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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
// 5700 करोड़ रूपए की राशि डीबीटी के माध्यम से चार किश्तों में जाएगी किसानों के खातों में
// प्रदेश में धान, मक्का और गन्ना (रबी) के 19 लाख किसानों को मिलेगा फायदा
//आगामी सीजन में दलहन और तिलहन पर भी मिलेगी सहायता राशि
गन्ना किसानों को वर्ष 2018-19 का बकाया बोनस 10.27 करोड़ रूपए भी मिलेगा
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए दूरगामी निर्णय लेते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करने का जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई के दिन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रदेश में इस योजना का विधिवत् शुभारंभ करेंगे।
इस योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपने तरह की एक बडी योजना है। योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि और किसान वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए शामिल होंगे।
राज्य सरकार इस योजना के जरिए किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना में धान फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानो को प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जाएगी।
इसी तरह गन्ना फसल के लिए पेराई वर्ष 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रूपए प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन एवं आदान सहायता राशि 93.75 रूपए प्रति क्विंटल अर्थात अधिकतम 355 रूपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के 34 हजार 637 किसानों को 73 करोड़ 55 लाख रूपए चार किश्तों में मिलेगा। जिसमें से प्रथम किश्त 18 करोड़ 43 लाख 21 मई को हस्तांतरित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसके साथ ही वर्ष 2018-19 में सहकारी शक्कर कारखानों के माध्यम से खरीदे गए गन्ना की मात्रा के आधार पर 50 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि (बकाया बोनस) भी प्रदान करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के 24 हजार 414 किसानों को 10 करोड़ 27 लाख रूपए दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत खरीफ 2019 में सहकारी समितिध्लैम्पस के माध्यम से उपार्जित मक्का फसल के किसानों को भी लाभ देने का निर्णय लिया है। मक्का फसल के आकड़े लिए जा रहे है। जिसके आधार पर आगामी किश्त में उनको भुगतान किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 900 करोड़ की राशि उनके खातों में अंतरित की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इसके पहले लगभग 18 लाख किसानों का 8800 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया गया है साथ ही कृषि भूमि अर्जन पर चार गुना मुआवजा, सिंचाई कर माफी जैसे कदम उठाकर किसानों को राहत पहुंचाई गई है।
इस योजना में राज्य सरकार ने खरीफ 2020 से इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कोटकी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है। सरकार ने यह भी कहा है कि अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लेता है और इस साल धान के स्थान पर योजना में शामिल अन्य फसल लेता हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी।
अंबिकापुर शहर को फाइव स्टार एवं
भिलाई नगर, पाटन सहित राज्य के 9 नगरीय निकायों को मिली थ्री स्टार रेटिंगमुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री ने नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और
नगरीय निकायों को दी बधाई एवं शुभकामनाएं
रायपुर / शौर्यपथ / भारत सरकार द्वारा जारी ओडीएफ प्लस प्लस के नतीजों में छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नगरीय निकायों में शानदार सफलता का परचम लहराया है। छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला और इकलौता राज्य है, जिसे ओडीएफ प्लस प्लस होने का गौरव हासिल हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में स्वच्छता के मामले में अंबिकापुर शहर में एक बार फिर पूरे देश में नाम रौशन किया है।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट में 5 स्टार रेटिंग के साथ छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर को इस सूची में प्रथम स्थान पर जगह मिली है। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य 14 शहरी निकायों को भी 3 स्टार और 1 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। डॉ. डहरिया ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा आज स्टार शहरों की गारबेज स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के नतीजे नेशन मीडिया सेंटर से आनलाईन प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जारी किए गए। जिसमें छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर पहले स्थान पर है। इससे पहले पिछले रेटिंग में भी अंबिकापुर को देश में दूसरा स्थान मिला था।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने स्टार रेटिंग एवं ओडिएफ प्लस प्लस की सफलता पर सचिव सुश्री अलरमेलमंगई डी. एवं समस्त नगरीय निकायों के महापौर, अध्यक्ष, पार्षदों सहित निकायों के अधिकारियों-कर्मचारियों, स्वच्छता दीदियों-कर्मियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए निरंतर इसी प्रकार के प्रयास जारी रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि स्वच्छता के मामले में अंबिकापुर शहर का नाम यूं ही देश के पटल पर नहीं है, यहां का प्रशासन, निगम प्रशासन, निगम जनप्रतिनिधि तथा शहरवासी भी शहर की सफाई को लेकर काफी जागरूक है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता दीदियों व निगम के स्वच्छता अमलों की दिन-रात की मेहनत से अंबिकापुर व अन्य निकाय घोषित रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन किया है।
ज्ञातव्य है कि ओडीएफ प्लस प्लस के नतीजों में राज्य के सभी निकाय सफल हुए हैं एवं छत्तीसगढ़ इस उपलब्धि को पाने वाला देश का एक मात्र राज्य है। केन्द्रीय मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के नतीजे आज घोषित कर जानकारी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि अंबिकापुर के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गारबेज कलेक्शन का काम किया जाता है। इससे साथ ही यहां बड़े पैमाने पर शहर से रोजाना निकलने वाले कचरें को री-सायकिल किया जाता है। डॉ. डहरिया ने बताया कि अंबिकापुर शहर के नगरीय निकाय द्वारा अपनाई गई कचरा संग्रहण प्रणाली की पूरे देश सहित दुनिया भर में काफी तारिफ हुई है और अब अंबिकापुर नगर निगम की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की बाकी निगमों में भी इस प्रणाली को लागू किया गया है। इसके साथ ही अंबिकापुर शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अलावा वेस्ट वाटर के रि-साईक्लिंग की प्रणाली विकसित की है। यहां बड़े पैमाने पर ड्रेनेज वाटर को शुद्ध कर वापस उपयोग के योग्य बनाया जा रहा है। अंबिकापुर के इस उपलब्धि ने पूरे छत्तीसगढ़ राज्य को गौरवान्वित किया हैै।
डॉ. डहरिया ने बताया कि केन्द्रीय शहरी मंत्रालयों की इस सूची में 5 स्टार रेटिंग के अतिरिक्त 3 और 1 स्टार की भी रैंकिंग जारी की गई है। केन्द्रीय मंत्री आवास पर्यावरण एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप पुरी द्वारा घोषित इस रैंकिंग मंे छत्तीसगढ़ की 9 शहरी क्षेत्रों को 3 स्टार रेटिंग प्रदान की गई है तथा कचरा मुक्त नगरीय क्षेत्रों में 5 निकायों को 1 स्टार रेटिंग मिली है। 3 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाले शहरों में दुर्ग जिले के भिलाई नगर और पाटन सहित दंतेवाड़ा के बारसुर, बिलासपुर, जशपुर नगर, कांकेर के नरहरपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, मुंगेली के सरगवां शामिल हैं। इसी प्रकार 1 स्टार रेंिटंग प्राप्त करने वालों शहरों में रायगढ़ जिले के बरमकेला, बेमेतरा के बेरला, बालोद के चिखलाकसा, कोरबा के कटघोरा और कांकेर के पखांजूर शहर शामिल हैं।
डॉ. डहरिया ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी ओडीएफ प्लस प्लस के स्वच्छ सर्वेक्षण में केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त इंडीपेंडेंट एजेंसी के माध्यम से ओडीएफ के सर्वे कराए जाते हैं। राज्य के नगरीय निकाय तीन से चार बार ओडीएफ एवं ओडीएफ प्लस परीक्षण में सफल हुए हैं। ओडीएफ के मुकाबले ओडीएफ प्लस प्लस परीक्षण में खुले मंे शौच नहीं जाने सार्वजनिक सह समुदायिक शौचालय सुविधाओं के उपलब्धता के साथ-साथ सेपटिक टैंक से निकलने वाले फिकल स्लज के सुरक्षित वैज्ञानिक निपटान की स्थिति का निरीक्षण किया जाता है। उन्हांेने बताया कि ओडीएफ की स्थिति में सुधार के लिए राज्य शासन द्वारा संचालित स्वच्छता श्रृंगार एवं सुविधा-24 योजना का इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्ययोजना तैयार करने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित
समिति दो माह में तैयार करेगी विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्ताव
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को ‘न्याय’ योजना के द्वितीय चरण में शामिल करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री बघेल ने इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी गई है, यह समिति दो माह में विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास, श्रम विभाग के सचिव तथा अनुसूचित जाति-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में आज हुए सड़क हादसे से छत्तीसगढ़ की दो महिला श्रमिकों की हुई मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सड़क दुर्घटना में मृत श्रमिकों के परिजनों को 4-4 लाख रूपए और घायलों को 50-50 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल 6 श्रमिकों के बेहतर उपचार के लिए अधिकारियों को आवश्यक पहल करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि ये मजदूर राज्य के बिल्हा क्षेत्र के रहने वाले है जो महाराष्ट्र यवतमाल से बस द्वारा छत्तीसगढ़ लौट रहे थे।
रायपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन द्वारा कोराना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी लोगांे को मास्क पहनना अनिवार्य घोषित किया गया है। बिना मास्क लगाए घूमने वाले लोगों पर जुर्माने की कार्यवाही की जा रही है। सुकमा जिले में कलेक्टर श्री चंदन कुमार के निर्देश पर सुकमा नगरीय क्षेत्र में गत दो दिनों में बिना मास्क के सार्वजनिक स्थानों में घूमने वाले 76 लोगों पर 34 हजार 500 रुपए जुर्माना वसूला गया।
इसके अलावा छिंदगढ़ में 4 लोगों पर दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। सभी लोगों को मास्क का उपयोग अनिवार्य रुप से करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों व बाजारों में मास्क लगाकर आने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने समझाईस दी जा रही है ।
रायपुर / शौर्यपथ /
वन मंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत विभिन्न विभागों के प्रस्तावों पर गहन चर्चा हुई। बैठक में लोक निर्माण एवं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रुद्र कुमार, विधायक दुर्ग अरूण वोरा, विधायक भिलाई देवेंद्र यादव ने भी हिस्सा लिया। बैठक में पूर्व के एजेंडा सहित विभिन्न विभागीय प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं के विकास पर केन्द्रित विभिन्न कार्यों का प्राथमिकता से अनुमोदन किया गया।
इस दौरान विधायक अरुण वोरा ने दुर्ग शहर के सर्वांगीण विकास के लिए 4 करोड़ से अधिक की राशि की मांग रखी। वोरा ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रभाव से विकास कार्यों में विराम लग गया था अब शहर में विकास को गति देने के लिए डीएमएफ फंड से राशि स्वीकृत की जाए। खनिज न्यास की राशि जल संवर्धन हेतु तालाबों के गहरीकरण, सौंदर्यीकरण, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उन्नयन व स्कूलों के संधारण में खर्च की जानी चाहिए। इसी तरह विधायक भिलाई श्री देवेंद्र यादव ने नालों की चौनलिंग का प्रस्ताव रखा। उन्होंने हुडको में खेल मैदान के निर्माण के लिए प्रस्ताव भी रखा।
इस दौरान खेत के मेड़ों में 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अरहर लगाने का प्रस्ताव आया। सीड ड्रिल, फूड स्प्रेयर आदि के लिए डीएमएफ के माध्यम से भी अतिरिक्त लक्ष्य की पूर्ति के लिए कार्य करने का प्रस्ताव आया। हर विकासखंड में तीन गौठानों में बायोगैस प्लांट लगाने का प्रस्ताव आया। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसके लिए बड़े गांवों के चयन की बात कही ताकि अधिकाधिक मात्रा में पशुधन होने की वजह से ज्यादा बायोगैस का उत्पादन हो सके। इसके अलावा सामुदायिक बाड़ी एवं चारागाह में स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई सुविधा का प्रस्ताव भी बैठक में आया। यह बाड़ी 3 से पांच एकड़ में होगी। स्वसहायता समूहों के माध्यम से चारागाह विकास का निर्णय भी लिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत 19 हजार हितग्राहियों को गर्म भोजन प्रदाय करने पर चर्चा हुई। मंत्री अकबर ने इसकी सतत् मानिटरिंग के लिए आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया कि इसके लिए फील्ड विजिट के लिए रोटेशन तय किये गए हैं। हर दिन नियत समय पर व्हाटसएप ग्रूप में फोटो डाली जाती है। इसमें उपस्थिति की जानकारी भी होती है जिसे हर दिन मानिटर किया जाता है। इसका अच्छा परिणाम रहा है और जिले के बहुत से बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाने में मदद मिली है। जिले के 5 विद्यालयों में मेधावी बच्चों की विशेष कोचिंग के लिए व्यवस्था के संबंध में भी प्रस्ताव रखा गया। पढ़ई तुहर द्वार योजना अंतर्गत पांच लाख रुपए की लागत से स्टूडियो निर्माण का प्रस्ताव भी आया ताकि वीडियो की क्वालिटी अच्छी मिल पाये।
मंत्री अकबर ने स्वास्थ्य पर विशेष फोकस करने निर्देशित किया। कलेक्टर ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति विशेष जरूरतों के लिए की जाएगी। इनका वेतनमान पांच साल की सेवा पूरी कर चुके शासकीय चिकित्सकों के समकक्ष होगा। उन्होंने कहा कि जहां लैब टेक्नीशियन और स्टाफ नर्स की जरूरत है और पद नहीं है वहां इन्हें रखने का प्रस्ताव भी रखा गया है। गृह मंत्री ने निकुम स्वास्थ्य केंद्र और पीएचई मंत्री ने अहिवारा स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं और बढ़ाने की बात कही।
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने महाराष्ट्र के यवतमाल में हुए सड़क हादसे में छत्तीसगढ़ के मजदूरों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने इस हादसे में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यो-सड़कों, भवनों एवं पुलों की गुणवत्ता को लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू काफी गंभीरता से ले रहे हैं। इसके लिए वे निर्माण कार्यो की लगातार समीक्षा के साथ ही स्थल निरीक्षण कर निर्माणाधीन कार्यो का जायजा भी ले रहे हैं। गृह मंत्री साहू ने आज रायपुर रेलवे स्टेशन से केन्द्री के मध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण-सुधार कार्यो का औचक निरीक्षण करने के बाद नवा रायपुर में निर्माणाधीन मुख्यमंत्री निवास का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्यो की गुणवत्ता जांच के बाद ही ठेकेदारों के अंतिम देयकों के भुगतान के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले माह की 26 तारीख को लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान निर्माण कार्यो में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तृतीय पक्ष (थर्ड पार्टी) द्वारा जांच कराने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप लोक निर्माण मंत्री श्री साहू के निर्देश पर विभाग द्वारा सम्पादित छोटे-बड़े सभी कार्यो की शत-प्रतिशत गुणवत्ता एवं निर्माण कार्यो में लगने वाले मटेरियर्स की सही मात्रा की जांच के लिए बड़े पैमाने पर जांच दलों का गठन किया गया है।
गृह मंत्री साहू ने नवा रायपुर क्षेत्र में निर्माणाधीन मुख्यमंत्री निवास का निरीक्षण किया और गुणवत्ता के साथ कार्यो में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यो में संलग्न श्रमिकों को कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के साथ ही उनके नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर सचिव लोक निर्माण श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी एवं प्रमुख अभियंता श्री विजय कुमार भतपहरी भी उपस्थित थे।
प्रमुख अभियंता भतपहरी ने बताया कि निर्माण कार्यो को त्वरित गति से पूरा करने के लिए इस महीने 986 करोड़ 97 लाख रूपए के लागत के 63 कार्यो के लिए ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की गई है। इनमें 25 निविदा पुल कार्य के हैं। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्यो में गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के साथ-साथ परफारमेंस गारंटी के अंतर्गत आने वाले मार्गो में पेच रिपेयर किए जाने के लिए 15 जून 2020 तक की तिथि नियत की गई हैै। मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बरसात के पहले सड़कों के संधारण का कार्य पूर्ण कर लें, ताकि वर्षा ऋतु में मार्ग क्षतिग्रस्त न हो तथा यातायात भी बाधित न हो।
अवधेश टंडन की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण रोकने के लिए पुलिस व प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहा है। देशभर में 31 माई तक का लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है, देश के प्रधानमंत्री लोगों को अपने घरों में ही रहने की अपील कर रहे हैं, वहीं प्रशासन भी सख्त हिदायत दे रहे हैं, साथ ही तमाम हतकड़े अपना रहे हैं।।
लेकिन वहीं मालखरौदा थाना क्षेत्र में लोग लॉकडाउन मानने को तैयार नहीं है,लोग घर में रहने के बजाय इधर से उधर आ-जा रहे है। दिन में पुलिस कि मौजूदगी में भी लोग बेखौफ आना-जाना कर रहे हैं।।
*नहीं रहती पुलिस की मौजूदगी*
मालखरौदा पुलिस की मौजूदगी मुख्य चौक में कम ही रहती है,इसका फायदा उठाकर लोग बेवजह घुमते नजर आ रहे हैं, वहीं मालखरौदा थाना क्षेत्र में सुबह 7 बजे से ही लोगों का आवागमन शुरू हो जाता है।।
*जिले की सड़कों पर खूब वाहन दौड़ रहे है*
अभी तक जांजगीर चांपा जिले में कोविड-19 का कुल मरीज 12 पोजिटिव केस सामने आ चुके हैं, लेकिन फिर भी लोगों के द्वारा लॉकडाउन और धारा 144 का धज्जियां उड़ा रहे हैं इस पर अगर जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया तो उसका खामियाजा पूरा जिले को उठाना पड़ सकता है,सुबह से शाम तक जिस तरह लोग बड़ी संख्या में इधर-उधर जा रहे है, इससे प्रशासन की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
*बेवजह घुमने वालो पर पुलिस नहीं कर रही कार्यवाही*
प्रशासन ने खाद्य सामग्री खरीदने, अस्पताल जाने सहित अन्य जरूरी कामों के लिए लोगों को अनुमति दी गई है,लेकिन लोग बेवजह घुम रहे हैं, मालखरौदा पुलिस के द्वारा बेवजह घूमने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे इनके हौसले बुलंद हैं और बड़ी संख्या में बेवजह सड़कों पर अपनी गाड़ी दौड़ा रहे हैं।।
दुर्ग / शौर्यपथ / पुलगांव थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरई स्थित क्वारांटाईन सेंटर से भाग कर गांव में घूमने ओर शराब के नशे में उत्पात मचाने वाले एक प्रवासी मजदूर को आज जेल भेज दिया गया। इस मामले में नगर पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रवासी मजदूर देवेन्द्र कुमार यादव गत दिवस सिहोर सेदुर्ग आया था, जिसे बोरई के क्वारांटाई सेंटर में रखा गया था, उक्त युवक इस सेंटर से भाग गया और पूरे गांव में घूम रहा था और शराब के नशे में उत्पाद मचा रहा था, ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने उसके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया।
भिलाईनगर / शौर्यपथ / स्वच्छता के मापदंडों पर खरा उतरने के लिए नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर देवेंद्र यादव एवं आयुक्त रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में स्वच्छता के निचले स्तर के कर्मचारियों से लेकर सभी अधिकारियों ने कड़ी मेहनत की और शहर की जागरूकता जनता ने कचरा मुक्त शहरों में भिलाई नगर को आखिर सम्मिलित करा ही दिया तथा भिलाई ने 3 स्टार रेटिंग प्राप्त किया है! वर्ष 2019 में पूरे देश में 11 वां रैंक प्राप्त करने का गौरव भिलाई को हासिल हुआ था!
भिलाई शहर की जनता स्वच्छता के प्रति जागरूक है तभी भिलाई कचरा मुक्त शहर में शामिल हो सका है! स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि भिलाई शहर ने कचरा मुक्त शहर के मामले में 3 स्टार रेटिंग प्राप्त की है! निगम के महापौर यादव ने कहा कि भिलाई की जनता हमेशा स्वच्छता के प्रति जागरूक है, कचरा मुक्त शहर में शामिल होने में लोगों अपनी पूर्ण सहभागिता दिखाई है, संपूर्ण विश्वास है कि भिलाई शहर स्वच्छता में देश में प्रथम पायदान पर आएगा!
स्टार रेटिंग पर किया था फोकस स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत निगम प्रशासन ने स्टार रेटिंग एवं वाटर प्लस पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया था, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण के मापदंडों के अनुरूप सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक अंक प्राप्त किया जा सके। नालियों में कचरा रोकने जाली नालियों में कचरा को रोकने के लिए तथा सीधे जल स्रोतों में कचरा न मिले इसके लिए नालियों में जालियां लगाने का कार्य किया गया तथा जीवीपी पाइंट को समाप्त कर सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया गया। स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता निगम क्षेत्र में स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता फैलाने के उददेश्य से दीवारों पर रंग रोगन कर चित्रों व स्लोगन के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने का कार्य किया गया।
दो पालियो में सफाई मार्केट क्षेत्र में सुबह व रात्रि दोनों पालियों में सफाई व कचरा कलेक्शन कार्य किया गया! मुख्य सड़कों सहित गली, मोहल्लों की सफाई व प्रतिबंधित प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने झिल्ली, पन्नी, प्लास्टिक के कचरा का उठाव करने का कार्य किया गया। सुबह एवं रात्रिकालीन सफाई कार्यों की माॅनिटरिंग विभागीय अधिकारियों ने जिम्मेदारी के साथ किया। एसएलआरएम सेंटर में कचरो का बेहतर निष्पादन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में सूखा कचरा अलग एवं गीला कचरा अलग को प्राथमिकता के तौर पर ध्यान दिया गया ! एसएलआरएम सेंटर में कचरो का पृथकीकरण, घनी आबादी वाले क्षेत्रों की सघन सफाई व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के अन्तर्गत सभी पैरामीटर को ध्यान में रखते हुए कार्य संपादित किया गया। वार्ड वार अधिकारियों को जिम्मेदारी प्रत्येक वार्ड के लिए निगम के अधिकारी/कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी जो सुबह से अपने-अपने नियुक्त क्षेत्रों में और स्वच्छता के कार्यों को बेहतर करने गतिविधियों पर नजर रखते थे!
महापौर देवेंद्र यादव तथा आयुक्त रघुवंशी के नेतृत्व में सभी के अथक प्रयासों से निगम भिलाई आज कचरा मुक्त शहर के सूची में शामिल हो पाया है! इसमें बीएसपी प्रबंधन एवं शहरवासियों ने भी अहम भूमिका निभाई है!
शौर्यपथ
36 मरीज़ो का इलाज एम्स अस्पताल रायपुर में ज़ारी है,
ब्रेकिंग छत्तीसगढ़ में Covid-19 के 5 नए मामले,प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 41 कोरोना
रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है जानकारी के मुताबिक प्रदेश में कोरोना के 5 नए मामले सामने आए है जिसमे राजनांदगाव में 4 कोरोना पॉजिटिव और कोरबा जिले में1 मरीज पॉजिटिव मिला है। अब संक्रमितों की संख्या 41 हो गए है|
साथ ही 36 मरीज़ो का इलाज एम्स अस्पताल रायपुर में ज़ारी है,
रायपुर/शौर्यपथ
19 मई 2020। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद इसके संक्रमण से मानव जीवन के लिए संकट पैदा कर जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। ऐसे में दिन रात एक कर शहर से गांव और नदी, नालों, पहाड़ों का लांघ कर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले कोरोना योद्धा बन ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक(आरएचओ) सही में हीरो की भूमिका निभा रहे हैं।
कोविड-19 को हराने के लिए 24 घंटे अपनी ड्यूटी निभा रहे आरएचओ फिल्ड में फाइटर बन कर वायरस के खिलाफ डट कर खड़े हुए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को समुदाय तक फैलने से रोकने के लिए घर-घर सर्वे, चेक पोस्ट में आने जाने वालों की जांच, प्रवासी मजदूरों के रैपीड टेस्ट किट से सेम्पल लेने से लेकर जांच कराने में भी योगदान दे रहे हैं।
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीश सन्नाट ने बताया स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य के 28 जिलों के 752 प्राथमिक और 5127 उपस्वास्थ्य केंद्रों में 13,000 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक कार्यकर्ता व अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला 4888 और पुरुष 3750, खंड प्रशिक्षण विस्तार अधिकारी160 और 2500 सुपरवाइजर स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के रुप में 20199 गांव या 10966 ग्राम पंचायतों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहे हैं।
वर्तमान में शासन स्तर पर रेड जोन, ऑरेन्ज जोन, और ग्रीन जोन के आधार पर लॉकडाउन में रियायत प्रदान की गई है जिससे अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के निवासी जो व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्यगत, मजदूरी, शिक्षा आदि कारणों से गए थे। उनका छत्तीसगढ़ में आना प्रारंभ हो चुका है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के समक्ष नई चुनौतियां हैं।
प्रदेश में 17,000 क्वारेंटाइन सेंटर स्कूल, कॉलेज, सावर्जनिक भवनों, हास्टल में बनाए गए हैं। अलग-अलग जिलों में अस्थायी तौर पर क्वारेंटाइन सेंटरों में 14 दिनों के लिए ठहराये गए प्रवासी श्रमिकों की संख्या एक लाख तक पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मैदानी स्तर पर कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक स्थानीय प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर ऐसी आगंतुकों का मौका स्थल पर स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें शासन के दिशा निर्देश के अनुरूप संस्था, पंचायत स्तर पर, घर पर भी क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। तथा उनका सतत फॉलोअप कर उनके स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी नियमित रूप से ली जा रही है। इसके साथ-साथ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकोंद्वारा स्वास्थ्य विभाग की अन्य सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में नियमित टीकाकरण, सर्विलांस कार्यक्रम, संस्थागत प्रसव, आपातकालीन सेवाएं, टी बी, कुष्ठ कार्यक्रम, एनसीडी कार्यक्रम के तहत 60 वर्ष के अधिक उम्र के मरीजों का सतत निगरानी फॉलोअप, गैर संचारी रोग से पीड़ित मरीजोंका फॉलोअप, मौसमी बीमारी के बचाव के लिए ग्रामों में संचालित नल-जल योजना की नियमित निगरानी, लू से बचाव के उपायों का प्रचार–प्रचार का कार्य किया जा रहा है।
राज्य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (कोविड-19) के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया स्वास्थ्य विभाग का यह मैदानी अमला कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय कोरोना से बचाव कार्य में लगे हुए हैं। साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धि अन्य गतिविधियां उच्च अधिकारियों के समय-समय पर मिलने निर्देशों का पालन भी करते हैं।कोरोना महामारी को हराने के लिए निश्चित रुप से हेल्थ डिपाटमेंट के ये मैदानी कैडर हॉटस्पॉट एरिया में कार्य करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित व दक्ष हैं। सभी ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक अपने भूमिका का निर्वहन कर सुचारू रूप से स्वास्थ्य गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। डॉ त्रिपाठी ने कहा सही अर्थो में कोरोना वारियर्स की परिभाषा को चरितार्थ करते है इन चुनौती भरी कार्यो में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों की भूमिका सराहनीय है।
रायपुर/शौर्यपथ
19 मई 2020। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद इसके संक्रमण से मानव जीवन के लिए संकट पैदा कर जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। ऐसे में दिन रात एक कर शहर से गांव और नदी, नालों, पहाड़ों का लांघ कर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले कोरोना योद्धा बन ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक(आरएचओ) सही में हीरो की भूमिका निभा रहे हैं।
कोविड-19 को हराने के लिए 24 घंटे अपनी ड्यूटी निभा रहे आरएचओ फिल्ड में फाइटर बन कर वायरस के खिलाफ डट कर खड़े हुए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को समुदाय तक फैलने से रोकने के लिए घर-घर सर्वे, चेक पोस्ट में आने जाने वालों की जांच, प्रवासी मजदूरों के रैपीड टेस्ट किट से सेम्पल लेने से लेकर जांच कराने में भी योगदान दे रहे हैं।
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीश सन्नाट ने बताया स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य के 28 जिलों के 752 प्राथमिक और 5127 उपस्वास्थ्य केंद्रों में 13,000 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक कार्यकर्ता व अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला 4888 और पुरुष 3750, खंड प्रशिक्षण विस्तार अधिकारी160 और 2500 सुपरवाइजर स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के रुप में 20199 गांव या 10966 ग्राम पंचायतों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहे हैं।
वर्तमान में शासन स्तर पर रेड जोन, ऑरेन्ज जोन, और ग्रीन जोन के आधार पर लॉकडाउन में रियायत प्रदान की गई है जिससे अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के निवासी जो व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्यगत, मजदूरी, शिक्षा आदि कारणों से गए थे। उनका छत्तीसगढ़ में आना प्रारंभ हो चुका है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के समक्ष नई चुनौतियां हैं।
प्रदेश में 17,000 क्वारेंटाइन सेंटर स्कूल, कॉलेज, सावर्जनिक भवनों, हास्टल में बनाए गए हैं। अलग-अलग जिलों में अस्थायी तौर पर क्वारेंटाइन सेंटरों में 14 दिनों के लिए ठहराये गए प्रवासी श्रमिकों की संख्या एक लाख तक पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मैदानी स्तर पर कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक स्थानीय प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर ऐसी आगंतुकों का मौका स्थल पर स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें शासन के दिशा निर्देश के अनुरूप संस्था, पंचायत स्तर पर, घर पर भी क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। तथा उनका सतत फॉलोअप कर उनके स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी नियमित रूप से ली जा रही है। इसके साथ-साथ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकोंद्वारा स्वास्थ्य विभाग की अन्य सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में नियमित टीकाकरण, सर्विलांस कार्यक्रम, संस्थागत प्रसव, आपातकालीन सेवाएं, टी बी, कुष्ठ कार्यक्रम, एनसीडी कार्यक्रम के तहत 60 वर्ष के अधिक उम्र के मरीजों का सतत निगरानी फॉलोअप, गैर संचारी रोग से पीड़ित मरीजोंका फॉलोअप, मौसमी बीमारी के बचाव के लिए ग्रामों में संचालित नल-जल योजना की नियमित निगरानी, लू से बचाव के उपायों का प्रचार–प्रचार का कार्य किया जा रहा है।
राज्य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (कोविड-19) के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया स्वास्थ्य विभाग का यह मैदानी अमला कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय कोरोना से बचाव कार्य में लगे हुए हैं। साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धि अन्य गतिविधियां उच्च अधिकारियों के समय-समय पर मिलने निर्देशों का पालन भी करते हैं।कोरोना महामारी को हराने के लिए निश्चित रुप से हेल्थ डिपाटमेंट के ये मैदानी कैडर हॉटस्पॉट एरिया में कार्य करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित व दक्ष हैं। सभी ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक अपने भूमिका का निर्वहन कर सुचारू रूप से स्वास्थ्य गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। डॉ त्रिपाठी ने कहा सही अर्थो में कोरोना वारियर्स की परिभाषा को चरितार्थ करते है इन चुनौती भरी कार्यो में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों की भूमिका सराहनीय है।