CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
बिलासपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन से प्राप्त निर्देशानुसार जिला चिकित्सालय बिलासपुर को कोविड अस्पताल में परिवर्तित करने का कार्य अत्यंत अल्प समय में उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। अस्पताल में इस समय सभी मापदंडों का पालन करते हुए कोरोना संक्रमित 5 मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
100 बिस्तर अस्पताल के प्रथम तल में चार जनरल वार्ड है तथा 10 सिंगल रूम है, जहां अटैच्ड शौचालय है तथा जनरल वार्ड में शौचालयों की पर्याप्त संख्या है। प्रत्येक जनरल वार्ड में 2 शौचालय तथा 2 स्नानागार है। चिकित्सालय 04 वेंटिलेटर सहित पूर्ण रूप से अत्याधुनिक मशीनों एवं उपकरणों से सुसज्जित है। नए आईसीयू बेड, मल्टी पैरा मॉनिटर, सीसीटीव्ही, पेशेंट एड्रेशल सिस्टम, डॉनिंग एवं डॉफिंग जोन, शासन से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार तैयार किया गया है।
अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. मधुलिका सिंह ने बताया कि 15 मई 2020 से आए 5 मरीजों को यहां भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। महिला मरीज सिंगल रूम में है तथा शेष मरीज जनरल वार्ड नंबर 1 प्रथम तल में है, इनके समस्त वाईटल्स सामान्य है एवं उनका गाइडलाइन के अनुसार इलाज किया जा रहा है। वर्तमान में भर्ती मरीजों को स्वच्छ एवं आरामदायक वार्डों में रखा गया है, जहां उन्हें नियमित रूप से चाय, नाश्ता, भोजन प्रदाय किया जा रहा है एवं मनोरंजन हेतु वार्डों में टी.व्ही. डिश केबल के साथ उपलब्ध है। मरीजों को दैनिक उपयोगी की चीजें जैसे ब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, चप्पल, पहनने के कपड़े इत्यादि अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रदाय किये गए हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा एक मोबाईल फोन भी रखा गया है जिससे मरीजों के घरवालों से बात कराई जा रही है।
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में पर्याप्त संख्या में पीपीई किट उपलब्ध हैं तथा प्रत्येक पाली में स्टाफ को नियमानुसार प्रदाय किये जा रहे हैं तथा पाली समाप्त होने पर पीपीई को डॉफिंग जोन में उतारकर दो बार शावर लेने के उपरांत ही गाइडलाइन अनुसार बाहर निकलकर रुकने के स्थान तक जाते हैं।
यहां छः-छः घंटे की चार शिफ्ट में टीम द्वारा ड्यूटी की जा रही है, जिसमें कुल 15 स्वास्थ्यकर्मी (चिकित्सक, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय तथा सफाईकर्मी शामिल) हैं। इसके अतिरिक्त 2 विशेषज्ञ चिकित्सक ऑन कॉल हैं तथा इन सभी स्टाफ के रहने तथा भोजन हेतु प्रशासन द्वारा सर्व-सुविधायुक्त व्यवस्था की गई है। ये सभी कर्मचारी स्टराईल जोन से पीपीई पहनने के उपरांत ही वार्ड में प्रवेश करते हैं तथा ड्यूटी स्टेशन में लगे हुए सीसीटीवी इत्यादि की मदद से मरीजों की लगातार निगरानी रखते हुए उनका इलाज कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल विशेषज्ञ भी सेवाएं दे रहे हैं। अस्पताल में आवश्यक दवाएं तथा अन्य कन्स्यूमेबल्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। एस.टी.पी.बनाने का कार्य भी अत्यंत तीव्र गति से कराया जा रहा है, जिसके शीघ्र ही पूर्ण होने की संभावना है। वर्तमान में पानी उपचारित करने हेतु हाइपो क्लोराइट साल्यूशन का उपयोग किया जा रहा है।
कोविड अस्पताल स्पष्ट रूप से स्टराइल एवं नान स्टराइल जोन में विभाजित है। वार्ड के अंदर नान-स्टराइल जोन में प्रवेश करने के पूर्व प्रत्येक कर्मी पीपीई अनिवार्य रूप से पहनते हैं। भोजन पहुंचाने हेतु कैंटीन का कर्मचारी स्टराईल जाने में निर्धारित स्थल पर मरीजों को भोजन, नाश्ता के पैकेट रखने हेतु प्रवेश करते हैं। इसके लिये सामान्य किसी भी प्रकार के पीपीई पहनने की आवश्यकता नहीं है, किंतु अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए सुरक्षा की दृष्टि से कैंटीन के कर्मियों को डिलीवरी किट के साथ भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। डिलीवरी किट भी एड्स, हेपेटाईटिस जैसे वायरस से बचाने के लिये सुरक्षा उपकरण है तथा इसे मात्र 10 मिनट के लिये पहन कर वह व्यक्ति अंदर जाते है और बाहर निकल आते हैं।
शासन के उच्च अधिकारियों तथा जिला प्रशासन, सिम्स, अस्पताल प्रबंधन व अस्पताल में कार्यरत समस्त कर्मचारियों के सहयोग से कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
महासमुंद / शौर्यपथ / जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि खाद्य और मंडी विभाग के संयुक्त टीम द्वारा 13 मई 2020 को बसना विकासखंड के अंतर्गत में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल दुधीपाली की जाँच की गई। में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के प्रोपराईटर, संचालक आशीष अग्रवाल पिता नेमीचंद अग्रवाल के द्वारा अपने धान उठाव के विरुद्ध 20276.20 क्विंटल चावल जमा किया गया है, जबकि धान उठाव के विरुद्ध 3591.26 क्विंटल चावल जमा किया जाना शेष है। खाद्य अधिकारी ने बताया कि राईस मिल के संचालक आशीष अग्रवाल की उपस्थिति में राईस मिल का भौतिक सत्यापन किया गया। भौतिक सत्यापन के पूर्व श्री आशीष अग्रवाल से मिल में उपलब्ध स्टॉक का घोषणा पत्र लिया गया। घोषणा पत्र में अग्रवाल के द्वारा बताया गया कि मिल में धान का स्टॉक 1499.20 क्विंटल, चावल 2667.90 क्विंटल तथा कनकी 200 क्विंटल तथा स्वयं की मंडी खरीदी का धान 15.07 क्विंटल होना बताया गया। भौतिक सत्यापन में धान 1500.00 क्विंटल, चावल 2769.00 क्विंटल तथा कनकी 200 क्विंटल तथा स्वयं की मंडी खरीदी का धान 15.20 क्विंटल पाया गया। इस प्रकार भौतिक सत्यापन और घोषणा पत्र में धान और कनकी में अंतर नहीं पाया गया किन्तु चावल 101 क्विंटल अधिक पाया गया।
राईस मिल के द्वारा धान उठाव हेतु अंतिम डी.ओ. जारी 23 मार्च 2020 को किया गया। उक्त अवधि के बाद संचालक में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के द्वारा धान के उठाव हेतु डी.ओ. जारी नहीं किया गया है तथा उक्त राईस मिल के संचालक के द्वारा उठाव किये गए धान के विरुद्ध में शेष चावल भी 18 मार्च 2020 के बाद जमा नहीं किया गया है। राईस मिल के द्वारा उठाव किये गए धान के विरुद्ध में शेष चावल को पिछले दो माह से जमा नही किया गया और न ही अनुबंध मे शेष धान के उठाव हेतु डी.ओ. जारी करवाया गया है। कस्टम मिलिंग कार्य में में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के द्वारा रूचि नही लिया जा रहा है। राईस मिल के द्वारा कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत स्टॉक पंजी का संधारण नहीं किया गया है तथा प्रतिमाह प्रस्तुत की जाने वाली मासिक विवरणी भी प्रस्तुत नहीं किया गया है।
राईस मिल के द्वारा कस्टम मिलिंग कार्यो में रूचि नहीं लिया जा रहा है तथा भौतिक सत्यापन और घोषणा पत्र अनुसार चावल का स्टॉक 101 क्विंटल अधिक पाया गया। अधिक पाए गए 101 क्विंटल चावल को में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के संचालक श्री आशीष अग्रवाल से जप्त किया गया तथा जप्तशुदा चावल को संचालक श्री आशीष अग्रवाल की सुपुर्दगी मीडिया में किया गया। में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका 4(5) , 5(1) और 6 का उल्लंघन किया गया है जो की आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत दंडनीय है। इस कारण मिलर्स के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
इसी तरह सरायपाली के राईस मिल हिंदुस्तान एग्रोटेक और समलेश्वरी इंडस्ट्रीज का जांच संयुक्त विभागीय टीम के द्वारा किया गया। जांच में हिंदुस्तान एग्रोटेक राईस मिल से चावल उसना 673.50 क्विंटल, चावल अरवा 202 क्विं., धान 7197.20 क्विं., कनकी 1292.50 क्विं. जब्त किया गया है। इसी तरह समलेश्वरी राईस मिल में चावल उसना 1389.25 क्विं., धान 707 क्विं. एवं कनकी 969.50 क्विं. जप्त किया गया है। दोनों राईस मिल के संचालक भागीदार दयानंद अग्रवाल और शंकर लाल अग्रवाल सराईपाली के द्वारा धान के उठाव और चावल जमा नहीं किए जाने के कारण और शासन के कस्टम मिलिंग कार्य के स्थान पर चावल फ्री सेल का कार्य किया जा रहा है। मिलर के प्रबन्धक के द्वारा जांच समय स्टॉक पंजी प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण तथा कस्टम मिलिंग कार्य में लापरवाही बरतने के कारण भौतिक सत्यापन में प्राप्त समस्त धान ,चावल और कनकी को जप्त कर लिया गया है।
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में शासन द्वारा उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग का कार्य करने हेतु पंजीयन कराने के बावजूद कस्टम मिलिंग का कार्य नहीं करने वाले जिले के 06 राईस मिलों को कलेक्टर सुनील जैन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। कारण बताआंे नोटिस मिलने वाले राईस मिलों में मेसर्स एन एल राईस इंडस्ट्रीज महासमुन्द, मेसर्स संजय ट्रेडर्स बागबाहरा, मेसर्स अरिहंत राईस टेक बागबाहरा, मेसर्स तथास्तु इंडस्ट्रीज बागबाहरा, विराट राईस मिल बसना एवं हिंदुस्तान एग्रोटेक सरायपाली ने कारण बताआंे नोटिस का लिखित जवाब प्रस्तुत किया है, किंतु परीक्षण में जवाब समाधान कारक नहीं पाया गया। इस पर कलेक्टर ने उक्त मिलर्स को चेतावनी पत्र जारी करते हुए उन्हें 21 मई 2020 तक मिलिंग क्षमतानुसार डिलीवरी आर्डर जारी कराकर धान का शत्-प्रतिशत उठाव करने के निर्देश दिए है। समयावधि में धान का उठाव नहीं करने वाले राईस मिलों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश के बाद आज दो प्रवासी गर्भवती श्रमिक माताओं ने सुरक्षित प्रसव के जरिये स्वस्थ कन्याओं को जन्म दिया। दोनों ही माताएं अलग-अलग समय में अपने परिजनों के साथ राजनांदगांव जिले के बागनदी बार्डर पहुंची थीं, जहां उन्हें प्रवस पीड़ा शुरू हो गई। प्रशासन ने उन्हें तुरत स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाकर सुरक्षित प्रसव का इंतजाम किया।
मूलतः कटई बेमेतरा निवासी श्रीमती त्रिवेणी साहू ने बागनदी बार्डर के उपस्वास्थ्य केंद्र में बच्ची को जन्म दिया। वहीं महाराष्ट्र के पुणे से आईं 28 वर्षीय सुरेखा पति कुमार सिंह निषाद ने छुरिया स्थित स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची को जन्म दिया। छत्तीसगढ़ की सीमा में सुरेखा को प्रसव पीड़ा शुरु होने पर उन्हें पहले निकट के अस्तपाल पहुंचाया गया, जहां से छुरिया रेफर कर दिया गया। सुरेखा मूलतः दुर्ग जिले के सुखरीकला गांव की निवासी है।
दोनों ही मामलों में सुरक्षित प्रसव कराने में राजनांदगांव जिले के स्वास्थ्य विभाग के अमले ने तत्परता से कार्य किया। जिला कलेक्टर मौर्य ने स्वयं स्वस्थ्य केंद्र पहुंचकर जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
छत्तीसगढ़ की विभिन्न सीमाओं से हर रोज प्रवेश कर रहे हजारों मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए शासन ने बसों के इंतजाम किए हैं। बसों की रवानगी से पहले मजदूरों के भोजन-पानी, चरणपादुका के प्रबंध के साथ-साथ उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि प्रवासी श्रमिक परिवारों में शामिल महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य की विशेष देखभाल की जाए। क्वारेंटीन सेंटर में भी उनका विशेष ध्यान रखा जाए।
अब तक 15 ट्रेनों से 22 हजार श्रमिकों को की हुई सकुशल वापसी
वाहन एवं अन्य माध्यमों से 83 हजार 172 श्रमिक लौटे छत्तीसगढ़
रायपुर / शौर्यपथ / नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को लगतार वापसी जारी हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल एवं निर्देशन पर राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे लगभग 3 लाख लोगों को त्वरित राहत पहुंचाई गई है। साथ ही प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से समन्वय कर 45 ट्रेनों की सहमति प्रदान की गई हैं।
श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में 34 हजार 284 यात्रियों को 23 ट्रेनों से वापस लाने के लिए एक करोड़ 99 लाख 58 हजार 360 रूपए का भुगतान किया गया है।
राज्य सरकार इसके अलावा लॉकडाउन के कारण श्रमिकों एवं अन्य लोगों को जो छत्तीसगढ़ राज्य के सीमाओं पर पहुंच रहे है एवं राज्य की ओर से गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए नाश्ता, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था ने श्रमिकों कोे काफी राहत पहुंचा रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के सभी सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहें वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनके हरसंभव मदद कर रहे है।
मंत्री डॉ. डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 श्रमिक तथा 22 हजार 168 अन्य लोगों इस तरह कुल 2 लाख 73 हजार 935 लोगों ने अब तक वापस अपने गृहग्राम आने के लिए राज्य शासन द्वारा जारी लिंक के माध्यम से ऑनलाईन पंजीयन करवाया है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के संकटापन्न प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए लगभग 45 ट्रेनों की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा 34 हजार 284 श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाने 23 ट्रेनों के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को लगभग 2 करोड़ का भुगतान किया गया है। अब तक 15 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 22 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है। वाहन एवं अन्य माध्यमों से अन्य राज्यों में फंसे लगभग 83 हजार 172 श्रमिक सकुशल अपने गृहग्राम लौट चुके है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार से अधिक श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही 11 हजार से अधिक श्रमिकों को एक जिले से अपने गृह जिला तक पहुंचाया गया है।
छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 प्रवासी श्रमिक सहित तीन लाख से अधिक लोगों को जो देश के अन्य राज्यों में होने की सूचना मिलने पर उनके द्वारा बतायी गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 102 श्रमिकों को 36 करोड़ रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 98 हजार श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1246 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।
भिलाई / शौर्यपथ / प्रवासी मजदूर जो अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं, उनके लिए नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा श्रमिक सहायता केंद्र बनाया गया है जहां पर ऐसे मजदूर और श्रमिकों के लिए पानी और सूखा नाश्ता, सत्तु एवं दानदाताओं से प्राप्त फल प्रदान किया जा रहा है। नाश्ता के पश्चात ऐसे प्रवासी मजदूरों को थो?ी देर आराम करने छांव देने हेतु टेंट व कुर्सी व्यवस्था की गई है ताकि वे कुछ देर आराम करके अपने गंतव्य की ओर पुन: रवाना हो सके। नेहरू नगर गुरुद्वारा के पास श्रमिक सहायता केंद्र की स्थापना प्रवासी मजदूरों के आवागमन के साथ ही कर दी गई है ताकि अपने गंतव्य की ओर रवाना होने वाले श्रमिकों व मजदूरों को राहत प्रदान किया जा सके। आज 4 प्रवासी मजदूरों को सहायता केंद्र में बुलाकर उनके हाथों को सैनिटाइज कर सूखा नाश्ता चना, मुर्रा, मिक्सचर, फल, सत्तु का पैकेट और पानी पिलाया गया तथा जिनके पास मास्क उपलब्ध नहीं था उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराया गया। इनके बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है तथा छाया प्रदान करने टेंट लगाया गया है। नेशनल हाइवे से गुजरने वाले श्रमिक व मजदूर जो अन्य जिलों व राज्यों से अपने घरों की ओर जा रहे हैं, उनकी मदद के लिए सहायता केंद्र को हाईवे के समीप बनाया गया है ताकि मजदूर एवं श्रमिकों को दूर से ही यह केंद्र दिखाई दे इस केंद्र में कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। ऐसे लोगों की मदद करने दानदाता भी आ रहे हैं आज एक दानदाता ने 10 दर्जन केला फल इनको सहायता देने के लिए प्रदान किया! सहायता केंद्र की स्थापना होने से प्रवासी मजदूरों को इस केंद्र में राहत मिल रही है।
दुर्ग / शौर्यपथ / कैलाश नगर वार्ड 19 कैलाश नगर में नाली का होगा संधारण, और सीमेंटीकरण सड़क का होगा निर्माण। महापौर धीरज बाकलीवाल ने सोमवार को पटरीपार क्षेत्र का भ्रमण कर कैलाश नगर और शक्ति नगर में सड़क और नाली से पानी निकासी का जायजा लेकर रुके कार्यो को जल्द से जल्द करने कहा । उन्होनें राईस ब्रान आईल मिल के बीच नव निर्मित सड़क का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने निर्मित नालियों और उनके निकासी की जानकारी ली। वार्ड क्रं0 19 शहीद भगत सिंह वार्ड में कैलाश नगर में सीमेंटीकरण सड़क निर्माण का कार्य अधूरा हआ है जिसे जल्द पूरा करने करने कहा गया। ब्रान आईल मिल के पास से होकर गुजरने वाली नाली से समुचित पानी निकासी के लिए उनका संधारण कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ करने अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होनें कहा बारिश के समय कहीं भी पानी का जमाव ना हो इसका अवश्य ध्यान रखें।
स्वर्गीय वीरा सिंह के नाम पर स्वार्थ न साधने की दी चेतावनी
मंगा सिंह के अध्यक्ष वाली यूनियन ही है वैधानिक
भिलाई / शौर्यपथ / बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील परिवहन संघ द्वारा गत दो मई को हुए चुनाव में ट्रांस्र्पोटर अशोक जैन को उपाध्यक्ष एवं भूपेन्द्र यादव को कोषाध्यक्ष चुना गया था और इन्होंने पंजी में अपना हस्ताक्षर भी किया था, इसक बावजूद इन दोनो द्वारा गत दिवस समाचार पत्रों में अशोक जैन को संरक्षक बनाये जाने एवं भूपेन्द्र यादव को अध्यक्ष बनाये जाने का फर्जी समाचार कई अखबारों और सोशल मीडिया में प्रकाशित करवाने के कारण अशोक जैन एवं भूपेन्द यादव को बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील परिवहन संघ से हटा दिया गया है और साथ ही स्व. वीरा सिंह के नाम पर स्वार्थ नही साधने की चेतावनी भी दी गई है और आमजन को यह सूचित भी किया गया है कि मंगा सिंह की अध्यक्षता वाली यूनियन ही वैधानिक है। इस मामले पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील परिवहन संघ के अध्यक्ष मंगा सिंह ने बताया कि दो तीन दिन पहले कुछ स्थानीय समाचार पत्रों और सोशल मीडिया मे यह झूठी व भ्राामक खबर प्रचारित की गई कि संघ की ओर से भूपेन्द्र यादव को अध्यक्ष एवं अशोक जैन को संरक्षक चुना गया है। खबर में यह भी प्रचारित किया गया कि स्वर्गीय ट्रांसपोर्टर वीरा सिंह द्वारा बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील परिवहन संघ के लिए किए गए कार्योंं को आगे बढ़ाने भूपेन्द्र यादव को अध्यक्ष और अशोक जैन को संरक्षक बनाया गया है। जबकि वास्तविकता इससे एकदम जुदा है और लोगों को भ्रमित करने के लिए स्वर्गीय वीरा सिंह के नाम का दुरुपयोग किया गया है।
यूनियन के संरक्षक प्रभुनाथ मिश्रा ने बताया कि बीएसपी से लोकल स्टील परिवहन करने वाले स्थानीय ट्रांसपोर्टर सन् 1983 से रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव औद्योगिक क्षेत्र में परिवहन कार्य कर रहे हैं। सन् 1985 में इन ट्रांसपोर्टरों ने मिलकर संघ का गठन किया। स्व देवसिंग इसके संस्थापक अध्यक्ष रहे। उनके बाद हैवी ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालक वीरा सिंह ने लंबे समय तक इस यूनियन के अध्यक्ष रहते हुए नेतृत्व प्रदान किया। उन्हीं के प्रयास से सन् 2008 में संघ का पंजीयन भी हुआ। पंजीयन के बाद ट्रांसपोर्टरों की आम राय से ए गनी खान को अध्यक्ष तथा वीरा सिंह और प्रभुनाथ मिश्रा को संरक्षक चुना गया था। लंबे अरसे तक यूनियन गनी खान की अध्यक्षता में कार्यरत रही।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई केन्डू पर्वत फाउंडेशन के चेयरमेन व भाजयुमों नेता अतुल पर्वत के द्वारा आज भिलाई से सीधे बाघनदी पहुंचकर पूर्व मुख्यंत्री रमन सिंह, सांसद संतोष पाण्उेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह एवं सांसद मधुसूदन यादव, खूबचंद पारख, लीलाराम भोजवानी, पूर्व महापौर शोभा सोनी की मौजूदगी में बाहर से छग आ रहे प्रवासी मजदूरों को एक हजार चप्पल और गमछा का वितरण किया गया। इस दौरान डॉ. रमन सिंह ने अतुल पर्वत की पीठ थपथपाते हुए इस संकट की घड़ी में मजदूरों के प्रति संवेदना रखने वाले इस कार्य की भूरि भूरि प्रंशसा की। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि ये समय राजनीतिक करने का नही है बल्कि हम सभी को मिलकर स्वच्छा से कार्य करना होगा। उन्हेांने कहा कि सिख समाज के लोग, सरपंच, व बाघनदी के आस पास के लोग बढचढ कर लोगों की मदद कर रहे हैं, वैसे भी राजनांदगांव को संस्कारधानी के रूप में माना जाता है।
रमन सिंह ने आगे कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे है, शासन उनका थर्मल टेस्ट करवाये, जिन पंचायतों और सरपंचो को जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें शासन फंड दें ताकि वह कोरोना वायरस से पीडित मजदूरों की क्वांरंटाईन सेंटर में लोगों की मदद कर सके। उन्हेांने आगे कहा कि विपक्ष की भूमिका निभाता रहूंगा और मैं लगातार लोगों की फोन आने पर वेस्ट बंगाल, जम्मूकाश्मीर, गुजरात के गांधी नगर सहित कवर्धा और छग के अन्य लोगों की मैं मदद कर रहा हूं, मेरे दरवाजे रात 12 भी लोगों के लिए खुले है। राज्य सरकार अपने दायित्वों से अलग न हों। केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर जनता को बेहतर सुविधा दे सकते हैं, रेल मंत्री पियुष गोयल ने चैलेंज करते हुए कहा था कि छग से मेरे पास कोई भी रेल सेवा के लिए आवेदन पेंडिग नही है। उस पर रमन सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार ने रेल सेवा के लिए पैसा रविवार को जमा किया है। उन्हेांने कहा कि एक रेल गाड़ी के लिए 1 लाख 60 हजार रूपये जमा करना रहता है, यदि एक करोड़ रूपये राज्य सरकार रेल के लिए जमा कर देती जो बाहर फंसे हुए मजदूर है, उनको सीधा रेल सेवा का लाभ मिल जाता।
रमन सिंह ने उदाहरण देते हुए बताया कि यूपी में दो से ढाई सौ से अधिक मजदूर रेल सेवा का लाभ लेकर अपने घरेों तक पहुंच रहे हैं। जो लोग जरूरतमंद है, मजदूर है, उन्हें सही समय पर मदद मिले, ये सब हम सबको मिलकर करना है। मैं कोई सरकार की आलोचना नही कर रहा हूं, आगे क्या कर सकते हैं, ये चिंता करने का समय है। लोग दूर दूर से पांच सौ से आठ सौ किलोमीटर पैदल चलकर आ रहे है। शासन प्रशासन को उनको बेहतर व्यवस्था देना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में रैपिड किट भी नही है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों में प्रीतपाल सिंह भाटिया राजा, गोल्डी भाटिया, छोटू भाटिया, जुग्नू भाटिया, बंटी भाटिया, इन्दर सिंह, अखिलेश तिवारी, कीमत लहरी, शिव ताम्रकार गुड्डू भैय्या सहित बड़ी संख्या में भाजयुमों समर्थक उपस्थित थे।
रायपुर/ शौर्यपथ / नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक और भाजपा द्वारा धान के अंतर राशि और बोनस के सम्बन्ध में की जा रही बयान बाजी को कांग्रेस ने बेशर्मी की पराकाष्ठा बताया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और संचार विभाग के सदस्य सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भुपेशबघेल की कांग्रेस सरकार किसानों को अंतर राशि देने जा रही इस खीझ और पीड़ा में भी भाजपाई बयान दे रहे है।छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के द्वारा 2500 रु प्रति कुंटल में की जाने वाली धान की खरीदी में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जबरिया रोक लगाने वाले भाजपाई किस मुंह से धान की अंतर राशि पर बयान बाजी कर रहे हैं।प्रदेश की जनता ने देखा है कैसे भाजपा की केंद्र सरकार धान की कीमत 2500 रु देने पर राज्य सरकार को सेंट्रल पूल के चावल नहीं लेने की धमकी दे रही थी ।मुख्यमंत्री भूपेशबघेल द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और खाद्यमंत्री पासवान को आधा दर्जन से अधिक बात पत्र लिखने तथा व्यक्तिगत मुलाकात कर अनुरोध करने के बावजूद केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत 2500 रु देने की अनुमति देने को तैयार नही हुए ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बार बार कहते रहे कि घोषित समर्थन मूल्य से अधिक राशि का भुगतान राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों से करेगी लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार मानने को तैयार नही हुई ।
कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य ने कहा कि जब केंद्र सरकार धान की कीमत 2500 रु नही देने का दबाव बना रही थी तब धर्म लाल कौशिक ,रमन सिंह ,सहित भाजपा के किसी नेता ने राज्य के किसानों के हित में कोई आवाज नही उठाया ।भाजपा के 9 लोकसभा सांसदों से भी मुख्यमंत्री ने इस सम्बंध में किसानों के हित मे केंद्र से अनुमति दिलवाने का आग्रह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था तब भाजपाई नेता और सांसद दलीय प्रतिबद्धता के कारण चुप्पी साधे रहे ।किसानों के हित में एक भी भाजपा नेता का कोई बयान नही अस्य था ।भाजपाई कहते रहे वायदा मोदी से पूछ कर नही किया था ।लेकिन वायदा पूरा करने में मोदी सरकार राजनैतिक अड़ंगेबाजी करेगी यह भी तो नही मालूम था।
कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वायदे के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है पूर्व प्रधानमंत्री राजीवगांधी की पुण्यतिथि 21 मई से किसानों को धान के कीमत की अंतर राशि मिलना शुरू हो जाएगी ।जब किसानों को धान के कीमत की अंतर राशि मिलना शुरू हो रही तो इसमें भी भाजपा नेताओं की पीड़ा हो रही कि केंद्र के असहयोग के बाद भी कैसे राज्य सरकार किसानों को भुगतान करने जा रही है। भाजपा नेताओं की बयान बाजी बता रही कि भाजपा बौखला गयी है वह नही चाहती किसानों को भुगतान हो।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा नेताओं से पूछा कि कौन से दो साल के बकाया बोनस की मांग भाजपाई राज्य सरकार से कर रहे है ? कांग्रेस सरकार ने तो पहले साल धान का समर्थन मूल्य 2500 से भुगतान किया था।इस वर्ष भी अंतर राशि का भुगतान करने जा रही फिर यह 2 साल बोनस कहा से आ गया ? यह वही बकाया बोनस तो नही है जो भाजपा ने पन्द्रह साल तक किसानों से वायदा कर नही दिया था ? यह बकाया बोनस भाजपा की धोखाधड़ी का सबूत है जब जब भाजपाई इसकी बात करेंगे किसानों को याद आएगी कैसे वोट लेने भाजपा ने उनके साथ धोखा दिया था।
रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के उस बयान पर जिसमें कि उनके द्वारा कहा गया कि 5000 से अधिक मजदूर जम्मू कश्मीर राज्य से प्रदेश लौट रहे हैं इस हेतु उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को आभार व्यक्त किया है परंतु उन्होंने यह नहीं बताया कि इन मजदूरों जैसे कितने लाख मजदूर उनके 15 साल के उनके ही शासन काल के चलते अपनी माटी,अपनी धरती छोड़कर अन्य प्रदेशों में रोजी-रोटी कमाने के लिए गए हुए थे पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के कार्यकाल में 40त्न से अधिक की आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर थी यह आंकड़ा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किया था।
तिवारी ने कहा कि कोरोना ष्टह्रङ्कढ्ढष्ठ 19 महामारी के समय गरीब मजदूरों को मदद एवं आर्थिक सहायता पहुंचाने में नाकाम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बचाव में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह उतर गए हैं और केवल और केवल बयानबाजी के अलावा कुछ भी नहीं कर रहे हैं विकास तिवारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के शासनकाल में देश की सर्वाधिक झुग्गी झोपड़ी जिसका प्रतिशत 18त्न से अधिक था लोग रहने को मजबूर थे देश की प्रति व्यक्ति आय के सबसे पिछड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ राज्य शुमार था अमीरों एवं गरीबों की आय में बहुत ज्यादा विषमता भी थी भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के शासनकाल में 24 लाख 34 हजार 773 पंजीकृत बेरोजगार और इतने ही पंजीकृत बेरोजगार इस प्रदेश में थे जबकि प्रदेश की जनसंख्या दो करोड़ पचास लाख थी यह पढ़े लिखे बेरोजगार अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों जम्मू- कश्मीर,गुजरात,उत्तरप्रदेश,कर्नाटक प्रदेश,तमिलनाडु,महाराष्ट्र जाने को मजबूर हुए इसका भी श्रेय तत्कालीन भाजपा की रमन सरकार को ही जाता है।
तिवारी ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी और उनके पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह मजदूरों की चिंता तो कर रहे हैं लेकिन यह मजदूर इनके ही शासनकाल में छत्तीसगढ़ राज्य को छोडऩे के लिए मजबूर हुए थे इन माटी पुत्र मजदूरों को सकुशल वापस लाने का काम उठाने का बीड़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसी प्रकार उठाया है जिस प्रकार गंगा को स्वर्ग से धरती में लाने का काम भागीरथी मुनि ने किया था। रमन राज में छत्तीसगढ़ राज्य के 50 लाख से अधिक बेरोजगार जो कि पढ़े लिखे थे उनमें से ही लाखों लोग प्रदेश छोड़कर अन्य राज्यों में अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए मजबूर हुए आज जब कोरोना महामारी के समय मनरेगा के तहत 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने मनरेगा के तहत किया है।यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को नागवार गुजर गया क्योंकि इनके समय ही मजदूरों के साथ अत्याचार किया जाता था इनके थाली से चावल की चोरी की जाती थी जो कि नान घोटाले के रूप में पूरे देश और विदेश में जाना जाता है।
congress प्रवक्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह से अनुरोध किया है कि कोरोना महामारी को छत्तीसगढ़ राज्य में पांव पसारने से रोकने के लिए ओछी राजनीति छोड़कर स्वस्थ एवं जनहित की राजनीति करने की आवश्यकता है और क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है और केंद्र में उनके ही पार्टी की सरकार है तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा मांगी गई 30 हजार करोड़ रुपयों की राशि तत्काल प्रदेश को दिलवाने के लिए मदद करनी चाहिए जिससे कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सके और जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों से मजदूर आ रहे हैं
उनको भी प्रदेश में ही रोजगार देने के लिए नए नए कार्यों का सृजन किया जा सके केवल और केवल बयान वीर की राजनीति करने से इन गरीब मजदूरो को कुछ हासिल होगा और ना जो पीडि़त मजदूर जो अपने प्रदेश वापस आ रहे हैं जो भाजपा के शासनकाल में प्रदेश छोड़ कर गए थे उन्हें कोई बयानबाजी से लाभ होगा।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने आज लोगों के लिए जारी अपील में बताया कि कोरोना (कोविड-19) अत्यधिक संक्रमित वायरस जनित रोग है। यह बीमारी मुख्य रूप से हाथ, मुंह, नाक, आंख के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचती है। राजनांदगांव जिला महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा से लगता है।
प्रतिदिन जिले की सीमाओं में हजारों की संख्या में प्रवासी आ रहे हैं। कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा मानवता के नाते प्रवासी मजदूरों को भोजन पैकेट भी प्रदान किया जा रहा है, जो सराहनीय कार्य है। लेकिन सहयोग करते समय कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों को अपनाना अत्यंत जरूरी भी है। उन्होंने कहा कि गीला खाद्य पदार्थ, केला, पानी पाऊच देने पर श्रमिक या प्रवासी खाद्य पदार्थ का उपयोग करने के बाद रोड या बसाहट के आसपास फेंक देते हैं। इन पैकेटों में मजदूरों से संपर्क/लार इत्यादि होने से कोरोना संक्रमण का मुख्य कारण हो सकता है। जिससे जिले में संक्रमण फैल सकता है। समाजसेवियों को सामग्री वितरण में प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
समाजसेवियों को संबंधित एसडीएम को लिखित सूचना के पश्चात् ही सामग्री का वितरण करना चाहिए। बिना सूचना के भोजन वितरण का कार्य न करें। यह भी कोशिश करें कि सूखा खाद्य पदार्थ (चना, मुर्दा, नमकीन, बिस्किट, गुड़ इत्यादि) का वितरण हो। यदि फल वितरण करना है तो ऐसे फल दें, जिसके खाने के बाद अवशेष नहीं बचता है। यदि गरम खाना/लंगर चलाया जाता है तो आवश्यक प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना जरूरी है। प्रोटोकाल का उल्लंघन होने पर समाजसेवी संगठन के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है। खाना पैकेट में दें, खाना लंगर में निर्धारित स्थल में पैकेट में देना चाहिए। लंगर स्थल चारों ओर से घिरा होना चाहिए। पैकेट का कचरा लंगर/भोजन वितरण स्थल में रखी पेटी में ही डाला जाय। लंगर/भोजन वितरण स्थल में पैकेट एक टेबल में रखें। जरूरत मंद व्यक्ति पैकेट उठाएंगे और वहीं खाएंगे डस्टबिन में डालेंगे तभी वहां से जाएंगे।
डस्टबिन में सोडियम हाइपोक्लोराईट का छिड़काव स्प्रे से किया जाए। इसके लिए लंगर संचालकों को स्प्रे की व्यवस्था करनी होगी। डस्टबिन के पैकेट को डिस्पोज करने वाले व्यक्तियों को मास्क (एन-95), ग्लव्स, पीपीई किट का उपयोग करना होगा। कचरे को किसी भी स्थिति में खुले स्थान में न फेंके बल्कि गहरे गड्ढे में फेंके तथा मिट्टी से ढकें। जिस वाहन में कचरा का परिवहन किया गया है, उसे प्रत्येक चक्र के पश्चात सोडियम हाइपोक्लोराईट से सैनिटाईज करना जरूरी है। कचरे का निराकरण करने वाले कर्मियों का प्रत्येक सप्ताह रेपिड किट से जांच करें। जहां तक संभव हो सूखा खाद्य पदार्थ का वितरण ही करें। कचरे के निपटान के लिए सीएमओ या आयुक्त से संपर्क करें। रेन बसेरा राजनांदगांव का भ्रमण कर इस संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
प्रोटोकाल का पालन नहीं करने तथा संक्रमण फैलाने के कारण ऐपिडैमिक एक्ट आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन नहीं करने के कारण कार्रवाई की जा सकती है। आप से अनुरोध है, जरूरतमंद की मदद करें तथा खुद को और समुदाय को भी सुरक्षित रखने में सहयोग करें।