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नरेश देवांगन
जगदलपुर/ शौर्यपथ/ जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर बकावंड ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र छोटे देवड़ा मे गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जहा लगभग 700 बोरियां धान गायब मिली हैं। यहाँ के खरीदी प्रभारी कैलाश कश्यप है। धान खरीदी में गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार ने सख्त आदेश दिए हैं। बावजूद इसके भी इतनी बड़ी लापरवाही जिम्मेदार लोगो पर एक बड़ा सवाल खड़े कर रहा है?
मिली जानकारी के अनुसार छोटे देवड़ा धान खरीदी केंद्र मे 49264.80 क्यूंटल की खरीदी हुई है जिसमे 48010.00 क्यूंटल का उठाव हो चूका है, शेष 1254.80 क्यूंटल रिकॉड के अनुसार उठाव होना बचा है। इस पर शौर्यपथ को सूत्रों के हवाले जानकारी प्राप्त हुई की मौक़े पे लगभग 700 बोरे की कमी है, जिसकी जानकारी के लिए मौक़े पे पहुंच सम्बंधित लोगो से जानकारी चाही तो इस पर कुछ भी बोलने से बचते रहे वही खरीदी प्रभारी कैलाश कश्यप से मामले की जानकारी चाही लेकिन जानकारी देने से साफ मना किया गया । इस मामले पे समिति प्रबंधक टिकेश्वर सेठिया से फ़ोन पे जानकारी चाही तो उन्होंने मेडिकल काम से डिमरापाल होना बताया धान खरीदी केंद्र आकर मामले की जानकारी देने की बात कही, घंटो इंतजार के बाद भी समिति के प्रबंधक छोटे देवड़ा नहीं पहुचे। जिसके बाद पुरे मामले की जानकारी जिले के अधिकारी कलेक्टर एस हरीश को दी गई। जिले के अधिकारी की तारीफ की जानी चाहिए मिडिया के माध्यम से मिली जानकारी को संज्ञान मे लेकर तत्काल तहसीलदार, नायाब तहसीलदार, फ़ूड इंस्पेक्टर, पटवारी, आर आई सहित बकावंड थाना के दो जवान को मौक़े पर भेज भौतिक सत्यापन करने का आदेश दिया। जहा टीम ने शुक्रवार रात्रि 9 बजे तत्काल मौक़े पर पहुंच उच्च अधिकारी के आदेश का पालन करते हुए भौतिक सत्यापन किया जहा टीम ने छोटे देवड़ा केंद्र में 2378 बोरी धान पाया, रिकार्ड के अनुसार लगभग 3137 बोरी धान पोर्टल में एंट्री है, टीम ने 759 बोरी धान की कमी पाई। जिसके बाद टीम ने पंचनामा त्यार किया। सूत्रों की माने तो अंतिम दिनों में सबसे ज्यादा बोगस खरीदी होती है। मतलब बिना धान आए किसानों के रिक्त रकबे पर धान चढ़ा दिया जाता है। केवल वास्तविक किसान से उसकी वास्तविक उपज ही खरीदी जानी है। छोटेदेवड़ा में फड़ खरीदी प्रभारी कैलाश कश्यप हैं। केंद्र में सब कुछ सही बताया जा रहा है। खरीदी पूरी होने के बाद उठाव और मिलान के बाद शॉर्टेज आया है उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? जबकि उच्च अधिकारी के आदेश पर समय समय पर भौतिक सत्यापन होते रहते है ऐसे मे भौतिक सत्यापन करने वाली टीम पर भी सवाल उठेंगे। अब देखने वाली बात है की टीम ने 759 बोरी धान की कमी पाई है इस पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गैरजिम्मेदार लोगो के ऊपर क्या कार्यवाही ओर कब तक करते है? वही विभाग के जानकारों का मानना है की ऐसे मामले पे तत्काल एफआईआर दर्ज कर रिकवरी की जाती है।
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