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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है . कांग्रेस की सरकार के कई चुनावी वादों में एक वादा पूर्ण शराब बंदी का भी है जिसे लेकर विपक्ष लगातार वार करती रहती है . गंगाजल का वास्ता देकर हिन्दू धर्म के अपमान की भी बात करती है . प्रदेश में दुर्ग लोकसभा से भाजपा सांसद विजय बघेल ने शराब बंदी पर भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भूपेश सरकार पर झूठे चुनावी वादे के आरोप लगाये . एक हद तक यह सही भी है भाजपा सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को संकट की इस घडी में शराब दूकान खोलने की जल्दी क्यों है जबकि स्वामी शंकराचार्य भी इसका विरोध कर चुके है स्वयं भूपेश बघेल द्वारा 2017 में शराब बंदी की बात का समर्थन करते हुए 2018 के चुनावी मैदान में कदम रखा और भारी मतों से जीत कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी .
भाजपा सांसद का आरोप सही है भूपेश सरकार ने शराब बंदी के वादे को अभी तक पूरा नहीं किया किन्तु भाजपा सांसद ने कभी यह नहीं सोंचा कि भूपेश सरकार ने कभी भी ऐसा नहीं कहा कि शराब बंदी नहीं होगी . भूपेश सरकार ने सत्ता सँभालते ही कई चुनावी वादे पुरे किये और शराबबंदी के लिए भी समिति बना कर पूरा आंकलन कर शराब बंदी की बात कर रही है . भाजपा सांसद विजय बघेल आरोप लगाते समय यह क्यों नहीं कह रहे है कि कोरोना लॉक डाउन के तीसरे चरण में शराब दूकान स्थिति अनुसार शराब दूकान खोलने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी . भूपेश सरकार द्वारा द्वितीय लॉक डाउन के समय भी शराब दूकान खोलने की तैयारी की थी किन्तु केंद्र सरकार के नियमो का पालन करते हुए शराब दूकान नहीं खोला गया .
शराब समाज को बुराई के रास्ते पर ले जाती है और शौर्यपथ शराब बंदी का पूर्ण समर्थन करता है किन्तु कोरोना संकट के समय एक ओर जहा देश के ऐसे कई राज्य जहां भाजपा की सत्ता है वह भी शराब बिक्री हो रही है किन्तु भाजपा के नेता उन राज्यों के बारे में मौन क्यों है . भाजपा नेताओ द्वारा शराब बंदी का राग सिर्फ एक राजनितिक प्रक्रिया ही है सिर्फ जनता को गुमराह करने का एक सरल रास्ता .
जनता भी चाहती है कि शराब बंदी हो और अगर भूपेश सरकार ने विधान सभा चुनाव के पहले शराब बंदी का कदम नहीं उठाया तो जनता स्वयं तय कर लेगी कि किस ओर जाए किन्तु भाजपा सांसद विजय बघेल ये क्यों भूल जाते है कि प्रदेश में शराब बेचने का कार्य सरकार ने अपने हांथो लिया तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब विजय बघेल क्यों मौन रहे क्यों नहीं तब उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता के स्वास्थ्य और स्वक्ष समाज का याद आया .
सांसद बघेल तब क्यों मौन रहे जब प्रदेश की आर्थिक राजधानी में एक भी कोरोना मरीज समाज से नहीं मिला तब भी केंद्र द्वारा रायपुर को रेड जोन में रखकर प्रदेश को आर्थिक हानि से बचाने की पहल करते . वैसे तो भूपेश बघेल दुर्ग लोकसभा के सांसद है किन्तु दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रदेश सरकार के सहायता कोष में मदद की पहल क्यों नहीं की . छत्तीसगढ़ और दुर्ग लोकसभा की जनता के वोट से विजय बघेल की जीत हुई तो क्या दुर्ग लोकसभा की जनता के लिए कोई दायित्व नहीं बनता सांसद जी का .
एक ओर जहाँ जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के नागरिको की समस्या से अवगत होने भ्रमण कर रहे वही संकट की इस घडी में सांसद विजय बघेल सिर्फ आरोप प्रत्यारोप कर राजनितिक रोटी सकने की कोशिश तो नहीं कर रहे है ? एक समय प्रदेश में अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माने जाने वाले सांसद बघेल कोरोना संक्रमण के समय आम जनता से दूर क्यों है .
आज प्रदेश की समस्त ऐसी जनता जो शराब से दूर रहती है चाहती है कि प्रदेश में शराब बंदी हो . शराब से कई परिवार बर्बाद हो चुके है और आम जनता को आछे से याद है कि भूपेश सरकार ने शराबबंदी का वादा किया था अगर अगले विधान सभा चुनाव तक प्रदेश में शराबबंदी ना हुई तो इसका नुक्सान भूपेश सरकार को उठाना पड़ेगा और इतनी समझ तो प्रदेश के मुखिया को होगी ही कि चुनाव के समय इन सवालों का जनता को जवाब भी देना होगा किन्तु भाजपा के सांसद जिस तरह आरोप लगा रहे है वह सिर्फ एक कोरी राजनीति ही है क्योकि यही वो भाजपा है जिसने प्रदेश में 15 साल राज किये जिसमे छत्तीसगढ़ की जनता को किये अनगिनत वादे पूर्व की सरकार ने पूरा नहीं किये जिसके कारण जनता ने भाजपा का साथ छोड़ा किन्तु देश में भाजपा सरकार के लिए समर्थन भी किया . विजय बघेल बड़े सदन के सदस्य है लोकसभा के निर्वाचित सदस्य है अगर आज सांसद पुरे देश में शराब बंदी की बात करते तो जनता उनके बात का समर्थन भी करती किन्तु सिर्फ एक प्रदेश में शराब बंदी की बात कर सिर्फ राजनीती करना अब जनता के भी समझ में आ रहा होगा . कौन सही है कौन गलत इसका फैसला जनता सिर्फ मतदान के समय ही करती है और अब मतदान के समय ही फैसला होगा कि जनता सांसद विजय बघेल के साथ है या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ जिसके लिए अभी समय है .
शौर्यपथ की खास खबर ..
दुर्ग / शौर्यपथ / कोटा में पढ़ रहे दुर्ग जिले के बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए आज सुखद दिन रहा। लंबे अरसे बाद वे एक-दूसरे से मिले, यह बहुत भावुक क्षण दोनों के लिए रहा। लाकडाउन पीरिएड में लगातार अपने बच्चों की चिंता वे करते रहे और आज उन्हें सकुशल अपने साथ देखकर वो बहुत भावुक हो गए। आज सभी छात्र-छात्राएं बिलासपुर से बीआईटी परिसर पहुंच गए। इन छात्र-छात्राओं को लेने उनके अभिभावक बीआईटी पहुंचे। बातचीत में छात्र-छात्राओं ने बताया कि हमारे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि हम अपने घर वापस आ गए। इसके लिए हम लोग छत्तीसगढ़ शासन को बहुत धन्यवाद देते हैं। इन छात्र-छात्राओं ने कहा कि उन्हें बिलासपुर में क्वारंटीन कर रखा गया था। यहाँ रहने एवं खाने-पीने का अच्छा प्रबंधन जिला प्रशासन ने किया था।
छात्र-छात्राओं को लेने आए अभिभावकों ने कहा कि कोटा में जब हमारे बच्चे फंसे थे तो हर पल बहुत मुश्किल से गुजरा। फिर जब छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया तो बहुत अच्छा लगा। लाकडाउन के दौरान इतनी लंबी यात्रा से बच्चों को लाना आसान नहीं रहा होगा क्योंकि रास्ते में सब कुछ बंद रहा होगा। इसमें मध्यप्रदेश की सीमा पार कर राजस्थान जाना और आना। हम प्रशासनिक अमले को भी बहुत धन्यवाद देते हैं जो हमारे बच्चों को इतनी दूर से लेकर आए। अभिभावकों ने बताया कि कोविड के खतरे को देखते हुए उनके बच्चे घर में पूरा समय क्वारंटीन में रहेंगे।
हमें इस बात की खुशी है कि हमारे बच्चे स्वस्थ हैं, घर वापस आकर खुश हैं। कोटा में मेडिकल की तैयारी के लिए गई भारती ध्रुव के भाई हितेंद्र ध्रुव ने बताया कि मुझे बहन के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंता थी। अब वो वापस आ गई है तो बहुत अच्छा लगा। प्रशासन ने भारती का पूरा ध्यान रखा, हम सब बहुत खुश हैं। इसी तरह मेडिकल की तैयारी के लिए गए आदित्य चंद्राकर ने बताया कि कोटा में फंसे होने की वजह से चिंता के कारण भी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। छत्तीसगढ़ शासन ने हमें लाकडाउन के चलते वहां हो रही परेशानी से भी बचाया और उस चिंता से भी बचाया जो हमें कोटा में रहकर महसूस हो रही थी। जिला शिक्षा अधिकारी एवं इस कार्य के नोडल अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि सभी अभिभावकों को सूचित कर दिया गया था एवं जिला प्रशासन के निर्देशों से भी अवगत करा दिया गया था।
पूरी व्यवस्था की मानिटरिंग के लिए टीम का गठन किया गया था। उल्लेखनीय है कि आज ही सूरजपुर जिले के बच्चे भी अपने गृह जिले के लिए रवाना हुए। लड़कियों को विज्ञान विकास केंद्र एवं लड़कों को रूंगटा कालेज में रखा गया था। आज इन बच्चों को भी रवाना किया गया। उल्लेखनीय है कि कोटा से पहुंचते ही सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था एवं इन्हें क्वारंटीन किया गया था। बच्चों को लेने जाने वाले स्टाफ को भी क्वारंटीन किया गया था।
दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई निगम के फरीद नगर में एक महिला के कोरोना पाजिटिव प्रकरण आने के बाद उक्त क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। उक्त कंटेनमेंट क्षेत्र में सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा घर पहुंच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर कराई जा रही है। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घरों से बाहर निकलना प्रतिबंधित कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था हेतु पुलिस पैट्रोलिंग कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस, कान्टैक्ट ट्रेसिंग एवं सैंपल जांच की कार्रवाई की जा रही है। कंटेनमेंट जोन में प्रवेश एवं निकास हेतु बैरीकेडिंग, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं सैनेटाइजेशन व्यवस्था, एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम को एसओपी के अनुसार दवा, मास्क इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायोमेडिकल अवशिष्ट प्रबंधन हेतु निर्देश जारी कर दिये गए हैं। कंटेनमेंट जोन के पर्यवेक्षण हेतु जोन कमिश्नर को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अत्यावश्यक सेवाएं रहेंगी चालू
कोविड-19 से बचाव हेतु राज्य सरकार का अहम निर्णय
रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव हेतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के सुझाव को सहमति प्रदान कर दी है। जिसमें उन्होंने प्रदेश में मई महिने के सभी शनिवार और रविवार को प्रदेश में लाॅकडाउन करने का सुझाव दिया है।
चालू मई महिने के सभी शनिवार और रविवार को अब पूरे प्रदेश में लाॅकडाउन रहेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस लाॅकडाउन में सब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अन्य अत्यावश्यक सेवाओं को चालू रखने को कहा है।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह अहम कदम उठाया गया है। जिसके तहत अब पूरे मई महिने के शनिवार और रविवार के दिन प्रदेश में लाॅकडाउन रहेगा।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य को कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में पूज्य सिंधी पंचायत राजनांदगांव द्वारा 100 पीपीई किट, 100 एन-95 मास्क तथा 1000 हेण्ड ग्लब्स बतौर सहयोग दिया गया। पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मन्नुमल मोटलानी, महासचिव अमर लालवानी, वरिष्ठ सलाहकार अर्जुनदास पंजवानी, मीडिया प्रभारी अर्जुनदास गंगवानी ने कलेक्टर श्री मौर्य को यह सामग्री प्रदान की।
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद अनेक व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई है।
व्यवसायियों को दुकानों में सामानों का लेन-देन करते समय कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। सभी दुकानों में ग्राहकों के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। दुकानदार स्वयं ग्राहकों को इसके लिए समझाईश दें। श्री मौर्य ने कहा कि दुकानदारों को भी उपयुक्त मास्क का निरंतर उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा हर आधे घंटे में हाथों को सेनेटाईज करना चाहिए। उसी प्रकार केश काउंटरों और बैठने के स्थानों में सेनेटाईज करना जरूरी है।
कलेक्टर मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि दानदाताओं से अब नगद राशि या राशन सामग्री नहीं लिया जाएगा। उन्होंने दानदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वे खरीदकर कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए उपयोगी मास्क सहयोग के बतौर दे सकते हैं। श्री मौर्य ने कहा कि पेण्ड्री के शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन में कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है। यहां पर 160 बेड इलाज के लिए तैयार है। अस्पताल में कोविड-19 गर्भवती माता के लिए वार्ड, सिजेरियन एवं सामान्य प्रसव कक्ष, रक्त परीक्षण के पैथोलॉजी लैब, कोविड-19 वायरोलॉजी लैब की स्थापना की गई है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्स के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था हॉस्पिटल में की जाएगी। श्री मौर्य ने दानदाताओं से डॉक्टरों और नर्सो के लिए पीपीई किट, ग्लब्स खरीदकर देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि अस्पताल के लिए टीव्ही, वाशिंग मशीन, आरओ, कूलर, एसी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी दानदाता सहयोग कर सकते हैं। कलेक्टर मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से कोरोना वायरस के संक्रमण, बचाव के उपायों और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड-19 अस्पताल के लिए की जा रही तैयारियों के संबंध में चर्चा की। पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मन्नुमल मोटलानी ने बताया कि पंचायत द्वारा पूर्व में एक लाख 11 हजार रूपए राहत कोष में दिया गया है। जरूरतमंदों के लिए 100 कट्टा चावल और 20 टीन तेल भी पंचायत द्वारा दिया गया है।
धमतरी / शौर्यपथ / मध्याह्न भोजन योजना के तहत जिले के 1336 प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में जून के लिए 1249 क्विंटल 70 किलोग्राम खाद्यान्न का आबंटन किया गया है। इनमें 884 प्राथमिक स्कूलों के लिए 641 क्विंटल 70 किलोग्राम और 452 माध्यमिक स्कूलों के लिए 608 क्विंटल चावल का आबंटन शामिल है। जिला शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक धमतरी विकासखण्ड के 343 स्कूलों के लिए 313 क्विंटल 90 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है। इनमें 205 प्राथमिक स्कूलों के लिए 152 क्विंटल 20 किलोग्राम और 138 माध्यमिक स्कूलों के लिए 161 क्विंटल 70 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है।
इसी तरह कुरूद विकासखण्ड के 302 स्कूलों के लिए 330 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है। यहां के 184 प्राथमिक स्कूलों में 163 क्विंटल और 118 माध्यमिक स्कूलों में 167 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है। मगरलोड विकासखण्ड के 224 स्कूलों में 208 क्विंटल 20 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया। यहां के 153 प्राथमिक स्कूलों के लिए 109 क्विंटल 40 किलोग्राम और 71 माध्यमिक स्कूलों के लिए 98 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है।
नगरी विकासखण्ड के 467 स्कूलों में 396 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है। यहां के 342 प्राथमिक स्कूलों में 217 क्विंटल 10 किलोग्राम और 125 माध्यमिक स्कूलों के लिए 179 क्विंटल 70 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है।
जीवन तुझे है बढ़ते रहना, जलकर होना राख नहीं
ऐ युवा तू अवसर वाद की, भट्टी का अंगार नहीं
रायपुर / शौर्यपथ / युवाओं को अब स्पष्ट संदेश देना होगा कि युवा अवसरवाद की भट्टी में तपता लोहा नहीं है जिसे जैसे चाहा ढ़ाल लिया। युवा धर्म, संप्रदाय, जाति, भाषा क्षेत्र को लेकर नफरत फैलाने का औजार नहीं है जिसे जब चाहा चला लिया। युवा झूठ को फैलाने वाला वायरस नहीं है जिसे फैला कर समाज को खतरे में डाल दिया।
अवसरवादियों को यह बात बहुत अच्छे ढंग से समझ में आ गई है कि नफरत की भट्ठी और अज्ञानता के अंधकार से जो वोट की ताकत निकलती है, वही सत्ता का मार्ग प्रशस्त करती है। यही कारण है कि वे युवाओं को किसी भी तरह भटकाव के रास्ते पर ले जाने का अवसर नहीं छोड़ते। युवाओं के दिल में नफरत का फैलाव कर जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों से उन्हे दूर रखने का प्रयास करते हैं।इसी कारण युवा राजसत्ता की प्राथमिकता में सबसे निचले पायदान पर खड़ा है।
अब अभिव्यक्ति ही एक ऐसी ताकत बची है जो युवाओं को मजबूती, सम्मान व रोजगार दे सकती है। मजबूत समाज और राष्ट्र दे सकती है। राजसत्ता पर उनका नियंत्रण कायम करवा सकती है। युवाओं के एक ग्रुप ने मुझसे ऑनलाइन वार्ता की। अच्छा लगा यह देखकर कि अंधकार से बाहर निकलने के लिए सूर्य की किरणों ने अपना जोर मारना शुरु कर दिया है।
एक युवा साथी ने बताया कि उनके परिवार की अर्थव्यवस्था पिताजी को रिटायरमेंट के बाद मिले रुपयों से किये गये फिक्स डिपॉजिट से चल रही है। मुझे यह बात ऐसी लगी की मानो बारूद के ढेर पर बैठा कोई व्यक्ति बोल रहा है कि मेरा जीवन सुरक्षित है।
जमा रकम पर बैंक की ब्याज दरें निरंतर कम होती जा रही है। महंगाई बढ़ रही है। रुपये का मूल्य लगातार कम होता जा रहा है। आने वाले समय में यह रकम ऊंठ के मुंह में जीरा समान होगी। इस त्रासद स्थिति के कारण कुछ आत्महत्या तो कुछ अपराध कर रहे होंगे। एक साथ इतने युवाओं को समझने का अवसर मिला। तो लगा विशेषकर युवा पांच बातों को लेकर बेहद चिंतित व असमंजस में थे –
पहला - घटते रोजगार के अवसरों से
दूसरा – ठोस स्व-रोजगार नीति के आभाव से
तीसरा – ग्रामीण व्यवस्था व किसानों की बदहाली से
चौथा - फैलते नफरत के वातावरण से
पांचवा – समाज में फैल रहे झूठ से
मैंने युवाओं से पूछा कि आप इन बातों से बाहर निकलने के लिए आप क्या प्रयत्न कर रहे हैं? यकीन मानिए ऐसा लगा मानो युवाओं की बुद्धि को किसी ने हाईजैक कर लिया है। समाधान का कोई बिंदु वे शब्दांकित नहीं कर पा रहे थे। मन में एक ही विश्वास पाले हुए थे कि “कोई आयेगा जो उन्हें भंवर से बाहर निकाल कर ले जाएगा।“ बस इसी बात ने युवाओं की स्वतंत्र सोच व व्यक्तित्व को क्षति पहुंचाई है।
आप रोजगार को जीवन का प्रथम ध्येय बनाइए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था किसान व किसानी के संवर्धन के लिये अच्छे सुझाव दीजिये और व्यवस्था को मजबूर कर दीजिये की वो उस दिशा में कदम उठाये। नफरत फैलाने वालों के साथ मत खड़ा होइये। समाज में फैलाये जा रहे झूठ के वाहक मत बनिये।
जब तक आप अपने को अभिव्यक्त नहीं करेंगे कि आप क्या चाह रहे हैं, तब तक कोई भी व्यवस्था गंभीरता से नहीं लेगी। आज सोशल मीडिया से अच्छा मंच अपने को अभिव्यक्त करने का दूसरा नहीं है। उस मंच का बेहतर उपयोग अपनी बात करने के लिये कीजिये। कॉपी-पेस्ट, मनगढ़ंत बातों वाली पोस्ट को नजर अंदाज कर अपनी चाहत व जरुरत की बातों को प्रवाहित कीजिये।
अब समझना होगा कि “नारों की मदहोशी में नाचना, युवाओं का काम नहीं और नारों की जय-घोष पर कदम-ताल करने में, युवाओं का सम्मान नहीं”
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के वनांचल विभिन्न लघु वनोपज के अकूत भण्डार से परिपूर्ण है। वर्षों से दूरस्थ अंचलों में वनोपज संग्रहण एवं विक्रय ग्रामीणों की आय का प्रमुख स्रोत रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य लघु वनोपज संघ निरंतर इन लघु वनोपज का उचित मूल्य संग्राहकों को दिलवाने हेतु प्रयासरत है। संघ के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है, कि नारायणपुर जैसे दूरस्थ अंचलों के ग्रामीण आज अपनी लघु वनोपज का न केवल उचित मूल्य प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से संग्रहित एवं प्रसंस्कृत वन उत्पादों की पहुंच और धमक आज देश की राजधानी दिल्ली तक हो गयी है।
नारायणपुर के आदिवासी ग्रामीण परम्परागत रूप से फूलझाड़ू का निर्माण करते रहेे हैं, किन्तु किसी प्रकार की शासकीय सहायता एवं मार्गदर्शन प्राप्त न होने के कारण इन वन उत्पादों का उचित मूल्य उन्हें प्राप्त नहीं हो रहा था। विगत वर्ष राज्य लघु वनोपज संघ के निर्देश पर जिला यूनियन नारायणपुर द्वारा ओरछा जैसे अबुझमाड़ के अंतर्गत आने वाले ग्राम की तीन महिला स्व-सहायता समूहों का चयन कच्चा माल (फूलझाड़ू घास) क्रय करने हेतु किया गया और 5.25 लाख रूपए की चक्रीय राशि प्रदान की गयी। समूह द्वारा कच्चा माल क्रय कर नारायणपुर स्थित माँ जगदम्बा स्व-सहायता समूह को विक्रय कर 3.15 लाख रूपए की आय प्राप्त की गयी।
माँ जगदम्बा स्व-सहायता समूह द्वारा नारायणपुर में जिला यूनियन द्वारा भण्डारण एवं प्रसंस्करण हेतु उपलब्ध कराए गए स्थान पर पाइप और केन झाड़ू का निर्माण किया जा रहा है। समूह के सदस्यों द्वारा अब तक 86 हजार 460 झाड़ू का निर्माण किया जा चुका है। स्थानीय बाजार में किया जा रहा विक्रय पर्याप्त नहीं होने के कारण राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराया गया है, जिसके तहत नाफेड नई दिल्ली से 35 हजार नग झाड़ू का आर्डर प्राप्त हुआ था, जिसकी पूर्ति संजीवनी मार्ट कांकेर के माध्यम से आज की गयी है। इस प्रकार एकमुश्त 35 हजार झाड़ू जिसका विक्रय मूल्य 11.90 लाख रूपए है का विक्रय होने से समूह को 5.79 लाख रूपए का लाभ प्राप्त हुआ है, जिससे समूह सदस्यों में अत्यधिक प्रसन्नता और उत्साह का संचार हुआ है।
राजशेखर नायर की रिपोर्ट
धमतरी / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में स्वरोजगार स्थापना के इच्छुकों से आवेदन लिए जा रहे हैं। महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से मिली जानकारी के मुताबिक कलेक्टोरेट स्थित प्रथम तल के कक्ष क्रमांक-66 में स्वयं उपस्थित होकर आवेदन जमा किया जा सकता है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए दूरभाष कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 07722-232966 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इसी तरह नगरी और धमतरी विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राही सहायक प्रबंधक, श्री एस.के.पाण्डेय के मोबाईल नंबर 78986-09895 पर सम्पर्क कर सकते हैं। कुरूद विकासखण्ड के हितग्राही सहायक प्रबंधक, श्री डी.पी.साहू मोबाईल नंबर 84355-58175, मगरलोड के हितग्राही सहायक प्रबंधक श्री पारसमणी वर्मा मोबाईल नंबर 91652-25192 और धमतरी शहरी क्षेत्र के हितग्राही सहायक प्रबंधक, कुमारी रत्ना सहारे के मोबाईल नंबर 81203-55887 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
गौरतलब है कि इस योजना के तहत आवेदक के स्वयं के व्यवसाय के लिए ऋण की अधिकतम सीमा दो लाख है। इसी तरह सेवा के लिए ऋण की अधिकतम सीमा 10 लाख रूपए एवं उद्योग के ऋण की अधिकतम सीमा 25 लाख रूपए है। इसमें 10 से 25 प्रतिशत अधिकतम मार्जिन मनी डेढ़ लाख रूपए तक की पात्रता अनुसार छूट प्रदान की जाएगी। योजना के तहत छत्तीसगढ़ के मूल निवासी, 18 से 35 वर्ष तक की आयु वर्ग के आठवीं पास हितग्राही आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रूपए नहीं होने संबंधी शपथ पत्र, दो नए रंगीन फोटो तथा आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र अथवा ड्राइविंग लाइसेंस जमा करना होगा। सक्षम अधिकारी द्वारा जारी निःशक्तजन, भूतपूर्व सैनिक, अल्पसंख्यक, जाति संबंधी प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाना होगा।
भूमि सुधार, नाला सफाई, तालाब निर्माण, डबरी निर्माण के कार्यों में 01 लाख 03 हजार 375 श्रमिक नियोजित
राजशेखर नायर की रिपोर्ट
धमतरी / शौर्यपथ / लाॅकडाउन के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कार्यों का क्रियान्वयन होना ग्रामीण मजदूरों के लिए बड़े ही फायदेमंद हैं। आपदा के समय में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मजदूरों के लिए संजीवनी बना हुआ है। सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों से ही प्रगति आई है। जिले में मनरेगा अंतर्गत 1335 कार्यों में 01 लाख 03 हजार 375 मजदूर नियोजित हैं। विकासखंड धमतरी में 23 हजार 606, विकासखंड कुरूद में 29 हजार 66, विकासखंड मगरलोड में 21 हजार 646, विकासखंड नगरी में 29 हजार 57 श्रमिकों द्वारा भूमि सुधार, नाला सफाई कार्य, नया तालाब निर्माण, डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण के कार्य में मजदूरों ने आजीविका संसाधनों में वृद्धि की।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती नम्रता गांधी ने बताया कि कोविड 19 के कारण उत्पन्न वर्तमान परिस्थिति हेतु ग्रामीणजनों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना पर बढ़ी है। जिले के सभी विकासखंड में प्रत्येक ग्राम पंचायत में वहृद पैमाने पर कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जिससे कि पलायन एवं भूखमरी की स्थिति निर्मित न हो। पंचायतों में मांग आधारित कार्य खोले जायें एवं स्थायी परिसम्पत्तियों का निर्माण हों ऐसा उद्देश्य रखा गया है। कोविड 19 के बचाव हेतु शासन द्वारा मनरेगा के कार्यों में कार्य प्रारंभ के पूर्व हाथ धुलाई, सामाजिक दूरी का पालन एवं श्रमिकों को मास्क, गमछा लगाकर कार्य करने के संबंध में निर्देश देकर कड़ाई से पालन किया जा रहा है। कार्य के दौरान रोजगार सहायक, मेट को भी तत्संबंध में निर्देशित किये गये हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में गठित ग्रीन आर्मी को भी कोविड 19 के उपायों को श्रमिकों तक पहुंचाने सेवाएं ली जा सकती है। यदि कोई श्रमिक जिन्हें सर्दी, जुकाम, बुखार के लक्षण दिखायी दे ऐसे स्थिति में उन्हें घर पर रहने की सलाह देते हुए तत्काल चिकित्सीय माॅनीटरिंग दल को सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं।
मनरेगा के कई जाॅबकार्डधारी महिलाएं बिहान समूह से जुड़कर छत्तीसगढ़ शासन की महती योजना नरूवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के तहत वर्मी कम्पोस्ट कृषि विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में तैयार कर उद्यानिकी विभाग एवं स्थानीय स्तर पर बिक्री करने से हजारों रूपये का आमदनी कमा रहे हैं। रोजगार के प्रति महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 48 समूह के 329 महिलाओं द्वारा 58 हजार 572 फेस मास्क तैयार कर नगर पंचायत, रेडक्रास सोसायटी, पुलिस विभाग, स्थानीय बाजार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, विद्युत विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग में विक्रय करने से 08 लाख 32 हजार 999 रूपये की आमदनी हुई। इससे भी महिलाओं को बड़ी राहत मिली है।
राजशेखर नायर ( धमतरी )
धमतरी / शौर्यपथ / नोबल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए वर्तमान में जिले में लाॅक डाउन घोषित किया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री रजत बंसल के द्वारा आदेश जारी कर आवश्यक वस्तुआंे एवं सेवाओं के संचालन के लिए सुबह सात बजे से अपरान्ह तीन बजे की समय-सीमा में छूट प्रदान की गई थी, जिसमें आंशिक संशोधन किया गया है। नवीन आदेश के अनुसार अब जिले में संचालित होने वाली सूचीबद्ध दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अब सुबह आठ बजे से शाम चार बजे के बीच खोला जाएगा। इसके अलावा आवश्यक सामग्रियों की लोडिंग एवं अनलोडिंग का भी समय निर्धारित किया गया है, जिसके तहत रात्रि 9.30 बजे से सुबह छह बजे के बीच उक्त कार्य को सम्पन्न कराया जा सकेगा।
देवेन्द्र कुमार बघेल की कलम से__
रायपुर / शौर्यपथ / देशभर में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब आने वाले श्रमिकों का किराया राज्य सरकार उठाएगी। ऐसे में सरकार ने केंद्र से श्रमिकों के लिए जल्द ही स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए कहा है। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर परिवहन आयुक्त ने रेलवे के पत्र लिखा है। इसमें ट्रेन से आने वाले श्रमिकों का किराया देने की बात कही गई है। परिवहन आयुक्त डाॅ. कमलप्रीत सिंह ने रायपुर के डिवीजनल रेलवे मैनेजर श्याम सुंदर गुप्ता को पत्र लिखकर सरकार की मंशा की जानकारी दी है। साथ ही कहा है कि छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को लाने के लिए रेलवे उचित कार्यवाही करे। पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के तहत तीसरा लाॅकडाउन 4 मई से दो सप्ताह के लिए प्रभावी हो गया है। ऐसे में श्रमिकों काे लाने के लिए राज्य सरकार स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था चाहती है । छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर लगातार देशभर से श्रमिक और दूसरे अन्य लोग संपर्क कर रहे हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से अब तक 6074 प्रवासियों ने वापसी के लिए संपर्क किया है। अकेले राजस्थान से 5130, गुजरात से 499 और मध्य प्रदेश से 445 प्रवासी छत्तीसगढ़ लौटने के इच्छुक हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से इन राज्यों में वापस जाने के लिए भी लोग संपर्क कर रहे हैं । छत्तीसगढ़ से राजस्थान जाने के लिए 3952 प्रवासियों ने हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क साधा है। डाटा बेस के अनुसार, इन प्रवासियों को लाने और भेजने की योजना तैयार की जा रही है। श्रमिकों को लाने और यहां से भेजे जाने की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने इन राज्यों के लिए जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत (9399273076) को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्ति किया है। प्रदेशवार इनको बनाया गया नोडल अधिकारी , मध्यप्रदेश : प्रभांशु मित्र वर्मा (74705-71991 एवं 91795-71987) ई-मेल This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. , गुजरात : जयंत दास (93014-79765 एवं 83497-85420) ई-मेल This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. , राजस्थान : मनीष थवाइत (73987-85120 एवं 95896-99353) ई-मेल This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. बाहरी राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले श्रमिकों के क्वारैंटाइन समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग स्टेट नोडल अफसर नियुक्त किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी व्यवस्था की तैयारी के लिए जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी को दी गई है, जबकि नगरीय निकाय क्षेत्रों में यही जवाबदेही सचिव नगरीय प्रशासन अलरमेलमंगई डी संभालेंगी। तो वही नई दिल्ली में सोनिया गांधी ने भी कहा कि , मजदूरों के ट्रेन का खर्चा कांग्रेस देगी ,
लॉकडाउन की वजह सेदेश के अलग-अलगहिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की स्पेशल ट्रेनों के जरिए घर वापसी हो रहीहै, लेकिनअब किराये को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार कोकेंद्र पर तंज कसा कि गुजरात के कार्यक्रम में ट्रांसपोर्ट और खाने पर 100 करोड़ खर्च किए जा सकते हैं तो मजदूरों को फ्री रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती? सोनिया के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश सरकार ने भी कहा कि मजदूरों का ट्रेन टिकट का खर्च हम उठाएंगे। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि किराए का 85% खर्च हम उठा रहे हैं। राज्यों को सिर्फ15% खर्च उठाना है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेनों के जरिए उनके घरों तक भेजा जा रहा है। अकेले महाराष्ट्र से अब तक 35 हजार प्रवासी मजदूरों को भेजा जा चुका है। 34 श्रमिक ट्रेनों के जरिए घरों को भेजे जा रहे इन मजदूरों से किराया लिए जाने को लेकर केंद्र की आलोचना की जा रही है। यात्रा के लिए मजदूरों से स्लीपर क्लास के अलावा 30 रुपए का सुपर फास्ट किराया और 20 रुपए का अतिरिक्त चार्ज श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए वसूल किया जा रहा है ।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से घर जा रहे मजदूरों से 50 रुपए ज्यादा किराया लिया जा रहा है। शनिवार को भिवंडी से गोरखपुर तक चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में हर यात्री के 800 रुपए लिए गए जबकि वास्तविक किराया 745 रुपए ही था। पुरी से सूरत तक का किराया 710 रुपए लिया गया। आगरा कैंट से अहमदाबाद के 250 रुपए वसूले गए। नासिक से भोपाल तक का किराया 250 रुपए लिया गया। बताया जा रहा है कि किरायेके अलावा 30 रुपए सुपर फास्ट चार्ज और 20 रुपए अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा है।
सोनिया गांधी ने कहा कि ?
सोनिया ने सवाल उठाया कि जब विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का किराया नहीं लिया गया तो फिर प्रवासी मजदूरों के लिए ऐसी विनम्रता क्यों नहीं दिखाई जा सकती? जब हम गुजरात के एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट और खाने पर खर्च कर सकते हैं, रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपए दे सकता है तो फिर प्रवासियों को फ्री रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? सोनिया ने कहा- यह परेशान करने वाली बात है कि संकट की घड़ी में रेलवे प्रवासियों से किराया वसूल रहा है।मजदूरों के पास खाने-पीने और दवा का इंतजाम भी नहीं है और ऐसे में किराया वसूलना गलत है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के किराये का इंतजाम संबंधित राज्य की कांग्रेस कमेटी उठाएगी।
राज्य सरकारों ने भी किया वादा ?
वीडियो मैसेज में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि छात्रों का ट्रेन किराया बिहार सरकार सीधे रेलवे को देगी। प्रवासी मजदूरों का यात्रा के दौरान जितना भी खर्च हुआ है, वह उन्हें 21 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद वापस कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि ट्रेनों के जरिए राज्य में अपने घरों तक आ रहे प्रवासी मजदूरों को कोई किराया नहीं देना होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार घर वापस लौट रहे मजदूरों का किराया देगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश के बाद हमने यह फैसला लिया है।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों का किराया हमारी सरकार उठाएगी।
इस मामले में अपने उप्पर आरोप लगते देख कर , देनी पड़ी सफाई ?
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवालने किराये को लेकर उठे विवाद पर कहा- हमने कभी भी किसी मजदूर से किराया लेने की बात नहीं कही। किरायेका 85% केंद्र सरकार और 15% राज्य सरकार को वहन करना है। रेलवे और राज्य सरकारों ने आपस में विचार विमर्श करने के बाद ट्रेनें चलाने का फैसला किया था।
सच्चाई को समझे ?
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा- प्रवासी मजदूरों को खाना और पानी मुफ्त में दिया जा रहा है। हमने अब तक 34 ट्रेनें चलाई हैं। हमने जो अपनी एसओपी जारी की है, उसमें कहीं भी नहीं लिखा है कि किराया यात्रा करने वाले प्रवासी मजदूरों से वसूला जाए। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि राजस्थान, तेलंगाना जैसे राज्य, जहां से ट्रेनें चल रही हैं, वे श्रमिकों के लिए किराया दे रहे हैं। झारखंड भी मजदूरों के लिए किराये का भुगतान कर रहा है। गुजरात सरकार ने एक एनजीओ के माध्यम से यात्रा में आने वाले खर्च के एक हिस्से का भुगतान करने के लिए एनजीओ को जिम्मा सौंपा है। केवल महाराष्ट्र ही यात्रियों से किराया ले रही है। महाराष्ट्र के मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अपील की है कि राज्य से बाहर जाने वाले प्रवासी मजदूरों का खर्चा राज्य सरकार उठाए।
मामले की शिकायत जनसेवा समिति की अध्यक्ष ने कि , विधायक देवेंद्र यादव के समक्ष ।
दुर्ग / शौर्यपथ / जनसेवा समिति की अध्यक्षा श्रीमती नफीस असलम ने महापौर व विधायक भिलाई देवेन्द्र यादव से मांग की है कि जोन 2 खुर्सीपार सेक्टर 11बीएसपी आवासों मे रहने वालो के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र प्रशासन सौतेला व्यवहार कर रही है पटरी पार क्षेत्रो मे प्रतिदिन विघुत अवरुद्ध(बंद) करना पहले सुबह 6 से 7 बजे तक किया जाता था लोगों को कहा गया कि उस समय पानी सप्लाई होती है जिससे लोग नलो मे मोटरपंप लगाते है जिससे सभी जगह पानी नही पहुचता है अब जबकि लाकडाउन है गर्मी चरम सीमा पर है तो ऐसे समय मे सुबह 6से 9.30 बजे तक विघुत अवरुद्ध किया जाता है .
जबकि सेक्टर एरिया मे ऐसा नही होता है नफीस असलम ने महापौर से मांग की है कि एक तो वैसे भी बी एस पी क्वार्टर मे बीएस पी द्वारा सप्लाई पानी सभी घरो मे नही आता है इसलिए खुसीपार के तीनो जोन मे विघुत की सप्लाई निरन्तर की जाऐ यदि अति आवश्यक है तो सुबह 6 से 7 बजे तक बंद रखी जाऐ ओर खुसीपार क्षेत्र के तीनो जोन मे पानी सप्लाई के लिए पाईप लाइन को चैक कराया जाऐ चूंकि पाईपलाईन कई वर्ष पुरानी है जिससे उसके अंदर कीचड,वृक्षों की जडों का जमवाड होने के पाईप लाईन जाम है जिस कारण सभी घरो मे पानी नही आता है विशेष रूप से लम्बे समय तक विघुत अवरुद्ध पर एक ज्ञापन देने वो भिलाई इस्पात संयंत्र ओर महापौर को अतिशीघ्र उनकी संस्था के सदस्यों द्वारा लाकडाउन का पालन करते हुए दिया जाऐगा।
नफीस असलम ने विधायक व महापौर से मांग करते उक्त समस्याओं के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र प्रंबधन से हस्तक्षेप कर निदान कराने सहयोग करे मांग करने वालो मे अध्यक्ष श्रीमती नफीस असलम,श्रीमती सोनी,श्रीमती रिजवाना, श्रीमती संतोषी, श्रीमती नुरूसह सुब्हा,श्रीमती सुमित्रा, श्रीमती रीना,सहित समस्त सदस्यों ने की है
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग रनिंग रूम का हरित कायाकल्प किया गया है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु पूरे देश में जहां लॉक डाउन है भारतीय रेल द्वारा देश के कोने -कोने में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए मालगाडियाों एवं पार्सल गाडियों का परिचालन किया जा रहा है। ऐसे में चालक दल उत्साहित रहे एवं रेलों का परिचालन सुरक्षित संरक्षित को चालक दल को पूर्णता विश्राम मिले उन्हें सुखद अनुभूति को इसी कड़ी में दुर्ग रनिंग रूम में विशेष हरित अभियान चलाकर रनिंग रूम परिसर को पर्यावरण अनुकूल बनाया गया है। जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ चालक दल को बेहतरीन आवासीय अनुभूति प्रदान करता है।
ज्ञातव्य है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल में चालक दल लोको पायलेट, सहायक लोको पायलेट गार्ड जो रेल का परिचालन करते हैं उन्हें अपनी ड्यूटी के उपरांत रेस्ट देने के लिए भारतीय रेलवे में रनिंग रूम बनाए गए हैं ताकि चालक दल विश्राम कर सके एवं पुन: ड्यूटी पर जाने के लिए नई ऊर्जा प्रदान कर सकें एवं रेलों का परिचालन सुरक्षित और संरक्षित हो। रनिंग रूम परिसर में सुंदर फूलों के पौधे छायादार वृक्ष सजावटी पौधे ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाने वाले पौधे लगाए गए हैं परिसर में चारों ओर बिछी हरी-हरी नरम घास हरे कालीन का एहसास कराती है। दुर्ग रनिंग रूम आधुनिक साज-सज्जा के साथ चालक दल को पारिवारिक माहौल एवं शांति प्रदान करता है। जिससे उनकी कार्य क्षमता एवं रेल परिचालन में सतर्कता में बढ़ोतरी हो एवं लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में उनका हौसला बना रहे और देश में रेल परिचालन निर्बाध रूप से संचालित रहे।