November 21, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

   दुर्ग / शौर्यपथ / नगर निगम द्वारा आयोजित शिविर में क 1 के 1571  प्राप्त आवेदनों में से 1377 आवेदकों के आवेदन को अस्वीकृति कर दिया गया है जिसको लेकर महापौर धीरज बाकलीवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश महोदय से मुलाकात की। इस अवसर पर सभापति राजेश यादव,आर एन वर्मा,अलताफ अहमद,एम.आई.सी. सदस्य दीपक साहू,संजय कोहले,जमुना साहू,बृजलाल पटेल, और शिशिरकांत कसार भी उपस्थित रहे।  
  प्रतिनिधिमंडल ने आगामी नगर निगम चुनाव के संदर्भ में सभी वार्डों में लगाए गए शिविरों के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने और काटने के लिए प्राप्त आवेदनों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन निरस्त किए गए हैं, जिससे कई मतदाता अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल ने इसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया और जिलाधीश महोदय से इन मामलों पर तुरंत संज्ञान लेने का अनुरोध किया।  
  महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा कि यह समस्या गंभीर है और यदि समय पर समाधान नहीं किया गया, तो बड़ी संख्या में मतदाता अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। उन्होंने मांग की कि इन आवेदनों की फिर से जांच की जाए और निरस्त किए गए आवेदनों पर उचित कार्रवाई की जाए।  

इस अवसर पर जिलाधीश महोदय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सभी आवेदनों पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी और नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

सीएम साय ने दिए निर्देश:आदिवासी अँचलों में 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने का कार्य प्रगति पर
8,091 किलोमीटर लाइनें, 2217 ट्रांसफॉर्मर, 7950 बसाहटें  

  रायपुर / शौर्यपथ / आदिवासी अँचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश दिए है। वहीं छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष रोहित यादव ने तीनों योजनाओं की प्रगति की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।
  प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जनमन) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की अति पिछड़ी 7 जनजातियों जिनमें अबुझमाड़िया, बैगा, भारिया, पहाड़ी कोरवा, कमार तथा बिरहोर शामिल हैं, इन 7 जनजातियों के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रिड से विद्युतीकृत गांवों के 7,077 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 37 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1,087 बसाहटों में 363.24 किलोमीटर 11 के.वी. लाइन, 267 नग 25 के.वी.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफॉर्मर तथा 650 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जा रही है। पीएम जनमन के तहत अभी तक 4,500 घरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
  प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा हाल ही में की गई है जिसके अंतर्गत 919 गांवों के 65,711 अविद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 323 करोड़ 63 लाख रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति मिली है। जिसके अंतर्गत 6,863 बसाहटों में 1889.56 किलोमीटर लाइनें, 25 के.वी.ए. क्षमता के 1950 वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए जाएंगे तथा 5,188 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जाएंगी।
  आदिवासी बहुल गांवों में बिजली पहुंचाने में सबसे बड़ी समस्या वहां के सघन वन क्षेत्र होते हैं। घने जंगलों में बहुत से क्षेत्र पहुंच विहीन होती हैं। इसके अलावा बस्तर के सघन वन क्षेत्रों में विरासत में मिली नक्सलवाद की समस्या भी है जिसके समाधान की दिशा में राज्य सरकार द्वारा केंद्र की मदद से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मोर्चे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यकाल में बड़ी सफलताएं भी मिल रही हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती केंद्र तथा राज्य शासन द्वारा की गई है। जिसके लिए सुरक्षा कैम्प बनाए गए है। सुरक्षा कैम्पों के समीप 5 किलोमीटर के दायरे में बहु-आयामी विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा नियद नेल्लानार योजना प्रांरभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत 24 सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में 96 गांवों में घरों को रोशन करने की कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। इसमें ग्रिड से विद्युतीकृत 8 गांवों के 105 आवासों तथा ऑफग्रिड विद्युतीकृत 61 गांवों के 4,399 आवासों को ग्रिड से विद्युतीकृत करने की योजना प्रचलन में है। 61 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के अंतर्गत उपकेंद्रों, वितरण लाइनों की स्थापना की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बीजापुर जिले के यथागुण्डम तथा चिन्तावागु गांवों का विद्युतीकरण किया गया है तथा 60 आवासों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष  रोहित यादव के निर्देशानुसार इन तीनों योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाना है। एम.डी. डिस्ट्रीब्यूशन भीमसिंह कंवर द्वारा नियमित तौर पर क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है।

टेकऑफ़ से पहले हल्बी, पहुंचने पर गोंडी में किया ट्वीट 

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल हुए| यहां उन्होंने बस्तर के विकास एवं विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की एवं जनप्रतिनिधियों से सुझाव भी मांगे| इस दौरन प्राधिकरण की बैठक एवं बस्तर आने को लेकर मुख्यमंत्री श्री साय का बस्तर के प्रति जुड़ाव विशेष रूप से देखने को मिला, मुख्यमंत्री ने बस्तर के लिए टेकऑफ़ से पहले हल्बी और पहुंचने पर गोंडी में ट्वीट किया| इसके बाद एक के बाद एक ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री श्री साय का बस्तर की लोक संस्कृति, यहां के लोगों, उनकी परंपराओं और यहां के मनोरम पर्यटन के प्रति प्रेम दिखा|
  मुख्यमंत्री ने टेकऑफ़ से पहले हल्बी बोली में ट्वीट कर बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने की जानकारी देते हुए इसे क्षेत्र के विकास को नई दिशा देने वाला बताया| बैठक में शामिल होते हुए उन्होंने गोंडी में ट्वीट किया, इस ट्वीट के साथ मुख्यमंत्री स्वयं भी गौर सिंग मुकुट पहनकर मांदर पर थाप देते नजर आए| उन्होंने अपनी फोटो पोस्ट कर लिखा कि – बस्तर आकर मांदर की थाप पर गौर नृत्य का आनंद लिया, बस्तर आकर यहां की संस्कृति का हिस्सा बनना कमाल का अनुभव है| गौरतलब है कि यह पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री बस्तर गये हों और वहां की क्षेत्रीय बोली के जरिए अपनी बात सार्वजानिक रूप से लोगों तक पहुंचाई हो|
  प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने चित्रकोट पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत बस्तरिया अंदाज में हुआ, श्री साय स्वयं भी बस्तरिया रंग में रंगे दिखे, उनके स्वागत में बस्तरिया लोक नर्तक दलों ने लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी| मुख्यमंत्री ने चित्रकोट जलप्रपात के पास खड़े होकर एक फोटो भी पोस्ट की, जिसके जरिए उन्होंने बस्तर के पर्यटन के प्रति अपनी विशेष रूचि जाहिर की|

  रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री गिरिधर मालवीय जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रपौत्र श्री गिरिधर मालवीय जी के निधन का समाचार पाकर उन्हें गहरा दुःख पहुंचा है। शिक्षा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रभु श्री राम से दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने एवं शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है।

  रायपुर / शौर्यपथ / सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। सोनवानी पर कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
  सीबीआई जांच से पता चला था कि सोनवानी के बेटे नितेश को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था, जबकि उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी के रूप में चुना गया था। उनकी बहू निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था। उनके परिवार के अन्य युवा छात्रों ने भी प्रीमियम स्थान हासिल किया था।
   एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में छेड़छाड़ और हेराफेरी की कि उनके और उनके रिश्तेदारों के बेटे-बेटियों को डिप्टी कलेक्टर और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जैसे प्रीमियम पद मिले।
  जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि 171 छात्रों की मेरिट सूची में शीर्ष अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चे शामिल थे। एजेंसी ने एफआईआर में नामित लोगों के रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर व्यापक तलाशी ली थी।
  सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। सोनवानी पर कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
सीबीआई ने जुलाई में 2020 और 2022 के बीच अधिकारियों और राजनेताओं के रिश्तेदारों की भर्ती में अनियमितताओं के संबंध में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की जांच अपने हाथ में ली थी। सीबीआई ने तब सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

  रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की 19 नवम्बर को जयंती के अवसर पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का साहसपूर्वक विरोध किया और जीवन के अंतिम क्षण तक हार नहीं मानी।रानी लक्ष्मी बाई ने अपनी मातृभूमि की रक्षा और सम्मान के लिए प्राण तक न्यौछावर कर दिए। श्री साय ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई का साहस और शौर्य आज भी लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।

समाचार सार
बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने बनेगा टूरिज्म कॉरिडोर
सौर समाधान एप्प और मनो बस्तर एप्प लॉन्च , ऊर्जा चलित पॉवर बैंक का शुभारंभ
बस्तर में पूर्ण शांति बहाली करते हुए अंदरूनी क्षेत्रों तक लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का संकल्प
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चित्रकोट में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक सम्पन्न

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में चित्रकोट में आयोजित बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की पहली बैठक में बस्तर में पर्यटन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म कॉरिडोर बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही बस्तर अंचल के पर्यटन के लिए चिन्हित स्थानों को विकसित करने के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक में बस्तर में एनएमडीसी द्वारा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण के संबंध में भी चर्चा की गई। इस मौके पर श्री साय ने सौर समाधान और मनो बस्तर एप्प लॉन्च किया तथा सौर ऊर्जा चलित पॉवर बैंक का शुभारंभ किया।
   मुख्यमंत्री साय ने संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित धूड़मारास गांव के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे बस्तर को नई पहचान मिली है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के पर्यटन ग्राम उन्नयन कार्यक्रम के लिए 60 देशों से चयनित 20 गांवों में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के धूड़मारास ने भी अपनी जगह बनाई है।
   मुख्यमंत्री साय ने प्राधिकरण की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर और सरगुजा के विकास पर अपना ध्यान विशेष रूप से केंद्रित किया है। इन क्षेत्रों के विकास में आदिवासी विकास प्राधिकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं होगी। सीएसआर मद में भी काफी राशि उपलब्ध है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। केन्द्र और राज्य दोनों में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए संवेदनशील सरकारें हैं।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक माओवादी आतंकवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में राज्य में बेहतर काम हो रहा है। माओवादी आतंकवाद छोटे से क्षेत्र में सिमट कर रह गया है। हम लोगों ने बस्तर में पूर्ण शांति बहाली करते हुए अंदरूनी क्षेत्रों तक लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का संकल्प लिया है। यह तभी होगा जब शासन के प्रति नागरिकों का विश्वास मजबूत होगा। यह विश्वास विकास से ही निर्मित होगा।
  मुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के तहत 34 नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं जहां ग्रामीणों को विभिन्न सुविधाएं भी दी जा रही हैं। बस्तर में शांति कायम हो, इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारें सतत प्रयास कर रही हैं। बैठक में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों से अमूल्य सुझाव मिले। सभी टीम भावना से काम करके विकास के प्रति एकजुटता दिखाएं।

केशकाल घाट सुधार कार्य को जल्द पूर्ण कराने के निर्देश
  मुख्यमंत्री साय ने केशकाल घाट सुधार कार्य को जल्द पूर्ण कराने और प्राधिकरण मद से स्वीकृत सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने निर्देशित किया। उन्होंने कलेक्टर बस्तर को  देवगुड़ी, मातागुडी के अप्रारंभ कार्यों को डेढ़ महीने में पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने दंतेवाड़ा के ग्राम नेरली, धुरली में लाल पानी की समस्या सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए एनएमडीसी को समाधानकारक उपाय करने के निर्देश दिए और कहा कि संबंधित कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर संयुक्त बैठक कर आवश्यक पहल करें।

मंत्रीगणों एवं जनप्रतिनिधियों ने दिए सुझाव
  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है। नियद नेल्लानार जैसी योजना और बस्तर ओलंपिक का आयोजन मुख्यमंत्री जी के विकास की पहल को दर्शाता है। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने मत्स्यपालन, डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देने और किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने नदी किनारे विद्युत लाईन बिछाने, अटल व्यावसायिक परिसर, एफआरए क्लस्टर में सामूहिक खेती को प्रोत्साहित करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, ऐसे में बस्तर में नई खेल अकादमियों की स्थापना के लिए पहल की जाए।
  वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी ने क्षेत्र में होटल मैनेजमेंट संस्थान, नर्सिंग कॉलेज, ऑर्गेनिक, नैचुरल फॉर्मिंग प्रारंभ करने  पोटा केबिन को स्थायी बनाने का सुझाव दिया। बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी ने बस्तर क्षेत्र में  शिक्षा, उद्यमिता के विकास के लिए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रत्येक गांव में  कृषि सेवा केंद्र प्रारंभ करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर को पर्यटन के क्षेेत्र में विश्व पटल पर स्थापित करने पर भी बल दिया। विधायक किरणदेव सिंह ने कहा कि शोधार्थी छात्रों को सुविधाएं देने सेंट्रल इंस्ट्रुमेंटल लैबोरेटरी की स्थापना की जाए।

आकांक्षी जिलों में अभियान चलाकर रिक्त पदों की भर्ती
  मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में पुलिस बलों को बड़ी सफलता मिल रही है। प्रभावित क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को पहुंचाने 95 गांवों में सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने आकांक्षी जिलों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जिला प्रशासन को अभियान चलाकर प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। कांकेर कलेक्टर ने बैठक में बताया कि रावघाट परियोजना के तहत प्रभावित सभी किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है। बीएसपी के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के 153 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सचिव शिक्षा ने बताया कि बस्तर अंचल में एक भी स्कूल बंद नहीं किया गया है। उन्होंने भवनविहीन स्कूलों के लिए भवन का प्रावधान करने की जानकारी दी।
  बैठक में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सहित बस्तर सांसद  महेश कश्यप और बस्तर संभाग के समस्त विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रमुख सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विभाग, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद और राहुल भगत, सदस्य सचिव प्राधिकरण डॉ बसवराजु एस., विभिन्न विभागों के सचिव, कमिश्नर बस्तर, आईजी,  सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बैठक में उपस्थित थे।

  रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल रमेन डेका आज विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) श्री एमबी ओझा  के निधन पर शोक व्यक्त करने उनके मौलश्री विहार स्थित निवास पर गए और उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया।
  उल्लेखनीय है की स्वर्गीय श्री ओझा ने1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और युद्ध में भारत की विजय के साक्षी भी रहे। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण मिशनों में सभी को अपने अद्भुत शौर्य एवं पराक्रम से परिचित कराया।

  अंबिकापुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शाशन द्वारा 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू कर दी गई है . प्रदेश में धान खरीदी निष्पक्ष और सुचारू रूप से हो इसके लिए प्रशासन भी मुस्तैद है किन्तु फर्जीवाडा करने वालो की अपनी ही अलग सोंच होती है किन्तु आज नहीं तो कल ऐसे फर्जीवाड़ा का खुलासा हो ही जाता है ऐसे ही एक मामला सामने आया और यह मामला किसी अन्य जिले से नहीं वरण प्रदेश के मुखिया के जिले से ही सामने आया जिसमे प्रशासन ने एक बड़े फर्जीवाड़ा को नाकाम कर दिया .
 सरगुजा जिले में राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा कागजों में 100 हेक्टेयर में धान की फसल बोने का मामला सामने आया है। जब अधिकारियों ने जांच शुरू की तो यह फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया। गिरदावरी सत्यापन में इस तरह की व्यापक विसंगतियां पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि कई किसानों के नाम पर बिना उनकी जानकारी के फसलें दर्ज की गई थीं।  
गिरदावरी सत्यापन में गड़बड़ी का खुलासा
  राजस्व विभाग द्वारा किए गए गिरदावरी सत्यापन में सामने आया कि 1900 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल नहीं बोई गई थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उसे धान से भरा हुआ दिखाया गया था। 100 हेक्टेयर में तो पूरी तरह से फर्जीवाड़ा हुआ था, जहां जमीन खाली थी, लेकिन कागजों पर वहां धान की खेती दर्ज कर दी गई थी।  
फर्जी तरीके से खपाया जा सकता था 95000 क्विंटल धान
  सत्यापन में जब यह तथ्य सामने आया कि 1900 हेक्टेयर (लगभग 4750 एकड़) में धान का रकबा फर्जी तरीके से दर्शाया गया है, तो यह अनुमानित किया गया कि 95000 क्विंटल धान समितियों में खपाया जा सकता था। प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से यह लगभग 29 करोड़ 45 लाख रुपये का घोटाला होता। यदि यह गड़बड़ी पकड़ी न जाती, तो बिचौलियों और दलालों की मिलीभगत से यह धान आसानी से कुप्रबंधित किया जा सकता था।  
सत्यापन के बाद कार्रवाई की तैयारी
  फर्जी रकबा दर्ज करने के मामले में अब तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों की टीम सत्यापन कर रही है। राज्य स्तर पर भी अधिकारियों की टीम द्वारा गिरदावरी का और गहन सत्यापन किया जाएगा। गिरदावरी सत्यापन के दौरान रकबे में पांच प्रतिशत की कमी की संभावना जताई जा रही है।  
गिरदावरी क्या है?
  गिरदावरी वह प्रक्रिया है, जिसमें किसानों द्वारा अपने खेत में बोई गई फसलों का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया रबी, खरीफ और अन्य सीजन में तीन बार की जाती है। वर्तमान में यह सत्यापन खरीफ फसलों के लिए किया जा रहा है। 

समझाने गई पुलिस तो सास ने अपने पर डाल लिया मिट्टी तेल,
दुर्ग/शौर्यपथ / दुर्ग के बघेरा निवासी एक ससुराल पक्ष वालों ने अपने विधवा बहु और उसके बेटे को घर से बाहर निकालकर उनके पूरे सामान को सडक पर फेंक देने का मामला सामने आया है। पीडित बहु व उसके पुत्र ने पुलिस व कलेक्टर से न्याय की गुहार लगा रही है, कलेक्टर के आदेश पर पीडित बहु व बेटे को सखी सेंटर में रखा गया है, लेकिन उनका सामान सड़क पर ही उनका सामान पडा है। पुलिस के पास फरियाद लेकर जाने पर पुलिस जब उसके ससुराल बघेरा समझाने पहुंची तो सास ने अपने आप पर मिट्टी तेल डाल ली और आग लगाने की धमकी दी जिसके कारण पुलिस बैरंग वापस लौट गई। उसके पश्चात जब महिला पुलिस ने समझौता के लिए बुलाया तो ससुराल पक्ष अस्पताल में भर्ती हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार  बहु का सामान घर से उस समय ससुराल पक्ष वालों ने फेंका जब वे अपनी बहन को देखने अस्पताल गई थी, उसके बाद जब बहु घर के अंदर जाने लगी तो उसके सास, ससुर व देवर ने उसको घर के अंदर प्रवेश नही करने दिया व धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। बताया जा रहा है कि महिला के पति की मौत 2021 में हो चुकी है, अब वह ससुराल वालों के साथ ही अपने बेटे के साथ रह रही थी। लेकिन सास, देवर और देवरानी लगातार विवाद करते हुए उसे घर से बाहर निकालने का षडयंत्र करते थे। एक दिन वह अपनी अस्पताल में भर्ती बहन को देखने गई, वापस आकर देखा तो ससुराल वालों ने उसका पूरा सामान सड़क पर निकाल दिया। घर पर जाने की गुहार लगाने पर भी उसे और उसके बेटे को घर में भीतर नहीं आने दिया। पुलिस से सहयोग लेने पर जब पुलिस कर्मी उसकी सास को समझाने भीतर गया, तो सास ने अपने ऊपर मिट्टी तेल डालने का खौफ  दिखाया जिससे डर के मारे पुलिस कर्मी वापस लौट गया। अब महिला लगातार पुलिस, कलेक्टर के पास अपने लिए न्याय की गुहार लगा रही है तो वहीं उसे सखी सेंटर में रखा गया है लेकिन न्याय पर से उसका विश्वास टूटते जा रहा है। वहीं सखी सेंटर के द्वारा ससुराल पक्ष को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया, लेकिन ससुराल पक्ष हॉस्पिटल में भर्ती हो गया, अब सखी सेंटर भी इस मामले में कार्यवाही के लिए असमर्थ नजर आ रहा है।

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