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भोपाल / शौर्यपथ / मध्यप्रदेश के मंदसौर के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर पूर्व कांग्रेसी विधायक और वर्तमान शिवराज सरकार के मंत्री हरदीप सिंह डंग लगातार तूफानी दौरे कर रहे हैं. इस दौरान वे माइक के सहारे नुक्कड़ सभाएं भी कर रहे हैं. ऐसी एक सभा के दौरान हरदीप सिंह डंग से एक कांग्रेसी नेता द्वारा बहस किए जाने का मामला सामने आया है. इस दौरान कांग्रेस नेता हरदीप सिंह डंग पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनसे नुक्कड़ सभा के दौरान ही बहस करने लगे. मामला बिगड़ता देख किसी तरह से मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने कांग्रेस नेता को मौके से हटाया.
इसके बाद मंत्री जी भी ज्यादा देर नहीं रुके और अपना भाषण संक्षिप्त में समाप्त करके अगले गांव की ओर चल दिए. यह मामला बुधवार सुबह का है. अब यह गर्मागर्म नोंकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह वीडियो सीतामऊ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रतनपुरा का है जहां बुधवार को सुबह जनसंपर्क करने पहुंचे केबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग की युवक कांग्रेस के कर्मवीर सिंह भाटी से बहस हो गई. सार्वजनिक रूप से हुई इस बहस के बाद मंत्री जी के गार्ड ने बहस कर रहे कर्मवीर को वहां से हटा दिया.युवक कांग्रेस के अध्यक्ष कर्मवीर भाटी ने हरदीप सिंह डंग पर इस दौरान झूठ बोलने ओर धर्म पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया. मामला बढ़ते देख पुलिस कर्मियों ने हस्तक्षेप किया और कर्मवीर को सभा स्थल से हटाया गया.
दरअसल हरदीप सिंह डंग नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने वादाखिलाफी की. समूह लोन माफ नहीं किए. किसानों का दो लाख का कर्जा माफ नहीं किया. यहां तक कि एक नेता तो जयकार पर आपत्ति लेते थे. इस दौरान आपत्ति जताते हुए कर्मवीर ने मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.
नई दिल्ली / एजेंसी / भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है. भारत के चहेते राष्ट्रपतियों में शुमार 84 साल के प्रणब मुखर्जी दिल्ली में आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल में भर्ती थे. उनकी ब्रेन सर्जरी हुई थी, जिसके बाद उनकी हालत नाजुक होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनके ब्रेन में एक थक्का बन गया था, जिसको निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया था. आर्मी अस्पताल की ओर से जानकारी दी गई थी 10 अगस्त को पूर्व राष्ट्रपति की सर्जरी हुई थी, लेकिन उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं दिख रहा था. इसके साथ ही उनको कोरोनावायरस का संक्रमण भी था.
भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के जाने पर पूरे देश में शोक की लहर है. नेताओं से लेकर आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है. राष्ट्रपति को महामहिम कहे जाने की रीति से ऐतराज करने वाले प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे. उनका राजनीतिक जीवन 40 सालों से भी ज्यादा लंबा रहा है. कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्होंने विदेश से लेकर रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री तक की भूमिका निभाई. उन्होंने भारतीय राजनीति को बहुत लंबे समय तक, बहुत करीब से देखा, हम एक बार उनकी निजी जिंदगी और राजनीतिक करियर पर नजर डाल रहे हैं.
- प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक छोटे से गांव मिराती के एक साधारण से परिवार में हुआ था. उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी मां का नाम राजलक्ष्मी था. प्रणब मुखर्जी के पिता भी कांग्रेसी नेता थे और आजादी की लड़ाई में कई बार जेल गए.
- प्रणब मुखर्जी ने अच्छी शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद कोलकाता यूनिवर्सिटी इतिहास और राजनीति शास्त्र में ग्रेजुएशन किया था और लॉ की पढ़ाई भी की थी. उन्होंने सबसे पहले बतौर कॉलेज टीचर अपना करियर शुरू किया लेकिन नेता पिता की संतान होने के चलते वो राजनीति से दूर नहीं रहे और 1969 में चुनकर राज्यसभा में आ गए. इस तरह उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई.
- उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मार्गदर्शन में काम किया. 1973-74 में उन्हें उद्योग, जहाजरानी व परिवहन से लेकर इस्पात व उद्योग उपमंत्री और वित्त राज्यमंत्री बनाया गया.
- 1982 में प्रणब मुखर्जी इंदिरा गांधी के कैबिनेट में वित्तमंत्री बने. इसके बाद 2012 तक कांग्रेस में रहने के दौरान कांग्रेस की सरकारों के कार्यकालों में उन्होंने वाणिज्य मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री जैसी अहम भूमिकाएं निभाईं. वो दो बार विदेश मंत्री बने- 1995 से 1996 तक फिर 2006 से 2009 तक. मुखर्जी 1991 से 1996 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे.
- 2012 में उन्होंने 25 जुलाई को भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और 2017 तक देश के राष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवा देते रहे. संवैधानिक नियम के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव लडऩे से पहले उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
- पूर्व राष्ट्रपति ने कूटनीतिक स्तर पर भी अहम भूमिकाएं निभाईं. मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और अफ्रीकी विकास बैंकों के संचालक मंडलों में रहे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से लेकर गुटनिरपेक्ष विदेश मंत्रियों के सम्मेलन सहित कई सम्मेलनों में भारत का नेतृत्व किया.
- प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत सरकार ने भारत रत्न से नवाजा था. इसके पहले 2008 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा गया था. इसके अलावा वो सर्वोत्तम सांसद और प्रशासक भी रह चुके थे. उन्हें दुनियाभर के विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधियां मिली हुई थीं.
- भारत के सक्षम प्रशासक नेताओं में से एक माने जाने वाले प्रणब मुखर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था से लेकर एक देश के निर्माण जैसे विषयों पर कई किताबें लिखी हैं. "The Turbulent Years- 1980-1996Ó, ÒThe Coalition YearsÓ, ÒThe Dramatic DecadeÑ The Indira Gandhi Years, और 'Thoughts and Reflections " उनकी कुछ चर्चित किताबें हैं.
नई दिल्ली । शौर्यपथ । जब से देश की सत्ता प्रधानमंत्री मोदी के हांथ आई तब से प्रति माह देश के सामने पीएम मोदी अपने मन की बात कहते आये है । विभिन्न माध्यम से प्रसारित इस कार्यक्रम में मोदी विभिन्न मुद्दों पर अपने मन की बात कहते है किंतु मोदी -2 में अब मोदी के मन की बात पर कुछ ऐसी बात सामने आई जो चौकाने वाली है । मन की बात का प्रसारण भारतीय जनता पार्टी के यू ट्यूब चेनल , प्रधानमंत्री मोदी के यू ट्यूब चेनल सही रेडियो , टीवी चैनल आदि पर प्रसारित होता है किंतु इन पर आम जनता अपनी टिप्पणी नही कर सकता सिर्फ लाइक / डिसलाइक ही कर सकता है । पीएम के इस कार्यक्रम से देश की जनता का मोह अब धीरे धीरे भंग होता दिख रहा है । पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'मन की बात' कार्यक्रम इंटरनेट यूज़र्स की नकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण चर्चा में आ गया है. आकाशवाणी पर रविवार को प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम का दूरदर्शन के अलावा कई निजी चैनल भी सीधा प्रसारण किया था . इसके साथ ही पीआईबी, बीजेपी और पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल पर भी देश के नाम पीएम के संबोधन को सुना जा सकता है. मगर इस रविवार के मन की बात को लेकर इन यूट्यूब चैनलों पर यूज़र्स की प्रतिक्रिया सकारात्मक कम, नकारात्मक ज़्यादा रही है. इन तीनों ही जगह मन की बात के वीडियो पर लाइक्स की तुलना में डिसलाइक बहुत ज़्यादा हैं. इस बात को असामान्य माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले मन की बात को लेकर दर्शकों का रवैया इतना नेगेटिव नहीं रहता था. ऐसे में चर्चा हो रही है कि आख़िर इसकी वजह क्या हो सकती है. क्या है स्थिति । इस रविवार को मन की बात के वीडियो पर इंटरनेट यूज़र्स की प्रतिक्रिया शुरू से ही सुस्त रही. कार्यक्रम का प्रसारण सुबह हुआ था मगर देर रात तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ था. रात ढ़ाई बजे, ख़बर लिखे जाने तक भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 'मन की बात' कार्यक्रम पर लगभग 30 लाख व्यूज़ थे. इस चैनल पर इस वीडियो को 1लाख 37 हज़ार लोगों ने लाइक किया था जबकि 7 लाख 35 हज़ार ने डिसलाइक किया था. स्पष्ट है कि यह अंतर काफ़ी बड़ा है. जबकि यह भारतीय जनता पार्टी का आधिकारिक चेनल है । इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने यूट्यूब चैनल (Narendra Modi) पर इसके 15 लाख हज़ार व्यूज़ थे. इस वीडियो पर 94 हज़ार लाइक और 226 हज़ार डिसलाइक थे. इसी तरह पीआईबी के यूट्यूब चैनल पर 'मन की बात' पर मात्र 91 हज़ार व्यूज़ थे जबकि लाइक 3.2 हज़ार और डिसलाइक 10 हज़ार थे. इतनी बड़ी संख्या में नापसंद किया जाना इन दिनों चर्चा का विषय है । आखिर ऐसी क्या बात कही पीएम मोदी ने इस बार मन की बात में कई लोगो ने इसे बड़े अंतर में नापसंद किया । एक बार आप भी देखे कि बेरोजगारी , कोरोना आपदा , स्वास्थ्य की बदहाल व्यवस्था के काल मे देश के पीएम ने मन की बात में क्या कहा आखिर वर्तमान स्थिति में उनके मन मे क्या चल रहा ? पीएम मोदी के मन की बात पर आप कोई टिप्पणी तो नही कर सकते किन्तु लाइक डिसलाइक ज़रूर कर सकते है ।
भोपाल । शौर्यपथ । मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना के नाम पर लूट मचा रहे निजी अस्पतालों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। कोरोना मरीज के इलाज के लिए छह लाख का बिल दिए जाने के मामले में भंवरकुआं स्थित एप्पल अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही तीन सरकारी डॉक्टर्स को भी नोटिस दिए गए हैं, जो अनुमति नहीं होने के बाद भी वहां इलाज के लिए गए। एप्पल अस्पताल से जब्त रिकाॅर्ड की प्रारंभिक जांच में कई तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसके बाद अस्पताल का लाइसेंस भी निरस्त हो सकता है। कलेक्टर के आदेश पर पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को अस्पताल में छापा मारा, इस दौरान बिल और रिकॉर्ड जब्त किए गए। रिकार्ड के आधार पर जूनी इंदौर एसडीएम और डॉ. अमित मालाकार ने जो जांच प्रतिवेदन तैयार किया। प्रतिवेदन में बताया गया है कि 22 दिन तक कोरोना मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती रखा गया और लगभग छह लाख रुपये का बिल थमा दिया। इतने भारी भरकम बिल के बावजूद एक लाख की दवाइयां अलग से मंगवाई। पीपीई किट, आइसोलेशन चार्ज और यूनिवर्सल प्रोटेक्शन के नाम पर प्रतिदिन 9,000 रुपये के हिसाब से राशि वसूल की गई। आईसीएमआर के निर्देश और डब्लूएचओ की गाइडलाइन के विपरीत एसिंप्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) मरीज होने के बावजूद चार बार आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट निजी लैब से करवाया गया, इसमें भी निजी लैब में जो टेस्टिंग चार्ज लगता है, उससे अधिक शुल्क मरीज से वसूल किया गया।। एक बार भी ये टेस्ट करवाने की आवश्यकता नहीं थी, इसके बावजूद बार-बार करवाए गए। अस्पताल ने किस चार्ज के बदले वसूले कितने रुपये आइसोलेशन चार्ज (आइसोलेश में ही कोरोना मरीजों को रखा जाता है, फिर अलग से फीस क्यों)। 63 हजार रुपये यूनिवर्सल प्रोटेक्शन (अस्पताल को भी नहीं पता ये क्या है)। 63 हजार रुपये पीपीई किट के तीन हजार रुपये रोज के हिसाब से। 63 हजार रुपये डॉक्टर की विजिटिंंग फीस, सिर्फ 22 दिनों के लिए। 1 लाख रुपये सीटी स्कैन, नेबुलाइजेशन और अन्य जांच की फीस, जो हुई ही नहीं। 8850 रुपये डॉक्टरों की विजिट के नाम पर वसूले एक लाख रुपये हॉस्पिटल की लूट यही खत्म नहीं हुई बल्कि तीन से चार डॉक्टरों की रोजाना विजिट करवाकर प्रत्येक डॉक्टर की तीन हजार रुपये फीस चार्ज की गई और एक लाख की राशि तो डॉक्टरों की विजिट के ही रूप में मरीज से वसूली गई। छापे के दौरान हॉस्पिटल से जो बिल और रिकार्ड मिले थे, उनकी जांच में भी कई तरह की असमानता नजर आई। हर मरीज से लिए गए शुल्क की राशि में भी अंतर मिला। जांच में यह भी पता लगा कि मरीज से रोजाना तीन हजार रुपये प्रतिदिन यूनिवर्सल प्रोटेक्शन के नाम पर लिए गए। वहां भर्ती सभी मरीजों से यह राशि ली जा रही है। जांच समिति को जो बिल की कॉपी दी गई उसमें निजी लैब में करवाई गई कोरोना जांच का उल्लेख नहीं है। मरीज को दिए गए बिल में इसका भी शुल्क जोड़ा गया है। मरीज के परिजन ने कलेक्टर से की थी शिकायत सागर निवासी व्यक्ति के परिजन ने कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि 22 दिन तक भर्ती करने के बाद मरीज को छह लाख का बिल दिया गया। एक लाख रुपये की दवाई बाहर से मंगवाई, जिससे इलाज का कुल खर्च सात लाख हो गया। इसके बाद मंगलवार रात को जिला प्रशासन की समिति ने छापामार कार्रवाई की। शिकायत करने वाले मरीज के अलावा अन्य मरीजों के बिल का रिकाॅर्ड भी लिया गया था। लाइसेंस निरस्त करने का नोटिस सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने इस मामले में तीन दिन में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। साथ ही कहा गया है कि जवाब न मिलने या असंतोषजनक होने पर मेडिकल एक्ट 2019 की धारा 27 में प्रोफेशनल एवं एथिकल मिसकंडक्ट मानकर मध्यप्रदेश उपचर्या अधि. 1973 एवं नियम 1997 में पंजीयन निरस्त/ एफआईआर कराई जाएगी।
नई दिल्ली । शौर्यपथ । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार देश की अर्थव्यवस्था पर केंद्र सरकार को कोशिश की है। वहीं इस बार राहुल गांधी ने एक अंग्रेजी पेपर में छपी खबरों को लेकर मोदी सरकार हमला बोला है। कहा कि जो मैं कई महीनों से बोल रहा था आरबीआई ने उसे माना है। आलम ऐसा है कि आज देश की अर्थव्यवस्था खतरे में आ गई है। राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘आरबीआई ने अब पुष्टि कर दी कि जिसकी मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं। सरकार को अब ज्यादा खर्च करने की जरूरत है, कर्ज देने की जरूरत नहीं है। गरीबों को पैसा दें, उद्योगपतियों का टैक्स मत माफ कीजिए। खपत के जरिए अर्थव्यवस्था को दोबारा शुरू करें। मीडिया के जरिए ध्यान भंग करने से न तो गरीबों की मदद होगी और न ही आर्थिक आपदा गायब होगी।’ अपने ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने एक अखबार की खबर को शेयर किया है। बता दें कि इस खबर में आरबीआई की रिपोर्ट है। जिसमें बताया गया है कि देश में खपत को गंभीर झटका लगा है। गरीब को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बता दें कि इससे पहले भी राहुल गांधी ने कोरोना संकट के दौर में अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र पर हमला बोले चुके हैं।
नई दिल्ली। शौर्यपथ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का खुलकर नाम लेते हुए अपराधियों को चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है। इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं और ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। हाइलाइट्स: उत्तर प्रदेश में माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसना शुरू सीएम योगी ने दो टूक कहा, मुख्तार के काले साम्राज्य के अंत का समय आ गया है सीएम योगी ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, 97 साथी पुलिस हिरासत में ट्वीट में आगे कहा गया, उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है, ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी । लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का खुलकर नाम लेते हुए अपराधियों को चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है। इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं और ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है। यहां के शब्दकोष में अवैध, अनैतिक और अराजक जैसे शब्द नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है। जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी।' 'माफिया मुख्तार अंसारी के काले साम्राज्य के अंत का समय' एक अन्य ट्वीट में कहा गया, 'माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है। अब तक इसकी ₹66 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है। ₹41 करोड़ की अवैध आय की प्राप्ति का मार्ग बंद किया जा चुका है। इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।' मुख्तार के खिलाफ पूर्वांचल से लेकर लखनऊ तक कार्रवाई मुख्तार के खिलाफ पूर्वांचल से लेकर लखनऊ तक ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही हैं। मऊ सदर विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी इन दिनों यूपी पुलिस के रेडार पर हैं। यूपी के पूर्वांचल में पैठ जमाए मुख्तार गैंग की कमर टूटती जा रही है। मुख्तार का खास नन्हे खां यूपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। उधर मऊ पुलिस ने मुख्तार के करीबी 12 अपराधियों को जिला बदर कर दिया है। लखनऊ के डालीबाग में बनीं दो इमारतें हुईं जमींदोज लखनऊ के डालीबाग इलाके में बने मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे को जमींदोज कर दिया गया। एलडीए, प्रशासन और पुलिस टीम ने गुरुवार तड़के डालीबाग कॉलोनी में मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे वाली दो इमारतों को ध्वस्त कर दिया। ये इमारतें उसके बेटों के नाम दर्ज हैं। एलडीए ने 11 अगस्त को इमारत ढहाने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली । शौर्यपथ । हरियाणा विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होने से दो दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और भाजपा के दो विधायकों की जांच में सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। राज्य के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि विधानसभा के छह कर्मचारियों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। गृह मंत्री अमित शाह कोरोना से संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत यूपी के कई मंत्री कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन के अवसर पर आज लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला, केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा, केन्दीय आदिम जाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुण्डा, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंख, केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती अनुसुईया उईके, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा एवं त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब सहित देश और प्रदेश के अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में आमजनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के यशस्वी, दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की है। मुख्यमंत्री को दूरभाष और ट्वीट के जरिए बधाई संदेश प्रेषित किए है।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / एक तरफ सरकार लॉक डाउन को हटा रही है वही दूसरी तरफ देश में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे है ऐसे में संक्रमित क्षेत्र को भी कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित किया जा रहा है . कहने को तो जिन्दगी डर और बल के साए में लौट रही है किन्तु अभी भी व्यापार अधुरा ही है जिन्दगी पूरी तरह पत्री में नहीं लौटी ऐसे में ३१ अगस्त के बाद केसीसी का लोन नहीं जमा करने वालो को ४ की जगह ७ प्रतिशत ब्याज सहित कर्जा चुकाना पड़ेगा .
यह खबर उन किसानों के लिए है जिन्होंने खेती-किसानी के लिए बैंकों से लोन ले रखा है. अगर वो अगले 7 दिन के अंदर किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया गया पैसा बैंक को वापस नहीं करते हैं तो उन्हें 4 की जगह 7 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा. खेती-किसानी के लोन पर सरकार ने 31 अगस्त तक पैसा जमा करने की मोहलत दी है.
आमतौर पर केसीसी पर लिए गए लोन को 31 मार्च तक वापस करना होता है. उसके बाद किसान (Farmer) फिर अगले साल के लिए पैसा ले सकता है. जो किसान समझदार हैं वो समय पर पैसा जमा करके ब्याज में छूट का लाभ उठा लेते हैं. दो-चार दिन बाद फिर से पैसा निकाल लेते हैं. इस तरह बैंक में उनका रिकॉर्ड भी ठीक रहता है और खेती के लिए पैसे की कमी भी नहीं पड़ती. अब और छूट मिलने की संभावना कम ही है, क्योंकि लॉकडाउन खत्म हो गया है. कृषि गतिविधियां भी पटरी पर आ गई हैं. मोदी सरकार ने लॉकडाउन को देखते हुए इसे 31 मार्च से बढ़ाकर पहले 31 मई किया था. बाद में इसे और बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया. इसका मतलब यह है कि किसान केसीसी कार्ड के ब्याज को सिर्फ 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर 31 अगस्त तक भुगतान कर सकते हैं. बाद में यह महंगा पड़ेगा.
केसीसी पर कैसे कम लगता है ब्याज?
खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है. इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर जागरूक किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है. आमतौर पर बैंक किसानों को सूचित कर 31 मार्च तक कर्ज चुकाने के लिए कहते हैं. अगर उस समय तक कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है.