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0 पीडि़त ने कलेक्टर को बताया आप बीती 0
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शिक्षा विभाग में पैसे का लेन-देन कर अपात्र लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दिया गया था और इसकी लिखित शिकायत 10 जनू को प्रेमनारायण वर्मा के द्वारा कलेक्टर से किया गया था। श्री वर्मा ने बताया था कि पैसे का लेन-देन सीसीटीवी में भी कैद हो चुका जिसे डीलिट किया जा सकता है, जिसके पश्चात् कलेक्टर ने 11 जून को जिला शिक्षा अधिकारी के कक्ष से डीवीआर जप्त कर लिया था, लेकिन डीवीआर की जांच में पता चला कि डीवीआर से रिकॉडिंग डीलिट हो चुका है, लेकिन किसी पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया तब शिकायतकर्ता ने पुन: 18 जून को लिखित शिकायत कर कलेक्टर को बताया कि शिकायत और जांच के पश्चात् जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा गुपचुप रीति से अनुकंपा नियुक्ति आदेश रद्द किया जा रहा है, इससे यह प्रमाणित होता है कि उनकी शिकायत सही था और उन्होंने पुन: जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही और डीवीआर से डीलिटेड फुटेल की रिकव्हरी की मांग किया गया था।
सोमवार को एक पीडि़त स्वयं अपने परिवार के साथ कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हो यह बयान दिया गया कि उनसे एक लाख बीस हजार लेकर अनुकंपा नियुक्ति आदेश 31 मई को जारी किया गया था, जिसे 16 जून को रदद् कर दिया गया। शिक्षा विभाग में पैसे लेकर थोक के भाव में अनुकंपा नियुक्ति दिया गया, जिसको लेकर लगातार शिकायत मिल रही है, लेकिन कलेक्टर ने अब तक इस मामले में किसी पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया, जिसको लेकर अब आम जनता में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि नवपदस्थ कलेक्टर पर दबाव है इसलिए मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है।
डीवीआर से डेटा डीलिट हुआ तो प्राथमिकी दर्ज होना था और पैसे लेकर अपात्र लोगों को अनुकंपा नियुक्तियां दिया गया तो दोषियों के खिलाफ निलबंन की कार्यवाही किया जाना था, लेकिन 10 दिन बीत जाने के पश्चात् भी कोई कार्यवाही नहीं किया गया जो समझ से परे है।
शिक्षा मंत्री का करीबी होने का मिल रहा है लाभ
जानकार बता रहे है कि जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम का शिक्षा मंत्री के साथ करीबी का संबंध है, इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकता है। इससे पूर्व में कई जिलों में उनके खिलाफ आरोप लगे जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद उन पर कोई कार्यवाही नही हुआ, सिर्फ स्थानांतरण हो सकता है और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
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