August 02, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / लीची बारिश का सीजनल फल है। लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। इसके सेवन से कई सारे हेल्‍थ बेनिफिट्स भी…
दुर्ग / शौर्यपथ / एक तरफ जहां पुरे प्रदेश में मुख्यमंत्री की महत्त्वपूर्ण योजना गोवंश की रक्षा के लिए प्रदेश सरकार गोथानो का निर्माण कर रही वही दुर्ग निगम आयुक्त…

कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने रथ-यात्रा पर्व का आनंद लेते हुए सभी को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन के नियमों का पालन करने किया आग्रह

      रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज रथ दूज के अवसर पर अपने निवास कार्यालय में महाप्रभु जगन्नाथ, माता सुभद्रा एवं भगवान बलभद्र जी का मंत्रोच्चार एवं शंख ध्वनि के साथ विधिवत पूजा अर्चना कर महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना करते हुए सभी को रथ-यात्रा पर्व की बधाई एवँ शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री बघेल गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर से वर्चुअल रूप से जुड़ते हुए महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन किए और रथ यात्रा महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान जगन्नाथ ओडिशा और छत्तीसगढ़ की संस्कृति से समान रूप से जुड़े हुए हैं। रथ-दूज का यह त्यौहार ओडिशा की तरह छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी अभिन्न हिस्सा है। छत्तीसगढ़ के शहरों में आज के दिन भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। उत्कल संस्कृति और दक्षिण कोसल की संस्कृति के बीच की यह साझेदारी अटूट है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण-तीर्थ है। यहीं से वे जगन्नाथपुरी जाकर स्थापित हुए। शिवरीनारायण में ही त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के मीठे बेरों को ग्रहण किया था। यहाँ वर्तमान में नर-नारायण का मंदिर स्थापित है। शिवरीनारायण में सतयुग से ही त्रिवेणी संगम रहा है, जहां महानदी, शिवनाथ और जोंक नदियों का मिलन होता है। छत्तीसगढ़ में भगवान राम के वनवास-काल से संबंधित स्थानों को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए शासन ने राम-वन-गमन-परिपथ के विकास की योजना बनाई है। इस योजना में शिवरीनारायण भी शामिल है। शिवरीनारायण के विकास और सौंदर्यीकरण से ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक साझेदारी और गहरी होगी।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भगवान जगन्नाथ से जुड़ा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र देवभोग भी है। भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण से पुरी जाकर स्थापित हो गए, तब भी उनके भोग के लिए चावल देवभोग से ही भेजा जाता रहा। देवभोग के नाम में ही भगवान जगन्नाथ की महिमा समाई हुई है।
उन्होंने ने बताया कि बस्तर का इतिहास भी भगवान जगन्नाथ से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। सन् 1408 में बस्तर के राजा पुरुषोत्तमदेव ने पुरी जाकर भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया था। उसी की याद में वहां रथ-यात्रा का त्यौहार गोंचा-पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार की प्रसिद्धि पूरे विश्व में है। उत्तर-छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले के पोड़ी ग्राम में भी भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं। वहां भी उनकी पूजा अर्चना की बहुत पुरानी परंपरा है।
ओड़िशा की तरह छत्तीसगढ़ में भी भगवान जगन्नाथ के प्रसाद के रूप में चना और मूंग का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद से निरोगी जीवन प्राप्त होता है। जिस तरह छत्तीसगढ़ से निकलने वाली महानदी ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों को समान रूप से जीवन देती है, उसी तरह भगवान जगन्नाथ की कृपा दोनों प्रदेशों को समान रूप से मिलती रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि यह समय, पूरे विश्व के लिए कठिन समय है। कोरोना महामारी ने हम सभी को बहुत पीड़ा दी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के समय हमने बहुत कुछ खोया है। अब भी संकट टला नहीं है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि तीसरी लहर भी आ सकती है। भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना है कि वे हमें इस संकट से उबारें। वे इस महामारी से हम सबकी रक्षा करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि रथ-यात्रा पर्व का आनंद लेते हुए भी सभी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन के नियमों का पालन करें। नियमों का पालन करके ही आप स्वयं को, तथा अपने परिवार को सुरक्षित रख पाएंगे। जिन लोगों ने अब तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है उन्हें जल्दी से जल्दी टीका लगवा लेना चाहिए।
इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे।
इसके साथ ही कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, गायत्री मंदिर के संचालक पुरन्दर मिश्रा एवं जनप्रतिनिधिगण जगन्नाथ मंदिर गायत्री नगर रायपुर से वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे ।

रायपुर / शौर्यपथ / लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार के निर्देश पर दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में पेयजल सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। इसी कड़ी में ग्रामीणों की मांग पर संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी की अनुशंसा पर कांकेर कलेक्टर चन्दन कुमार ने आज नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम डुमरपानी के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु पावर पंप से जीआई पाईप लाईन विस्तार के लिए 12 लाख 37 हजार रूपए स्वीकृति प्रदान की।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम डुमरपानी के ग्रामीण द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ फ्लोराईडयुक्त पेयजल की समस्या के निराकरण के लिए संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी तथा कलेक्टर से मुलाकात कर इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु पावर पंप से पाईप लाईन विस्तार के लिए अनुरोध किया गया था। उनकी इस समस्या को देखते हुए संसदीय सचिव श्री शोरी की अनुशंसा पर कांकेर कलेक्टर ने तत्काल जीआई पाईप लाईन विस्तार के लिए 12 लाख 37 हजार रूपए की राशि की स्वीकृति दी है।


विकास में कोई भी पीछे न छूटे : मुख्यमंत्री बघेल
’’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ और ’’बेसलाईन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट 2020’’ का विमोचन
स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के तर्ज पर जल्द ही ’डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ का भी होगा निर्धारण

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार का विकास एजेण्डा और राज्य सरकार की योजनाएं संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य से जुड़ी हुई हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि विकास में कोई भी पीछे न छूटे। राज्य सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में सतत विकास लक्ष्य की समीक्षा के लिए गठित राज्य स्तरीय सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) संचालन समिति की प्रथम बैठक कोे सम्बोधित कर रहे थे। संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों में गरीबी खत्म करना, पर्यावरण की रक्षा, आर्थिक असमानता को कम करना और सभी के लिए शांति और न्याय सुनिश्चित करना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं यथा मध्यान्ह भोजन, मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना, सर्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली, हाट बाजार एवं मोहल्ला क्लीनिक योजना, महतारी जतन योजना, राजीव गंाधी किसान न्याय, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों के उद्देेश्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने सतत् विकास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ तथा उस पर आधारित ’’बेसलाईन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट 2020’’ का विमोचन किया। उन्हांेने बैठक में विभागों को सतत् विकास लक्ष्य प्राप्ति हेतु तेजी से काम करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ से लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सुनियोजित रुप से मूल्यांकन, अनुश्रवण और अनुशीलन किया जा सकेगा, जिससे विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों के क्रियान्वयन मंे कसावट आयेगी और राज्य की रैकिंग में सुधार होगा। इस फ्रेमवर्क मंे 17 लक्ष्यों के मूल्यांकन हेतु 275 इंडिकेटर्स का निर्धारण किया गया है। फ्रेमवर्क में प्रत्येक इंडिकेटर को विभागों के साथ मैप किया गया है साथ ही विभिन्न योजनाओं की भी मैपिंग की गई है। योजना आयोग द्वारा तैयार किये गए प्रत्येक एस.डी.जी. लक्ष्य हेतु इंडिकेटर्स से सभी लक्ष्यों की समयाबद्ध पूर्ति में विभागों को सहायता मिलेगी तथा व्यवस्थित रुप से मूल्यांकन भी संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य योजना आयोग के स्तर पर एस.डी.जी. सेल गठित करने के प्रस्ताव पर विचार करने की सहमति दी।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के तर्ज पर जल्द ही डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क का भी निर्धारण किया जाएगा, जिससे सभी जिलों को उनके परफॉरमेंस के आधार पर रैकिंग दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा हाल में ही ’’एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स’’ जारी किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ ने 61 अंक हासिल कर ’’परफार्मर’’ राज्य की श्रेणी मंे स्थान बनाया है। राज्य ने लैगिंक समानता मंे पूरे देश में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 सितम्बर 2015 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70 वी बैठक मंे सतत विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.)को अंतराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अपनाया गया। जिसमें 17 गोल 169 लक्ष्य एवं 231 इन्डिकेटर को स्वीकृत करते हुये सतत विकास के कार्यक्रम को प्रारंभ करने का संकल्प लिया गया। हमारा देश भारत भी इसके लिये संकल्पित है। उसी प्रकार हमारा छत्तीसगढ़ भी मानव कल्याण के इस बड़े अभियान के लिये संकल्पित है। राज्य सरकार के विकास एजेंडा, जनघोषणा पत्र के उद्देश्य में भी, एस.डी.जी. ध्येय के अनुरुप अंत्योदय का संकल्प सम्मिलित है और हम सब इसके लिये प्रतिबद्ध है। एस.डी.जी. के सिद्धान्त के अनुरुप ही राज्य सरकार भी अपनी योजनाओं को इस प्रकार क्रियान्वित कर रही है कि विकास के लाभ अंतिम छोर पर बैठक व्यक्ति तक प्रभावी रुप से पहुंच सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य योजना आयोग ने सिविल सोसायटी, बिजनेस आर्गेनाइजेशन, विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, विषय विशेषज्ञों एवं युवाओं की कार्यशालायें आयोजित कर संबंधितों को अभियान के प्रति जागरुक करने एवं इससे जोड़ने के प्रयास किए हैं।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क सतत विकास लक्ष्यों को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक होगा। योजना आयोग द्वारा प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयार की गई है। जिसमें इंडिकेटरवार प्रगति सूचित की गई है। उन्होंने विभागाध्यक्षों तथा जिला अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं की इसी फ्रेमवर्क के आधार पर मॉनिटरिंग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद राज्य योजना आयोग ने संबंधित विभागों के समन्वय से यह फ्रेमवर्क तैयार करने का सराहनीय प्रयास किया है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इंडेक्स ने लक्ष्यवार राज्य की रैंकिंग में सुधार करने, गुणवत्तायुक्त डाटा संग्रहण की आवश्यकता बताई।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह द्वारा एस.डी.जी. निर्धारण हेतु किये गये प्रयास, संस्थागत ढ़ांचा निर्धारण, राज्य एवं जिला स्तर पर अनुश्रवण व अनुशीलन हेतु गठित समितियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसडीजी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दो समितियां तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता समिति गठित की गई है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने बैठक में बताया कि अभी तक कुछ ही राज्यों ने ’एस.डी.जी. इंडिकेटर फ्रेमवर्क व प्रोग्रेस रिपोर्ट’ का निर्धारण किया है। इंडेक्स में छत्तीसगढ़ राज्य को परफार्मर की श्रेणी में रखा गया है। जिसमें सुधार की काफी संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ द्वारा त्वरित रुप से प्राथमिकता से तैयार किये गये इंडिकेटर फ्रेमवर्क से सर्वांगीण विकास हेतु सभी सेक्टर प्रभावी रुप से सक्रिय हो सकेंगे।
बैठक में योजना एवं साख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा और राजेश तिवारी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, सदस्य सचिव श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव, राज्य योजना आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, सचिव वित्त श्रीमती अलरमेलमंगई डी., आयुक्त योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, युनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकारिया, युनिसेफ के बाल परितोष दास और मेहबूब रहमान वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए।

राज्यपाल का चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया सम्मान

    रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके का आज राजभवन में स्व.चंदूलाल चंद्राकर स्मृति मेडिकल कॉलेज दुर्ग के विद्यार्थियों और पालकगण ने सम्मान किया और उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में सकारात्मक रहता है उसे अवश्य सफलता मिलती है। हमेशा सकारात्मक भाव रखें, कभी भी नकारात्मक ना रहे। यह बात सुश्री उइके ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की अन्य समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को विद्यार्थियों की समस्याओं की पहल के लिए धन्यवाद दिया।
  राज्यपाल ने कहा कि मुझे अलग-अलग दायित्व के रूप में काम करने का अवसर मिला। जब से मैने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का दायित्व संभाला है, जो भी मेरे समक्ष राजभवन आया है उसे न्याय दिलाने की हरसंभव कोशिश करती हूं। उन्होंने कहा कि चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी मेरे समक्ष आए तो मैं उनकी भावनाओं को समझा और उनकी मदद करने के लिए हरसंभव प्रयास किया। उनकी समस्याओं को जानने के बाद मैंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को विभिन्न माध्यमों से आग्रह किया कि विद्यार्थियों की समस्या को गंभीरता से ले और समाधान करें। शासन ने इसके अधिग्रहण के लिए घोषणा की थी परंतु प्रक्रियाओं के चलते विलंब हो रहा था। तब मैने शासन के अधिकारियों से इस संबंध में बात किया और जल्द समाधान करने का निर्देश दिया। जिससे शासन ने जल्द कार्रवाई की।
   विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल के तौर पर पालकगण ने राज्यपाल का धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्यपाल की अत्यंत संवेदनशीलता और समर्पण भाव के कारण विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित हो गया। शासन ने उक्त कॉलेज के विद्यार्थियों को अन्य शासकीय मेडिकल कॉलेज के सीटों में पुनः आबंटन करने की सहमति दे दी है। न्यायालयीन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आबंटन की प्रक्रिया पूर्ण होने की संभावना है। साथ ही आशा है कि नेशनल मेडिकल कॉंन्सिल भी इस विषय में सहमति दे देगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या पर चंदूलाल चंद्राकर निजी चिकित्सा महाविद्यालय के विद्यार्थी एवं पालकगण उपस्थित थे।

आस्था / शौर्यपथ / आषाढ़ मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। आदिकाल में देवर्षि नारद ने एक हजार साल…
आस्था /शौर्यपथ /मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित है। इस दिन हनुमान जी की सच्चे मन से उपासना करने से हर संकट से रक्षा होती…
खाना खजाना / शौर्यपथ / बारिश का हो मौसम और चिकन खाने का करें मन तो झटपट ट्राई करें ये टेस्टी पंजाबी लेमन पेपर चिकन…

खेल / शौर्यपथ / अपने टेस्ट डेब्यू में लॉर्ड्स के मैदान पर दोहरा शतक जमाने वाले डेवोन कॉनवे को आईसीसी ने जून महीने का बेस्ट क्रिकेटर चुना है। कॉनवे ने न्यूजीलैंड की टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब दिलाने में बल्ले से अहम योगदान दिया था। वहीं, इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई दो मैचों की टेस्ट सीरीज में कॉनवे ने सर्वाधिक रन बनाए थे। डेवोन कॉनवे की बेहतरीन बल्लेबाजी के दम पर न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड की सरजमीं पर 22 साल बाद टेस्ट सीरीज को अपने नाम किया था।
कॉनवे ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज के 2 मैचों की चार पारियों में 76.50 की औसत से 306 रन कूटे थे। उन्होंने अपने टेस्ट करियर की पहली इनिंग में 200 रन बनाए थे। सिर्फ यही नहीं, डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत के खिलाफ कॉनवे टीम की तरफ से अर्धशतक जमाने वाले इकलौते बल्लेबाज रहे थे। आईसीसी ने जून महीने के बेस्ट क्रिकेटर के लिए कॉनवे के अलावा डब्ल्यूटीसी फाइनल में धारदार गेंदबाजी करने वाले काइल जैमिसन और साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक को नॉमिनेट किया था। कॉनवे इन दोनों खिलाड़ियों को मात देने में सफल रहे।
काइल जेमीसन ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी गेंदबाजी से भारतीय बैटिंग ऑर्डर की कमर तोड़कर रख दी थी। उन्होंने फाइनल मुकाबले की दोनों ही पारियों में विराट कोहली का विकेट हासिल किया था। जेमीसन को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था। वहीं, क्विंटन डिकॉक ने वेस्टइंडीज के खिलाफ कुछ शानदार पारियां खेली थी। साउथ अफ्रीका ने वेस्टइंडीज को 5 मैचों की टी-20 सीरीज में 3-2 से शिकस्त दी थी।

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