May 15, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

रायपुर / शौर्यपथ / जैन समाज के गौरव समाजसेवी श्री अनूप चंद कोठारी (जैन) का दुःखद निधन हो गया। देह दान की इच्छा के अनुरूप उनका पार्थिव शरीर परिजनों द्वारा आज 08 जून को मेकाहारा रायपुर में दान किया गया।
मानव समाज के लिए समर्पित छत्तीसगढ़ के प्रथम माइनिंग व्यवसायी व समाज सेवी श्री अनूपचंद कोठारी (जैन) का निधन प्रदेश व राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। राजनांदगांव के छोटे से गांव कुसुम कसा से अपनी जीवन यात्रा प्रारंभ करने वाले स्व. श्री अनूप चंद कोठारी (जैन) का समाज को समर्पित जीवन राजनांदगांव जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ था।
इस दौरान उन्होंने भव्य जैन बगीचा (दादाबाड़ी) निर्माण के कार्य को चुनौती के साथ पूर्ण किया। जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुंख्यमंत्री श्री विरेंद्र कुमार सखलेचा द्वारा 16 मई 1979 को किया गया। तत्पश्चात वे निरंतर 63 वर्षों से समाज सेवा के कार्यों में लगे रहे तथा मृत्यु उपरांत भी अपनी देह दान कर समाज के सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर के गए हैं।
समाज को समर्पित उनका संपूर्ण जीवन निःस्वार्थ रहा। धर्मशालाओं के निर्माण में योगदान, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की शिक्षा व जीविकोपार्जन में मदद, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, गरीबों को राशन वितरण, स्वरोजगार में मदद करना इत्यादि के अनेकों कार्य बिना प्रचार प्रसार जीवन पर्यंत वे करते रहे। राजनांदगांव में लायंस क्लब के माध्यम से भी उन्होंने अनेक उल्लेखनीय कार्य किए जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं।
वे माइनिंग व्यवसाय से जुड़े छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे राष्ट्र में अपने कारोबार को सेवा की भावना के साथ फैलाया। भारत सरकार की कई दुर्गम खदानों को शुरू करवाया। वे अपने व्यवसाय में भी सेवा भावना के कारण पहचाने जाते थे। उनसे जुड़े अनेक मजदूरों, ड्राइवरों व कर्मचारियों को उन्होंने सफल व्यापारी बनने में मदद की। खनन कार्य में लगे सैकड़ों ट्रकों व मशीनों को अपने कर्मचारियों को भेंट कर उन्हें मज़दूर से व्यापारी बनने के अवसर प्रदान किए।
वर्तमान में वे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन व जैन मंदिर के बगल में टीवी टावर रोड, शंकर नगर रायपुर मे रहते थे। वे अपने पीछे संपतलाल, भीखमचंद, उत्तमचंद (भाई), अनिल, अशोक, अजय (पुत्र), सतीश, यश, संतोष (भतीजे), सौम्य,आकाश (पोते), आर्यन ( पड़पोता) का भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं।

दुर्ग / शौर्यपथ / शहर की बढ़ती आबादी एवं जिला अस्पताल में मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की मांग प्रमुखता से की जा रही थी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 75 लाख रु की राशि पोटिया क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण हेतु स्वीकृति मिली। विधायक अरुण वोरा द्वारा एक वर्ष पूर्व भूमिपूजन करने के पश्चात लगातार मॉनिटरिंग से अब लॉकडाउन के पश्चात विधायक वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने लेंटर लेवल तक का कार्य पूर्ण के बाद छत ढलाई का कार्य प्रारंभ किया गया। तीन माह के अंदर कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
विधायक वोरा ने कहा कि नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू हो जाने से आसपास के 14 वार्डों की लगभग 60 हजार जनता को जिला अस्पताल की लंबी दूरी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा व घर के निकट अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हो सकेगी जो अपने आप में मोहल्ला क्लिनिक मॉडल का स्वरुप होगा। 10 बिस्तर वाले पोटिया स्वास्थ्य केंद्र के अतिरिक्त शहर में तीन अन्य स्थानों शनिचरी बाजार, बघेरा एवं पटरीपार क्षेत्र में भी स्वास्थ्य केंद्र निर्माण कराने मुख्यमंत्री से मांग की गई है। महापौर धीरज बाकलीवाल से सीजीएमएससी के अधिकारियों ने नगर निगम द्वारा स्वास्थ्य केंद्र के सामने नाली निर्माण करने की मांग रखी। इस दौरान जिला चिकित्सालय के डॉ. राजेन्द्र खण्डेलवाल, निगम उप अभियंता जितेंद्र समैया, परियोजना अधिकारी संजीव दुबे, लोनिवि अभियंता आर के राव मौजूद थे।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / जंगलों एवं पहाड़ों की नैसर्गिक छटा मनोरम है। दूरस्थ ग्रामों में वनवासियों के उल्लास भरे चेहरे उनकी खुशी बयां कर रही है। जैवविवधिता से भरपूर इन जंगलों में किस्म-किस्म के फल-फूल और औषधीय वृक्ष है। अभी लघुवनोपज संग्रहण का कार्य अपनी चरम पर है और शासन की ओर से ग्रामीण आदिवासी संग्राहकों को पर्याप्त लाभ दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निर्धारित किया गया है। ताकि वे बिचौलियों से बचे रहें और उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके।
छुईखदान विकासखंड के दूरस्थ ग्राम सरईपतेरा में यह मौसम ग्रामवासियों के लिए सौगात की तरह है। पीले रंग के फूल सरई वृक्ष से गिरकर जमीन पर बिखरे हुए हैं। साल वृक्षों की अधिकता के कारण ही इस गांव का नाम सरईपतेरा पड़ गया है। गांव की श्रीमती जलवती, बिस्ता, ज्योति, रिना, संवरी, राजीम, हिमानी, प्रेमवती, श्रीमती तिजा, राधिका, थामन, पांचोबाई, साहिबिन, सुखवारो, जसवंतिन, भागवती, हेलेंद्री एवं अन्य महिलाएं सरई फूल बीज एकत्रित करने के लिए सुबह से निकल जाती है। कोविड-19 से बचाव के लिए महिलाएं वनोपज संग्रहण के दौरान मास्क का उपयोग कर रही है। लघुवनोपज संग्रहण उनका प्रिय कार्य है और कार्य करते हुए वे आपस में सुख-दुख भी बांट लेती हंै। गांव में जामुन की अधिकता होने के कारण जामुन संग्रहण का कार्य भी प्रगति पर है।
छुईखदान विकासखंड के दूरस्थ ग्राम ढोलपिट्टा में बैगा जनजाति के परिवार के लिए लघुवनोपज आजीविका का प्रमुख साधन है। बैगा जनजाति के बुजुर्ग श्री कमल मरकाम ने कहा कि वे सुबह से बेल गुदा एवं हर्रा संग्रहण में लग जाते हैं। जिससे उन्हें आमदनी हो रही है और परिवार की अच्छी गुजर-बसर हो जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को न्यूनतम समर्थन मूल्य में लघुवनोपज खरीदी करने के लिए धन्यवाद दिया। उनकी पत्नी श्रीमती भगतीन और उनकी नतनी उषा सयाम ने भी खुशी जाहिर की। शासन की ओर से बैगा जनजाति के उत्थान के लिए ग्राम में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। घाटी में ग्राम रेंगाखार के श्री खानू एवं श्री गुलाब खान भी बेलगुदा एकत्रित करने में व्यस्त थे। वहीं बांधाटोला के श्री हरे सिंह और सदाराम धु्रर्वे हर्रा बहेरा एकत्रित कर रहे थे। माहुल पत्ता की तोड़ाई में भी अब तेजी आ गई है। जिससे ग्रामवासी दोना-पत्तल बनाने का कार्य करेंगे।
जिले में आंवला बीज, पुवाड़ बीज, कौंच बीज, बायबिडिंग, कालमेघ, नागरमोथा, हर्रा, धवई फूल, बहेड़ा, महुआ फूल, शहद, फूलझाडु, इमली, रंगीन लाख, कुसमी लाख, सालबीज, गम कराया, महुआ बीज, बेल गुदा, करंज बीज, चिरौंजी गुठली और जामुन बीज के संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। दूरस्थ ग्राम सरईपतेरा, ढोलपिट्टा में लघुवनोपज संग्राहक अपना वनोपज शासन की समिति में विक्रय करते हैं। वन विभाग की ओर से लघुवनोपज संग्रहण के लिए वनवासियों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें कोरोना वायरस के बचाव के लिए भी बताया जा रहा है। ग्रामवासियों को कोविड-19 से सुरक्षा के लिए मास्क दिया जा रहा है।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की समीक्षा की एवं लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निराकरण करने के सख्त निर्देश दिए। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण में प्रोटोकाल का पालन करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने कार्यों में प्रगति लाए। लॉकडाउन की अवधि में लंबित कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर ओंकार यदु, अपर कलेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती तनुजा सलाम, नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री मिथलेश चौधरी, एसडीएम राजनांदगांव श्री मुकेश रावटे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर वर्मा ने नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि बारिश से पहले निर्माणाधीन गौठानों को तैयार कर लिया जाए। यहां पशुओं के लिए पर्याप्त चारागाह की व्यवस्था किया जाना चाहिए। गौठान में ही बाड़ी का निर्माण भी करें और इसमें महिला स्व सहायता समूह तथा बिहान की महिलाओं को जोड़कर कार्य करें। ताकि इन समूहों को आजीविका से जोड़ा जा सके। इसके लिए गौठान समिति का चयन किया जाए। गौठान में पशुओं की देखभाल के लिए पशुचिकित्सक नियमित रूप से निरीक्षण करें। घुरवा संवर्धन का कार्य प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन करने पर जोर दिया।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि भूमिहिन परिवारों का चिन्हांकन करें, ताकि उन्हें योजना में शामिल कर लाभान्तिव कर सके। श्री वर्मा ने किसान सम्मान निधि के आंकड़ों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसमें सभी पात्र किसानों का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए पटवारियों को कार्य में लगाकर अभियान चलाए।
कलेक्टर ने कहा कि खाद्य एवं लघुवनोपज प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना की जाएं और इसे समूहों द्वारा संग्रहित वनोपज की खरीदी केन्द्र के रूप में स्थापित करें। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि जिले में उद्योगों की स्थापना के लिए खाली जमीन का चिन्हांकन करें। ताकि जब यहां उद्योग लगाने के लिए उद्योगपति प्रेरित हो तो उन्हें जमीन उपलब्ध कराया जा सके। यहां उद्योग लगने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। श्री वर्मा ने कहा कि किसानों को धान की जगह अन्य फसल लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंंने आश्रमों, छात्रावासों को सर्वसुविधा युक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। बच्चों के लिए बिस्तर, खेल सामग्री, लाईबे्ररी तथा शौचालय हो।
कलेक्टर ने राजस्व प्रकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं तथा लंबित प्रकरणों को जल्दी पूरा करने के लिए कहा है। वन अधिकार पट्टा, परिवर्तित लगान भूमि की वसूली, नजूल भूमि फ्री होल्ड, अतिक्रमित भूमि, नक्शा, खसरा, सीमांकन, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, सुपोषण अभियान, इंग्लिस मीडियम स्कूल की स्थापना, स्कूलों में रंगरोगन तथा मरम्मत कार्य, हाटबाजार, राशन कार्ड, जॉब कार्ड के संबंध में जानकारी ली और इससे संबंधित प्रकरणों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी विकासखंडों के एसडीएम, जनपद सीईओ, तहसीलदार तथा सभी विकासखंड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय रखते हुए टीम भावना से करें कार्य - संभागायुक्त चुरेन्द्र
वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने लोगों को करें प्रेरित
लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में करने के दिए निर्देश

राजनांदगांव / शौर्यपथ / संभागायुक्त दुर्ग जीआर चुरेन्द्र ने कल शाम कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सभी विभागों के जिला अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की एवं नये कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। संभागायुक्त चुरेन्द्र ने अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय रखते हुए टीम भावना और लक्ष्य के अनुरूप समय-सीमा में कार्य करें। अपने ज्ञान और व्यवहार के माध्यम से ही लोगों को सामाजिक कार्यों से जोड़ा जा सकता है।
कोरोना संकट के इस वर्ष को निर्माण वर्ष के रूप में बदलते हुए काम करें इसके लिए सभी को प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संपदा जल, वन, पेड़, पौधे एवं अन्य हमारे लिए बहुमूल्य है। इसे बचाने और पुन: उद्धार के लिए जनमानस को जोड़कर इसमें कार्य करने की जरूरत है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा उपस्थित थे।
संभागायुक्त ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी क्वारेंटाईन सेंटर में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और शौचालय अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो। यहां साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कि जाए। उन्होंने कहा कि क्वारेंटाईन सेंटर में घर जैसा माहौल तैयार करे। उन्होंने कहा कि जिन परिवार के सदस्य कोरोना से पीडि़त है, उन परिवारों से मिलकर उनके परेशानियों को दूर करे।
संभागायुक्त चुरेन्द्र ने कहा कि अन्य राज्यों से अधिक संख्या में मजदूर यहां आ चुके है और क्वारेंटाईन की अवधि भी पूरी कर लिए हैं इन श्रमिकों को उनकी कुशलता के आधार पर काम दिलाना हमारी प्राथमिकता है। सभी जनपदों को इसके लिए पर्याप्त कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में मनरेगा एक संजीवनी है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को मनरेगा से जोड़कर कार्य दिलाए।
संभागायुक्त चुरेन्द्र ने बारिश के पूर्व वृहद रूप से पौधे रोपण की तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश में आश्रम, छात्रावास, स्कूल, राईसमिल, मंडीबोर्ड, शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थानों के परिसर में पौधे लगाए और उन्हें सुरक्षित रखे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा नगरीय क्षेत्रों में भी पेड़ लगाएं। आम, बेल, जामुन, आंवला, नीम, पपीता, मुनगा जैसे पौधे लगाने के सुझाव दिए हैं। इन कार्यों में स्व सहायता समूह की महिलाओं को जोड़कर रोजगार भी उपलब्ध कराएं।
संभागायुक्त चुरेन्द्र ने राजस्व विभाग को जनता के अनुरूप समय-सीमा में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शासकीय जमीन पर कब्जा हटाने के लिए अभियान चलाकर कार्य करें। उन्होंने इस कार्य में पटवारियों को लगाकर प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने खरीफ मौसम को देखते हुए खाद-बीज उपलब्धता की भी जानकारी ली। कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि फिल्ड में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी पूर्वक काम करें। संसाधनों के अनुरूप अधिक से अधिक कार्य करने की प्राथमिकता दें।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर ओंकार यदु, अपर कलेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, वनमंडलाधिकारी बीपी सिंह, सहायक कलेक्टर ललितादित्य नीलम, नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी विकासखंडों के एसडीएम, जनपद सीईओ, तहसीलदार तथा सभी विकासखंड स्तरीय अधिकारी जुड़े रहे।

दुर्ग / शौर्यपथ / सिद्धार्थनगर में कल फूटी 300mm की पाइप लाइन का मरम्मत कर कार्य आज सुबह 8:00 बजे से चालू कर आज शाम 4 पूर्ण कर लिया गया । इस 300 mm की पाइप लाईन की मरम्मत करने इस क्षेत्र के करीब आधा दर्जन बस्ती में आज सुबह के समय पानी की सप्लाई को रोका गया तब यह कार्य आज शाम 4 बजे तक पूरा किया जा सका है । क्षेत्र के सभी प्रभावित मोहल्ले और बस्तियों में शाम के समय जल प्रदाय किया जावेगा ।
उल्लेखनीय है कि महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के निर्देशानुसार अमृत मिशन योजना के तहत् पाइप लाईन जोड़ने और कनेक्शन जोड़ने का कार्य शहर में जारी है । कल सिद्धार्थनगर में अमृत मिशन योजना के तहत 300 एमएम की पाइप लाइन से कनेक्शन जोड़ने के लिए सीमेंट सड़क को जेसीबी से तोड़ा गया था । परंतु उस समय पाइप लाइन फूटी है इसकी जानकारी नहीं हुई जब शाम के समय नल खुला तब पता चला यहां पर पाइप लाइन फूटी हुई है इसकी जानकारी महापौर और आयुक्त को होने के बाद उन्होंने अमृत मिशन के लोगों को तत्काल निर्देश दिए जिसके तहत मिशन के लोगों ने शाम को ही आकर मौका मुआयना किया और पाइपलाइन की मरम्मत सुबह 8:00 बजे करेंगे कह कर वापस चले गए थे आज सुबह 8:00 बजे मरम्मत कार्य के लिए गड्ढा खोदा गया उसमें लगभग 3 फीट पाइप काटकर बाहर निकाले और क्लेम लगाकर पुन: पाइपलाइन को जोड़ा गया इस तरह से फूटी पाइप लाइन की मरम्मत और अमृत मिशन का कनेक्शन जोड़ने का काम साथ-साथ पूरा किया गया । आज शाम के समय संबंधित क्षेत्रों में जल प्रदाय निर्धारित समय पर की जाएगी । कार्य के दौरान जलकार्य निरीक्षक नारायण ठाकुर, कार्य करने वाले ठेकेदार घनश्याम ठाकुर और अमृत मिशन के कर्मचारी मौजूद थे ।

बिलासपुर / शौर्यपथ / एक तरफ राजस्व मामलों की पेंडेंसी बड़ा रही है और दूसरी तरफ नजूल विभाग सत्यम टॉकीज के सामने स्थित एक खाली प्लाट के सीमांकन के लिए अचानक सक्रिय हो गया 3 मई को एक दैनिक अखबार में नजूल अधिकारी बिलासपुर की सूचना प्रकाशित हुई जिसमें आवेदक जिले लाल पिता चुन्नीलाल सतनामी ने 16 लोगों को सूचना दी कि सीट नंबर 24 प्लाट नंबर 01 रकबा 39240 का सीमांकन 8 तारीख को निर्धारित है यह बात आसानी से समझ में आने योग्य नहीं है कि 2018 में लगाया गया प्रकरण 2020 में इतना जरूरी कैसे हो गया नजूल सीट नंबर 24 बिलासपुर शहर के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र में शुमार है और इस सीट में चंद्रिका होटल, कैफेटेरिया, सत्यम टॉकीज, बिग बाजार जैसे बड़े व्यवसाई केंद्र संचालित हैं जब जिले लाल सतनामी बिना कब्जे की जमीन पर नामांतरण कराने वाला कौन सा खातेदार है सीट नंबर 24 का यह क्षेत्र एक अन्य कारण से भी महत्वपूर्ण है लिंक रोड के अलावा इमलीपारा मार्ग में केंद्र के रेल मंत्रालय की भूमि बड़े पैमाने पर निजी क्षेत्र के द्वारा दबा ली गई ये जमीन के वे टुकड़े हैं जिन पर मूल खाते द्वारा केंद्र से मुआवजा राशि ली जा चुकी है उस समय यहां से एक रेलवे लाइन प्रस्तावित थी जो बाद में भुला दी गई .
वर्ष 2020 में कहने के आधार पर लीज नवीनीकरण का आदेश मिलने पर इस तरह के खेल दोबारा शुरू हो गए हैं देखने लायक यह होगा कि 8 जून के दिन झूलेलाल सतनामी जो किसी अन्य का मोहरा मात्र है का सीमांकन फील्ड पर होता है अथवा गुपचुप तरीके से दफ्तर में होगा.....

बिलासपुर / शौर्यपथ / शहर का ऐतिहासिक अस्पताल अब इतिहास में दर्ज होने वाला है अस्पताल की हालत इतनी खराब है कि इसका ओपीडी, आईपीडी इमरजेंसी सहित प्राथमिक उपचार की सेवा भी बंद हो चुकी है अस्पताल परिसर के भीतर मेडिकल के नाम पर केवल एक दवाई दुकान चल रही है अस्पताल में हर प्रकार की सर्विस बंद है उसके बावजूद अस्पताल के स्वयंभू डायरेक्टर जोगी की दहशत सर चढ़कर बोलती है जिसके चलते व्यवस्था को चुप रहने बाध्य करती है बंद आईसीयू में टेबल की धूल साफ करती हुई नर्स ने अपना नाम तक नहीं बताया उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में नवीन सिंह नाम का आदमी होगा जो बताएगा वही सत्य होगी की क्यों ओपीडी में डॉक्टर निगम, डॉ सरकार, डॉ जोगी के कमरों में ताले डले है वही अस्पताल के पुरानी बिल्डिंग का प्रथम फ्लोर जर्जर हो चुका है और इस बार इसके पूर्व कोई दुर्घटना घट जाए इससे पहले इसे खतरनाक भवन घोषित कर दिया जाना चाहिए वही आपातकाल भवन की लाइट रात को मरीज को भ्रम में डालने का काम कर रही है अस्पताल के गेट पर शाम 7:00 बजे से ही सुबह 7:00 बजे तक के लिए ताला डल जाता है गेट के अंदर कोविड-19 के संबंध में 3 एक्ट का हवाला देते हुए यह सूचना लिखी है कि परिसर के भीतर रहने वाले शाम 7:00 से सुबह 7:00 बजे तक बाहर ना निकले यदि यह अस्पताल चालू है तो शाम 7:00 बजे से मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला कैसे डाला जा सकता है अस्पताल की अघोषित रूप से बंद हो जाने की कोई जानकारी स्वास्थ्य विभाग को क्यों नहीं है...

बिलासपुर/ शौर्यपथ / ऑल इंडिया ब्राह्मण संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बबीता दुबे, कार्यकारी अध्यक्ष शिवाकान्त त्रिपाठी उपाध्यक्ष सरिता दुबे एवँ महासचिव सुरेश मिश्रा,अभिषेक त्रिपाठी द्वारा निम्नलिखित पदो हेतु मनोनयन पत्र देकर मनोनित किया साथ ही समाजहित और राष्ट्र हीत मे कार्य करने हेतु गठन प्रक्रिया पूर्ण किया गया इस टीम के सँरक्षक- सुनील दत्त मिश्रा, अमित गौतम ,जिला अध्यक्ष- अरुणा पांडेय,उपाध्यक्ष-आशुतोश शर्मा सचिव-स्मृति ओझा, सृष्टि शुक्ला,प्रतीक्षा अवस्थी,सहसचिव-रंजना पांडेय, नीतू मिश्रा, आरती पांडेय,कोषाध्यक्ष- विकास उपाध्याय
क्रिडा सचिव-सुप्रिया पांडेय, आकांक्षा दुबे,साँस्कृतिक सचिव-रवि शर्मा, अनुकृति पांडेय कार्यकारिणी सदस्य-हर्ष पांडेय, सौमित्र शर्मा , पूजा तिवारी ,सौम्या शुक्ला ,अक्षत पांडेय ,अभिजीत पांडेय है . युवा विंग पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण सप्ताह मना रहे है जिसमे कुछ प्रतियोगिताएं आयोजित किए हैं जो इस प्रकार है

1 जून - कविता / निबंध प्रतियोगिता
2 जून- पेंटिंग/पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता
3- जून स्लोगन लेखन प्रतियोगिता
4- जून चलो शाकाहार की ओर (इस में केवल शाकाहारी भोजन खाया जाएगा)
5- जून ग्रीन डे ( जिसमें एक दिन ग्रीन चीजे इस्तेमाल किए गए जिसमे भोजन, कपड़े इत्यादि)
6- जून रिसाइकिल और बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट
7 जून वृक्षारोपण दिवस|

अब तक हुई सभी प्रतियोगिताओं में सभी ने विशेष रुचि दिखाकर अपनी प्रतिभाओं को सामने लाया है सभी कार्य की सफलता का श्रेय अध्यक्षा ने पूरी टीम को समर्पित किया(फोटो अरुणा पांडे,आशुतोष शर्मा )

नई दिल्ली / शौर्यपथ / प्रवासी मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''प्रवासियों को 15 दिनों में वापस भेजा जाए. प्रवासियों को नौकरी देने के लिए एक स्कीम तैयार हो. रोजगार प्रदान करने के लिए डेटा की जांच हो. साथ ही प्रवासियों की पहचान के लिए योजना निर्धारित हो. प्रवासियों की स्किल मैपिग हो ताकि तय करना आसान हो कि उन्हें कुशल या अकुशल कौन सा कार्य सौंपा जाए. प्रवासियों के खिलाफ सभी शिकायतों व मुकदमों को को वापस लिया जाए.
बताते चले कि मजदूरों को भेजे जाने, रजिस्ट्रेशन, और उनके रोजगार की व्यवस्था जैसे बिंदुओं पर केंद्र व राज्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशा निर्देश जारी किया. जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने आदेश सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''15 दिनों में सभी प्रवासियों को वापस भेजा जाए. प्रवासी मजदूरों के लिए काउंसलिंग सेंटर बनाए जाएं.''

सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों से हलफनामा मांगा है. राज्य 15 दिन में बचे हुए श्रमिकों को अपने अपने गांवों तक भेजे. श्रमिक ट्रेन ज्यादा चलाई जाय ताकि उनको यात्रा के लिए अप्लाई करने के 24 घंटों में ही ट्रेन मिल जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने उन प्रवासी कामगारों के खिलाफ सभी पुलिस शिकायतों को वापस लेने का आदेश दिया, जिन्हें अपने कार्य स्थलों से घर वापस जाने का प्रयास करते हुए लॉकडाउन मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए दर्ज किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र/राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्रवासी श्रमिकों की पहचान करने के लिए कहा जो अपने कार्यस्थल से घर जाना चाहते हैं और उनकी यात्रा की व्यवस्था करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''सभी शेष प्रवासी श्रमिकों के परिवहन की प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी होनी चाहिए.''

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''सभी प्रवासी श्रमिकों को पंजीकरण के माध्यम से पहचाना जाएगा. सभी प्रवासियों को आज से 15 दिनों के भीतर वापस भेज दिया जाएगा. मांग के 24 घंटे के भीतर केंद्र को अतिरिक्त ट्रेनें देनी चाहिए. केंद्र और राज्य प्रवासियों को रोजगार देने के लिए योजनाएं प्रस्तुत करें. सभी राज्य सरकारें अपनी स्कीम कोर्ट को दें, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिये उनके पास क्या योजना है. रोजगार की योजना तैयार हो. स्किल मैपिंग हो.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से प्रवासियों के कल्याण के लिए योजना मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''राज्य और केंद्रशासित प्रदेश उन प्रवासी श्रमिकों की पूरी सूची तैयार करेंगे जो अपने राज्य में पहुंच चुके हैं. वो उस काम का उल्लेख करेंगे जो वो तालाबंदी से पहले कर रहे थे.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से इन प्रवासी श्रमिकों के लिए तालाबंदी के बाद की योजनाओं को बताने को कहा. आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''पलायन करने का मन बना चुके प्रवासी श्रमिकों को आज से 15 दिनों के अंदर अपने गांव या जहां वो जाना चाहें भेजने का समुचित इंतज़ाम सुनिश्चित किया जाय. राज्य श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोज़गार देने की स्कीम तैयार करें. इसके लिए पलायन कर गए सभी श्रमिकों की पहचान कर पूरी विस्तृत जानकारी वाला डाटा तैयार किया जाए. फिर उनको समुचित रोजगार देने की स्किम बनाई जाए.

कोर्ट ने कहा, ''सभी श्रमिकों की स्किल मैपिंग का इंतजाम हो. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के मुताबिक इंतजाम हो. श्रमिकों के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप में दर्ज सारी शिकायतें और मुकदमे वापस/रद्द किए जाएं. अगर राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए ट्रेनें मांगे तो केन्द्र 24 घंटे में ट्रेन मुहैया कराए.

SC ने केंद्र और राज्यों से मौजूदा योजनाओं की पहचान करने को कहा जो उन प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दे सकती है जो घर पहुंच चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन प्रवासी कामगारों की सूची तैयार करने को कहा जो अपने कार्यस्थल पर वापस जाना चाहते हैं और सरकारों से कहा है कि वे काम से पहले उन्हें उचित काउंसलिंग प्रदान करें. 8 जुलाई को अगली सुनवाई है, जिसमें राज्यों को प्रवासियों का पूरा ब्यौरा और रोजगार संबंधी जानकारी देनी है.

 

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