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शेष तीनो एल्डरमैन के नाम सीधे प्रदेश संगठन से आये है - गया प्रसाद पटेल
दुर्ग । शौर्य पथ ।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने ढाई साल हो गए ढाई साल बाद प्रदेश सरकार ने आखिरकार दुर्ग नगर पालिक निगम में शेष बचे हुए एल्डरमैन की नियुक्ति कर दी नियुक्ति करते ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में असंतोष की लहर देखी गई कारण यह रहा कि दुर्ग कांग्रेस में ऐसे सक्रिय कार्यकर्ता जो एल्डरमैन के पद के लिए प्रयासरत थे उन्हें दरकिनार करते हुए नगरी निकाय प्रशासन विभाग से जारी लिस्ट में दो ऐसे नाम थे जिन पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कड़ी आपत्ति हुई पहला नाम हरीश साहू का एवं दूसरा नाम राजेश शर्मा का वहीं तीसरे नाम मनीष यादव पर किसी को आपत्ति नहीं हुई . दुर्ग के राजनीतिक में चर्चा का विषय है कि प्रदेश कांग्रेस संगठन ने उस व्यक्ति को एल्डरमैन बनाकर गलत किया जिस व्यक्ति ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का पुतला जलाया था यह पुतला दहन का यजन रोहित वेमुला की मौत पर तात्कालिक राष्ट्रिय महासचिव राहुल गाँधी के ब्यान के विरोध में था . नाम की घोषणा होते ही कई कांग्रेसी ग्रुप में हरीश साहू के द्वारा राहुल गांधी के पुतले को जलाते हुए समाचार पत्र की कतरनों को सोशल मीडिया में वायरल कर अपना असंतोष जताते रहे .
वही दुर्ग कांग्रेस के ही राजेश शर्मा जिनकी माता जी को जिला कांग्रेस ने निकाय चुनाव में पार्षद के लिए प्रत्याशी बनाया था और एल्डरमैन की लिस्ट जारी होने के पूर्व शहर के विधायक अरुण वोरा द्वारा कार्यकर्ताओं को यह बात कही थी कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को एल्डरमैन नहीं बनाया जाएगा जिनके परिवार के किसी सदस्य को निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया था । किंतु राजेश शर्मा के मामले में यह बात गलत साबित हुई बता दें कि राजेश शर्मा की माता जी को पार्षद प्रत्याशी बनाया गया था और वर्तमान में वह दुर्ग निगम में पद्नाभ्पुर वार्ड की पार्षद हैं . राजेश शर्मा दुर्ग विधायक वोरा के काफी करीबी माने जाते है . उनके हर कार्यक्रम में कोई रहे न रहे राजेश शर्मा जरुर रहते है . इन दो नामों की घोषणा से दुर्ग शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष है कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात का है कि ऐसे व्यक्ति को एल्डरमैन बनाया गया है जिसने कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का पुतला दहन किया था और पूर्व में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सक्रिय कार्यकर्ता था .
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हरीश साहू को जब एल्डरमैन बनाया गया तब तक वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी नहीं लिया था इस बारे में जब शौर्यपथ समाचार ने शहर के कांग्रेस अध्यक्ष गया प्रसाद पटेल से बात करना चाहिए तो उन्होंने जानकारी दी कि हरीश साहू के नाम की अनुशंसा ना तो दुर्ग शहर कांग्रेस कमेटी से हुई एवं उसके नाम की घोषणा में शहर कांग्रेस का कोई हाथ है यह सूची प्रदेश कांग्रेस से आई है और यह फैसला भी प्रदेश कांग्रेस का है अगर गया प्रसाद पटेल की बात सत्य है तो क्या प्रदेश कांग्रेस संगठन एक ऐसे व्यक्ति को एल्डरमैन बना रही है जिसने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का पुतला दहन किया था क्या प्रदेश कांग्रेस के पास दुर्ग में कोई कार्यकर्ता नहीं बचा जिन्हें एल्डरमैन बनाया जा सके क्या प्रदेश कांग्रेस शहर के विधायक और उनकी राय भी जाना उचित नहीं समझा क्या कांग्रेस संगठन ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष गया प्रसाद पटेल से भी राय नहीं ली क्या दुर्ग कांग्रेस का प्रदेश कांग्रेस में कोई महत्तव नहीं है .
जबकि वहीं दूसरी तरफ चर्चा यह है कि उक्त तीनों नामों की घोषणा शहर कांग्रेस अध्यक्ष गया प्रसाद पटेल एवं शहर विधायक अरुण वोरा की अनुशंसा पर की गई है जबकि यह बात सभी जानते हैं कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के परिवार व दुर्ग विधायक अरुण वोरा के परिवार के साथ काफी घनिष्ठ संबंध हैं ऐसे में अगर यह बात सही है तो फिर दुर्ग विधायक द्वारा ऐसे व्यक्ति जिसने पूर्व में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का पुतला दहन करने में अपने संगठन के साथ अहम भूमिका निभाई थी ऐसे व्यक्ति को एल्डरमैन बनाकर दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा प्रदेश कांग्रेस संगठन को क्या संदेश देना चाहते हैं इन नामों की घोषणा होने के बाद दुर्ग शहर कांग्रेस के सभी पदाधिकारी मौन है एवं लिस्ट में वे नामों की घोषणा को ऊपर से आने की बात कह रहे हैं दूर के शीर्षस्थ नेताओं की यह बात है शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के समझ से बाहर है .
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