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अप्रैल 2025 में 4,135 करोड़ का संग्रहण
केरल, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों को पछाड़ा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किए गए सुधारों का असर
रायपुर /शौर्यपथ / अप्रैल 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ ने 4,135 करोड़ का जीएसटी संग्रहण कर देश के शीर्ष 15 राज्यों की सूची में अपनी जगह बनाई है। जीएसटी संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ ने केरल, पंजाब, बिहार और खनिज संसाधनों से भरपूर झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
राज्य में इस आर्थिक प्रगति को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा व्यापार और उद्योग क्षेत्र में किए गए सशक्त सुधारों का प्रतिफल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते 15 महीनों में राज्य सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए हैं, जिनसे निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिला है ।
सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों में उद्योग एवं व्यापार नियमों का सरलीकरण,
गैर-जरूरी और बाधक कानूनों की समाप्ति,सभी जरूरी सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता,पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस की बाध्यता को समाप्त करना और उद्योगों की स्थापना के लिए प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल है।
इन सभी पहल से राज्य में उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिला है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और राजस्व संग्रह में निरंतर वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। राज्य की आर्थिक स्थिति में यह वृद्धि जनता और उद्योग जगत के सहयोग से संभव हुई है।”
यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है और यह दिखाता है कि राज्य संसाधन आधारित अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर अब एक सशक्त औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के कमल विहार में अत्याधुनिक न्यूरो स्पाइन रिहैबिलिटेशन सेंटर का विधिवत उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री साय ने अस्पताल परिसर का भ्रमण कर उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने भर्ती मरीजों से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। राज्य की रजत जयंती वर्ष में हम यह गर्व से कह सकते हैं कि आज छत्तीसगढ़ चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही आयुष्मान भारत योजना की सराहना करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक पहल ने देशभर के लाखों जरूरतमंदों को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार नवा रायपुर, अटल नगर में ‘मेडिसिटी’ विकसित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ न केवल देश के स्वास्थ्य मानचित्र पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करेगा, बल्कि मेडिकल टूरिज्म को भी नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर आज देश के नए मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त संस्थानों की स्थापना से आम लोगों को घर के पास ही विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा मिल रही है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री साय ने "न्यूरो स्पाइन रिहैबिलिटेशन सेंटर" के प्रबंधन और समस्त चिकित्सकीय स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि यह संस्थान न्यूरो और स्पाइन से जुड़ी बीमारियों के इलाज में विशेष योगदान देगा तथा जनसेवा के क्षेत्र में एक नया उदाहरण बनेगा।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और युवाओं को डिजिटल कौशल से लैस करने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में नवा रायपुर अटल नगर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT) के स्टेट ऑफ द आर्ट केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई। इस संस्थान की स्थापना के लिए 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित करने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान की। यह निर्णय राज्य के डिजिटल भविष्य की आधारशिला साबित होगा।
NIELIT, जो भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, हाल ही में डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। संस्थान द्वारा छत्तीसगढ़ में स्थायी केंद्र स्थापना हेतु भूमि की मांग की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल कौशल के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है।
इस मांग को दृष्टिगत रखते हुए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम तेंदुआ के लेयर-2 क्षेत्र में 10.023 एकड़ भूमि चिन्हांकित की गई है, जिसे लीज़ पर NIELIT को आवंटित किया जाएगा। इसकी प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा प्राधिकरण को की जाएगी।
इस अत्याधुनिक संस्थान की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के अवसरों को नया बल मिलेगा। यह केंद्र युवाओं को न केवल आधुनिक तकनीकी ज्ञान प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के योग्य बनाकर राज्य के डिजिटल इकोसिस्टम को सशक्त करेगा। साथ ही, छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा मानचित्र पर एक प्रभावशाली केंद्र के रूप में उभरेगा।
गौरतलब है कि नवा रायपुर में पहले से ही कई राष्ट्रीय महत्व के संस्थान स्थापित हो चुके हैं, जैसे – आईआईएम, आईआईआईटी और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी। हाल ही में मंत्रिपरिषद द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है।
परिवहन अधिकारियों को एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने के दिए गए निर्देश
रायपुर / शौर्यपथ / अनाधिकृत रूप से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण प्लेट की बिक्री और आपूर्ति करने वालों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश द्वारा ऐसा करने वाले डीलर्स और व्यक्तियों के विरूद्ध सीधे एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश सभी परिवहन अधिकारियों को दिए गए हैं।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा एचएसआरपी के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों, केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के प्रावधानों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के परिपालन में छत्तीसगढ़ में 01 अप्रैल .2019 के पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहन पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। जिसे राज्य में लागू कर प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। अब वाहन स्वामी विभागीय वेबसाइट cgtransport.gov.in के माध्यम से सीधे आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा दो वेंडर क्रमशः M/s Real Mazon India Ltd. एवं M/s Rosmerta Safety Systems Ltd. को निर्धारित दर पर एचएसआरपी लगाने के लिए अधिकृत किया गया है।
परिवहन आयुक्त द्वारा आम जनता से धोखाधड़ी कर अनाधिकृत रूप से नकली एचएसआरपी, समान दिखने वाली नकली प्लेट, स्मार्ट नंबर प्लेट जैसे होलोग्राम, इंडिया मार्क, इंडिया शिलालेख आदि से लैस हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) की बिक्री और आपूर्ति करने वाले डीलर, व्यक्तियों के विरूद्ध सीधे एफआईआर कर कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश समस्त परिवहन अधिकारियों को दिये जा चुके हैं। परिवहन विभाग द्वारा आम जनता से यह अपील की गई है कि सभी भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से किया जाए तथा पंजीकृत मोटरवाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (आवश्यक तीसरी पंजीकरण प्लेट सहित) प्रत्येक इंस्टालेशन हेतु 100 रूपए अतिरिक्त चार्ज का ही भुगतान किया जाए। घर पहुंच सेवा हेतु अतिरिक्त राशि देय होगी। अवैध तरीके से अधिक शुल्क मांगे जाने वाले डीलर, व्यक्ति की शिकायत सीधे जिला परिवहन अधिकारी से की जाए।
कृषि एवं पशुपालन की आधुनिक तकनीकों से बदलेगा जीवन
रायपुर / शौर्यपथ / हमने बनाया हम संवारेंगे की तर्ज़ पर प्रदेश की साय सरकार जनहित के कार्यो और विकास की रह को अंतिम पकती तक लेजाने का सफल प्रयास कर रही है . रोजगार हो , मुलभुत सुविधा हो या फिर नक्सल समस्या से प्रदेश को मुक्ति दिलाने की राह हर दिशा में प्रदेश सरकार अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी निभा रही है इसी तारतम्य में राज्य शासन द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना एवं समावेशी विकास को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 लागू की गई है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने युवाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
सुकमा जिले में कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के माध्यम से 20 आत्मसमर्पित युवाओं को कृषि विज्ञान केंद्र, सुकमा में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण तीन माह की अवधि का है जिसमें उन्हें ड्रिप इरिगेशन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, जैविक खेती, सब्जी उत्पादन, डेयरी, मुर्गी और मत्स्य पालन जैसी आजीविका आधारित तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय साक्षरता तथा लघु उद्यम स्थापित करने की विधियों पर भी सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात इन युवाओं को सिलाई तथा मोटर ड्राइविंग जैसे अन्य रोजगारमूलक विषयों में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 केवल आत्मसमर्पण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन युवाओं को नवजीवन देने का प्रयास है, जो कभी भटकाव के रास्ते पर चले गए थे। हमारा उद्देश्य है कि वे आत्मनिर्भर बनें, सम्मानजनक जीवन जिएं और समाज के लिए प्रेरणा बनें।
कलेक्टर देवेश कुमार धु्रव ने बताया कि यह केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि मुख्यधारा में लौटे युवाओं के लिए स्थायी आजीविका की दिशा में एक ठोस कदम है। लाइवलीहुड कॉलेज की नोडल अधिकारी सुश्री मधु तेता ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण के बाद इन युवाओं को स्वरोजगार हेतु शासन से आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्य शासन की यह पहल न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित कर रही है, बल्कि युवाओं को एक सकारात्मक भविष्य की ओर अग्रसर कर रही है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में प्रदेशभर में चल रहे सुशासन तिहार-2025 के तहत आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा रहा है। इसी क्रम में बस्तर जिले के ग्राम करमरी (भाटागुड़ा पारा) में अकार्यशील सोलर ड्यूल पंप को मरम्मत कर पुनः चालू किया गया, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से राहत मिल गई है।
ग्राम करमरी निवासी गणेश राम ने सुशासन तिहार के दौरान क्रेडा विभाग द्वारा स्थापित सोलर ड्यूल पंप के बंद होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत मिलते ही छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) की टीम ने 21 अप्रैल 2025 को टेक्नीशियन भेजकर संयंत्र की तकनीकी समस्या को दूर किया और उसे पुनः क्रियाशील कर दिया। सोलर ड्यूल पंप के चालू होते ही ग्रामीणों को फिर से सुचारु रूप से पेयजल मिलना शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने शासन और क्रेडा विभाग का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पहले जहां पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा था, अब सहजता से स्वच्छ जल उपलब्ध होने लगा है।
गौरतलब है कि क्रेडा द्वारा बस्तर जिले के विभिन्न स्थलों पर अब तक 1,043 सोलर ड्यूल पंप तथा जल जीवन मिशन के तहत 777 सोलर ड्यूल पंप लगाए जा चुके हैं। सहायक अभियंता श्री सिदार ने बताया कि वर्तमान में मरम्मत योग्य सभी संयंत्रों की नियमित जांच कर सुधार कार्य किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अंचलों में जल आपूर्ति निर्बाध बनी रहे। “सुशासन तिहार-2025” के माध्यम से सरकार ने यह साबित किया है कि आमजन की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मिलर्स एम एस रज़ा मिल केशकाल के द्वारा किया जा रहा था धान का अवैध परिवहन
कोंडागाँव / शौर्यपथ / कोण्डागांव में खाद्य विभाग की बड़ी कार्यवाही हुई है जिसमे अवैध धान परिवहन करते ट्रक क्रमांक सीजी 04 जेडी 5486 को 700 बोरी धान अवैध तरीके से परिवहन करते धर दबोचा गया
यह कार्यवाही उस समय हुई जब विभाग को सूचना मिली कि बम्हनी खरीदी केंद्र से एक ट्रक के माध्यम से अवैध रूप से धान का परिवहन किया जा रहा है। सूचना मिलते ही खाद्य विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संदिग्ध ट्रक को रास्ते में रोका जांच के दौरान यह पाया गया कि ट्रक में लदे धान के संबंध में कोई वैध दस्तावेज मौजूद नहीं था। इसके बाद विभाग ने ट्रक सहित पूरी धान की खेप को जप्त कर लिया
जिला खाद्य अधिकारी नवीन श्रीवास्तव ने जानकारी देते कहा कि मिलर्स एम एस रज़ा मिल केशकाल के द्वारा सहकारी समिति मर्या. बम्हनी केंद्र से नियम विरुद्ध अवैध तरीके से धान परिवहन करने की शिकायत मिली थी जिस पर जांच उपरांत पाया गया कि उक्त धान परिवहन के कोई वैध दस्तावेज वाहन में मौजूद नहीं थे जिसके बाद नियमानुसार 700 बोरी धान सहित ट्रक को जप्ती कार्यवाही कर थाना कोतवाली कोण्डागांव के सुपुर्द कर मामले की जांच जारी है।
–अवैध धान परिवहन के मामले पर कोण्डागांव कलेक्टर नूपुर राशि दिखी सख्त–
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीएमओ व अन्य संबंधित अधिकारियों को अवैध धान परिवहन की शिकायतें लगातार मिल रही थी वही जानकारी होने के बावजूद किसी प्रकार की कार्यवाही उक्त मामलों पर नहीं हो रही थी, वही आज की कार्यवाही पर कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद अवैध धान परिवहन के मामले पर कार्यवाही हो सकी है।
नारायणपुर / शौर्यपथ / ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से आज विकासखण्ड नारायणपुर के सभी ग्राम पंचायतों में जनचौपाल का आयोजन किया गया। कलेक्टर प्रतिष्ठा मंमगाईं द्वारा जनचौपाल के नोडल अधिकारियों की जिला पंचायत के सभा कक्ष में समीक्षा बैठक लेकर आवेदनों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए . उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों के द्वारा निर्धारित ग्राम पंचायतो के जनचौपाल में प्राप्त आवेदनों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों द्वारा जन चौपाल में प्रस्तुत किए गए आवेदनो का निराकरण करने का आश्वासन दिया गया। जनचौपाल कार्यक्रम के अंतर्गत क्लस्टर गरांजी, रेमावण्ड, धौड़ाई, बेनूर, पालकी, बड़ेजम्हरी, हलामीमुंजमेटा तथा छोटेडोंगर सहित नारायणपुर विकासखण्ड के सभी क्लस्टरों के ग्राम पंचायतों में आयोजित किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास, बोर खनन, पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन वितरण जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को बेझिझक जनचौपाल में उपस्थित अधिकारियों को प्रस्तुत किया गया।
कलेक्टर ममगाईं द्वारा जनचौपाल की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनपद व ग्राम पंचायत स्तरीय ड्यूटी लगाई गई अधिकारियों को जनचौपाल में प्राप्त आवेदनों को जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों को संबंधित विभाग के माध्यम से शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए.
बैठक में अपर कलेक्टर बीरेंद्र बहादुर पंचभाई, एसडीएम गौतम चंद पाटिल, उपसंचालक पंचायत विक्रम बहादुर, जनपद सीईओ एलएन पटेल सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे.
मुंगेली/शौर्यपथ / इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, मुंगेली में पारंपरिक कृषि पर्व ‘‘अक्षय तृतीया’’ का हर्षाेल्लास के साथ आयोजन किया गया। कार्यक्रम में धरती माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई और भूमि में बीज बोया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.आर.एल.शर्मा ने बताया कि अक्ति तिहार कृषि संस्कृति में आस्था, परंपरा और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह त्यौहार छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो कृषि नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किसान बीजों की पूजा कर अच्छी फसल के लिए कामना करते हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उपस्थित कृषकों को बीज संरक्षण एवं फसल उत्पादन से जुड़ी आधुनिक तकनीकों की जानकारी भी प्रदान की गई। इस दौरान कृषि महाविद्यालय मुंगेली के अधिकारी-कर्मचारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ इंजी. पल्लवी पोर्ते, सहायक प्राध्यापक डॉ. देवाशीष पाड़ी, ग्राम पंचायत के सरपंच श्री शिवकुमार साहू, छात्र-छात्राएं एवं आसपास के कृषकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रभारी देवनारायण चन्द्राकर ने शासकीय एवं अर्द्धशासकीय भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जाने के निर्देश
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार के मार्गदर्शन में आज बुधवार को प्रभारी नगरीय नियोजन एवं लोक कर्म समिति में बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक में लोक कर्म विभाग से जुड़े अधिकारियों को विकास कार्यों को कार्यालयीन अवधि में उपस्थित रहकर कार्यों को करने के निर्देश दिए गए।
*बैठक में लिए गए निर्णय*
निगम सीमा अंतर्गत वार्ड के समस्त पार्षदों से राय लेकर 1.00 लाख तक बी.टी. रोड़ पेंच रिपेयरिंग कार्य कराए जाने हेतु प्रस्ताव बनाया जाएगा।
निगम सीमा अंतर्गत समस्त शासकीय एवं अर्द्धशासकीय भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जाएगा
दुर्ग निगम क्षेत्रांतर्गत जितने भी भवन बनाए जाते हैं, उनमें रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित होने के पश्चात् ही भवन पूर्णता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
बिजली विभाग को पत्र दिया जाएगा कि बिना भवन पूर्णता प्रमाण पत्र एवं टैक्स की रसीद के स्थायी बिजली मीटर न दिया जाए।
*अन्य निर्णय*
नये विकसित होने वाले क्षेत्र पर कंटूर प्लान तैयार किया जाएगा।
दुर्ग शहर सीमा अंतर्गत राजस्व विभाग से विभिन्न शासकीय जगहों की सूची मांगकर उन स्थानों पर वृक्ष लगाकर फेंसिंग कार्य किया जाएगा।निगम सीमा अंतर्गत जहा आवश्यक हो, वहां पर बारिश के पहले डस्ट डालने हेतु प्रस्ताव बनाया जाएगा।
*बैठक में उपस्थित*
नगरीय नियोजन एवं लोक कर्म समिति सदस्य संजय कोहले, कुलेश्वर साहू, कमल देवांगन, गुलाब वर्मा, गोविंद देवांगन, श्रीमती लोकेश्वरी ठाकुर, आशीष चंद्राकर, सरस निर्मलकर,कार्यपालन अभियंता वीपी मिश्रा, आरके जैन, भवन अधिकारी गिरीश दीवान, सहायक अभियंता संजय ठाकुर एवं ठाकरे।दुर्ग निगम का बड़ा फैसला: रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं तो जुर्माना।
दुर्ग निगम ने शहरवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब यदि कोई व्यक्ति अपने भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है। यह निर्णय शहर में जल संचयन को बढ़ावा देने और भूजल स्तर को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।
नियम
सभी नए भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा।
पुराने भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की आवश्यकता होगी।
जो व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसे जुर्माना देना पड़ सकता है।
*लाभ*
शहर में जल संचयन को बढ़ावा मिलेगा।भूजल स्तर में सुधार होगा।पानी की बचत होगी।
*कार्रवाई*
दुर्ग निगम ने इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए एक टीम का गठन किया है। यह टीम शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भवनों का निरीक्षण करेगी और जो व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।