November 15, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

विशाखापट्टनम / शौर्यपथ / आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक मल्टीनेशनल कंपनी के केमिकल प्लांट में जहरीली गैस लीक होने की वजह से एक बच्चे समेत 11 लोगों की जान…

अवधेश टंडन की रिपोर्ट ...

      जांजगीर चांपा  / शौर्यपथ / जिले में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर तो जिले का हाल बेहाल है यहां अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी संसाधनों की कमी तो है लेकिन जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी बखूबी नहीं निभा रहे हैं नतीजा जिले की स्वास्थ्य सुविधा बेहाल है। दरअसल में देश और प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल में डॉक्टरों को 24 घंटे उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं लेकिन जांजगीर-चांपा जिले के मालखरोदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत फगुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां की स्वास्थ सुविधा बेहाल है। यहां अस्पताल में तो ठीक से ना डॉक्टर आते हैं ना ही यहां के कर्मचारी इस बात की खबर मीडिया में आई तो सुधार के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होता दिखाई दे रहा है .

     वहीं यहां के लचर सिस्टम को लेकर जब जांजगीर-चांपा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसआर बंजारे को अवगत कराया गया तो उनका भी अजीबो गरीब बयान सुनने को मिला साहब का कहना है कि मीडिया में जो खबर लगी है वह पुरानी खबर है अब यहां पर अस्पताल में चिकित्सक नर्सिंग स्टाफ पूरे समय रहते हैं साथ ही उन्होंने कहा कि कर्मचारी चिकित्सक खाना खाने के लिए गए थे यह उसी दौरान की तस्वीरें हैं साहब यह जवाब भी हमें समझ नहीं आता कि यह एक जांजगीर-चांपा जिले के जिम्मेदार अधिकारी दे रहे हैं हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मान भी लेते हैं कि वहां के स्टाफ खाना खाने गए थे तो खाना खाने जाने की भी दौरान अस्पताल में एक भी कर्मचारी का ना रहना ऊपर से अस्पताल को खुला छोड़ देना क्या यह लापरवाही नहीं है अस्पताल को खुला छोड़ अगर वह खाना खाने जा रहे हैं तो इस दौरान अस्पताल में चोरी भी हो सकती है आपातकालीन स्थिति में कोई मरीज आए तो भगवान है उसका मालिक है यहां तक की बात ठीक है साहब इस बात को खुद ही मानते हैं कि यह तस्वीर पुरानी है तो उस अस्पताल में कार्यवाही क्या हुआ क्योंकि अब तक उस अस्पताल में कार्यवाही होता नहीं दिखाई दे रहा है।

    कार्यवाही नहीं होने की वजह से लापरवाह चिकित्सक और स्टाफ के हौसले दिनोंदिन बुलंद होंगे जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां पर पदस्थ चिकित्सक को राजनीतिक और रसूखदार ओं का संरक्षण मिल रहा है शायद यही वजह है कि जिम्मेदार कार्यवाही करने से बच रहे हैं। खैर अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि लापरवाह चिकित्सक और उनके स्टाफ के ऊपर जिम्मेदार क्या कार्यवाही करते हैं या फिर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा।

रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना संकट ने अच्छे अच्छे लोगो की कमर तोड़ दी . एक ओर जहाँ गरीबो के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार आगे बढ़ कर हर तरह से मदद कर रही है वही अमीरों व्यापार मंदा होने का डर है . उच्च वर्ग की जिन्दगी में सागर से कुछ बुँदे ( धन ) कम होने की चिंता है वही गरीबो को दो वक्त की रोटी की . गरीबो की मदद सरकार व संस्थाए कर रही अमीर वर्ग व्यापार खुलने का इंतज़ार कर रहे है लेकिन इन सबके बीच माध्यम निम्न वर्ग ऐसा है जिसे अपनी जरूरते पूरी करने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा ना तो इनके पास जनधन खाता है ना ही गैस सब्सिडी ना ही आर्थिक सहायता के लिए कोई संस्था या सरकार कार्य कर रही है अपनी ऐसी ही वेदना को फेसबुक के जरिये रायपुर निवासी मुकेश बुराद ने जाहिर की और सरकार से इच्छा मृत्यु तक की मांग कर ली .
मुकेश बुराद ने ६ मई को फेसबुक में एक पोस्ट की और इच्छा मृत्यु की मांग प्रधानमंत्री मोदी से कर दी . मुकेश बुराद ने क्या कहा जानिये उन्ही के शब्दों में ..

प्रति,
माननीय
श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ,
#प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
7-एकात्म मार्ग ,लोक कल्याण मार्ग ,
नई दिल्ली
पिन -110011

विषय:- इच्छा मृत्यु हेतु आवेदन ।

महोदय,
जबसे से कोरोना महामारी का उदय हुआ है तब से मैं यह देख पा रहा हूं उच्च वर्ग एवं निम्न वर्ग के लिए सरकारी योजनाएं लगातार बनाई जा रही है और इन योजनाओं से दोनों वर्ग लाभ प्राप्त कर रहे हैं ।

महोदय, मैं एक #मध्यम श्रेणी का व्यक्ति हूं जो प्रतिदिन अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए बाजार में फिरता हूं।

चूंकि में कंप्यूटर एवं ज़मीन संबंधित का छोटा-मोटा कार्य करता हूं लेकिन #कोरोना #महामारी के कारण अपने #घर में निवासरथ हूं जैसा आपके द्वारा आदेश किया गया है ।

महोदय , मैं अब #आर्थिक रूप से बदहाल हो गया हूं बातें मुझे अब अपनी रोजी रोटी के लिए बाजार में जाना अनिवार्य हो गया है ।

अत : कृपया आप ऐसी कोई नियम पारित करें ताकि रोज #प्रतिदिन कमाने वाले व्यक्ति यदि #बाजार में जाना है तो उससे शपथ पत्र लिखवा लीजिए वह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो तो उसका #सरकारी #ईलाज न कर उसे जहर देकर मारने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है ।।

महोदय, यदि इस तरह उचित कार्य नहीं किया गया तो हम जैसे लोगों को एक नियम बना कर इच्छा #मृत्यु के लिए आवेदन पत्र #भारत #सरकार जारी करें ।।

महोदय ,आप जमीन से जुड़े व्यक्ति है मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूं अता मेरा मर्म समझ कर मध्य श्रेणी लोगों के लिए आप विचार जरूर करें ।।

सादर धन्यवाद।
भवदीय
मुकेश बुरड़
पता:-Mig, B-96,शंकर नगर,
रायपुर, छ :ग
मो -9826112227

प्रतिलिपि ,श्री भूपेश बघेल जी माननीय मुख्यमंत्री ।

      दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है . कांग्रेस की सरकार के कई चुनावी वादों में एक वादा पूर्ण शराब बंदी का भी है जिसे लेकर विपक्ष लगातार वार करती रहती है . गंगाजल का वास्ता देकर हिन्दू धर्म के अपमान की भी बात करती है . प्रदेश में दुर्ग लोकसभा से भाजपा सांसद विजय बघेल ने शराब बंदी पर भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भूपेश सरकार पर झूठे चुनावी वादे के आरोप लगाये . एक हद तक यह सही भी है भाजपा सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को संकट की इस घडी में शराब दूकान खोलने की जल्दी क्यों है जबकि स्वामी शंकराचार्य भी इसका विरोध कर चुके है स्वयं भूपेश बघेल द्वारा 2017 में शराब बंदी की बात का समर्थन करते हुए 2018 के चुनावी मैदान में कदम रखा और भारी मतों से जीत कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी .
      भाजपा सांसद का आरोप सही है भूपेश सरकार ने शराब बंदी के वादे को अभी तक पूरा नहीं किया किन्तु भाजपा सांसद ने कभी यह नहीं सोंचा कि भूपेश सरकार ने कभी भी ऐसा नहीं कहा कि शराब बंदी नहीं होगी . भूपेश सरकार ने सत्ता सँभालते ही कई चुनावी वादे पुरे किये और शराबबंदी के लिए भी समिति बना कर पूरा आंकलन कर शराब बंदी की बात कर रही है . भाजपा सांसद विजय बघेल आरोप लगाते समय यह क्यों नहीं कह रहे है कि कोरोना लॉक डाउन के तीसरे चरण में शराब दूकान स्थिति अनुसार शराब दूकान खोलने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी . भूपेश सरकार द्वारा द्वितीय लॉक डाउन के समय भी शराब दूकान खोलने की तैयारी की थी किन्तु केंद्र सरकार के नियमो का पालन करते हुए शराब दूकान नहीं खोला गया .
     शराब समाज को बुराई के रास्ते पर ले जाती है और शौर्यपथ शराब बंदी का पूर्ण समर्थन करता है किन्तु कोरोना संकट के समय एक ओर जहा देश के ऐसे कई राज्य जहां भाजपा की सत्ता है वह भी शराब बिक्री हो रही है किन्तु भाजपा के नेता उन राज्यों के बारे में मौन क्यों है . भाजपा नेताओ द्वारा शराब बंदी का राग सिर्फ एक राजनितिक प्रक्रिया ही है सिर्फ जनता को गुमराह करने का एक सरल रास्ता .
जनता भी चाहती है कि शराब बंदी हो और अगर भूपेश सरकार ने विधान सभा चुनाव के पहले शराब बंदी का कदम नहीं उठाया तो जनता स्वयं तय कर लेगी कि किस ओर जाए किन्तु भाजपा सांसद विजय बघेल ये क्यों भूल जाते है कि प्रदेश में शराब बेचने का कार्य सरकार ने अपने हांथो लिया तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब विजय बघेल क्यों मौन रहे क्यों नहीं तब उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता के स्वास्थ्य और स्वक्ष समाज का याद आया .
सांसद बघेल तब क्यों मौन रहे जब प्रदेश की आर्थिक राजधानी में एक भी कोरोना मरीज समाज से नहीं मिला तब भी केंद्र द्वारा रायपुर को रेड जोन में रखकर प्रदेश को आर्थिक हानि से बचाने की पहल करते . वैसे तो भूपेश बघेल दुर्ग लोकसभा के सांसद है किन्तु दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रदेश सरकार के सहायता कोष में मदद की पहल क्यों नहीं की . छत्तीसगढ़ और दुर्ग लोकसभा की जनता के वोट से विजय बघेल की जीत हुई तो क्या दुर्ग लोकसभा की जनता के लिए कोई दायित्व नहीं बनता सांसद जी का .
     एक ओर जहाँ जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के नागरिको की समस्या से अवगत होने भ्रमण कर रहे वही संकट की इस घडी में सांसद विजय बघेल सिर्फ आरोप प्रत्यारोप कर राजनितिक रोटी सकने की कोशिश तो नहीं कर रहे है ? एक समय प्रदेश में अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माने जाने वाले सांसद बघेल कोरोना संक्रमण के समय आम जनता से दूर क्यों है .
    आज प्रदेश की समस्त ऐसी जनता जो शराब से दूर रहती है चाहती है कि प्रदेश में शराब बंदी हो . शराब से कई परिवार बर्बाद हो चुके है और आम जनता को आछे से याद है कि भूपेश सरकार ने शराबबंदी का वादा किया था अगर अगले विधान सभा चुनाव तक प्रदेश में शराबबंदी ना हुई तो इसका नुक्सान भूपेश सरकार को उठाना पड़ेगा और इतनी समझ तो प्रदेश के मुखिया को होगी ही कि चुनाव के समय इन सवालों का जनता को जवाब भी देना होगा किन्तु भाजपा के सांसद जिस तरह आरोप लगा रहे है वह सिर्फ एक कोरी राजनीति ही है क्योकि यही वो भाजपा है जिसने प्रदेश में 15 साल राज किये जिसमे छत्तीसगढ़ की जनता को किये अनगिनत वादे पूर्व की सरकार ने पूरा नहीं किये जिसके कारण जनता ने भाजपा का साथ छोड़ा किन्तु देश में भाजपा सरकार के लिए समर्थन भी किया . विजय बघेल बड़े सदन के सदस्य है लोकसभा के निर्वाचित सदस्य है अगर आज सांसद पुरे देश में शराब बंदी की बात करते तो जनता उनके बात का समर्थन भी करती किन्तु सिर्फ एक प्रदेश में शराब बंदी की बात कर सिर्फ राजनीती करना अब जनता के भी समझ में आ रहा होगा . कौन सही है कौन गलत इसका फैसला जनता सिर्फ मतदान के समय ही करती है और अब मतदान के समय ही फैसला होगा कि जनता सांसद विजय बघेल के साथ है या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ जिसके लिए अभी समय है .

शौर्यपथ की खास खबर ..
      दुर्ग / शौर्यपथ / कोटा में पढ़ रहे दुर्ग जिले के बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए आज सुखद दिन रहा। लंबे अरसे बाद वे एक-दूसरे से मिले, यह बहुत भावुक क्षण दोनों के लिए रहा। लाकडाउन पीरिएड में लगातार अपने बच्चों की चिंता वे करते रहे और आज उन्हें सकुशल अपने साथ देखकर वो बहुत भावुक हो गए। आज सभी छात्र-छात्राएं बिलासपुर से बीआईटी परिसर पहुंच गए। इन छात्र-छात्राओं को लेने उनके अभिभावक बीआईटी पहुंचे। बातचीत में छात्र-छात्राओं ने बताया कि हमारे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि हम अपने घर वापस आ गए। इसके लिए हम लोग छत्तीसगढ़ शासन को बहुत धन्यवाद देते हैं। इन छात्र-छात्राओं ने कहा कि उन्हें बिलासपुर में क्वारंटीन कर रखा गया था। यहाँ रहने एवं खाने-पीने का अच्छा प्रबंधन जिला प्रशासन ने किया था।
      छात्र-छात्राओं को लेने आए अभिभावकों ने कहा कि कोटा में जब हमारे बच्चे फंसे थे तो हर पल बहुत मुश्किल से गुजरा। फिर जब छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया तो बहुत अच्छा लगा। लाकडाउन के दौरान इतनी लंबी यात्रा से बच्चों को लाना आसान नहीं रहा होगा क्योंकि रास्ते में सब कुछ बंद रहा होगा। इसमें मध्यप्रदेश की सीमा पार कर राजस्थान जाना और आना। हम प्रशासनिक अमले को भी बहुत धन्यवाद देते हैं जो हमारे बच्चों को इतनी दूर से लेकर आए। अभिभावकों ने बताया कि कोविड के खतरे को देखते हुए उनके बच्चे घर में पूरा समय क्वारंटीन में रहेंगे।
      हमें इस बात की खुशी है कि हमारे बच्चे स्वस्थ हैं, घर वापस आकर खुश हैं। कोटा में मेडिकल की तैयारी के लिए गई भारती ध्रुव के भाई हितेंद्र ध्रुव ने बताया कि मुझे बहन के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंता थी। अब वो वापस आ गई है तो बहुत अच्छा लगा। प्रशासन ने भारती का पूरा ध्यान रखा, हम सब बहुत खुश हैं। इसी तरह मेडिकल की तैयारी के लिए गए आदित्य चंद्राकर ने बताया कि कोटा में फंसे होने की वजह से चिंता के कारण भी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। छत्तीसगढ़ शासन ने हमें लाकडाउन के चलते वहां हो रही परेशानी से भी बचाया और उस चिंता से भी बचाया जो हमें कोटा में रहकर महसूस हो रही थी। जिला शिक्षा अधिकारी एवं इस कार्य के नोडल अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि सभी अभिभावकों को सूचित कर दिया गया था एवं जिला प्रशासन के निर्देशों से भी अवगत करा दिया गया था।
    पूरी व्यवस्था की मानिटरिंग के लिए टीम का गठन किया गया था। उल्लेखनीय है कि आज ही सूरजपुर जिले के बच्चे भी अपने गृह जिले के लिए रवाना हुए। लड़कियों को विज्ञान विकास केंद्र एवं लड़कों को रूंगटा कालेज में रखा गया था। आज इन बच्चों को भी रवाना किया गया। उल्लेखनीय है कि कोटा से पहुंचते ही सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था एवं इन्हें क्वारंटीन किया गया था। बच्चों को लेने जाने वाले स्टाफ को भी क्वारंटीन किया गया था।

     दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई निगम के फरीद नगर में एक महिला के कोरोना पाजिटिव प्रकरण आने के बाद उक्त क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। उक्त कंटेनमेंट क्षेत्र में सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा घर पहुंच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर कराई जा रही है। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घरों से बाहर निकलना प्रतिबंधित कर दिया गया है।
     स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था हेतु पुलिस पैट्रोलिंग कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस, कान्टैक्ट ट्रेसिंग एवं सैंपल जांच की कार्रवाई की जा रही है। कंटेनमेंट जोन में प्रवेश एवं निकास हेतु बैरीकेडिंग, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं सैनेटाइजेशन व्यवस्था, एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम को एसओपी के अनुसार दवा, मास्क इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायोमेडिकल अवशिष्ट प्रबंधन हेतु निर्देश जारी कर दिये गए हैं। कंटेनमेंट जोन के पर्यवेक्षण हेतु जोन कमिश्नर को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।

सब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अत्यावश्यक सेवाएं रहेंगी चालू
कोविड-19 से बचाव हेतु राज्य सरकार का अहम निर्णय

   रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव हेतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के सुझाव को सहमति प्रदान कर दी है। जिसमें उन्होंने प्रदेश में मई महिने के सभी शनिवार और रविवार को प्रदेश में लाॅकडाउन करने का सुझाव दिया है।
  चालू मई महिने के सभी शनिवार और रविवार को अब पूरे प्रदेश में लाॅकडाउन रहेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस लाॅकडाउन में सब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अन्य अत्यावश्यक सेवाओं को चालू रखने को कहा है।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह अहम कदम उठाया गया है। जिसके तहत अब पूरे मई महिने के शनिवार और रविवार के दिन प्रदेश में लाॅकडाउन रहेगा।

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य को कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में पूज्य सिंधी पंचायत राजनांदगांव द्वारा 100 पीपीई किट, 100 एन-95 मास्क तथा 1000 हेण्ड ग्लब्स बतौर सहयोग दिया गया। पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मन्नुमल मोटलानी, महासचिव अमर लालवानी, वरिष्ठ सलाहकार अर्जुनदास पंजवानी, मीडिया प्रभारी अर्जुनदास गंगवानी ने कलेक्टर श्री मौर्य को यह सामग्री प्रदान की।
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद अनेक व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई है।
व्यवसायियों को दुकानों में सामानों का लेन-देन करते समय कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। सभी दुकानों में ग्राहकों के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। दुकानदार स्वयं ग्राहकों को इसके लिए समझाईश दें। श्री मौर्य ने कहा कि दुकानदारों को भी उपयुक्त मास्क का निरंतर उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा हर आधे घंटे में हाथों को सेनेटाईज करना चाहिए। उसी प्रकार केश काउंटरों और बैठने के स्थानों में सेनेटाईज करना जरूरी है।
     कलेक्टर मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि दानदाताओं से अब नगद राशि या राशन सामग्री नहीं लिया जाएगा। उन्होंने दानदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वे खरीदकर कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए उपयोगी मास्क सहयोग के बतौर दे सकते हैं। श्री मौर्य ने कहा कि पेण्ड्री के शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन में कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है। यहां पर 160 बेड इलाज के लिए तैयार है। अस्पताल में कोविड-19 गर्भवती माता के लिए वार्ड, सिजेरियन एवं सामान्य प्रसव कक्ष, रक्त परीक्षण के पैथोलॉजी लैब, कोविड-19 वायरोलॉजी लैब की स्थापना की गई है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्स के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था हॉस्पिटल में की जाएगी। श्री मौर्य ने दानदाताओं से डॉक्टरों और नर्सो के लिए पीपीई किट, ग्लब्स खरीदकर देने की अपील की।
      उन्होंने कहा कि अस्पताल के लिए टीव्ही, वाशिंग मशीन, आरओ, कूलर, एसी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी दानदाता सहयोग कर सकते हैं। कलेक्टर मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से कोरोना वायरस के संक्रमण, बचाव के उपायों और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड-19 अस्पताल के लिए की जा रही तैयारियों के संबंध में चर्चा की। पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मन्नुमल मोटलानी ने बताया कि पंचायत द्वारा पूर्व में एक लाख 11 हजार रूपए राहत कोष में दिया गया है। जरूरतमंदों के लिए 100 कट्टा चावल और 20 टीन तेल भी पंचायत द्वारा दिया गया है।

      धमतरी / शौर्यपथ / मध्याह्न भोजन योजना के तहत जिले के 1336 प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में जून के लिए 1249 क्विंटल 70 किलोग्राम खाद्यान्न का आबंटन किया गया है। इनमें 884 प्राथमिक स्कूलों के लिए 641 क्विंटल 70 किलोग्राम और 452 माध्यमिक स्कूलों के लिए 608 क्विंटल चावल का आबंटन शामिल है। जिला शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक धमतरी विकासखण्ड के 343 स्कूलों के लिए 313 क्विंटल 90 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है। इनमें 205 प्राथमिक स्कूलों के लिए 152 क्विंटल 20 किलोग्राम और 138 माध्यमिक स्कूलों के लिए 161 क्विंटल 70 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है।
     इसी तरह कुरूद विकासखण्ड के 302 स्कूलों के लिए 330 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है। यहां के 184 प्राथमिक स्कूलों में 163 क्विंटल और 118 माध्यमिक स्कूलों में 167 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है। मगरलोड विकासखण्ड के 224 स्कूलों में 208 क्विंटल 20 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया। यहां के 153 प्राथमिक स्कूलों के लिए 109 क्विंटल 40 किलोग्राम और 71 माध्यमिक स्कूलों के लिए 98 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है।
   नगरी विकासखण्ड के 467 स्कूलों में 396 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है। यहां के 342 प्राथमिक स्कूलों में 217 क्विंटल 10 किलोग्राम और 125 माध्यमिक स्कूलों के लिए 179 क्विंटल 70 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है।

जीवन तुझे है बढ़ते रहना, जलकर होना राख नहीं
ऐ युवा तू अवसर वाद की, भट्टी का अंगार नहीं


    रायपुर / शौर्यपथ / युवाओं को अब स्पष्ट संदेश देना होगा कि युवा अवसरवाद की भट्टी में तपता लोहा नहीं है जिसे जैसे चाहा ढ़ाल लिया। युवा धर्म, संप्रदाय, जाति, भाषा क्षेत्र को लेकर नफरत फैलाने का औजार नहीं है जिसे जब चाहा चला लिया। युवा झूठ को फैलाने वाला वायरस नहीं है जिसे फैला कर समाज को खतरे में डाल दिया।
अवसरवादियों को यह बात बहुत अच्छे ढंग से समझ में आ गई है कि नफरत की भट्ठी और अज्ञानता के अंधकार से जो वोट की ताकत निकलती है, वही सत्ता का मार्ग प्रशस्त करती है। यही कारण है कि वे युवाओं को किसी भी तरह भटकाव के रास्ते पर ले जाने का अवसर नहीं छोड़ते। युवाओं के दिल में नफरत का फैलाव कर जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों से उन्हे दूर रखने का प्रयास करते हैं।इसी कारण युवा राजसत्ता की प्राथमिकता में सबसे निचले पायदान पर खड़ा है।
अब अभिव्यक्ति ही एक ऐसी ताकत बची है जो युवाओं को मजबूती, सम्मान व रोजगार दे सकती है। मजबूत समाज और राष्ट्र दे सकती है। राजसत्ता पर उनका नियंत्रण कायम करवा सकती है। युवाओं के एक ग्रुप ने मुझसे ऑनलाइन वार्ता की। अच्छा लगा यह देखकर कि अंधकार से बाहर निकलने के लिए सूर्य की किरणों ने अपना जोर मारना शुरु कर दिया है।
एक युवा साथी ने बताया कि उनके परिवार की अर्थव्यवस्था पिताजी को रिटायरमेंट के बाद मिले रुपयों से किये गये फिक्स डिपॉजिट से चल रही है। मुझे यह बात ऐसी लगी की मानो बारूद के ढेर पर बैठा कोई व्यक्ति बोल रहा है कि मेरा जीवन सुरक्षित है।
जमा रकम पर बैंक की ब्याज दरें निरंतर कम होती जा रही है। महंगाई बढ़ रही है। रुपये का मूल्य लगातार कम होता जा रहा है। आने वाले समय में यह रकम ऊंठ के मुंह में जीरा समान होगी। इस त्रासद स्थिति के कारण कुछ आत्महत्या तो कुछ अपराध कर रहे होंगे। एक साथ इतने युवाओं को समझने का अवसर मिला। तो लगा विशेषकर युवा पांच बातों को लेकर बेहद चिंतित व असमंजस में थे –
पहला - घटते रोजगार के अवसरों से
दूसरा – ठोस स्व-रोजगार नीति के आभाव से
तीसरा – ग्रामीण व्यवस्था व किसानों की बदहाली से
चौथा - फैलते नफरत के वातावरण से
पांचवा – समाज में फैल रहे झूठ से
मैंने युवाओं से पूछा कि आप इन बातों से बाहर निकलने के लिए आप क्या प्रयत्न कर रहे हैं? यकीन मानिए ऐसा लगा मानो युवाओं की बुद्धि को किसी ने हाईजैक कर लिया है। समाधान का कोई बिंदु वे शब्दांकित नहीं कर पा रहे थे। मन में एक ही विश्वास पाले हुए थे कि “कोई आयेगा जो उन्हें भंवर से बाहर निकाल कर ले जाएगा।“ बस इसी बात ने युवाओं की स्वतंत्र सोच व व्यक्तित्व को क्षति पहुंचाई है।
आप रोजगार को जीवन का प्रथम ध्येय बनाइए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था किसान व किसानी के संवर्धन के लिये अच्छे सुझाव दीजिये और व्यवस्था को मजबूर कर दीजिये की वो उस दिशा में कदम उठाये। नफरत फैलाने वालों के साथ मत खड़ा होइये। समाज में फैलाये जा रहे झूठ के वाहक मत बनिये।
जब तक आप अपने को अभिव्यक्त नहीं करेंगे कि आप क्या चाह रहे हैं, तब तक कोई भी व्यवस्था गंभीरता से नहीं लेगी। आज सोशल मीडिया से अच्छा मंच अपने को अभिव्यक्त करने का दूसरा नहीं है। उस मंच का बेहतर उपयोग अपनी बात करने के लिये कीजिये। कॉपी-पेस्ट, मनगढ़ंत बातों वाली पोस्ट को नजर अंदाज कर अपनी चाहत व जरुरत की बातों को प्रवाहित कीजिये।
अब समझना होगा कि “नारों की मदहोशी में नाचना, युवाओं का काम नहीं और नारों की जय-घोष पर कदम-ताल करने में, युवाओं का सम्मान नहीं”

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