाइफ लाइन के रूप में उभर कर आई है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में मनरेगा में अपनी अलग ही पहचान बना चुका है, इसी कड़ी में राजनांदगांव जिला सबसे अधिक 2 लाख 3 हजार 831 मजदूरों को मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार प्रदान कर प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री तनुजा सलाम के अथक प्रयासों से राजनांदगांव राज्य के दूसरे जिलों को पीछे छोड़ते हुए पूरे छत्तीसगढ़ में आज की स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरत मंद लोगों को रोजगार देने वाले जिले के रूप में अपनी पहचान बनाई है। आज की स्थिति में जिले के अंतर्गत कुल 4 हज़ार 129 कार्य प्रगतिरत है। 11 हजार कार्य पूर्व से स्वीकृत हैं एवं कुल 772 पंचायतों में लगातार काम चल रहा है। कुछ दिनों पूर्व जिले ने दो लाख मजदूरों का लक्ष्य निर्धारित किया था, आज की स्थिति में जिसे प्राप्त कर लिया गया है।
राजनांदगांव जिले के 9 ब्लॉक जिसमें सबसे अधिक खैरागढ़ ब्लॉक 33 हजार 995 मजदूरों, छुरिया ब्लॉक में 32 हजार 946 मजदूरों, राजनांदगांव ब्लॉक में 28 हजार 639 मजदूरों, अंबागढ़ चौकी ब्लॉक में 19 हजार 372 मजदूरों, डोंगरगढ़ ब्लॉक में 21 हजार 165 मजदूरों मानपुर में 17 हजार 111 मजदूर, छुईखदान ब्लॉक 27026 मजदूरों, डोंगरगांव ब्लॉक में 11 हजार 572 मजदूरों, मोहला ब्लॉक में 12 हजार 005 मजदूरों को रोजगार मिला रहा है । साथ ही राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण कब चलते समय-समय पर जारी किए गए आदेशों का पालन करते हुए लगातार सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क, गमछा का उपयोग, कार्यस्थल पर हाथ धुलवाने की व्यवस्था एवं लोगों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर नियमों का पालन भी कराया जा रहा है। लॉकडॉउन के बावजूद भी मनरेगा के लिए लगभग 5 हजार से अधिक नवीन जॉब कार्ड बनाया गए हैं एवं इसके अंतर्गत लगभग 14 हजार 600 नवीन मजदूर रोजगार के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं एवं जिले मे मनरेगा अंतर्गत नवीन तलाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, भूमि सुधार नरवा योजना अंतर्गत एल बी सी डी, गैबियन, बोल्डर चेक डैम, गौठानों एवं उनके आस-पास सामूहिक बाड़ी निर्माण, निजी बाड़ी निर्माण एवं वृक्षारोपण योजना को ध्यान में रखते हुए नर्सरियों में पौधे तैयार करने के कार्य प्राथमिकता के साथ किए जा रहे हैं, ताकि जिले में मजदूरों को रोजगार की किसी भी प्रकार की कमी ना हो।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी अंतर्गत जिले में विशेष कार्य योजना तैयार कर गौठानों के आसपास के क्षेत्र में बाड़ी, गौठानों में पशुओं के लिए समुचित व्यवस्था के साथ-साथ गोबर खाद का निर्माण, नदी नालों के उत्थान के कार्य एवं बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के कार्य किए जा रहे हैं।
शराब दुकान पर सोशल डिस्टेंस के लिये चिंतित भाजपा विधायक के बंगले में उमड़ा था जन सैलाब
स्वास्थ व्यवस्था पर चिंतित भाजपा सांसद सुनील सोनी बताये क्यो टांग दिया सरकारी अस्पताल को चौथे माले पर
केंद्र सरकार से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मांगे गयी 30 हजार करोड़ के राहत राशि दिलवाने का प्रयास करेंगे
रायपुर/ / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल के संयुक्त प्रेस वार्ता पर प्रश्न उठाते कहा कि जहां एक ओर पूरा देश और छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना महामारी के वि परीत परिस्थितियो में लड़ाई लड़ रहे है वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद सुनील सोनी और विधायक बृजमोहन अग्रवाल लगातार जनता को गुमराह करने वाला बयान जारी कर रहे हैं।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भाजपा सांसद सुनील सोनी लगातार प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ कर सफलता अर्जित करने में सबसे अग्रणी है और मरीजों की संख्या में भी भारतीय जनता पार्टी के शासित राज्यों से कहीं कम है। इसका कारण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रदेश कांग्रेस की टीम पूरी टीम शिद्दत के साथ इस महामारी का डटकर मुकाबला कर रही है यह बात भाजपा के बयान वीर सांसद को नागवार गुजर रही है और वह प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं। जबकि उन्हें बताना चाहिए कि केंद्र सरकार से कोरोना महामारी से उबरने और राज्य की अर्थव्यवथा सुधारने के लिए प्रदेश के मुखिया ने 30 हजार करोड़ की राहत पैकेज की मांग प्रधानमंत्री श्री मोदी से की है उस पर भाजपा के रायपुर सांसद सुनील सोनी यह मांगी गयी राशि दिलवाने के पक्ष में है कि नही है।
तिवारी ने कहा कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शराब दुकान में उमड़ी भीड़ और सोशल डिस्टेंस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं लेकिन 1 मई को उनके सरकारी बंगले में इससे ज्यादा भीड़ उमड़ी हुई थी सैकड़ों गाड़ी बंगले के बाहर खड़े हुए थे लोगों का तांता लगा हुआ था और सोशल डिस्टेंस तार-तार हो रही थी कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रश्न किया कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को यह बताना चाहिए कि 1 मई के दिन उनके बंगले में सैकड़ों हजारों की तादाद में भीड़ क्यों आयी हुई थी और अगर उनके आरोप निराधार हैं तो क्या पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल 1 मई के सीसीटीवी फुटेज को जनता के समक्ष प्रस्तुत करेंगे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी देश के 600 से अधिक रेड, ग्रीन, ऑरेंज और ऑरेंज जोन जिलों में हो शराब बिक्री के विरोध में प्रेस वार्ता करेंगे।