October 23, 2025
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नई दिल्ली / शौर्यपथ / GST विभाग ने दिल्ली के बुद्ध विहार में अवैध तरीके से चल रही गुटखा फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए 831 करोड़ की जीएसटी की चोरी का मामला पकड़ा है. इस मामले में फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. दिल्ली के जीएसटी कमिश्रर शुभागता कुमार के मुताबिक, उनकी टीम को जानकारी मिली थी कि दिल्ली के बुद्ध विहार में एक अवैध गुटखा फैक्ट्री चल रही है, जिसमें बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की जा रही है. सूचना के आधार पर फैक्ट्री पर छापा मारा गया.
फैक्ट्री के गोदाम से बड़े पैमाने पर गुटखा, तम्बाकू, इन्हें बनाने का सामान और मशीनें बरामद हुईं, जिनकी कीमत करीब सवा 4 करोड़ रुपये है. इस फैक्ट्री में 65 मजदूर काम करते थे. फैक्ट्री से गुटखा कई राज्यों में सप्लाई हो रहा था. जांच, बयान और दस्तावेज देखने से पता चला कि फैक्ट्री मालिक ने 831 करोड़ से ज्यादा का जीएसटी नहीं भरा है, यानि फैक्ट्री मालिक बिना टैक्स दिए लगातार गुटखा सप्लाई कर रहा था.
फैक्ट्री कहीं से भी रजिस्टर्ड नहीं थी और न ही इसमें काम करने वाले मजदूरों की जानकारी कहीं दी गई थी. फैक्ट्री मालिक को जीएसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर 2 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली जीएसटी विभाग ने इस वित्त वर्ष में अब तक 4327 करोड़ की जीएसटी चोरी का भंडाफोड़ किया है.

नई दिल्ली / एजेंसी / कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (ने किसान आंदोलन के बहाने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि देश में फिर से गुलाम भारत जैसी स्थितियां हैं और किसान चंपारण जैसी स्थिति झेलने जा रहे हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, "देश एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है.. तब अंग्रेज कम्पनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कम्पनी बहादुर हैं.. लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मज़दूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा.."
राहुल ने दो दिन पहले भी नव वर्ष के मौके पर कहा था कि वो अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले किसानों के साथ हैं. 1 जनवरी को कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का जिक्र करते हुए ट्वीट किया था,, “मैं दिल से सम्मान के साथ अन्याय से लड़ने वाले किसानों और मजदूरों के साथ हूं. सभी को नया साल मुबारक हो.” दो दिन बाद उन्होंने ब्रिटिश काल में चंपारण के किसानों से आज के किसानों की तुलना की है.
बता दें कि ब्रिटिश काल में बिहार के उत्तरी हिस्से में नेपाल से सटे चंपारण इलाके में जबरन किसानों से नील की खेती करवाई जाती थी. इसके लिए अंग्रेजों ने बागान मालिकों को जमीन के ठेकेदारी दे रखी थी और तीन कठिया प्रणाली लागू कर रखी थी, जिसके तहत किसानों को तीन कट्ठे में नील की खेती करनी मजबूरी थी. इस जुल्म के खिलाफ 1917 में महात्मा गांधी ने आंदोलन चलाया था, जिसे पहला सविनय अवज्ञा आंदोलन कहा जाता है. इसे चंपारण सत्याग्रह भी कहा जाता है.

नई दिल्ली / शौर्यपथ / ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. इसी के साथ भारत को कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहा लंबा इंतजार अब खत्म हो गया. कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बधाई देते हुए कहा कि सीरम इंस्टीटयूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन को DCGI की मंजूरी मिलने के बाद कोरोना मुक्त राष्ट्र होने का रास्ता साफ हो गया है.
पीएम मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा, "इस पर हर भारतीय को गर्व होगा कि जिन दो टीकों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है वे भारत में बने हैं! यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की उत्सुकता को दर्शाता है जिसके मूल में करुणा और सेवाभाव निहित है."
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "विपरीत परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए हम डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों, वैज्ञानिकों, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं और सभी कोरोना योद्धाओं को अपना आभार दोहराते हैं. हम कई लोगों की जान बचाने के लिए उनके प्रति सदा आभारी रहेंगे."
बता दें कि दो दिन पहले ही सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सीरम इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सीन कोविशील्ड को अंतिम मंजूरी देने की सिफारिश ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को भेजी थी. इसके बाद कल भारत बायोटेक और ICMR द्वारा विकसित कोवैक्सीन की भी सिफारिश की थी. इन दोनों वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दे दी.

नई दिल्ली / एजेंसी / केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उनका जवाब देने के लिए तीन वीडियो जारी किए हैं. इन वीडियो में एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया कोरोना वायरस टीके से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे हैं. गुलेरिया ने बताया कि देश में कभी भी कोरोना वैक्सीन को अंतिम मंजूरी मिल सकती है और जैसे ही वैक्सीन को हरी झंडी मिलेगी, भारत सरकार चरणबद्ध सघन टीकाकरण अभियान चलाएगी. एक सवाल के जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि शुरुआत में सभी लोगों को कोविड वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने रिस्क फैक्टर के हिसाब से टीकाकरण की प्राथमिकताएं तय की हैं. उन्होंने कहा कि पहले चरण में हेल्थ वर्कर्र और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाएंगे.
एम्स निदेशक ने बताया कि टीका पाने वाले दूसरे ग्रुप में 50 साल से ऊपर उम्र के लोग होंगे. इनके साथ ही 50 साल से नीचे की उम्र के वैसे लोग भी इस ग्रुप में शामिल होंगे जिनमें इस महामारी के लक्षण रहे हों. उन्होंने कहा कि टीका लगवाना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि यह स्वैच्छिक होगा. हालांकि, डॉ. गुलेरिया ने लोगों को सलाह दी कि खुद को और अपने परिजनों, रिश्तेदारों और चाहने वालों को सुरक्षित रखने के लिए टीका जरूर लगवाएं.
क्या टीका सुरक्षित होगा क्योंकि यह जल्दबाजी में बहुत ही कम समय में लाया गया है? इसके जवाब में गुलेरिया ने कहा कि देश में किसी भी वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत तभी दी जाएगी, जब सरकार यह आश्वस्त हो लेगी कि वह लोगों के लिए सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जरूरी और उपयुक्त मानदंड पूरे किए बिना सरकार किसी भी वैक्सीन को इजाजत नहीं देगी.
कहां मिलेगा वैक्सीन के सवाल पर एम्स निदेशक ने कहा कि वैक्सीन के लिए रजिस्टर्ड लोगों को रजिस्टर्ड मोबाइल के जरिए सूचना दी जाएगी कि उन्हें कब और कहां टीका लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे होने वाली असुविधा से बचा जा सकेगा और लोगों को आसानी होगी.
क्या कोई व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन कराए कोविड वैक्सीन ले सकता है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं बिना पूर्व रजिस्ट्रेशन के किसी को भी वैक्सीन नहीं दी जाएगी. गुलेरिया ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर लोग रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे.
उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों को फोटो लगा कोई भी पहचान पत्र जमा करना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी पासबुक, MP/MLA/MLC द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र, पेंशन कार्ड, नियोक्ता (केंद्र सरकार, राज्य सरकार या पब्लिक लिमिटेड कंपनी) द्वारा जारी पहचान पत्र या वोटर आई कार्ड में से कोई भी एक पहचान पत्र जमा करना होगा. उन्होंने कहा कि जो पेपर रजिस्ट्रेशन के समय दिया जाएगा, टीकाकरण के समय उसी से मिलान किया जाएगा.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्वीट में कहा कि तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई एवं शुभकामनाएं

भोपाल /शौर्यपथ / मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल का यह तीसरा विस्तार है. इस विस्तार में बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो भरोसेमंद लोगों को कैबिनेट में शामिल किया गया. सिंधिया के करीबी तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने आज मंत्री पद की शपथ ली. इस मौके पर सिंधिया ने दोनों को बधाई दी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्वीट में लिखा, "लोकप्रिय जननेता तुलसी सिलावट व गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई एवं शुभकामनाएं. आप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए अपने नए दायित्वों को सफलता से निभाएं, यही कामना करता हूं."
चौहान ने 23 मार्च 2020 को अकेले मुख्यमंत्री की शपथ ली थी और उसके बाद से उनके मंत्रिमंडल का यह तीसरा विस्तार होगा. मंत्रिमंडल का विस्तार आज दोपहर करीब 12.30 बजे होने की उम्मीद है. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है. मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नए मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई. वह उत्तरप्रदेश की भी राज्यपाल हैं. एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक भी रविवार दोपहर करीब तीन बजे शपथ लेंगे. रफीक वर्तमान में उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे और उन्हें वहां से स्थानांतरित कर 31 दिसंबर को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का नया मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है.
मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के परिणाम आने के बाद से ही इस मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही थी. इस उपचुनाव में भाजपा ने 28 में से 19 सीटें जीती थी, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को मात्र नौ सीटें मिली. इससे 230 सदस्यों के सदन में भाजपा की सीटें बढ़कर 126 हो गई, जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 96 पहुंच गई.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और जयराम रमेश ने चिंता जताई है और कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों को किनारे रखकर इस वैक्सीन को हरी झंडी दी गई है. यह खतरनाक हो सकता है.

नई दिल्ली / शौर्यपथ / ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) कोवैक्सीन (Covaxine) को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और जयराम रमेश ने चिंता जताई है और कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों को किनारे रखकर इस वैक्सीन (Covaxine) को हरी झंडी दी गई है. यह खतरनाक हो सकता है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने ट्वीट किया है, "कोवैक्सिन ने अभी तक फेज-3 का ट्रायल पूरा नहीं किया है. इस्तेमाल की स्वीकृति समय से पहले दी गई है जो खतरनाक हो सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी कृपया स्थिति स्पष्ट करें. जब तक इसका ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, इसके उपयोग से बचा जाना चाहिए. इस बीच भारत टीकाकरण अभियान की शुरुआत एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ शुरू कर सकता है."
दूसरे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन को परमिशन देने पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, "भारत बायोटेक पहले दर्जे की कंपनी है, लेकिन यह हैरान करने वाला है कि इसकी वैक्सीन Covaxine के लिए फेज-3 के ट्रायल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रोटोकॉल संशोधित किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री जी को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए."
हालांकि, कांग्रेस की तरफ से पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया में मीडिया इंचार्ज ने वैक्सीन की मंज़ूरी पर कोई सवाल नहीं उठाया है. बता दें कि दो दिन पहले ही सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सीरम इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सीन कोविशील्ड को अंतिम मंजूरी देने की सिफारिश ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेजी थी. इसके बाद कल भारत बायोटेक और ICMR द्वारा विकसित कोवैक्सीन की भी सिफारिश की थी. इन दोनों वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दे दी.

रायपुर / शौर्यपथ / भारत सरकार के नीति आयोग ने एक आकांक्षी जिले के रूप में चुनौतियों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले द्वारा किए जा रहे प्रयासों और उपलब्धियों की सराहना करते हुए 3 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन जारी करने का निर्णय लिया है। नीति आयोग ने सितंबर-अक्टूबर 2020 में कोंडागांव जिले द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर यह निर्णय लिया है। आयोग आकांक्षी जिलों द्वारा चुनौतियों से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों का आंकलन कर रैंकिंग के आधार पर आबंटन जारी करता है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। अमिताभ कांत ने लिखा है मैं सेंट्रल प्रभारी अधिकारी (सीपीओ) समेत जिले की टीम को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई देता हूं। साथ ही जिला कलेक्टर के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गुड सर्विस इंट्री की अनुशंसा करता हूं।

9 हजार 100 वर्गफुट की विशाल रंगोली गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुई दर्ज
राज्य महिला आयोग ने ‘दो साल बेमिसाल’ की थीम पर बनाई विशाल रंगोली

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों के साथ गुरूवार को राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित बी.टी.आई.ग्राउण्ड में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा राज्य सरकार के दो साल पूरा होने पर तैयार की गई 9 हजार 100 वर्गफुट की विशाल रंगोली का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री बघेल की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ में बनी इस 130 फीट लम्बी और 70 फीट चौड़ी विशाल रंगोली ने वर्ल्ड रिकार्ड बनाया और उसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। गोल्डन बुक की आधिकारिक संवाददाता श्रीमती सोनल राजेश शर्मा ने समारोह में इसकी अधिकारिक घोषणा की। समारोह की शुरूआत में दो साल पूरा होने की खुशी में शंख, घंटी की ध्वनि के साथ 100 महिलाओं ने आरती की थालियों और दीपक से मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रीमंडल के सदस्यों का भव्य स्वागत किया। इसके बाद राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार...‘ से छत्तीसगढ़ महतारी की स्तृति की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य महिला आयोग को रंगोली के माध्यम से वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए बधाई देते हुए कहा कि पिछले साल चुनाव और इस साल कोरोना महामारी के बाद भी छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में हमने कोई कमी नहीं की। हर चेहरे में इसकी खुशी और प्रसन्नता है। सभी ने अपनी खुशी व्यक्त करने के अलग-अलग तरीके अपनाए हैं। इसी क्रम में राज्य महिला आयोग द्वारा तैयार रंगोली ने वर्ल्ड रिकार्ड बना लिया है। छत्तीसगढ़ महतारी को इसी तरह सभी सजाएं,संवारें और खूब सेवा करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बघेल ने महिलाओं के स्वाभिमान को बनाए रखने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए अनेक अहम कदम उठाए हैं। सखी सेंटर और महिला आयोग के माध्यम से यहां की महिलाओं में विश्वास जागा है और वे अपने हक और अधिकार के लिए आगे आ रही हैं। छत्तीसगढ़ में विकास का जो बहाव शुरू हुआ है वह रूकेगा नहीं,बढ़ता जाएगा।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि जिस प्रकार दीवाली में रंगोली और दीयों से महिलाएं घर सजाती हैं,उसी तरह रंगोली से छत्तीसगढ़ का नक्शा और उसमें इसे संवारने वाले मुख्यमंत्री बघेल की तस्वीर बनाकर छत्तीसगढ़ के आंगन को संवारा गया है। महिलाओं की ओर से रंगोली के माध्यम से छत्तीसगढ़ में दो साल में तेजी से किए गए बेमिसाल विकास कार्याें के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का धन्यवाद किया गया है। मुख्यमंत्री बघेल के प्रयासों का परिणाम है कि कोरोना महामारी में भी हमारे प्रदेश को कोई आंच नहीं आई है। छत्तीसगढ़ में अब तक इतनी बड़ी रंगोली नहीं बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह रंगोली छत्तीसगढ़ के गौरव के प्रतीक के रूप में तैयार की गयी है।
रायपुर के स्थानीय कलाकार विनोद पांडा द्वारा तैयार रंगोली में छत्तीसगढ़ के नक्शे में 12 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीर बनायी गई। 7 धण्टे में तैयार की गई इस रंगोली में 11 रंगों की 1100 किलो रंगोली का प्रयोग किया गया। इसकी खासियत है कि यह स्टेंसिल रंगोली है जिससे खड़े किया जा सकता है और कहीं भी ले जाया जा सकता है। आयोग की अध्यक्ष श्रीमती नायक ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास में रंगोली को लगाने के लिए इसे मुख्यमंत्री को भेंट किया जाएगा।
इस अवसर पर लोक निर्माण, गृह, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि तथा जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, संस्कृति एवं खाद्य विभाग मंत्री अमरजीत भगत, सांसद श्रीमती छाया वर्मा और श्रीमती फूलोदेवी नेताम, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री रामसुंदर दास, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे सहित मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे प्रदेश के सरप्लस धान से एथनॉल उत्पादन के लिए केन्द्र से अनुमति देने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम में उपलब्ध सरप्लस चावल से एथनॉल उत्पादन हेतु विक्रय की अनुमति दी गयी है। छत्तीसगढ़ में हर वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाता है। राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता और भारतीय खाद्य निगम को चावल देने के पश्चात हर वर्ष 6 लाख मीटरिक टन सरप्लस धान बचता है, जिससे राज्य के आर्थिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में जैव ईंधन उच्च प्राथमिकता उद्योगों की सूची में शामिल है। जैव ईंधन उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया गया है। बायो एथनॉल संयंत्र स्थापना हेतु चार निजी निवेशकों के साथ एमओयू भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 एवं उसके लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में राज्य में उत्पादित अतिरिक्त धान से बायो-एथनॉल उत्पादन की अनुमति के लिए विगत 18 माह से लगातार प्रयास किए गए हैं। राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की 20 अप्रैल 2020 की बैठक में एफ.सी.आई. में उपलब्ध सरप्लस चावल से एथनॉल के उत्पादन हेतु विक्रय की अनुमति प्रदान की गयी है। छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की मात्रा केन्द्रीय पूल एवं राज्य पूल में राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यक मात्रा एवं केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को परिदान किए गए चावल के पश्चात भी अतिशेष रही, जिसके कारण राज्य के आर्थिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ पड़ा।
मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि बायो-एथनॉल उत्पादन के क्षेत्र में निवेशकों को आकृष्ट करने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ की नवीन औद्योगिक नीति, 2019-24 के अन्तर्गत उच्च प्राथमिकता उद्योगों की सूची में जैव-ईंधन को शामिल किया गया एवं इस हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज (ठमेचवाम च्वसपबल) की घोषणा की गयी। इसके फलस्वरूप माह सितम्बर 2020 में 04 निजी निवेशकों के साथ राज्य में बायो-एथनॉल संयंत्र की स्थापना हेतु समझौता (डव्न्) साझा किया गया, जिससे राज्य में आगामी वर्ष से प्रतिवर्ष 12 करोड़ लीटर से अधिक एथनॉल उत्पादन होगा, जिसमें लगभग 3 लाख 50 हजार टन अतिशेष धान की खपत होगी। इस उत्पादन क्षमता के उपयोग के लिए अतिशेष धान से एथनॉल उत्पादन हेतु केन्द्र शासन की अनुमति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने पत्र मंे लिखा है कि राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 अन्तर्गत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जैव ईंधन समिति (छठब्ब्) की स्थापना की गयी है, जिसके द्वारा अतिशेष धान से एथनॉल उत्पादन हेतु अनुमति दिए जाने का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ राज्य में यदि राज्य औद्योगिक नीति के तहत बायो-एथनॉल जैसे विशेष क्षेत्र में वास्तवित निवेश होता है, तो ऐसे में बायो-एथनॉल उत्पादन की क्षमता वृद्धि से न केवल प्रदेश के सरप्लस धान का निराकरण होगा, बल्कि एफ.सी.आई. से भी सरप्लस चावल के निराकरण की संभावना बनेगी। एफ.सी.आई. द्वारा (क्ब्च्) राज्यों में भंडारित अतिशेष चावल का आबंटन बायो-एथनॉल संयंत्रों को किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य को समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं राज्य तथा केन्द्र पूल में आवश्यक चावल के प्रदाय पश्चात प्रतिवर्ष अनुमानित अतिशेष 6 लाख मे.टन धान से एथेनाल उत्पादन की अनुमति प्रदान करने के लिए आवश्यक निर्देश पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को प्रसारित करने का कष्ट करें।

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