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अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल श्री मनोज कुमार पिंगुआ ने वीसी के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में जेल में बंदियों की स्थिति के परिपे्रक्ष्य में ली सभी कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षक की बैठक
जेल में आवश्यक क्षमता का आंकलन कर अधोसंरचना के विस्तार हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
जिले में जेल की क्षमता में वृद्धि करने के लिए चार नए बैरक की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त - कलेक्टर
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बैठक में हुए शामिल
राजनांदगांव /शौर्यपथ / अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल श्री मनोज कुमार पिंगुआ ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में जेल में बंदियों की स्थिति के परिपे्रक्ष्य में सभी कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षक की बैठक ली। इस दौरान कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। अपर मुख्य सचिव, गृह एवं जेल श्री मनोज कुमार पिंगुआ ने कहा कि जेलों में बंदियों की अधिक संख्या को देखते हुए अधोसंरचना में विस्तार करने की जरूरत है। सभी कलेक्टर एवं एसपी जेलों का अवलोकन करें तथा उपलब्ध अधोसंरचना में विस्तार करने के लिए तथा आवश्यक क्षमता का आंकलन कर प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार आगामी 50 वर्ष की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जेल एवं बैरक में बंदियों की संख्या का आंकलन करते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। स्थानीय स्तर पर निर्णय लेते हुए अधोसंरचना का आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जेल में बंदियों की अधिक संख्या के अनुसार अन्य सुविधाएं होनी चाहिए। इसके लिए समिति का गठन किया जाएगा तथा इसके क्रियान्वयन के लिए सभी प्रोजेक्ट की मानिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय-सीमा में जमीन का चिन्हांकन एवं प्रस्ताव प्रस्तुत करने का कार्य करें। डीजी जेल श्री राजेश मिश्रा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को जेल से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। सभी जिलों में जेल की आवश्यकतानुसार आंकलन करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि जेलों में बंदियों की उपस्थिति क्षमता से अधिक है, जिसके उनके नियंत्रण एवं देखभाल में दिक्कत होती है तथा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर विरोध, घटना एवं अन्य चुनौतियों के समय काफी तादाद में बंदी जेल में होते हंै। इन सभी स्थितियों का सामना करने के लिए जेल की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में जेल की क्षमता में वृद्धि करने के लिए चार नए बैरक की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त है। उन्होंने बताया कि इसके लिए बाऊंड्रीवाल की आवश्यकता होगी। नये प्रशासनिक भवन एवं जेल विस्तारीकरण अंतर्गत नये मुख्य दीवाल के निर्माण हेतु प्राक्कलित राशि रूपए 314.72 लाख का प्राक्कलन जेल अधीक्षक केन्द्रीय जेल दुर्ग के माध्यम से जेल मुख्यालय की ओर प्रशासकीय स्वीकृति एवं बजट आबंटन हेतु प्रेषित किया गया है। जेल में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों के उपयोग हेतु 24 नगर एचटाईप आवास गृह, जेल के मुख्य दीवाल का विशेष मरम्मत कार्य का प्राक्कलन, जिला जेल राजनांदगांव में नवीन आधुनिक किचन, जिला जेल राजनांदगांव में हाई मास्क लाईट लगाने के कार्य, जिला जेल राजनांदगांव में बंदियों एवं पदस्थ कर्मचारियों के उपयोग हेतु पेय जल आपूर्ति हेतु प्राक्कलित, जिला जेल राजनांदगांव में प्रस्तावित नवीन प्रशासनिक भवन के लिए प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, अधीक्षक जेल श्री अक्षय सिंह, सहायक जेल अधीक्षक उप जेल डोंगरगढ़ श्री राहुल गंगराले एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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