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रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री गिरिधर मालवीय जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रपौत्र श्री गिरिधर मालवीय जी के निधन का समाचार पाकर उन्हें गहरा दुःख पहुंचा है। शिक्षा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रभु श्री राम से दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने एवं शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है।
रायपुर / शौर्यपथ / सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। सोनवानी पर कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
सीबीआई जांच से पता चला था कि सोनवानी के बेटे नितेश को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था, जबकि उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी के रूप में चुना गया था। उनकी बहू निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था। उनके परिवार के अन्य युवा छात्रों ने भी प्रीमियम स्थान हासिल किया था।
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में छेड़छाड़ और हेराफेरी की कि उनके और उनके रिश्तेदारों के बेटे-बेटियों को डिप्टी कलेक्टर और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जैसे प्रीमियम पद मिले।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि 171 छात्रों की मेरिट सूची में शीर्ष अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चे शामिल थे। एजेंसी ने एफआईआर में नामित लोगों के रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर व्यापक तलाशी ली थी।
सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। सोनवानी पर कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
सीबीआई ने जुलाई में 2020 और 2022 के बीच अधिकारियों और राजनेताओं के रिश्तेदारों की भर्ती में अनियमितताओं के संबंध में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की जांच अपने हाथ में ली थी। सीबीआई ने तब सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की 19 नवम्बर को जयंती के अवसर पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का साहसपूर्वक विरोध किया और जीवन के अंतिम क्षण तक हार नहीं मानी।रानी लक्ष्मी बाई ने अपनी मातृभूमि की रक्षा और सम्मान के लिए प्राण तक न्यौछावर कर दिए। श्री साय ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई का साहस और शौर्य आज भी लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
समाचार सार
बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने बनेगा टूरिज्म कॉरिडोर
सौर समाधान एप्प और मनो बस्तर एप्प लॉन्च , ऊर्जा चलित पॉवर बैंक का शुभारंभ
बस्तर में पूर्ण शांति बहाली करते हुए अंदरूनी क्षेत्रों तक लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का संकल्प
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चित्रकोट में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक सम्पन्न
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में चित्रकोट में आयोजित बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की पहली बैठक में बस्तर में पर्यटन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म कॉरिडोर बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही बस्तर अंचल के पर्यटन के लिए चिन्हित स्थानों को विकसित करने के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक में बस्तर में एनएमडीसी द्वारा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण के संबंध में भी चर्चा की गई। इस मौके पर श्री साय ने सौर समाधान और मनो बस्तर एप्प लॉन्च किया तथा सौर ऊर्जा चलित पॉवर बैंक का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री साय ने संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित धूड़मारास गांव के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे बस्तर को नई पहचान मिली है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के पर्यटन ग्राम उन्नयन कार्यक्रम के लिए 60 देशों से चयनित 20 गांवों में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के धूड़मारास ने भी अपनी जगह बनाई है।
मुख्यमंत्री साय ने प्राधिकरण की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर और सरगुजा के विकास पर अपना ध्यान विशेष रूप से केंद्रित किया है। इन क्षेत्रों के विकास में आदिवासी विकास प्राधिकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं होगी। सीएसआर मद में भी काफी राशि उपलब्ध है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। केन्द्र और राज्य दोनों में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए संवेदनशील सरकारें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक माओवादी आतंकवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में राज्य में बेहतर काम हो रहा है। माओवादी आतंकवाद छोटे से क्षेत्र में सिमट कर रह गया है। हम लोगों ने बस्तर में पूर्ण शांति बहाली करते हुए अंदरूनी क्षेत्रों तक लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का संकल्प लिया है। यह तभी होगा जब शासन के प्रति नागरिकों का विश्वास मजबूत होगा। यह विश्वास विकास से ही निर्मित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के तहत 34 नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं जहां ग्रामीणों को विभिन्न सुविधाएं भी दी जा रही हैं। बस्तर में शांति कायम हो, इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारें सतत प्रयास कर रही हैं। बैठक में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों से अमूल्य सुझाव मिले। सभी टीम भावना से काम करके विकास के प्रति एकजुटता दिखाएं।
केशकाल घाट सुधार कार्य को जल्द पूर्ण कराने के निर्देश
मुख्यमंत्री साय ने केशकाल घाट सुधार कार्य को जल्द पूर्ण कराने और प्राधिकरण मद से स्वीकृत सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने निर्देशित किया। उन्होंने कलेक्टर बस्तर को देवगुड़ी, मातागुडी के अप्रारंभ कार्यों को डेढ़ महीने में पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने दंतेवाड़ा के ग्राम नेरली, धुरली में लाल पानी की समस्या सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए एनएमडीसी को समाधानकारक उपाय करने के निर्देश दिए और कहा कि संबंधित कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर संयुक्त बैठक कर आवश्यक पहल करें।
मंत्रीगणों एवं जनप्रतिनिधियों ने दिए सुझाव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है। नियद नेल्लानार जैसी योजना और बस्तर ओलंपिक का आयोजन मुख्यमंत्री जी के विकास की पहल को दर्शाता है। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने मत्स्यपालन, डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देने और किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने नदी किनारे विद्युत लाईन बिछाने, अटल व्यावसायिक परिसर, एफआरए क्लस्टर में सामूहिक खेती को प्रोत्साहित करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, ऐसे में बस्तर में नई खेल अकादमियों की स्थापना के लिए पहल की जाए।
वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी ने क्षेत्र में होटल मैनेजमेंट संस्थान, नर्सिंग कॉलेज, ऑर्गेनिक, नैचुरल फॉर्मिंग प्रारंभ करने पोटा केबिन को स्थायी बनाने का सुझाव दिया। बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी ने बस्तर क्षेत्र में शिक्षा, उद्यमिता के विकास के लिए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रत्येक गांव में कृषि सेवा केंद्र प्रारंभ करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर को पर्यटन के क्षेेत्र में विश्व पटल पर स्थापित करने पर भी बल दिया। विधायक किरणदेव सिंह ने कहा कि शोधार्थी छात्रों को सुविधाएं देने सेंट्रल इंस्ट्रुमेंटल लैबोरेटरी की स्थापना की जाए।
आकांक्षी जिलों में अभियान चलाकर रिक्त पदों की भर्ती
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में पुलिस बलों को बड़ी सफलता मिल रही है। प्रभावित क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को पहुंचाने 95 गांवों में सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने आकांक्षी जिलों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जिला प्रशासन को अभियान चलाकर प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। कांकेर कलेक्टर ने बैठक में बताया कि रावघाट परियोजना के तहत प्रभावित सभी किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है। बीएसपी के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के 153 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सचिव शिक्षा ने बताया कि बस्तर अंचल में एक भी स्कूल बंद नहीं किया गया है। उन्होंने भवनविहीन स्कूलों के लिए भवन का प्रावधान करने की जानकारी दी।
बैठक में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सहित बस्तर सांसद महेश कश्यप और बस्तर संभाग के समस्त विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रमुख सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विभाग, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद और राहुल भगत, सदस्य सचिव प्राधिकरण डॉ बसवराजु एस., विभिन्न विभागों के सचिव, कमिश्नर बस्तर, आईजी, सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बैठक में उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल रमेन डेका आज विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) श्री एमबी ओझा के निधन पर शोक व्यक्त करने उनके मौलश्री विहार स्थित निवास पर गए और उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया।
उल्लेखनीय है की स्वर्गीय श्री ओझा ने1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और युद्ध में भारत की विजय के साक्षी भी रहे। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण मिशनों में सभी को अपने अद्भुत शौर्य एवं पराक्रम से परिचित कराया।
अंबिकापुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शाशन द्वारा 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू कर दी गई है . प्रदेश में धान खरीदी निष्पक्ष और सुचारू रूप से हो इसके लिए प्रशासन भी मुस्तैद है किन्तु फर्जीवाडा करने वालो की अपनी ही अलग सोंच होती है किन्तु आज नहीं तो कल ऐसे फर्जीवाड़ा का खुलासा हो ही जाता है ऐसे ही एक मामला सामने आया और यह मामला किसी अन्य जिले से नहीं वरण प्रदेश के मुखिया के जिले से ही सामने आया जिसमे प्रशासन ने एक बड़े फर्जीवाड़ा को नाकाम कर दिया .
सरगुजा जिले में राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा कागजों में 100 हेक्टेयर में धान की फसल बोने का मामला सामने आया है। जब अधिकारियों ने जांच शुरू की तो यह फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया। गिरदावरी सत्यापन में इस तरह की व्यापक विसंगतियां पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि कई किसानों के नाम पर बिना उनकी जानकारी के फसलें दर्ज की गई थीं।
गिरदावरी सत्यापन में गड़बड़ी का खुलासा
राजस्व विभाग द्वारा किए गए गिरदावरी सत्यापन में सामने आया कि 1900 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल नहीं बोई गई थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उसे धान से भरा हुआ दिखाया गया था। 100 हेक्टेयर में तो पूरी तरह से फर्जीवाड़ा हुआ था, जहां जमीन खाली थी, लेकिन कागजों पर वहां धान की खेती दर्ज कर दी गई थी।
फर्जी तरीके से खपाया जा सकता था 95000 क्विंटल धान
सत्यापन में जब यह तथ्य सामने आया कि 1900 हेक्टेयर (लगभग 4750 एकड़) में धान का रकबा फर्जी तरीके से दर्शाया गया है, तो यह अनुमानित किया गया कि 95000 क्विंटल धान समितियों में खपाया जा सकता था। प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से यह लगभग 29 करोड़ 45 लाख रुपये का घोटाला होता। यदि यह गड़बड़ी पकड़ी न जाती, तो बिचौलियों और दलालों की मिलीभगत से यह धान आसानी से कुप्रबंधित किया जा सकता था।
सत्यापन के बाद कार्रवाई की तैयारी
फर्जी रकबा दर्ज करने के मामले में अब तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों की टीम सत्यापन कर रही है। राज्य स्तर पर भी अधिकारियों की टीम द्वारा गिरदावरी का और गहन सत्यापन किया जाएगा। गिरदावरी सत्यापन के दौरान रकबे में पांच प्रतिशत की कमी की संभावना जताई जा रही है।
गिरदावरी क्या है?
गिरदावरी वह प्रक्रिया है, जिसमें किसानों द्वारा अपने खेत में बोई गई फसलों का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया रबी, खरीफ और अन्य सीजन में तीन बार की जाती है। वर्तमान में यह सत्यापन खरीफ फसलों के लिए किया जा रहा है।
समझाने गई पुलिस तो सास ने अपने पर डाल लिया मिट्टी तेल,
दुर्ग/शौर्यपथ / दुर्ग के बघेरा निवासी एक ससुराल पक्ष वालों ने अपने विधवा बहु और उसके बेटे को घर से बाहर निकालकर उनके पूरे सामान को सडक पर फेंक देने का मामला सामने आया है। पीडित बहु व उसके पुत्र ने पुलिस व कलेक्टर से न्याय की गुहार लगा रही है, कलेक्टर के आदेश पर पीडित बहु व बेटे को सखी सेंटर में रखा गया है, लेकिन उनका सामान सड़क पर ही उनका सामान पडा है। पुलिस के पास फरियाद लेकर जाने पर पुलिस जब उसके ससुराल बघेरा समझाने पहुंची तो सास ने अपने आप पर मिट्टी तेल डाल ली और आग लगाने की धमकी दी जिसके कारण पुलिस बैरंग वापस लौट गई। उसके पश्चात जब महिला पुलिस ने समझौता के लिए बुलाया तो ससुराल पक्ष अस्पताल में भर्ती हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बहु का सामान घर से उस समय ससुराल पक्ष वालों ने फेंका जब वे अपनी बहन को देखने अस्पताल गई थी, उसके बाद जब बहु घर के अंदर जाने लगी तो उसके सास, ससुर व देवर ने उसको घर के अंदर प्रवेश नही करने दिया व धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। बताया जा रहा है कि महिला के पति की मौत 2021 में हो चुकी है, अब वह ससुराल वालों के साथ ही अपने बेटे के साथ रह रही थी। लेकिन सास, देवर और देवरानी लगातार विवाद करते हुए उसे घर से बाहर निकालने का षडयंत्र करते थे। एक दिन वह अपनी अस्पताल में भर्ती बहन को देखने गई, वापस आकर देखा तो ससुराल वालों ने उसका पूरा सामान सड़क पर निकाल दिया। घर पर जाने की गुहार लगाने पर भी उसे और उसके बेटे को घर में भीतर नहीं आने दिया। पुलिस से सहयोग लेने पर जब पुलिस कर्मी उसकी सास को समझाने भीतर गया, तो सास ने अपने ऊपर मिट्टी तेल डालने का खौफ दिखाया जिससे डर के मारे पुलिस कर्मी वापस लौट गया। अब महिला लगातार पुलिस, कलेक्टर के पास अपने लिए न्याय की गुहार लगा रही है तो वहीं उसे सखी सेंटर में रखा गया है लेकिन न्याय पर से उसका विश्वास टूटते जा रहा है। वहीं सखी सेंटर के द्वारा ससुराल पक्ष को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया, लेकिन ससुराल पक्ष हॉस्पिटल में भर्ती हो गया, अब सखी सेंटर भी इस मामले में कार्यवाही के लिए असमर्थ नजर आ रहा है।
दुर्ग/शौर्यपथ /खुद के लिए तो हर कोई जीवन जीता है लेकिन कम ही लोग होते हैं,जो दूसरों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढते हैं।दुर्ग नगर निगम के भाजपा के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे इसी का उदाहरण हैं।इन्होंने अपना जन्मदिन अपने उस परिवार के साथ मनाया,जो इनका न होकर भी इनका अपना है।उन्होंने पुलगांव स्थित वृद्धा आश्रम में अपना जन्मदिन मनाया और वहां मौजूद वृद्धजनों को ठंड से बचाव के लिए कंबल भेंट कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जन्मदिन की खुशियां उनके साथ साझा किया।मौका यदि जन्मदिन का हो और धूमधड़ाके के साथ पार्टी न हो यह बात हजम नहीं होता।लेकिन आज भी कई युवा ऐसे हैं,जो आधुनिकता की चकाचौंध से दूर रहकर बड़ी सादगी के साथ अपना जन्मदिन मनाते हैं।ऐसे ही युवाओं में से एक हैं दुर्ग के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे जिन्होंने अपने जन्मदिवस के अवसर पर धूमधड़ाका के साथ पार्टी करने के बजाय दीन-दुखियों की सेवा को प्राथमिकता दी है।पूर्व एल्डरमैन ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर वृद्धाश्रम पहुंच कर आश्रम में रह रहे बुजुर्गो के साथ अपना जन्मदिन मनाया।ताकि उन्हें भी महसूस होने वाला एकाकीपन थोड़ा कम हो सके।उन्होंने कहा कि यहां ऐसे लोग हैं जिन्हें अलग-अलग कारण से उनके परिवार ने छोड़ दिया है।ऐसे भी लोग है जिनका अब इस दुनिया में कोई नहीं है।उन्होंने कहा कि महंगे होटलों और रिसोर्ट में जन्मदिन मना कर वो आत्मिक शांति नहीं मिलती जो बेसहारा और गरीब लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखने से मिलती है,चाहे कैसी भी खुशी हो उनका प्रयास यही रहता है कि वे उसे वंचित वर्ग के साथ बांटें जिससे भले ही कुछ देर के लिए ही सही उन्हें भी खुशी मिलेगी और वे दिल से दुआएं देंगे।उल्लेखनीय है कि हर वर्ष पूर्व एल्डरमैन अपने जन्मदिन के मौके पर वृद्धाश्रम,गोशाला,बालगृह व अन्य स्थानों पर सेवा कार्य कर जन्मदिन मनाते हैं और दूसरों को भी इसी तरह जन्मदिन मनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
घर बैठे बनवा सकते है आयुष्मान कार्ड,डोर-डोर अभियान से लोगो को मिलेगी सुविधा:
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम।जिला कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के आदेश पर कमिश्नर सुमित अग्रवाल के निर्देश में कल से डोर टू डोर अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे. ताकि आर्थिक कमी की वजह से कोई भी व्यक्ति उपचार से वंचित न रहे.जिला एवं निगम प्रशासन की पहल से अधिकारी/कर्मचारी घर-घर जाकर गरीबों को इस योजना का लाभ पहुंचा रहे हैं. घर घर आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा दी जा रही है. ताकि छुटे हुए शहर क्षेत्र के लोग भी आसानी से इस योजना का लाभ ले सके.राज्य में प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारक परिवारों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है. वहीं अन्य राशन कार्डधारकों को भी प्रति परिवार 50 हजार रुपये तक की चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
बता दे कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की टीम द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु सोमवार से शहर के 60 वार्डों में अलग अलग चरणों में घर घर पहुँच कर सर्वे किया जाएगा तथा डोर टू डोर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। इसके तहत प्रथम चरण में 17 वार्डों में जहाँ सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु लंबित है। वहाँ घर घर सर्वे का कार्य शुरू किया जा रहा है। इन 17 वार्डों में दिनांक 18 से 22 नवंबर तक सर्वे करके आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। ऐसे लोग जिनका आयुष्मान कार्ड नही बना है अथवा अपडेट नही हुआ है वे सर्वे के दौरान आयुष्मान कार्ड अपडेट करा सकते है एवं नवीन आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। इसके साथ ही 17 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नागरिक भी अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते है।
जानिए... 18 से 22 नवंबर किन किन वार्डो पहुचेगी डोर टू डोर अभियान आयुष्मान कार्ड अभियान..
1,बोरसी वार्ड नंबर 52,
2,कचहरी वार्ड 39
3,पोटियाकला उत्तर वार्ड 53
4,पोटिया कला दक्षिण वार्ड 54
5,केलाबाड़ी वार्ड 41
6,सिकोला भाठा उत्तर वार्ड 16
7,उरला पूर्व वार्ड 58
8,औधोगिक नगर वार्ड 17
9 कातुलबोड़ उत्तर वार्ड 59
10,तकिया पारा वार्ड 8
11,शिव पारा, वार्ड 34
12,शहीद भगत सिंह दक्षिण वार्ड 19
13,नया पारा वार्ड 1
14,पद्मनाभपुर पूर्व वार्ड 46
15,मोहन नगर पूर्व वार्ड 13
16,बोरसी उत्तर वार्ड 51 एवं
17,तितुरडीह वार्ड 21 में घर घर पहुँचकर पात्र हितग्राहियों की जानकारी जुटाकर लोगो के तुरंत आयुष्मान कार्ड बनाने की कार्रवाही की जायेगी।
राज्य के शहरी आवासहीनों को मिलेगा स्वयं का पक्का आवास
189 नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के साथ ही ऑनलाइन आवेदन की भी सुविधा
रायपुर/शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव राज्य के शहरी आवासहीनों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राही सर्वेक्षण का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे। वे 15 नवम्बर को दोपहर ढाई बजे मुंगेली के स्वामी आत्मानंद स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में इसकी शुरूआत करेंगे। श्री साव कार्यक्रम में मौजूद हितग्राहियों का सर्वेक्षण प्रपत्र सांकेतिक रूप से भरकर छत्तीसगढ़ में इसकी विधिवत शुरूआत करेंगे।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के प्रथम चरण में आवासहीन हितग्राहियों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ऐसे हितग्राही जिन्हें प्रथम चरण में आवास की सुविधा नहीं मिल पाई है, और जो अभी तक आवास की सुविधा से वंचित है, उन्हें द्वितीय चरण [प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0] में सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हांकित करते हुए आवास के लिए आवेदन की प्रक्रिया और आवास उपलब्ध कराए जाने की कार्यवाही की जाएगी। राज्य के शहरों में आबादी बढ़ने के साथ ही आवास की मांग भी लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के माध्यम से ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी परिवारों को उनके पहले पक्के आवास के सपने को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे कि वे सम्मानजक जीवन व्यतीत करने के साथ ही खुद के आवास के सपने को भी साकार कर सकें।
पिछले 11 महीनों में पूर्ण किए गए 49,834 आवास
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में ’’हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे’’ के ध्येय वाक्य पर त्वरित अमल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पिछले 11 महीनों में 49 हजार 834 आवासों का निर्माण पूर्ण किया है। राज्य में योजना के साथ भागीदारी में किफायती आवास परियोजना (एएचपी) के तहत 38 हजार 097 आवास एवं हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) के तहत दो लाख 11 हजार 069 यानि कुल दो लाख 49 हजार 166 आवास स्वीकृत हैं। वर्तमान सरकार के गठन के बाद बीते 11 महीनों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए एएचपी घटक के अंतर्गत 5415 आवास पूर्ण करते हुए कुल 21 हजार 600 आवास पूर्ण किए गए हैं। वहीं बीएलसी घटक के तहत 44 हजार 419 आवास पूर्ण करते हुए कुल एक लाख 74 हजार 967 आवास पूर्ण किए गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में तीन आय वर्गों को किया गया है शामिल
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए योजना को चार श्रेणियों लाभार्थी आधारित निर्माण, भागीदारी में किफायती आवास, किफायती किराया आवास तथा ब्याज सब्सिडी योजना में विभाजित किया गया है। भारत सरकार ने योजना का दायरा बढ़ाते हुए तीन आय वर्गों के हितग्राहियों को इसमें शामिल किया है। तीन लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडल्ब्यूएस), छह लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले निम्न आय वर्ग (एलआईजी) एवं नौ लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) को भी योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
योजना के तहत पात्रता
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का लाभ लेने के लिए एक लाभार्थी परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित बेटे और अविवाहित बेटियों को शामिल किया गया है। लाभार्थी परिवार का देश में कहीं भी कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड/वर्चुअल आधार अनिवार्य है। आवेदक/हितग्राही परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अथवा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में से किसी एक योजना का ही लाभ ले सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राही परिवार को 31 अगस्त 2024 के पूर्व स्थानीय निकाय क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य है।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा हितग्राहियों की सुविधा के लिए आवास हेतु आवेदन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। आवास के आवेदन सरलतापूर्वक ऑनलाईन माध्यम से भारत सरकार के अधिकृत पोर्टल पर स्वयं हितग्राही द्वारा दर्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 189 अधिसूचित नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के माध्यम से भी आवेदन की प्रक्रिया संपादित की जा सकती है।