October 24, 2025
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शौर्यपथ

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10 अक्टूबर को संदीप शर्मा करेंगे दुर्ग का दौरा, निरीक्षण सूची में ‘चुने हुए ईमानदार संचालक’?— विभाग की कार्यप्रणाली पर फिर सवाल

दुर्ग। शौर्यपथ।
  छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा शुक्रवार 10 अक्टूबर को दुर्ग जिले के दौरे पर रहेंगे। आयोग द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार वे दुर्ग में विभागीय समीक्षा बैठक एवं राशन दुकानों का निरीक्षण करेंगे। लेकिन उनके दौरे से पहले ही जिला खाद्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं।
  जानकारी के अनुसार, दुर्ग जिले की कई शासकीय राशन दुकानों में मार्च–अप्रैल माह के भौतिक सत्यापन के दौरान सैकड़ों किलो सरकारी चावल कम पाया गया था, जिस पर स्पष्ट अनियमितताओं के प्रकाश में आने के बावजूद अब तक किसी भी संचालक पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग लगातार “तारीख पर तारीख” देकर मामले को लटकाता रहा है, जबकि नियमों के अनुसार जिन दुकानों में खाद्यान्न कम पाया जाता है, उनसे शासन द्वारा निर्धारित शुल्क वसूला जाना चाहिए।
  शौर्यपथ समाचार द्वारा पूर्व में प्रकाशित खुलासे में यह भी सामने आया था कि ऐसे मामलों में विभाग को लगभग ₹8 करोड़ की वसूली करनी थी, मगर छह माह बीत जाने के बाद भी किसी भी संचालक से राशि की वसूली नहीं हुई। उल्टा, कई दुकानों में खुलेआम पीडीएस चावल की खरीद-फरोख्त चल रही है और संचालक अपने स्टॉक की पूर्ति काला बाजारी से कर रहे हैं।
  सूत्रों के अनुसार, खाद्य विभाग अब आयोग के अध्यक्ष के दौरे के पहले केवल “साफ-सुथरी दुकानों” की सूची तैयार कर रहा है, ताकि निरीक्षण के दौरान विभाग की छवि पर कोई आंच न आए। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण के कार्यक्रम को औपचारिकता में बदलने की तैयारी में हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि —
  क्या राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा को विभाग वास्तविक स्थिति से अवगत कराएगा, या फिर उन्हें तैयारशुदा रिपोर्ट और दिखावटी निरीक्षण के जरिए गुमराह करने का प्रयास किया जाएगा?
 दुर्ग जिले में हाल ही में पदभार संभालने वाले जिला खाद्य अधिकारी भदौरिया जी के लिए यह पहला बड़ा अवसर होगा, जहां उनकी निष्पक्षता और कार्यकुशलता की परख होगी।
  अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 10 अक्टूबर को होने वाला खाद्य आयोग का निरीक्षण वास्तविक सच्चाई उजागर करेगा या सिर्फ़ औपचारिकता साबित होगा। जनता और मीडिया की निगाहें अब पूरी तरह इस दौरे पर टिकी हैं।

नहीं थम रही पीडीएस चावल की कालाबाजारी: भौतिक सत्यापन के बाद भी विभागीय ढिलाई, जिम्मेदारों पर कार्रवाई अब तक अधर में


https://shouryapathnews.in/khas-khabar/33930-2025-07-05-05-29-55

 

(विशेष व्यंग्य): लेखक- शरद पंसारी, संपादक- शौर्यपथ दैनिक समाचार

दुर्ग। 'सेनापति का पता नहीं और फ़ौज चली जंग लड़ने,' यह कहावत इन दिनों दुर्ग कांग्रेस पर इतनी सटीक बैठती है कि खुद कहावत को भी इस पर नाज़ हो रहा होगा। दुर्ग शहर कांग्रेस का हाल यह है कि यहाँ अध्यक्ष महोदय (गया पटेल) ने पिछले साल ही त्यागपत्र रूपी 'श्वेत ध्वज' प्रदेश संगठन के सामने फहरा दिया था। भले ही संगठन ने कागज़ी तौर पर इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यही है कि दुर्ग कांग्रेस एक साल से 'सेनापति विहीन' यानी बिना मुखिया के ही 'विपक्ष की जंग' लड़ने का नाटक कर रही है।

फ़िलहाल स्थिति यह है कि दुर्ग कांग्रेस की लंका में हर छोटे-बड़े 'नामधारी' नेता स्वयं को राम, लक्ष्मण और हनुमान तीनों समझ रहा है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या बाहर के 'शत्रु' नहीं, बल्कि भीतर के 'विभीषण' और 'शकुनि' हैं। कुछ नेता अपनी छोटी-छोटी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए संगठन के भीतर ही षड्यंत्रों का ताना-बाना बुन रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे महाभारत में शकुनि ने किया था। और कुछ 'विभीषण' बनकर भाजपा की जीत की पटकथा अंदरखाने से लिख रहे हैं।

प्रदेश नेतृत्व की 'महा-अनदेखी' और केंद्रीय नेतृत्व का 'हास्यास्पद प्रयास'

दुर्ग कांग्रेस के अस्तित्व पर मंडराता सबसे बड़ा खतरा आपसी कलह से भी बड़ा है: प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की उदासीनता। ऐसा लगता है जैसे प्रदेश कांग्रेस ने दुर्ग शहर इकाई को लगभग 'भूल' ही दिया है। एक साल से अध्यक्ष का इस्तीफा लटका है, गुटबाजी चरम पर है, लेकिन रायपुर से कोई प्रभावी दखल नहीं।

इस बीच, जब लगा कि आग बुझाने के लिए कोई तो आएगा, तब केंद्रीय नेतृत्व ने पर्यवेक्षक भेजे। मगर कमाल देखिए! गुटों की लड़ाई इतनी ज़ोरदार निकली कि केंद्रीय नेतृत्व को अपना भेजा हुआ पर्यवेक्षक ही वापस बुलाना पड़ा। इस कदम ने आग बुझाने के बजाय, जली हुई गाड़ी पर पेट्रोल छिड़कने का काम किया है। यानी, शीर्ष नेतृत्व ने खुद ही यह मान लिया कि दुर्ग कांग्रेस के मामले इतने पेचीदा हैं कि उनसे सुलझ नहीं पाएंगे।

यह 'महा-अनदेखी' और केंद्रीय नेतृत्व का यह 'हास्यास्पद प्रयास' ही है जिसने दुर्ग कांग्रेस को संगठनात्मक शून्य में धकेल दिया है।

आपसी कटाक्ष और भाजपा का 'चटकारे' वाला जश्न

कांग्रेस की फ़ौज ने अपना सारा 'युद्ध कौशल' एक-दूसरे पर 'तीरंदाजी' में झोंक रखा है। एक-दूसरे पर छींटाकशी करना, आरोप-प्रत्यारोप लगाना और नीचा दिखाना यहाँ की सबसे बड़ी 'संगठनात्मक गतिविधि' बन चुकी है। अभिव्यक्ति की आज़ादी का आलम यह है कि हर नेता, जिसे मंच पर बैठने के प्रोटोकॉल का आनंद लेने की आदत है, आज स्वयं को ज़मीनी नेता घोषित कर रहा है, जबकि उनके पद की गरिमा सिर्फ़ मंच की हद तक ही सीमित है।

यह अच्छा भी है! आखिर 'घर के घर में ही जंग' हो तो कम से कम बाहर नुकसान होने का डर तो नहीं रहता।

दुर्ग कांग्रेस की इस 'महाभारत' ने विपक्षी भाजपा के लिए एकदम 'अनुकूल परिस्थिति' का निर्माण कर दिया है। भाजपा कार्यालय में नेतागण बड़े आराम से बैठकर कांग्रेस का यह 'तमाशा' देख रहे हैं और 'चटकारे' ले रहे हैं। उन्हें तो अब किसी भी विरोध का सामना करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ रही।

लब्बोलुआब यह है कि सेनापति ने पहले ही हथियार डाल दिए हैं, प्रदेश नेतृत्व ने आँखें मूंद ली हैं, केंद्रीय नेतृत्व ने पर्यवेक्षक को वापस बुलाकर अपनी लाचारी दिखा दी है, और 'सेना' सिर्फ बड़े पद की लालसा में एक-दूसरे को नीचा दिखाने में व्यस्त है। यदि शीर्ष नेतृत्व ने जल्द ही इस 'विभीषण-शकुनि' युक्त और अध्यक्षविहीन इकाई को नहीं संभाला, तो दुर्ग में कांग्रेस का अस्तित्व सिर्फ 'यादों' में सिमट कर रह जाएगा।

वाह रे दुर्ग कांग्रेस! तुम्हारी यह वीरगाथा इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से नहीं, बल्कि 'व्यंग्य' की स्याही से लिखी जाएगी!

  दुर्ग / शौर्यपथ / सर्व विदित है कि छत्तीसगढ़ सहित संपूर्ण भारतवर्ष में बौद्ध गया महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन बड़े ही जोर शोर से वर्तमान में चल रहा है इसी परिपेक्ष में विगत दिनों सर्व दलीय बैठक केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री  रामदास आठवले के नेतृत्व में सम्पन्न हुई।
जिसमें प्रमुख रूप से आंदोलन के प्रणेता भंते विनयाचार्य, दीक्षाभूमि समिति के सचिव डॉ.राजेंद्र गवई , प्रो. जोगेंद्र कवाड़े , बौद्ध महासभा के ट्रस्टी अध्यक्ष चंद्रबोधी पाटिल , ऑल PSU एससी/एसटी फेडरेशन के चेयरमैन शसुनील रामटेके , मा. देशक खोबरागड़े संयुक्त रूप से उपस्थित थे।
जिसमें संयुक्त रूप से आव्हान किया गया कि 14 अक्टूबर 2025 को मुंबई आजाद मैदान में लाखों भीम सैनिकों का रैली एवं मोर्चा होगा।
इस आंदोलन को आर.पी.आई. के विभिन्न ग्रुप सभी बौद्ध भिक्षुगण एवं सभी बौद्ध संस्थाएं बौद्ध महासभा, समता सैनिक दल सहित सर्वदलीय नेताओं ने इस आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया।
उपरोक्त परिपेक्ष में रैली को सफल बनाने ऑल PSU एससी/एसटी फेडरेशन के चेयरमैन दm 9 अक्टूबर 2025 को नागपुर जिला, 10 अक्टूबर 2025 को भंडारा जिला एवं लाखनी ,  11 अक्टूबर को गोंदिया जिला एवं 12 अक्टूबर को वर्धा जिला आदि जिलों का दौरा करेंगे एवं उनके साथ विभिन्न बौद्ध संस्थाओं के प्रतिनिधि साथ में रहेंगे।

अहिंसा के दूत आचार्य विद्यासागर महाराज का अवतरण दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया

राजनांदगांव। शौर्यपथ ।
शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार को अहिंसा के दूत, समाधि सम्राट आचार्य 108 श्री विद्यासागर महाराज जी एवं नव आचार्य 108 श्री समयसागर जी महाराज जी का अवतरण दिवस पूरे भक्ति भाव और उल्लास के साथ मनाया गया। दिगंबर जैन समाज द्वारा इस अवसर पर धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई, जिसमें शहरभर के श्रद्धालुओं ने सहभागिता की।

दिगंबर जैन पंचायत के सचिव सूर्यकांत जैन ने बताया कि प्रातः 7:30 बजे आचार्य श्री की पूजा एवं सर्वमंगलकारी आचार्य छत्तीसिंह विधान का आयोजन परम पूज्या आर्यिका 105 सुशांत मति माताजी एवं 105 तथामति माताजी के सानिध्य में संपन्न हुआ। समाज के अध्यक्ष अशोक झंझरी एवं श्रेष्ठी जनों ने आदिनाथ भगवान का अभिषेक पूजन सौधर्म इंद्र बनकर किया। माताजी के बुखार बिंद से भगवान की शांति धारा सम्पूर्ण जीव कल्याण के लिए संपन्न हुई।

दोपहर 2 बजे से अहिंसा प्रवेश द्वार (गंज लाइन) पर समाज एवं चातुर्मास समिति की ओर से 21,000 लड्डुओं का वितरण किया गया। इस पुण्य कार्य में गुरु भक्तों, मोहल्ले के वरिष्ठ नागरिकों, गणमान्य व्यक्तियों और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर अहिंसा और सेवा का संदेश प्रसारित किया।

इसी क्रम में जैन आदर्श महिला मंडल द्वारा मूकबधिर बच्चों के बीच मिठाई और आवश्यक सामग्री वितरित की गई, जिससे सेवा, करुणा और सहानुभूति का भाव समाज में प्रकट हुआ।

संध्या 7 बजे दिगंबर जैन मंदिर में संगीतमय महाआरती का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर आरती में सहभागिता की, और मंदिर प्रांगण “जय आचार्य विद्यासागर महाराज” तथा “अहिंसा परमो धर्मः” के जयघोषों से गुंजायमान हो उठा।

इस भव्य आयोजन में समाज के वरिष्ठ जन एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें डी.सी. जैन, अखिलेश जैन, पार्षद रानू जैन, रविकांत जैन, पंकज जैन, रिंकू झंझरी, निखिल द्विवेदी, राधावल्लभ राठी, शरद जैन, अनिल जैन, ललित जैन, रचित जैन, राजेश जैन खन्ना, सुधीर जैन मीनू, रवि जैन, धर्मेश जैन, मनोज जैन, शिरीष जैन, आलोक जैन लल्ली, कमलेश जैन, सीमा जैन, प्रियंका जैन, राजीव जैन, मुकेश जैन, नरेश नाहटा, अंशुल जैन, जितेन्द्र जैन, वंदना जैन, मीना जैन, दर्शना जैन, कल्पना जैन, सुषमा जैन, अनीता जैन, माया जैन और श्रद्धा जैन सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

पूरा परिसर इस दौरान आचार्य श्री की महिमा, भक्ति भाव और अहिंसा के जयघोषों से सराबोर रहा।

03 किलोवाट के सोलर पैनल से मिल रही बिजली
मुंगेली / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री सूर्यघर मुक्त बिजली योजना अंतर्गत सौर ऊर्जा से जिले के नागरिकों के घर रोशन हो रहे हैं। योजना के अंतर्गत अब आम लोग अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगाकर मुफ्त बिजली प्राप्त कर रहे हैं और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इसी कड़ी में जिले के लोरमी स्थित वार्ड क्रमांक 08 रानीगॉव निवासी श्री राजेन्द्र कुमार उपाध्याय ने योजना का लाभ प्राप्त कर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गए हैं। उनके घर की छत पर 03 किलोवाट के सोलर पैनल लगने से रोशनी जगमगा रही है।
       श्री उपाध्याय ने बताया कि यह योजना हमारे जैसे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध हो रही है। अब बिजली बिल की चिंता खत्म हो गई है और सूरज की रोशनी से घर रोशन हो रहा है। योजना के तहत शासन द्वारा आकर्षक सब्सिडी के साथ सोलर पैनल लगाया जा रहा है। साथ ही बैंक द्वारा फायनेंस की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए आमजनों को योजना का लाभ उठाने प्रोत्साहित किया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुक्त बिजली योजना से न केवल बिजली बिलों में कमी आती है, बल्कि स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को भी प्रोत्साहन मिलता है। योजना के तहत उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर केन्द्र और राज्य शासन द्वारा 30 हजार रूपए से 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। 01 किलोवाट का रूफटॉप लगवाने पर 45 हजार रूपए, 02 किलोवाट में 90 हजार रूपए और 03 किलोवाट का रूफटॉप लगवाने पर 01 लाख 08 हजार रूपए की सब्सिडी प्रदान की जाती है। आमजनों को योजना के लिए प्रोत्साहित करने शासन के निर्देशानुसार बैंकों द्वारा कम ब्याज दर पर आसान किश्तों में ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है।

महतारी वंदन योजना पर उठा सवाल – 20वीं किश्त में 5 लाख महिलाएँ गायब?

रायपुर / शौर्यपथ /
प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ने वाली महतारी वंदन योजना एक बार फिर विवादों में आ गई है। योजना की 20वीं किश्त के वितरण में करीब 5 लाख हितग्राहियों के नाम गायब होने पर कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा है।
  प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को स्पष्ट करना चाहिए कि महतारी वंदन योजना की 20वीं किश्त में 5 लाख महिलाएं कम कैसे हो गईं और इन्हें भुगतान से वंचित क्यों रखा गया।
  ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजना की शुरुआत में 70 लाख महिलाओं को 655 करोड़ रुपये की पहली किश्त दी थी, जबकि हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने 64,94,768 महिलाओं को 609 करोड़ रुपये की राशि जारी की। “पांच लाख महिलाओं का नाम सूची से हट जाना क्या यह संकेत है कि  ‘मोदी की गारंटी’ अब कमजोर पड़ रही है?” ठाकुर ने सवाल किया।
  कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा ने नगरीय निकाय चुनावों के दौरान महतारी वंदन योजना से वंचित महिलाओं को जोड़ने का वादा किया था, परन्तु केवल बस्तर क्षेत्र में सीमित संख्या में ही नए हितग्राहियों को शामिल किया गया। “प्रदेश की अधिकांश महिलाएं अब भी योजना के दायरे से बाहर हैं, और जो जुड़ी थीं, उनमें से लाखों को हटा दिया गया है। यह महिलाओं के साथ स्पष्ट धोखा है,” उन्होंने कहा।
  ठाकुर ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “मोदी की गारंटी के नाम पर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा अब शर्तों और अपात्रता की आड़ में महिलाओं को लाभ से वंचित कर रही है। यदि यह योजना गारंटी थी, तो इसमें कोई अपवाद नहीं होना चाहिए।”
  उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल उन 5 लाख महिलाओं की 20वीं किश्त जारी करे, और योजना में सभी पात्र महिलाओं को पुनः जोड़ा जाए।

  राजनांदगांव / शौर्यपथ / सेवा पर्व और छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर सेवा पखवाड़ा अंतर्गत जनपद पंचायत डोंगरगढ़ के ग्राम पंचायत कलकसा में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के साथ स्वच्छता का संदेश दिया गया। ग्राम सभा में आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत आदि सहयोगी एवं साथियों द्वारा तैयार की गई ग्राम विजन प्लान 2030 का अनुमोदन कर गांव को आगामी 2030 तक विकसित बनाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण स्वीकृत हितग्राहियों को आवास निर्माण कार्य में आ रही समस्याओं का निराकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रेषित पाती का वाचन किया गया। ग्राम सभा में सरपंच श्रीमती उमा विनोद धुर्वे, उपसरपंच श्री राज धृतलहरे, पंच श्री चंद्रेश, श्री मोतीलाल, जितेश्वरी, ढेला बाई, संकुल समन्वयक राजेश राजेकर, प्रधान पाठक भैंसरा श्री रावते, श्री मति मेड़े, श्रीमति सीमा प्रधान पाठक एवं ग्राम रोजगार सहायक नरोत्तम कुंजाम, आवास मित्र, मनोहर साहू, आदि कर्मयोगी कार्यकर्ता, वालिंटियर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुरजा नेताम, तुलसी यादव, सहायिका हीरो बाई, मितानिन, हेमा, कौशल्या, स्वच्छता दीदी, बिहान समूह, सदस्य, ग्रामीणजन, विनोद कुमार धुर्वे, सेवाराम साहू, विजय, परमानंद, सोनू व नागरिक उपस्थित थे।

विभाग प्रमुखों से ली कार्यों की जानकारी, साफ-सफाई और अभिलेख संधारण पर दिए निर्देश

राजनांदगांव / शौर्यपथ /
कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव ने आज कलेक्टोरेट स्थित विभिन्न शाखाओं और कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभाग प्रमुखों एवं कर्मचारियों से चल रहे कार्यों की जानकारी ली तथा कार्यालयों में साफ-सफाई, रिकॉर्ड संधारण और फाइल व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने ई-ऑफिस प्रणाली और विभागों में रखी जा रही पंजीयों का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने आधार सेवा केन्द्र पहुंचकर आधार कार्ड बनवाने एवं अपडेट कराने आए नागरिकों से प्रत्यक्ष संवाद किया और उन्हें दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता की जानकारी ली।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे लोकहित में पारदर्शी कार्य करते हुए शासन की योजनाओं का अधिकतम लाभ जनता तक पहुंचाएं। श्री यादव ने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति में लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाने और उद्यमिता विकास के लिए अधिक से अधिक ऋण स्वीकृति के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कोषालय, सांख्यिकी, निर्वाचन, आपदा एवं राहत, भूमि रिकॉर्ड, नजूल जांच न्यायालय, खनिज, उद्यानिकी, भूमि संरक्षण, आबकारी, छात्रवृत्ति, जिला शहरी विकास अभिकरण, भू-अभिलेख, भू-अर्जन, समग्र शिक्षा, पीएम स्वनिधि और अल्प बचत शाखा सहित अन्य विभागों का भी निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सी.एल. मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

रायपुर। शौर्यपथ। राज्य स्तरीय परंपरागत वैध सम्मेलन का आयोजन हुआ इस सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल हुए। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी चिकित्सीय सुविधा की प्रथम कड़ी में स्थानीय वैद्य एवं परंपरागत औषधि का एक बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है । इस सम्मेलन में वो सभी प्रथम पंक्ति के चिकित्सीय क्षेत्र से जुड़े हुए शामिल हुए जो परंपरागत चिकित्सीय व्यवस्था से जुड़े है जिनकी सेवाएं समाज में एक अहम स्थान रखती हैं । 

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शौर्यपथ फिल्मी दुनिया। दृश्यम फ़िल्म से इन्हें शोहरत तो मिली। मगर वो शोहरत नफ़रत भी साथ लेकर आई। पता नहीं कौन-कौन लोग इन्हें गालियां बका करते थे फोन करके। सड़क पर देखते तो लोग चिढ़ने लग जाते थे इनसे। और इस सारी नफ़रत की जड़ थी दृश्यम फ़िल्म में अजय देवगन की फ़ैमिली को इनके द्वारा टॉर्चर किए जाना। इंस्पैक्टर गायतोंडे के किरदार को इन्होंने इतना रियलिस्टिक बना दिया कि लोग सच में इन्हें घटिया इंसान समझने लगे। लेकिन निगेटिव किरदार निभाने वाले एक एक्टर के लिए लोगों की गालियां वास्तव में ईनाम होता है। क्योंकि इससे पता चलता है कि एक्टर ने इतना बढ़िया काम किया है कि लोगों के ज़ेहन में उसकी वही छवि बस गई है।

लेकिन इंस्पैक्टर गायतोंडे यानि कमलेश सावंत का क्लॉज़ शॉट उन्होंने लिया ही नहीं। दृश्यम का वो आखिरी सीन रामोजी फिल्म सिटी में शूट किया गया था। शूटिंग कंप्लीट करने के बाद जब पूरी यूनिट मुंबई वापस आ गई और फिल्म की फाइनल एडिटिंग की जाने लगी तो अजय देवगन को आइडिया आया कि इस सीन पर कमलेश सावंत का भी एक क्लॉज़ शॉट होना चाहिए। अजय ने तुरंत शूटिंग अरेंज कराई और कमलेश सावंत को फिल्म सिटी बुलाया। और वहीं के एक पार्क में इंस्पैक्टर गायतोंडे की पिटाई वाला वो सीन शूट कराया गया। 

और ये सीन इतनी सफाई के साथ शूट किया गया कि किसी को पता ही नहीं चल सका कि इस सीन का ज़्यादातर हिस्सा कहीं और शूट किया गया है। अजय ने ये सारा काम दृश्यम की रिलीज़ से महज़ 4 दिन पहले ही कराया था। और इस पूरे घटनाक्रम में अजय देवगन ने ये साबित किया कि वो ना सिर्फ बड़े स्टार हैं। बल्कि बड़े दिल वाले इंसान भी हैं। वरना एक छोटे कलाकार को दृश्यम जैसी बड़ी फिल्म में इतनी आसानी से क्लॉज़ शॉट भला कहां मिल पाता है।

साथियों कमलेश सावंत जितने शानदार कलाकार हैं उतनी ही शानदार एक्टर बनने की इनकी कहानी है। स्टेप बाय स्टेप कमलेश सावंत जी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़े हैं। और स्टेप बाय स्टेप ही काफ़ी पहले मैंने बहुत विस्तार से इनकी जीवनी लिखी थी। इनकी जीवनी आप यहां पढ़ सकते हैं- https://shorturl.at/HTxm5 कुछ साल पहले मेरी फोन पर कमलेश सावंत जी से बात हुई थी। तब उन्होंने अपनी कहानी पूरे विस्तार से बताई थी। पढ़िए-पढ़िए। पसंद आएगी आपको इनकी कहानी। #kamleshsawant #biography #BiographyinHindi #KissaTV #shouryapathnews.in 

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