April 25, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

लेख । शौर्यपथ । 14 अप्रैल को भारतीय संविधान के रचयिता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जन्मदिन है दुनिया के सबसे बड़े संविधान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन काल में कई विपरीत परिस्थितियों का सामना किया और हर परेशानियों का सामना करते हुए आगे बढ़ते रहे किंतु उनके बारे में एक सच्चाई यह भी है कि वे कभी भी स्वतंत्र भारत के आम चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए । 

डॉ. भीम राव अंबेडकर आजादी के बाद हुए पहले आम चुनाव में अनुसूचित जाति संघ के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1952 में हुए पहली लोकसभा चुनाव में अम्बेडकर उत्तरी बंबई से एससीएफ पार्टी से उम्मीदवार थे और उनको एक समय उन्हीं के सहयोगी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नारायण काजोलोलर ने हरा दिया था।

1954 में भंडारा में हुए लोकसभा उप चुनाव एक बार फिर अम्बेडकर लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन इस बार भी अम्बेडकर की बुरी तरह हार हुई। अम्बेडकर उपचुनाव में तीसरे नम्बर पर रहे। दूसरे लोकसभा चुनाव से पहले ही अम्बेडकर की मौत हो चुकी थी। अम्बेडकर की मौत 65 साल की उम्र में 6 दिसम्बर को 1956 में हो गयी।

अम्बेडकर ने 1942 में ही अनुसूचित जाति संघ (एससीएफ) नाम से एक राजनीतिक दल का निर्माण किया था। एससीएफ की स्थापना अम्बेडकर ने दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए की थी, लेकिन इस दल का 1946 में हुए भारत की संविधान सभा के लिए के चुनावों में खराब प्रदर्शन किया था।

बालोद । शौर्यपथ । जिले के विकासखण्ड मुख्यालय डौण्डी में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2023-24 हेतु अतिथि शिक्षक, छात्रावास अधीक्षक की व्यवस्था हेतु जारी किए गए विज्ञापन को अपरिहार्य कारणों से निरस्त किया गया है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं जिला स्तरीय आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति के पदेन सचिव ने बताया कि उक्त विज्ञापन में केवल अंगे्रजी विषय टीजीटी के 01 पद के लिए पृथक से आवेदन आमंत्रित किया जाएगा।

बालोद । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप पूरे प्रशासनिक अमले के साथ आम लोगों के बीच पहुंचकर उनके समस्याओं का मौके पर निराकरण सुनिश्चित करने हेतु बालोद जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई ’समाधान तुंहर दुआर’ शिविर आम लोगों के समस्याओं का त्वरित निराकरण करने का अत्यंत कारगर माध्यम सिद्ध हुआ है। जिले के सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों में आयोजित ’समाधान तुंहर दुआर’ शिविरों में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा आम लोगों से प्राप्त आवेदनों के माध्यम से उनके वास्तविक मांगों एवं जरूरतों का पड़ताल भी किया गया। शिविर में संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा आम लोगों से प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर उसके समूचित निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई की गई। शिविर में प्राप्त आवेदनो के परीक्षण के उपरांत पात्रतानुसार हितग्राहियों का नया राशन कार्ड बनाने तथा किसान-किताब, बी-1, स्कूली बच्चों का जाति प्रमाण पत्र, दिव्यांगों का ट्रायसायकल एवं सहायक उपकरण के वितरण के अलावा राशन कार्ड में नाम जोड़ने का कार्य आदि समस्याओं का तत्काल निराकरण किया गया। इसके अलावा शिविर में ग्रामीण एवं हितग्राहियों को शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप एवं निर्देशानुसार कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के सतत् मार्गदर्शन में आम जनता के बीच पहुंचकर उनके वास्तविक हालात तथा जमीनी हकीकत से रूबरू होने तथा ग्रामीणों के समस्याओं का मौके पर निराकरण करने के लिए जिले में शुरू की गई इस अभिनव कार्य की सभी वर्गों ने भूरी-भूरी सराहना की है। जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में आयोजित इस समाधान तुंहर दुआर शिविर के माध्यम से अब तक आम लोगों से प्राप्त लगभग 35 हजार आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।

शिविर में विशेष रूप से आम जनता से प्राप्त शिक्षा, कृषि, खाद्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, विद्युत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभिन्न विभागों से संबंधित आवेदनों का परीक्षण कर मौके पर निराकरण सुनिश्चित किया गया। इसके अलावा शिविर में खाद्य बीज के वितरण के साथ-साथ राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनाने तथा पेंशन प्रकरण, मनरेगा जाॅब कार्ड, आरबीसी6-4 के प्रकरण आदि से संबंधित प्रकरणों का भी मौके पर ही निराकरण किया गया। उल्लेखनीय है कि शिविर में अब तक पंचायत विभाग के 29,211, खनीज विभाग के 05, खाद्य विभाग के 2200, कृषि विभाग के 311, क्रेडा के 127, महिला एवं बाल विकास विभाग के 116, मत्स्य विभाग के 14, मुख्यमंत्री सड़क योजना के 20, शिक्षा विभाग के 361, जल संसाधन विभाग के 120, विद्युत विभाग के 948, पशु चिकित्सा विभाग के 72, पुलिस विभाग के 15, प्रधानमंत्री सड़क योजना के 39, श्रम विभाग के 301, रोजगार कार्यालय के 16, समाज कल्याण विभाग के 47, सहकारी संस्था बालोद के 48, जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग के 23, चिकित्सा विभाग के 181, उद्यानिकी विभाग के 11, दूरसंचार विभाग के 05, वन विभाग के 231, आबकारी विभाग के 12, आदिवासी विभाग के 01, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के 07, लीड बैंक बालोद के 07, लोक निर्माण विभाग के 177, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 473, परिवहन विभाग के 04, उद्योग विभाग के 03, प्राप्त पात्र आवेदनों का मौके पर निराकरण किया गया है।

इस तरह से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप बालोद जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी ग्राम पंचायत मुख्यालय में आयोजित ’समाधान तुंहर दुआर’ शिविर अपने उद्देश्यों पर शतप्रतिशत सफलीभूत होकर आम जनता के आशा एवं आकांक्षाओं को पूरा करने में सफल रहा है। इस ’समाधान तुंहर दुआर’ शिविर के माध्यम से आम नागरिकों को समस्याओं का त्वरित निराकरण होने से शासन-प्रशासन के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ा है। जिसके फलस्वरूप बालोद जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस ’समाधान तुंहर दुआर’ शिविर का प्रत्येक वर्ग के लोगों ने मुक्तकंठ से सराहना की है।

नवागढ़। शौर्यपथ ।  उप संभाग के अंतर्गत आने वाले ग्राम मोहतरा में विद्युत विभाग ने अवैध कनेक्शन और बकायेदारों उपभोक्ताओ से वसूली के चलते डोर टू डोर सर्वे किया। कुछ उपभोक्तओं के घरों में बकाया राशि होने के कारण स्थाई रूप से लाइन कनेक्शन काटा गया था लेकिन इन उपभोक्ताओं के द्वारा फिर से लाइन को जोड़कर चोरी से उपयोग करते पाया गया। जिस भर विभाग ने धारा 138 और 135 के तहत कार्यवाही किया । 

इस दौरान उप संभाग नवागढ़ के सहायक अभियंता मनीष अग्रवाल, कनिष्ठ यंत्री अनिल चंद्राकर, मोहन दास बैरागी लाइन मेन राजेश यादव, रीडर बिसाहू राम साहू, निखिल,अकाश साहू एवं दिनेश यादव उपस्थित थे।

रायपुर । शौर्यपथ । पुरे प्रदेश में 1 अप्रेल से सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भपेश बघेल जी द्वारा पूरे प्रदेश में कराये जा रहे है,ये जनगणना 2021 होना था। लेकिन आज तक केंद्र की मोदी सरकार नही कराये बहुत से लोगो को शासन कि योजनाओं का लाभ नही मील पा रहा है,चाहे वह केंद्र सरकार कि हो या प्रदेश सरकार कि इन्ही सभी समस्यो को देखते हुये राज्य की छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सभी पात्र लोगो को शासन की योजनाओं का लाभ मील सके इसलिये सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने का कार्य किया जा रहा है यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी संवेदनशीलता का परिचालक है। बहुत से लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। गांव-गांव में शिक्षकों,रोजगार सहायक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर पूरी जानकारी लेकर राशन कार्ड को इकाई मानकर सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में सभी नागरिकों से अपील करता हूँ की सभी जागरूकता का परिचय देते हुए सर्वे मे लगे कर्मचारियों का मदद करें। अपने पडोस के लोगो को भी जानकारी देवे यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर करे ताकी कोई जरूरत मंद लोग वंचित न हो इसी सर्वेक्षण के आधार पर शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ मिलना है। छत्तीसगढ़ शासन की सभी योजनाओं का लाभ इसी सर्वे के आधार पर होना है। चुकि 14 वर्ष बाद सर्वे हो रहा है बहुॅत से परिवार विघटन होकर अलग जीवन यापन कर रहे है। ऐसी स्थिति मे उन लोगो के लिये आवश्यक हो गया था। किसी की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हुआ होगा इस बीच बहुत से परिवर्तन हुए होंगे। इन सभी कारणों से ये सर्वे करवाना अति आवश्यक हो गया था। गांव के जिम्मेदार लोगो विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए लोग जागरूक लोग सभी से आग्रह है कि इस महत्वपूर्ण कार्य को गंभीरता से लेवें एवं कांग्रेस से जुड़े सभी साथी गांव,सेक्टर,जोन एवं ब्लाक अध्यक्षगण भी इस कार्य को गंभीरता से लेवें उक्त अपील उधोराम वर्मा अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी रायपुर ने कि है,साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का आभार जताया है।

बस्तर । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 13 अप्रैल को अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान अलग-अलग योजनाओं का लाभ ले रहे हितग्राहियों को सामग्री वितरित की. मुख्यमंत्री ने विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में जिला पंचायत जगदलपुर द्वारा संचालित रीपा सेंटर की 10 महिला समूहों को पेपर कप चाय, पापड़, चिप्स, मुर्रा-लाई बनाने के मशीन का वितरण किया। 

मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत एनआरएलएम की 21 महिला समूहों को बैंक लिंकेज चेक का वितरण किया। जिला अंताव्यवसायी सहकारी विकास समीति के तहत संचालित द्वारा संचालित अजजा महिला सशक्तिकरण योजना के तहत तोकापाल विकासखंड के ग्राम बेड़ागुड़ापारा की सहादई को बुक स्टोर की दूसरी किस्त प्रदान की।  

महिला एवं बाल विकास विभाग के ऋण योजना के अंतर्गत लघु व्यवसाय हेतु 5 महिला स्व सहायता समूहों को चेक प्रदान किया। कृषि विभाग द्वारा संचालित कृषि यांत्रिकीकरण योजना, कृषि समृद्धि योजना के अंतर्गत नलकूप खनन और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभार्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा चेक प्रदान किय गया।

 उद्यानिकी विभाग के द्वारा संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन बीज के लिए बकावंड, जगदलपुर और दरभा विकासखंड के हितग्राहियों को चेक वितरित किया गया। आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत बकावंड के जिराखाल व धोबीगुड़ा इरिकपाल और बस्तर के बागमोहलई-2 व सोनार पाल (मातागुड़ी) ग्राम पंचायत को सामुदायिक वन अधिकार पट्टा का वितरण किया। 

बीएससी नर्सिंग पाठ्क्रम हेतु 10 विद्यार्थियों को 10 लाख 8 हजार रुपए का चेक मुख्यमंत्री द्वारा वितरित किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के जगदलपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले 10 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड का वितरण भी मुख्यमंत्री  श्री बघेल व श्रीमती प्रियंका गांधी ने किया।

*ग्रामीणों को दी जा रही राशन-पानी और स्वास्थ्य की सुविधा* 

रायपुर । शौर्यपथ ।  बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में अमन चैन फिर से लौट रहा है। शांति समिति की बैठक में समाज प्रमुखों और ग्रामीणों की पहल कामयाब होते दिख रही है। गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस बैठक में सभी समाज प्रमुखों और ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया था कि सभी मिलजुलकर शांति से रहेंगे गांव में पहले की तरह अमन-चैन कायम रखेंगे। बैठक का सकारात्मक असर गाँव में दिख रहा है। गांव में माहौल तेजी से शांति की ओर है।

आज ग्रामीणों ने चर्चा में बताया कि कल प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों ने हम ग्रामीणों की बैठक ली, जिसमें हमने विस्तार से अपने पक्षों को प्रशासन को अवगत कराया था। सब लोग इस बात पर सहमत हुए कि गांव की अच्छी छवि के लिए और सुरक्षा के बेहतर माहौल के लिए शांति बहुत जरूरी है और जो आपसी समस्याएं हैं उसे बैठकर शांतिपूर्ण वातावरण में ही हल करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में हमेशा से सभी लोग प्रेमभाव से रहते आए हैं। गाँव के बड़े बुजुर्गों ने कहा कि हम सब लोग त्यौहार वगैरह भी साथ मनाते हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ था। जो प्रकरण हुआ, वो बहुत दुखद है। अधिकारी दोषियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। 

कलेक्टर श्री पदुम सिंह एल्मा सहित अन्य अधिकारी भी आज पूरे समय बिरनपुर गांव में मौजूद रहे। 12 अप्रैल को प्रशासनिक अधिकारियों ने विस्तार से मामले की बारीकियों पर ग्रामीणों से चर्चा की थी। 12 अप्रैल को बिरनपुर गांव में ही हुई बैठक में प्रशासन ने विशेष तौर पर उन बातों को रेखांकित किया जिसकी वजह से पूरे प्रकरण के बारे में आपसी समझ बढ़ी। साथ ही लोगों को बताया गया कि शांति कितनी जरूरी है। आज ग्रामीणों ने भी कहा कि प्रशासन पूरी तरह से सुरक्षा में लगा है। साथ ही जरूरी सुविधाओं को भी उपलब्ध करा रहा है।

गाँव में लोगों को राशन मिलता रहे, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई और घर-घर राशन पहुंचाया गया। साग-सब्जी भी लोगों को मिल पाए, इस बात की भी व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट और मेडिकल स्टाफ पूरी समय मौजूद हैं। 12 अप्रैल को गांव में एक लड़की की तबियत खराब हो गई। जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य की टीम घर पर पहुंच गई और इलाज किया। गांव में पशुधन काफी है और इसके लिए भी पशुधन विभाग ने वेटरनरी डॉक्टर की व्यवस्था की है। 

*पुलिस की लगातार नजर-* पुलिस गांव की हालात पर निरंतर नजर रखे हुए हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। इसके चलते गांव में लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कल की बैठक के बाद हम काफी आश्वस्त हैं। बैठक में गांव की परिस्थिति के बारे में भी बारीकी से अवगत कराया गया। अभी फसल भी खेत में है जिसे उठाना है। हम सबने निर्णय लिया है कि जल्द से जल्द माहौल शांत करने के लिए काम करेंगे।

*सरपंच ने बताया, प्रशासन की समझाइश का हुआ अच्छा असर-* बिरनपुर गांव के सरपंच श्री जेठूराम साहू ने बताया कि कल शांति समिति की बैठक में सबने अपनी बात रखी। खुलकर रखी बात से गांव का माहौल अच्छा बना। अधिकारियों ने भी बताया कि किस तरह शांति से रहने से गांव में अच्छा माहौल बनेगा। उनकी समझाइश का असर हुआ है और लोग यह कह रहे हैं कि अब शांति के लिए पूरा कार्य करेंगे।

रायपुर । शौर्यपथ । छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर उन्हें स्मरण करते हुए किया नमन।

डॉ महंत ने कहा कि, डॉ. आंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में अछूतों, महिलाओं और मजदूरों के उत्थान के लिए प्रयास किए। सामाजिक-राजनीतिक सुधारक के रूप में आंबेडकर की विरासत का आधुनिक भारत पर गहरा असर हुआ है और अपने जीवन को जाति उत्पीड़न और भेदभाव से लड़ने के लिए समर्पित किया, जिससे भारतीय समाज जाति व्यवस्था की बुराइयों के बारे में अधिक जागरूक हो गया, और इसे अधिक समावेशी बनाने की दिशा में काम किया, जिन्हें संविधान में विस्तार से बताया गया है। समूचे जीवन में उन्होंने अछूतों, महिलाओं और मजदूरों के उत्थान के लिए प्रयास किए।

*विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने मिलेट मिशन के स्टाल का किया निरीक्षण*

*कुपोषण दूर करने में मिलेट्स की होगी अहम भूमिका: श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा*

*राज्य के 10 जिलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र हो चुके हैं स्थापित*   

रायपुर । शौर्यपथ । बस्तर के जगदलपुर में आयोजित भरोसे का सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल व विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने शासकीय विभागों के द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया. स्टालों के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथि मिलेट मिशन व मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के स्टाल पर रूके और बारीकी से इसका निरीक्षण किया. श्रीमती गांधी ने इस दौरान मिलेट्स प्रसंस्करण की जानकारी भी ली. विशिष्ट अतिथि ने मिलेट्स से बने उत्पादों की तारीफ करते हुए स्व सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की. स्व सहायता समूह की महिलाओं ने विशिष्ट अतिथि को मिलेट्स से बने उत्पादों से भरी एक डलिया भी भेंट की जिसे उन्होने सहर्ष स्वीकार किया. 

*मिलेट्स को बढ़ावा देने वाला देश का पहला राज्य*

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एंव रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर उपार्जन किया जा रहा है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी हुयी है। 

छत्तीसगढ़ में मिलेट्स यहां के आदिवासी समुदाय के दैनिक आहार का पारंपरिक रूप से अहम हिस्सा रहे हैं। आज भी बस्तर में रागी का माड़िया पेज बड़े चाव से पिया जाता है। छत्तीसगढ़ के वनांचलों में मिलेट्स की भरपूर खेती होती है। इसे देखते हुए मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य में मिलेट मिशन चलाया जा रहा है। 

*कुपोषण दूर करने में सहायक*

छत्तीसगढ़ में शुरू हुए मिलेट मिशन का मुख्य उद्देश्य जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में मिलेट (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि) की खेती के साथ-साथ मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण दूर करना है। 

प्रदेश में आंगनबाड़ी और मिड-डे मील में भी मिलेट्स को शामिल किया गया है। स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील में मिलेट्स से बनने वाले व्यंजन परोसे जा रहे है। इनमें मिलेट्स से बनी कुकीज, लड्डू और सोया चिक्की जैसे व्यंजनों को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से अब तक 2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं और डेढ़ लाख महिलाएं एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं.

*नथिया-नवागांव में बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट*

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है, जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है। अब तक राज्य के 10 जिलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दोपहर भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। रायगढ़ जिले के खरसिया में बीते दिनों प्रदेश के पहले मोबाईल मिलेट कैफे ’मिलेट ऑन व्हील्स का शुभारंभ भी किया है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों, फूड ब्लॉगर्स और युवाओं की यह पहली पसंद बन गए हैं।

*छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत*

छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की खेती के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। मिलेट मिशन के चलते राज्य में कोदो, कुटकी और रागी (मिलेट्स) की खेती को लेकर किसानों का रूझान बहुत तेजी से बढ़ा है। पहले औने-पौने दाम में बिकने वाला मिलेट्स अब छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छे दामों में बिकने लगा है। बीते एक सालों में प्रमाणित बीज उत्पादक किसानों की संख्या में लगभग 5 गुना और इससे होने वाली आय में चार गुना की वृद्धि हुई है। 

प्रदेश में कोदो, कुटकी और रागी की खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मिलेट उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी दिया जा रहा है। इस किसानों को भी 9000 रूपए प्रति एकड़ की मान से आदान सहायता दी जा रही है।

*विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में बस्तर संभाग की 1840 ग्राम पंचायतों को जारी की गई 5-5 हजार रूपए की अनुदान राशि* 

*प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष दो किश्तों में मिलेगी 10 हजार रूपए की राशि*

*योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जाएगी अनुदान राशि*

*प्रदेश के समस्त अनुसूचित क्षेत्रों में लागू हुई योजना*

 

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लाल बाग में आयोजित 'भरोसे के सम्मेलन’ में विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में 'मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ किया।

*बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को 5-5 हजार रूपए की अनुदान राशि जारी* 

इस योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को प्रथम किश्त के रूप में 5-5 हजार रूपए की राशि जारी की। 

*योजना का उद्देश्य*

’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ के तहत अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामों में जनजातियों के उत्सवों, त्यौहारों के मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, हरेली आदि उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष 10,000 रूपए की अनुदान राशि दो किश्तों में जारी की जायेगी।

मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि का उद्देश्य आदिवासियों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं परम्परा को संरक्षित करना एवं इन त्यौहारों, उत्सवों को मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परम्पराओं का अभिलेखन करना है।

*मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा, बजट में है प्रावधान*

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्वों की परम्परा के संरक्षण के लिए ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की घोषणा की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इस योजना के लिए 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति विकासखण्ड) में लागू होगी। 

*योजना का क्रियान्वयन*

योजना की इकाई ग्राम (गांव) होंगे। योजना के लिए नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होंगे।योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तरीय शासी निकाय एवं अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। निकाय का स्वरूप निम्नानुसार होगा-

ग्राम स्तरीय शासी निकाय में संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच अध्यक्ष होंगे। गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया, बैगा सदस्य होंगे। ग्राम स्तरीय शासी निकाय में ग्राम के दो बुजुर्ग, दो महिला, ग्राम कोटवार, पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव सदस्य होंगे। 

*जनपद स्तरीय शासी निकाय में*

अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव होंगे। जनपद स्तरीय शासी निकाय में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार सदस्य होंगे।

ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। जनपद स्तर पर इस योजना के क्रियान्वयन के निगरानी एवं समन्वय हेतु जनपद स्तरीय शासी निकाय उत्तरदायी होगा।

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