April 30, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

दुर्ग / शौर्यपथ / जनहित संघर्ष समिति के संयोजक शारदा गुप्ता एवं पूर्व पार्षद महेश वर्मा ने रामनगर चौक का नामकरण स्वर्गीय पार्षद संजय खन्ना के नाम से रखने की मांग की है। पूर्व पार्षद महेश वर्मा एवं शारदा गुप्ता ने कहा कि संजय खन्ना ने सभी वर्गों को हमेशा ध्यान में रखते हुए वार्ड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान किया और हमेशा समाज हित के कार्य के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे चाहे वो रामनगर में शराब दुकान हटाने की बात हो संडे बाजार हटाने की बात है हर जगह उनकी भागीदारी रहती थी। उन्होंने विवाह न कर समाज सेवा को हमेशा प्राथमिकता दी इसलिए उनके वार्ड में उनके ऑफिस के नजदीक उनके नाम से चौक में मूर्ति स्थापित कर उनका उनके नाम से चौक का नाम खन्ना चौक रखा जाए। पूर्व पार्षद महेश वर्मा एवं शारदा गुप्ता ने कहा कि आज उन्होंने सांसद विजय बघेल भिलाई विधानसभा के विधायक देवेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपकर मांग की और उन्होंने अपनी सहमति जताई शीघ्र ही विधायक विद्या रतन भसीन कलेक्टर आयुक्त भिलाई नगर निगम को ज्ञापन सौंपकर मांग की जायेगी .
मांग करने वाले में प्रमुख रूप से जनहित संघर्ष समिति के संरक्षक प्रभु नाथ मिश्रा पूर्व पार्षद महेश वर्मा राम उपकार तिवारी पूर्व पार्षद भोजराजसिन्हा पूर्व पार्षद परमजीत सिंह लाडी पूर्व पार्षद राजेश प्रधान शिवसागर मिश्रा विनोद उपाध्याय पूर्व पार्षद संतोष अजय जैन संतोष मौर्य गोकुलेश तिवारी संगम अग्रवाल जेपी घनघोरकर कन्हैया सोनी निर्भय जैन हरिशंकर चतुर्वेदी राजेश सिंह नीशु पांडे श्रीनिवास मिश्रा विजय शुक्ला वाय आर नायडू राकेश जैन मुन्ना सक्सेना रुपेश टाक मुरलीधर गुलाहने राकेश शर्मा जहांगीर खान शिवशंकर यादव संतोष सिंह राकेश साहू उमेश तिवारी संतोष पारसकर प्रशांत क्षीरसागर राजेन्द्र सिंह हेमंत राव अनिल गजभिए अर्जुन साहु हरीशचंद्र भारती राजकुमार शर्मा विजय सिंह, टिंकू रमेश देशमुख चंदूसर के शिवलिंगम महेश कुमार संजु ठाकुर संजय दुबे,निराकर निहाल राजेश चौधरी धमेन्द्र सिंह,अजय प्रसाद अशोक गुप्ता सुशीलप्रसाद ,भास्करराव गिरीश हर्ष कुमार राय शोभुसाहू संजय साहु नागेन्द्र मिश्रा,नंदलाल साह,दिलीप दामले अनिल उईके, विनोद उपाध्याय अनिल सिंग पवन गुप्ता, माला रेखाबम्हे अनु साहु गया जंघेल सहित प्रमुख कार्यकत्र्ता है।

महासमुंद / शौर्यपथ / कलेक्टर डोमन सिंह ने कहा कि सुधाकर बोदले, जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद द्वारा जो शिकायतें भ्रष्टाचार के संबंध में की गई है।उसमें शासन स्तर से जांच चल रही है एवं जिला स्तर से भी कार्यवाही की जाएगी। किसी प्रकार के भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान का यह मामला दिखाई पड़ता है। किसी भी तरह की शिकायत आने पर चाहे वह आम जनता से प्राप्त हुई हो या किसी विभागीय अधिकारी-कर्मचारी से सभी शिकायतों की संबंधित विभागों के द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाती है। श्री बोदले संबंधी शिकायत की जाँच भी राज्य और प्रशासन स्तर पर चल रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिंहा द्वारा जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद सुधाकर बोदले द्वारा आज रविवार से अनशन एवं सत्याग्रह ग़लत बताते हुए कहा कि श्री बोदले विभागीय अधिकारियों द्वारा जारी आदेश/निर्देश का पालन कभी भी नहीं किया हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों/निर्देशों का उल्लंघन करते रहे है। ​श्री सुधाकर द्वारा प्रतिकूल व्यवहार किया जा रहा है। जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। इस प्रकार उनके द्वारा शासन की छवि खराब की जा रही है एवं शासकीय कार्योें में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। जिले में कोविड पैनडेमिक अंतर्गत धारा 144 लागू है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेष/शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को अनशन एवं सत्याग्रह हेतु प्रतिबंधित करता है।
मनोज सिंहा ने स्पष्ट किया कि जब से जिले में उनकी पदस्थापना जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के पद पर हुआ है तभी से सुधाकर बोदले जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद को समस्या हो रही है। पूर्व में बोदले जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के प्रभार में पदस्थ थे। इसलिए श्री सुधाकर बोदले समय-समय पर कोई न कोई समस्या उत्पन्न कर मनोज सिंहा का छवि खराब करने का प्रयत्न करते रहे है। सुधाकर वर्तमान वरिष्ठ अधिकारी श्री मनोज सिंहा एवं कनिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रति द्वेषपूर्ण व्यवहार करते है।
पूर्व पदस्थ जिला बस्तर एवं सुकमा में भी उनके द्वारा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस प्रकार की कार्य कर समस्या उत्पन्न करते रहे है। वहां भी उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध खराब रहे है एवं शासकीय आदेशों/उच्च अधिकारियों के आदेशों का अवहेलना करते रहे है।
​ सुधाकर द्वारा की गई शिकायत की जांच राज्य स्तर से की जा रही है। दिनांक 15 मई को राज्य स्तरीय दल जांच हेतु महासमुंद ब्लॉक में आया था। जिसमें रेडी टू ईट फूड की गुणवत्ता एवं प्रदाय संबंधी जांच की गई। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत शासकीय नियमों का पालन करते हुए गुणवत्तायुक्त सामग्री का वितरण किया गया है।
​जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिंहा द्वारा जारी आदेश/निर्देश का पालन कभी भी सुधाकर के द्वारा नहीं किया गया। हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों/निर्देशों का उल्लंघन करते रहे है।​ सुधाकर द्वारा प्रतिकूल व्यवहार किया जा रहा है। जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। इस प्रकार उनके द्वारा शासन की छवि खराब की जा रही है एवं शासकीय कार्योें में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। जिले में कोविड पैनडेमिक अंतर्गत धारा 144 लागू है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेष/शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को अनशन एवं सत्याग्रह हेतु प्रतिबंधित करता है।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए 13 लाख 78 हजार 045 संदिग्ध मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाईयों की किट वितरित की गई है। विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों के त्वरित इलाज और उन्हें गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाने के लिए मितानिनों एवं सर्विलेंस टीमों द्वारा दवाईयों की किट उपलब्ध कराई जा रही है। इस किट में इवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, पैरासिटामॉल, विटामिन-सी और जिंक की टैबलेट शामिल हैं। कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को दवा किट उपलब्ध कराने के अच्छे परिणाम आए हैं। इससे पूरे प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार को रोकने में मदद मिली है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में अब तक (15 मई तक) कोरोना के लक्षण वाले पांच लाख 82 हजार 993 लोगों को दवा किट उपलब्ध कराई गई है। जांच केंद्रों और अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए पहुंच रहे इसके लक्षण वाले पांच लाख 80 हजार 547 लोगों को भी दवा किट मुहैया कराया गया है। मितानिनों और सर्विलेंस टीमों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों व कन्टेनमेंट जोनों में एक्टिव सर्विलेंस के दौरान मिले दो लाख 14 हजार 505 व्यक्तियों को भी कोरोना के इलाज और बचाव के लिए दवाईयां दी गई हैं।

गोदाम के बनने से क्षेत्र में ही समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के भण्डारण की सुविधा का होगा विस्तार: डॉ. शिवकुमार डहरिया
10,800 मेट्रिक टन क्षमता के इस गोदाम का निर्माण अप्रैल 2022 तक करने का लक्ष्य

आरंग / शौर्यपथ / नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने आज आरंग में छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम द्वारा लगभग 6 करोड़ 73 लाख रूपए की लागत से 10 हजार 800 मेट्रिक टन क्षमता के बनने वाले गोदाम का वर्चुअल भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष अरूण वोरा, नगर पालिका परिषद आरंग के अध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्राकर और कोमल सिंह साहू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कार्यक्रम में जुड़े। मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि इस गोदाम को अप्रैल 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है, जिसमें आगामी सीजन का उपार्जित चावल भण्डारण किया जा सकेगा। इस योजना के पूर्ण होने के उपरांत लगभग 200 से 300 स्थानीय हम्मालों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही क्षेत्र में भण्डारण सुविधा का विस्तार होगा।
नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने इस अवसर पर कहा कि आरंग कृषि प्रधान क्षेत्र है। कृषकों द्वारा उत्पादित धान की छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती है। उपार्जित चावल के भण्डारण हेतु आरंग में पर्याप्त भण्डारण सुविधा नहीं होने के कारण दूरस्थ वेयरहाउसों तक परिवहन कराया जाता था। शासन को परिवहन व्यय अतिरिक्त देना होता था। गोदाम के बनने से चावल के भण्डारण की सुविधा आरंग में ही उपलब्ध हो सकेगी। आरंग में वर्तमान वेयरहाउस की क्षमता 1800 मेट्रिक टन है। छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पाेरेशन द्वारा अतिरिक्त 10 हजार 800 मेट्रिक टन क्षमता की आवश्यकता एवं 8 वर्ष की व्यवसायिक गारंटी दी गई है। संचालक मंडल की 44वीं बैठक से स्वीकृति प्राप्त कर गोदाम निर्माण कार्य कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोदाम निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराई गई है एवं नाबार्ड के वेयरहासिंग इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से वित्तीय सहायता ऋण प्राप्त की गई है।
उल्लेखनीय है कि शाखा आरंग में 10 हजार 800 मेट्रिक टन क्षमता गोदाम निर्माण कार्य के अंतर्गत 1800 मेट्रिक टन क्षमता के 6 गोदाम वैज्ञानिक भण्डारण के अनुरूप बनाए जाएंगे। परिसर में वाहनों के आवागमन हेतु कांक्रीट रोड़ बनाई जाएगी तथा परिसर में हम्मालों की सुविधा हेतु हम्माल विश्रामालय, सार्वजनकि शौचालय, धर्मकांटा स्थापना आदि के कार्य किए जाएंगे। परिसर की सुरक्षा के लिए बाउण्ड्रीवाल, कार्यालय भवन, चौकीदार क्वार्टर, स्टाफ क्वार्टर, विद्युतीकरण आदि कार्य साथ-साथ किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पाेरेशन द्वारा अपने गठन पश्चात निरंतर प्रगति करते हुए स्वयं की भण्डारण क्षमता में अशातीत वृद्धि की है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पाेरेशन की 16 लाख 15 हजार 21 मेट्रिक टन स्वनिर्मित क्षमता के अतिरिक्त जमाकर्ता की विशेष मांग पर 3 लाख 54 हजार 832 मेट्रिक टन किराये की क्षमता लेकर कुल 19 लाख 69 हजार 853 मेट्रिक टन भण्डारण क्षमता सम्पूर्ण प्रदेश में उपलब्ध कराकर वैज्ञानिक भण्डारण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पाेरेशन के प्रदेश में कुल 135 शाखा संचालित है। जो शासन के सर्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण केन्द्र है।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज आदिवासी सेवा मंडल भोपाल द्वारा कोरोना से बचाव एवं उपचार के संबंध में आयोजित वर्चुअल कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज स्वाभिमानी होता है। वह स्वयं से बढ़कर किसी चीज की मांग नहीं करता, लेकिन यह समय है कि समाज के पढ़े-लिखे और सक्षम लोग सामने आकर अपना योगदान दें, उनकी मदद करें। उनकी मदद करने का यही सही समय है। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि कोरोना ने जैसी परिस्थिति उत्पन्न की है वैसा किसी ने कल्पना भी नहीं किया था। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार कोरोना से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कई तरह की योजनाएं, पैकेज, टीकाकरण आदि का काम तेजी से किया जा रहा है, लेकिन वनांचल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समाज के लोग जिनके पास टीवी, रेडियो या समाचार पत्र के साधन नहीं है, उन तक शासन की योजनाओं की जानकारी नही पहुंच पातीहै। ऐसे में समाज के शिक्षित और सक्षम वर्ग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि उन्हें जागरूक करें। आखिरी व्यक्ति तक शासन की योजनाएं पहुंचाने में मदद करें।
उन्होंने कहा कि प्रकृति प्रेमी आदिवासी समाज के लोग सीधे-साधे होते हैं। आदिवासी भाइयों को एकजुट होकर जागरूक करने का यही अवसर है। शिक्षित होने के कारण आपका दायित्व और बढ़ जाता है कि रोजगार, इलाज इन तक पहुंचाएं। सबसे बड़ी बात इनके मन से कोरोना का डर निकालना जरूरी है। आदिवासी समाज बहुत मजबूत होता है इनकी इम्यूनिटी बहुत अधिक होती है, वे वन्य औषधियों का प्रयोग कर अपने इम्यूनिटी कैसे बढ़ा सकते हैं, इन्हें क्या खाना चाहिए हमें यह बताना है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है इसका बड़ा कारण लापरवाही है। लक्षण दिखने पर भी ग्रामीण सामान्य बुखार और खांसी सर्दी की बात कहकर जांच नहीं करा रहे हैं। हमें अपने आदिवासी समाज के भाइयों को जागरूक करना है कि एक-दो दिन में ही लक्षण दिखने पर कोरोना की जांच कराएं क्योंकि यह वायरस दो-तीन दिन में ही फेफड़ों को प्रभावित कर देता है। जांच में देरी होने से हमें नुकसान हो सकता है।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि समाज के प्रमुख लोग वैक्सीन लगाकर वीडियो और फोटो वायरल करें इससे भी वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीण जागरूक होंगे। कोरोना से निजात पाने वैक्सीन लगाना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम में आदिवासी समाज केपदाधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में पॉजिटिविटी दर लगातार घटते जा रही है। बीते 15 मई को प्रदेश की पॉजिटिविटी दर और गिरकर 11 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 15 मई को प्रदेश भर में जांचे गए 70 हजार 239 सैंपलों में से 7664 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। विगत 14 मई को प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 12 प्रतिशत और 13 मई को 14 प्रतिशत थी।
प्रदेश में 15 मई को 11 हजार 475 मरीज कोरोना से स्वस्थ हुए हैं। इनमें से 11 हजार 088 मरीजों ने होम आइसोलेशन में उपचार कराकर कोरोना को मात दी है। कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में इलाज के बाद स्वस्थ हुए 387 मरीजों को डिस्चार्ज किया है।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिलासपुर में अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन कार्य का किया शिलान्यास
93 करोड़ 70 लाख रूपये की इस योजना में अरपा नदी के दोनों किनारों पर इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक बनेगी 1.80 किलोमीटर फोरलेन सड़क
वैकल्पिक मार्ग मिलने से शहर में कम होगा ट्रैफिक का दबाव
अरपा नदी में जमी सिल्ट को इस प्रोजेक्ट के तहत हटाने का काम होगा शुरू
अरपा के जल को दूषित होने से बचाने सड़क के दोनों ओर बनेंगें पेरीफेरियल नाले: शहर के गंदे पानी को ट्रीटमेंट से साफ कर नदी में छोड़ा जाएगा

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जीवनदायिनी अरपा नदी बिलासपुर का ही नहीं छत्तीसगढ़ का गौरव है। यह नदी हमारी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी हुई है। राज्य गीत का पहला शब्द भी अरपा नदी को समर्पित है। उन्होंने कहा कि अरपा को पुनर्जीवित करने और प्रवाहमयी बनाने के लिए राज्य सरकार ने समय-समय पर अनेक कदम उठाए हैं और हम लगातार इसके लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बिलासपुर में 93 करोड़ 70 लाख रूपये की लागत के अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन कार्य का शिलान्यास करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता गृहमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने की। गृह मंत्री और विशिष्ट अतिथि के तौर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में जुड़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा से हमारा भावनात्मक लगाव है। अरपा को पुनर्जीवित करने के लिए अरपा बचाव आंदोलन चलाया गया था और पद यात्राएं भी की गई थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं तथा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत भी इन पद यात्राओं में शामिल हुए थे। अरपा को लेकर बिलासपुर के लोगों ने जो सपने देखे हैं, जिन कार्याें की लोगों को लम्बे समय से प्रतीक्षा थी, इस परियोजना के शिलान्यास के साथ उन सपनों के साकार होने की शुरूआत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन योजना में नदी के दोनों किनारों पर इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक 1.80 किलोमीटर की फोरलेन आधुनिक सड़क बनायी जाएगी। इससे शहर का यातायात सुगम तरीके से संचालित हो सकेगा। नेहरू चौक से शहर के व्यस्ततम गोल बाजार-सदर बाजार और शनिचरी बाजार की तरफ जाने के लिए शहरवासियों को एक व्यवस्थित वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा, वहीं सरकंडा की ओर भी लोगों को इन जगहों तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त मार्ग की सुविधा मिलेगी। इस प्रोजेक्ट में नदी के दोनों ओर फोरलेन सड़क में डिवाइडर के साथ साथ सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इसके अलावा सड़क की पूरी लंबाई में आकर्षक स्ट्रीट और सोलर लाइट भी लगाई जाएगी। अरपा नदी में जमी सिल्ट को इस प्रोजेक्ट के तहत हटाने का भी काम शुरू किया जाएगा। जिससे बिलासपुर का जल स्तर रिचार्ज होगा। अरपा के जल को दूषित होने से बचाने के लिए सड़क के दोनों ओर पेरीफेरियल नाले बनाएं जाएंगे, शहर के गंदे पानी को पंपिग स्टेशन से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा तथा साफ पानी नदी में छोड़ा जाएगा। इससे बहुत हद तक अरपा को दूषित होने से बचाया जा सकेगा। इस कार्य में अरपा के उत्थान के साथ-साथ तट संवर्धन का भी कार्य शामिल है। जिसमें नदी के दोनों ओर तट पर पिचिंग कार्य एवं तट से लगी भूमि पर खूबसूरत लैंड स्कैपिंग कर उद्यान विकसित करने की भी योजना है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना संकट का सामना कर रहा है। दूसरी लहर में छत्तीसगढ़ में भी गंभीर चुनौतियां खड़ी की है। हम सब ने मिलकर कोरोना को काफी हद तक नियंत्रण करने में सफल हुए हैं। अप्रैल माह में छत्तीसगढ़ में 30 प्रतिशत तक संक्रमण दर पहुंच चुकी थी, जो अब घटकर केवल 11 प्रतिशत रह गई है। पूरे प्रदेश में टीकाकरण का काम तेजी से किया जा रहा है। टीकाकरण के बाद भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों को हमें नहीं भूलना है। इस संकट में हमारे सामने आर्थिक चुनौतियां भी खड़ी की हैं, लेकिन राज्य सरकार ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजनाओं से कोई समझौता नहीं किया है। मितव्ययता की दृष्टि से नवा रायपुर में नए राजभवन और नए सीएम हाउस सहित कई ऐसे निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। जिन्हें बाद में पूरा किया जा सकता है।


कार्यक्रम को अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने बिलासपुर के अनेक सौगातें दी हैं। बिलासपुर का एयरपोर्ट प्रारंभ हुआ। एयरपोर्ट का नामकरण बिलासा देवी केंवटिन के नाम पर किया गया। कोरोना की चुनौतियों के बावजूद जनहितकारी योजनाओं का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन योजना के कार्याें को अच्छी गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूरा करने की उम्मीद जताई। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि अरपा नदी के संरक्षण के कार्याें के तहत शिवघाट और पचरी घाट में दो बैराजों का कार्य शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर शहर में पेयजल की व्यवस्था के लिए इस वर्ष के बजट में प्रावधानित 20 करोड़ रूपए की राशि के कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, विधायक शैलेश पाण्डेय, बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने भी अपने विचार प्रकट किए।
मुख्यमंत्री ने इस योजना के शिलान्यास के अवसर पर बिलासपुर शहर के निवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। बिलासपुर में जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के रूप में सांसद श्री अरूण साव, संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, महापौर श्री रामशरण यादव, विधायक श्री शैलेश पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, निगम के सभापति शेख नजीरूद्दीन तथा अटल श्रीवास्तव, कमिश्नर बिलासपुर संजय अलंग मौजूद थे। इस कार्यक्रम में अरपा तट संवर्धन पर एक वीडियो प्रस्तुतिकरण दिया गया।
कलेक्टर सारांश मित्तर ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि भविष्य में नदी तट में विकसित उद्यानों के किनारे वाटर स्पोर्ट्स, बोटिंग इत्यादि की सुविधा का भी विस्तार किया जाएगा। बहुप्रतीक्षित अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन का कार्य बिलासपुर के साथ ही प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। आभार प्रदर्शन नगर निगम के बिलासपुर कमिश्नर अजय त्रिपाठी ने किया।

जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की कार्ययोजना तैयार करने के दिए निर्देश: कहा संसाधनों की नहीं होगी कोई कमी
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए जिले में किया 7 नवीन कोविड केयर सेंटरों का उद्घाटन
इन सेंटरों के 508 बिस्तरों में 214 बेड ऑक्सीजन की सुविधा वाले

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आने वाले समय में जांजगीर-चांपा जिला स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सम्पन्न जिला बनेगा। इसके लिए राज्य शासन के स्तर से संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। जिला प्रशासन जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए कार्ययोजना तैयार कर शासन स्तर पर भेजे इस कार्ययोजना को मंजूरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि जांजगीर-चांपा जिले के लोगों को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा जिले में कोविड-19 प्रबंधन के लिए 7 नवीन कोविड केयर सेंटरों का उद्घाटन किया। इन सेंटरों में कुल 508 बिस्तर उपलब्ध हैं। जिनमें 214 ऑक्सीजन बेड और 294 सामान्य बेड हैं।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, सांसद गुहराम अजगले, विधायक रामकुमार यादव, नारायण चन्देल और श्रीमती इंदू बंजारे, राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुन्दर दास सहित जिले के अनेक जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की जरूरत बताई थी।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जांजगीर-चांपा जिले में साहस के साथ कोरोना की चुनौतियों का सामना किया। जिससे कोरोना का नियंत्रित करने में सफलता मिली है। उद्योगों से लेकर धार्मिक संस्थाओं तक सभी ने कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई को लड़ा और एकजुटता की अनूठी मिसाल प्रस्तुत की। इसके परिणाम स्वरूप ही जिले में कोरोना के उपचार के लिए संसाधनों का तेजी से विस्तार हो पाया है। चंद्रहासिनी ट्रस्ट चंद्रपुर से 13, दूधाधारी मठ शिवरीनारायण से 07 और अन्य संस्थाओं से 66 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर प्राप्त हुए हैं। छत्तीसगढ़ में भी बेहतर रणनीति से कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली है। प्रदेश में संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है। 15 मई की स्थिति में संक्रमण दर 30 से घटकर मात्र 11 प्रतिशत रह गई है। प्रदेश में टेस्टिंग सुविधाओं का भी लगातार विस्तार किया जा रहा है। पहले जहां 30 से 40 हजार टेस्ट रोज किए जाते थें, वही अब प्रतिदिन 70 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य में ऑक्सीजन, दवाईयों और बिस्तरों की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और प्रदेश अभी कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। हमें तीसरी लहर की चुनौती का सफलता पूर्वक मुकाबला करने के लिए तैयारी रखनी होगी। इसके लिए हमें अभी से जुटना होगा, आईसीयू बेड, सिटी स्केन सुविधा, वेंटिलेटर्स और चिकित्सा विशेषज्ञों की जरूरत होगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए जो भी जरूरी होगा किया जाएगा। संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी।


विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट का सामना करने के लिए जो व्यवस्थाएं लागू की गई हैं, उनकी पूरे देश में सराहना की जा रही है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान गरीबों की दिक्कतों का ध्यान रखने और उन्हें राहत पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. महंत ने जिले में वायरोलॉजी लैब की स्थापना, टेस्टिंग बढ़ाए जाने, कोविड केयर सेंटरों में संसाधन बढ़ाने के लिए राशि की व्यवस्था और सेंटरों में लोगों के मनोरंजन के लिए व्यवस्था करने की आवश्यकता बतायी।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कोविड केयर सेंटरों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र, जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर यशवंत कुमार ने जिले में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बतायाकि जिल के औद्योगिक संस्थानों के 248 और जन सहयोग से 92 ऑक्सीजन सिलेण्डर प्राप्त हुए हैं। सीएसआर मद से 100 और डीएमएफ मद से 150 तथा अन्य संस्थाओं से 86 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर प्राप्त हुए हैं। डीएमएफ से 18 वेंटिलेटर्स की व्यवस्था की जा रही है।


मुख्यमंत्री ने जांजगीर-चांपा जिले में जिन नवीन कोविड अस्पतालों का शुभारंभ किया उनमें से कोविड केयर सेंटर मड़वा में कुल 100 बिस्तर उपलब्ध हैं, जिनमें से 70 ऑक्सीजन बेड हैं, इसी तरह कोविड केयर केंद्र पामगढ़ में 150 बिस्तरों में 50 बिस्तर ऑक्सीजन बैड हैं, कोविड केयर केंद्र पुलिस लाइन जांजगीर में उपलब्ध कुल 18 बेड में 8 ऑक्सीजन बेड, कोविड केयर केंद्र कुलीपोटा में उपलब्ध 150 बेड में 50 बेड ऑक्सीजन बेड वाले, कोविड केयर केंद्र पीआईएल में उपलब्ध 50 बिस्तरों में 5 बिस्तर ऑक्सीजन बेड, कोविड केयर केंद्र नवागढ़ के सभी 10 बिस्तर ऑक्सीजन बेड और कोविड केयर केंद्र जिला चिकित्सालय जांजगीर में उपलब्ध 30 बेड में 21 ऑक्सीजन बेड हैं।

राज्य में टेस्टिंग की संख्या बढ़ी, ट्रेसिंग में भी तेजी
पॉजिटिविटी रेट में निरंतर कमी, मरीजों की संख्या घट रही
ग्रामीण क्षेत्रों में टीमें तैनात कर दिया जा रहा विशेष ध्यान
अस्तपालों में बेड की उपलब्धता की गई है आनलाइन
राज्य में आक्सीजन की कमी नहीं
वैक्सीनेशन की कमी को दूर करने का अनुरोध
आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए उद्योगों को 80ः20 के अनुपात में आक्सीजन उपलब्ध कराने का भी अनुरोध
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री की दोनों मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का दिया आश्वासन

रायपुर / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दूरभाष पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश में कोविड-19 के संबंध में विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघले ने प्रधानमंत्री से कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उनके और केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशोें का छत्तीसगढ़ द्वारा पूरा पालन किया जा रहा है। राज्य में टेस्टिंग की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। ट्रेसिंग में भी तेजी आई है। पॉजिटिविटी दर में निरंतर कमी आ रही है, मरीजों की संख्या घट रही है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन इलाकों में अभी भी केस बढ़ रहे हैं वहां अतिरिक्त टीमें लगायी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी कि प्रदेश में शासकीय और निजी कोविड अस्पतालों और केयर सेंटरों के बेडों की पूरी जानकारी को आनलाईन किया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति आसानी से इनका लाभ ले सके। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री का राज्य में वैक्सीनेशन की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि चूकि वर्तमान में आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है कि अतः 80 प्रतिशत अस्पतालों को और 20 प्रतिशत छोटे-मोटे उद्योगों को उपलब्ध कराने की मंजूरी दी जाए ताकि ये उद्योग भी अपना काम प्रारंभ कर सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उक्त दोनो मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री भुपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रभारी महामंत्री (संगठन ) एवं किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला के निर्देशानुसार 15 मई शनिवार को एकदिवसीय वर्चुअल धरना प्रदर्शन पुरे प्रदेश में सुबहा 10 से 12 बजे तक किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा किया गया ।
वर्चुअल धरना प्रदर्शन में सिहावा विधानसभा क्षेत्र के छत्तीसगढ़ प्रदेश महामंत्री, किसान कांग्रेस नितिन पिंकी यदु द्वारा कोविड 19 का पालन करते हुए धरना दिया।
केन्द्र में बैठी मोदी सरकार द्वारा बढाये गये रसायनिक खाद डीजल पेट्रोल से किसान भाइयों को खेती करने में असहनीय पीडा उठानी पड़ेगी जिससे उनके अर्थव्यवस्था में भारी नुक़सान उठाना पड़ेगा।
इस कोरोना काल में खादों उर्वरकों का दाम बढ़ाना अति चिंतनीय विषय है जिससे किसान भाइयों को अतिरिक्त भार उठाना पड़ेगा ।
बढे हुए दामों में अब हमें DAP 700 रूपये अधिक युरिया 565 रूपये अधिक में खरीदना पड़ेगा जो अति चिंतनीय विषय है।इस कोरोना काल संकट के घड़ी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भुपेश बघेल ने राजीव गांधी न्याय योजना के तहत 21 ता. को प्रथम किश्त प्रदान करने जा रही है जिसका हम माननीय मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हैं । लॉकडॉउन की वजह से कामों से वंचित हैं ऐसे समय यह राशि पाकर उनके जीवनकाल के लिए लाभकारी साबित होगा ।
छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस पुरे प्रदेश में किसान भाइयों के हित में यह एकदिवसीय वर्चुअल धरना प्रदर्शन किया गया और पुनः एक बार फिर मोदी सरकार से बढाये हुए रसायनिक खाद डीजल के दामों को वापस लेने का चिंतन करने का आग्रह किया इस धरना प्रदर्शन में शत्रुघन साक्षी ब्लाक अध्यक्ष किसान कांग्रेस हिदेश सोनवानी कार्यकारी जिलाध्यक्ष अनु.जन.भरत लहरें,विनोद नेताम ,सरपंच आत्मा राम नेताम, विजय नेताम उपस्थित थे!

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