August 04, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

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लेख : लोकतंत्र में जहां जनता अपने नेतृत्व को वायदे पूरे करने के लिए पांच साल का जनादेश प्रदान करती है। ऐसे में किसी प्रदेश के मुखिया से महज छह माह के समय में इन वायदों को पूरा करने की आशा आमतौर पर बेमानी होती है। लेकिन मन में जज्बा, कुछ करने की लालसा, संवेदनशील प्रयास और समन्वित रणनीति के तहत कार्य किया जाए तो छह माह में भी इतिहास गढ़ा जा सकता है। महज़ छह माह में किसी भी सरकार के कामकाज का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता इसके बावजूद विष्णु देव साय सरकार जिस तेजी के साथ काम को आगे बढ़ा रही है, निश्चित ही यह एक मिसाल है।

    मुख्यमंत्री श्री साय ने विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए अधिकांश वायदों को पूरा करने के लिए जरा भी वक्त जाया नहीं किया। इसे कुछ इस तरह से समझा जा सकता है।  शपथ ग्रहण 13 दिसम्बर 2023 के बाद 15 अप्रैल 2024 यानी 4 माह 02 दिन। 16 मार्च 2024 से 6 जून 2024 यानी 2 माह 21 दिन लोकसभा निर्वाचन की वजह से आदर्श आचार संहिता पूरे प्रदेश में प्रभावशील रही। ऐसे में विष्णु देव सरकार को मुख्यमंत्री बने छह माह जरूर हो चुके हैं लेकिन निर्णय, योजनाओं का क्रियान्वयन, भावी रणनीति को मूर्तरूप देने के लिए उन्हें 4 माह का ही समय मिला है।

    मुख्यमंत्री श्री साय ने इन सब के बावजूद अपने सटीक निर्णयों से प्रदेश में एक अलग छाप छोड़ने में सफल हुए हैं। जब हम आधी आबादी की बात करते हैं तब उनकी स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलम्बन और सशक्तीकरण के लिए ठोस व दूरगामी रणनीति बनानी पड़ती है। प्रदेश के 70 लाख विवाहित महिलाओं के जीवन में एक नई उम्मीद की किरण महतारी वन्दन योजना से मिली है। ईब से इंद्रावती तक यानी प्रदेश के चारों तरफ विवाहित महिलाओं को हर माह एक हजार रूपए दिए जा रहे हैं और इस तरह चार किश्ते दी जा चुकी हैं। राज्य सरकार द्वारा विवाहित माताओं-बहनों के खाते में राशि देने के पीछे आर्थिक सशक्तीकरण करना, उनके आर्थिक हालात को बेहतर करना प्रमुख उद्देश्य है।  

    दावे और वादे के पक्के मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश के लाखों किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का भुगतान किसानों के खाते में किया गया, वहीं 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के तहत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए अन्तरित की गई। खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। इसके अलावा किसानों को दो साल के धान के बकाया बोनस राशि 3 हजार 716 करोड़ रुपए देने जैसे साहसिक निर्णय लिए है।

    मुख्यमंत्री श्री साय संवेदनशील सरकार और किसानों के सरकार के रूप में महज छह माह में ही पहचान बनाने में सफल हुए। आदिवासियों की पीड़ा, संघर्ष, सम्मान और जरूरत को उनसे बेहतर कौन समझ पाएगा! सरकार बनाते ही तेन्दूपत्ता प्रति मानक बोरा 5 हजार 500 रूपए की गई, जिससे 12 लाख 50 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभ मिल रहा है। कौन नहीं चाहता कि घर के बुजुर्ग तीर्थ यात्रा करें लेकिन आर्थिक अभाव, सुरक्षा और मार्गदर्शन आड़े आते हैं। ऐसे में विष्णु सरकार की मानवीय पहल यानी रामलला मंदिर दर्शन योजना से मन की मुराद पूरी हो रही है।

    कोई न सोए भूखे पेट, इस तरह के विचार को अपनी कार्य योजना में शामिल करें तो वह निश्चित ही मानवीय संवेदना ही है प्रदेश के 68 लाख़ से अधिक गरीब परिवारों को पांच वर्षों तक मुफ्त अनाज देने जैसे निर्णय साबित कर रहे हैं कि सरकार गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दे रही है। खुद का घर, पक्का मकान यह सब सुनने में एक गरीब परिवार के लिए दिन में देखने वाले स्वप्न की तरह होता है। लेकिन इस सपने को सच करने के लिए, 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण की दिशा में प्रदेश जोरशोर से आगे बढ़ चुका है। ऐसे में गरीब के सिर में पक्का छत होना यानी सशक्त परिवार और खुशहाल समाज का प्रतीक बनेगा।

    सरकार में आते ही युवाओं की तकलीफ को समझा और पीएससी परीक्षा घोटाले को लेकर युवाओं के गुस्से और हताशा को समझते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की। शासकीय भर्ती आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने से युवाओं के मन में खुशियां देखने को मिली है। जिस बस्तर अंचल की पहचान सुंदर प्राकृतिक परिवेश और अकूत संसाधनों से है तथा यहां के भोलेभाले आदिवासियों की कला संस्कृति ने देश और दुनिया को अपनी ओर खींचा है। इस स्वर्ग को दूषित करने का काम कुछ माओवादी  कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के अडिग निर्णय, बेहतर रणनीति का ही परिणाम है कि महज छह माह में 129 माओवादियों को सुरक्षा बलों के जवानों ने ढेर किया है, 488 गिरफ्तार हुए हैं 431 आत्मसमर्पण किया और इस तरह बस्तर की उम्मीद की नई रौशनी देखने को मिलने लगी है।
                                                                                                                                                                                                      साभार : एल.डी.मानिकपुरी, सहायक जनसंपर्क अधिकारी

कोंडागांव / शौर्यपथ / कोंडागांव पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार के निर्देशन पर एसडीओपी रूपेश कुमार एवं कोतवाली प्रभारी सौरभ उपाध्याय के नेतृत्व में कोंडागांव अपराध मुक्त करने पुलिस दल के साथ सघन जांच कर अभियान चला रही हैं।

सभी तरह के अपराधों पर पुलिस निगरानी ----

आपको बता दें कि कोंडागांव पुलिस हर तरह के अपराधों को ध्यान में रखते हुए कोंडागांव में रात्रि गस्त के साथ आम जनता को एक संदेश भी दे रही है कि हम आपके साथ हमेशा से है आपको डरने की आवश्यकता नहीं, आप हमारा सहयोग करिए। इसी के तहत सन्दिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ, चेकिंग के साथ ही पहचान पत्रो की जांच, बिना लाइसेंस वाहन चालकों पर कार्यवाही, वाहनों को बिना ब्रेक लगाए मनचलो की सरपट दौड़ती बेलगाम गाड़ियो पर रोक , चौक चौराहों पर अनावश्यक देर रात्रि जमघट लगाए जनमानस को समझाईस एवं अनजान एवं संदिग्ध बाहरी नए चेहरों पर अपनी पकड़ मजबूत कर अपराधो को खत्म कर अपराध मुक्त कोंडागांव की पहल कर रही है।

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