October 24, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

   दुर्ग / शौर्यपथ /  क्वांर नवरात्र पर्व पर दुर्ग की धार्मिक नगरी ने एक बार फिर परंपरा और आस्था का अद्भुत संगम देखा। गंजपारा स्थित श्री सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर की माता (छोटी बहन) और पुरानी गंजमंडी गंजपारा की माता (बड़ी बहन) का विगत 48 वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पंडाल स्थापना से पूर्व नगर भ्रमण के दौरान एक स्थान पर ऐतिहासिक मिलन हुआ।

यह परंपरा बुजुर्गों द्वारा स्थापित मानी जाती है। मान्यता है कि जब तक दोनों बहनें एक-दूसरे को नहीं देख लेतीं, तब तक उनकी प्रतिमा को पंडाल में विराजमान करना संभव नहीं होता। समिति के सुजल ईशान मोनू शर्मा ने बताया कि कई बार ऐसा प्रमाण मिला है कि जब दोनों प्रतिमाओं का आमना-सामना नहीं होता, तब दर्जनों लोगों द्वारा प्रयास करने पर भी प्रतिमा वाहन से उतारी नहीं जा सकी। लेकिन मिलन होते ही सहजता से स्थापना संभव हुई।

ऐतिहासिक स्वागत और भक्तों की भीड़

इस वर्ष दोनों माताओं का मिलन सत्तीचौरा में हुआ। समिति द्वारा ऐतिहासिक स्वागत किया गया—फूलों एवं रंगों की वर्षा के बीच आरती उतारी गई। वातावरण में भक्ति, उल्लास और नृत्य-गान की छटा फैल गई। शहर और दूरदराज़ से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस अनूठे मिलन का प्रत्यक्ष दर्शन किया।

सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर का नवरात्र कार्यक्रम

  • 22 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक प्रतिदिन प्रातः 9 बजे भक्तों द्वारा माता जी का अभिषेक।

  • प्रतिदिन दोपहर 12 बजे 108 कन्याओं का पूजन एवं कन्या भोज

  • आकर्षक झांकियां: बरहा ज्योतिर्लिंग दर्शन और शिव वाटिका दर्श

  • 27 सितम्बर (पंचमी): 108 दीपों से महाआरती।

  • 30 सितम्बर (अष्टमी): माता जी को 56 भोग अर्पित।

  • 1 अक्टूबर (नवमी): 371 ज्योतियों के साथ ज्योत विसर्जन।

  • 2 अक्टूबर (दशमी): प्रदेश का सबसे बड़ा कन्या भोज।

  • 3 अक्टूबर: मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा।

परंपरा का संदेश

यह मिलन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था और एकता का प्रतीक है। दुर्ग की इस परंपरा ने नवरात्र पर्व को और भी विशिष्ट बना दिया है।


   दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र के गंजपारा इलाके में शनिवार को एक बड़ा हादसा टल गया। चार मंजिला जर्जर भवन को डिस्मेंटल करने का कार्य पूरी तरह नियम विरुद्ध और बिना उचित अनुमति के किया गया। मकान मालिक और ठेकेदार की लापरवाही से आसपास के बाशिंदों की जान पर बन आई। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन जिस तरह सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई, वह शहरी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है।
  मिली जानकारी के अनुसार, इस भवन को 2023 में पूर्व मालिक ने जर्जर घोषित कर अनुमति ली थी, लेकिन उसने भवन को न तोड़ा और बाद में बेच दिया। नए मालिक ने निगम से न तो कोई ताज़ा अनुमति ली और न ही सुरक्षा संसाधन लगाए। इसके बावजूद तोड़फोड़ का काम धड़ल्ले से जारी रहा।

सुरक्षा नियमों की खुली धज्जियां
भवन गिराने के लिए नियम स्पष्ट हैं—
निगम से अनुमति आवश्यक होती है।भवन तोड़ने से पहले आसपास की बस्तियों को नोटिस दिया जाता है।सुरक्षा घेरा (barricading), धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव और मलबा प्रबंधन अनिवार्य है।प्रशिक्षित मज़दूर और सुरक्षा उपकरण का होना ज़रूरी है।
  परंतु गंजपारा में इनमें से एक भी प्रावधान का पालन नहीं हुआ। मौके पर न कोई सुरक्षा घेरा, न धूल नियंत्रण, न ही आसपास के लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा गया।

महापौर का सख्त रुख – FIR के निर्देश
  मामले पर महापौर अलका बाघमार ने सख्त नाराज़गी जताते हुए कहा कि ठेकेदार और भवन मालिक पर FIR दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने कोतवाली थाना प्रभारी को कार्रवाई के निर्देश भी दिए।

पर्दे के पीछे सौदेबाज़ी की चर्चा
  शहर में चर्चा है कि लाखो रुपए खर्च कर मामला दबाने की कोशिश हुई है। यही वजह है कि FIR दर्ज होने की बजाय दूसरे दिन भी डिस्मेंटल का कार्य जारी रहा। यदि यह सच है तो यह न केवल भ्रष्टाचार बल्कि आम नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ है।

कटाक्ष : क्या नियम सिर्फ गरीबों के लिए हैं?
  प्रश्न यह है कि जब छोटे दुकानदार, ठेले वाले या गरीब बस्तियों के मकान पर ज़रा सी ग़लती होती है तो निगम और पुलिस तत्काल कार्रवाई में जुट जाती है। वहीं, गंजपारा जैसे बीच शहर में चार मंजिला भवन को बिना अनुमति और सुरक्षा के गिराया जाता है, तो कार्रवाई क्यों ढीली पड़ जाती है?
क्या प्रशासन धनबल के आगे झुक जाता है?
अब निगाह निगम प्रशासन प्रमुख सुमित अग्रवाल की तरफ : अपने सख्त रवैये एवं नियमो का पालन करने के लिए पहचाने जाने वाले आयुक्त की तरफ आम जनता की निगाहे है कि क्या आयुक्त सुमीत अग्रवाल बिना अनुमति के जर्जर भवन को तोड़ने के लिए वर्तमान मालिक एवं नियम विरुद्ध कार्य करने वाले ठेकेदार के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही करते है या फिर मौन रहते है वही बड़ा सवाल यह है कि क्या चंद पैसे की लालच में क्षेत्रवासी इतने बड़े जोखिम के बावजूद भी मामले को सुलझाने औए अवैधानिक कार्य करने वाले जर्जर भवन के मालिक और ठेकेदार के मामले में मौन रहेंगे ?
निष्कर्ष : गंजपारा का यह मामला सिर्फ एक भवन तोड़ने की कहानी नहीं है, बल्कि यह इस बात का आईना है कि शहर में नियमों और सुरक्षा प्रावधानों का पालन कितना खोखला है। अब देखना यह है कि महापौर के निर्देशों के बाद सचमुच FIR दर्ज होती है या फिर यह मामला भी पर्दे के पीछे सौदेबाज़ी की भेंट चढ़कर दबा दिया जाता है।

‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच और परामर्श
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में जब बस्तर के दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने की बात होती है तो सबसे पहले दुर्गम जंगलों और उफनती इंद्रावती नदी का ख्याल आता है। बरसात के मौसम में दुर्गम गाँवों तक पहुँचना बेहद जोखिमपूर्ण माना जाता है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में प्रदेश का प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए लोगों की जान बचाने की प्राथमिकता के साथ कार्य कर रहा है।
  नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अब आमजन तक पहुँच रहा है। यह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन का परिणाम है, जिसने बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है।
  स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया और आयुक्त-सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी क्रम में प्रदेशव्यापी “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान ने बीजापुर जिले के सबसे दुर्गम क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित की है। बीते शनिवार को स्वास्थ्य दल ने स्वयं नाव चलाकर उफनती इंद्रावती नदी पार की और अबूझमाड़ से लगे ग्राम कोंडे में शिविर लगाया। इस शिविर में कुल 132 मरीजों की जांच की गई, जिनमें मलेरिया, सर्दी-खाँसी और त्वचा रोग से पीड़ित रोगी प्रमुख रहे। विशेष रूप से 10 गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और परामर्श प्रदान किया गया। मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत महिलाओं को पोषण, एनीमिया से बचाव और सुरक्षित मातृत्व संबंधी विस्तृत जानकारी भी दी गई।
   बीजापुर जिले में बीते तीन दिनों के दौरान अभियान की गति उल्लेखनीय रही है। इस अवधि में हजारों लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें उच्च रक्तचाप के 3,177 मामले सामने आए। इसके अतिरिक्त, महिलाओं में मुख, स्तन और सर्वाइकल कैंसर की 2,823 स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराया गया। साथ ही 314 गर्भवती महिलाओं को जांच, टीकाकरण और परामर्श का लाभ मिला। अभियान के अंतर्गत दूरस्थ अंचलों में आयोजित शिविरों के माध्यम से अब तक 1,200 से अधिक लोगों की टीबी स्क्रीनिंग और 800 से अधिक व्यक्तियों की सिकल सेल जांच भी की जा चुकी है।
  ये आँकड़े केवल संख्याएँ नहीं, बल्कि उस संकल्प का प्रमाण हैं जिसके तहत प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजापुर जिले के दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में भी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बाधित न हो। यही कारण है कि स्वास्थ्य कर्मी नदी, पहाड़ और जंगल पार करके महिलाओं और बच्चों तक जीवन रक्षक सेवाएँ पहुँचा रहे हैं। प्रदेश सरकार का यह प्रयास इस विचार को सशक्त करता है कि “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की आधारशिला है।” इसी दिशा में स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतर पहुँच इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता है।
  बस्तर संभाग में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे ये सुधार न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को ऊँचा उठा रहे हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित कर रहे हैं कि सुशासन और समर्पित प्रयासों से सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।

पूरे साल देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ की बचत, त्योहार पर हर वर्ग को राहत

नई दिल्ली /एजेंसी /
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात राष्ट्र के नाम ऐतिहासिक संबोधन में घोषणा की कि 22 सितंबर से देशभर में ‘GST बचत उत्सव’ आरंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने जीएसटी ढांचे को और सरल, सुगम और नागरिक हितैषी बनाया है। इससे हर परिवार को पूरे साल करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की सीधी बचत होगी।”

दो GST स्लैब, सस्ता हुआ अधिकांश सामान
सरकार ने जीएसटी दरों में बड़े बदलाव करते हुए अब सिर्फ दो मुख्य स्लैब—5% और 18%—रखे हैं। इससे पहले के 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर दिया गया है। अधिकांश रोजमर्रा के सामान, जिन पर पहले 12% लगता था, अब 5% की श्रेणी में आएंगे। पुराने 28% स्लैब वाले वस्त्रों और सामानों में से 90% उत्पाद अब 18% श्रेणी में स्थानांतरित होंगे। केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पाद जैसे तंबाकू आदि ही अब अधिकतम 40% टैक्स स्लैब में रहेंगे।

करोड़ों परिवारों को सीधा फायदा—हर वर्ग की जेब में राहत
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी में किए गए इन सुधारों से गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, युवा, व्यापारी, महिलाएं—हर वर्ग लाभान्वित होगा। त्योहारों के इस मौसम में खरीदारी और खर्च करना ज्यादा आसान होगा, जिससे हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी।

व्यापारी और उद्योगों के लिए खुशखबरी
कारोबारियों, छोटे उद्यमों, एमएसएमई को दोहरा लाभ—कम टैक्स और ज्यादा बिक्री—मिलने जा रही है। कई ऑटो, एफएमसीजी कंपनियों ने तुरंत कीमतें कम करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा, "अब लघु उद्योगों की प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी; जिससे नौकरियां भी सृजित होंगी।"

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सबका साथ
प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से स्वदेशी वस्त्रों, उत्पादों और तकनीक के इस्तेमाल का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, “नागरिक देवो भवः, अपने देशवासियों की आर्थिक समृद्धि ही भारत का उत्थान है।”

निवेश, विकास और एकता का नया रास्ता
सरकार को विश्वास है कि इन जीएसटी सुधारों से भारत का आर्थिक ढांचा और सरल बनेगा, निवेश बढ़ेगा और हर राज्य को एक मंच पर बराबरी का मौका मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में त्योहार के इस शुभारंभ को ‘नये भारत’ की दिशा में ऐतिहासिक तपस्या बताया और पूरे देश को बधाई दी।

  दुर्ग / शौर्यपथ / असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक बोरकर के नेतृत्व में आज राजीव भवन दुर्ग में प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज का स्वागत सैकड़ों कार्यकर्ताओं की बाइक रैली के माध्यम से किया गया। कलेक्ट्रेट परिसर में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, पंथी नृत्य व राउत नाचा के पारंपरिक स्वागत के बाद डॉ. उदित राज का राजीव भवन में भव्य अभिनंदन किया गया।
  कार्यक्रम में विशेष रूप से सभी नेताओं को संविधान की मूल प्रति भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व विधायक अरुण वोरा, दुर्ग जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष राकेश ठाकुर, गिरीश देवांगन, सन्नी सुशील अग्रवाल सहित अनेक वरिष्ठ कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
  अपने संबोधन में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में गरीब मजदूरों और कामगारों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। उन्होंने पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भूपेश सरकार ने मजदूरों के लिए लगभग 500 करोड़ की योजनाओं का ऐलान किया था, किंतु भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जनता को उसका लाभ नहीं मिलने दिया।
  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सम्मेलन में कहा कि "साय सरकार की नियत में खोट है, इसी कारण आज छत्तीसगढ़ की जनता त्रस्त है। बेरोजगारी भत्ता बंद, बिजली बिलों में वृद्धि, किसानों को खाद-बीज की समस्या और मनरेगा में अव्यवस्था — यह सब भाजपा सरकार की वादाखिलाफी को दर्शाता है।"
  इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर,पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल , मोहम्मद असलम, शिव सिंह ठाकुर, मुकेश चंद्राकर, शशि सिन्हा, आर.एन. वर्मा, प्रेमलता साहू, अल्ताफ अहमद, आदित्य नारंग, मोहित वालदे, अंकुर बोरकर, संजय कोहले, राजकुमार पाली, सुशील भारद्वाज, चैतन्य बंछोर, सतीश रजक, निकिता मिलिंद, अमृता ठाकुर, हेमा साहू सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे।

  भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक देवेंद्र यादव आज अपने सेक्टर-5 स्थित विधायक निवास में लोगों से भेंट-मुलाकात किए। इस दौरान बड़ी संख्या में नागरिक, महिला-पुरुष और युवा विधायक से मिलने पहुंचे। सुबह से ही विधायक निवास पर लोगों का आना-जाना लगा रहा।
  लोगों ने अपनी-अपनी समस्याएँ विधायक के समक्ष रखीं। इसमें स्थानीय स्तर की जनसुविधाओं से जुड़ी समस्याएँ प्रमुख रहीं। नागरिकों ने पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था से संबंधित मुद्दे सामने रखे। कई लोगों ने व्यक्तिगत परेशानियाँ भी बताईं और समाधान की उम्मीद जताई।
   विधायक यादव ने सभी लोगों की बात ध्यान से सुनी और संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करना ही उनकी पहली प्राथमिकता है और किसी भी समस्या को हल करने में पूरी कोशिश की जाएगी।
  इस दौरान विधायक ने मौजूद लोगों से आत्मीयता से बातचीत की। क्षेत्र के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ समाज निर्माण में योगदान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनता से सीधे जुड़कर ही जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों को सही मायनों में निभा सकता है।
  लोगों ने विधायक की सहजता और संवेदनशील रवैये की सराहना की। मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे

बिजली बिल देखकर हर परिवार हैरान व परेशान

भिलाई/शौर्यपथ / एआईसीसी के राष्ट्रीय सचिव व भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ने बिजली बिल में  बढ़ोत्तरी को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि, छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव की सरकार का स्मार्ट मीटर,जनता की जेब से अप्रत्याशित टैक्स लेने का पर्याय बन चुकी है। सत्ता में आते ही साय के मंत्रियों ने बड़े जोर शोर के साथ दावा किया था कि, स्मार्ट मीटर से एक्यूरेट बिल आएगा और लोगों को सस्ती बिजली मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होगी। उपभोक्ता घर बैठे बिजली बिल का भुगतान आसानी कर पाएंगे, लेकिन लोगों को साय साय सरकार का स्मार्ट मीटर के नाम पर टैरिफ में बढ़ोत्तरी का यह निर्णय, बिल के रूप में ऐसा झटका देगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। बिजली बिल को देखकर आज हर परिवार, हैरान व परेशान है।
  विधायक यादव ने कहा कि, साय सरकार ने चुनाव से पहले लोगों सस्ती बिजली मुहैया कराने के बड़े-बड़े  दावे किए थे और दावे के मुताबिक स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू हुआ और स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली की खपत कम होना चाहिए था; परंतु स्मार्ट मीटर लगने के बाद अधिकतर लोगों के घरों का बिजली बिल हजार रूपये से अधिक आया है। बिजली बिल में तीन से चार गुणा तक वृद्धि हुई है। जुलाई तक जिन घरों का बिजली बिल 200-250 तक आती थी, उन घरों का इस माह 600 रूपये से अधिक बिल आया है। है।इससे लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। 200-300 की रोजी मजदूरी करने वाले मेहनतकश लोगों की पूरी कमाई का आधा से अधिक हिस्सा, बिजली बिल भरने में व्यय हो गया है।
   विधायक ने कहा कि, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब हाफ बिजली बिल योजना के तहत 400 यूनिट पर 50फीसदी तक छूट मिलती थी यानी उपभोक्ताओं को केवल 200 यूनिट का बिजली खपत का भुगतान करना पड़ता था। जिसे अब कटौती कर केवल 100यूनिट खपत पर ही छूट दी जा रही है।100 से एक यूनिट भी अधिक खपत हो गई, तो हाफ बिजली बिल योजना का लाभ नहीं मिलेगा। क्या यही साय सरकार का सुशासन है।

   रायपुर / शौर्यपथ / हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HNLU), रायपुर ने “उभरती हुई कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का न्यायशास्त्रीय प्रभाव: सामाजिक और कानूनी पहलू” विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सम्मेलन का सफल आयोजन किया। इस सम्मेलन में न्यायाधीशों, शिक्षाविदों, प्रैक्टिशनरों और छात्रों ने एआई से संबंधित नैतिक, कानूनी और सामाजिक चुनौतियों पर विमर्श किया।

उद्घाटन सत्र
   पूर्व मुख्य न्यायाधीश, उड़ीसा उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर ने कहा कि “राज्य और निजी संस्थाएँ अक्सर कानूनी दायरे से परे डेटा एकत्र करती हैं, जिससे ‘डेटा गोपनीयता’ अब मिथक बन चुकी है।” उन्होंने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा पर जोर देते हुए इसे हथियार की तरह उपयोग करने के अंतरराष्ट्रीय उदाहरण साझा किए।
  एचएनएलयू के कुलपति प्रो. वी.सी. विवेकानंदन ने ‘नियामक शून्यता’, ‘सीमाहीन संचालन’ और ‘रोग तकनीकें’ जैसी चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि ये लोकतंत्र व न्याय प्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

पैनल चर्चा – “अनियंत्रित को नियंत्रित करना”
  इस पैनल में विशेषज्ञों ने सुरक्षित और नैतिक एआई के लिए कानूनी ढाँचे की आवश्यकता पर बल दिया।
 श्री कश्यप कोम्पेला ने AIM-AI ढाँचा प्रस्तुत किया जो एआई जोखिमों की पूर्वानुमान क्षमता रखता है।
 डॉ. ऋषि राज भारद्वाज ने भारत में एआई नियमावली की धीमी प्रगति और मौजूदा आईटी अधिनियम की अपर्याप्तता पर चिंता व्यक्त की।
डॉ. भावना महादेव ने एआई आधारित सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव के खतरों पर प्रकाश डाला।
प्रो. होंग शुए ने बौद्धिक संपदा अधिकारों को मानव-केंद्रित बनाए रखने की आवश्यकता बताई।

तकनीकी सत्र और शोधपत्र
   सम्मेलन में आठ तकनीकी सत्र आयोजित हुए, जिनमें न्यायालय प्रबंधन में एआई, उत्तरदायित्व, नैतिकता और डेटा सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। कुल 172 शोधपत्रों में से 60 श्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ चयनित की गईं, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को सार्थक संवाद का अवसर मिला।

समापन सत्र
  भारत उच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता सुश्री एन.एस. नप्पिनई ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम की कमियों पर चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से “राइट टू बी फॉरगॉटन” की अनुपस्थिति को उजागर किया और कहा कि “गोपनीयता केवल रहस्य नहीं बल्कि विकल्प का अधिकार है।” नप्पिनई ने यह भी जोड़ा कि मेटावर्स जैसे वर्चुअल अपराधों से निपटने के लिए कानून को लगातार गतिशील होना पड़ेगा।

आयोजन की रूपरेखा
  इस सम्मेलन का संचालन डॉ. अतुल एस. जायभाये और डॉ. प्रियंका धर ने किया। छात्र समिति ने भी आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई। आयोजन ने न केवल एआई शासन पर विमर्श को दिशा दी बल्कि कानूनी शिक्षा और तकनीकी नैतिकता को भी नया दृष्टिकोण प्रदान किया।

  रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाए हैं कि वॉटरमार्क वाले छत्तीसगढ़ी कागज़ से मध्यप्रदेश के लिए लगभग 2 लाख पुस्तकें कैसे छप गईं। उन्होंने इसे बड़ा “कागज़ घोटाला” बताते हुए राज्य सरकार और निगम की जवाबदेही पर प्रश्न चिह्न खड़ा किया।
  धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि इस छपाई हेतु यहाँ करीब 136 टन कागज़ का उपयोग किया गया, जबकि प्रदेश के स्कूलों को 18 लाख नई पुस्तकों की आवश्यकता है — जिनकी छपाई नहीं होने के कारण बच्चों को नवीन पुस्तकें नहीं मिल पाईं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुस्तकें न छपने के कारण शिक्षा विभाग ने 6 लाख पुराने पुस्तकों का वितरण किया है, जिससे बच्चों को उचित अध्ययन सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
  आरोप-प्रत्यारोप की भाषा में धनंजय ने कहा, “भाजपा की सरकार में चोरी आम बात बन चुकी है। अब बच्चों की पुस्तकों के लिए जिस कागज़ पर छत्तीसगढ़ का वॉटरमार्क लगा है, वह कागज़ भी चोरी हो गया। भाजपा का मूल काम कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार बन गया है — प्रदेश के बच्चे पुस्तक के लिए तरस रहे हैं और वही कागज़ मध्यप्रदेश की पुस्तकें छापने में चला गया। क्या यही सुशासन है?”

कांग्रेस की माँगें और मांगें की विवेचना
  धनंजय सिंह ठाकुर ने तत्काल कदम के रूप में मांग की है कि:
इस बड़े कागज़ चोरी/छपाई घोटाले की उच्चस्तरीय तथा निष्पक्ष जांच कराई जाए।
पाठ्य पुस्तक निगम के प्रमुख को तत्काल पद से हटाया जाए।
प्रदेश के स्कूलों में 18 लाख नई पुस्तकों की तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और जो भी ज़िम्मेदार हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने बताया कि यह मामला सिर्फ कागज़ की बर्बादी या गड़बड़ी नहीं, बल्कि बच्चों के शैक्षणिक अधिकार एवं सार्वजनिक निधि के दुरुपयोग का विषय है।
आगे की स्थिति
  कांग्रेस के इस आरोप के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। मामले की सच्चाई और जिम्मेदारों की पहचान हेतु प्राधिकरण द्वारा त्वरित और पारदर्शी जांच की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।

श्री गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति 58वें वर्ष में प्रवेश, नवरात्र पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

दुर्ग / शौर्यपथ / परंपरा का निर्वहन करते हुए श्री गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति, पुरानी गंजमंडी गंजपारा दुर्ग इस वर्ष अपना 58वां शारदेय नवरात्र महोत्सव बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मना रही है। विगत 57 वर्षों से लगातार मां जगदम्बा की भव्य प्रतिमा विराजमान कर उत्सव मनाने की परंपरा इस वर्ष भी जारी रहेगी।
  समिति ने स्पष्ट किया है कि प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए न तो किसी प्रकार का स्टॉल लगाया गया है और न ही किसी को पार्किंग हेतु अधिकृत किया गया है। पार्किंग व्यवस्था पूर्णत: निःशुल्क रहेगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला
   इस अवसर पर प्रतिदिन विविध सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे –
25 सितम्बर (गुरुवार), रात्रि 9:15 बजे से – रायपुर के कलाकार आदित्य सिन्हा नाइट
26 सितम्बर (शुक्रवार) – सुप्रसिद्ध भजन गायक बंटू भाई सेवक, दिल्ली एवं गौरव दत्त, तिजारा (राजस्थान) द्वारा बाबा खाटूश्याम जी के भजन
27 सितम्बर (शनिवार), रात्रि 9:15 बजे से – अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
  कवि: कुमार मनोज (लखनऊ), अरुण जैमिन (फरीदाबाद), डॉ. अनिल चौबे (बनारस), मोहित शौर्य (गाज़ियाबाद), दीपक दनादन (भोपाल), कृति चौबे (दिल्ली)
28 सितम्बर (रविवार) – छत्तीसगढ़ी कलाकार कंचन जोशी की विशेष प्रस्तुति
30 सितम्बर (मंगलवार) – अष्टमी हवन पूजन सुबह 10 बजे से
2 अक्टूबर (गुरुवार) – माता की महाप्रसादी (भंडारा) सुबह 10:30 बजे से
3 अक्टूबर (शुक्रवार) – विसर्जन यात्रा सुबह 9:30 बजे से

आमंत्रण : समिति ने समस्त श्रद्धालुओं एवं नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार सहित इन धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में सम्मिलित होकर मां जगदम्बा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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