August 02, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

नई दिल्ली / शौर्यपथ / राष्ट्रीय राधानी में इन दिनों पानी की किल्लत का मुद्दा गरमाया हुआ है. दिल्ली में लंबे समय से जारी पानी के संकट पर दिल्ली जलबोर्ड…
नई दिल्ली/ शौर्यपथ /आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड चुनावों के मद्देनजर ऐलान किया है कि अगर उत्तराखंड में 2022 में आप…
नई दिल्ली / शौर्यपथ / मोतिहारी बिहार के मोतिहारी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध केसरिया बुद्ध स्तूप इन दिनों बाढ़ के संकट से जूझ रहा है. केसरिया बौद्ध स्तूप चारों…
नई दिल्ली/ शौर्यपथ /दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के रविवार को दिल्ली पहुंचने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले 24 घंटों में मॉनसून के राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने…
नई दिल्ली/ शौर्यपथ / दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. क्राइम ब्रांच की टीम ने टिंडर एप के जरिये अमीर लोगों से दोस्ती कर उन्हें…

मुंगेली शौयपथ// मुंगेली के पड़ाव चौक पर GSS गुरुघासीदास सेवादार संघ औऱ VSS के द्वारा जो विरोध प्रदर्शन किया गया । सरकार औऱ प्रशासन के सही कार्यवाही नही करने को लेकर , एनसीपी (NCP) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की जिला मुंगेली इकाई इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती है औऱ उनकी मांगों को जायज ठहराती है , एनसीपी के जिलाध्यक्ष डॉ ० शैलेश कुमार सागर ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा की ज्ञात हो की ग्राम घठोली पुलिस चौकी चिल्फी के अंतर्गत एक 14/19/06/21 को आदिवासी समुदाय की एक महिला सवानाबाई ध्रुव की जमीन को हड़पने का प्रयास किया जाता है औऱ सफल नहीं होने पर उसको टोनही प्रचारित प्रताड़ित कर के उसको पूरी बर्बरता के साथ जिस तरीके से दिनदहाड़े जलाकर मार दिया जाता है ये कुकृत्य ने मानवता को शर्मसार किया है , सरकार औऱ प्रशासन क्या कर रही है , उनकी मांगों के अनुसार मुख्य आरोपी फरार है उसके ऊपर उचित धारा IPC 302 , SC ST एक्ट नहीं लगी है , सरकार को चाहिए की मुख्य आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तारी करवाये औऱ सलाखों के पीछे डालकर उसको सजा देने का काम करे ताकि कोई भी अपराधी अपने आप को कानून से ज्यादा ताकतवर ना समझे , औऱ उस पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके ! बाईट/डॉ ० शैलेश कुमार सागर , जिलाध्यक्ष एनसीपी ( राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ) मुंगेली ! मुख्य अरोपी के उपर तत्काल कार्यवाही किया जाये । ऐसा नही होने पर पुरे प्रदेश मे धरना प्रदर्शन उग्र आंदोलन किया जायेगा । इसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी ।

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में जब से ईई गोस्वामी ने अपना पद भार संभाला है तब से नए नए विवाद का जन्म होते रहा है कहने…

नगरी। भाजपा मंडल बेलरगाव के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से उनके निवास स्थान पहुंच कर सौजन्य मुलाकात की।

मंडल महामंत्री मनोहर मानिकपुरी ने बताया कि शुक्रवार को रायपुर पहुँचकर पूर्व मुख्य मंत्री रमनसिंग  से मुलाकात कर मंडल संगठन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई ।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने सिहावा क्षेत्र की विकास के बारे में भी जानकारी ली।

भेंट के दौरान मंडल अध्यक्ष अकबर कश्यप, उपाध्यक्ष मोहन पुजारी, महामंत्री राकेश चौबे उपस्थित थे।

नगरी। ग्राम सांकरा, मंडी प्रागण में भाजपा,पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिला धमतरी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष नंद कुमार यादव के नेतृत्व में वृक्षारोपण किया गया ।इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष शैलेन्द्र धेनुसेवक, महामंत्री गुरु प्रसाद साहू, मंडल अध्यक्ष मोहन नाहटा, अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री प्रदीप (बंटी) छाजेड, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष राजेशनाथ गोसाई, उपाध्यक्ष हरीश सार्वा, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुलोचना साहू, जन्मेजय साहू, कमलेश निर्मलकर,दुर्गेश साहू, युवा मोर्चा कार्यकारणीय सदस्य मनोहर नौरंगे एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार आज हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में आयोजित कर राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किया गया। नेशनल लोक अदालत में 10 हजार प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, जिसमें लगभग एक हजार मामले कोरोना काल में उल्लंघन से संबंधित धारा 188 के हैं जो शासन की पहल पर वापस लिये गये हैं। लोक अदालत प्रकरणों का निराकरण पक्षकारों की भौतिक अथवा वर्चुअल उपस्थिति में किया गया।
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार उक्त लोक अदालत हेतु प्रत्येक जिलों को मजिस्टेªट की स्पेशल सिटिंग की शक्ति प्रदान दी गई थी, छोटे-छोटे मामलों में पक्षकारों की स्वीकृति के आधार पर निराकृत किए गए। इसके अतिरिक्त विशेष प्रकरणों जैसे धारा 321 दप्रस, 258 दप्रसं एवं पेट्टी आफेंन्स के प्रकरणों तथा कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किये गये। ऐसे मामले जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए थे, उन्हें भी प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के रूप में पक्षकारों की आपसी समझौते के आधार पर निराकृत किये गये। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा उक्त नेशनल लोक अदालत में 04 खण्डपीठों के द्वारा कुल 123 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिसमें मोटर दुर्घटना के 103 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2 करोड़ 39 लाख 90 हजार 840 रूपए का अवार्ड पारित किया गया है।
देश की पहली मोबाईल लोक अदालत वैन के माध्यम से
पक्षकारों तक पहुंचकर मामलों का निराकरण
श्री न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार देश की पहली मोबाईल लोक अदालत को आयोजित करते हुए जि0वि0से0प्रा0 रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव एवं महासमुंद के द्वारा जिला न्यायालय में लंबित 07 प्रकरणों को मोबाईल लोक अदालत वैन के माध्यम से पक्षकारों के घर पहुंचकर प्रकरणों को आपसी सुलह समझौते के द्वारा निराकरण किया गया। इन मामलों में 2 प्रकरण दिव्यांग व्यक्तियों के जो जिला न्यायालय महासमंुद जिले के संबंधित थे, 01 व्यक्ति जिला चिकित्सालय में भर्ती था, 02 व्यक्ति बीमार होने के कारण न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे तथा 02 व्यक्ति वृद्ध होने के कारण न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पा रहे थेे, जिनके प्रकरणों के निराकरण हेतु मोबाईल लोक अदालत वैन उनके पास तक पहुचंी एवं प्रकरणों का निराकरण की कार्यवाही पूर्ण की गई।
श्री हरेन्द्र नाग, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, दुर्ग के न्यायालय में ‘‘राज्य वि0 आकाश यादव वगैरह’’ प्रकरण धारा 323, 294, 506 भा.दं.सं. के अंतर्गत 2018 से लंबित था। उक्त प्रकरण को राजीनामा हेतु आज दिनांक 10/07/2021 को खण्डपीठ में रखी गई थी। उक्त प्रकरण में तीन प्रार्थी थे, जिसमें से दो प्रार्थी न्यायालय में उपस्थित हो गए थे, परन्तु एक प्रार्थी दयानंद नामक व्यक्ति बीमार होने के कारण अस्पताल में भर्ती था, जिसकी सहमति के बिना राजीनामा होना संभव नहीं था। उक्त सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को मिलने पर उनके द्वारा पक्षकार के मोबाईल नंबर के माध्यम से संपर्क किया गया, जिस पर प्रार्थी ने बताया कि वह अभी चलने-फिरने में असमर्थ है, वह अपनी सहमति प्रदान करने हेतु न्यायालय नहीं आ सकता है। ऐसे में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा माननीय श्री राजेश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग को उक्त जानकारी प्रदान की गई, जिस पर अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निर्देशित करने पर पी.एल.व्ही. श्री दुलेश्वर मटियारा को मोबाईल वैन के माध्यम से उक्त प्रार्थी का राजीनामा हेतु सहमति अंकित किए जाने हेतु भेजा गया, जिसमें प्रार्थी ने उक्त प्रकरण को राजीनामा के माध्यम से खत्म करने हेतु अपनी सहमति व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2018 से लंबित यह प्रकरण समाप्त किया गया।
सुश्री रूचि मिश्रा, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, दुर्ग के न्यायालय में लंबित प्रकरण क्र. 10801/19 ‘‘छत्तीसगढ़ सहकारी समिति वि0 रायेश कांत फिरगी’’ में प्रार्थी वासुदेव की तबीयत खराब होने के कारण वह न्यायालय आने में असमर्थ था, तब सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा माननीय श्री राजेश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग को उक्त जानकारी प्रदान की गई, जिस पर अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निर्देशित करने पर पी.एल.व्ही. श्री वासुदेव यादव द्वारा मोबाईल वैन के माध्यम से प्रार्थी तक पहुंचा गया तथा उनकी राजीनामा हेतु सहमति प्राप्त किया गया। इसी न्यायालय में लंबित एक अन्य प्रकरण में पक्षकार वृद्ध (उम्र 65 वर्ष) होने के कारण न्यायालय आने में असमर्थ था, जिसे भी मोबाईल वैन के माध्यम से संपर्क किया गया एवं उसकी राजीनामा में सहमति प्राप्त की गई।
श्री आनंद कुमार बघेल, अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में लंबित मोटर दुर्घटना मुआवजा से संबंधित प्रकरण 463/2019 ‘‘श्रीमती भावना महुुले वि0 बीनानाथ शाह’’, की प्रार्थिया चोट से ग्रसित होने के कारण न्यायालय आने में असमर्थ थी, तब सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा माननीय श्री राजेश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग को उक्त जानकारी प्रदान की गई, जिस पर अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निर्देशित करने पर पी.एल.व्ही. श्री ज्ञानेश्वर द्वारा प्रार्थिया से संपर्क किया गया एवं मोबाईल वैन के माध्यम से उन तक पहुंचा गया एवं उनकी राजीनामा हेतु सहमति प्राप्त कर 9 लाख 50 हजार रूपए की मुआवजा राशि स्वीकृत की गई।
19 लाख 20 हजार के न्याय शुल्क की वापसी का आदेश
जिला न्याायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव के न्यायालय मंे लंबित व्यवहार वाद संविदा के विशिष्ट पालन हेतु 6 करोड़ 20 लाख रूपए का अस्थायी निषेधाज्ञा हेतु मामला 20-7-2020 पेेश किया गया था जिसमें 19 लाख 20 हजार का न्याय शुल्क चस्पा किया गया था। प्रकरण में प्रतिवादीगण 2 करोड़ 18 लाख रूपए प्रदान करने हेतु सहमत हुए, जिसके फलस्वरूप न्याय शुल्क के रूप में जमा 19 लाख 20 हजार रूपए की वापसी का आदेश न्यायालय द्वारा पारित किया गया।
न्याय खुद चल पड़ा पक्षकारों के द्वार
आज रोड एक्सीडेंट के एक मामले में 78 वर्ष के बुजुर्ग पक्षकार, अली असगर अजीज को न्यायालय आने में परेशानी थी, उनके घुटनों का ऑपरेशन हुआ था, जिस कारण वे चलने-फिरने में असमर्थ थे और बुजुर्ग होने के कारण वे मोबाइल का उपयोग भी नहीं कर पाते थे। उनकी परेशानी को देखते हुये प्राधिकरण ने दो पैरा वालिंटियर्स को उनके पास भेजा और उन पैरालीगल वालिंटियर्स ने, रायपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री भूपेन्द्र कुमार वासनीकर की खंडपीठ में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से निशक्त पक्षकार अली असगर को उपस्थित कराया। न्यायालय द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ही अली असगर को समझाईश दी गई और राजीनामा के संबंध में चर्चा की गई। थाना कोतवाली, रायपुर के अपराध क्रमांक 372/2020 में राजीनामा के उपरांत मामला समाप्त किया।
इसी तरह चेक बाउंस के एक अन्य मामले में पक्षकार राजवंत सिंह एक दुर्घटना का शिकार हो गये और उनकी पसलियॉं टूट गई। वर्तमान में वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं। राजवंत सिंह भी अपने मामले में राजीनामा कर मामले को खत्म करना चाहते थे लेकिन अपने स्वास्थगत कारणों से वे न्यायालय आने में असमर्थ थे। राजवंत सिंह विरोधी पक्षकार को लिये गये उधार के एवज में चेक, न्यायालय के सामने देना चाहते थे। जब यह बात प्राधिकरण को पता चली तो प्राधिकरण ने पैरा वालिंटियर्स को वाहन सहित उनके घर भेजा और उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें न्यायालय लेकर आ गये और डा. सुमित सोनी के न्यायालय में उन्होंने चेक प्रदान किया और राजीनामा के माध्यम से यह मामला भी खत्म हुआ।
40 वर्ष पुराने मामले का निराकरण
भूमि संबंधी विवाद को लेकर रामदुलार चौधरी वगै0 के पिता शिबोधी चौधरी के द्वारा वर्ष 1980 में शिवमंगल सिंह के विरूद्ध माननीय व्यवहार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। मामला यह था कि शिबोधी चौधरी ने वर्ष 1975 में भूमि क्रय की थी उसी भूमि को शिवमंगल सिंह के द्वारा क्रय कर उस पर नामान्तरण कराकर काबिज हुआ जिसके फलस्वरूप उनके मध्य भूमि के स्वत्व एवं कब्जा संबंधी व्यवहारवाद संचालित हुआ। उक्त व्यवहारवाद के लंबनकाल में उभय पक्ष शिबोधी चौधरी एवं शिवमंगल सिंह की मृत्यु भी हो गयी, उसके पश्चात् उनके उत्तराधिकारीगण प्रकरण में पक्षकार बनकर प्रकरण संचालित किये। इस मध्य प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष भी लंबित रहा, उक्त मामला माननीय व्यवहार न्यायालय के समक्ष 35 वर्षों तक संचालित रहा और वर्ष 2015 में व्यवहार न्यायालय के क्षरा प्रकरण का निराकरण स्व0 शिबोधी चौधरी के उत्तराधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया जिसके विरूद्ध स्व0 शिवमंगल सिंह के उत्तराधिकारियों के द्वारा वरिष्ठ न्यायालय माननीय पंचम अपर जिला न्यायाधीश अंबिकापुर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई। उक्त अपील के निराकरण के लिए उभय पक्षों के मध्य समझौता की बातचीत हुई। जिसमें संबंधित न्यायालय के द्वारा उभय पक्षों को समझाईश दी गई। अंततः मामला उभय पक्षों के द्वारा संबंधित न्यायालय के पीठासीन अधिकारी श्री ओम प्रकाश जायसवाल साहब की समझाईश तथा आपसी बातचीत कर समझौता के आधार पर अपील का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से 6 वर्षों के पश्चात् हो गया। उक्त समझौता प्रकरण 40 वर्ष पुराना होने के कारण संबंधित न्यायालय के पीठासीन अधिकारी के समझाईश एवं सहयोग से हुआ जिसमें उभय पक्ष के अधिवक्तागण श्री विकास श्रीवास्तव एवं श्री उदयराज तिवारी ने भी सहयोग दिया।

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