December 28, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के किसानों, मजदूरों और वनवासियों की जेब में पैसा आने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूती होगी बल्कि इससे ग्रामीण और शहरी व्यवसाय में भी बढ़ोतरी होगी। पिछले साल हमने देखा है कि किसानों की ऋण माफी और 2500 क्विंटल में धान खरीदी से देशव्यापी मंदी के बावजूद छत्तीसगढ़ इससे अछूता रहा यह इस साल भी होगा।
मुख्यमंत्री बघेल आज यहां आकाशवाणी से प्रसारित विशेष भेंटवार्ता में कोरोना संकट के दौर में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों, प्रवासी मजदूरों, वनवासियों और ग्रामीणों सहित समाज के सभी वर्गो के हित में उठाए जा रहे कदमों के बारें में विस्तार से जानकारी देते हुए उपरोक्त बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिले, उनके साथ न्याय हो इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है। इस योजना से प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रूपए चार किश्तों में दिया जा रहा है। पहली किश्त 1500 करोड़ रूपए की राशि 21 मई को किसानों के खातों में राजीव गांधी जी की शहादत दिवस पर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा पिछले साल किसानों की ऋण माफी और 25 सौ प्रति क्विंटल में धान खरीदी की गई थी, लेकिन भारत सरकार के निर्देशानुसार हमें इस साल समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदी करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की जो स्थिति है वह किसी से छुपी हुई नहीं है और ऐसी स्थिति में उनका हक है कि हम वह राशि उन्हें दे। ऐसी स्थिति में हम लोगों ने राजीव गांधी किसान योजना लागू की और इस योजना के तहत जो धान के साथ-साथ मक्का उत्पादक किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ और गन्ना उत्पादक किसानों को 13 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से कृषि आदान सहायता राशि मुहैया करा रहे है। आने वाले वर्ष में दलहन तिलहन की फसल को भी इस योजना में शामिल करेंगे ताकि किसान अपनी पसंद से कोई भी लगाएं उनकों इसका लाभ मिलें प्रदेश के भूमिहीन किसानों को भी इस योजना में शामिल करने के लिए हमने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों की कमेटी बना दी गई है जो 2 महीने के भीतर अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट कैबिनेट के सामने प्रस्तुत करेगी।
वनोपज संग्रहण से आदिवासियों को पिछली से साल से इस साल आमदनी में बढ़ोत्तरी
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद भी हमने छत्तीसगढ़ में मनरेगा के काम शुरू किए और अभी लगभग 26 लाख मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ राजीव गांधी किसान योजना के तहत हमने किसानों के खातों में राशि दी है इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के 44 प्रतिशत वनांचल में आदिवासी और परंपरागत निवासी रहते है। जिनकी अर्थव्यवस्था लघु वनोपज पर आधारित है। इस परिस्थिति में भी जब सारी दुकानें बंद है जो लोग लघु वनोपज खरीदते हैं वह काम बंद पड़ा था। ऐसे समय में हमने ग्रामीण स्तर पर स्व सहायता समूहों के माध्यम से महुआ, इमली की खरीदी की शुरुआत की है। महुआ इमली और इसके बाद तेंदूपत्ता के काम को भी हमने रोका नहीं। भारत सरकार ने महुआ का समर्थन मूल्य 17 रूपए तय किया था जब मांग बढ़ी तो छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे 17 से बढ़ाकर 30 रूपए कर दिया इस प्रकार पिछले वर्षों में जितनी आमदनी लोगों को हुई थी उस से बढ़कर आमदनी इस साल हुई। जंगल में रहने वाले हमारे भाई बहन हैं उनकी जेब में 2500 करोड़ रुपए आएगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ किसान और दूसरी तरफ मजदूर और तीसरी तरफ हमारे आदिवासी जो वनांचल में रहते हैं इन सबकी जेब में पैसा आएगा जब इनकी जेब में पैसा होगा और इनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी तो चाहे वह ग्रामीण व्यवसाय हो चाहे वह शहर के व्यवसाय हो वह बढ़ेगा ही। इसका अनुभव हमने पिछले साल ही कर लिया है। हमने ऋण माफी की और 2500 रूपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी की। पूरे देश में मंदी का दौर रहा लेकिन छत्तीसगढ़ में मंदी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा इस वर्ष भी ऐसा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी कभी पलायन नहीं करते थे और जंगल में ही उनकी सारी आवश्यकता पूरी हो जाती थी लेकिन धीरे-धीरे जंगल से आंवला, चिरौंजी और आम के पेड़ काटने लगे और आय के जो स्रोत थे वह घटने लगे। इस साल हमने निर्णय लिया है कि ऐसे पेड़ लगाए जाए जिनसे आदिवासियों को सीधा लाभ मिलें। हम इस साल 70 लाख फलदार पौघे लगाने जा रहे है। जिसमें हर्रा, बहेरा, चिरौंजी, आंवला आदि होंगे जो आदिवासियों की आय के स्रोत बनेंगे। साथ मैंने यह निर्देश भी दिया है कि वन अधिकार का जो पट्टा दिया है वहां इन पेड़ों का लगाएं और इन पेड़ों के बीच में जिमीकांदा-हल्दी आदि जो पेड़ की छाया में भी पैदा हो सकते हैं उन्हें भी लगाए ताकि निरंतर आए मिलती रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 90 प्रतिशत से अधिक औद्योगिक प्रतिष्ठान हैं वह प्रारंभ हो चुके हैं। अभी ये पूरी क्षमता के साथ वह काम नहीं कर रहे हैं लेकिन समय धीरे-धीरे बीते जा रहा है वैसे वैसे उनकी क्षमता बढ़ती जा रही है। जो व्यवसाय शहरी मजदूरों को रोजगार देते हैं हमारी कोशिश है कि वो जल्दी से जल्दी खुले। श्री बघेल ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए हमने 43 स्पेशल ट्रेन चलाने की सहमति दी है। विभिन्न प्रदेशों आने वाले मजदूरों के 16 हजार 499 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं जिसमें लोगों के रहने, भोजन और स्वास्थ्य जांच आदि की व्यवस्था की गई है।
किसी भी प्रदेश के श्रमिक सभी हमारे मेहमान है
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ 7 राज्यों से घिरा हुआ है। इन राज्यों के अलावा कई अन्य राज्यों के मजदूर छत्तीसगढ़ से होकर गुजर रहे हैं। बड़ी संख्या में मजदूर पैदल आ रहे है जिनके लिए राज्य सरकार भोजन, पानी, स्वास्थ्य जांच के साथ चरणपादुका और उन्हें राज्य की सीमा तक सकुशल पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है। हम यह समझते हैं कि ये जो श्रमिक हैं वह किसी भी प्रदेश के हो हमारे मेहमान हैं उनकी बराबर देखभाल हो। मैं सभी भाई बहनों से अपील करना चाहता हूॅ। संकट की इस घड़ी में जो लोग आ रहे हैं वह हमारे अपने हैं, हमारे रिश्तेदार है,ं हमारे भाई-बहन हैं। हमारे गांव के लोग हैं, हमारे शहर के लोग हैं ऐसे में हम लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि उनकी देखभाल करें उनके साथ ऐसा कोई व्यवहार न करें जिससे उन्हें ठेस पहुंचे। साथ ही हमारी गाइडलाइन है उसका भी कड़ाई से पालन होना होना चाहिए उनकी देखरेख भी करें और नियमों का कड़ाई से पालन भी करें । हमारे मजदूर भाई जो दूसरे प्रदेश से आए हैं उनसे भी मैं अपील करना चाहता हूं कि यह संकट के समय में थोड़ा धैर्य और संयम रखें आप अपने गांव पहुंच गए हैं हजारों किलोमीटर चलकर आए हैं अब थोड़े दिन की बात है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जो कोरोना पॉजिटिव मरीज आए हैं उनके साथ हम लोग को अच्छा व्यवहार करना चाहिए और साथ ही उनके इलाज की व्यवस्था हमें करनी है। मैं समझता हूं कि पहले प्रथम चरण में हम सभी छत्तीसगढ़ के लोगों ने मिलकर काम किया है, संकट आया है इससे हमें घबराने की आवश्यकता नही है। जब हमने प्रथम चरण में बहुत अच्छा काम करके दिखाएं हैं तो द्वितीय चरण में भी अच्छा काम करेंगे कुछ दिन की बात है। यदि आप ठीक ढंग से बचाव कर लिए तो हम करोना को परास्त करने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीपीएल परिवारों के राशनकार्डधारियों को जून माह का भी चावल भी निशुल्क मिलेगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी प्रति व्यक्ति के मान से 5 किलो चावल मिलेगा। जिनके पास जॉब कार्ड मनरेगा का नहीं है उसको भी हम तत्काल जॉब कार्ड बना कर देंगे ताकि उन्हें मनरेगा में काम मिल सके । यहां के उद्योग के श्रमिक बाहर गए है बाहर से श्रमिक यहां आएं है उद्योग को इन श्रमिकों को एडजस्ट करना चाहिए और उनकों अवसर देना चाहिए। हम मनरेगा के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर रहे है जिससे मजदूरों को रोजगार मुहैया हो सकेगा। हमारी कोशिश है कि सब को रोजगार दे सके। हमने लॉकडाउन के प्रारंभ होने के साथ ही सब्जियों सहित सभी जरूरी आवश्यकताओं की सामग्रियों की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की। कालाबाजारी पर कड़ाई से निगरानी रखी जिससे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नही करना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी। भीड़-भाड़ वाली जगह में जाने से बचे। मास्क अनिवार्य रूप से लगाए और अपने हाथों को धोते रहे। इन सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने से ही हम सभी इस संक्रमण पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।

दुर्ग / शौर्यपथ / लॉक डाउन के दौरान कैसे ग्रामीणों के वक्त का सबसे बेहतर इस्तेमाल हो, इसको लेकर सभी क्वारन्टीन केंद्रों में कुछ न कुछ गतिविधि चलाई गई लेकिन धमधा में एक विशेष काम हुआ। यहां लोगों को शब्दों की ताकत से परिचित कराया गया। सभी क्वारन्टीन केंद्रों में निरक्षर लोगों की पहचान कर इन्हें साक्षर बनाने शब्दों की पहचान कराने का काम शुरू हुआ। इस महायज्ञ की शुरुआत हुई राजपुर ग्राम से। यहां नागपुर से प्रवासी श्रमिक हीरा बाई आईं थीं। एसडीएम सुश्री दिव्या वैष्णव ने उनसे कहा कि आपको साक्षर बनाना है हमारा साथ दोगी। हीराबाई ने हामी भरी, खूब मेहनत की, अब अक्षर पहचान लेती हैं। हस्ताक्षर कर लेती हैं। उनके लिए अक्षर का सुनहरा संसार खुल गया है। इसके लिए धमधा ब्लॉक के बीईओ, सरपंच और सचिव ने भी काफी काम किया।
हीरा बाई ने बताया कि उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। अब वे अंगूठा नहीं लगाएंगी। सिग्नेचर करेंगी। ऐसा सोचकर भी बहुत अच्छा लगता था और अब मैं यह कर रही हूं। हीरा बाई ने बताया कि काम करते थे, कहाँ पर क्या लिखा है। यह समझ नहीं आता था, पता नहीं कितने बार लोगों ने लूटा होगा। अब अक्षर की ताकत साथ है। लॉक डाउन के समय का अच्छा उपयोग हो गया है। एसडीएम ने बताया कि यह समय इनके लिए काफी उपयोगी है क्योंकि साक्षरता की कक्षा में एक दो घंटे ही समय दे सकती थीं। अब तो पूरा दिन है। सबसे बड़ी बात यह है कि अक्षर ज्ञान को लेकर जो निष्ठा हीरा बाई ने दिखाई, वो काबिलेतारीफ है। हम अब सभी क्वारन्टीन केंद्रों में निरक्षर लोगों को चिन्हांकित कर इस दिशा में काम कर रहे हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बातचीत में हीरा बाई ने आखिर में छत्तीसगढ़ी में कहा। कभी बाप-पुरखा इस्कूल नहीं देखें रहंव, मोर दाई-ददा मन मोला पढ़ाये बर नहीं भेजिस हे अउ ए बीमारी के डर हा मोला 14 दिन भर इस्कूल में बन्द कर देहे। 14 दिन की अवधि हीराबाई ने लॉक डाउन की जरूर काटी है लेकिन इसके प्रतिफल में उन्हें 40 साल की निरक्षरता से आजादी मिल गई है। साक्षर होने के उनके संकल्प से अन्य लोगों को भी सृजनात्मक गतिविधि करने और हुनर बढ़ाने का प्रोत्साहन मिला है। एसडीएम ने बताया कि शुक्रवार को कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने धमधा ब्लॉक के विभिन्न क्वारन्टीन केंद्रों का निरीक्षण किया और इस तरह के सृजनात्मक कार्य करने और सीखने लोगों को प्रोत्साहित भी किया।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। झीरम घाटी के नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा सहित कई नेता और जवान शहीद हो गए थे।
झीरम घाटी शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि झीरम घाटी के शहीदों की स्मृति में 25 मई को हर वर्ष Óझीरम श्रद्धांजलि दिवसÓ मनाया जाएगा। प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय कार्यालयों में नक्सल हिंसा में शहीदों की स्मृति में 25 मई को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाएगी तथा राज्य को पुन: शांति का टापू बनाने के लिए शपथ भी ली जाएगी।

 रायपुर / शौर्यपथ /  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को ईद पर्व की मुबारकबाद दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ईद का पर्व प्रेम, सौहाद्र्र और भाईचारे का प्रतीक है। यह पर्व हमें ऊंच-नीच, छोटे-बड़े का भेदभाव भुलाकर एक दूसरे को गले लगाने का संदेश देता है। ईद वास्तव में सामाजिक समरसता का त्यौहार है। मुख्यमंत्री ने खुशी के इस पर्व को भाईचारे के साथ मनाने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही ईद की नमाज अदा करें और देश-प्रदेश की तरक्की, खुशहाली तथा अमन-शांति की दुआ करें।

   दुर्ग / शौर्यपथ ख़ास खबर / दुर्ग के धमधा नाका बाई पास पर सी जी ०७ पासिंग नान कमर्शियल वाहन के टेक्स पर लगातार विवाद की स्थिति बनती रहती थी . संचालक के कर्मचारियों द्वारा आये दिन स्थानीय निवासियों से दुर्व्यवहार की शिकायत मिलती रहती थी . शौर्यपथ समाचार ने टोल पलाज़ा में स्थानीय वाहनों को टेक्स फ्री करने की मुहीम चलाई थी जिसके लिए शौर्यपथ समाचार पत्र द्वारा शहर की आम एवं ख़ास नागरिको से उनकी राय ली गयी लगातार विरोध पर शहर के विधायक अरुण वोरा एवं महापौर बाकलीवाल द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय वाहनों को टेक्स फ्री करने का वादा किया गया और इसके लिए गंभीरता से प्रयास शुरू किये गए . जिसमे आखिरकार विधायक वोरा और महापौर बाकलीवाल के प्रयासों को आखिरकार सफलता प्राप्त हुई १ जून २०२० से धमधा नाका टोल टेक्स पर सी जी ०७ पासिंग नान कमर्शियल वाहन से अब किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा .
बता दे कि सालो से दुर्ग निवासियों के लिए शिवनाथ टोल टेक्स में स्थानीय वाहनों से टेक्स लेने का विरोध किया जा रहा था . जनवरी में निगम में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद महापौर धीरज बाकलीवाल ने इन शौर्यपथ के प्रयासों को गति दी और दुर्ग विधायक वोरा के मार्गदर्शन पर इस दिशा में तेजी से आगे बढे मीटिंग दर मीटिंग और मंत्रालय को संज्ञान में दिलाया मामले की गंभीरता को समझते हुए एक निर्णायक बैठक में आखिर फैसला हुआ और १ जून २०२० से सी जी ०७ पासिंग नान कमर्शियल वाहन के टैक्स वसूली पर रोक के निर्णय के साथ खत्म हुआ . शौर्यपथ समाचार पत्र माध्यम से दुर्ग विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल को साधुवाद करता है जिनके प्रयासों से सालो से लंबित टैक्स वसूली विवाद का पटाक्षेप हुआ .
बता दे कि दिनांक 22 मई 2020 को कलेक्टर सभाकक्ष में टोल प्लाजा की व्यवस्था के संबंध में कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में बैठक ली गई। स्थानीय वाहनों से टोल टैक्स लेने व दुर्ग शहर से गुजरने वाले भारी माल वाहकों के विषय में चर्चा कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। दुर्ग परिवहन कार्यालय (सी.जी. 07) से पंजीकृत नाॅन कर्मिशियल व्हीकल को दुर्ग बाॅय पास प्रोजेक्ट के टोल प्लाजा द्वारा एक जून 2020 से किसी भी प्रकार के टोल टैक्स वसूली से मुक्त रखने का निर्णय लिया गया।
पूर्व की भाॅति भारी वाहनों का प्रवेश निषेध करने बाबत् हाइट गेज स्थल चयन हेतु डी.एस.पी. ट्रेफिक, ई.ई. (पी. डब्ल्यू डी.) जिला खाद्य अधिकारी, जिला खनिज अधिकारी एवं परियोजना प्रबंधक दुर्ग बाॅय पास की कमेटी ने स्थान का चिन्हांकन कर लिया है। यह अंजोरा पुलिस चैकी के सामने और ओद्योगिक क्षेत्र सड़क से ग्राम रसमड़ा के मोड़ के पास किया गया है।
प्रशासन के द्वारा चिन्हांकित स्थल पर दुर्ग बाॅय पास प्रोजेक्ट द्वारा 01 जून 2020 तक निर्धारित हाईट गेज स्थापित किया जाएगा। इस बैठक में कलेक्टर दुर्ग अंकित आनंद , अजय यादव( वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग ) गजेन्द्र सिंह ठाकुर, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी दुर्ग, गुरजीत सिंह, उप पुलिस अधीक्षक यातायात दुर्ग, संजय वर्मा, परियोजना प्रबंधक एन.एच.आई. दुर्ग, हेमंत कुमार, परियोजना प्रबंधक दुर्ग बाॅय पास, ऋषभ जैन, पार्षद, नगर निगम दुर्ग अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग भिलाई क्षेत्र में लगातार हो रही चोरी को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) रोहित कुमार झा, एवं नगर पुलिस अधीक्षक (छावनी) विस्वास चन्दाकर एवं उप पुलिस अधीक्षक (काईम) प्रवीर चन्द्र तिवारी के कुशल मार्ग निर्देशन पर थाना प्रभारी जामुल लक्ष्मण कुमेटी के द्वारा पुलिस पेट्रोलिंग को निगाह रखने का निर्देश दिया गया था उसी क्रम में थाना जामुल में प्रार्थी मन्यू लाल जयसवाल पिता संतलाल जायसवाल उम्र 54 साल निवासी कैलाश नगर एकता चौक थाना जामुल जिला दुर्ग के दुकान किरण स्टील ट्रेडर्स में दिनाक 2०.०5.2020 को शाम 03 से ०4 बजे कं मध्य ड्रॉज का ताला तोडकर 02 अज्ञात अरोपियो द्वारा ड्रॉज में रखे 21,000 रूपये एवं आधार कार्ड को चोरी कर ले गया था.
थाना जामुल में प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध कमांक 254/2०2० धारा 454, 38० भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया था । विवेचना के दौरान सी.सी.टी.व्ही. फूटेज एवं मुखबीर सूचना के आधार पर ०2 लड़कं जामुल क्षेत्र में धुम रहे थे जिसे घेराबंदी कर पकड़ कर कडाई से पूछताछ करने पर किरण ट्रेडर्स में चोरी करना कबूल किये ।
इसी क्रम में थाना जामुल क्षेत्र में रुंगटा कॉलेज कें पास 02 लडके एक्टीवा मोटर सायकल बिना नंबर में घुम रहे थे जिसे पकड कर पूछताछ करने पर एक्टीवा चोरी का होना बताया एबं ०2 नग मोबाईल, एक एमआई एवं सैमसंग जे३-6 कपनी का रखे थे जिसका कोई कागजात नही होना बताये जिसे थाना जामुल लाकर अग्रिम कार्यवाही थाना प्रभारी जामुल लक्ष्मण कुमेटी, उप निरी. टी.एन. यादव, उप निरी. काशीनाथ मंडावी, सउनि अजय सिंह, प्र.आर. परस राम सिम्हा, आर. अरविंद मिश्रा, सत्येन्द्र मढ़रिया, रिंकू सोनी, सूरज पाण्डेय. अजीत यादव , आर. धर्मराज , अखिलेश मिश्रा , रितेश अग्निहोत्री का सराहनीय कार्य रहा
उक्त दोनों प्रकरण में आरोपियों को दिनांक २४/०५/२०२० को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर मन्नानीय दुर्ग न्यायालय भेजा गया .

जांजगीर चांपा / शौर्यपथ / हसौद थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत नरियरा में खुलेआम महुआ शराब बेचा जा रहा है जिसको सरपंच द्वारा बार-बार बंद कराने हेतु कोटवार द्वारा मुनयादी कराया गया परंतु शराब बेचने वालों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला .
जिससे परेशान होकर सरपंच दिलचंद रात्रे सहित पंचायत प्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत हसौद थाना प्रभारी डी.एस. राठौर से की तथा शराब बिक्री करने वाले के खिलाफ उचित कार्यवाही करते हुए सहायता की मांग किया जिसको गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी द्वारा विषय की जांच कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है उससे बचने हेतु हर संभव प्रयास कर रहा है शासन प्रशासन ने कई जिलों को रेड जोन में रखा है स्कूल, विद्यालय, मंदिर, आदि पूजनीय स्थान बंद पड़े हैं तथा लोगो से सोशल डिस्टेंस बनाए रखें व मास्क पहनने की अपील करते आ रहे हैं परंतु इन शराब बेचने वाले पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा यह लोग शासन के नियमों को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं जिसको देखते हुए नरियरा सरपंच दिलचंद रात्रे पूर्व सरपंच मनहरण साहू उपसरपंच गजेंद्र खाण्डे, मोहन बंजारे, संतोष कुमार यादव, हेमप्रसाद, लक्ष्मण बंजारे, विनोद रात्रे, खेमलाल साहू, सहित अन्य लोगों ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप कार्यवाही की मांग की है.

  दुर्ग / शौर्यपथ / शहर के सर्वांगीण विकास के लिए विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया से मुलाकात कर अलग अलग विकास कार्यों के लिए लगभग 40 करोड़ की राशि की मांग रखी है। जिसमें शहर के 19 निस्तारी तालाबों में जा रहे गंदे पानी को रोकने हेतु नाली निर्माण के लिए 2.94 करोड़, समस्त 60 वार्डों में अधोसंरचना विकास हेतु सड़क, नाली, पुलिया प्रकाश व्यवस्था व उद्यान के 209 प्रस्तावित कार्यों के लिए 29.24 करोड़ एवं शहर के पशुधन की सुरक्षा व डेयरी संचालकों के लिए बोरसी व उरला दो स्थानों में सर्व सुविधायुक्त गोकुल नगर निर्माण के लिए 8 करोड़ रु की राशि शामिल है।
विधायक वोरा ने कहा कि कोरोना संकट के बाद 60 वार्डों में जनकल्याणकारी विकास कार्यों को गति देना आवश्यक है निस्तारी तालाबों का संरक्षण व आमजनों की मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित विकास कार्य शासन की प्राथमिकताओं में हैं। जिसके लिए राशि की मांग की गई है।
महापौर बाकलीवाल ने कहा कि सैद्धांतिक स्वीकृति मिलते ही प्राक्कलन बना कर निकाय विभाग को प्रेषित किया जाएगा व अतिशीघ्र सभी कार्यों को प्रारंभ कराया जाएगा। मंत्री डहरिया ने विधायक व महापौर की मांग पर अपनी सहमति दे दी है जिसके विभागीय आदेश शीघ्र जारी कर दिए जाएंगे।

   दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश सोनकर समाज के निर्देशानुसार जिले में सोनकर समाज के चुनाव संपन्न हुए . सोनकर समाज दुर्ग के पार क्रमांक 2 में हुए इस सामजिक चुनाव में अध्यक्ष पद पर नितिन सोनकर निर्विरोध अध्यक्ष मनोनीत हुए . बता दे कि सोनकर समाज का चुनाव 5 वश के कार्यकाल का होता है . नितिन सोनकर के लगातार दूसरी बार निर्विरोध विजयी होने पर समाज के लोगो ने एवं प्रदेश अध्यक्ष सोनकर समाज छत्तीसगढ़ - शारदा प्रसाद सोनकर ने नितिन सोनकर को बधाई दी एवं नितिन सोनकर के उज्जवल भविष्य की कामना की साथ ही यह भी आशा व्यक्त की कि नितिन सोनकर के नेत्रित्व में सोनकर समाज दुर्ग नई ऊँचाईयो को हांसिल करेगा .
बता दे कि नितिन सोनकर नगर पालिक निगम दुर्ग में कार्यरत है एवं साथ में सामजिक कार्यो में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है . पिछले 17 वर्षो से सामजिक कार्यो में समाज का नेत्रित्व कर रहे है .

SHOURYAPATH

       शौर्यपथ /  डाटा चोरी की घटनाएं सामने आने के बाद हर कोई अपने पर्सनल मोबाइल डाटा के प्रति सतर्क हो गया है। अब कोई थर्ड पार्टी एप डाउनलोड करते समय हम दुविधा में रहते हैं कि एप डाउनलोड करें या नहीं। आइए कुछ जरूरी बातें जानें जिससे हमारी दुविधा खत्म हो।किसी भी थर्ड पार्टी एप को डाउनलोड करते समय अगर हम सामान्य बातों का ख्याल रखेंगे तो थर्ड पार्टी एप के खतरों से बच सकेंगे।

1. एप के नाम पर दें विशेष ध्यान
किसी भी एप्लीकेशन को डाउनलोड करते समय उस एप के नाम पर विशेष ध्यान दें। अधिकतर देखा जाता है कि फर्जी एप का नाम किसी लोकप्रिय एप के नाम की नकल करके रखा जाता है। इससे ऐसी एप के डाउनलोड किए जाने की संभावना बढ़ जाती है। एन के नाम की स्पेलिंग, एप के लोगो के रंग और डिजायन पर ध्यान दें, कई बार फर्जी एप और असली एप के डिजायन में बेहद मामूली अंतर होता है।

2. डेवलपर के नाम को पढ़ें
एक ही नाम की एक से अधिक एप गूगल स्टोर पर मिल जाएंगी। ऐसे में अगर आप एप को डाउनलोड करना चाहते हैं तो बड़ी दुविधा होती है कि कौन सी एप्लीकेशन असली है। इसके लिए एप के डि्क्रिरशन में जाकर डेवलपर के नाम को ध्यान से पढ़ें। कई फर्जी एप बनाने वाले डेवलपर तो असली एप के डेवलपर के नाम की भी नकल कर लेते हैं। इसलिए ध्यान दें कि कहीं डेवलपर के नाम के आगे कोई विशेष संकेत या अक्षर न लिखा हो। साथ ही अक्षरों के बीच में गैप न दिया गया हो। अगर ऐसा है तो संभावना है कि नकली एप बनाने वाले डेवलपर ने यूजर्स को धोखा देने के लिए यह किया हो।


3. रिव्यू और रेटिंग पर दें ध्यान
प्ले स्टोर पर मौजूद सभी एप्लीकेशन पर पब्लिक फीडबैक सिस्टम होता है, यानी आम यूजर उस एप पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। आप जब भी कोई नई एप डाउनलोड करना चाहते हैं तो पहले रिव्यू को ध्यान से पढ़ें। अगर रिव्यू सकारात्मक हों तब ही एप को डाउनलोड करें।

4. एंटीवायरस का करें प्रयोग
अपने फोन को किसी भी फर्जी एप के खतरे से दूर रखने के लिए किसी विश्वसनीय एंटीवायरस का प्रयोग करें। एंटीवायरस होने पर फोन उस एप को डाउनलोड करने पर आपको चेतावनी देगा।

5. थर्ड पार्टी एप स्टोर से रहें दूर
जब भी आपको कोई एप डाउनलोड करनी हो तो किसी भी थर्ड पार्टी एप स्टोर से उसे डाउनलोड करने से बचें। अगर आप एंड्रायड यूजर हैं तो गूगल प्ले स्टोर से ही एप डाउनलोड करें, क्योंकि वहां सभी एप की स्क्रूटिनिंग की जाती है

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