October 24, 2025
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भारत (860)

नई दिल्ली । शौर्यपथ । बात गए साल दिसंबर की है जब जामिया इस्लामिया मामले पर प्रधानमंत्री मोदी देश से शांति और अमन की अपील करते हुए एक ट्वीट लिखे जिस पर बॉलीवुड अभिनेत्री ने जो जवाब दिया उससे शायद pm मोदी भी अचंभित रह गए होंगे । बॉलीवुड के कई स्टार सोशल मीडिया पर बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते है और खुल कर शब्दो के सही ताल मेल व उपयुक्त समय पर उचित जवाब देने में माहिर होते है ऐसे ही pm मोदी के एक ट्वीट पर अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने जवाब दिया जो जम कर वाइरल हो रहा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश के मौजूदा हालात को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा था, "यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है. सभी से अपील है कि किसी भी तरह की अफवाह और झूठ से दूर रहें." इस तरह पीएम नरेंद्र मोदी ने देश से अपील की थी. एक्ट्रेस रेणुका शहाणे (Renuka Shahane) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, "सर, फिर आप सभी से कहिए की आपके आईटी ट्विटर हैंडल सेल से दूर रहें. वह सबसे ज्यादा अफवाहें और झूठ फैला रहे हैं और पूरी तरह से भाईचारे, शांति और एकता के खिलाफ हैं. असली, 'टुकडे टुकडे' गैंग आपका आईटी सेल है, कृपया उन्हें नफरत फैलाने से रोकें." रेणुका शहाणे (Renuka Shahane Twitter) के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

नई / शौर्यपथ / पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के सात बीते चार महीनों से टकराव जारी है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर आज यानी मंगलवार को संसद में एक बयान दे सकते हैं। संसदीय सूत्रों ने यह जानकारी दी। विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की मांग के बीच यह बयान काफी महत्व रखता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हाल में मास्को में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मुलाकात हुई थी। कुछ दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर की भी चीन के उनके समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी। चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच हर स्तर पर वार्ता हो रही है, मगर चीनी सेना बार-बार घुसपैठ की कोशिश करती है, जिसे भारतीय सेना नाकाम कर देती है।
इस बीच, कैबिनेट और मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार अपराह्न वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक हो सकती है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष भारत-चीन मुद्दे, कोविड की स्थिति, आर्थिक शिथिलता और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका छोड़ने के पक्ष में नहीं है।
बता दें कि चीन और भारत के सैनिकों के बीच बीते 15 जून को हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गये थे। चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक मारे गये थे हालांकि चीन ने कभी आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया। इसके बाद फिर से 29-30 अगस्त की रात चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया।

नई दिल्ली / शौर्यपथ / सोमवार को भारत ने चीन को संयुक्त राष्ट्र में करारी शिकस्त दी है। भारत को संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) की एक संस्था यूनाइटेड नेशन के कमीशन ऑफ़ स्टेटस ऑफ वीमेन (Commission on Status of Women) के सदस्य के रूप में चुना गया है। सोमवार के संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यह जानकारी दी।
तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर कहा, "भारत प्रतिष्ठित ईसीओएसओसी निकाय में सीट जीत गया है! भारत को Commission on Status of Women का सदस्य चुना गया। यह हमारे लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण समर्थन है। हम समर्थन के लिए सभी सदस्य देशों को धन्यवाद देते हैं।"
आपको बता दें कि भारत, अफगानिस्तान और चीन ने इसके लिए लिए चुनाव लड़ा था। भारत और अफगानिस्तान ने 54 सदस्यों के बीच मतदान में जीत हासिल की, लेकिन चीन को आधे सदस्य देशों का भी समर्थन नहीं मिल सका।
इस वर्ष बीजिंग वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन वीमेन (1995) की 25 वीं वर्षगांठ है। भारत 2021 से 2025 तक यानी चार वर्षों के लिए इसका सदस्य रहेगा।

नई दिल्ली / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को बिहार की जलापूर्ति व सीवर से जुड़ी 543.28 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं केंद्र की नमामि गंगे और अमरुत योजना से जुड़ी हैं। इनमें पटना की बेउर और कर्मलीचक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा सीवान, छपरा, मुंगेर, जमालपुर, मुजफ्फरपुर से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन करेंगे पीएम
पीएम बेउर और कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन करेंगे। नगर परिषद सीवान और छपरा नगर निगम की जलापूर्ति योजना का उद्घाटन होना है। वहीं मुजफ्फरपुर में रिवर फ्रंट विकसित करने और मुंगेर नगर निगम तथा जमालपुर नगर परिषद की जलापूर्ति योजनाओं का शिलान्यास होगा।
प्रधानमंत्री 10 और 13 सितंबर को मत्स्य विभाग और पेट्रोलियम से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ कर चुके हैं। इसी क्रम में नगरीय विकास से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास 15 सितंबर को होना है।

बिहार विधानचुनाव से पहले सौगातों की बारिश
बिहार विधान चुनाव से पहले मोदी सरकार बिहार को लगातार केंद्रीय योजनाओं की सौगात दे रही हैं। पीएम मोदी की सरकार 13 सितंबंर को बिहार से जुड़ी 901 करोड़ रुपए की तीन योजनाओं का शुभारंभ किया था। इसमें पारादीप- हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन के दुर्गापुर-बांका खंड के 634 करोड़ रुपए की लागत से 193 किमी लम्बी पाइपलाइन का उद्घाटन समेत बांका में ही 131 करोड़ की लागत से एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन भी शामिल था। वहीं 136 करोड़ रुपए की लागत से पूर्वी चम्पारण के सुगौली में न्यू एलपीजी प्लांट का भी शुभारंभ किया था।

मत्स्य, पशुपालन व कृषि विभाग से जुड़ी 294.53 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
वहीं इससे पहले 10 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार को मत्स्य, पशुपालन व कृषि विभाग से जुड़ी 294.53 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी। इस दौरान प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत 107 करोड़ की लागत की परियोजना के शुभारंभ की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान 5 करोड़ की लागत से सीतामढ़ी के डुमरा में बखरी मछली बीज फार्म, 10 करोड़ का किशनगंज के मत्स्य पालन कॉलेज और पटना स्थित बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में जलीय रेफरल प्रयोगशला का उद्घाटन किया। पटना के मसौढ़ी का 2 करोड़ का फिश ऑन व्हील्स, मधेपुरा का एक करोड़ का मत्स्य चारा मिल, 2.87 करोड़ का कृषि विश्वविद्यालय, पूसा का समेकित मात्स्यिकी उत्पादन प्रौद्योगिकी केन्द्र का उद्घाटन किया।

वहीं 84.27 करोड़ की लागत से बनी पूर्णिया सीमेन स्टेशन, 8.06 करोड़ का पटना में इम्ब्रयो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी और आईवीएफ लैब, 2.13 करोड़ का बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, नालन्दा और गया में तैयार सेक्स सार्टेड सीमेन परियोजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कृषि विवि समस्तीपुर का 11 करोड़ से बना स्कूल ऑफ एग्रीबिजिनेस एंड रूरल मैनेजमेंट के भवन का उद्घाटन, 27 करोड़ का ब्वायज हॉस्टल, 25 करोड़ का स्टेडियम और 11 करोड़ का इंटरनेशनल गेस्ट हाउस का शिलान्यास किया।

नई दिल्ली / शौर्यपथ /18 साल के लंबे अंतराल के बाद सरकार जम्मू और कश्मीर के कठुआ में सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमा रेखा (जीरो लाइन) पर खेती करने के लिए कदम उठा रही है। सीमा पर जमीनी हकीकत का आकलन करने और खेती के लिए तैयार करने के लिए कठुआ के उपायुक्त ओपी भगत, एक सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी, कृषि विभाग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और एक सीमा क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि की सोमवार को बीओपी पर जीरो लाइन पर एक बैठक हुई।

बैठक में खेती की सारी तैयारी, किसानों की जमीन का सीमांकन और लैंडमाइन जैसी आशंकाओं पर चर्चा की गई।
बैठक में शामिल अधिकारियों ने एक बंकर वाहन में जीरो लाइन का दौरा भी किया और खेती की जमीनी स्थिति और व्यवहार्यता का आकलन किया। पाकिस्तान के किसान अपने खेतों पर जीरो लाइन तक खेती कर रहे हैं, लेकिन हीरंगर सेक्टर में लगभग 3,500 नहरों की जमीन पाकिस्तान द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी के कारण असिंचित पड़ी है।
कठुआ के उपायुक्त ओपी भगत ने बैठक के बाद किसानों को आश्वासन दिया कि अक्टूबर के महीने में बाड़ के पार गेहूं की अगली फसल की खेती जीरो लाइन पर की जाएगी।
सरकार किसानों को हर संभव मदद करेगी। किसानों को उपकरण, ट्रैक्टर और सीमा सुरक्षा बल द्वारा सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। भगत ने किसानों को जीरो लाइन पर खेती के लिए तैयार रहने के लिए कहा है, क्योंकि जम्मू और कश्मीर सरकार पूरी भूमि पर बाड़ लगाने के लिए इच्छुक है। यह बीएसएफ को जीरो लाइन पर सतर्कता बनाए रखने में भी मदद करेगा।
उन्होंने कहा, "हम यहां बोआई की व्यवहार्यता और प्रक्रिया का आकलन करने के लिए आए हैं। किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और मुझे उम्मीद है कि हम यहां गेहूं की फसल बोने में सफल होंगे। हम किसानों को बुआई और जुताई के लिए यहां लाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे किसानों को फायदा होगा। साथ ही यह बीएसएफ अधिकारियों के लिए लाइन को साफ कर देगा, जिससे उग्रवाद और गोलाबारी में कमी आएगी।"
बीडीसी के चेयरमैन मरीन ब्लॉक करन कुमार और सीमा निवासी अशोक कुमार भी यहां मौजूद थे और 18 साल की लंबी अवधि के बाद जीरो लाइन की जमीन पर खेती करने की सरकार की पहल की सराहना की। दो दशकों से बंजर पड़ी ज़मीनों की खेती के लिए सरकारी समर्थन मिलने के बाद वे खुश हो गए। यह सीमावर्ती किसानों की मांग थी।
अशोक कुमार ने कहा, "डीसी अन्य अधिकारियों के साथ यहां स्थिति का मूल्यांकन के लिए आए थे। राज्यपाल ने हमें यहां खेती करने का भी निर्देश दिया है, जिसके कई लाभ होंगे। सरकार और बीएसएफ हमारी मदद करने के लिए तैयार हैं। हम इस पहल के लिए सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं।"

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक और चिट्ठी लिखी है। 24 घंटे के अंदर लिखी गई इस दूसरी चिट्ठी में उन्होंने इस बात पर एतराज किया है कि कवर्धा के एक आदिवासी के मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा हत्या करने को उन्होंने संज्ञान नहीं लिया। श्री अकबर ने एक दिन पहले लिखी गई चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा है यह मामला बेहद गंभीर है अभी तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है।
वन मंत्री ने कहा कि 6 सितंबर को मध्यप्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक निर्दोष आदिवासी की हत्या कर दी और दूसरे आदिवासी की हत्या का प्रयास किया, जो बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वन मंत्री अकबर ने उनके द्वारा पहले लिखी गई चिट्ठी पर कार्रवाई न होने पर निराशा जाहिर की। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज से अनुरोध किया कि इस संवेदनशील प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच तत्काल की जाए और छत्तीसगढ़ सरकार को इसकी जानकारी मुहैया कराई जाए।

नई दिल्ली / शौर्यपथ  / लद्दाख और साउथ चाइना सी के बाद चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) अब भूटान के खिलाफ नया मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि चीन ने सीमा को लेकर 25वें दौर की बातचीत को अपने पक्ष में झुकाने के मकसद से भूटान पर दबाव बनाने के लिए पश्चिमी और मध्य भाग में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया है।
थिंपू को सर्वोच्च स्तर पर पीएलए के खतरे को लेकर सावधान कर दिया गया है। संभावना है कि आगामी बातचीत में पहले से अतिक्रमित क्षेत्रों और पश्चिमी भाग में दावों की सौदेबाजी के लिए बीजिंग पीएलए के घुसपैठ और अतिक्रमण का इस्तेमाल करेगा। भूटान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र में हैं क्योंकि यह देश सिलीगुरी कॉरीडोर के करीब है और भूटान की ओर से जमीन को लेकर किया गया कोई भी समझौता भारतीय रक्षा पर बुरा प्रभाव डालेगा।
भारतीय सेना, कूटनीति और सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े लोगों ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि 2017 में 73 दिनों तक चले डोकलाम स्टैंड ऑफ के दौरान भारत ने भूटान को पीएलए का सामना करने में मदद की, लेकिन चीनी सेना ने दोनों सहयोगी देशों की सेनाओं को परखना बंद नहीं किया है।
चीन भूटान के पश्चिमी सेक्टर में 318 स्क्वायर किलोमीटर और सेंट्रल सेक्टर में 495 स्क्वायर किलोमीटर पर दावा करता है। विस्तारवादी नीति के तहत चीनी सेना रोड और सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में जुटी है और आक्रामक पेट्रोलिंग के जरिए भूटान की रॉयल आर्मी को डराने की कोशिश की जाती है।
थिंपू और नई दिल्ली में मौजूद कूटनीतिज्ञों के मुताबिक, डोकलाम तनातनी के बाद से पीएलए ने पश्चिमी भूटान के पांच इलाकों में घुसपैठ की और नई सीमा पर दावा ठोका है जो भूटान में 40 किलोमीटर भीतर चुंबी वैली तक है। इसने बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है, रक्षापंक्ति को बेहतर बनाया है, सैनिकों और रसद को अंतिम छोड़ तक पहुंचाने के लिए सड़कें, हेलीपैड्स का निर्माण किया गया है।

मध्यकालीन साम्राज्य के अंदाज में पीएलए के सैनिक 13 और 24 अगस्त को दक्षिण डोकलाम में तोरसा नाले को पार कर गए और राजा रानी झील के पास भूटानी चरवाहों को इलाका खाली करने को कह दिया। पीएलए के इस कदम के पीछे वास्तविक सोच यह है कि भारत और भूटान इस बात पर सहमत हो जाएं कि चीनी सीमा झामपेरी रिज पर गयेमोचन तक है, नाकि सिंचे ला बतांग ला एक्सिस। यह वही है जो चीन 2017 में करना चाहता था, लेकिन भारतीय सेना ने पीएलए को रोक दिया था।
नेशनल सिक्यॉरिटी प्लानर्स के मुताबिक, पीएलए ने नॉर्थ डोकलाम में सर्विलांस में वृद्धि कर दी है। इसने यहां सर्विलांस कैमरे लगा दिए हैं और आक्रामक तरीके से सेना का टेक्नीकल अपग्रेडेशन किया जा रहा है। थिंपू ने भी रॉयल भूटानी आर्मी को तैयार रहने को कहा है और पीएलए को तोरसा नाले के दक्षिण से आने से रोकने के लिए अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है।
पीएलए का विस्तारवादी प्लान केवल पश्चिमी भूटान तक सीमित नहीं है। जून में चीन ने भूटान के साकटेंग वन्यजीव अभयारण्य प्रोजेक्ट पर आपत्ति जाहिर की थी। चीन ने कहा था कि यह विवादित सीमा इलाके में मौजूद है। भारत और चीन से लगती सीमा के पास यह 750 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है। नए दावा भारत को भी विवाद में खींच सकता है क्योंकि अभयारण्य अरुणाचल प्रदेश के निकल है, जिस पर चीन अपना दावा करता है।
यह भूटान के लिए बेहद चौंकाने वाला है, क्योंकि चीन ने साकटेंग वन्यजीव अभयारण्य या पूर्वी भूटान के किसी जमीन पर पहले कभी दावा नहीं किया था। यहां तक की चीन ने 36 सालों से चल रहे कूटनीतिक बातचीत में भी कभी इसका जिक्र नहीं किया था। स्वभाविक रूप से भूटान सरकार ने इसका मजबूती से विरोध किया। चीन के दावे को खारिज करते हुए थिंपू ने यह भी साफ किया कि यह भूटान का संप्रभु हिस्सा है और यह विवादित नहीं है। हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन और भूटान के बीच सीमा निर्धारित नहीं है। पूर्वी, मध्य और पश्चिमी सेक्टर को लेकर लंबे समय से विवाद है।
यह ध्यान देने योग्य है कि चीन का यह रुख जून में सामने आया जब बीजिंग के कहने पर पीएलए सैनिक लद्दाख में भारतीय सैनिकों के साथ तनातनी में जुटे थे। चीन का पूर्वी भूटान में नया दावा बीजिंग की मंशा की ओर संकेत करता है। अचानक क्षेत्रीय दावे ने विस्तारवादी नैरेटिव को पुष्ट किया जो जिसे शी जिनपिंग अंजाम दे रहे हैं।

नई दिल्ली / शौर्यपथ / कोरोना संकट और उसकी वजह से किए गये लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थी. कर्जदारों को अपना EMI चुकाने में मुश्किल हो रही थी. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए RBI ने लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम (Supreme Court) कोर्ट ने कहा कि अगले दो महीनों तक बैंक खातों को नॉन परर्फोमिंग एसेट्स (NPA) घोषित नहीं किया जा सकता. तीन न्यायाधीशों की बैंच ने मामले पर सुनवाई के बाद कहा कि जिन ग्राहकों के बैंक खाते 31 अगस्त तक NPA नहीं हुए है उन्हें मामले का निपटारा होने तक सुरक्षा दिया जाय. न्यायाधीश अशोक भूषण,आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह वाली तीन सदस्यीय बैंच ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी.

सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल और न्यायाधीश ने क्या कहा?
सरकार और आरबीआई की तरफ से दलील रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ब्याज पर छूट नहीं दे सकते है लेकिन भुगतान का दबाव कम कर देंगे. मेहता ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र (Banking Sector) अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाला कोई फैसला नहीं लिया जा सकता.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वे मानते है कि जितने लोगों ने भी समस्या रखी है वे सही हैं. हर सेक्टर की स्थिति पर विचार जरूरी है लेकिन बैंकिंग सेक्टर का भी ख्याल रखना होगा. तुषार मेहता ने कहा कि मोरेटोरियम का मकसद यह नहीं था कि ब्याज माफ कर दिया जायेगा. कोरोना के हालात का हर सेक्टर पर प्रभाव पड़ा है लेकिन कुछ सेक्टर ऐसे भी है जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है. फार्मास्यूटिकल और आईटी सेक्टर ऐसे सेक्टर है जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि जब मोरेटोरियम लाया गया था तो मकसद था कि व्यापारी उपलब्ध पूंजी का जरूरी इस्तेमाल कर सके और उनपर बैंक के किश्त का बोझ नहीं पड़े.

     भोपाल / शौर्यपथ / मध्यप्रदेश के मंदसौर के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर पूर्व कांग्रेसी विधायक और वर्तमान शिवराज सरकार के मंत्री हरदीप सिंह डंग लगातार तूफानी दौरे कर रहे हैं. इस दौरान वे माइक के सहारे नुक्कड़ सभाएं भी कर रहे हैं. ऐसी एक सभा के दौरान हरदीप सिंह डंग से एक कांग्रेसी नेता द्वारा बहस किए जाने का मामला सामने आया है. इस दौरान कांग्रेस नेता हरदीप सिंह डंग पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनसे नुक्कड़ सभा के दौरान ही बहस करने लगे. मामला बिगड़ता देख किसी तरह से मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने कांग्रेस नेता को मौके से हटाया.
      इसके बाद मंत्री जी भी ज्यादा देर नहीं रुके और अपना भाषण संक्षिप्त में समाप्त करके अगले गांव की ओर चल दिए. यह मामला बुधवार सुबह का है. अब यह गर्मागर्म नोंकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह वीडियो सीतामऊ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रतनपुरा का है जहां बुधवार को सुबह जनसंपर्क करने पहुंचे केबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग की युवक कांग्रेस के कर्मवीर सिंह भाटी से बहस हो गई. सार्वजनिक रूप से हुई इस बहस के बाद मंत्री जी के गार्ड ने बहस कर रहे कर्मवीर को वहां से हटा दिया.युवक कांग्रेस के अध्यक्ष कर्मवीर भाटी ने हरदीप सिंह डंग पर इस दौरान झूठ बोलने ओर धर्म पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया. मामला बढ़ते देख पुलिस कर्मियों ने हस्तक्षेप किया और कर्मवीर को सभा स्थल से हटाया गया.
     दरअसल हरदीप सिंह डंग नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने वादाखिलाफी की. समूह लोन माफ नहीं किए. किसानों का दो लाख का कर्जा माफ नहीं किया. यहां तक कि एक नेता तो जयकार पर आपत्ति लेते थे. इस दौरान आपत्ति जताते हुए कर्मवीर ने मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.

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