May 15, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

ओपिनियन /शौर्यपथ /संपूर्ण विश्व में कोरोना की वजह से सामाजिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल व अनिश्चितता का वातावरण बना हुआ है। दुर्भाग्य से विश्व के एक तिहाई से अधिक लोग लॉकडाउन की वजह से घर पर बैठने को मजबूर हैं। त्रासदी का आलम यह है कि अत्याधुनिक अस्पतालों व उत्कृष्ट सामाजिक सुरक्षा वाले विकसित राष्ट्र आज कोविड-19 की पीड़ा से सबसे ज्यादा पीड़ित दिखाई दे रहे हैं। यह एक आकस्मिक व्यवधान के रूप में आया है। चाहे हमारे विद्यार्थी हों, अध्यापक हों या अभिभावक, कोई भी इसके लिए तैयार न था। भौतिक संसाधनों की दृष्टि से और प्रशिक्षित मानव संपदा की दृष्टि से भी हम पूरी तरह से तैयार नहीं थे। आज के कठिन दौर में हमारे लिए नया पाठ्यक्रम बनाने और शिक्षाविदों को प्रौद्योगिकी अपनाने हेतु प्रेरित करना एक बड़ी चुनौती है।
संकट की इस घड़ी में हमारी शिक्षा-व्यवस्था से जुडे़ हरेक शख्स ने जिस समर्पण, धैर्य का परिचय दिया है, वह प्रशंसनीय है। हमारे शिक्षण संस्थान बंद हैं, लेकिन हमारे योद्धा दिन-रात जुटे हैं। अत्यंत कुशल रणनीति का सृजन कर हमारे संस्थान विषम परिस्थितियों में भी जहां निर्बाध रूप से शैक्षणिक गतिविधियां चला रहे हैं, वहीं सबका आत्मविश्वास और मनोबल बनाए रखकर उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग के सूत्रपात के संकेत मिलने लगे हैं।
हाल में ही इस महामारी से बेहतर मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे समूचे शैक्षिक जगत में नए उत्साह का संचार होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गुणवत्तापरक और ऑनलाइन शिक्षा नियामक ढांचे का उदारीकरण करके हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी विद्यार्थी शिक्षा के अवसर से वंचित न रहे। देश के सर्वोच्च 100 विश्वविद्यालय ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू कर पाएंगे, जिससे हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को उच्च शिक्षा के बेहतरीन अवसर मिलेंगे। बच्चों में साक्षरता और संख्यात्मकता योग्यता विकसित करने के लिए हम अनेक कदम उठा रहे हैं, इसके लिए शिक्षक क्षमता निर्माण के साथ ही एक मजबूत पाठ्यक्रम संरचना तैयार की जा रही है। आकर्षक शिक्षण सामग्री को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों ही स्तर पर बेहतर परिणाम के लिए विकसित किया जा रहा है। उच्च गुणवत्ता युक्त ई-कंटेंट और क्यूआर कोड वाली पुस्तकों के माध्यम से विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पद्र्धा के लिए तैयार किया जा सकेगा।
इस विकट संकट से उबरने के लिए हमारे 1,000 विश्वविद्यालय और 45,000 महाविद्यालय व एक करोड़ अध्यापकों का नेटवर्क प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपनी सेवाएं दे रहा है। व्यापक विचार-विमर्श की प्रक्रिया के बाद हमने कई अहम फैसले लिए हैं। कक्षा एक से नौ और 11वीं कक्षा के छात्रों को बिना परीक्षा पदोन्नति देने का निर्णय लिया गया। छात्रों के बीच असमंजस और अस्थिरता दूर करने के लिए हमने छात्रों की सुरक्षा और हित को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए हैं। कक्षा 10 और 12 के 83 में से बचे हुए 29 विषयों की परीक्षा जल्द ही होगी। हमें आशा है कि सभी परीक्षाएं तय समय-सीमा के अंदर आयोजित हो जाएंगी और 15 अगस्त तक सभी परीक्षा परिणाम भी आ जाएंगे। हमारा पूरा प्रयास है कि सभी नए शैक्षणिक सत्र जल्दी ही शुरू हों। सभी लक्ष्य समयबद्ध तरीके से छात्रों की सुरक्षा से समझौता किए बिना हासिल किए जाएं, इसके लिए सभी स्तर पर जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
जो छात्र अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंचने की स्थिति में नहीं हैं, वे अपने जिले के परीक्षा केंद्रों पर ही परीक्षा दे सकेंगे। इसीलिए इंजीनिर्यंरग, मेडिकल इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं को देरी से कराने का निर्णय लिया गया है। कक्षा एक से 12 तक के लिए एनसीईआरटी का वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर तीन भाषाओं में जारी किया गया है, ताकि छात्रों की पढ़ाई समयबद्ध तरीके से चलती रहे। एक देश एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत शिक्षा को संगठित करते हुए लाखों छात्रों द्वारा ई-दीक्षा, ई-पाठशाला, स्वयं प्रभा, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, शोध गंगा और ई-शोध सिंधू का इस्तेमाल ऑनलाइन शिक्षा के रूप में बखूबी किया जा रहा है। यूजीसी द्वारा समुचित बदलाव करते हुए नया शैक्षणिक कैलेंडर भी जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त हर एक विश्वविद्यालय में कोविड-19 सेल की स्थापना की जाएगी। विश्वविद्यालयों के टर्मिनल सेमेस्टर के अलावा सभी छात्रों को पिछले सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन और प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। छात्रों की मांग पर आईआईटी/ आईआईआईटी में ट्यूशन फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
आज देश में ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत लगभग 45,000 से ज्यादा विदेशी छात्र शिक्षा ले रहे हैं, सरकार उनका भी ध्यान रख रही है। इसके अलावा जिन भारतीय छात्रों ने विदेश में शिक्षा के लिए आवेदन किया था और कोविड-19 के चलते वे नहीं जा पाए, उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनके लिए अलग से जेईई की परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनके शैक्षणिक वर्ष को बरबाद होने से बचाया जा सके।
हमारी पूरी कोशिश है कि कोरोना महामारी के समय में भी देश में पढ़ने-लिखने का माहौल बना रहे। साहित्य का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। अच्छी किताबें हमारी दोस्त होती हैं, इस सिद्धांत पर ‘माई बुक माई फ्रेंड’ अभियान शुरू किया गया है। और हर्ष की बात है कि बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक, घरेलू महिलाएं, बुजुर्ग व बड़ी शख्सियतें भी इस मुहिम से जुड़ी हैं और लोग किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। आज चारों ओर कोविड-19 के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं, इस विषय की गंभीरता को देखते हुए ही मनोदर्पण पोर्टल बनाया गया है, जो आने वाले दिनों में हमारे सभी छात्रों की मनौवैज्ञानिक समस्याओं का निदान करने में कारगर होगा।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत निर्माण के वास्ते पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए और कोविड-19 के कारण शिक्षा के सामने आने वाली तात्कालिक चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें बदलाव की जरूरत है। एक ऐसा बदलाव, जो हमें नए भारत के निर्माण हेतु तैयार कर सके। हमारी गुणवत्तापरक और प्रौद्योगिकी युक्त शिक्षा इस बदलाव को लाने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगी।
(ये लेखक के अपने विचार हैं) रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, मानव संसाधन विकास मंत्री

दुर्ग / शौर्यपथ / कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवान एवं कैट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम मंधान ने प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से मुलाकात कर भारत सरकार द्वारा जारी राजपत्र ट्रेड एवं कामर्स (प्रमोशन एवं फेमिनेशन) आर्डिनेस के संबंध में चर्चा कर छत्तीसगढ में कृषि उपज की सीधी बिक्री को राज्य में अनुमति देने हेतु ज्ञापन सौंपा ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने रविन्द्र चैाबे को बताया कि भारत सरकार द्वारा ट्रेड एवं कामर्स (प्रमोशन एवं फेमिनेशन) के संबंध में एक आर्डिनेस 05.06.2020 को लाया गया है जिसके अंतगर्त कोई भी 'व्यापारीÓ जिनके पास आयकर अधिनियम- 1961 के तहत स्थायी खाता संख्या (पैन नंबर ) है या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ऐसे अन्य दस्तावेज रखने वालों को किसानों अथवा व्यांपार क्षेत्र में अन्य व्यासपारियों के साथ राज्य एपीएमसी अधिनियम में विनिर्दिष्ट किसी भी अनुसूचित आदिशक्ति किसानी उपज का व्यापार कर सकते हैं।
पारवानी ने कहा कि यह अध्यादेश किसानों के व्यापार से संबंधित है जैसे कि खाद्य पदार्थों, गेहूं, चावल या अन्य मोटे अनाज, दालें, खाद्य तिलहन, तेल, सब्जियां, फल, नट, मसाले, गन्ना और मुर्गी पालन, गोटर्री के उत्पाद सहित अनाज मछली और डेयरी अपने प्राकृतिक या प्रसंस्कृत रूप में मानव उपभोग के लिए अभिप्रेत है, मवेशियों के चारे सहित तेल, केक और अन्य संकेंद्रित, आदिशक्ति कच्चे कपास, कपास के बीज और कच्चे जूट शामिल है। उपर्युक्त ऑर्डिनेंस के द्वारा केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रदेश और देश के किसानों के हित फैसला लेते हुये, पूरे प्रदेश और देश को एक कृषि मंडी का दर्जा देकर किसानों को उनकी कृषि उपज स्थानीय कृषि उपज मंडी क्षेत्र में बेचने की बाध्यता से मुक्ति दी गयी है, 5 जून 2020 की अधिसूचना में किसानों को अपनी कृषि उपज पूरे प्रदेश और देश में कहीं भी व् किसी को भी अपने मनचाहे भाव में बेचने की आजादी दी गयी है, जिससे प्रदेश और देशभर में कृषकों की आय में वृद्धि होगी तथा कृषि उपज आाधारित व्यापार को भी काफी फायदा होंगा।

इस तरह के व्यापार हेतु किसान उत्पादक संगठन, कृषि सहकारी समिति, केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं में पदोन्नत किसानों के समूह स्वचालित रूप से व्यापार क्षेत्र में व्यापार करने के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों से कहा है कि वे औद्योगिक इकाईयों में बाहर से आने वाले श्रमिकों की जानकारी तत्काल प्रशासन को दें। यदि उनकी इकाईयों में किसी श्रमिक में संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी भी जानकारी अनिवार्य रूप से दी जाए। उन्होंने उद्योगपतियों से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटलों और रिसॉर्टों की स्थापना तथा कृषि और उद्यानिकी फसलों पर आधारित प्रसंस्करण के उद्योग स्थापित करने का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में रायगढ़, जशपुर और सरगुजा जिले से आए विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने इस दौरान इन जिलों में संचालित औद्योगिक गतिविधियों की जानकारी भी ली। प्रतिनिधियों ने राज्य शासन द्वारा कोरोना नियंत्रण रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। साथ ही देश में लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों की सूची में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दूसरा स्थान मिलने पर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने सभी औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अपनी-अपनी इकाईयों में कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों के प्रभावी अमल के लिए कहा। साथ ही उन्हें प्रतिष्ठानों में बाहर से आने वाले श्रमिकों तथा कर्मियों के ठहरने के लिए उचित प्रबंध तथा सोशल डिस्टेंसिंग और शासन के दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। बैठक में औद्योगिक इकाई के प्रतिनिधियों ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान देश में अन्य राज्यों की अपेक्षा एक-डेढ महीने पहले से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक इकाईयां प्रारंभ हो गई है।
रायगढ़ में शत-प्रतिशत और सरगुजा में 90 प्रतिशत इकाईयों में काम प्रारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस पर खुशी जाहिर की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि वे अपने-अपने प्रतिष्ठानों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ स्वच्छता तथा सुरक्षा आदि संबंधी सभी उपायों के अमल पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने औद्योगिक प्रतिष्ठानों में बाहर से मालवाहक वाहनों के आने लोडिंग-अनलोडिंग के समय भी ड्रायवरों तथा श्रमिकों और लोगों के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग आदि का पालन सुनिश्चित करने आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक तथा पर्यटन की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यहां पर्यटन के विकास की आपार संभावनाएं हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने औद्योगिक प्रतिष्ठानों से पर्यटन के क्षेत्र में भी आगे आने का आव्हान किया। श्री बघेल ने कहा कि राज्य के बस्तर वनांचल सहित रायगढ़ से लेकर जशपुर और सरगुजा संभाग में अनेक पर्यटन स्थल है।
राज्य के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों के ठहरने तथा भोजन आदि के बेहतर प्रबंध के लिए होटल और रिसॉर्ट आदि की अधिक से अधिक स्थापना की जाए तो इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में राम वन गमन पथ को विकसित किया जा रहा हैै। इसके तहत राज्य में प्रथम चरण में राम वन गमन पथ के चिन्हांकित 9 पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की सुविधा के लिए आवश्यक विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्तर पर होने वाली कृषि और उद्यानिकी फसलों पर आधारित प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के लिए पहल करने की सलाह उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधियों को दी। बैठक में विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।

रायपुर / शौर्यपथ / स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि एम्स रायपुर और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से प्रदेश में कोविड-19 की जांच एवं इलाज का बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है। वैश्विक महामारी कोविड-19 से प्रदेश को निजात दिलाने में एम्स पूरी क्षमता से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के इलाज में एम्स का लगातार सहयोग मिल रहा है। इस महामारी के पहले भी गरियाबंद के सुपेबेड़ा के किडनी रोग प्रभावितों की जांच एवं उपचार में भी एम्स ने अच्छा सहयोग प्रदान किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने विभिन्न प्रचार माध्यमों में प्रकाशित-प्रसारित उस समाचार को भ्रामक बताया है जिसमें कहा गया है कि एम्स द्वारा कोविड-19 की पहचान के लिए सैंपल जांच पर दस दिनों के लिए रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, कोविड-19 संक्रमण-रोकथाम के नोडल अधिकारी और एम्स प्रबंधन के बीच परस्पर समन्वय से व्यवस्थाओं की रोजाना समीक्षा की जा रही है और इसके लगातार सकारात्मक परिणाम देखने मिल रहे हैं। एम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित डॉटा आपस में साझा कर मरीजों की जांच एवं उपचार की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा है कि हाल ही में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की प्रदेश वापसी से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एकाएक अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसके कारण सैंपल जांच की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एम्स पूरी क्षमता से काम कर जल्दी ही लंबित सैंपलों की जांच पूर्ण कर ज्यादा से ज्यादा नए सैंपलों की जांच शुरू कर देगा। कोविड-19 के प्रबंधन में एम्स का योगदान सराहनीय है। प्रदेश में इसके पीडि़तों के तेजी से स्वस्थ होने का श्रेय एम्स प्रबंधन को है। इलाज के दौरान वहां के कुछ स्टॉफ भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। इसके बावजूद वे लगातार पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने उम्मीद जताई है कि राज्य शासन और एम्स के सहयोग से हम छत्तीसगढ़ में कोविड-19 पर नियंत्रण पाने में अवश्य ही सफल होंगे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को प्रत्र लिखकर राज्यों के दिए दी गई जीएसडीपी के दो प्रतिशत अतिरिक्त उधार सीमा पर पुनर्विचार करते हुए इसे सभी शर्तो से मुक्त रखने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि वर्तमान समय में राज्य सरकारों द्वारा जनकल्याण के तात्कालिक एवं प्राथमिक दायित्वों को संतोषजनक ढंग से निर्वाह करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। राज्यो के आग्रह पर जन कल्याणकारी दायित्वों के निर्वहन के लिए भारत सरकार द्वारा जीएसडीपी का 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार सीमा की अनुमति दी गई है, किन्तु यह सुविधा कई शर्तो और मापदण्डों की पूर्ति पर आधारित होने के कारण संसाधनों की कमी की समस्या यथावत बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि कोविड-19 महामारी एवं देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्यों को होने वाली आय में कमी आयी है। कोरोना संकट और लाकडाउन की वजह से उत्पन्न विषम परिस्थिति से निपटने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी आर्थिक पैकेज की घोषणाएं भी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अपर्याप्त एवं जनसामान्य की जरूरतों को पूरा करने में निष्फल साबित होने के कारण राज्य सरकारों का दायित्व अब और भी बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि वर्तमान संकट की इस घड़ी में गरीब परिवारों को नि:शुल्क खाद्यान्न, वेतनभोगियों को नियमित वेतन एवं सभी के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करना राज्यों के लिए प्राथमिकता का विषय है। राज्य की जनता को राहत देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों के साथ ही इस दिशा में त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के 14 जिले वामपंथी गतिविधियों से प्रभावित है। दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्र वाले गांवों में पीओएस मशीन की स्थापना सहित उचित मूल्य की दुकानों का आटोमेशन करना मुश्किल लक्ष्य है। इसी प्रकार कृषि प्रधान राज्य में किसानों को दी जा रही विद्युत सब्सिडी समाप्त कर डीबीटी प्रणाली लागू करने में भी कई तकनीकी बाधाएं हैं। यद्यपि सुधार के ये कार्य काफी महत्वपूर्ण है, फिर भी इन कार्यों के लिए यह समय उचित प्रतीत नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्तमान समय में राज्य सरकारों द्वारा आपके कुशल मार्गदर्शन में जनकल्याण के तात्कालिक एवं प्राथमिक दायित्वों को संतोषजनक ढंग से निर्वाह करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। अत: केन्द्र द्वारा जारी आदेश पर पुनर्विचार करते हुए राज्यों के लिए दी गई 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार की सीमा को सभी शर्तो से मुक्त रखने का कष्ट करें।

दुर्ग / शौर्यपथ / जाको राखों साईयां मार सके न कोय वाली कहावत ऐसी ही नही बनी है। जिसको ईश्वर न चाहे उसको कोई नही मार सकता या कोई व्यक्ति मरना भी चाहे तो वह मर नही सकता। ऐसा ही एक केस आज दुर्ग जिला मे देखने को मिला। आज सुबह शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट में तैरती हुई लाश की खबर से सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची डायल 112 की टीम में शामिल आरक्षक परस साहू और वाहन चालक मनोज देशमुख ने ग्रामीणों की मदद से उस लाश को बाहर निकालाऔर उसके नब्ज को टटोला तो उसकी सांसे चल रही थी। इन्होंने बिना देर किये उस अनजान सी वृद्धा को तत्काल जिला अस्पताल भिजवाया गया। जहां वह अब वह पुरी तरह से स्वस्थ्य हो गई है।
पुलिस ने वृद्धा की पहचान सुुहागा बाई कंडरा, उम्र 70 वर्ष निवासी कंडरापारा दुर्ग के रूप में की है। वृद्धा की माने तो पारिवारिक विवाद के चलते सोमवार को उसने शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट में कूदी थी। आखिर विवाद की जड़ क्या थी जिसके लिए सुहागा बाई को नदी में कूदना पड़ा यह तो पता नहीं, लेकिन एक दिन बाद उसके जीवित बचने से यह साबित हो गया कि जाको राखे साईयां मार सके न काय। (डायल 112 की टीम के अस्पताल पहुंचाने पर हुई स्वस्थ्य)

दुर्ग / शौर्यपथ / नगर के साक्षरता चौक से लगे शास्त्री नगर की निवासी एक कोरोना संक्रमित मरीज ने आज एम्स मे दम तोड़ दिया। उसे सिर पर गंभीर चोट के चलते एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी दौरान 7 जून को जांच में उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी । जिसकी आज सुबह मौत हो गई। शहर में एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत से सनसनी फैल गई। हालांकि इस ताजे मामले मे मौत की असल वजह मरीज के सिर पर लगी गंभीर चोट को माना गया है। लेकिन मृतक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि से जिला स्वास्थ्य और नगर निगम प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया।
मिली जानकारी के अनुसार शास्त्री कालोनी निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति 3 जून को अपने घर के छत की पानी टंकी को साफ करने सीढ़ी लगाकर ऊपर चढ़ा था। इसी दौरान अनियंत्रित होकर सीढ़ी से गिर जाने पर उसके सिर पर गंभीर चोट लग गई। परिजन उसे घर के नजदीक बीएम शाह अस्पताल ले गए। कुछ देर बाद मरीज को किसी बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी गई। आनन-फानन में परिजन उसे सेक्टर-9 अस्पताल ले गए। लेकिन यहां पर भी चिकित्सकों ने मरीज को देखते हुए हाथ खड़े कर दिए। परिजन फिर उसे भिलाई-3 के सनशाइन अस्पताल ले गए।
यहां पर मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। लेकिन 5 जून को सनशाइन अस्पताल के चिकित्सको ने एम्स ले जाने की सलाह दे दी। परिजनों ने मरीज को एम्स में भर्ती करा दिया गया। यहां बेड नंबर 10 में उस मरीज को रखा गया। 7 जून को कोरोना जांच के लिए मरीज का ब्लड सेंपल लिया गया। इसमें मरीज के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो गई। आखिरकार आज सुबह मरीज ने दम तोड़ दिया।

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिला कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भिलाई निगम क्षेत्र में जारी विकास कार्यों को लेकर बैठक ली। स्वीकृति हो चुके अप्रारंभ कार्यों को शीघ्र शुरू करने एवं प्रगतिरत कार्य को गुणवत्तापूर्वक करते हुए शीघ्र ही पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव एवं आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी उपस्थित रहे! भिलाई क्षेत्र के मुख्य सड़कों के किनारे पौधे रोपित करने के निर्देश दिए! कलेक्टर महोदय ने आज महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव व निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी की उपस्थिति में निगम के अधिकारियों की बैठक ली!
उन्होंने निगम के जोन आयुक्त को डेंगू, पीलिया एवं निर्माण कार्यों को लेकर अपने-अपने क्षेत्र का सघन रूप से वार्ड वार दौरा करने के निर्देश दिए! बारिश पूर्व नालियों की सफाई व साधारण मरम्मत योग्य नाली को ठीक करवाने कहा तथा बड़े नालों की बारिश पूर्व सफाई कराने के निर्देश दिए! जल कार्य की समीक्षा करते हुए उन्होंने अमृत मिशन फेस 2 के तहत हो रहे कार्य की जानकारी प्राप्त की ! जिलाधीश ने सभी जोन आयुक्तों व अभियंताओं से विकास कार्यों की जानकारी लेते हुए समीक्षा की!
महापौर यादव ने खुर्सीपार में बन रहे तालाब तथा निगम क्षेत्र में बन रहे दो इंग्लिश मिडियम स्कूल से कलेक्टर को अवगत कराया! जिस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्धारित समय मे तलाब एवं इंग्लिश मीडियम स्कूल के कार्य पूर्ण करने कहा। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए प्रभावितों को जल्द ही उन्हें एलॉट हुए आवासों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में निगम के अधीक्षण अभियंता आरके साहू एवं सत्येंद्र सिंह, उपायुक्त अशोक द्विवेदी एवं तरूण पाल लहरे, जोन आयुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी एवं विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि मास्क लगाने से, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से तथा अन्य एहतियात बरतने से कोरोना संक्रमण की आशंका नहीं रहेगी। कलेक्टर ने इस संबंध में वीडियो संदेश के माध्यम से नागरिकों से यह आग्रह किया। कलेक्टर ने कहा कि पिछले तीन दिनों में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले हैं। अभी व्यावसायिक संस्थाएं भी आरंभ हो गई हैं। इसके चलते अभी सतर्कता बरतना बेहद आवश्यक है। कलेक्टर ने नागरिकों से आग्रह किया कि कोरोना संक्रमण को रोकने सुरक्षात्मक उपाय अमल में लाएं। भीड़भाड़ वाली जगहों में न जाएं। अनावश्यक कार्य से बाहर न निकलें। घर में बुजुर्ग एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। क्वारंटीन में रहने वाले लोगों को इसके नियम का पालन पूरी तरह अनिवार्य है।
जिले में यह पाया गया कि कुछ लोगों द्वारा होम क्वारंटीन के नियमों का पालन नहीं किया गया। उन पर पुलिस कार्रवाई दर्ज की गई है। कलेक्टर ने कहा कि नागरिकों के सहयोग से कोरोना की जंग जीतेंगे। जिले के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट से भी उनका संदेश जारी किया गया है।

दुर्ग / शौर्यपथ / निगम के स्वास्थ्य विभाग अमला प्रत्येक वार्डो के सघन बस्तियों और संकरी गलियों से ढूंढ-ढूंढ कर नालियों से कचरा बाहर निकाल रहे हैं। साथ ही नालियों की तल से सफाई की जा रही है। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के दिशा निर्देश पर स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता के नेतृत्व में बडे नालों में 15 से 20 लेबरों का गैंग लगाकर भी नाला से मलमा और कचरा निकाला जा रहा है। इस दिशा में आज निगम स्वास्थ्य विभाग का अमला अनेक वार्डो के 62 स्थानों पर छोटी और बडी नालियों से कचरा मलमा निकालकर सफाई किये। साथ ही विवेकानंद नगर पोटिया नाला और शंकर नाला के टेल एरिया में गैंग लगाकर नाला से कचरा मलमा निकाला गया।
उल्लेखनीय है कि महापौर एवं आयुक्त के निर्देशानुसार बारिश के पूर्व सभी वार्डो के छोटी और ब?ी नालियों से कचरा निकालकर सफाई करायी जा रही है।
इस संबंध में आयुक्त बर्मन ने बताया कि आमदीमंदिर वार्ड, रामदेव मंदिर वार्ड, चण्डीमंदिर वार्ड, तकियापारा, आजाद वार्ड, कचहरी वार्ड, बोरसी वार्ड 52, स्टेशन पारा वार्ड, मीलपारा, मोहन नगर वार्ड, गंजपारा वार्ड, मोहन नगर वार्ड 13, औद्योगिक नगर वार्ड 17,-18, कसारीडीह वार्ड 42, मरार पारा, नयापारा वार्ड, शहीद भगति सिंह वार्ड 19, बैगापरा वार्ड, संतराबाडी वार्ड, सुराना कालेज वार्ड, गयानगर वार्ड 4, मठपारा वार्ड 3, पुलगांव वार्ड, सिकोला बस्ती वार्ड 16, आदित्य नगर वार्ड 20, अस्पतला वार्ड, पचरीपारा वार्ड, करहीडीह वार्ड, पदमनाभपुर वार्ड 46, सिकोला भाठा वार्ड, पदमनाभपुर वार्ड 45, न्यूपुलिस लाईन वार्ड 48, शिवपारा वार्ड, कसारीडीह वार्ड 43, शंकर नगरवार्ड 11, केलाबाडी वार्ड 41, दीपक नगर वार्ड, आपापुरा वार्ड, रायपुर नाका वार्ड 47, कातुलबार्ड वार्ड 59-60, बोरसी वार्ड 50-51, उरला वार्ड 57, तितुरडीह वार्ड 21, गुरुघासीपदास वार्ड 44, पोटियाकला वाड 54, राजीव नगर वार्ड, गिरधारी नगर वार्ड, आदि वार्डो के बस्तियों की छोटी और बडी नालियों में लोगों के द्वारा फेके गये कचरों आज निकाला गया ।
वहीं बारिश को ध्यान में रखते हुये नाला नाली से पानी निकासी सुगमता से हो सके इसलिए प्रत्येक वार्डो के बस्तियों के अंदरों की छोटी से छोटी और ब?ी से बडी नालियों में पडेे कचरे को निकाला गया । उन्होनें बताया कचरों को निकाल कर तत्काल आटो वाहन से उठाया भी गया ।
उन्होनें बताया बारिश के दौरान छोटी नालियों से होकर जाने वाली बरसाती पानी के कारण नाली जाम होने पर बस्तियों में जल भराव की स्थिति निर्मित होती है इसे ध्यान में रखते हुये ब?े नालों का भी सफाई निरंतर करायी जा रही है। इस कडी में आज उरला शंकर नगर से लेकर उरला टेल तक गैंग लगाकर नाला की सफाई करायी गयी वहीं पोटिया नाला में भी गैंग लगाकर नाला से कचरा मलमा निकाला गया ।

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