September 21, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

हमारी सरकार सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस  मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की
    रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि अपराधियों के मन मेें कानून का भय हो, पीड़ितों को त्वरित न्याय मिले। आम जनता में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास कायम रहे। बेवजह किसी नागरिक को परेशान न किया जाए। पुलिस का व्यवहार आम नागरिकों के साथ मित्रवत हो। पुलिस थानों का वातावरण ऐसा हो कि आम नागरिक को पुलिस थानों में प्रवेश करते समय सहयोग की उम्मीद हो। वे आज राजधानी के न्यू-सर्किट हाउस में कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
    मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर एवं एसपी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दंड संहिता को बदल कर न्याय संहिता कर दिया है। इसका जमीनी क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए पुलिस को इन नए कानूनों के अनुरूप कार्य करने के लिए स्वयं को ढालना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, और पिछले वर्षों की तुलना में अपराध की संख्या में कमी आई है।
राज्य में नए सिरे से सोशल पुलिसिंग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत - मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नए सिरे से सोशल पुलिसिंग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है, इससे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। लोगों को जागरूक करना और उन्हें इस बात का भरोसा दिलाना होगा कि पुलिस उनके साथ है।
    मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य में गौ-तस्करी व नशाखोरी एक बहुत बड़ी समस्या है, इस पर कड़ाई से नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए ऐसे मामलों में एंड टू एंड कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अवैध शराब के परिवहन एवं बिक्री, जुआ, सट्टा एवं गांजा की तस्करी को रोकने के लिए अभियान चलाकर दोषियों पर विधिसम्मत कार्यवाही सुनिश्चित करें। समाज में अशांति फैलाने वालों, अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखें और उनके खिलाफ त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करें। हत्या जैसे मामले में कार्रवाई में देरी नहीं होनी चाहिए तथा ऐसे केस में प्राथमिकता से त्वरित गति से कार्यवाही सुनिश्चित करें।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला बदर और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई रुकनी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधात्मक मामलों में देरी न हो और जिला बदर की कार्रवाई केवल कागजों पर ना हो बल्कि वास्तव में हो।
        मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब बिक्री की बहुत शिकायत है, जिसमें पुलिस पर संरक्षण के आरोप लगते है, यह बिलकुल नहीं होना चाहिए। अवैध शराब बिक्री पूरी तरह बंद होना चाहिए। कई जगहों में अवैध शराब बिक्री की जांच को लेकर  लोगों में काफी आक्रोश है, इस संबंध में शिकायतें मिलती है कि जांच टीम सही से जांच नहीं कर रही, अधिकारी जांच में उपस्थित नहीं रहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सम्मान निधि में धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं, जिन पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर पुलिस रेंज में अपराधों में कमी आई है, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं होते हुए पुलिस की सक्रियता का स्तर और बेहतर करने की जरूरत है। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि दुर्ग पुलिस रेंज को और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हत्या और डकैती के मामले 6 महीने में भी नहीं सुलझ पा रहे हैं, ये उचित नहीं है। कई मामलों में आरोपी फरार है, इस पर जल्दी कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राजनांदगांव पुलिस रेंज में कुछ जगह अच्छे काम हुए हैं, त्रिनेत्र एप और चिटफंड मामलों में अच्छी कार्रवाई हुई है लेकिन सिर्फ इतना पर्याप्त नहीं है।
    मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आम लोगों को यातायात नियमों का पालन करने और सीट-बेल्ट, हेलमेट पहनने की समझाइश दी जाए। उन्होंने बैठक में आने वाले दिनों में पुलिसिंग को और अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी व उत्तरदायी बनाने की दिशा में किए जा सकने वाले उपायों पर चर्चा की।
भूमाफियों पर रखें कड़ी नजर
       मुख्यमंत्री श्री साय ने रायपुर रेंज की समीक्षा करते हुए राजधानी में पुलिसिंग की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि रायपुर प्रदेश की राजधानी है और यहां की पुलिसिंग का सर्वाेत्तम स्तर पर होना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने रायपुर में भूमाफियाओं द्वारा शासकीय और आम नागरिकों की जमीन पर कब्जे की शिकायतों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस और राजस्व विभाग मिलकर इस समस्या पर कड़ी नजर रखें और तुरंत कार्रवाई करें।
नशे के खिलाफ अभियान चलाएं
     मुख्यमंत्री ने कहा कि नशीली दवाइयों की बिक्री पर तत्काल सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस अवैध व्यापार के इकोसिस्टम को तोड़ना होगा और अपराध की जड़ तक पहुंचकर इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि रायपुर में स्कूल और कॉलेजों में नशे के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है, ताकि युवाओं को इस घातक प्रवृत्ति से बचाया जा सके।
राजधानी में रात्रि गश्त करें
     मुख्यमंत्री ने राजधानी में रात की गश्त को और प्रभावी बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए पुलिस पेट्रोलिंग को लगातार जारी रखने और संगठित अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कहा कि वे योजना बनाकर अपराध और अपराधियों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाएं ताकि अपराध पर काबू पाया जा सके और कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सके।
    कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, राज्य के संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जेसीबी के माध्यम से जलकुंभी हटाने का कार्य शुरु, आगे भी जारी रहेगा:आयुक्त
  दुर्ग/ शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत शुक्रवार को पुलगांव में जेसीबी के माध्यम से पुल के आस पास जलकुंभी को साफ किया गया.मोंगरा जलाशय से पानी छोड़े जाने के कारण पुलों के ऊपर जलस्तर काफी हद तक बढ़ गया था.नालों में जमी जलकुंभी की वजह से एक तो नालों  पर पानी का दबाव बढ़ गया था।जिससे आगे पानी तीव्र गति से निकल नहीं पा रहा था।आयुक्त लोकेश चन्द्राकर द्वारा सुबह उद्यान प्रभारी अनिल सिंह,कर्मशाला अधीक्षक शोएब अहमद सहित टीम अमला के साथ सफाई कार्य स्थल का निरीक्षण किया गया।
   आज सुबह जेसीबी और डंपर के साथ नगर निगम की टीम पुलगांव पुल पर पहुंची। जहां उन्होंने कर्मशाला अधीक्षक के नेतृत्व में जेसीबी के माध्यम से बारिश के कारण ऊपर की ओर आ गई जलकुंभी को नदी से निकालने का प्रयास शुरू किया गया और कई डंपर जलकुंभी भी निकाली गई । नगर निगम ने जलकुंभी हटाकर नदी को स्वच्छ करने का कार्य तो किया है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग अमला द्वारा जलकुंभी हटाने का काम शुरू हो गया हैं। लगभग तीन घण्टे जेसीबी के माध्यम से सुबह यह सफाई करवाई गई।आयुक्त ने बताया कि मोगरा जलाशय से पानी छोड़ने के कारण नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलों के पास आगे से बहकर जलकुंभी आकर जमा हो गया था।जमा जलकुंभी को तत्काल हटाने का निर्देश दिया गया है.मैंने खुद गंजपारा पुलगांव पुल का निरीक्षण किया.जेसीबी के माध्यम से जलकुंभी हटाने का कार्य शुरु हो चुका है जो आगे भी जारी रहेगा।

    जशपुर/शौर्यपथ / जिले को कुपोषण से मुक्त करने के लिए महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उनके पोषण संबंधित देख-भाल के लिए पोषण माह का आयोजन जिले में किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण माह के साथ ही  आंगनबाड़ियों में वजन  त्यौहार मनाया जा रहा है।
  उल्लेखनीय है कि पोषण अभियान अंतर्गत बच्चों के वजन में बढ़ोत्तरी को मापने के साथ ही  वजन त्यौहार के दौरान लिए गए बच्चों के वजन सहित अन्य विवरण को महिला और बाल विकास विभाग के विभागीय पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। पोषण माह के दौरान सुपोषण चौपाल, अन्नप्राशन दिवस, परिवार चौपाल, पोषण मेला, व्यंजन प्रदर्शन जैसे आयोजन पंचायत और शहरी क्षेत्रों में किए जा रहे हैं। पोषण के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में नारा लेखन, निबंध, चित्रकला और दीवार लेखन प्रतिस्पर्धाएं भी आयोजित की जाएंगी। पोषण माह में एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदाय हेतु तकनीक का प्रयोग और समग्र पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी समूह बैठक में वजन त्यौहार के बारे में चर्चा की जा रही है। ग्रामीण महिलाओं से चर्चा के दौरान 0 से 06 साल के बच्चे, किशोरी बालिकाओं की खान-पान और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में बताया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार भोजन में शामिल करने का आग्रह किया जा रहा है।
जिले के 4 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाया जा रहा है पोषण माह अभियान
    जशपुर जिले के लगभग 4315 आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण माह अभियान चलाया जा रहा है । जिसका लाभ जिले के 76 हजार से अधिक बच्चों को प्राप्त होगा। जिसमें 0 से 6 तक के बच्चों का वजन निर्धारित तिथि तक कलस्टरवार तिथि का निर्धारण करते हुए कलस्टरवार समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों का वजन लिया जायेगा। कम वजन वाले बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण की स्थिति का पता लगाया जाएगा। इस अभियान में जनसामान्य के लिए भी अपने बच्चे के वजन की एन्ट्री की व्यवस्था की गई है। इसके लिए की विभाग की क्यूआर कोड का उपयोग कर अपने बच्चे के वजन की एंट्री ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए मोबाईल नम्बर उनका यूजर आईडी होगा तथा प्राप्त ओटीपी से ऑनलाइन एंट्री कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आईएएस अधिकारियों पर शासन की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने की बड़ी जिम्मेदारी रहती है। मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के सदस्यों ने दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाया गया स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस अधिकारियों और राजनेताओं का जीवन बहुत कुछ एक जैसा होता है। दोनों का उद्देश्य जनसेवा ही रहता है । आईएएस अधिकारी के रूप में आप हमेशा व्यस्त रहते हैं, अपने घर पर भी समय नहीं दे पाते। आईएएस अधिकारी इस सेवा में आने के लिए विशेष पढ़ाई करते हैं। आप सभी बुद्धिजीवी हैं लेकिन समाज से ही आते हैं । हम सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। हमारा कर्तव्य राज्य की 3 करोड़ जनता की सेवा करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में अपने कार्य के द्वारा अपनी पहचान बनाना सबसे महत्वपूर्ण होता है। आप अपने कार्यक्षेत्र में ऐसा काम करें कि आपके जाने के बाद भी लोग आपको याद करें । जनता के मन में आपकी स्मृति ऐसी हो कि उन्हें लगे कि वे अधिकारी बहुत अच्छे थे, वे सभी की सुनते थे और समस्याओं का त्वरित निराकरण करते थे। हमें टीम भावना से मिल कर कार्य करना है । छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ के रूप में खड़ा करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। हमारी बहुत अच्छी टीम है । आशा है कि हम प्रदेश को बहुत आगे ले जाएंगे ।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिरीक्षक श्री अशोक जुनेजा, छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मनोज पिंगुआ,  सचिव श्री आर प्रसन्ना सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।

नौकरी के साथ ही पहाड़ी कोरवा सागर की सज गई नई उम्मीदें
पहले रोजी-मजदूरी करता था, अब शिक्षक के रूप में निभा रहे जिम्मेदारी

रायपुर / शौर्यपथ / पहाड़ी कोरबा सागर कुछ माह पहले तक एक मजदूर था। हाथ में कुछ काम नहीं होने की वजह से वह गाँव में एक ठेकेदार के पास जाकर ईंट ढोने का काम किया करता था। इससे उन्हें जी भर के परिश्रम करनी पड़ती थी और पैसे भी कम मिलते थे। घर में माता-पिता की जिम्मेदारी उठाने और अपना खर्च निकालने के लिए सागर को यह काम हर हाल में तब भी करना पड़ता था जब कभी उसे शारीरिक थकावट महसूस होती थी। वह चाहकर भी ऐसी नौकरी नहीं कर पा रहा था, जिससे उसका ईंट ढोने के कार्य से पीछा छूटे।
  विशेष पिछड़ी जनजाति के पहाड़ी कोरवा सागर के लिए रोजी-रोटी की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन गई थी, क्योंकि उनके हाथों को हर दिन काम मिल जाए यह भी जरूरी नहीं था। इसी बीच मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जब जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के योग्य बेरोजगार युवकों को नौकरी देने की शुरुआत की गई तो पहाड़ी कोरवा सागर ने भी अपना आवेदन जमा किया। पहाड़ी कोरवा सागर के दस्तावेजों की जाँच के पश्चात उसका चयन कर लिया गया। विषम परिस्थितियों में रहकर गरीबी के बीच मजदूरी करने वाला पहाड़ी कोरवा सागर के हाथ से अब कोई ईंट नहीं उठता बल्कि इन्हीं परिश्रमी हाथों को चाक और किताबों का साथ मिल गया है। पहाड़ी कोरवा सागर अब प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों को शिक्षा देकर आगे बढ़ने का संदेश दे रहा है।
  कोरबा ब्लॉक के ग्राम चीतापाली में पदस्थ पहाड़ी कोरवा सागर ने बहुत संघर्षों से बारहवीं पास किया। इस बीच कोई काम नहीं होने की वजह से वह अपने पिता की तरह मजदूरी का काम करने लगा। जंगल से निकलकर पहले पढ़ाई फिर मजदूरी करना और घर का खर्च उठाना यह सब उसके संघर्षमय जीवन की कहानी थी। सागर ने बताया कि पिताजी सहित उनके परिवार के अधिकांश सदस्य बहुत गरीब है और उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह बारहवीं तक की पढ़ाई कर पायेगा। सागर ने बताया कि 2022 में 12वीं पास करने के बाद उन्हें मजदूरी करनी पड़ती थी। इस बीच ट्रैक्टर में ईंट उठाकर डालने और उसे ढो कर उतारने का काम करना पड़ता था। इस बीच शरीर में दर्द होने के बाद भी काम करना पड़ता था। सागर ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं होता कि वह शिक्षक बन गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा हम पहाड़ी कोरवाओं को नौकरी देकर बहुत बड़ा उपकार किया गया है। उन्होंने बताया कि नौकरी लगने से घर-परिवार से लेकर रिश्तेदारों और समाज में खुशी का वातावरण है। पहाड़ी कोरवा सागर का कहना है कि अब उसकी पूरी दिनचर्या बदल गयी है। स्कूल में पढ़ाने के साथ ही बहुत कुछ सीखने को भी मिल रहा है जो आने वाले समय में अपने बच्चों को सिखाने के काम आएंगे। स्कूल में टाइम के अनुसार उन्हें पढ़ाना होता है। इस कार्य से उसे बहुत खुशी महसूस हो रही है। वह कहता है कि नौकरी भले ही उन्हें डीएमएफ से मानदेय आधार पर मिली है लेकिन यह उसकी खुशियों की वह सीढ़ी है जिससे आने वाले कल का नया भविष्य तैयार हो पायेगा और आर्थिक स्थिति भी मजबूत बन पाएगी।

  रायपुर/ शौर्यपथ / पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर जेल में विधायक देवेन्द्र यादव और सूर्यकांत से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि अधीक्षक के कार्यालय में छुट्टी के दिन बुलाकर विचाराधीन कैदी से आईजी मिल सकता है, उसको धमका सकता है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और जो वर्तमान विधायक भी है वो आवेदन दिया है कि सूर्यकांत तिवारी से मिलना चाहता हूं, लेकिन अधीक्षक ने मिलने नहीं दिया। कहते है ऊपर से परमिशन लेना होगा। ऊपर से परमिशन का क्या मतलब होता है। वकील रिजवी साहब है उनसे मुलाकात हुई लेकिन मुझे मिलने नहीं दिया गया। मेरी मुलाकात विधायक देवेंद्र यादव से हुई, उन्होंने मुझे बताया कि वह सूर्यकांत तिवारी के बगल में ही जेल में है। सूर्यकांत को आईजी ने खुद धमकाया है उनके परिवार को तबाह करने की धमकी दिया है। इसीलिये उसने कोर्ट में आवेदन दिया है। जो षड्यंत्रकारी है वो बुला कर मिल सकते है। लेकिन जिसको फसाने के लिये षडयंत्र किया जा रहा है उनसे मिलना चाहते है लेकिन उनको मिलने नहीं दिया गया। कब तक नहीं मिलने नहीं देंगे? सूर्यकांत तिवारी पिछले दो सालों से जेल में बंद थे। 1 साल से मैं मुख्यमंत्री था लेकिन कभी मिलने नहीं आया और आज तक नहीं मिला। लेकिन पहले शासन में था तब मिला और न सरकार से हटने के बाद। ऐसा समाचार सामने आया कि मेरे नाम से सूर्यकांत के द्वारा आवेदन दिया गया है कि पैसा भूपेश बघेल को दिया जाता, ऐसा कहने के लिये दबाव बनाया जा रहा। जब सूर्यकांत ने कोर्ट में लिख कर दिया तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि बात क्या है पता करना, वो ऐसा आवेदन क्यों दिया जानने के लिये मैं यहां आया था। लेकिन यहां भी अडंगा। जो जेल अधीक्षक है वो अड़ंगा डाल रहे है। किसी भी कैदी से मिलना है तो अधीक्षक से परमिशन ले सकते है लेकिन मिलने भी नहीं दिया गया। कब तक रोकेंगे? मैं फिर यहां आउंगा और आवेदन करूंगा।

  देवेन्द्र यादव ( विधायक -भिलाई नगर )     सूर्यकान्त तिवारी

 

शिवनाथ नदी पर बने पुराने पुल से उतरा पानी,महापौर धीरज बाकलीवाल ने अधिकारियों के साथ किया निरीक्षण
शिवनाथ नदी में जलस्तर हुआ कम, व्यवस्थाओं को जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने संभाला था मोर्चा  

    दुर्ग / शौर्यपथ / शिवनाथ नदी का जल स्तर कम हो रहा हैं.पुराने पुल से वाहनों की आवाजाही अभी भी बंद  है। महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा राजस्व व अतिक्रमण अधिकारी दुर्गेश गुप्ता, योगेश सूरे एवं अमला के साथ निरीक्षण किया।मंगलवार को मोंगरा जलाशय से शिवनाथ नदी में 2 लाख 13  हजार 878 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।डुबान क्षेत्र में बाढ़ से जनजीवन पर काफी गहरा असर पड़ गया था.जल स्तर कम होने से डुबान क्षेत्र के लोगों ने रहत की साँस ली. इस दौरान अधिकारियों ने मौके का मुआयना कर लोगों को समझाइश दी.महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त लोकेश चन्द्राकर के निर्देश पर देर रात से
नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा बाढ़ से निपटने की पुख्ता व्यवस्था होने से निगम क्षेत्र में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई.
  जल स्तर कम होने से बड़े पुल से आवाजाही जल्द शुरू हो जावेगा।डुबान क्षेत्र के  निवासियों को अधिकारियों द्वारा अपील कर बताया कि मोगरा से छोड़ा हुआ पानी एवं  स्थानीय नालों से भी पानी अभी भी नदी में आ रहा है। शिवनाथ नदी के छोटे पुल पर दोनों तरफ बैरिकेट लगाकर लोगों को आने-जाने से अभी भी  रोका गया हैं, वहीं दुर्ग शहर के महापौर धीरज बाकलीवाल ने उपस्थित  लोगों को कहा कि शिवनाथ नदी के छोटे पुल की ओर अभी न जाएँ । छोटे पल पर वाहनों की आवाजाही पर रोक है।बाढ़ के दौरान बैरिकेडिंग की गई थी।बैरिकेट के पास सुरक्षा हेतु पुलिस जवान तैनात किया गया है।महापौर धीरज बाकलीवाल ने लोगो से की अपील,शिवनाथ नदी किनारे सेल्फी लेने जैसे जोखिम न उठाएं।

भिलाईनगर / शौर्यपथ / राष्ट्रीय राजमार्ग नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र के मदर टेरेसा नगर में जोन कार्यालय के समीप स्थित हुंडई शोरूम पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। आबंटित क्षेत्र पर निर्माण कर लेने के अतिरिक्त रोड के जगह पर अतिक्रमण कर गाड़ियो की पार्किंग की जा रही थी। रोड से शोरूम तक जाने के लिए लम्बा चैंडा पाथवे बना लिया गया था, उसे जोन के राजस्व अधिकारी अनिल मेश्राम ने अपनी तोड़फोड़ दस्ता के साथ मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण को खाली करवाये। संबंधित को चेतावनी दी गई उपरोक्त स्थल पर अन्य कोई अतिरिक्त पाथवे नहीं बनाया जायेगा। यह शासन की सड़क है, इसे सड़क ही रहने दिया जाये।
   इसी तारतम्य मे अरिहंत स्टील के द्वारा 20 फिट से अधिक का विज्ञापन बोर्ड रोड पर लगाया गया था, उसे भी हटाया गया। सनद रहे कि संस्थाओ द्वारा शोरूम या दुकान बनाते समय अपने पुरे आबंटित जमीन पर निर्माण कर लिया जाता है। बाद में चोरी छिपे शासकीय सड़क पर अवैध कब्जा करके पार्किग स्थल बना दिया जाता है। जिसके कारण आवागमन में बाधा पहुचती है और दुर्घटनाओ की संभावना बनी रहती है। यह सब देखते हुए आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव ने कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। अतिक्रमण हटाने कार्यवाही के ही तारतम्य में बैकुण्ठधाम में भी किये जा रहे अवैध अतिक्रमण को रोका गया।
   कार्यवाही के दौरान नगर निगम भिलाई के तोड़फोड़ दस्ता प्रभारी हरिओम गुप्ता, दिनेश बेलचंदन, कन्हैया यादव, मंगल जांगड़े, राजेन सिंह, विष्णु सोनी, गौरकरण कुर्रे, खेमराज आदि उपस्थित रहे।

 रायपुर/ शौर्यपथ / बलौदाबाजार आगजनी एवं लचर व बदहाल कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार पर ध्यानाकर्षण करने के लिये कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपा।
 ज्ञापन में कहा गया कि सरकार की अकर्मण्यता के कारण प्रदेश की कानून व्यवस्था बदहाल हो चुकी है, वहीं अपनी नाकामी को छिपाने लगातार सरकार प्रशासन का दुरूपयोग कर विपक्षी पार्टी को निशाना बना रही है, तत्संबंध में निम्न बिंदुओं पर कार्यवाही हेतु आपका ध्यानाकार्षण करना चाहते हैं :-

1. बलौदाबाजार जिले में घटित पूज्य जैतखाम को काटे जाने मामले में सतनामी समाज को आज तक न्याय नहीं मिला है, जो कि अत्यंत गंभीर विषय है, साथ ही कलेक्टर परिसर में घटित आगजनी की भयावह घटना घोर प्रशासनिक चूक व सरकार के उदासीनता का नतीजा था। कांग्रेस के विधायक श्री देवेन्द्र यादव, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र बंजारे, एनएसयूआई के विधानसभा अध्यक्ष श्री सूर्यकांत वर्मा एवं अन्य कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना किसी साक्ष्य विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज कर द्वेषपूर्वक जेल भेज दिया गया, जिसके बाद पुलिस द्वारा ना ही कार्यवाही आगे बढ़ाई गई, ना आज पर्यन्त कांग्रेसजनों एवं सतनामी समाज के निर्दोष गिरफ्तार किये गये लोगों का चालान पेश किया गया है।
  जबकि सभा स्थल पर दोनों राजनैतिक दल सहित सतनामी समाज के नेता उपस्थित थे, लेकिन भाजपा समर्थित पीएचई ठेकेदार अजगल्ले एवं भाजपा के बलौदाबाजार जिला अध्यक्ष श्री सनम जांगड़े एवं अन्य भाजपा पदाधिकारी, नेताओं की भूमिका संदिग्ध रही है, पूज्य जैतखाम को काटे जाने को लेकर, सभा स्थल में भोजन व्यवस्था, टेंट व्यवस्था इनके द्वारा की गई, लेकिन पुलिस द्वारा अब तक इस दिशा को दबाए रखने का काम किया गया है।
  2. वर्तमान में प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराध, सामूहिक दुष्कर्म, अनाचार, स्कूली छात्राओं के साथ छेड़‌छाड़, नाबालिग बच्चियों का लैंगिक शोषण, जैसी घटनाए लगातार बढ़ रही है, जिससे प्रदेश की महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। वहीं ऐसे भी प्रकरण सामने आ रहे हैं, जहां पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय पुलिस मामले में लीपापोती करती है, बल्कि घटना को दबाए जाने दबाव बनाया जा रहा है। प्रदेश के सरकारी हॉस्टल, छात्रावास भी बच्चियों के लिए सुरक्षित नहीं है।
  3. प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से लचर व बदहाल हो चुकी है, सरकार के संरक्षण में रेत माफिया, शराब कोचिया, प्रदेश भर में सक्रिय हैं, जिससे ग्रामीण व वनांचलों में भी दहशत का माहौल है, प्रदेश में चैन-स्नेचिंग, डकैती, चाकू-बाजी, गोलीबारी, हत्या, मारपीट की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। प्रदेश में अंतरराज्यीय गिरोह अपना पैर पसार रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सरकार पूरी तरह नाकाम है।
  वहीं सरकार द्वारा हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर द्वेषपूर्वक कार्यवाही करने हेतु फर्जी एफआईआर दर्ज किए जा रहे हैं। अतः उपरोक्त विषयों पर कांग्रेस पार्टी आपका ध्यानाकर्षित करते हुए निर्दोषजनों की निःशर्त रिहाई एवं प्रदेश के बदहाल कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की मांग करते है। साथ ही, हम आपसे आग्रह करते हैं कि, बलौदाबाजार मामले की हाईकोर्ट जज की देखरेख में निष्पक्ष जांच करायी जाये अथवा सतनामी समाज के मंशानुरूप पूरे घटनाक्रम की सी.बी.आई. जांच कराये जाने की मांग करते हैं।
  प्रतिनिधिमंडल में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू, पूर्व कार्य. प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, पूर्व मंत्री अमितेष शुक्ल, विधायक लखेश्वर बघेल, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, खादी ग्रामोद्योग के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश उपाध्यक्ष पी.आर. खुंटे, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी, प्रदेश महामंत्री कन्हैया अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री सकलेन कामदार, प्रदेश महामंत्री सुबोध हरितवाल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा, सेवादल अध्यक्ष अरुण ताम्रकार, रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, रायपुर महापौर एजाज ढेबर, रायपुर सभापति प्रमोद दुबे उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज की तीनों विद्युत कंपनियों में अब छत्तीसगढ़ औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 (आईडी एक्ट) प्रभावशील होगा। इसके पूर्व कंपनी में छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960 (आईआर एक्ट)  लागू था। राज्य शासन की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद इसे विद्युत कंपनियों ने लागू कर दिया है।
  उक्त संबंध में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्यालय मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) ने परिपत्र जारी किया है। 11 सितंबर को जारी परिपत्र में उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग व्दारा जारी अधिसूचना छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960 के उपबंध में वर्णित उद्योगों की अनुसूची में विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण उद्योग आते हैं, इस अधिनियम के स्थान पर अब 22 मार्च 2024 से औद्योगिक विवादों का निपटारा औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में दिये गए प्रावधानों के अनुरूप होंगे। पूर्व में श्रम न्यायालय, औद्योगिक न्यायालय में दायर तथा लंबित प्रकरणों में कार्यवाही पूर्ववत् औद्योगिक संबंध अधिनियम के अनुसार की जाएगी।

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