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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
धमतरी ब्यूरो शौर्य पथ
नरेश छेदैहा महासचिव श्री राम नव युवक परिषद नगरी ने बताया की "नगरीमें पारम्परिक माता पहुंचानी का आयोजन गुरुवार को किया। भक्त जनों को नईबस्ती माता सेवा दल व पुरानी बस्ती माता सेवा दल के भक्त जनों द्वारा शोभायात्रा निकालकर जसगीत व ढोल मंजीरे के करतल ध्वनि के साथ अगवानी करके माता देवालय पहुंचाये जाने की परम्परा है लेकिन इस वर्ष समय अनुकूल नहीं होने के कारण शोभायात्रा नहीं निकाली गई। भक्तों को अपनी सुविधा के अनुसार सीधे माता देवालय पहुंचने का अनुरोध आयोजक नगर व्यवस्था समिति ने किया था। लोग सोशल डिस्टेंस व सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए माता देवालय पहुंचकर मन्नत की सामाग्री समर्पित किए । पुजारियों ने नीम की पत्ती से सिर पर दही का आचमन कर शांति कराई"
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष ललित प्रसाद शर्मा, उपाध्यक्ष माखन भरेवा, कोषाध्यक्ष श्रवण नाग,सचिव ज्वाला प्रसाद साहु, सहसचिव नोहर लाल साहु, पुजारी गण रमेश कश्यप,सुखु राम साहु, उत्तम गौर,अरुण सार्वा,तिहारू मरकाम,ईतवारी नेताम, प्रफुल्ल अमतिया,
फुलमाली गेंदलाल पटेल,वीरकूमार हिरवानी,नोहरू साहू,श्री राम नव युवक परिषद नगरी के अध्यक्ष गजेन्द्र कंचन उपाध्यक्ष अशोक पटेल,मनोज साहु, कोषाध्यक्ष बृजलाल सार्वा,सचिव नरेश छेदैहा, सहसचिव भरत साहु,माता सेवा दल नई बस्ती नगरी के अध्यक्ष अश्विनी यादव,नव आनंद कला में मंदिर नगरी के उपाध्यक्ष सुरेश साहु, नगर पुरोहित पंडित ठकुरीधर शर्मा, झाड़ू राम यादव,डाक्टर सुरेश सार्वा,नन्द यादव ,हेमलाल सेन,परसादी राम चंद्रवंशी,दीपक शर्माकार्तिक पटेल,ओम प्रकाश सोम,शंभु मानिकपुरी, नारायण नागर्ची उपस्थित थे।
धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ
नशा केवल शराब और तम्बाकू का ही नहीं होता है बल्कि अफीम, चरस, गांजा, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों का भी होता है जो लोगों को बुरी तरह प्रभावित करता है । नशीले पदार्थों का प्रयोग आज एक विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है।देश में मादक पदार्थों के सेवन के प्रति युवा पीढ़ी ग्लैमर लाईफ स्टाइल की झूठी शान दिखाने के चक्कर में अंधी दौड में शामिल हो रही है । शहरी क्षेत्र ही नही बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है ।
युवा पीढ़ी ज़्यादातर स्कूल-कालेजों के छात्र जीवन में अपने साथियों के कहने या मित्र मंण्डली के दबाव डालने पर या फिर मॉडर्न दिखने की चाह में इनका सेवन शुरु करते हैं। कुछ युवक मादक पदार्थों से होने वाली अनुभूति को अनुभव करने के लिए, तो कुछ रोमांचक अनुभवों के लिए तो कुछ ऐसे लोग होते है जो मानसिक तौर पर परेशानी या हताशा के हालात में इनका सेवन शुरू करते हैं। मानव जीवन की रक्षा के लिए बनाई जाने वाली कुछ दवाओं का उपयोग भी लोग अब तो नशा करने के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं।
जिला अस्पताल पंडरी में स्थित स्पर्श क्लीनिक के मनोचिकित्सक डॉ. अविनाश शुक्ला ने बताया कोई भी व्यक्ति एक दिन में नशे का आदी नहीं होता है । यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है । शौक धीरे धीरे आदी बना देता है जब व्यक्ति नशे की गिरफ्त में आताहै।उससे पहले वह कुछ संकेत भी देता है । उन संकेतों को परिवार को समझना बहुत जरूरी होता है ।
जून 26 को हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवसके रूप में मनाया जाता है।इस वर्ष की थीम ही "बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान" है ।
आदी होने से पूर्व लक्षण जो देखे जाते है
खेलकूद और रोजमर्रा के कामों में दिलचस्पी न लेना , भूख कम लगना, वजन कम हो जाना, शरीर में कंपकंपी छूटना, आंखें लालऔरसूजी हुई लगना, दिखाई कम देना, चक्कर आना, उल्टी दस्त आना, अत्यधिक पसीना आना, शरीर में दर्द लगना , नींद न आना की समस्या , चिड़चिड़ापन, सुस्ती, आलस्य, निराशा, गहरी चिन्ता, सुई के माध्यम से मादक पदार्थ को लेने वालों व्यक्ति को एड्स का खतरा भी रहता है।
पदार्थ जिनका व्यसन होता है
शराब,(बियर व्हिस्की रम हंडिया महुआ ठर्रा), तंबाकू उत्पाद (तंबाकू बीड़ी बीड़ी सिगरेट गुड़ाखू गुटका नसवार), गांजा चरस भांग,अफीम,भुक्की, डोडा, हेरोइन, ब्राउन शुगर, स्मैक फोर्टविन (पेंटाजोसिन) कोकिन, नींद की गोलियां, सांस के माध्यम से लिए जाने वाले पदार्थ जैसे गैस, पेंट, पेट्रोल, गोंद, डेन्ड्राइड व्हाइटनर ।
डेन्ड्राइड और व्हाइटनर का उपयोगस्कूल के बच्चे, या सड़कों पर कचरा बिनने वाले बच्चे में ज्यादा देखने को मिलता है क्यूंकि ये आसानी से उपलब्ध होता है, और किसी को शक भी नहीं होता है ।
मादक पदार्थ को कुछ भागों में बांट सकते है ।
अपशामक, मतिभ्रम उत्पन्न करने वाले पदार्थ, निच्श्रेतक और दर्द निवारक मादक पदार्थ,उत्तेजक,भांग से निर्मित मादक पदार्थ,
अपशामक - मस्तिष्क की सक्रियता कम कर देते हैं। ये पदार्थ हैं, अल्कोहल, सिकोनाल, नेमब्यूटाल, गाडेर्नाल, वैलियम, लिबियम, मैन्ड्रेक्स, डोरिडेन, N10, एलप्रेक्स, नाइट्रो सन, है।
मतिभ्रम उत्पन्न करने वाले पदार्थ - हमारे देखने, सुनने और महसूस करने की क्षमता पर प्रभाव डालते हैं।
निच्श्रेतक और दर्द निवारक मादक पदार्थ-अफीम, मॉर्फीन, कोकीन, हेरोइन, ब्राउन शूगर, मेथाजेन, पेथीडीन, मेप्राडीन है।
उत्तेजक - मस्तिष्क के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्रों की सक्रियता बढ़ा देते हैं। जैसे, बैंजोड्रिन, डैक्सेड्रिन, मैथेड्रिन, कोकीन, निकोटीन है ।
भांग से निर्मित मादक पदार्थ - गांजा, हशीश, चरस
नशीले पदार्थ और तस्करी के मामले भारत में नारकोटिक ड्रग्स एंड सायकोट्रॉपिक सब्सटनसीज एक्ट (NDPS एक्ट)2014 के अंतर्गत आतेहैं। जोलोग नशीले पदार्थों कीतस्करी अथवा व्यापार करते है, उनकेइस व्यापार/तस्करी से अर्जित की हुए संपत्ति भी सरकार जब्त कर सकती है और सज़ा के साथ साथ जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है ।
क्या कहते हैं आंकड़े
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वे 2015-16के अनुसार छत्तीसगढ़ में 29.86 % लोग तम्बाकू खाने के आदि है जबकि 7.14 % शराब पीने के ।
धमतरी ब्यूरो/ शौर्य पथ
छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री पूर्णचंद पाढ़ी औऱ धमतरी जिला प्रभारी मोहम्मद अजहर के निर्देशानुसार एवं सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव की उपस्थिति में युवा कांग्रेस सिहावा विधानसभा के युवाओं के द्वारा केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मे पेट्रोल डीजल के दामो मे लगातार मूल्यवृद्धि के विरोध मे एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया इस दौरान डॉ. ध्रुव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार मे कच्चे तेल की कीमत मे लगातार गिरावट है इसके बावजूद केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दामों मे लगातार मूल्यवृद्धि की जा रही है चूंकि डीजल का संबंध सीधे सीधे बाजार मे उपलब्ध सभी उपभोग की वस्तुओं पर पड़ता है लगातार डीज़ल के मूल्यवृद्धि होने से सभी आवश्यक वस्तुओं का दाम बढ़ता जा रहा है एवं महंगाई दिनों दिन आसमान छू रही है मोदी सरकार द्वारा सिर्फ और सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों मे टैक्स ही बढ़ाया जा रहा है ,कोरोना महामारी के इस वैश्विक संकट के बीच पेट्रोल डीज़ल के दाम लगातार बढ़ाना केंद्र सरकार की तानाशाही रवैये को दर्शाता है केंद्र सरकार की खराब आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था दिनों दिन चौपट होते जा रही है।
साथ ही इस कार्यक्रम मे विधायक प्रतिनिधि रुद्र्प्रताप नाग,माखन भरेवा,वार्ड क्र. 04 पार्षद जितेन्द्र ध्रुव, वार्ड 13 पार्षद सोहन चतुर्वेदी,एल्डरमैन भरत निर्मलकर, हासम मेमन,सचिन भंसाली, वीरेंद्र निर्मलकर,हेमू साहू,युवा कांग्रेस सिहावा विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप साहू, एनएसयूआई सिहावा विधानसभा अध्यक्ष आदित्य तिवारी,ब्लॉक अध्यक्ष युवा कांग्रेस भीष्म यादव,जिला महासचिव युवा कांग्रेस नदीम अली, युवा कांग्रेस सिहावा विधानसभा उपाध्यक्ष महेंद्र पांडे,सोहेल मंसूरी,मनोज मरकाम,ईशु अली,भरत लहरे,डिगेन्द्र चिन्डा,विनय चौहान,आत्मा राम नेताम,गीतेश साव, शेख रज़ा सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते शामिल हुवे
धमतरी/ नगरी /शौर्य पथ
पुलिस लाख दावे कर ले, लेकिन सट्टा या कहे मटका पर अंकुश लगाने में विफल रही है।
पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए नगरी सहीत पूरे जिले में अब इंटरनेट के माध्यम से वॉट्सएप पर यह कारोबार चल रहा है ।
सट्टा रैकेट के सरगन एजेंट्स के वॉट्सएप ग्रुप बनाकर नया जाल बिछा दिया है।
सट्टे के अड्डे पर आकर पर्चियां लगाने की जरुरत नहीं है सिर्फ एक मैसेज टाइप कर एजेंट्स को भेजा जाता है ।
जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है वह साधारण मोबाइल से मैसेज के जरिए रैकेट से जुड़े हैं।
पुलिस का झंझट और न बार-बार सट्टा अड्डे पर जाने की टेंशन।
जांजगीर चाम्पा। शौर्यपथ। कलेक्टर यशवंत कुमार के मार्ग निर्देशन में जिले के प्रमुख नगरीय निकायों में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय रिक्त भूमि के आवंटन का प्रथम चरण प्रारंभ किया जा रहा है। भू- अभिलेख सहायक अधीक्षक ने बताया कि भूमि का आवंटन नीलामी के माध्यम से होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका जांजगीर-नैला में 30 जून, नगर पालिका चांपा, सक्ती, नगर पंचायत डभरा तथा राहौद में 6 जुलाई की तिथि नीलामी के लिए निर्धारित की गई है। नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति भूमि के बाजार मूल्य के 10 प्रतिशत की अमानत राशि चेक के माध्यम से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी के नाम से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। यह राशि वापसी योग्य है। शासन के निर्देशानुसार नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदकों के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति भी जो निर्धारित अंतिम तिथि तक अमानत राशि का भुगतान कर नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकता है। नगरी क्षेत्रों के नीलामी हेतु भूमि का विस्तृत विवरण तथा नजरी नक्शा जिले की वेबसाइट www.janjgir-champa.gov.in पर अपलोड की गयी है। अधिक जानकारी के लिए कलेक्टर कार्यालय के भू- अभिलेख शाखा अथवा संबंधित एसडीएम कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
शौर्य पथ /विशेष
मेजर सरस त्रिपाठी एक सेवा निवृत्त रक्षा पदाधिकारी हैं जिन्होंने 6th मराठा लाइट इन्फेंट्री में रह कर कश्मीर के श्रीनगर, बडगाम एवं पुलवामा में कई ऑपरेशन्स चलाये, कितने ही अफ़ग़ान,पाकिस्तानी एवं कश्मीरी आतंकवादियों को मार गिराया ,कितनो को पकड़ा और पता नही कितने ही इनके अपने साथी भी इन ऑपरेशन्स में वीरगति को प्राप्त हुए , ये 1992 का वो दौर था जब आतंकवाद कश्मीर में चरम पर था ।
मेजर त्रिपाठी इसके अलावा इंटरनेशनल बॉर्डर तथा LOC पर भी तैनात रहे तथा लगातार दुश्मनो के दांत खट्टे करते रहे।
इनके सैन्य करियर का हाई-पॉइंट तब आया जब कारगिल युद्ध हुआ और इन्होंने उस युद्ध मे फ्रंट-लाइन पर रहते हुए लड़ाई लड़ी।
मेजर त्रिपाठी ने कश्मीर एवं वहां के आतंकवाद पर 2 पुस्तकें भी लिखी हैं तथा इन्हें कश्मीर मामलों का स्पेशलिस्ट माना जाता है।
मेजर त्रिपाठी मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस में एक डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं , जो कि मूलतः एक IAS लेवल का पोस्ट है। मीडिया में आपके कई लेख छप चुके हैं , आल इंडिया रेडियो पर आपके कई प्रोग्राम प्रसारित हो चुके हैं , आप हिंदी,अंग्रेजी एवं संस्कृत तीनो भाषाओं में पारंगत हैं तथा सेवानिवृत्त होने के पश्चात आपने कई सारी डिग्रीयां भी प्राप्त की हैं , जिसमे MBA तथा मास्टर्स इन जर्नलिज्म प्रमुख हैं।
धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ
भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बलजी छाबड़ा ने राज्य सरकार से मांग की है कि आज ही के दिन सन 1975 में लगाए गए इमरजेंसी आपातकाल मे मीसा बंदियों रहे व उनके परिजन को रुकी हुई पेंशन जल्द से जल्द दें छाबड़ा ने बताया कि नगरी तहसील से दो लोग मीसाबंदी हुए थे जिन्हें छत्तीसगढ़ की रमन सिंह की सरकार सम्मान निधि के तौर पर पेंशन दिया करती थी जिसे कांग्रेस की भूपेश सरकार ने पद पर आसीन होते ही रोक लगा दी यह केंद्र सरकार द्वारा किया गया कृत्य मीसा बंदियों को दिया गया सम्मान का अपमान है सरकार किसी की भी हो किसी को भी सम्मान देने के बाद उसका अपमान केंद्र सरकार को करना शोभा नहीं देता नगरी नगर से मीसा बंदियों के परिजन विमला बाई सोम पति स्वर्गी भानु रामजी सोम व चरणजीत कौर छाबड़ा पति स्वर्गीय श्री सतनाम सिंह छाबड़ा मीसा बंदी रहे आपात काल के समय की याद दिलाते हुए कहा कि 25 जून 1975 की मध्यरात्रि इस देश की सबसे बडी काली अमावस्या है, जहां हमारी सारी लोकतांत्रिक मान्यताओं, सनातन के सारे संस्कारो को एक झटके में एक तानाशाही मनोवृत्ति की श्रीमती इंदिरा गांधी ने पद पर बनी रहने, इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उनका चुनाव रद्ध किये जाने के निर्णय के बावजूद देश पर आपातकाल थोपा । देश में एक व्यक्ति बना रहे, इसके लिये बिना कोई कारण के आपातकाल लगाया, देश की भीतरी बाहरी स्वतंत्रता को गंभीर खतरों का झूठा वितान खींचा गया। देश पर संकट बताकर आपातकाल लगा दिया आज हम आपातकाल की 41 वीं वर्षी पर पहुँच गये हैं जिन लोगों ने लोकतंत्र के लिये 26 जून 1975 से संघर्ष किया जेल गये, जेल के बाहर लड़ते रहे, उनमें से आधे लोग हमारे बीच नहीं हैं जो जवानी में जेल गये थे। वे प्रौढ़ावस्था पार कर चुके हैं। पर हमारी छत्तीसगढ़ की सरकार ऐसे परिजनों का साधु लेना ही नहीं चाहती हैं। छाबड़ा ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहां की*कांग्रेस द्वारा आपातकाल लगाकर देशवासियों पर किये गए बर्बरता और लोकतंत्र की हत्या के विरुद्ध "संकल्प दिवस" एक बुलंद आवाज है। लोकतंत्र लोकतंत्र एवं को आज भी जीवित करता के लिये कांग्रेस ने अभी तक देश से माफी नहीं माँगी है न उन्हें इसकी शर्मिंदगी है। इससे आने वाले दिन और चुनौतिपूर्ण है,
धमतरी ब्यूरो शौर्य पथ
सर्व आदिवासी समाज तहसील शाखा नगरी द्वारा 24 जून को रानी दुर्गावती बलिदान दिवस का आयोजन किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि सिहावा विधान सभा के विधायक डाक्टर लक्ष्मी ध्रुव ने रानी दुर्गावती चौक पर स्थापित गोंडवाना की वीरांगना रानीदुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया ।विशेष अतिथि के रूप में पुर्व विधायक गण अम्बिका मरकाम,श्रीमती पिंकी शिवराज शाह,जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम,सर्व आदिवासी समाज तहसील नगरी के अध्यक्ष उमेश देव,गोंडवाना समाज तहसील नगरी के अध्यक्ष रामप्रसाद मरकाम,ध्रुव गोंड समाज तहसील नगरी के अध्यक्ष छेदप्रसाद कौशिल ,कर्मचारी प्रकोष्ठ के तहसील नगरी के अध्यक्ष डोमार सिंह ध्रुव के अलावा उपस्थित समाजिक जनों ने पुष्पांजलि अर्पित किया । तत्पश्चात ध्रुव गोंड़ समाज भवन चुरियारा पारा में रानी दुर्गावती के साहस, शौर्य, पराक्रम और उत्कृष्ट की जीवनी शैली पर प्रकाश डाला गया । इस अवसर पर युवा प्रकोष्ठ द्वारा मास्क व सेनेटाइजर का वितरण किया गया । कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया । कार्यक्रम में पुर्व आबकारी आयुक्त एल एल ध्रुव, पार्षद टिकेश्वर ध्रुव, जितेंद्र ध्रुव एल्डरमैन नरेश छेदैहा, नेमीचंद देव, अरविंद नेताम, प्रमोद कुंजाम, स्कंद ध्रुव कृपा राम मरकाम, रामशरण मरकाम ,हरक मण्डावी ,महेन्द्र नेताम,समारू नेताम, पीताम्बर कश्यप, माखन ध्रुव, धनंजय कुंजाम ,संत नेताम, संतोष गंगेश, नरेश सोम, कृष्ण कुमार मण्डावी,अमोल सिंह ध्रुव ,भांवत राम ध्रुव,विष्णु भास्कर, मोहन मरकाम,बिसाहू मरई,नरेश कुमार मरकाम,कैलाश मरई उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन सुरेश ध्रुव ने किया ।
धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ
सिहावा,देवपुर मार्ग की ओर से नगरी नगर में प्रवेश करते ही सर्वप्रथम जो कुछ नजर आता है वह है, गंदगी बदबू और कचरे का ढेर।
जोकि नगर की छवि को बिगड़ती है।
जबकि नगर प्रशासन को नगर के प्रवेश द्वार को साफ सुथरा और आकर्षक बनाने का प्रयास करना चाहिए, पर इस के विपरित नपं की लापरवाही के चलते नगर के प्रवेश द्वार पर कचरे का अंबार लगता जा रहा है।
असहनीय बदबू से वहां से गुजरने वालो को नाक में रुमाल रखने को मजबूर होना पड़ता है।
नगर प्रवेश द्वार पर स्थित पैठु तालाब को धीरे-धीरे कचरा डालकर तालाब के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
उस गंदगी और कचरे के ढेर से कई तरह के संक्रमण बीमारियां महामारी तक फैलने की अशंका है।
इस समय पूरा देश कोरोना महामारी के चपेट में है, ऐसे में इस तरह की लापरवाही, नगर वासियों को बीमार कर सकती है।
खेल /शौर्यपथ / भारत के पूर्व बल्लेबाज कृष्णामाचारी श्रीकांत ने 1983 विश्वकप विजेता टीम के अपने कप्तान कपिल देव की सराहना करते हुए कहा है कि उन्होंने खिलाडिय़ों को खुद पर भरोसा रखना सिखाया। श्रीकांत ने स्टार स्पोट्र्स के कार्यक्रम 'विनिंग द वल्र्ड कप-1983Ó में विश्वकप फाइनल के लम्हों को याद करते हुए कहा, "वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर फील्डिंग करने का फैसला किया। ओस पडऩे के कारण विकेट पर काफी नमी थी। हमें पहले बल्लेबाजी करनी थी और हमारे पास लॉड्र्स में खेलने के कोई खास अनुभव नहीं था। यह हमारे लिए बहुत नया था।"
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, "वहीं अगर आप वेस्टइंडीज की गेंदबाजी आक्रमण को देखें तो उनमें एक से एक दिग्गज गेंदबाज थे और जोएल गार्नर ने अपनी लंबाई का पूरा इस्तेमाल करते हुए बल्लेबाजों को गेंद ठीक से देखना और खेलना मुश्किल बना दिया था।"
श्रीकांत ने कहा, "ऐसे वक्त में कपिल ने हमारे सामने उदाहरण पेश किया। उनका आत्मविश्वास और खेल के प्रति उनका नजरिया उनके बारे में सबसे अच्छी चीजें हैं। कपिल की खासियत थी कि उन्होंने भारतीयों को खुद पर भरोसा रखना सिखाया और यही उनकी महानता है। "
बता दें कि श्रीकांत ने कम स्कोर वाले फाइनल में सर्वाधिक रन बनाए थे। इस दौरान गेंद ओस के बीच 10 फीट की ऊंचाई से आ रही थी। श्रीकांत जूझ रहे थे, लेकिन मैंने उन्होंने अमरनाथ से बात की और उन्होंने श्रीकांत को अपना स्वाभाविक खेल खेलने को कहा। अगले ओवर में श्रीकांत ने चौका जड़ा और अंत में 38 रन बनाए, जो विश्व कप फाइनल का सर्वोच्च स्कोर रहा था।
फाइनल मैच में 183 रनों पर आउट होने के बावजूद भारत ने दिग्गजों से सजी वेस्टइंडीज की टीम को लॉर्डस में 43 रनों से हराकर पूरी दुनिया को चकित कर दिया। पहला विश्व कप 1975 में खेला गया था। वेस्टइंडीज दो बार विश्व कप जीत चुका था, लेकिन कपिल देव ने तीसरी बात खिताब जीतने का उनका सपना चूर-चूर कर दिया।
मनोरन्जन / शौर्यपथ / बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। इसमें वह खुद की फिल्म ‘एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी’ देखते नजर आ रहे हैं। हाथ में किताब है और नजरों के सामने टीवी। टीवी पर फिल्म चल रही है। फिल्म में सीन चल रहा है जब सुशांत धोनी के रूप में क्रिकेट पिच पर खड़े होते हैं। सुशांत बैठे धोनी-धोनी रे नारे लगाते नजर आते हैं। सुशांत के करियर की यह फिल्म एक ऐसी फिल्म रही, जिसने उनके फैन बेस को बढ़ाकर दोगुना कर दिया था। बॉक्स ऑफिस पर यह ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। दुनिया में सुशांत के फैन बन गए थे।
आपको बता दें कि सुशांत खुद एक बहुत बड़े धोनी फैन थे। धोनी के साथ क्रिकेट पिच पर खेलने का सपना उनका हमेशा से था और फिल्म के जरिए यह पूरा भी हुआ। धोनी फिल्म के लिए सुशांत ने काफी मेहनत की थी। उनके हू-ब-हू रूप में आने के लिए उन्होंने वीडियो में धोनी को क्रिकेट फील्ड पर खेलते हुए करीब 100 बार देखा था। फिल्म में कोई कह ही नहीं सकता था कि धोनी और सुशांत में कोई फर्क है। सुशांत इस तरह से धोनी के किरदार में ढले थे कि वह तारीफ के पात्र बने थे।
फिल्में करने से पहले सुशांत सिंह राजपूत ने टीवी की दुनिया में अपना सिक्का जमाया। उन्होंने सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ से शुरुआत की और घर-घर में मानव देशमुख के नाम से जाने गए। शो इतना हिट हुआ कि अंकिता लोखंडे संग सुशांत की जोड़ी बेस्ट साबित हुई। बाद में हालांकि, दोनों रियल लाइफ में भी साथ आ गए। करीब 6 साल तक रिलेशनशिप में रहे। लेकिन फिल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया था। बताते चलें कि पिछले हफ्ते सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मुंबई पुलिस केस की छानबीन में जुटी है।