March 27, 2025
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भारत (814)

कोरोना संक्रमित की ताज़ा जानकारी और भारत की वर्तमान स्थिति

   नई दिल्ली / रायपुर / शौर्यपथ / ताजा जानकारी के अनुसार भारत दुनिया के टॉप 10 देशो में शामिल हो गया . वृहद् जनसँख्या के कारण भारत में कोरोना का प्रसार उतनी तेजी से नहीं हो रहा जिसकी कल्पना अन्य देशो द्वारा की जा रही थी . प्रवासी मजदूरो के गृह नगर जाने और लगातार टेस्टिंग होने से भारत में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है . एक अनुमान के मुताबिक मजदूरो के आवागम की स्थिति में संक्रमित लोगो की संख्या में और इजाफा होने के कयास लगाए जा रहे है . प्रवासी मजदूरो के अपने अपने प्रदेश में लौटने के बाद स्थिति नियंत्रण में होने की संभावना है . वर्तमान में अधिकतर मरीजो की ट्रेवल हिस्ट्री मिल रही है . भारत में वर्तमान समय में 1,38,845 केस की पुष्टि की गयी है जो प्रति 10 लाख की जनसँख्या में 102 है वही 57,721 मरीज स्वास्थ्य लाभ ले चुके है एवं ४०२१ लोगो की मौत हो चुकी है .
देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में मिले है जिनकी संख्या 50 हजार के पार हो चुकी है वही अगर छत्तीसगढ़ की बात करे तो २५२ केस की पुष्टि हुई है जो प्रति १० लाख में 8 की गणना में की जा रही है . बीते २० मई को छत्तीसगढ़ में कुल १०१ मरीजो की पुष्टि ई गयी थी किन्तु 5 दिनों में 25 मई तक कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या 252 तक पहुँच गयी . छत्तीसगढ़ के लिए राहत ककी बात यह है कि इनमे से ज्यादातर कोरोना संकर्मित मरीजो की ट्रेवल हिस्ट्री है और सभी क्वारेनटाईन सेंटर में है .
25 मई का दिन प्रदेश के मुंगेली जिले के लिए चौकाने वाला रहा एक साथ 26 मरीज के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गयी ये सभी क्वारेनटाईन सेंटर में रुके हुए प्रवासी श्रमिक है . मुंगेली कलेक्टर द्वारा क्वारेनटाईन सेंटर के आस पास के क्षेत्रो को सेनेटराईज करने के निर्देश दिए गए इस कार्य को कलेक्टर डॉ. भूरे द्वारा अपनी मौजूदगी में कराया गया एवं आम जनता से अपील की गयी की स्थिति नियंत्रण में है और सभी से लॉक डाउन के नियमो का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए .
कोरोना संक्रमण के डाटा तेजी से बदल रहे है शौर्यपथ समाचार द्वारा यह डाटा सरकारी आंकड़ो व अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी लिंक से एकत्रित किया गया है जो कि निरंतर बदलाव की स्थिति में है .
शौर्यपथ समाचार आम जनता और समानित पाठको से अनुरोध करता है कि परिवार के लिए आपका स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है . राज्य सरकारे और केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि जनजीवन सामान्य स्थिति में आये . शाब्दि की सबसे बड़ी विपदा में अपने व्यवहारऔर व्यापार का नियंत्रण रखे एवं शासन के हर विभाग जो कोरोना के जंग में मैदान में है उनका सहयोग करे .

रायपुर / शौर्यपथ / केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह के द्वारा करोना काल में सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार और गलत शब्दों के प्रयोग की निंदा करते हुए राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा ने कहा है कि मारपीट की धमकी देना और अधिकारी कर्मचारियों के साथ इस तरीके का दुव्र्यवहार करना केंद्रीय मंत्री पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। आज करोना से लड़ाई में सरकारी कर्मचारी अधिकारी डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस के जवान अग्रिम पंक्ति के सिपाही की भूमिका निभा रहे हैं।
करोना योद्धाओं के लिए धमकी की भाषा का प्रयोग करके रेणुका सिंह ने उजागर कर दिया है कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा का वास्तविक चाल चरित्र और चेहरा कैसा है ! छत्तीसगढ़ शांति प्रेम और सद्भाव का प्रदेश है और ऐसी हिंसक प्रवृत्ति का प्रदर्शन करने वाले नेताओं का छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोई स्थान नहीं है।

     दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव के मरीजों की संख्या एकाएक तेजी से बढऩे पर देश के दिग्गज कांग्रेसी नेता कांग्रेस महासचिव मोतीलाल वोरा ने चिंता जताई है। वोरा ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से चर्चा की और छत्तीसगढ़ में कोविड 19 का संक्रमण तेजी से फैलने पर टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के साथ जरूरी इलाज व स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने कहा। वोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कोविड 19 के संक्रमण से निपटने में त्वरित फैसले लेकर इसकी रोकथाम और नियंत्रण करने में सफल रही। हाल ही में दूसरे राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों को कोरोना पॉजिटिव होने की सूचनाएं मिल रही हैं। वोरा ने सभी प्रवासी श्रमिकों की जांच तत्परता से करने और कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पर्याप्त इलाज सुविधा उपलब्ध कराने कहा। वोरा ने कहा कि महामारी से बचने ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग की जाए। सिंहदेव ने वोरा को बताया कि राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार और टेस्टिंग की बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। वर्तमान में राज्य में कोरोना प़जिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 110 हो गई है। शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव के 40 नए मरीज मिले हैं। कोविड 19 के संक्रमण और इसकी रोकथाम के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। टेस्टिंग की सुविधा के साथ प्रतिदिन होने वाली जांच की संख्या बढ़ाई गई है।

शौर्यपथ

बेंगलुरु में बुधवार (मई 20, 2020) दोपहर करीब 1.30 मिनट पर एक रहस्यमयी और अजीबोगरीब आवाज सुनने को मिली, जिससे लोगों में दहशत फैल गई है। शहर के पूर्वी इलाकों में अजीबोगरीब आवाज ने वहाँ रह रहे लोगों को हैरत में डाल दिया है। इसके बाद से ही सोशल मिडिया पर इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

कुछ बेंगलुरु निवासियों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस क्षेत्र में एक तेज आवाज के साथ ही झटके भी महसूस किए गए। साथ ही घरों की खिड़कियाँ भी कुछ पलों तक हिलती रहीं।
कुछ एजेंसियाँ इस आवाज के बारे में पता करने में जुटी हैं। आशंका जताई जा रही हैं कि यह भूकंप की आवाज थी, या फिर किसी प्रकार के विमान की आवज। यहाँ तक कि लोगों ने इसे एलियंस के आने की सूचना तक बता दिया।
इस बारे में अभी कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है लेकिन कहा जा रहा है कि यह अजीबोगरीब आवाज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, कल्याण नगर, एमजी रोड, मराठाहल्ली, व्हाईटफील्ड, सरजापुर, इलेक्ट्रानिक सिटी से लेकर हेब्बागोडी तक सुनी गई। सुरक्षा एजेंसियाँ इस आवाज के स्रोत के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।
ह्वाइटफील्ड डिवीजन के DCP एमएन अनुचेत ने कहा कि पूर्वी बेंगलुरु में आज जो अजीब सी आवाज सुनी गई उस के स्रोत के बारे में पता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ह्वाइटफील्ड एरिया की तलाशी ली गई, लेकिन वहाँ पर किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने यह भी अनुमान लगाया कि यह भारतीय वायु सेना के एक सुपरसोनिक फाइटर जेट द्वारा बनाया गया एक सोनिक बूम था। कई लोगों ने यह भी कहा कि यह एक मिराज 2000 से पैदा हुई आवाज थी, और बताया कि आज सुबह से ही इस क्षेत्र पर जेट विमान उड़ रहे हैं।

सोनिक बूम
सोनिक बूम वह ध्वनि है जो तब उत्पन्न होती है, जब कोई वस्तु ध्वनि की गति से तेज चलती है। जब कोई सुपरसोनिक जेट ध्वनि की गति को तेज करता है और गुजरता है, तो यह एक प्रकार की ‘शॉक वेव्स’ यानी कम्पन तैयार करता है, जिस कारण बहुत तेज शोर पैदा होता है।

इस से उत्सर्जित लहरें घरों के आसपास की खिड़कियों और अन्य वस्तुओं को भी हिलाने में सक्षम होती हैं। यह बेशक एक डराने वाला अनुभव भी हो सकता है। यही वजह है कि कुछ लोगों ने इसकी भूकम्प जैसी घटना से तुलना की है।
कुछ लोग इसे एलियन से जोड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि एलियन विमानों से भी इसी तरह की आवाज आती है।

वहीं, रिपोर्ट्स के अनुसार, HAL ने अभी-अभी इस बात की पुष्टि की है कि इस गर्जना का उनसे कोई सम्बन्ध नहीं था। बेंगलुरु पुलिस फिलहाल वायु सेना के जवाब की प्रतीक्षा कर रही है कि क्या यह किसी उड़ान का नतीजा था। इस बारे में अभी तक जाँच जारी है।

भाजपा को देश कभी माफ नहीं करेगा
पूरे देश में उत्तर प्रदेश में और छत्तीसगढ़ में लगातार करोना आपदा को लेकर भाजपा केवल राजनीति कर रही है और गरीबों को मदद नहीं पहुंचाई जा रही है
उल्टा गरीबों को मदद पहुंचाने में भाजपा के नेता बाधा डालने में और नुक्ताचीनी करने में लगे हुए हैं
देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है
मोदी सरकार ने देश के मजदूर को मजबूर समझने की बड़ी भूल की है : कांग्रेस
गरीब मजदूर किसान मध्यमवर्ग छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योग धंधा करने वालों को मोदी सरकार हेय दृष्टि से देखती है

    रायपुर / शौर्यपथ / मोदी सरकार के मजदूर विरोधी रवैया पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश के मजदूर को मजबूर समझने की बड़ी भूल की है। दरअसल समाज के गरीब मजदूर किसान मध्यमवर्ग छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योग धंधा करने वालों को मोदी सरकार हेय दृष्टि से देखती है। जबकि यही वर्ग देश की अर्थव्यवस्था और देश का संचालन करते हैं।
त्रिवेदी ने कहा है कि सिर्फ 4 घंटे के नोटिस पर मोदी सरकार ने पूरे देश का लाक डाउन कर दिया। रेल, बस सब यातायात के साधन बंद कर दिये। लाखों मजदूर भाई और बहन सैकड़ों हजारों किलोमीटर का सफर तय कर थके हारे भूखे प्यासे बगैर राशन बगैर दवाई बच्चों को गोद में उठाए और थोड़ी बहुत जमा पूंजी सामान और लॉक डाउन के कारण हुआ कर्ज भी पीठ पर लादकर पांव में छाले लेकर जब अपने घर गांव वापस जा रहे हैं तो उनको घर पहुंचाने की जवाबदारी देश की सरकार की थी।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के निर्देश पर पूरे देश के मजदूरों का रेल किराया वहन करने के लिए सामने आई। उत्तर प्रदेश की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और उत्तर प्रदेश की बेटी प्रियंका गांधी और कांग्रेस के साथियों ने मिलकर 1000 बसों का इंतजाम किया। गाजीपुर बॉर्डर पर और नोएडा बॉर्डर पर ताकि पैदल थके हारे मजदूर भाई अपने-अपने घर गांव प्रदेश जा सके तो उत्तर प्रदेश की सरकार इस में रोड़ा अटका ने औरंगा डालने का काम कर रही है।
मजदूरों के बस मामले में भाजपा सरकारों की स्तर हीन राजनीति की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कडा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1000 बस मजदूरों के लिए निशुल्क मुहैया कराई लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसमें बेहद घटिया सियासत की है। 16 मई 2020 को प्रियंका गांधी जी ने आदित्यनाथ जी को लिखा और यह कहा कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे देश के अन्य प्रदेशों के मजदूर भी वापस जा रहे हैं सरकार की घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। देश में अभी तक 65 से अधिक मजदूरों की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है। बेसहारा प्रवासी मजदूरों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसे नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है, अनुमति दी जाए यह पत्र प्रियंका गांधी ने 16 मई को लिखा।
48 घंटे तक आदित्यनाथ मौन रहे एक शब्द नहीं कहा और 48 घंटे के बाद 18 मई को एक पत्र उनके एक सचिव ने लिखा और कहा कि मजदूरों के संदर्भ में हम आपके प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं आप ड्राइवरों की लिस्ट उनके फोन नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस दीजिए।
प्रियंका गांधी ने और कांग्रेस पार्टी ने इसका स्वागत किया और 18 मई को उसी दिन चंद घंटों के अंदर ईमेल के माध्यम से वह लिस्ट उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी गई और बकायदा पत्र लिखकर सूचित किया गया कि हम कल यानी 19 मई को बसों को बॉर्डर पर चलने को तैयार रखेंगे। 1096 बसों की सूची ईमेल के साथ अटैच की गई कुछ चालकों का दोबारा वेरीफिकेशन करके उनकी सूची भी कुछ घंटों में आप तक पहुंचा देंगे। 18 मई को यह पत्र लिखा गया और पूरा दिन निकल गया कोई जवाब आदित्यनाथ सरकार ने नहीं दिया।
रात 11:40 पर बुरी मंशा के साथ दुर्भावना के साथ निर्दयता के साथ राजनीति के साथ पक्षपात करते हुए संवेदनहीनता बरतते हुए रात को 11:40 पर अपर मुख्य सचिव ने चि_ी लिखा और कहा कि इन बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट ड्राइविंग लाइसेंस के साथ इन बसों को सुबह 10:00 बजे वृंदावन योजना लखनऊ में उपलब्ध कराइए।
रात को 11:40 पर 18 मई को पत्र लिख रहे हैं कि यह बसे लखनऊ में उपलब्ध कराई जाएं यह है संवेदनहीनता स्तर हीन राजनीति और घटिया राजनीतिक सोच। 2 घंटे के अंदर कांग्रेस पार्टी ने उनको पत्र लिखा और कहा कि अभी देर रात 11:40 पर ईमेल पर आपका पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें आपने 10:00 बजे लखनऊ में बसे हैंडोवर करने की अपेक्षा की है।
संकट में फंसे प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के विभिन्न सीमाओं में और खासकर दिल्ली उत्तर प्रदेश के बॉर्डर गाजियाबाद नोएडा जैसी जगहों पर मौजूद है यहां लाखों प्रवासी मजदूर हैं और मीडिया के माध्यम से इनकी विकट हालत को पूरा देश देख रहा है और ऐसे में 1000 खाली बसों को उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लखनऊ ले जाने का तुगलकी आदेश आदित्यनाथ सरकार ने दिया जिसका कोई औचित्य नहीं है।
2 घंटे में यह जवाब जब कांग्रेस ने दिया तो अगले दिन 11:05 पर जवाब आता है कि अच्छा अब लखनऊ मत भेजिए अब यह सारी बसें 500 नोएडा और 500 बसें गौतम बुध नगर में 12:00 बजे तक उपलब्ध करा दी जाए। 19 मई को 11:05 पर पत्र लिखकर 12:00 बजे तक 1000 बसे मांग रहे हैं और चार घंटे लगा रहे हैं कि बस का परमिट दीजिए सर्टिफाई करवाकर फिटनेस सर्टिफिकेट दीजिए बस का इंश्योरेंस दीजिए ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी दीजिए और यह सब 1 घंटे के अंदर इन बॉर्डर पर उपलब्ध कराएं।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि दरअसल भाजपा चाहती ही नहीं थी कि मजदूरों को यह सुविधा मिले और नंगे पांव चल रहे मजदूर बसों से कहीं जा सके। कांग्रेस ने फिर कहा कि कुछ बसे राजस्थान से आ रही हैं कुछ बसें दिल्ली से हैं यह सारी बसें 5:00 बजे तक हम उपलब्ध करा देंगे और यह एक ऐतिहासिक कदम होगा अगर उत्तर प्रदेश सरकार कांग्रेस के साथ मिलकर सेवा का यह कदम उठाएगी।
मोदी जी की रैलियों के लिए हजारों बसें उपलब्ध और साथ में खाना देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार गरीब साधारण मजदूर को सैकड़ों किलोमीटर नंगे पांव सालों के साथ बच्चों को कोख में उठा कर सामान पीठ में लादकर थके हारे भूखे प्यासे बगैर भोजन दवाई के अपने घर जाने के लिए मजबूर कर रही है और कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी की बसें उपलब्ध करा रही है तो यह भी भाजपा सरकार को स्वीकार नहीं है इससे ज्यादा शर्म की बात किसी भी राजनीतिक दल और सरकार के लिए हो ही नहीं सकती।
पहले दिन से प्रियंका गांधी जी ने कहा है कि यह बसें देना राजनीति का विषय नहीं हम कोई राजनैतिक फायदा नहीं उठाना चाहते हम सहयोग करना चाहते हैं 60 लाख लोगों के खाने के लिए हम अलग से इंतजाम 2 महीने में कर चुके हैं और 700000 लोग जो देश में अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं उनको उत्तर प्रदेश लाने और उत्तर प्रदेश में फंसे मजदूरों को देश के अन्य प्रदेशों में ले जाने का इंतजाम कांग्रेस पार्टी ने किया है हम हाथ से हाथ बटाना चाहते हैं आप चाहे तो बसों पर भाजपा का झंडा लगा ले इन बसों पर किसी की फोटो लगा ले लेकिन इन मजदूरों की मदद करें समय बर्बाद ना करें और अगर यह सब बच्चे खड़ी है तो इनका उपयोग कर लेंगे तो इसमें क्या नुकसान है कोई वोट पडऩे जा रहे हैं क्या कांग्रेस पार्टी मानवीय आधार पर यह मदद करना चाहती है।
बसें उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर खड़ी है लेकिन इन बसों को मजदूरों तक पहुंचने में भाजपा की सरकार बाधा डाल रही है। अगर भाजपा सरकार ने असहयोग नहीं किया होता तो इन 1000 बसों ने 10 चक्कर लगा लिए होते और अगर एक बस में 30 मजदूर भाई भी जाते तो 60 70 हजार मजदूर अपने अपने घर गांव पहुंच गए होते लेकिन मोदी और आदित्यनाथ असंवेदनशील निष्ठुर निर्दई बने हुए हैं उन्हें गरीबों की मजदूरों की तकलीफ से कोई सरोकार नहीं है।
त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा द्वारा पूरे देश में उत्तर प्रदेश में और छत्तीसगढ़ में लगातार करोना आपदा को लेकर केवल राजनीति की जा रही है और गरीबों को मदद नहीं पहुंचाई जा रही है उल्टा गरीबों को मदद पहुंचाने में भाजपा के नेता बाधा डालने में और नुक्ताचीनी करने में लगे हुए हैं देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है भाजपा को देश कभी माफ नहीं करेगा।

   नई दिल्ली / शौर्यपथ  / देश में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा. भारत में कोरोना के केसों की संख्‍या बढ़कर 96 हजार के पार पहुंच गई है और अब तक 3029 लोगों को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है. कोरोना की इस कहर के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने टेस्‍ट को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है. इसके तहत इस बात का खुलासा किया गया है कि किन लोगों के कोरोना टेस्‍ट किए जाएंगे. आईसीएमआर ने साफ किया कि उन लेागों के टेस्‍ट किए जाएंगे..
1: जिनमें कोरोना के लक्षण हो और जो पिछले 14 दिनों विदेश से आये हों.
2: जो कनफर्म्ड कोरोना के मरीज़ के संपर्क में आये हों.
3: सभी स्वास्थ्यकर्मी जिनमें लक्षण दिखें/ लक्षण वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स जो कोरोना के कंटेनमेंट जोन में जुड़े हों. (frontline workers नया जोड़ा गया है.)

4: सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस के मरीज़.

5: कोरोना के कनफर्म्ड केस के संपर्क में सीधे संपर्क में आये बिना लक्षण वाले कांटेक्ट जो हाई रिस्क पर हों इनका 5 और 10 दिन के बीच में टेस्ट होगा.(पहले ये टेस्‍ट 5 और 14 दिन के बीच में करना था जिसे अब 10 दिन किया गया है).

6: Containment zones/hotspots के इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस वाले मरीज़ (ILI).

7: सभी अस्पताल में भर्ती मरीज़ जिनमे ILI के लक्षण हों (नया जोड़ा गया है).

8: ILI के लक्षण वाले सभी प्रवासी या जो दूसरे राज्यों से घर लौटे हों, उनका 7 दिन के अंदर टेस्ट हो. (नया जोड़ा गया है).
9: अस्पताल पहुंचे मरीज़ जिनकी इमरजेंसी हो (डिलीवरी भी अगर है तो) तो टेस्ट की वजह से उनको इलाज का इंतज़ार नहीं करवाया जाए पर कोरोना टेस्ट तभी होगा जब 1-8 नंबर के तहत किसी केटेगरी में वो आते हों.

नोट : SARI : बुखार (100.4 F or 38 C), खांसी और हॉस्पिटलाइजेशन की ज़रूरत जिनको हो.
ILI: बुखार (100.4 F or 38 C) और खांसी इनका RT PCR टेस्ट ही होगा.
देश का महाराष्‍ट्र राज्‍य इस समय कोरोना की महामारी से सबसे ज्‍यादा प्रभावित है. यहां केसों की संख्‍या 33 हजार के पार पहुंच गई है. महाराष्‍ट्र की राजधानी भी कोरोना की महामारी का 'बड़ा केंद्र' बनी हुई है. दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां 11 हजार से अधिक केस सामने आए हैं. दक्षिणी राज्‍य तमिलनाडु से भी 11224 और देश की राजधानी दिल्‍ली से 10054 केस अब तक सामने आए हैं.

नई दिल्ली / शौर्यपथ / 

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को 50 क्षेत्रीय पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि देश में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, आने वाला है। राहुल गांधी ने कहा कि आज हमारे गरीब लोगों को पैसे की जरूरत है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध कर रहा हूं कि उन्हें इस पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए। उने सीधे बैंक ट्रांसफर पर सोचना चाहिए। मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार दिया जाए।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब बच्चों को चोट लगती है तो मां बच्चे को कर्ज नहीं देती है, वो एकदम मदद करती है। भारत माता को अपने बच्चों के लिए साहूकार का काम नहीं करना चाहिए। उसे बच्चों को एकदम पैसा देना चाहिए। जो प्रवासी मजदूर सड़क पर चल रहा है उसे कर्ज की नहीं जेब में पैसे की जरूरत है।

आगे कहा कि मैंने सुना है कि पैसे न देने का कारण रेटिंग है,अगर आज हमने थोड़ा घाटा बढ़ा दिया तो बाहर की एजेंसियां भारत की रेटिंग कम कर देंगी और हमारा नुकसान होगा। मैं पीएम से कहना चाहता हूं कि हमारी रेटिंग किसान, मजदूर बनाते हैं। आज उन्हें हमारी जरूरत है,रेटिंग के बारे में मत सोचिए।

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / सीएए के विरोध में दिल्ली के यमुना पार में हुए दंगों में पाकिस्तान कनेक्शन की जानकारी मिली है। आईबी और एनआईए को यह जानकारी दी गई है। दिल्ली पुलिस के दावों के मुताबिक फरवरी में जो दंगे हुए थे वो एकाएक नहीं बल्कि एक साजिश के तहत किये गए थे। जांच में सामने आया है कि दंगे में खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ की बड़ी भूमिका थी। इसके कहने पर ये साजिश रची गयी थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस एक सप्लीमेंट्री चार्ज शीट देगी।

पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ की स्टूडेंट विंग ने भारत की छवि को विश्व में खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर दंगा कराने की बड़ी साजिश रची थी। इसी के तहत जफराबाद मेट्रो स्टेशन पर महिलाओं का धरना सहित मस्जिद की तोडफ़ोड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर भेजे गए थे जिसके बाद ये दंगे भड़के।

अब तक कि जांच के तहत इंसाफ स्टूडेंट विंग ने भारत में दंगे भड़काने के मकसद से दंगे के वक्त महज 16 दिन में तीन हजार से अधिक नए ट्वीटर हैंडल्स बनाए और उसके जरिये हजारों की संख्या में भारत के खिलाफ पोस्ट शेयर किए थे।

ताहिर को बनाया मोहरा 
आम आदमी पार्टी से निलंबित हो चुके पार्षद ताहिर हुसैन को सोशल मीडिया के जरिये जोड़ा गया था। दिल्ली पुलिस इस मामले में अब ताहिर हुसैन के खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाकर जांच करेगी।

3562 ट्वीटर एकाउंट सहित फेसबुक पर 372 वीडियो थे बने

दंगों के दौरान 16 दिनों में ही इंसाफ स्टूडेंट विंग ने 3582 नए ट्वीटर अकाउंट बनाए और अलग-अलग फर्जी हैशटैग के जरिये दुनियाभर में भड़काऊ पोस्ट करने शुरू कर दिए। इसके अलावा 372 भड़काऊ वीडियो भी बनाये गए थे। जिसमें ये संदेश देने की कोशिश की गई कि भारत में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं। इस साजिश के जरिये अंतराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान की छवि को खराब करने की कोशिश की।

    नई दिल्ली / एजेंसी / वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत दूसरी किश्त के बारे में जानकारी दी. उन्होंने प्रवासी मज़दूरों के लिए अगले दो महीने तक मुफ़्त राशन की घोषणा की और बताया कि अपने राज्यों में लौटे मज़दूरों के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को 11 हज़ार करोड़ रुपये की राशि दी है. इस किश्त में प्रवासी मज़दूरों, रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों, छोटे किसानों और ख़ुद का रोज़गार करने वालों को प्रमुखता दी गई.
नौ चरणों में किए गए इन ऐलानों में से तीन प्रवासी मज़दूरों, एक रेहड़ी-पटरी विक्रेताएं और अपना रोज़गार करने वाले लोगों और दो छोटे किसानों और एक हाउसिंग सेक्टर के लिए थे.
प्रवासी मज़दूरों के लिए मुख्य ऐलान
अगले दो महीनों तक सभी प्रवासी मज़दूरों को मुफ़्त अनाज दिया जाएगा. इस योजना का लाभ उन मज़दूरों को भी मिलेगा जो खाद्य सुरक्षा क़ानून के दायरे में नहीं आते और जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. ऐसे आठ करोड़ प्रवासी मज़दूरों के लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
अगले दो महीनों तक हर प्रवासी मज़दूर परिवार को पांच-पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना मिलेगा. इस योजना को लागू कराने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की है.
'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना के तहत मज़दूर चाहे देश के किसी भी कोने में हों, वहां के राशन डिपो से अपने हिस्से का अनाज ले सकते हैं. इसका फ़ायदा उन सभी प्रवासी मज़दूरों को मिल पाएगा जो रोज़गार के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं.
जो प्रवासी मज़दूर अपने राज्यों में वापस गए हैं, उनकी मदद करने के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये ख़र्च किए जा चुके हैं.
प्रवासी मज़दूरों और शहरी ग़रीबों को कम कीमत पर किराए के मकान मिल सके, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इसका इंतज़ाम किया जाएगा. राज्य सरकारें और उद्योगपति भी इसमें अपना योगदान करेंगे. इसके लिए सरकार ने मार्च 2021 तक का लक्ष्य रखा है. यह व्यवस्था पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत की जाएगी.
असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले सिर्फ़ 30 फ़ीसदी मज़दूर ही न्यूनतम वेतन का फ़ायदा उठा पाते हैं. पूरे देश में एक जैसा न्यूनतम वेतन लागू किया जाएगा ताकि क्षेत्रीय असमानता दूर हो. इसे क़ानूनी रूप दिया जाएगा.
मज़दूरों को अपॉइंटमेंट लेटर (नियुक्ति पत्र) दिया जाएगा. साल में एक बार उनका हेल्थ चेकअप अनिवार्य होगा और ख़तरनाक परिस्थितियों में काम करने वाले मज़दूरों का सामाजिक सुरक्षा स्कीमों के ज़रिए ध्यान दिया जाएगा.
मज़दूरों की दिहाड़ी 182 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 202 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है. नाबार्ड (नेशनल बैंक फ़ॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलेपमेंट) ने ग्रामीण और सहकारी बैंकों को 29,500 करोड़ रुपये की मदद दी है. 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं. तीन करोड़ किसानों तक मदद पहुंचाई गई है. सरकार लॉकडाउन में भी लगातार काम कर रही है.

रेहड़ी-पटरी वालों और किसानों के लिए मुख्य ऐलान
रेहड़ी-पटरी वालों और घरों में काम करने वालों के लिए पांच हज़ार करोड़ रुपये की सहयोग राशि का ऐलान. इससे हर व्यक्ति को 10 हज़ार रुपये तक का कर्ज़ मिल सकेगा. सरकार इस योजना को एक महीने के भीतर लॉन्च कर देगी. लगभग 50 लाख लोगों को इसका फ़ायदा मिलेगा.आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार पैदा करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये के कैंपा फ़ंड का ऐलान. इस योजना को अर्ध शहरी इलाकों में भी लागू किया जा सकता है. तीन करोड़ के लगभग छोटे और सीमांत किसानों के लिए 30 हज़ार करोड़ रुपये की अतिरिक्त सुविधा का ऐलान. ये धनराशि नाबार्ड द्वारा दिए जाने वाले 90 हज़ार करोड़ रुपये से अलग है. क्षेत्रीय और सहकारी बैंक ये मदद किसानों तक पहुंचाएंगे. किसानों के लिए 30 हज़ार एडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल फ़ंड बनाए जा रहे हैं. दो लाख करोड़ रुपये की राशि किसानों, पशुपालन और मछली के व्यवसाय में लगे लोगों को रियायती दर पर कर्ज़ देने के लिए निर्धारित की गई है.

हाउसिंग और मध्य वर्ग के लिए मुख्य ऐलान
मुद्रा शिशु ऋण श्रेणी में आने वालों के लिए 1 लाख 62 हज़ार करोड़ रुपये अब तक ख़र्च किए गए हैं. इससे लगभग तीन करोड़ लोगों को 1500 करोड़ रुपये का फ़ायदा मिलेगा. उनके ब्याज़ में दो फ़ीसदी का ख़र्च केंद्र सरकार उठाएगी.
हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मध्यम आय वर्ग को 70 हज़ार करोड़ का बढ़ावा देने वाली योजना का ऐलान किया जाता है. इस योजना को 31 मार्च, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. लगभग ढाई लाख लोगों को इसका फ़ायदा मिलेगा.
ब्रीफ़िंग की कुछ अन्य प्रमुख बातें
पिछले दो महीनों में कृषि क्षेत्र के लिए 86,000 करोड़ के बराबर राशि के 63 लाख लोन मंज़ूर किए गए. मार्च-अप्रैल का महीना खेती और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए सरकार ने ये फ़ैसला लिया.
तीन करोड़ के लगभग किसानों ने कम दरों पर दिए जाने वाले लोन का फ़ायदा उठाया है.
केंद्र सरकार अपने ख़र्चे पर शहरों में रहने वाले बेघर लोगों को तीन वक़्त का खाना दे रही है. 2.33 करोड़ प्रवासी मज़दूरों को पंचायतों में काम मिला है.
कोरोना संकट के दौरान 12 हज़ार स्वयंसेवी समूहों ने तीन करोड़ से ज़्यादा मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइज़र बनाया. पिछले दो महीनों में शहरी ग़रीबों की मदद के लिए 7,200 नए स्वयंसेवी समूह बनाए गए.
इससे पहले बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में निर्मला सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. इसके तहत लघु उद्योगों को तीन लाख करोड़ रुपये लोन बिना गारंटी देने की बात कही गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश के नाम सम्बोधन में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और अलग-अलग वर्गों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था.

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