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धमतरी शौर्यपथ ।
हरी सब्जी बेचकर लॉक-डाउन में भी हर महीने कमा रहे
दस हजार रुपए
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना) ग्रामीणों की जिंदगी कैसे बदल रही है, इसकी मिसाल हैं किसान श्री उत्तम साहू। जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम चर्रा निवासी सीमांत किसान श्री उत्तम पहले मजदूरी करते थे। मनरेगा के तहत खेत में कुएं के निर्माण के बाद अब वे साल भर साग-सब्जियों की खेती करते हैं, जिसे बेचकर उनके जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल गई। वे सब्जी बेचकर मौजूदा लॉक-डाउन के प्रतिकूल दौर में भी हर महीने औसतन दस हजार रूपए की शुद्ध आय अर्जित कर रहे हैं। कुएं के निर्माण और सब्जी की खेती शुरू करने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही है।
किसान श्री साहू मनरेगा से अपने खेत में कुआं खुदाई के दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि कुआं निर्माण के समय उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती पुनिया बाई, बेटे महेन्द्र और पुत्रवधु महेश्वरी ने भी काम किया था। उनके परिवार को मजदूरी के रुप में 26 हजार 436 रुपए मिले थे। कुएं के निर्माण में एक लाख 88 हजार रूपए की लागत आई थी। उत्तम साल भर भरे रहने वाले अपने कुएं में एक हॉर्स-पॉवर का पंप लगाकर सब्जियों की खेती कर रहे हैं। उनके खेतों में अभी चेंच भाजी, अमारी भाजी, पटवा भाजी, धनिया पत्ती, गलका, करेला, टमाटर और नींबू का उत्पादन हो रहा है। मौजूदा लॉक-डाउन में बाजार न जाकर वे गलियों में आवाज देकर सुरक्षित ढंग से सब्जियां बेच रहे हैं। इससे हर महीने उन्हें औसतन दस हजार रूपए की आमदनी हो रही है। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा से बने कुएँ के कारण आज लॉक-डाउन में भी उनकी रोजी-रोटी पर किसी तरह का फर्क नहीं आया। सब्ज़ियों की रोजाना बिक्री बदस्तूर जारी है।‘
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने लागू देशव्यापी लॉक-डाउन में मनरेगा के अंतर्गत आजीविका संवर्धन के लिए निर्मित परिसम्पत्तियों ने हितग्राहियों को आर्थिक संबल प्रदान करने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गतिमान बनाए रखा है। मनरेगा के कार्यों का लाभ व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तर पर मिल रहा है। जॉबकार्डधारियों की निजी भूमि पर डबरी निर्माण, निजी तालाब निर्माण, भूमि सुधार, कूप निर्माण, मुर्गी शेड, बकरी शेड, पशु शेड और मिश्रित फलदार पौधरोपण जैसे आजीविका सृजन और संवर्धन होने से ग्रामीणों के जीवन में तेजी से बदलाव आ रहा है।
मनरेगा से जुड़कर ग्रामीणों को जो आर्थिक संसाधन प्राप्त हुए हैं, उससे वे मौजूदा हालात में काफी राहत महसूस कर रहे हैं। लॉक-डाउन से निपटने गांव-गांव में मनरेगा से ज्यादा से ज्यादा हितग्राहीमूलक कार्य शुरू किए जा रहे हैं। इससे हितग्राहियों को लंबे समय तक फायदा देने वाले संसाधन के साथ ही स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को सीधे रोजगार मिल रहा है। यह हितग्राही के साथ श्रमिकों को भी आर्थिक संबल दे रहा है।
धमतरी शौर्यपध
विगत कुछ दिनों से लगातार हो रही वर्षा व आंधी तूफान ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है ।ग्रीष्मकालीन धान की फसल के साथ सब्जीयों के फसल का नुकसान किसानो को हो रहा है ।
नगरी के किसान मोहन साहु व कई अन्य सरकार से फसल क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं।
धमतरी/नगरी शौर्यपथ
नगर के हृदय स्थल में, स्थित,
श्रृंगी ऋषि हाई स्कूल मैदान के बुरी हाल के जिम्मेवार अधिकारियों पर आखिर कब होगी कार्रवाई ?
खेल मैदान के उद्धार का सपना संजोये नगर के खिलाड़ियों का ख्वाब कब होगा पूरा ?
नगर के होनहार प्रतिभावान खिलाड़ियों को आखिर कब साफ सुथरा खेल मैदान शासन उपलब्ध कराएगी?
खेल मैदान में चारों तरफ फैली गंदगी ,निर्माण सामग्रियों के मलवे, कीचड़, सीवर के गंदे पानी की बदबू, शाम होते ही
शराब खोरी करने वालों के झुंड, मैदान में कभी सब्जी बाजार ,तो कभी सांस्कृतिक आयोजन।
नगर के खेल प्रतिभाओं की आशाओं पर खेल मैदान के रखवाले बरसों से पानी फेर रहे हैं।
धमतरी/नगरी,शौर्यपथ
आज मदर्स डे के अवसर पर नगरी अंचल में चाक कलाकर भानुप्रताप कुंजाम ने मातृशक्ति को सम्मानित करने पेंसिल की नोक व चाक को तराश कर मां के मातृत्व को बखूबी उकेरा है।
इसके पूर्व भी भानुप्रताप कुंजाम ने चाक में सैकड़ो कलाकृति को उभार कर इस कला को एक नई ऊंचाई प्रदान की है ।
आधुनिक मातृ दिवस का ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने आरम्भ किया गया था।
नगरी
नगर पंचायत नगरी में वार्ड नंबर 5 और 6 में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा नोट को बिखेर दिया गया है। जिसे पूरे मोहल्ले वासी देखने के लिए उमड़ पड़े।गली और नाली में 10 व 20 के नोट फ़टे हुए पड़े हैं।मोहल्ले वालों ने पुलिस को जानकारी दी तत्काल पुलिस मौक़े पर पहुँच गई है।
पुलिस जांच में जुटी है कि आखिर माजरा क्या है?
लोगों को कोरोना संक्रमण का भय है, चूंकि ऐसी घटनाएं शहरों में हो चुकी है इसलिए पूरे वार्ड वासी दहशत में है लोगों को कोरोना का भय है ।फिलहाल स्थल पर मोहल्ले की भीड़ उमड़ पड़ी है वहीं एसडीओपी,थाना प्रभारी अपने स्टाफ के साथ मौके पर मौजूद है और जांच कर रहे हैं।
नगरी/ शौर्यपथ ग्राम सेमरा का 22 वर्षीय युवक पारुल मरकाम पिता रामस्वरूप मरकाम की अचानक मौत होने से परिजन स्तब्ध नजर आ रहे हैं।ज्ञात हो कि पारुल नेताम ग्राम सेमरा में चल रहे मनरेगा कार्य मे अपने परिजन के नाम पर कार्य करने जा रहा था।इस बीच पिछले एक दो दिन से छाती में दर्द की शिकायत हो रही थी। परिजनों ने उपचार हेतु 8 मई को शासकीय अस्पताल नगरी लाया जहां पर्ची क्रमांक 18761 से डा डी आर ठाकुर ने युवक का उपचार भी किया और कुछ दवाइयां लिखी।इसके पश्चात दूसरे दिन 9 मई को सुबह 8 बजे युवक की अचानक मौत हो गई।युवक के अचानक मौत से पूरा परिवार सदमे में है।घटना की जानकारी मिलने पर एसडीओपी नीतीश ठाकुर मृतक के घर की ओर रवाना हो गए हैं इस सम्बंध में बीएमओ डॉ डी आर ठाकुर ने बताया कि एक दिन पूर्व ही युवक इलाज के लिए अस्पताल आया था।जिसे सीने व पेट मे दर्द की शिकायत थी ।एसिडिटी की भी शिकायत थी जिसका उपचार कर दवाई दिया गया था और कोई गम्भीर बात नजर नही आ रही थी। फिलहाल युवक की मौत पर गांव में तरह तरह की चर्चाएं होने लगी है।जिसका निराकरण जांच के बाद ही हो पायेगा।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की वापसी के प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेजी से किए जा रहे है। राज्य शासन द्वारा मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनों के साथ ही बसों की भी व्यवस्था की जा रही है। भारत सरकार की एडवायजरी के तहत मजदूरों की वापसी के पश्चात् उन्हें क्वारेंटाईन में रखने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में सेंटर भी बनाए गए हैं जहां उनके ठहरने, भोजन, पेयजल और चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में किए गए लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के करीब सवा लाख मजदूर जो दूसरे राज्यों में काम के लिए गए थे वो वहीं पर फंसे हुए है। इन मजदूरों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 28 विशेष ट्रेन की मांग की है साथ ही मजदूरों के यात्रा व्यय भी राज्य सरकार द्वारा वहन करने को कहा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के परिवहन सचिव ने रायपुर के डिवीजनल रेलवे मेनेजर को छत्तीसगढ़ के 8 स्टेशनों बिलासपुर, चांपा, विश्रामपुर, जगदलपुर, भाटापारा, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में श्रमिकों की स्पेशल ट्रेनों के स्टापेज को प्रस्तावित किया है। इन स्टेशनों पर श्रमिकों को रेल मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार होल्डिंग एरिया में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और उन्हें गतंव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से मजदूरों की वापसी पर उन्हें क्वारेंटाईन में रखने के लिए सामुदायिक भवन, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवनों में आवश्यक व्यवस्था की गई है।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के किसानों को लॉक डाउन के बीच राहत देने भूपेश सरकार ने फैसला ले लिया है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री चौबे ने बताया? कि प्रदेश सरकार किसानों को धान के एमएसपी के अंतर की राशि का भुगतान मई माह में कर देगी। किसानों के अतर की राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत करेगी। इस योजना के लिए सरकार ने 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 19 लाख किसानों के बैंक खाते में 6000 करोड़ की राशि जमा की जाएगी। किसानों के बैंक अकाउंट खाते में सीधे जमा होंगे। इस योजना का शुभारंभ प्रदेश के मुखिया सीएम भूपेश बघेल और पार्टी के बड़े नेता करेंगे।
गौरतलब है कि सीएम भूपेश बघेल ने बीते दिनों राज्य का साल 2020—21 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया था कि किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत करेगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सत्ता मेंं आने से पहले ऐलान किया था कि किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। लेकिन फंड के आभाव में केद्र सरकार द्वारा तय की गई कीमत पर किसानों को धान की राशि का भुगतान किया गया है।