October 30, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ


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त्योहारों के मौसम में बढ़ते यातायात दबाव के बीच, नशे में वाहन चलाने वाले चालकों पर नियंत्रण जरूरी — जनहित में पुलिस की ठोस कार्यवाही ही दे सकती है शहर को राहत 

  छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ / शहर की सड़कों पर अब ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का आतंक आम होता जा रहा है। शराब के नशे में धुत चालक न केवल स्वयं के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी दुर्घटना और असुविधा का कारण बन रहे हैं। दिन प्रतिदिन यह स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब इसे केवल “यातायात उल्लंघन” नहीं, बल्कि “सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा” कहा जा सकता है।

अक्सर देखा जाता है कि शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ई-रिक्शा चालक शराब के नशे में वाहन चलाते हुए न केवल यातायात नियमों को तोड़ते हैं, बल्कि राहगीरों से बदसलूकी तक कर बैठते हैं। ऐसे में, वह लोग भी परेशान होते हैं जो नियमों का पालन करते हुए अपने गंतव्य की ओर जा रहे होते हैं। इस स्थिति से न केवल सड़क सुरक्षा प्रभावित होती है, बल्कि आम जनता का पुलिस व्यवस्था पर विश्वास भी कमजोर होता है।

त्योहारों के मौसम में जब बाजारों और सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ा रहता है, ऐसे में नशे में धुत ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की लापरवाही हादसों को आमंत्रण देती है। देखा गया है कि ये चालक मनमाने स्थान पर वाहन रोक देते हैं, जिससे न केवल ट्रैफिक जाम होता है बल्कि पीछे चल रहे वाहन चालकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है।

यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि ई-रिक्शा का लाइसेंस मुक्त होना एक ओर रोजगार का साधन बना है, परंतु इसके साथ ही एक बड़ी खामी भी है — चालक की उम्र, समझ और प्रशिक्षण की कोई निश्चित सीमा नहीं। नतीजतन, कई नासमझ युवक बिना अनुभव के वाहन चलाने लगते हैं और थोड़ी-सी लापरवाही से दुर्घटनाओं को जन्म देते हैं।

ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि यातायात पुलिस इस दिशा में ठोस कदम उठाए। नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाए, चौक-चौराहों पर नियमित जांच की जाए, और नशे में पाए जाने पर लाइसेंस निरस्तीकरण तथा जुर्माना जैसी सख्त कार्रवाई की जाए।
यदि यातायात विभाग इन चालकों के खिलाफ सख्ती दिखाता है, तो निश्चित ही शहर की सड़कें सुरक्षित होंगी और उन मेहनतकश ई-रिक्शा और ऑटो चालकों का भी सम्मान बढ़ेगा जो ईमानदारी से अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मेहनत करते हैं।

यह विषय केवल “यातायात व्यवस्था” का नहीं, बल्कि “जनसुरक्षा” और “सामाजिक जिम्मेदारी” का है। समय आ गया है कि समाज और प्रशासन मिलकर इस समस्या को गंभीरता से लें, ताकि शहर की सड़कों पर फिर से अनुशासन और सुरक्षा का माहौल लौट सके।

समापन पंक्ति :
शहर की सड़कों पर नशे का पहिया नहीं, जिम्मेदारी का पहिया घूमना चाहिए — तभी यातायात सुचारू रहेगा और आम नागरिक निडर होकर अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

   रायपुर / शौर्यपथ / केंद्रीय संचार ब्यूरो, क्षेत्रीय कार्यालय जगदलपुर द्वारा बस्तर जिले के फरसा गुड़ा ग्राम में आज 11 अक्टूबर 2025 को पोषण माह के अवसर पर विशेष लोकसंपर्क एवं जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व बस्तर सांसद श्री दिनेश कश्यप, जिला पंचायत बस्तर की अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, ग्राम सरपंच श्री गणेश कश्यप तथा महिला एवं बाल विकास विभाग, बस्तर की परियोजना अधिकारी श्रीमती सावित्री बघेल की उपस्थिति में हुआ।
  इस अवसर पर महिलाओं के लिए दो वर्गों में कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिससे ग्राम की महिलाओं में उत्साह का माहौल रहा। कार्यक्रम में पोषण आहार विषय पर प्रश्न मंच का भी आयोजन किया गया, जिसमें सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को विभाग की ओर से पुरस्कृत किया गया। साथ ही बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार एवं गर्भवती माताओं की गोद भराई रस्म भी संपन्न हुई, जिससे कार्यक्रम का वातावरण पारिवारिक और प्रेरणादायक बना रहा।
  स्वास्थ्य विभाग, फरसा गुड़ा द्वारा इस अवसर पर एक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया, जिसमें हीमोग्लोबिन (HB) टेस्ट सहित अन्य चिकित्सकीय परीक्षण किए गए। शिविर में लगभग 100 ग्रामीणों की जांच की गई। इसके अतिरिक्त, पोषण संबंधी जानकारी देने के लिए पोषण जागरूकता स्टॉल भी लगाया गया, जहां ग्रामीणों को संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप और ग्राम सरपंच श्री गणेश कश्यप ने संतुलित आहार, स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सही पोषण न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए, बल्कि समाज की समग्र प्रगति के लिए भी आवश्यक है।
  सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से कार्यक्रम में जनभागीदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाया गया। बस्तर लोक कला समिति, नानगुर के कलाकार श्री धीरनाथ बघेल ने लोकगीत प्रस्तुत कर दर्शकों का मनोरंजन किया, वहीं सुपरवाइजर श्रीमती सुनीता रामटेक ने पोषण आहार पर जनजागरूकता गीत प्रस्तुत किया। सुपरवाइजर श्रीमती सुधा श्रीवास्तव ने पोषण माह की अवधारणा और उद्देश्यों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
  कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। संपूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन केंद्रीय संचार ब्यूरो के श्री शशांक शेण्डे ने किया।

  रायपुर / शौर्यपथ /  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनरों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। अब पेंशनर वर्ष के किसी भी माह में अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे। यह प्रमाण पत्र एक वर्ष तक वैध रहेगा। जीवन प्रमाणपत्र को केवल नवंबर माह में जमा कराने की पूर्व अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। यह कदम पेंशनरों की सुविधा और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
  इस सुविधा को सुगम बनाने के लिए ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुर द्वारा विशेष जनजागरूकता एवं सहायता अभियान प्रारंभ किया गया है। अब पेंशनर स्वयं अथवा कोई अन्य व्यक्ति मोबाइल एप के माध्यम से भी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकता है। इसके लिए ईपीएफओ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल ‘Official EPFO’ सहित फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विस्तृत मार्गदर्शन वीडियो उपलब्ध कराए गए हैं।
  पेंशनर अपने नजदीकी ईपीएफओ कार्यालय — क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर या जिला कार्यालय बिलासपुर — में जाकर भी जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करवा सकते हैं। इसके अलावा प्रत्येक माह की 27 तारीख को जिलों में आयोजित होने वाले ‘नॉन कैम्प’ के माध्यम से भी यह सुविधा प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए पेंशनर को अपने साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे पेंशन भुगतान आदेश (PPO) संख्या, आधार कार्ड या आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर आदि लाना आवश्यक होगा।
 यह सुविधा सरकार के उमंग एप के माध्यम से भी उपलब्ध है। ईपीएफओ ने सभी पेंशन वितरण बैंकों को अपने-अपने शाखाओं में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र एकत्रित एवं अपडेट करने के लिए पहले ही आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं।
 छत्तीसगढ़ राज्य के सभी ईपीएस पेंशनरों से अपील की गई है कि वे अपनी मासिक पेंशन की निरंतरता बनाए रखने के लिए इस सुविधा का समय पर लाभ उठाएं और यदि एक वर्ष की वैधता अवधि समाप्त हो रही हो तो अपना ‘डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र’ शीघ्र अपडेट करवाएं।
 ईपीएफओ ने यह भी बताया कि वृद्ध एवं वरिष्ठ पेंशनरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, जहां भी पेंशनरों की बड़ी संख्या होगी या किसी संस्थान के अनुरोध पर, ऐसे ‘जीवन प्रमाणन शिविर’ नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। संगठन ने यह भी आश्वस्त किया है कि भविष्य में भी अपने हितग्राहियों और पेंशनरों की सुविधा एवं सहायता के लिए ईपीएफओ पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करता रहेगा।

   नई दिल्ली / एजेंसी / पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान ज़िले के दुर्गापुर में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के आरोप की पुलिस जांच कर रही है. छात्रा मेडिकल कोर्स के दूसरे वर्ष में पढ़ती हैं और वह ओडिशा की रहने वाली हैं.

हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है लेकिन पुलिस छात्रा के ही एक साथी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

इस बीच पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है.

आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस उपायुक्त अभिषेक गुप्ता ने पत्रकारों को बताया, "मामले की जांच की जा रही है. दोषियों की शिनाख़्त और तलाश की कोशिश हो रही है. यह मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है."
मामला सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना को पीड़ादायक बताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ऐसी कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जो मिसाल बन सके.

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार में महिला और बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा है कि मामले की जांच जारी है और छात्रा के माता-पिता को जांच पर पूरा भरोसा है.
पुलिस ने क्या बताया?
छात्रा के माता-पिता ने पुलिस को जो शिकायत दी है, उसके मुताबिक़ 23 वर्षीय छात्रा सेकेंड ईयर में पढ़ रही हैं.

शिकायत में बताया गया है कि "10 अक्तूबर को रात क़रीब आठ बजे छात्रा को उनके ही कॉलेज का एक छात्र अपने दोस्तों के साथ बरगला कर किसी सुनसान जगह पर ले गया. और बाद में माता-पिता को ये जानकारी मिली कि उनकी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ है."

वहीं, पुलिस ने स्थानीय पत्रकारों को बताया है कि छात्रा शुक्रवार रात को क़रीब आठ बजे अपने एक परिचित के साथ कुछ खाने के लिए कॉलेज परिसर से बाहर निकली थीं, जहां कुछ युवकों ने छात्रा पर टिप्पणी की और उसके साथ खींचतान की, उन्होंने छात्रा के मोबाइल और पैसे छीन लिए.

पुलिस के मुताबिक़, इस घटना के बाद पुरुष साथी को धमकी देकर वहां से भगा दिया गया और नज़दीक के जंगल में ले जाकर छात्रा के साथ कथित रूप से गैंगरेप किया गया.

मगर माता-पिता की ओर से दी गई शिकायत में ये कहा गया है कि गैंगरेप के बाद अभियुक्त छात्रा का फ़ोन और पैसे लेकर भागे. शिकायत में ये भी कहा गया है कि छात्रा को दुर्गापुर के एक अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों ने कहा है कि हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.

छात्रा के माता-पिता ने मौक़े पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमारी बेटी यहां सुरक्षित नहीं है. दोषियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए."

छात्रा की मां ने उसके साथ गैंगरेप का दावा किया है. लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि मेडिकल जांच की रिपोर्ट आने से पहले इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता.
शनिवार देर शाम आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट के ज़रिए लोगों से अफ़वाहों से बचने की अपील की है.

पुलिस ने लिखा है, "कल (शुक्रवार) देर रात दुर्गापुर के एक मेडिकल इंस्टीट्यूट की छात्रा के साथ कैंपस से बाहर जंगल में यौन शोषण की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम दिया गया. इसकी जांच चल रही है और अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने में कोई भी कोशिश नहीं छूटेगी. सोशल मीडिया पर अफ़वाहों पर ध्यान देने से बचने का निवेदन है. हम महिलाओं के ख़िलाफ़ किसी भी अपराध को लेकर अपनी ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर प्रतिबद्ध हैं."

इसी पोस्ट को कोट करते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने लिखा है, "पीड़िता का दर्द हमारा भी उतना ही है, जितना ओडिशा का और हम अपराधियों को न्याय के कटघरे तक लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. पीड़िता अभी रिकवर हो रही हैं और उनके परिवार को हर तरह की मदद दी जा रही है. हम सबसे किसी भी अपुष्ट ख़बर को शेयर न करने की अपील करते है."

सितंबर 2025 से अब तक 84.77 लाख रुपए से अधिक का मादक पदार्थ जब्त, 58 आरोपी गिरफ्तार

     दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिला पुलिस द्वारा 1 सितंबर 2025 से चलाए जा रहे “ऑपरेशन विश्वास” के तहत नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस विशेष अभियान में अब तक लगभग 84.77 लाख रुपए मूल्य के गांजा, चिट्टा (हेरोइन), अफीम और नशीली दवाएं जब्त की गई हैं।
  पुलिस के अनुसार इस अवधि में 22 मामलों में कुल 438.748 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया और 22 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें 6 आरोपी अन्य राज्यों से हैं। सबसे बड़ी कार्रवाई थाना कुम्हारी में की गई, जहां एक कंटेनर से 388 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया तथा महाराष्ट्र के दो अंतर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार हुए।
  इसी तरह थाना मोहन नगर क्षेत्र में की गई कार्रवाई में 246 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) के साथ पंजाब के चार तस्कर पकड़े गए। जांच के दौरान इस नेटवर्क से जुड़े कुल 30 विक्रेता गिरफ्तार किए जा चुके हैं और आगे भी गिरफ्तारियां जारी हैं।
  इस वर्ष जिले में पहली बार अफीम की तस्करी के भी 3 आरोपी पकड़े गए, जिनमें 2 आरोपी पंजाब के निवासी हैं। इसके अलावा नशीली दवाओं की तस्करी पर भी सख्त कार्रवाई की गई है। इस दौरान 28,436 टैबलेट्स एवं कैप्सूल्स जब्त किए गए हैं।
  16 सितंबर 2025 को एक ही दिन में पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर एनडीपीएस एक्ट के 17 मामलों में 19 आरोपी पकड़े तथा 19.531 किलोग्राम गांजा और 106 नग टैबलेट्स/सीरप बरामद किए। इसी दौरान कुख्यात तस्कर वैभव खंडेलवाल से हजारों की संख्या में अल्प्राजोलम टैबलेट्स बरामद की गईं, जबकि थाना दुर्ग कोतवाली में एक ही कार्रवाई में 10,000 से अधिक नशीली दवाओं के टैबलेट्स जब्त किए गए।
  एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त 72 वाहनों को राजसात कर MSTC वेबसाइट के माध्यम से नीलामी की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।
 इसके अतिरिक्त 1 सितंबर 2025 को पुलिस द्वारा नष्टिकरण की बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें 239 मामलों से जब्त लगभग 1620.490 किलोग्राम गांजा, 277.29 ग्राम हेरोइन, 214.398 ग्राम ब्राउन शुगर तथा 2,73,776 नग नशीली दवाइयां नष्ट की गईं।
  दुर्ग पुलिस का कहना है कि नशा तस्करों के विरुद्ध यह कार्रवाई सतत जारी रहेगी और जिले में मादक पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला को पूरी तरह समाप्त करने के लिए विशेष टीम लगातार निगरानी रख रही है।

पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से विकसित भारत का सपना होगा साकार
मिशन के तहत छत्तीसगढ़ के जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा जिला के चयन पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का माना आभार
मुख्यमंत्री ने किसानों को नई योजनाओं के लिए दी बधाई और शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा : प्रदेश में खेती-किसानी की तस्वीर बदलेगी और आर्थिक सम्पन्नता आएगी

रायपुर / शौर्यपथ /

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में देश के किसानों के लिए 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कृषि परियोजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने दो नई योजनाएं—प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (30 हजार करोड़) और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन (11 हजार करोड़) की शुरुआत की। इसके साथ ही कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया गया।
  
रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हजारों किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा इस कार्यक्रम से जुड़े। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह, कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधि भी वर्चुअली उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती के दिन देश कृषि आत्मनिर्भरता का नया इतिहास रच रहा है। ये दोनों योजनाएं अन्नदाताओं को सशक्त बनाएंगी और आधुनिक खेती के नए युग की शुरुआत करेंगी। उन्होंने बताया कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से दो करोड़ दाल उत्पादक किसानों को सीधा लाभ होगा और देश में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होगी। मोदी ने कहा कि अब खेती को लाभकारी बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 36 नई योजनाओं पर कार्य होगा।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत खेती-किसानी में पिछड़े 100 जिलों के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी। युवाओं की भागीदारी से खेती की तस्वीर बदलेगी और किसानों की आय बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि किसान हित की इन दोनों योजनाओं में छत्तीसगढ़ के जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा जिलों का चयन गर्व की बात है। उन्होंने प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया। साय ने कहा कि इन योजनाओं से खेती-किसानी की तस्वीर बदलेगी और आर्थिक सम्पन्नता आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का बोलबाला है। जीएसटी सुधारों से किसानों को ट्रैक्टर व उपकरणों पर 40 से 60 हजार रुपए तक की बचत हो रही है। एक किसान भाई को हार्वेस्टर पर एक लाख रुपए से अधिक की बचत मिली—यह किसानों के लिए बड़ा लाभ है।”

साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों से किए वादों को पूरा कर रही है। धान की खरीदी 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर की जा रही है और दो साल का बोनस भुगतान भी किया गया है। उन्होंने बताया कि 1500 से अधिक सिंचाई योजनाओं के पुनरोद्धार हेतु 2800 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ में ज्यादातर सीमांत किसान हैं। उन्हें सरकार की कृषि हितैषी योजनाओं का बड़ा लाभ मिल रहा है। यह पहल किसानों की समृद्धि की दिशा में ठोस कदम है।”

कार्यक्रम में राज्य बीज निगम अध्यक्ष चन्द्रहास चंद्राकर, मछुआ बोर्ड अध्यक्ष भरत मटियारा, गौ-सेवा आयोग अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल, जिला पंचायत रायपुर अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, कृषि उत्पादन आयुक्त शाहला निगार, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, कृषि संचालक राहुल देव सहित अनेक जनप्रतिनिधि व किसान उपस्थित थे।

 

सुबह-सुबह बिजली ऑफिस के सामने मैदान पर मिली युवक की लाश, कुछ ही घंटों में कोतवाली पुलिस ने आरोपी नाबालिक को पकड़ा — नशे के कारण बढ़ रहे अपराधों पर अब सामाजिक जागरूकता की दरकार

   दुर्ग। शौर्यपथ।दुर्ग नगर के मोहलई क्षेत्र में शनिवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब बिजली ऑफिस के सामने स्थित मैदान में एक युवक का शव संदिग्ध अवस्था में मिला। मृतक की पहचान अनिल यादव के रूप में की गई है। बताया जाता है कि अनिल यादव के सिर पर डंडों और पत्थरों से हमला किया गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तत्काल जांच शुरू की। महज कुछ घंटों की जांच के बाद यह सनसनीखेज खुलासा हुआ कि यह हत्या किसी पुरानी रंजिश का नहीं बल्कि नशे की हालत में हुए छोटे से विवाद का नतीजा थी।

पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक नशे की हालात मे था । आपसी कहासुनी के दौरान आरोपी ने अनिल यादव के सिर पर डंडे से वार किया और बाद में पत्थर से सिर कुचल दिया। कोतवाली पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को चंद घंटों में गिरफ्तार कर लिया, जिससे क्षेत्र में मची सनसनी के बीच लोगों ने राहत की सांस ली और पुलिस की सराहना की।

थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में टीम ने तेजी से जांच पूरी कर आरोपी को हिरासत में लिया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि नशाखोरी आज समाज में अपराध का प्रमुख कारण बनती जा रही है।

समाज के लिए संदेश:

यह घटना केवल एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि समाज के सामने एक गहरा सवाल खड़ा करती है —

आख़िर हम कब नशे के खिलाफ जागेंगे?

आज का युवा नशे की गिरफ्त में अपने भविष्य को नहीं, बल्कि दूसरों की जिंदगी भी बर्बाद कर रहा है। शासन-प्रशासन के प्रयासों के साथ-साथ अब समाज को भी आगे बढ़कर इस बुराई के खिलाफ मोर्चा खोलना होगा।

नशे पर लगाम लगेगी, तो अपराध भी कम होंगे।

अब समय है कि हर नागरिक, हर परिवार, हर समाज अपने स्तर पर इस लड़ाई में शामिल हो — ताकि आने वाली पीढ़ी नशे से मुक्त और सुरक्षित जीवन जी सके।

 

​दुर्ग पुलिस के 6 'अपनों' को सम्मान सहित विदाई, SSP बोले: आप पुलिस परिवार की प्रेरणा हैं

​दुर्ग,। शौर्यपथ।: दिवाली की जगमगाहट हो या होली के रंग, समाज में शांति और सुरक्षा की जो अटूट डोर बंधी रहती है, उसके पीछे 'खाकी के सिपाही' की वर्षों की अथक तपस्या और कुर्बानी होती है। एक पुलिसकर्मी का जीवन सिर्फ ड्यूटी नहीं, बल्कि समाज की ढाल बनकर अपने त्योहारों और खुशियों को कुर्बान कर देने की अमर गाथा है।

​आज दुर्ग पुलिस परिवार में ऐसे ही छह जांबाज़ों के लिए एक बेहद भावुक और सम्मानजनक क्षण आया, जब वे वर्षों की गौरवशाली सेवा के बाद सेवानिवृत्त होकर अपने परिवारों के साथ नई जिंदगी का सफर शुरू करने जा रहे हैं।

​कर्तव्य पथ पर 40 साल की तपस्या

​वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय, 30 सितम्बर 2025 को दुर्ग में आयोजित इस विदाई समारोह में 02 सहायक उप निरीक्षक (ASI रामचंद कंवर और ASI बसंत राम भोई), 03 प्रधान आरक्षक (प्रधान आरक्षक 1297 रमन लाल, 1028 हरख राम और 811 सेमसन मसीह) और 01 आरक्षक (आरक्षक 273 प्रमोद कुमार शर्मा) को ससम्मान विदाई दी गई। इन सभी अधिकारियों/कर्मचारियों ने लगभग 35 से 40 वर्षों तक पुलिस विभाग में अपनी अमूल्य सेवाएँ दीं।

​समारोह में जब सेवानिवृत्त हो रहे इन अधिकारियों ने अपनी सेवा के अनुभव साझा किए, तो माहौल भावुक हो गया। यह सिर्फ नौकरी नहीं थी; यह देश, समाज और हर नागरिक की सुरक्षा के लिए समर्पित किया गया जीवन था। इन कहानियों में त्याग, समर्पण, और वर्दी के प्रति निष्ठा की महक थी।

​SSP का नमन: 'आप हमारे परिवार की प्रेरणा हैं'

​वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दुर्ग श्री विजय अग्रवाल, भापुसे., ने सभी सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा, "आप सभी ने पुलिस विभाग में पूर्ण क्षमता और निष्ठा से इतने वर्षों तक जो कार्य किया है, उसके लिए मैं हृदय से आपकी प्रशंसा करता हूँ और पुलिस विभाग की ओर से हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।"

​उन्होंने जोर देकर कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारियों द्वारा साझा किए गए अनुभव और उनकी बातें हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा, "हम सभी एक परिवार के रूप में हैं, और जब कभी भी पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी/कर्मचारियों को हमारी आवश्यकता होगी, हम सदैव मदद के लिए तत्पर रहेंगे।"

​श्री विजय अग्रवाल ने सभी सेवानिवृत्त योद्धाओं और उनके परिजनों को शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

​आम जनता के लिए संदेश

​यह समारोह पुलिस और आम जनता दोनों के लिए एक गहरा संदेश देता है: 'खाकी' का हर जवान हमारे समाज की अदृश्य नींव है, जिस पर हम सुरक्षित और आनंदमय जीवन जीते हैं। जब हम बिना विवाद के त्यौहार मनाते हैं, राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में शांति का अनुभव करते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि एक पुलिसकर्मी ने अपनी खुशियों को दांव पर लगाया है।

​सेवानिवृत्ति एक अधिकारी के जीवन में एक नया अध्याय है, जहां वे अब समाज के लिए किए गए अपने महान कार्य के गौरव के साथ अपने परिवार के सपनों को पूरा करेंगे।

​इस भावुक अवसर पर श्री अभिषेक झा, रापुसे. (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण), श्री चन्द्र प्रकाश तिवारी (उप पुलिस अधीक्षक, लाईन), श्री विनोद मिन्ज (उप पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय) सहित पुलिस परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे।

​बधाई और शुभकामनाएँ! आपकी सेवाएँ सदैव अविस्मरणीय रहेंगी।

    दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर निगम के वार्ड नंबर 4 में कभी एक खूबसूरत तालाब पुसई डबरी के नाम से बसा करता था, जो न केवल जल संरक्षण का स्रोत था बल्कि आसपास के लोगों के लिए जीवन रेखा भी था। आज यह जगह टूटी हुई ईंटों, अधूरे मकानों और कचरे के ढेर में बदल गई है। यह केवल एक तालाब की कहानी नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही, राजनीतिक गठजोड़ और भ्रष्टाचार के उस सिस्टम का जीता-जागता उदाहरण है, जो संविधान और कानून को पैसों व सत्ता के नीचे कुचल देता है।
सरकारी योजनाओं के विपरीत जमीनी सच्चाई
   राज्य और केंद्र सरकार तालाबों के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं चला रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका उल्टा हो रहा है। करोड़ों की कीमत वाली शासकीय भूमि खसरा नंबर 838 को भरकर भूखंडों में बांट दिया गया और अब यहाँ अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। निगम प्रशासन ने यहां सरकारी बोर्ड लगाकर चेतावनी दी, लेकिन कब्जाधारियों ने उसे उखाड़ फेंका — जैसे इस भूमि पर लिखे कानून को भी मिटा दिया हो।

 

कार्रवाई पर लगाम डालता राजनीतिक दबाव
  निगम कर्मचारी जब भी यहाँ तोड़फोड़ और कब्जा हटाने पहुंचते हैं, कहीं न कहीं से राजनीतिक दबाव आकर उनकी कार्रवाई रोक देता है। ट्रिपल इंजन वाली सरकार के इस इलाके में सत्ता पक्ष पर ही संरक्षण देने का आरोप लग रहा है। सवाल यह है कि जब सरकारी कर्मचारी ही राजनीतिक दबाव के डर से कार्रवाई नहीं कर पा रहे, तब आम नागरिक कैसे न्याय की उम्मीद करे?
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी, कब्जाधारियों का हौसला
स्थानीय जनप्रतिनिधि, जो मंचों पर सुशासन और विकास के वादे करते हैं, इस मामले में मौन हैं। उनका यह मौन ही भ्रष्टाचारियों के हौसले को ऊंचा कर रहा है। तालाब की जमीन पर अवैध कॉलोनी खड़ी हो रही है और प्रशासन का रवैया मानो यह संदेश दे रहा है: “पैसा और राजनीतिक ताकत हो तो कानून को झुकाया जा सकता है।”
संविधान की शक्ति बनाम भ्रष्ट ताकतें
यह मामला केवल एक अवैध कब्ज़े का नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद के सामने खड़ी होती भ्रष्ट ताकतों का परीक्षण है। अगर आज इस पुसई डबरी को बचाने और दोषियों को सज़ा दिलाने की पहल नहीं हुई, तो यह उदाहरण आने वाले वर्षों में और दर्जनों सरकारी भूमि हथियाने का रास्ता खोल देगा।
बड़ा सवाल
क्या सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर इस ऐतिहासिक तालाब को उसके मूल स्वरूप में वापस लाकर यह संदेश देंगे कि “संवैधानिक शक्तियां सबसे ऊपर हैं”, या फिर सत्ता और पैसे का गठजोड़ इस तालाब को हमेशा के लिए निगल जाएगा?
यह केवल गया नगर का सवाल नहीं — यह पूरे प्रदेश के सुशासन की असल परीक्षा है।

दुर्ग। शौर्यपथ । शहर के मोहलई क्षेत्र में बिजली ऑफिस के ठीक सामने आज सुबह एक अज्ञात युवक की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। त्योहारी माहौल के बीच इस घटना से पूरे इलाके में दहशत और जिज्ञासा का माहौल बन गया है।

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम के मार्गदर्शन में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में हत्या की आशंका जताई जा रही है, हालांकि पुलिस ने कहा है कि अंतिम निष्कर्ष पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही सामने आएगा।

मृतक की उम्र लगभग 35 से 40 वर्ष बताई जा रही है, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। पुलिस आसपास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और स्थानीय लोगों से पूछताछ भी जारी है।

त्योहारों के बीच ऐसी वारदात ने इलाके की शांति भंग कर दी है। फिलहाल कोतवाली पुलिस मौके पर डटी हुई है और हर पहलू को खंगाल रही है — यह हत्या है या किसी अन्य कारण से हुई मौत, जांच के बाद तस्वीर साफ होगी।


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