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दुर्ग / शौर्यपथ / वर्तमान में प्रदेश में भाजपा की सरकार है किन्तु प्रदेश के ऐसे कई जनपद , ग्राम पंचायत , नगरीय निकायय है जहां कांग्रेस समर्थित व्यक्ति पंच , सरपंच , अध्यक्ष , महापौर की भूमिका के रूप में है . आने वाले चुनाव के बाद स्थिति कुछ भी हो किन्तु वर्तमान समय में दुर्ग निगम क्षेत्र के प्रथम नागरिक महापौर धीरज बाकलीवाल है जिसे कोई भी अस्वीकार नहीं कर सकता .
आज प्रदेश के मुखिया इसी दुर्ग निगम को कई मदों की राशियों से लगभग 22 करोड़ के विकास कार्य की सौगात देंगे . जिसकी तैयारिया पिछले कुछ दिनों से जोरो से चल रही है जगह जगह प्रदेश के मुखिया के स्वागत की तैयारियों में एक बड़ी बात सामने आ रही है जो संवैधानिक पदों में आसीन अधिकारियो की चाटुकारिता की ओर साफ़ इशारा करती हुई नजर आ रही है . आज के उद्घाटन समारोह में शहर में निगम प्रशासन द्वारा सीएम साय के स्वागत के कई पोस्टर लगे है जिनमे कुछ छोटे तो कुछ बड़े किन्तु इन पोस्टर से निगम महापौर धीरज बाकलीवाल की फोटो गायब होना शहर में चर्चा का विषय है हालांकि इनमे से कुछ छोटे पोस्टरों पर महापौर धीरज बाकलीवाल और सभापति राजेश यादव की फोटो शहर विधायक के साथ नजर आ रही है किन्तु ज्यादातर फोस्टर में सिर्फ विधायक गजेन्द्र यादव ही नजर आ रहे है मानो सारा कार्य उनके अनुशसा से हो रहा हो . वही बड़े बड़े पोस्टरों में सिर्फ विधायक गजेन्द्र यादव के पोस्टर से शहर की राजनितिक चर्चा एक बार फिर गर्म हो चुके है .
निगम के कार्यक्रम में जिस तरह महापौर को नाकारा जा रहा है उसके कारण आम जनता इस बात की जिम्मेदारी निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर और विधायक गजेन्द्र यादव की मनमानी पर लगा रही है सच्चाई क्या है यह तो वही बता सकता है जिन्होंने इस पोस्टर को डिजाइन करवाया हो .
बता दे कि 22 करोड़ के विकास कार्य में विधायक गजेन्द्र यादव की विधायक निधि लगभग 2.50 करोड़ ही शामिल है उसके बाद अन्य राशि कई मदों की ( अधो संरचना मद , डीएमएफ मद , 15 वां वित्त आयोग मद ) से है जो कि एक सामान्य प्रक्रिया के तहत हर निगम को प्राप्त होती है ऐसे में पोस्टरों के राझ्निती में आखिर किसी सहमती से महापौर धीरज बाकलीवाल को गायब किया गया क्या राजनीती के इस खेल में जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि को किनारे करने की और चाटुकारिता एवं वर्चस्व की इस जंग में शहर का विकास सभी जनप्रतिनिधि मिलकर कर पायेंगे .
वैसे भी जब से भाजपा की सरकार बनी है शहर विधायक गजेन्द्र यादव विकास कार्यो की बात करते हुए नजर आते है किन्तु निगम क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के मामले में विधायक द्वारा किसी तरह की कोई पहल की जा रही हो कही नजर नहीं आता . जिस गौवंश की बात प्रमुखता से भाजपा करती है उसी गौवंश की चारागाह की जमीन पर कब्ज़ा हो चुका है और विधायक गजेन्द्र यादव जिस मामले पर माह भर पहले तुरंत संज्ञान लेकर कार्यवाही की बात करते हुए नजर आये आज तक उस मामले पर भी मौन है .
बरहाल इस पोस्टर वार में शहर के प्रथम नागरिक को प्रचारित कर निगम क्षेत्रर के प्रथम नागरिक की अवहेलना करने वाले निगम के जिम्मेदार अधिकारियों से निष्पक्ष कार्य की उम्मीद बेमानी ही है .
पहले भी हो चुकी है पोस्टर की ऐसी राजनीती ..
पोस्टर की यह राजनीती कोई पहली बार हुई है यह नहीं कहा जा सकता जब शहर के विधायक के रूप में औरन वोरा थे तब दुर्ग निगम क्षेत्र में चाहे राजेंद्र साहू के पोस्टर हो या भिलाई विधायक के पोस्टर तुरन निगम प्रशासन द्वारा स्वक्षता के नाम पर निकाल दिया जाता था . वही निगम के कार्यक्रमों में सभापति के पोस्टर से फोटो गायब रहते थे . कहते है जैसा हम करेंगे वैसा हमारे साथ होगा वाली कहावत यहाँ सटीक बैठती है . कल तक हर पोस्टर शासकीय हो या राजनैतिक स्थानीय विधायक का कब्ज़ा होता था पद के बदलते ही स्थिति भी बदल जाति है जो आज हो रहा कल हुआ था और आने वाले कल में भी होगा यही परिवर्तन का नियम है यहाँ कोई स्थाई नहीं है .
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