April 26, 2025
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सागर । शौर्यपथ । बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद उनके परिवार और फैंस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. हर कोई जानना चाह रहा है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. इसी बीच एक मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले से आया है, जिसने सबको चौंका दिया है. दरअसल, मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक 20 साल की युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आश्चर्य की बात ये है कि फांसी लगाने के कुछ घंटे पहले ही उसने कहा था कि मैं भी सुशांत सिंह राजपूत की तरह ही फांसी लगा लूंगी. यह पूरा मामला सागर के खुरई का है. मृतक युवती के भाई ने बताया कि सुबह से ही उसकी बहन अपनी भाभी से मजाक में बोल रही थी कि वो भी सुशांत सिंह राजपूत की तरह फांसी लगा लेगी. कुछ घंटे बाद जब सभी लोग अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए तब मौका पाते ही उसने छत पर जाकर घटना को अंजाम दे दिया. किसी को कुछ समझ नहीं आया कि उसने ऐसा क्यों कर लिया. घटना के बाद घर वाले सदमे में हैं. मृतक युवती के भाई ने यह भी बताया कि जब उसने फांसी लगाने के लिए कहा तो उसकी भाभी ने यह जवाब दिया कि तुम बहुत मुंह चला रही हो, हम मम्मी और आपके भैया से तुम्हारी शिकायत कर देंगे. इसके बाद युवती ने अपनी भाभी को बताया कि ऐसा कुछ नहीं है, वो सिर्फ मजाक कर रही है. इतना कहकर वह हंसकर वहां से चली गई. कुछ घंटों बाद जब सब इधर-उधर अपने काम में लगे थे तो वह चुपचाप ऊपर छत पर गई और वहां उसने फांसी लगा ली. युवती की मां और भाभी ने उसे देखा और घर वालों ने तत्काल डॉक्टर को बुलवाया. उसे अस्पताल लाया गया लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची. खुरई थाना की एसआई सुरभि बिलथरे ने बताया कि अब्दुल हमीद वार्ड में रहने वाली एक महिला मृत अवस्था में पाई गई है. उसने फांसी लगा ली. उसके परिजनों ने भी यही बताया कि उसने फांसी लगाई है. फिलहाल जांच शुरू कर दी गई. पुलिस ने यह भी बताया कि मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. घर वालों का बयान भी दर्ज किया जाएगा. मृतक युवती के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. आगे की जानकारी जांच के बाद जो परिणाम आएगा, उसी के आधार पर दी जाएगी. पिछले दिनों भी एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से आया था, जहां एक दसवीं कक्षा के छात्र ने सुशांत सिंह की आत्महत्या की खबर को टीवी पर देखने के बाद खुद भी फंदे से लटककर अपनी जान दे दी. छात्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं.

जयपुर / शौर्यपथ / राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव से पहले राजस्थान में चुनावी गतिविधियों तेज होने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात कहा कि पार्टी के विधायक एकजुट हैं और वे किसी तरह के लोभ व लालच में नहीं आएंगे. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेस विधायकों को 25 करोड़ रुपये तक की पेशकश की गई.
दिल्ली राजमार्ग पर एक होटल में कांग्रेस व उसके समर्थक विधायकों की देर रात तक चली बैठक के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक बहुत फलदायी रही और सब एकजुट होकर यहां से गए हैं . कल फिर बैठक होगी जिसमें पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे भी मौजूद रहेंगे.

उन्होंने कहा,'' हमारे विधायक बहुत समझदार हैं वे समझ गए. उन्हें खूब लोभ लालच देने की कोशिश की गयी. लेकिन यह हिंदुस्तान का एकमात्र राज्य है जहां एक पैसे का सौदा नहीं होता. यह इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा. मुझे गर्व है कि मैं ऐसी धरती का मुख्यमंत्री हूं जिसके लाल बिना सौदे के बिना लोभ लालच के सरकार का साथ देते हैं कि सरकार स्थिर रहनी चाहिए राज्य में.''

राज्य के कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा,''करोड़ों अरबों रुपये भेजे जा रहे हैं. सुन रहे हैं कि नकदी स्थानांतरित हो रही है जयपुर में. कौन भेज रहा है. बांटने के लिए एडवांस देने की बातें हो रही हैं. आप लीजिए दस करोड़ एडवांस ले लीजिए. बाद में दस और देंगे फिर पांच और देंगे. क्या हो रहा है. खुला खेल हो रहा है यहां पर.''

गुजरात में कांग्रेस विधायकों से इस्तीफा दिलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा,''ये पहले भी करते आए हैं गुजरात में. ये परंपरा इन्होंने ही डाली है. इसलिए मैं बार बार कहता हूं कि इनका कोई यकीन नहीं, लोकतंत्र में लोकतंत्र का मुखौटा पहन कर राजनीति कर रहे हैं.''
इससे पहले विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है.

जोशी ने एसीबी के महानिदेशक को भेजी शिकायत में कहा है,'' अति विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश व गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी हमारे विधायकों व हमारा समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों को भारी प्रलोभन देकर राजय की लोकतांत्रिक तौर से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है.''

जोशी ने इस तरह के लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. हालांकि उन्होंने अपने पत्र में ऐसा प्रयास करने वाली किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया है.
एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा ,'' शिकायत मिली है और इसकी जांच होगी.''
इस बीच आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर चर्चा करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक बुधवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे. यहां से उन्हें बसों से दिल्ली राजमार्ग पर स्थित एक रिसोर्ट ले जाया गया.

वहीं राज्यसभा चुनाव पर चर्चा के लिए जयपुर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के पास सम्पूर्ण बहुमत है और उसके विधायक किसी प्रलोभन में नहीं आएंगे. भाजपा द्वारा कुछ निर्दलीय विधायकों को कथित तौर पर प्रलोभन दिये जाने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान की वीर भूमि में भाजपा के षडयंत्रकारी मंसूबे कामयाब नहीं होंगे.

पार्टी के उम्मीदवारों की जीत के प्रश्न पर सुरजेवाला ने कहा,'' कांग्रेस के पास सम्पूर्ण बहुमत है.. और वो आपके सामने है. मैंने जैसा कहा, ना जनमत को कोई हरा सकता, ना प्रजातंत्र को हरा सकता है.''
उन्होंने कहा कि बार बार जनमत का ‘चीरहरण' करना भाजपा का चाल,चेहरा, चरित्र बन गया है.
वहीं कांग्रेस नेता विवेक बंसल ने भाजपा पर लोकतंत्र को तार तार करने का आरोप लगाया. उन्होंने राज्य में पार्टी के दोनों प्रत्याशियों की जीत का विश्वास जताया.
उधर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है. उन्होंने कहा, भले ही वह कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगाये लेकिन उनका खुद का घर सुरक्षित नहीं है,उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है.

राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 19 जून को होने हैं. इन चुनाव के लिए कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने राजेन्द्र गहलोत को उम्मीदवार बनाया था हालांकि अंतिम क्षणों में भाजपा के ओंकार सिंह लखावत ने भी पर्चा दाखिल किया. राज्य की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं. इनमें छह विधायक पिछले साल बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं. ( एजेंसी )

नई दिल्ली / शौर्यपथ / राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ और मोदी सरकार अहम् आर्थिक सुधार के मसले पर आमने सामने खड़े हो गए हैं. बुधवार को भारतीय मज़दूर संघ के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने देश के अलग अलग इलाकों में मोदी सरकार की अहम् सरकारी उपक्रमों के निजीकरण, निगमीकरण और विनिवेश की नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया और रोलबैक की मांग की.
संघ परिवार में अहम आर्थिक सुधार के मसले पर अंदरूनी गतिरोध खुलकर सामने आ गया है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ के हज़ारों कार्यकर्ता बुधवार को सड़कों पर उतरे और मोदी सरकार पर मज़दूरों के हितों के खिलाफ नीति बनाने का आरोप लगाया और मांग की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर यूनिट्स के निजीकरण और विनिवेश का जो ऐलान किया है उसे तत्काल वापस लिया जाये.भारतीय मज़दूर संघ के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने एनडीटीवी से कहा, "अगर मोदी सरकार इन फैसलों को (निजीकरण, कॉर्पेटाइजेशन और विनिवेश) रोलबैक नहीं करेगी तो भारतीय मजदूर संघ इससे भी कड़ा निर्णय आगे करेगी"
बीएमएस पूछा गया कि यह कड़ा निर्णय क्या हो सकता है? क्या आप आगे अनिश्चितकालीन आंदोलन भी कर सकते हैं? तो इसके जवाब में पवन कुमार ने कहा, 'निश्चित रूप से, ये आंदोलन तब तक चलेगा अगर सरकार रोलबैक नहीं करेगी .'
भारतीय मज़दूर संघ के नेता और संघ परिवार में गतिरोध
बीएमएस मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को बेचने के खिलाफ हैं. उनके मुताबिक रेलवे और डिफेन्स आर्डिनेंस फैक्ट्रीज बोर्ड के कोर्पोरटिजशन का फैसला गलत है. कोयला सेक्टर का कमर्शियलाइजेशन मज़दूर के हित में नहीं और डिफेन्स जैसे स्ट्रेटेजिक सेक्टर में एफडीआई को मंज़ूरी गलत फैसला है.
इससे पहले भारतीय मज़दूर संघ को छोड़कर मोदी सरकार की नई आर्थिक सुधर के एजेंडे के खिलाफ 10 बड़े केंद्रीय श्रमिक संगठन लामबंद हो चुके हैं और उन्होंने 3 जुलाई को देश भर में साझा विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है कोरोना संकट के इस दौर में जहाँ एक तरफ मोदी सरकार आर्थिक सुधार के नए अजेंडे के ज़रिये नए वित्तीय संसाधन जुटाना चाहती है वहीँ देश में बढ़ते मज़दूरों के संकट से भारतीय मज़दूर संघ और दूसरे बड़े श्रमिक संगठन इन फैसलों को रोलबैक करने को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं. अब देखना होगा सरकार बड़े श्रमिक संगठनों के इस विरोध से कैसे निपटती है.

मुम्बई / शौर्यपथ / विश्व्यापी महामारी ने देश में अपना पैर पसारना चालु कर दिया है . देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में पाए जा रहे है वही अकेले मुंबई में 52  हजार  मरीज इस बीमारी से संक्रमित है . देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. देश में कोरोनावायरस के 2 लाख 76 हजार से ज्यादा मामले हैं वहीं, अब तक 7700 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इस बीच देश के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 94 हजार के पार कर गया है. वहीं, अकेले मुंबई में इसके 52 हजार से ज्यादा केस हैं. महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोनावायरस के 3,254 नए मरीजों की पुष्टि होने के बाद संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 94,041 पहुंच गया.
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि महामारी से 149 और संक्रमितों की मौत हो गई है. इसके बाद राज्य में कोविड-19 के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या 3,438 हो गई है. वहीं 1,879 मरीजों को इलाज के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है. इसके साथ संक्रमण से ठीक होने वाले रोगियों का आकंड़ा 44,517 हो गया है. राज्य में बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 46,074 है. राज्य में अबतक 5,93,784 नमूनों की जांच की गई है. वहीं, मुंबई में बुधवार को 1567 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 52 हजार 667 हो गया है. सिर्फ मुंबई में अब तक 1857 लोगों की मौत हो चुकी है.

            उधर, देश में बुधवार को पहली बार कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या संक्रमण का इलाज करा रहे रोगियों से अधिक हो गई. वहीं देश में एक दिन में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10,000 के करीब होने के साथ देश में रोगियों का आंकड़ा 2.7 लाख के पार चला गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से 279 लोगों की मौत हो गई और इसे मिलाकर अब तक 7,745 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं. मंत्रालय ने बताया कि देश में अब भी 1,33,632 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1,35,205 लोग स्वस्थ हो गए और एक मरीज देश छोड़कर चला गया.( एजेंसी )

नई दिल्ली / शौर्यपथ / देश में जारी कोरोना संकट के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच कोरोना के मुद्दे पर चर्चा हुई. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, गृह मंत्री अमित शाह से मिला और दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया.' बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 33 हजार के करीब पहुंच गया है. दिल्ली में अभी कोरोना संक्रमितों के 32 हजार 810 मामले हैं और मौत का आंकड़ा 984 पहुंच गया है.
इससे पहले दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. शुरुआत में केजरीवाल ने कहा, ''दिल्ली में 31,000 कुल मामले हो चुके हैं, 12,000 ठीक हो चुके हैं जबकि करीब 18000 अभी एक्टिव केस हैं. करीब 900 लोगों की मौत हो चुकी है. 18000 एक्टिव मामलों में से 15000 होम आइसोलेशन में हैं. कल DDMA की बैठक थी. मुझे जाना था मैं नहीं जा पाया, मनीष सिसोदिया जी और अन्य मंत्री गण गए थे.
CM केजरीवाल ने कहा, ''वहां पर जो आंकड़े सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए वह आंकड़े दिखाते हैं कि आने वाले समय में दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से फैलेगा. 15 जून को 44,000 केस होने की संभावना है. 30 जून तक 1,00,000 केस हो जाएंगे. 15 जुलाई तक सवा दो लाख केस हो जाएंगे और 31 जुलाई तक लगभग 5,32,000 केस हो जाएंगे. इसको देखते हुए 15 जून तक हमें 6,681 बेड की जरूरत पड़ेगी. 31 जुलाई तक 80,000 बेड की जरूरत पड़ेगी. चुनौती बहुत बड़ी है.''
उन्होंने कहा, ''अब जनांदोलन बनाना होगा. मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग करनी है. जो ऐसा नहीं कर रहा उससे विनती करनी है कि आप कीजिए. क्योंकि जो नियमों का पालन नहीं कर रहा, वह दूसरो को फैल सकता है. जैसे ओड इवन में हमने जन आंदोलन किया था वैसे ही अब कोरोना में करना है.''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''दिल्ली की कैबिनेट ने फैसला किया था कि कोरोना के दौरान दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली वासियों का इलाज हो. सोमवार को एलजी साहब ने दिल्ली की कैबिनेट का फैसला पलट दिया. दिल्ली में चुनी हुई सरकार है. चुनी हुई सरकार के फैसले को एलजी साहब पलट नहीं सकते कुछ लोग ऐसा कह रहे थे. मेरा कहना है कि केंद्र सरकार ने निर्णय ले लिया एलजी साहब ने फैसला कर लिया है.'' ( एजेंसी )

जयपुर / शौर्यपथ / राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक और मध्‍य प्रदेश की तर्ज पर राजस्‍थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्‍होंने इस संबंध में राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख को पत्र लिखा है. पत्र में हालांकि बीजेपी के नाम का जिक्र नहीं है लेकिन इशारा इसी पार्टी की ओर है. महेश जोशी के पत्र में कहा गया है, 'हमारे विधायकों और उन निर्दलीय उम्मीदवारों, जिन्‍होंने हमें समर्थन दिया है, को धन शक्ति के साथ लुभाने की कोशिश की जा रही है.'
         पत्र के अनुसार, यह सब लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है और एंटी करप्‍शन ब्‍यूरों को इसकी जांच करनी चाहिए. एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने मुख्‍य सचेतक महेश जोशी की ओर से पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा,'' शिकायत मिली है और इसकी जांच होगी.''गौरतलब है कि यह पत्र ऐसे समय सामने आया है जब राज्‍यसभा चुनावों के लिए 19 जून को मतदान होना है. राजस्‍थान में तीन राज्‍यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है, जिसमें से दो कांग्रेस और एक बीजेपी के पक्ष में जाने की उम्‍मीद है. हालांकि बीजेपी ने एक के बजाय दो उम्‍मीदवारों को मैदान में उतरकर कांग्रेस में 'भितरघात या क्रॉस वोटिंग' की अटकलों को बढ़ा दिया है.
          इस बीच आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर चर्चा करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक बुधवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे. यहां से उन्हें बसों से दिल्ली राजमार्ग पर स्थित एक रिसॉर्ट पर ले जाया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वहां पहुंचे. वहीं राज्यसभा चुनाव पर चर्चा के लिए जयपुर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के पास सम्पूर्ण बहुमत है और उसके विधायक किसी प्रलोभन में नहीं आएंगे. भाजपा द्वारा कुछ निर्दलीय विधायकों को कथित तौर पर प्रलोभन दिये जाने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान की वीर भूमि में भाजपा के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. उधर,भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है. उन्होंने कहा— भले ही वह कांग्रेस, बीजेपी पर आरोप लगाये लेकिन उनका खुद का घर सुरक्षित नहीं है. उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है और इसलिये इस तरीके की नौबत आज कांग्रेस पार्टी के भीतर आई है.
      राज्‍य विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 107 विधायक हैं, इसमें पिछले साल बीएसपी से टूटकर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायक शामिल हैं. कांग्रेस को 12 निर्दलीयों का समर्थन भी हासिल है. दूसरी ओर, बीजेपी के 72 विधायक हैं, हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन भी उसे हासिल है. प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए आदर्श रूप से 51 प्रथम वरीयता वाले वोटों की आवश्यकता होती है, ऐसे में कांग्रेस की राह आसान लग रही है. बीजेपी के दूसरे उम्‍मीदवार के जीतने की संभावना उसी स्थिति में बन सकती है यदि पर्याप्‍त संख्‍या में कांग्रेस के विधायक क्रॉस वोटिंग करें और निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के पक्ष में पाला बदल लें. ( एजेंसी )

नई दिल्ली /शौर्यपथ  / देश की राजधानी दिल्?ली में कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक स्?तर पर पहुंचता नजर आ रहा है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना के केसों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. पिछले 24 घंटों में यह 1513 मामले सामने आए. देश की राजधानी में एक दिन में कोरोना केसों के मामले में यह नया रिकॉर्ड है. दिल्?ली में अब तक कोरोना के 23645 मामले सामने आ चुके हैं. कुछ राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटों में 299 मरीज ठीक हुए हैं. इन्?हें मिलाकर अब तक कुल 9542 मरीज कोराना संक्रमण से उबर चुके हैं. पिछले 24 घंटों में यहां 9 मरीजों की मौत हुई लेकिन 15 अप्रैल से लेकर 30 मई के बीच 41 मौतों की लेट रिपोर्टिंग हुई. जिसके चलते मौत का आंकड़ा 556 से बढ़कर 606 हो गया है. राजधानी में कोरोना से रिकवरी रेट-40.35त्न, डेथ रेट 2.56त्न है.
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने कोविड-19 की टेस्टिंग को लेकर नई स्ट्रेटेजी जारी की है. वैसे, दिल्?ली ही नहीं, देश में कोरोना के केसों की संख्?या बेहद तेजी से बढ़ रही है. देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 8,909 नये मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बुधवार को 2,07,615 हो गयी, वहीं 217 लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 5,815 हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 1,01,497 लोगों का उपचार चल रहा है और अब तक 1,00,302 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. वहीं एक व्यक्ति देश से बाहर जा चुका है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 48.31 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.

नई सिल्ली / एजेंसी / देश में किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले, वे देश में कहीं भी जाकर अपनी उपज बेच सकें इसके लिए मोदी कैबिनेट ने दो अहम अध्यादेशों को मंज़ूरी दे दी है. सरकार अब एक नए कानून के जरिए "वन नेशन, वन मार्केट" की तजऱ् पर देश के किसी भी हिस्से में किसानों को उनकी उपज बेचने की सुविधा मुहैया कराएगी.
कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले, उनकी कमाई बढ़े, इसके लिए मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 'एक देश, एक कृषि बाजारÓ के लिए कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंज़ूरी दे दी. इसके जरिए किसानों को अपना उपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आज़ादी होगी. इससे कृषि उपज का बाधा मुक्?त अंतर-राज्?य व्?यापार संभव हो सकेगा. किसानों को अपना उत्पाद मंडी ले जाने की बाध्यता नहीं होगी. एक देश एक मार्केट भावना को बढ़ावा मिलेगा.
दूसरे अहम फैसले में मोदी कैबिनेट ने आवश्?यक वस्?तु अधिनियम में संशोधन के जरिए अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्?याज और आलू जैसी वस्?तुओं को आवश्?यक वस्?तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया है. सरकार का दावा है कि इस फैसले से उत्?पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्?यापक स्?तर पर उत्?पादन करना संभव होगा. सिर्फ अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में ही इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा.
साथ ही, कैबिनेट ने 'मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश- 2020Ó को भी स्वीकृति दे दी है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर्स), एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुडऩे में सक्षम बनाएगा.

कोरोना महामारी संकट में जनजागरूकता लाने में अहंभूमिका निभाने वाले श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेसकर्मी के साथ मोदी सरकार कर रही है गलत व्यवहार
कोरोना महामारी संकट से श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेसकर्मी भी प्रभावित
पत्रकारों को भी भूली मोदी सरकार, ना मुद्रा योजना का मिला लाभ, ना 20 लाख करोड़ पैकेज से कोई राहत
कोरोना महामारी संकट में लोकतंत्र को चौंथा स्तम्भ भी प्रभावित, 20 लाख करोड़ के पैकेज में मीडिया जगत के लिये भी प्रावधान नहीं

   रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के सिपाहियों के लिए कोई इंतजाम नहीं होना दुर्भाग्य जनक एवं निंदनीय है। कोरोना महामारी संकट काल में आमजनता को जागरूक करने जन-जन तक खबरों को पहुंचाने में अपने जान को जोखिम में डालने परिवार की चिंता किए बगैर महती भूमिका निभाने वाले मीडिया संस्थान, श्रमजीवी पत्रकार और प्रेस कर्मियों का उपयोग कर मोदी सरकार उनको भूल गई।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गई मुद्रा योजना का लाभ भी श्रमजीवी पत्रकार और प्रेस कर्मियों को नहीं मिला था। ठीक वैसे ही कोरोना संकट काल में 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में मीडिया संस्थान, श्रमजीवी पत्रकार, प्रेस कर्मियों के लिए कोई आर्थिक मद्द नहीं है, जो मोदी सरकार के श्रमजीवी पत्रकारों और प्रेस कर्मियों के वर्तमान एवं भविष्य को लेकर गैर जिम्मेदार होने को दर्शाती है। कोरोना महामारी संकटकाल में देशभर के लगभग एक करोड़ श्रमजीवी पत्रकार और प्रेसकर्मी एवं उनके परिवार के चार करोड़ सदस्यों के सामने भी जीवनयापन का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। मीडिया संस्थानों की माली हालत खराब होने का प्रभाव श्रमजीवी पत्रकार और प्रेस कर्मियों की नौकरी पर भी पड़ा है और पड़ेगा। दुर्भाग्य है कि पत्रकारों के साथ-साथ मीडिया संस्थाओं को भी मोदी सरकार भूल गयी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि दुर्भाग्य जनक है। लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के सहारे राजनीति करने वाले मोदी सरकार को उसी चतुर्थ स्तंभ के सिपाहियों के न तो वर्तमान को लेकर कोई चिंता है ना ही इनके आने वाले भविष्य को लेकर कोई चिंतन 20 लाख करोड़ के पैकेज में किया गया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि कठिन समय में श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेस कर्मियों और उनके परिवारों के लिए कोरेना महामारी संकटकाल में सीधी आर्थिक मदद के लिए न्याय योजना शुरू कर श्रमजीवी पत्रकार एवं प्रेस कर्मियों को भी उस दायरे में लाए और सम्मानजनक राहत राशि प्रतिमाह उनको प्रदान करें। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ सरकार और जनता के बीच संवाद स्थापित करने का महत्वपूर्ण और सशक्त माध्यम है। आज लोकतंत्र के सिपाही ही आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं ऐसे कठिन समय में सरकार और जनता के बीच के संवाद को प्रचारित प्रसारित करने वाले के बारे में चिंता करने की आवश्यकता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा श्रमजीवी पत्रकार के हित में लिए अनेक निर्णयों से सीख लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पत्रकार कल्याण कोष से गंभीर बीमारी आदि की दशा में दी जानी वाली आर्थिक सहायता राशि को 50 हजार रुपया से बढ़ाकर 2 लाख रुपया किया है। बीते साल 57 पत्रकारों को लगभग 19.50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी गई थी। वरिष्ठ सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिए वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि योजना संचालित की है। इस योजना में आयु सीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष एवं सम्मान राशि रूपए 5 हजार से बढ़ाकर रूपए 10 हजार और सम्मान निधि देने की अवधि 5 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कर दी है।

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