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LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
राजनांदगांव/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों एमएसएमई को पारंपरिक बैंकिंग साधनों से आगे बढ़कर वैकल्पिक वित्तीय स्त्रोतों से सहायता प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस योजना के अंतर्गत वैकल्पिक वित्तपोषण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र राजनांदगांव के महाप्रबंधक द्वारा की गई। रैंप योजना भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा विश्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित है। जिसका उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाना, वित्तीय पहुंच को आसान करना तथा उन्हें प्रतिस्पर्धी एवं सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है। कार्यशाला की शुरूआत में रैंप योजना की संक्षिप्त जानकारी प्रतिभागियों को दी गई। इसके पश्चात उप प्रबंधक एनएसई श्री उर्मिलेश द्वारा NSE EMERGE में सूचीकरण की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, पात्रता मानदंड और इससे मिलने वाले लाभों पर प्रस्तुति दी गई।
ब्रांच ऑफिस इन चार्ज SIDBI रायपुर श्री अमित खरे ने सिडबी के माध्यम से एमएसएमई को उपलब्ध विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की। इनवॉइसमार्ट से श्री निखिल ने बिल डिस्काउंटिंग एवं TReDS प्लेटफॉर्म के संचालन एवं लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि TReDS प्लेटफॉर्म विलंबित भुगतानों की समस्या के समाधान, समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने और एमएसएमई के नकदी प्रवाह में सुधार के लिए एक प्रभावी माध्यम है। कार्यशाला में जिले के 41 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों, महिला उद्यमियों एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने सहभागिता की। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों ने विषय की उपयोगिता पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और ऐसी कार्यशालाओं को निरंतर आयोजित करने की मांग की। यह कार्यशाला एमएसएमई के लिए पूंजी बाजार में प्रवेश, वैकल्पिक वित्त स्रोतों की समझ और वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुई।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, जिसके कारण कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत राहत देने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ योजनांतर्गत चिन्हित अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिससे धान के अतिरिक्त दलहन-तिलहन, मक्का व अन्य फसलों की खेती करने वाले कृषकों को 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे किसान जिन्होंने धान की फसल लगाई हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सामग्री का भुगतान होगा।
कृषक उन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, फसल के कास्त लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार के साथ-साथ कृषकों को उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में निवेश हेतु प्रोत्साहन, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देते हुए कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करना। योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।
हितग्राही की पात्रता-
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा, जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे समस्त कृषक जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो, जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो। संस्थागत समितियां जैसे-ट्रस्ट, मंडल, प्राईवेट लिमिटेड, शाला विकास समिति तथा केन्द्र व राज्य शासन के संस्थान को योजनान्तर्गत पात्रता नहीं होगी। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधानों के अध्याधीन किया जाएगा।
कृषकों को भुगतान-
कृषक उन्नति योजना अंतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष डीबीटी के माध्यम से की जाएगी। खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर धान (कॉमन) पर राशि 731 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 15351 रूपए प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि 711 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 14931 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल कोदो, कुटकी एवं रागी तथा कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। किसी कृषक को अधिक भुगतान होने की स्थिति में संबधित कृषक से राशि वसूल की जा सकेगी। योजना का क्रियान्वयन मार्कफेड, खाद्य विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड तथा संचालनालय कृषि के माध्यम से किया जाना है।
घर-घर जाकर कचरा करेगा इकट्ठा,शहर के वार्डो के लिए 120 नए कचरा कलेक्शन रिक्शा:
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम। आज महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने सभापति श्याम शर्मा के साथ शहर क्षेत्र में घर घर कचरा संग्रह करने 120 नए कचरा रिक्शा का पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया।इस दौरान एमआईसी सदस्य नरेंद्र बंजारे,देवनारायण चन्द्राकर,शेखऱ चन्द्राकर,ज्ञानेश्वर ताम्रकर, नीलेश अग्रवाल,पार्षद साजन जोसेफ, गुलशन साहू,सरिता चन्द्राकर, ललिता ठाकुर,मनोज सोनी,संभव सोनी,पीआईयू शेखऱ दुबे,राहुल सहित अन्य मौजूद रहें।
बता दे कि शहर क्षेत्र के लिए 120 कचरा कलेक्शन रिक्शा लिया गया है।60 वार्डो के हर एक वार्ड के लिए दो नए रिक्शा घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करेंगे और इससे शहर को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।
महापौर श्रीमती बाघमार ने कहा कचरा रिक्शा का शुभारंभ के बाद दुर्ग शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये रिक्शा शहर के वार्डो के गलियो के विभिन्न हिस्सों में घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करेंगे, जिससे शहर को साफ और स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।
महापौर अलका बाघमार ने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य स्वच्छता के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहा है। शहर को देश में सबसे स्वच्छ शहर बनाना है। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
शहर की स्वच्छता की पहचान साफ सफाई से होती जाती है।इसके लिए कचरा कलेक्शन पर और भी ज्यादा जोर दिया जा रहा है। निगम द्वारा कचरा कलेक्शन के लिए 120 कचरा कलेक्शन पहुची है,इनके जरिए डोर टू डोर कचरा लिया जाएगा।
वन मंत्री की अध्यक्षता में आईडीसी की बैठक सम्पन्न
रायपुर/शौर्यपथ /वन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज वनोपज राजकीय व्यापार अर्न्तविभागीय समिति(आईडीसी)की 307वीं बैठक नवा रायपुर स्थित मंत्री निवास कार्यालय में सम्पन्न हुई। वनोपज राजकीय व्यापार अर्न्तविभागीय समिति की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बैठक में लिए गए जनकल्याणकारी निर्णयों से राज्य में लघु वनोपजों के व्यापार को ज्यादा मजबूती मिलेगी और वनांचल के लोगों की आय में बढ़ोत्तरी होगी साथ ही साथ उनके जीवन स्तर में आर्थिक बदलाव भी आयेगा। मंत्री श्री कश्यप ने उम्मीद जताई है कि इससे वनोपज निर्यात को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
वन मंत्री मंत्री केदार कश्यप ने 306वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में वर्ष 2023-24, तथा 2024-25 के लिए भारत सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के अंतर्गत 16 प्रमुख वनोपजों जैसे महुआ फूल, तेंदूपत्ता (बीज रहित), गोंद, हर्रा, बहेरा, चिरौंजी, कोदो, कुल्थी, रागी, गिलोय, कुसुम बीज, बहेड़ा बीज आदि वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी के प्रस्ताव को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसी तरह बैठक में वर्ष 2024-25 एवं 2025 के लिए समर्थन मूल्य योजनांतर्गत वनोपजों की विक्रय दरों के निर्धारण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश एवं प्रस्तावों पर भी समिति द्वारा विचार किया गया।
इस अवसर पर सचिव वन अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव, राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक अनिल साहू, श्रीमती सलमा फारूकी सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम बनोरा स्थित अघोर गुरु पीठ में गुरु दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने गुरु पीठ आश्रम के उपासना स्थल पर अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी की प्रतिमा के दर्शन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने आश्रम में अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी के प्रिय शिष्य प्रियदर्शी भगवान राम जी के दर्शन भी किए और मार्गदर्शन प्राप्त किया । इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, लोक सभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह , विधायक पुरंदर मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में अर्जुन पुरूस्कार से सम्मानित भारतीय पैरा डोंगी एथलीट श्रीमती प्राची यादव ने सौजन्य भेंट की।
इस अवसर पर श्री मनीष कोरव, खिलाड़ी श्री विपिन कुर्मी, कोच श्री प्रशांत सिंह रघुवंशी, श्री रोहित काले, श्री अमरजीत छाबड़ा भी उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भारत में गुरु पूर्णिमा मनाने की परंपरा है। यह दिन गुरु के अमूल्य ज्ञान, मार्गदर्शन और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का विशेष अवसर होता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गुरु जीवन में अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान का आलोक प्रदान करते हैं। उनके द्वारा दी गई शिक्षा और मूल्य हमारे जीवन के पथ को आलोकित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अभी को गुरुजनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए प्रगति के पथ पर अग्रसर होते हुए जीवन को सार्थक करना चाहिए।
बस्तर का धुड़मारास गांव बना विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से गांव में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का हुआ क्रियान्वयन
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिला के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आने वाला छोटा सा आदिवासी गांव धुड़मारास आज विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बना चुका है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा दुनिया के 20 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में शामिल यह गांव अब पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास का मॉडल बनकर उभरा है।
प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक जीवनशैली से परिपूर्ण यह गांव, अब सौर ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर अंचल में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ स्थानीय सुविधाओं के विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। धुड़मारास गांव में क्रेडा द्वारा सौर ऊर्जा आधारित विभिन्न परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कर स्वच्छ पेयजल, रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था और शैक्षणिक संस्थानों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के माध्यम से गांव में 03 नग सोलर ड्यूल पम्प की स्थापना कर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। 02 नग सोलर हाईमास्ट संयंत्र की स्थापना कर रात्रिकालीन प्रकाश की व्यवस्था की गई है। ग्राम की गलियों में सोलर पावर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। क्रेडा के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश राणा द्वारा परियोजनाओं की निरंतर निगरानी कर कार्यों को गुणवत्ता पूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया गया।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा बस्तर जिले के धुड़मारास गांव और चित्रकोट गांव को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर सर्वश्रेष्ठ गांव के रूप में पुरस्कृत किया गया है। प्राकृतिक रूप से समृद्ध धुड़मारास गांव कांगेर नदी की सुरम्य धारा, हरियाली, जैव विविधता एवं पारंपरिक बस्तरिया संस्कृति पर्यटकों को आकर्षित करती है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा ट्रैकिंग ट्रेल, कैंपिंग साइट और होम-स्टे की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। स्थानीय शिल्पकारों व कलाकारों को प्रोत्साहन देकर पारंपरिक हस्तशिल्प को बाजार से जोड़ा जा रहा है। सड़क एवं परिवहन सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
धुड़मारास गांव में ईको-पर्यटन विकास समिति द्वारा कांगेर नदी में कयाकिंग और बांस राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर आजीविका के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। पर्यटकों हेतु प्रतीक्षालय, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास भी ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है। राज्य शासन के वन एवं पर्यटन विभाग द्वारा धुड़मारास को ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में योजनाबद्ध कार्य किए जा रहे हैं। इसी तर्ज पर नागलसर एवं नेतानार जैसे गांवों में भी ईको पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।
धुड़मारास की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि शासन की योजनाएं सामुदायिक सहभागिता के साथ लागू की जाएं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास संभव है। यह गांव अब पूरे बस्तर अंचल के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुका है।
मुख्यमंत्री साय ने पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को अर्पित की श्रद्धांजलि
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के जोरा स्थित श्री सालासर बालाजी धाम के सभागार में आयोजित सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय डॉ. दुबे के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख की घड़ी में धैर्य और शक्ति प्रदान करें।
मुख्यमंत्री साय ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे। सभी को हँसाने वाला यह महान कवि आज हमें रुलाकर चला गया। उन्होंने अपनी विलक्षण काव्य प्रतिभा के माध्यम से न केवल देशभर में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया। उनका आकस्मिक निधन पूरे राज्य और साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई असंभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने अनेक कवि सम्मेलनों में भाग लिया है, और शायद ही कोई प्रमुख आयोजन ऐसा रहा हो जहाँ डॉ. दुबे की उपस्थिति न रही हो। हर मंच पर उन्हें देश के प्रतिष्ठित कवियों द्वारा विशेष सम्मान प्राप्त होता था।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी श्रद्धांजलि सभा में स्व. डॉ. सुरेंद्र दुबे को नमन करते हुए कहा कि वे केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक जिंदादिल और ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को सम्मान दिलाया। उन्होंने प्रदेश के कोने-कोने में घूम-घूमकर लोगों को न केवल हँसाया, बल्कि सामाजिक चेतना भी जगाई। इस अवसर पर डॉ. सुरेंद्र दुबे के परिजन एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
24 घंटे अमला रहेगा तैनात, कंट्रोल रूम रहेंगे अधिकारी/कर्मचारी:
आयुक्त सुमित अग्रवाल ने सभी अधिकारी/कर्मचारी 24 घण्टे अपना मोबाईल चालू रखने की सख्त दी हिदायत:
दुर्ग/ शौर्यपथ / निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने शहर में अतिवृष्टि एवं बाढ़ नियंत्रण के लिये निगम अधिकारियो एवं कर्मचारियों को विभिन्न दायित्व सौंपा है। आयुक्त ने उक्त नियंत्रण कार्य के लिये दो शिफ्ट में ड्यूटी लगायी है और निगम का अमला अतिवृष्टि एवं बाढ़ नियंत्रण के लिये 24 घंटे रोकथाम के उपाय,पानी भराव को रोकने सहित प्रभावितो के आवास की व्यवस्था का कार्य करेगा।आयुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि शहर में अतिवृष्टि एवं बाढ़ नियंत्रण के लियेे दिनेश नेताम,कार्यपालन अभियंता, गोवाईल नम्बर-9993321120, को नाडल अधिकारी नियुक्त किया है।
बता दे कि समय प्रातः 8:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक..कंट्रोल रूम प्रभारी -करण यादव -9770946930,हरिशंकर साहू- 7773007174,अपर्णा मिश्रा- 9074225253,पंकज साहू- 9691030600,प्रेरणा दुबे- 9630541539,उमयंती ठाकुर- 8103967854,विनोद मांझी- 9589081099 रहेंगे।
समय रात्रि 8:00 बजे से प्रातः 8:00 बजे तक
कंट्रोल रूम प्रभारी -सुरेश केवलानी- 9425675465
राजेंद्र ढबाले -7999828273
व्ही. पी. मिश्रा -7987641410
संजय ठाकुर,9340401946,मोहित मरकाम -9685373777,गिरीश दीवान -7746015450,विकास दमाहे - 6263493218 रहेंगे।
आयुक्त सुमित अग्रवाल ने सभी अधिकारी/कर्मचारी 24 घण्टे अपना मोबाईल चालू रखने की सख्त हिदायत दी गई।सफाई जोन प्रभारी अपने प्रभार क्षेत्र के सफाई कर्मचारी सहित दोनों पाली में तैनात रहेंगे।
मोबइल नंबर 6261579164 स्वास्थ्य अधिकारी धमेन्द्र मिश्रा,बाढ़ की स्थिति में वैकल्पिक स्थान में ठहराने एवं भोजन की व्यवस्था करेंगे। मोबइल नंबर 9907914100 कार्यपालन अभियंता आर.के.जैन। इसके अलावा अनिल सिंह, प्र. उद्यान निरीक्षक आवश्यकता होने पर वाहन व्यवस्था हेतु-कर्मशाला अधीक्षक सोएब अहमद करेंगे।
उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितो के भवनों एवं शासकीय भवनों को सुरक्षित रखा जा रहा है तथा प्रत्येक शिफ्ट अधिकारी को टार्च,रस्सी,गैती,फावड़ा एवं अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये गये है।